राष्ट्रीय आय से सम्बन्धित समुच्चय (Aggregates related to national income)

राष्ट्रीय आय से सम्बन्धित समुच्चय (Aggregates related to national income)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. भारत में राष्ट्रीय आय की गणना किस संस्था द्वारा की जाती है?
उत्तर: केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (C.S.O.) द्वारा की जाती है।

प्रश्न 2. मानवीय श्रम का पारिश्रमिक क्या है?
उत्तर: मजदूरी।

प्रश्न 3. यदि किसी अर्थव्यवस्था में अप्रत्यक्ष कर ₹25 करोड़ एवं उपदान ₹5 करोड़ है तो निवल अप्रत्यक्ष कर की गणना कीजिए।
उत्तर: निवल अप्रत्यक्ष कर = अप्रत्यक्ष करउपदान
= ₹ 25 – 5 = 20
करोड़

प्रश्न 4. राष्ट्रीय आय लेखांकन प्रणाली का अर्थ बताइए।
उत्तर: यह राष्ट्रीय आय से सम्बन्धित लेखों को द्वि-अंकन प्रणाली में प्रस्तुत करने का तरीका है।

प्रश्न 5. साधन आगतें किसे कहते हैं?
उत्तर: श्रम, पूँजी, भूमि, उद्यम आदि उत्पादन के साधनों की सेवाओं को साधन आगते कहते हैं।

प्रश्न 6. आगत (Input) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: किसी वस्तु के उत्पादन में जिन वस्तुओं एवं सेवाओं का प्रयोग किया जाता है, उन्हें आगतें कहते हैं।

प्रश्न 7. समीकरण द्वारा NDP तथा NNP के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: NDP = NNP – विदेशों से प्राप्त शुद्ध आय।

प्रश्न 8. भारत में राष्ट्रीय आय की गणना का आधार वर्ष क्या है?
उत्तर: भारत में वर्ष 2004-05 को आधार वर्ष माना जाता है।

प्रश्न 9. घरेलू कारक आय राष्ट्रीय आय से कब अधिक होती है?
उत्तर: जब विदेशों से प्राप्त शुद्ध कारक आय ऋणात्मक होती है।

प्रश्न 10. यदि घरेलू आय ₹ 600 करोड़ है तथा विदेशों से शुद्ध कारक आय (-) 6 करोड़ है तो राष्ट्रीय आय बताइए।
उत्तर: राष्ट्रीय आय = घरेलू आय + विदेशों से शुद्ध कारक आय
= ₹ 600 – 6 = 594
करोड़

प्रश्न 11. उत्पादन के किन्हीं चार कारकों के नाम बताइए।
उत्तर: 1. पूँजी, 2. श्रम, 3. उद्यम, 4. भूमि।

प्रश्न 12. अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्र बताइए।
उत्तर: 1. प्राथमिक क्षेत्र, 2. द्वितीयक क्षेत्र, 3. तृतीयक या सेवा क्षेत्र।

प्रश्न 13. हस्तान्तरण आय से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: वह आय जो किसी सेवा या वस्तु के प्रदान किए बिना प्राप्त होती है।

प्रश्न 14. चालू कीमतों पर राष्ट्रीय आय से क्या आशय है?
उत्तर: जब राष्ट्रीय आय की गणना प्रचलित बाजार कीमतों पर की जाये।

प्रश्न 15. स्थिर कीमतों पर राष्ट्रीय आय से क्या आशय है?
उत्तर: जब राष्ट्रीय आय की गणना किसी आधार वर्ष की कीमतों के आधार पर की जाये।

प्रश्न 16. क्या वृद्धावस्था पेंशन को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जा सकता है?
उत्तर: यह हस्तान्तरण भुगतान है इसलिए इसे राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं कर सकते हैं।

प्रश्न 17. तस्करी की आय को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है अथवा नहीं?
उत्तर: गैर-कानूनी आय होने के कारण राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं की जा सकती है।

