अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1: नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प
दिए गए हैं। सटीक विकल्प पर (✓) का
निशान लगाइए :
(क) इंटरनेट पत्रकारिता आजकल बहुत लोकप्रिय है क्योंकि
1.
इससे दृश्य एवं प्रिंट दोनों माध्यमों का लाभ मिलता है।
2.
इससे खबरें बहुत तीव्र गति से पहुँचाई जाती हैं।
3.
इससे खबरों की पुष्टि तत्काल होती है।
4. इससे न केवल खबरों का संप्रेषण, पुष्टि, सत्यापन ही होता है
बल्कि खबरों के बैकग्राउंडर तैयार करने में तत्काल सहायता मिलती है।
(ख) टी०वी० पर प्रसारित खबरों में सबसे महत्वपूर्ण है-
1.
विजुअल
2.
नेट
3.
बाइट
4. उपर्युक्त सभी
(ग) रेडियो समाचार की भाषा ऐसी हो-
1.
जिसमें आम बोलचाल के शब्दों का प्रयोग हो।
2. जो समाचारवाचक आसानी से पढ़ सके।
3.
जिसमें आम बोलचाल की भाषा के साथ-साथ सटीक मुहावरों का इस्तेमाल हो।
4.
जिसमें सामासिक और तत्सम शब्दों की बहुलता हो।
प्रश्न 2: विभिन्न जनसंचार माध्यमों-प्रिंट, रेडियो, टेलीविजन,
इंटरनेट-से जुड़ी पाँच-पाँच खूबियों और खामियों को लिखते हुए एक तालिका तैयार
करें।
माध्यम |
खूबियाँ (विशेषताएँ) |
खामियाँ (कमियों) |
प्रिंट |
1. छपाई के कारण शब्दों में स्थायित्वा। |
1. निरक्षरों के लिए अनुपयोगी। |
|
2. रुचि
एवं इच्छानुसार समय मिलने पर पढना। |
2. घटना
की तात्कालिक जानकारी न मिल पाना। |
|
3. संदर्भ
की त्तरह प्रयोगा। |
3. स्पेस
का ध्यान रखना होता है। |
|
4. पढ़ते
समय सोचने-समझने के लिए अपनी
सुविधानुसार आजादी |
4. छपी
हुई त्रुटियों का निराकरण नहीं। |
|
5. इसकी
भाषा अनुशासनपूर्ण होती है। |
5. लेखक
पाठक के शैक्षिक ज्ञान
के अंतर्गत ही लिख सकता
है। |
रेडियों |
1. कहीं भी सुना जा सकता है। |
1. समाचारों पर विचार करते हुए रुक-रुककर नहीं सुना जा सकता। |
|
2. शब्दों
का माध्यम है। |
2. एकरेखीय
माध्यम है। |
|
3. उलटा
पिरामिड शैली में समाचार। |
3. समाचार
के समय का इंतजार करना
पड़ता है। |
|
4. साक्षर-निरक्षर सभी के लिए समान
से उपयोगी। |
4. कम
आकर्षका। |
|
5. रेडियों
श्रोताओं रने संचालित माध्यम मना जाता है। |
5. श्रोताओ
को बाँधकर रखना प्रसारण कर्ताओं के लिए कठिन
होता है। |
टेलीविजन |
1. देखने एबं सुनने का माध्यम। |
1. घटनाओँ क्रो बढ़।-चढाकर दिखाना। |
|
2. सजीव
प्रसारणा। |
2. विज्ञापनों
को अधिकता। |
|
3. ब्रेकिंग
न्यूज को व्यवस्था। |
3. निष्पक्षता
संदिग्ध। |
|
4. आकर्षक
माध्यम। |
4. अत्यधिक
बाजारोन्मुखा। |
|
5. कम-रने-कम शब्दों में
अधिकतम खबरें पहुँचाने में समर्था। |
5. मानक
एवं शिष्ट भाया का अभाव। |
इंटरनेट |
1. हर समय समाचार एवं सूचनाएँ उपलब्ध। |
1. अश्लीलता फैलाने वाला। |
|
2. अत्यंत
तीव्र गति वाला माध्यम। |
2. दुष्प्रचार
का साधना। |
|
3. ज्ञान
एवं मनोरंजन का अदृभुत खजाना। |
3. महँगा
साधना। |
|
4. समूचा
अखबार इंटरनेट पर। |
4. भ्रामक
खबरों का भरमार। |
|
5. साहित्यक
पत्रकारिता हेतु उचित मंच। |
5. हिंदी
के किसी मानक फैंट का अभाव। |
प्रश्न 3: इंटरनेट पत्रकारिता सूचनाओं को तत्काल उपलब्ध कराता है, परंतु
इसके साथ ही उसके कुछ दुष्परिणाम भी हैं। उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
– जिस तरह से हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी प्रकार इंटरनेट के भी दो पक्ष
हैं। इसके द्वारा अर्थात इंटरनेट पत्रकारिता से हमें सूचनाएँ तत्काल उपलब्ध हो
जाती हैं परंतु इसका दूसरा पक्ष उतना उजला नहीं है। इसके अनेक दुष्परिणाम भी हैं,
जैसे-
1.