प्रश्न 18. छात्रवृत्ति को राष्ट्रीय आय में शामिल करते हैं या नहीं?
उत्तर: यह एक हस्तान्तरण आय है इसलिए यह राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं की जाती है।

प्रश्न 19. द्वि-क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्र बताइए।
उत्तर: परिवार क्षेत्र तथा फर्म क्षेत्र।

प्रश्न 20. गैर-टिकाऊ वस्तुओं से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: वे वस्तुएँ जिनका एक बार ही प्रयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 21. हस्तान्तरण भुगतान से क्या आशय है?
उत्तर: वह भुगतान जो बिना किसी वस्तु या सेवा के किया जाये; जैसे-वृद्धावस्था पेंशन।

प्रश्न 22. बचत से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: आय का वह भाग जो उपभोग पर खर्च नहीं किया जाता।

प्रश्न 23. व्यक्तिगत आय से क्यों आशय है?
उत्तर: व्यक्तियों तथा परिवारों की सभी स्रोतों से वास्तव में प्राप्त होने वाली आय।

प्रश्न 24. उत्पादन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: वस्तुओं में उपयोगिता का निर्माण या उसमें वृद्धि करना।

प्रश्न 25. अप्रत्यक्ष कर के कोई दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर: 1. बिक्री कर, 2. उत्पादन शुल्क

प्रश्न 26. सकल घरेलू उत्पाद से सकल राष्ट्रीय उत्पाद ज्ञात करने के लिए इसमें क्या जोड़ा जाता है?
उत्तर: सकल घरेलू उत्पाद में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को जोड़ा जाता है।

प्रश्न 27. किन्हीं दो मदों के नाम बताइए जिन्हें राष्ट्रीय आय की गणना में शामिल नहीं किया जाता है?
उत्तर: 1. हस्तान्तरण आय, 2. पुरानी वस्तुओं की बिक्री से प्राप्त आय।

प्रश्न 28. राष्ट्रीय आय की अवधारणा के आधार बताइए।
उत्तर: 1. भौगोलिक आधार, 2. राजनैतिक आधार।

प्रश्न 29. बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMC) का सूत्र लिखो।
उत्तर: GDPMC = C + I + G + (X – M)

प्रश्न 30. भारत की राष्ट्रीय आय के अनुमान प्रतिवर्ष किसके द्वारा प्रकाशित किये जाते हैं?
उत्तर: भारत की राष्ट्रीय आय के अनुमान प्रतिवर्ष केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (C.S.O) द्वारा प्रकाशित किये जाते हैं।

प्रश्न 31. भारत की राष्ट्रीय आय के अनुमान किस वर्ष से प्रकाशित किये जाते हैं?
उत्तर: भारत में राष्ट्रीय आय के अनुमान 1956 से प्रतिवर्ष प्रकाशित किये जाते हैं।

प्रश्न 32. अन्तिम उपभोग्य वस्तुओं सेवाओं का अभिप्राय संक्षेप में बताइए।
उत्तर: वे वस्तुएँ या सेवाएँ जिन्हें उत्पादन के किसी अन्य चरण से नहीं गुजरना होता तथा जो अन्तिम रूप से उपभोक्ताओं द्वारा ही प्रयोग में लायी जाती है उन्हें अन्तिम वस्तुएँ कहते हैं; जैसे-तैयार कपड़ा, बैड आदि।

प्रश्न 33. घरेलू आधार पर ज्ञात राष्ट्रीय आय की गणना को क्या कहा जाता है?
उत्तर: घरेलू आधार पर ज्ञात राष्ट्रीय आय की गणना को सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है।

प्रश्न 34. देश की नागरिकता के आधार पर ज्ञात राष्ट्रीय आय की गणना को क्या कहा जाता है?
उत्तर: देश की नागरिकता के आधार पर ज्ञात राष्ट्रीय आय की गणना को सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है।

प्रश्न 35. यदि एक राष्ट्र का कुल उपभोग व्यय (C) ₹1,000 करोड़, कुल निजी विनियोग (I) ₹ 400 करोड़ तथा सरकारी विनियोग (G) की राशि ₹ 600 करोड़ हो तो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का मूल्य ज्ञात कीजिए?
उत्तर: सकल घरेलू उत्पाद = कुल उपभोग व्यय + कुल निजी विनियोग + सरकारी विनियोग
= 1000 + 400 + 600
= ₹ 2000
करोड़

प्रश्न 36. सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) से क्या आशय है?
उत्तर: एक अर्थव्यवस्था में जो अन्तिम वस्तुएँ एवं सेवाएँ एक वर्ष की अवधि में उत्पादित की जाती है उनके बाजार मूल्य के योग को सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) कहते हैं।

प्रश्न 37. निवल राष्ट्रीय उत्पाद (NNP) से क्या आशय है?
उत्तर: सकल राष्ट्रीय उत्पाद में से मूल्यह्रास को घटाने पर जो शेष बचता है उसे निवल (शुद्ध) राष्ट्रीय उत्पाद कहते हैं।

प्रश्न 38. साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय आय (NNIFC) से क्या आशय है?
उत्तर: बाजार मूल्यों पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद में से परोक्ष कर घटाने आर्थिक सहायता जोड़ने पर जो राशि निकलती है उसेसाधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय आयकहते हैं।

प्रश्न 39. वैयक्तिक आय (PI) से क्या आशय है?
उत्तर: एक वर्ष की अवधि में एक देश के सभी व्यक्ति यो परिवार जितनी आय वास्तव में प्राप्त करते हैं, उस आय के योग को वैयक्तिक आय कहते हैं।

प्रश्न 40. प्रयोज्य आय (DI) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: वैयक्तिक आय में से प्रत्यक्ष करों तथा सरकार को किये गये भुगतानों को घटाकर जो शेश बचता है उसे प्रयोज्य आय कहते हैं।

प्रश्न 41. आर्थिक सहायता (Subsidy) से क्या आशय है?
उत्तर: वस्तु की कीमत को कम करने के उद्देश्य से सरकार उत्पादकों को जो अनुदान प्रदान करती है उसे आर्थिक सहायता या सब्सिडी कहते हैं।

प्रश्न 42. प्रतिव्यक्ति आय (PCI) से क्या आशय है?
> प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) क्या है?
उत्तर: कुल राष्ट्रीय आय में कुल जनसंख्या का भाग देकर प्रतिव्यक्ति आय प्राप्त होती है। इसे अर्थव्यवस्था की औसत आय भी कहते हैं।

प्रश्न 43. मूल्यह्रास (Depreciation) से क्या आशय है?
उत्तर: एक वित्तीय वर्ष में उत्पादन प्रक्रिया के दौरान पूँजीगत वस्तुओं के मूल्यों में सामान्य टूट-फूट, घिसावट तथा प्रत्याशित अप्रचलन के कारण आने वाली कमी को मूल्यह्रास कहते हैं।

प्रश्न 44. साधन आय (Factor Income) किसे कहते हैं?
उत्तर: उत्पादन के साधनों के स्वामियों को उत्पादन प्रक्रिया के दौरान उनकी सेवाओं के बदले जो आय प्राप्त होती है, उसे साधन आय कहते हैं।

प्रश्न 45. अन्तरण आय (Transfer Income) से क्या आशय है?
उत्तर: जो आय बिना किसी वस्तु या सेवा के बदले एक पक्षीय भुगतान के रूप में प्राप्त होती है उसे अन्तरण आय कहते हैं।

प्रश्न 46. अप्रत्यक्ष करों (Indirect Taxes) का बाजार कीमत पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: अप्रत्यक्ष करों में वृद्धि से वस्तुओं की कीमत बढ़ जाती है तथा अप्रत्यक्ष करों में कमी से वस्तुओं की कीमत कम हो जाती है।

प्रश्न 47. पूँजीगत हानि (Capital loss) से क्या आशय है?
उत्तर: अप्रत्याशित घटनाओं; जैसेप्राकृतिक आपदा आदि के कारण अचल सम्पत्तियों के मूल्यों में आने वाली कमी को पूँजीगत हानि कहते हैं।