यह समाज में अश्लीलता और गंदगी फैलाने का साधन है।
2.
इसके कारण युवा अनैतिक कार्यों की ओर आकृष्ट हुए हैं।
3.
यह दुष्प्रचार का साधन है।
4.
यह अत्यंत महँगा साधन है।
प्रश्न 4: श्रोताओं या पाठकों को बाँधकर रखने की दृष्टि से प्रिंट
माध्यम, रेडियो और टी०वी० में से सबसे सशक्त माध्यम कौन है? पक्ष-विपक्ष में तर्क
दें।
उत्तर
– श्रोताओं या पाठकों को बाँधकर रखने की दृष्टि से प्रिंट माध्यम, रेडियो और
टी०वी० में से सबसे सशक्त माध्यम है-टी०वी०।
इसके
पक्ष में प्रस्तुत तर्क निम्नलिखित हैं-
1.
टी०वी० पर समाचार सुनाई देने के अलावा दिखाई भी देते हैं, जिससे यह दर्शकों को
बाँधे रखता है।
2.
सचित्र प्रसारण से समाचार अधिक तथ्यपरक और प्रामाणिक बन जाते हैं।
3.
इससे साक्षर-निरक्षर दोनों ही तरह के दर्शक लाभान्वित होते हैं।
4.
कम समय में अधिक समाचार दिखाए जा सकते हैं।
5.
समाचारों को अलग-अलग रुचिकर ढंग से दर्शाया जाता है।
6.
विपक्ष में प्रस्तुत तर्क-
7.
टी०वी० समाचार सुनने और देखने का महँगा साधन है।
8.
दूर-दराज और दुर्गम स्थानों पर अभी इसकी पहुँच नहीं है।
9.
समाचार सुनने के लिए निश्चित समय का इंतजार करना पड़ता है।
10.
इच्छानुसार रुककर सोच-विचार करते हुए अगले समाचार को नहीं सुना जा सकता।
प्रश्न 5: नीचे दिए गए चित्रों को ध्यान से देखें और इनके आधार पर
टी०वी० के लिए तीन अर्थपूर्ण संक्षिप्त स्क्रिप्ट लिखें।
उत्तर
– यह स्थान फुर्सत के दो पल बिताने लायक है। यह प्राकृतिक सौंदर्य एवं शांति से
भरपूर है। पहाड़ की ऊँची-ऊँची चोटियाँ मानो आसमान को छू लेना चाहती हैं। आसमान
नीले दर्पण जैसा है। नीचे विस्तृत झील में व्यक्ति को एक बड़ी-सी नाव चलाने का
आनंद उठाते हुए देखा जा सकता है। खिले कमल से झील का सौंदर्य बढ़ गया है, पर
मनुष्य ने लिफ़ाफ़े, खाली डिब्बे जैसे अपशिष्ट पदार्थ झील में फेंककर इसके सौंदर्य
पर धब्बा लगाने में कसर नहीं छोड़ी है।
गर्मी
आई नहीं कि जलसंकट बढ़ा और पानी की कमी का रोना शुरू। हम यह क्यों नहीं सोचते कि
पानी की बर्बादी में भी तो मनुष्य का ही हाथ है। लोग नलों को खुला छोड़ देते हैं
और बहते पानी को रोकने में कोई रुचि नहीं लेते। बहते नलों को बंद करना अपनी शान
में कमी समझते हैं। पानी की इस बर्बादी को रोका जाना चाहिए। यह बर्बाद होता पानी
किसी को जीवन दे सकता है। बढ़ते जलसंकट को कम करने के लिए सरकार के साथ-साथ लोगों
को भी आगे आना होगा और मिल-जुलकर जलसंकट का हल खोजते हुए उस पर अमल करना होगा।
आज
के बच्चे कल के नागरिक हैं। इन्हीं पर देश का भविष्य टिका है। पर इन बच्चों का
क्या दोष, जिनकी कमर बस्ते के बोझ से टूटी जा रही है। बस्ते का वजन उनके वजन से
भारी हो गया है। कमर सीधी करके चलना भी कठिन हो गया है। आज बच्चों की शिक्षा और
उनके बस्ते का बोझ कम करने के लिए समय-समय पर सेमीनार आयोजित किए जाते हैं, पर
स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली ही है। प्रतियोगिता का समय होने की बात कहकर पुस्तकों
की संख्या बढ़ा दी जाती है। बच्चों के लिए उनका यह निर्णय कितना भारी पड़ता है,
इसकी चिंता किसी को नहीं है। पता नहीं हमारे देश के शिक्षाविदों को बच्चों के
स्वास्थ्य का ध्यान कब आएगा?
अति महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1: प्रमुख जनसंचार माध्यम कौन-से हैं?
उत्तर
– जनसंचार के प्रमुख माध्यम हैं-समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, फ़िल्म, टेलीविजन,
रेडियो, टेलीफोन, इंटरनेट, पुस्तकें आदि।
प्रश्न 2: प्रिंट माध्यम से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
– संचार के जो साधन प्रिंट अर्थात छपे रूप में लोगों तक सूचनाएँ पहुँचाते हैं,
उन्हें प्रिंट (मुद्रित) माध्यम कहा जाता है।
प्रश्न 3: प्रिंट माध्यम के दो प्रमुख साधन कौन-कौन-से हैं?
उत्तर
– प्रिंट माध्यम के दो प्रमुख साधन है-
1.
समाचार-पत्र,
2.
पत्र-पत्रिकाएँ।
प्रश्न 4: प्रिंट मीडिया (माध्यम) का महत्व हमेशा क्यों बना रहेगा?
उत्तर
– वाणी, विचारों, सूचनाओं, समाचारों आदि को लिखित रूप में रिकॉर्ड करने का आरंभिक
साधन होने के कारण प्रिंट मीड़िया का महत्त्व हमेशा बना रहेगा।
प्रश्न 5: पत्रकारिता किसे कहते हैं?
उत्तर
– प्रिंट (मुद्रित), रेडियो, टेलीविजन या इंटरनेट किसी भी माध्यम से खबरों के
संचार को पत्रकारिता कहते हैं।
प्रश्न 6: भारत में अखबारी पत्रकारिता की शुरुआत कब और कहाँ से
हुई?
उत्तर
– भारत में अखबारी पत्रकारिता की शुरुआत सन 1780 में जेम्स ऑगस्ट हिकी के ‘बंगाल
गजट’ से हुई जो कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) से निकला था।
प्रश्न 7: हिंदी का पहला साप्ताहिक पत्र कौन-सा था? इसके संपादक
कौन थे?
उत्तर
– हिंदी का पहला साप्ताहिक ‘उदत मार्तड’ था, जिसके संपादक पं० जुगल किशोर शुक्ल
थे।
प्रश्न 8: स्वतंत्रता-प्राप्ति से पूर्व पत्रकारिता एक मिशन थी,
कैसे?
उत्तर
– स्वतंत्रता-प्राप्ति से पूर्व पत्रकारिता का एक ही लक्ष्य था-स्वतंत्रता की
प्राप्ति। इस प्रकार पत्रकारिता एक मिशन थी।
प्रश्न 9: स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद पत्रकारिता में किस प्रकार
का बदलाव आया?
उत्तर
– स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद शुरू के दो दशकों तक पत्रकारिता राष्ट्र-निर्माण के
प्रति प्रतिबद्ध थी, पर बाद में उसका चरित्र व्यावसायिक (प्रोफेशनल) होने लगा।
प्रश्न 10: भारत में पहला छापाखाना कब और कहाँ खुला?
उत्तर
– भारत में पहला छापाखाना 1556 ई० में गोवा में खुला।
प्रश्न 11: किन्हीं दो समाचार एजेंसियों के नाम लिखिए।
उत्तर
–
1.
पी० टी०आई०
2.
यू०एन०आई०।
प्रश्न 12: ड्राई एंकर किसे कहते हैं?