प्रश्न 48. चालू मूल्यों पर राष्ट्रीय आय (NI) किसे कहते हैं?
उत्तर: जब राष्ट्रीय आय को बाजार मूल्यों पर मापा जाता है तो इसे चालू मूल्यों पर राष्ट्रीय आय कहते हैं।

प्रश्न 49. स्थिर मूल्यों पर राष्ट्रीय आय किसे कहते हैं?
उत्तर: राष्ट्रीय आय को जब किसी आधार वर्ष की कीमतों पर मापा जाता है तो उसे स्थिर मूल्यों पर राष्ट्रीय आधार (वास्तविक राष्ट्रीय आय) कहते हैं।

प्रश्न 50. बचत को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: आय का वह भाग जो उपभोग पर व्यय नहीं किया जाता तथा भविष्य के लिए बचाकर रख लिया जाता है बचत कहलाता है।

प्रश्न 51. रॉयल्टी (Royalty) किसे कहते हैं?
उत्तर: मालिकों द्वारा खनिज पदार्थों की खानों, कॉपीराइट, पेटेंट और ट्रेडमार्क आदि के प्रयोग का अधिकार दूसरो को देने के बदले में प्राप्त आय रॉयल्टी कहलाती है।

प्रश्न 52. लगान (Rent) क्या है?
उत्तर: लगान वह राशि है जो एक किरायेदार मकान, दुकान, भूमि, मशीन आदि का प्रयोग के बदले में मालिक को देता है।

प्रश्न 53. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) से क्या आशय है?
उत्तर: किसी देश की घरेलू सीमाओं के अन्तर्गत एक वर्ष में उत्पादित अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं को मौद्रिक मूल्य का योग सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहलाता है।

प्रश्न 54. घरेलू कारक आय (Domestic Factor Income) से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: किसी देश की घरेलू सीमाओं के अन्तर्गत उत्पत्ति के साधनों को प्राप्त होने वाली आय, घरेलू कारक आय कहलाती है।

प्रश्न 55. राष्ट्रीय आय (NI) तथा घरेलू आय में क्या अन्तर है?
उत्तर: राष्ट्रीय आय में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (Net Factor Income) शामिल की जाती है, जबकि घरेलू कारक आय में यह शामिल नहीं की जाती है।

प्रश्न 56. राष्ट्रीय आय से कुल व्यय योग्य आय कैसे निकाली जाती है?
उत्तर: राष्ट्रीय आय में शेष विश्व से प्राप्त निवल आय जोड़ी जाती है तथा प्रत्यक्ष कर शुल्क एवं जुर्माना घटाकर कुल व्यय योग्य आय ज्ञात की जाती है।

प्रश्न 57. व्यक्तिगत आय ज्ञात करने का सूत्र बताइए।
उत्तर: व्यक्तिगत आय = अवितरित लाभपरिवारों द्वारा दी गयी निवल ब्याज अदायगीनिगम कर + सरकार द्वारा फर्मों से परिवारों को की गयी अन्तरण अदायगी।

प्रश्न 58. निजी आय व्यक्तिगत आय में एक अन्तर लिखिए।
उत्तर: निजी आय में निगम कर तथा अवितरित लाभ शामिल किया जाता है, जबकि व्यक्तिगत आय में इन्हें शामिल नहीं किया जाता है।

प्रश्न 59. साधन आय तथा हस्तान्तरण आय में एक अन्तर बताइए।
उत्तर: साधन आय फर्म के लिए भुगतान तथा साधन के लिए आय होती है। इस प्रकार यह दोतरफा भुगतान है, जबकि हस्तान्तरण आय एकतरफा भुगतान होता है।

प्रश्न 60. राष्ट्रीय आय की कोई दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:

1. राष्ट्रीय आय एक समग्र विचार होता है।

2. राष्ट्रीय आय एक प्रवाह है, जिसका सम्बन्ध समय से होता है।

प्रश्न 61. गैर-आर्थिक क्रियाओं के कोई चार उदाहरण लिखिए।
उत्तर:

1. पुरानी वस्तुओं को खरीदना-बेचना.