उत्तर
– जब एंकर खबर के बारे में सीधे-सीधे बताता है कि कहाँ, क्या, कब और कैसे हुआ तथा
जब तक खबर के दृश्य नहीं आते एंकर, दर्शकों को रिपोर्टर से मिली जानकारियों के
आधार पर सूचनाएँ पहुँचाता है, उसे ‘ड्राई एंकर’ कहते हैं।
प्रश्न 13: फोन-इन का आशय समझाइए। या फोन-इन क्या है?
उत्तर
– फोन-इन वे सूचनाएँ या समाचार होते हैं, जिन्हें एंकर रिपोर्टर से फोन पर बातें
करके दर्शकों तक पहुँचाता है। इसमें रिपोर्टर घटना वाली जगह पर मौजूद होता है।
प्रश्न 14: एंकर-बाइट किसे कहते हैं?
उत्तर
– एंकर-बाइट का अर्थ है-कथन। टेलीविजन में किसी खबर को पुष्ट करने के लिए इससे
संबंधित बाइट दिखाई जाती है। किसी घटना के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों या संबंधित
व्यक्तियों का कथन दिखाकर और सुनाकर समाचारों को प्रामाणिकता प्रदान करने के लिए
इसका प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 15: एंकर-पैकेज किसे कहते हैं?
उत्तर
– पैकेज किसी भी खबर को संपूर्णता से पेश करने का साधन होता है। इसमें संबंधित
घटना के दृश्य, लोगों की बाइट, ग्राफिक से जुड़ी सूचनाएँ आदि होती हैं।
प्रश्न 16: रेडियो पर प्रसारण के लिए तैयार की जाने वाली समाचार कॉपी
की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर
– रेडियो पर प्रसारण के लिए तैयार की जाने वाली समाचार कॉपी में एक पंक्ति में
अधिकतम 12-13 शब्द होने चाहिए। वाक्यों में जटिल, उच्चारण में कठिन शब्द,
संक्षिप्ताक्षर का प्रयोग नहीं करना चाहिए। एक से दस तक के अंकों को शब्दों में
तथा 11 से 999 तक को अंकों में लिखा जाना चाहिए।
प्रश्न 17: प्रिंट मीडिया के लाभ कौन-कौन-से हैं?
उत्तर
–
1.
प्रिंट मीडिया को धीरे-धीरे, दुबारा या मजी के अनुसार पढ़ा जा सकता है।
2.
किसी भी पृष्ठ या समाचार को पहले या बाद में पढ़ा जा सकता है।
3.
इन्हें सुरक्षित रखकर संदर्भ की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
प्रश्न 18: डेड लाइन किसे कहते है?
उत्तर
– सपित्र-पित्रकओं में समार या रिपार्टप्रकश हेतुज सायसीमा नितिक जता है,उसे “डेड
लाइन’ कहते हैं।
प्रश्न 19: प्रिंट माध्यम के लेखकों को किन-किन बातों का ध्यान
रखना चाहिए?
उत्तर
– प्रिंट माध्यम के लेखकों को (i) समय-सीमा (डेड लाइन), (ii) शब्द-सीमा तथा (iii)
अशुद्धयों का ध्यान रखना चाहिए।
प्रश्न 20: मुद्रित (प्रिंट) माध्यम की सीमा (कमजोरियों) का उल्लेख
कीजिए।
उत्तर
– प्रिंट माध्यम निरक्षरों के लिए बेकार की वस्तु है। इसके अलावा वे किसी घटना को
खबर एक निश्चित समय बाद ही है सकते हैं।
प्रश्न 21: एनकोडिंग से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
– संदेश को भेजने के लिए शब्दों, संकेतों या ध्वनि-चिहनों का उपयोग किया जाता है।
भाषा भी एक प्रकार का कूट-चिहन या कोड है। अत: प्राप्तकर्ता को समझाने योग्य कूटों
में संदेश बाँधना ‘कूटीकरण’ या ‘एनकोडिंग’ कहलाता है।
प्रश्न 22: ब्रेकिंग न्यूज का क्या आशय है?
उत्तर
– ब्रेकिंग न्यूज का दूसरा नाम फ़्लैश भी है। इसके अंतर्गत अत्यंत महत्वपूर्ण या
बड़े समाचार को कम-से-कम शब्दों में दर्शकों तक तत्काल पहुँचाया जाता है,
जैसेनेपाल में आया भीषण भूकंप। दो रेलगाड़ियों में टक्कर, दस मरे, सैकड़ों घायल।
प्रश्न 23: पत्रकारीय लेखन में सर्वाधिक महत्व किस बात का है?
उत्तर
– पत्रकारीय लेखन में सर्वाधिक महत्व समसामयिक घटनाओं की जानकारी शीघ्र देने का
है।
प्रश्न 24: अखबार अन्य माध्यमों से अधिक लोकप्रिय क्यों है? एक
मुख्य कारण लिखिए।
उत्तर
– अखबार अन्य माध्यमों से अधिक लोकप्रिय इसलिए है, क्योंकि छपा हुआ होने के कारण
इसमें स्थायित्व है। इसे अपनी इच्छनसार कहीं भी, कभी भी पढ़ा जा सकता है।
स्वयं करें
प्रश्न : प्रिंट माध्यम से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
- प्रिंट मीडिया एक ऐसा साधन या एक ऐसा माध्यम हैंं जिसके द्वारा सूचनाओं की जानकारी
को लिखित माध्यम से या चित्रों के रूप में प्रकाशित कराया जाता हैंं और एक जगह से दूसरी
जगह ले जाया जाता हैं, प्रिंट मीडिया कहलाता हैंं जैसे:पत्रिकाएं, समाचार पत्र और मैगज़ीन
आदि।
प्रश्न : भारत में पहला छापाखाना कहाँ खुला था?
उत्तर
- भारत का पहला प्रिंटिंग प्रेस 1556 में सेंट पॉल कॉलेज, गोवा में स्थापित किया गया
प्रश्न : मुद्रित
माध्यम अपनी किन विशेषताओं के कारण दूसरे माध्यमों से अलग हैं?
उत्तर
- प्रिंट यानी मुद्रित माध्यम जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में से सबसे पुराना है। आधुनिक
युग का प्रारंभ छपाई के आविष्कार
से
हुआ। चीन में सबसे पहले मुद्रण शुरू हुआ, परंतु आधुनिक छापेखाने का आविष्कार जर्मनी
के गुटेनबर्ग ने किया। यूरोप में पुनर्जागरण ‘रेमेसाँ’ की शुरुआत में छापेखाने की प्रमुख
भूमिका थी। भारत में ईसाई मिशनरियों ने सन् 1556 में गोवा में धार्मिक पुस्तकें छापने
के लिए खोला था।
प्रिंट
माध्यम की विशेषताएँ –
1.
मुद्रित माध्यमों के तहत अखबार, पत्रिकाएँ, पुस्तकें आदि हैं। मुद्रित माध्यमों की
सबसे बड़ी विशेषता या शक्ति यह है कि छपे हुए शब्दों में स्थायित्व होता है। उसे आप
आराम से और धीरे-धीरे पढ़ सकते हैं। पढ़ते हुए उस पर सोच सकते हैं। अगर कोई बात समझ
में नहीं आई तो उसे दोबारा या जितनी बार इच्छा करे, उतनी बार पढ़ सकते हैं। यही नहीं,
अगर आप अखबार या पत्रिका पढ़ रहे हों तो आप अपनी पसंद के अनुसार किसी भी पृष्ठ और उस
पर प्रकाशित किसी भी समाचार या रिपोर्ट से पढ़ने की शुरुआत कर सकते हैं।
2.
मुद्रित माध्यमों के स्थायित्व का एक लाभ यह भी है कि आप उन्हें लंबे समय तक सुरक्षित
रख सकते हैं और उसे संदर्भ की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। मुद्रित माध्यमों की दूसरी
बड़ी विशेषता यह है कि यह लिखित भाषा का विस्तार है। जाहिर है कि इसमें लिखित भाषा
की सभी विशेषताएँ शामिल हैं। लिखित और मौखिक भाषा में सबसे बड़ा अंतर यह है कि लिखित
भाषा अनुशासन की माँग करती है। बोलने में एक स्वतःस्फूर्तता होती है, लेकिन लिखने में
आपको भाषा, व्याकरण, वर्तनी और शब्दों के उपयुक्त इस्तेमाल का ध्यान रखना पड़ता है।
यही नहीं, अगर लिखे हुए को प्रकाशित होना है यानी ??? लोगों तक पहुँचना है तो आपको
एक प्रचलित भाषा में लिखना पड़ता है ताकि उसे अधिक-से-अधिक लोग समझ पाएँ।
3.