2. सरकार द्वारा ऋणपत्र आदि को खरीदना-बेचना

3. शेयर ऋणपत्रों को खरीदना-बेचना

4. गैर-कानूनी क्रियाएँ।

प्रश्न 62. निजी आय से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: निजी क्षेत्र को सभी स्रोतों से मिलने वाली साधन आय, सरकार से प्राप्त हस्तान्तरण आय तथा शेष विश्व से प्राप् हस्तान्तरण आय का योग।

प्रश्न 63. व्यक्तिगत आय किस प्रकार ज्ञात की जाती है?
उत्तर: निजी आय में से निगमों की बचत, निगम कर तथा विदेशी कम्पनियों की शुद्ध निगम बचतें घटाने पर हमें व्यक्तिगत आय की प्राप्ति होती है।

प्रश्न 64. राष्ट्रीय आय के दो महत्व लिखिए।
> राष्ट्रीय आय की गणना का क्या महत्व है?
उत्तर:

1. राष्ट्रीय आय के आँकड़ों द्वारा अर्थव्यवस्था की संरचना का ज्ञान मिलता है।

2. राष्ट्रीय आय देश की आर्थिक प्रगति की सूचक होती है।

प्रश्न 65. राष्ट्रीय आय की दोहरी गणना से क्या कठिनाई पैदा होती है?
उत्तर: दोहरी गणना करने से वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्यों को कई बार शामिल कर लिये जाने से राष्ट्रीय आय का वास्तविक मूल्य कई गुना बढ़ जाता है।

प्रश्न 66. राष्ट्रीय आय तथा निजी आय में कोई एक अन्तर बताइए।
उत्तर: राष्ट्रीय ऋण पर दिये गये ब्याज को राष्ट्रीय आय में शामिल करते हैं। इसे निजी आय में शामिल नहीं किया जाता है।

प्रश्न 67. सकल घरेलू उत्पाद तथा सकल राष्ट्रीय उत्पाद में एक अन्तर बताइए।
उत्तर: सकल राष्ट्रीय उत्पाद में सकल घरेलू उत्पाद के साथ विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय की राशि को भी सम्मिलित किया जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. पूँजीगत वस्तुओं से क्या आशय है?
उत्तर: पूँजीगत वस्तुएँ, उत्पादित वस्तुओं का एक भाग होती हैं। वे टिकाऊ और गैर-टिकाऊ वस्तुएँ जो वित्तीय वर्ष के अन्त में उत्पादकों के पास स्टॉक में होती हैं उन्हें पूँजीगत वस्तुएँ कहा जाता है। इनमें उत्पादकों की अचल सम्पत्तियाँ, वर्ष के अन्त में बचा हुआ कच्चा माल, अर्द्धनिर्मित माल और तैयार माल के स्टॉक को शामिल किया जाता है।

प्रश्न 2. उपभोक्ता वस्तुओं (CG) से क्या आशय है?
उत्तर: वे वस्तुएँ जो अन्तिम रूप से उपभोक्ता द्वारा उपयोग में लाई जाती हैं उन्हें उपभोक्ता वस्तुएँ कहते हैं। इनमें आहार, वस्त्र जैसी वस्तुओं तथा मनोरंजन जैसी सेवाओं को शामिल किया जाता है। इनका उपयोग तभी होता है जब अन्तिम उपभोक्ता के द्वारा इनको क्रय किया जाता है।

प्रश्न 3. सकल निवेश (GI) एवं निवल निवेश (NI) की अवधारणाओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: सकल निवेश (Gross Investment) – एक वर्ष की अवधि में किसी अर्थव्यवस्था में होने वाले कुल पूँजी निवेश या निर्माण को सकल निवेश कहते हैं। इसमें स्टॉक निवेश एवं सकल स्थिर पूँजी निवेश दोनों को सम्मिलित किया जाता है।
निवल निवेश (Net Investment) – सकल निवेश में से वर्षभर में पूँजीगत वस्तुओं में होने वाली टूट-फूट, घिसावट आदि मूल्य हास को घटाने पर निवल निवेश प्राप्त हो जाता है।