मुद्रित माध्यमों की तीसरी विशेषता यह है कि यह चिंतन, विचार के विश्लेषण का माध्यम
है। इस माध्यम में आप गंभीर और गूढ बातें लिख सकते हैं, क्योंकि पाठक के पास न सिर्फ
उसे पढ़ने, समझने और सोचने का समय होता है बल्कि उसकी योग्यता भी होती है। असल में,
मुद्रित माध्यमों का पाठक वही हो सकता है जो साक्षर हो और जिसने औपचारिक या अनौपचारिक
??? के जरिए एक विशेष स्तर की योग्यता भी हासिल की हो।
प्रश्न : मुद्रित
माध्यमों के लेखन में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर
- अखबार और पत्रिका के लिए लिखने वाले लेखक और पत्रकार को यह हमेशा याद रखना चाहिए
कि वह विशाल समुदाय के लिए लिख रहा है जिसमें एक विश्वविद्यालय के कुलपति सरीखे विद्वान
से लेकर कम पढ़ा-लिखा मज़दूर और किसान सभी शामिल हैं। इसलिए उसकी लेखन शैली, भाषा और
गूढ़ से गूढ़ विषय की प्रस्तुति ऐसी सहज, सरल और रोचक होनी चाहिए कि वह आसानी से सबकी
समझ में आ जाए। पत्रकारीय लेखन में अलंकारिक-संस्कृतनिष्ठ भाषा-शैली के बजाय आम बोलचाल
की भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।
पाठकों
को ध्यान में रखकर ही अखबारों में सीधी, सरल, साफ़-सुथरी, लेकिन प्रभावी भाषा के इस्तेमाल
पर जोर दिया जाता है। शब्द सरल और आसानी से समझ में आने वाले होने चाहिए। वाक्य छोटे
और सहज होने चाहिए। जटिल और लंबे वाक्यों से बचना चाहिए। भाषा को प्रभावी बनाने के
लिए गैरज़रूरी विशेषणों, जार्गन्स (ऐसी शब्दावली जिससे बहुत कम पाठक परिचित होते हैं)
और क्लीशे (पिष्टोक्ति या दोहराव) का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इनके प्रयोग से भाषा
बोझिल हो जाती है।
प्रश्न : डेड लाइन
किसे कहते हैं?
उत्तर
- किसी समाचार को प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए उसके समाचार माध्यमों तक पहुँचने
की आखिरी समय-सीमा को डेडलाइन कहते हैं। अगर कोई समाचार डेडलाइन निकलने के बाद मिलता
है, तो आमतौर पर उसके प्रकाशित या प्रसारित होने की संभावना कम हो जाती है।
प्रश्न : फोन-इन
किसे कहते हैं?
उत्तर
- फोन-इन वे सूचनाएँ या समाचार होते हैं, जिन्हें एंकर रिपोर्टर से फोन पर बातें करके
दर्शकों तक पहुँचाता है। इसमें रिपोर्टर घटना वाली जगह पर मौजूद होता है।
प्रश्न : एंकर-बाइट
से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
- एंकर-बाइट का अर्थ है-कथन। टेलीविजन में किसी खबर को पुष्ट करने के लिए इससे संबंधित
बाइट दिखाई जाती है। किसी घटना के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों या संबंधित व्यक्तियों
का कथन दिखाकर और सुनाकर समाचारों को प्रामाणिकता प्रदान करने के लिए इसका प्रयोग किया
जाता है।
प्रश्न : इंटरनेट
की लोकप्रियता का कारण क्या है?
उत्तर
- इससे न केवल समाचारों का संप्रेषण, पुष्टि या सत्यापन बल्कि ख़बरों के बैंक ग्राउंडर
तैयार करने में तत्काल सहायता मिलती है।
प्रश्न : भारत में
छपने वाला पहला अखबार कौन-सा था? वह कब और कहाँ प्रकाशित हुआ?
उत्तर
- भारत में 29 जनवरी, 1780 को भारत के पहले अखबार का प्रकाशन शुरू हुआ था. इस अखबार
की नींव रखने वाला आयरिशमैन जेम्स अगस्ट्न हिक्की था. देश के इस पहले अखबार को हिक्की
ने कोलकाता से निकाला, इसका नाम रखा 'बंगाल गजट'।
प्रश्न : फ़्लैश
या ब्रेकिंग न्यूज किसे कहा जाता है?
उत्तर - सबसे पहले कोई बड़ी खबर फ़्लैश या ब्रेकिंग न्यूज के रूप में तत्काल दर्शकों तक पहुँचाई जाती है। इसमें कम-से-कम शब्दों में महज सूचना दी जाती है।