प्रश्न 4. स्टॉक निवेश तथा सकल स्थिर निवेश से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: उत्पादक इकाइयों के पास वित्तीय वर्ष के अन्त में बचे कच्चे माल, अर्द्धनिर्मित माल तथा निर्मित माल के स्टॉक को स्टॉक निवेश कहते हैं तथा स्थिर पूँजी सम्पत्तियों; जैसेमशीनरी, इमारतें आदि के स्टॉक में वृद्धि को सकल स्थिर पूँजीगत निवेश कहा जाता है।

प्रश्न 5. निवल निवेश से क्या आशय है?
उत्तर: निवल निवेश (Net Investment) – सकल निवेश में से वर्ष भर में पूँजीगत वस्तुओं में होने वाली टूट-फूट, घिसावट आदि मूल्यह्रास को घटाकर निवल निवेश की गणना की जाती है। सामान्यतया हम देखते हैं कि प्रतिवर्ष हम जितना पूँजी निवेश करते हैं उससे कुल निवेश में उतनी ही वृद्धि नहीं हो पाती, इसका प्रमुख कारण पूर्व में स्थित पूँजीगत वस्तुओं का मूल्यह्रास ही होता है। अतः निवल निवेश प्राप्त करने के लिए सकल निवेश में से इसे घटाना आवश्यक होता है।

प्रश्न 6. मूल्य ह्रास से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: मूल्य ह्रास (Price Depreciation) – स्थिर पूँजी सम्पत्तियाँ; जैसे-भवन, मशीनरी, परिवहन के साधन, विभिन्न प्रकार के उपकरण आदि के मूल्य में समय के साथ विभिन्न कारणों से कमी आती है, इसी को मूल्यह्रास कहा जाता है।

प्रश्न 7. आय के वर्तुल प्रवाह का वर्णन कीजिए।
उत्तर: अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र आपस में एक-दूसरे से सम्बन्धित रहते हैं। अत: अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के मध्य पारस्परिक सम्बन्धों के कारण आय उत्पादों का एक-दूसरे क्षेत्र के मध्य आदान-प्रदान होता रहता है इसी को आय का चक्रीय प्रवाह या आय का वर्तुल प्रवाह कहा जाता है।

प्रश्न 8. राष्ट्रीय आय किसे कहते हैं? इसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: किसी देश में एक वर्ष में उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं के मौद्रिक मूल्य के कुल योग को राष्ट्रीय आय कहते हैं। राष्ट्रीय आय की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
1.
राष्ट्रीय आय की गणना वित्तीय वर्ष के आधार पर की जाती है। भारत में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से प्रारम्भ होकर 31 मार्च को समाप्त होता है।
2.
राष्ट्रीय आय की गणना हेतु केवल अन्तिम वस्तु एवं सेवाओं के मूल्य को ही शामिल किया जाता है।

प्रश्न 9. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) क्या है?
उत्तर: एक वर्ष में एक देश की घरेलू अर्थव्यवस्था में उत्पादित समस्त अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं के बाजार मूल्यों के योग को सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं। इसमें विदेशी नागरिकों द्वारा घरेलु अर्थव्यवस्था में कमाई गई आय को सम्मिलित किया जाता है लेकिन देश के नागरिकों द्वारा विदेशों में कमाई गई आय को सम्मिलित नहीं किया जाता है।

प्रश्न 10. बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) से क्या आशय है?
उत्तर: एक वर्ष में एक देश की घरेलू अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत उत्पादित सभी अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं के बाजार मूल्य और विदेशों से प्राप्त निवल साधन का योग ही बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहलाता है। सूत्र रूप में GNP = GDP + NFI GNP = बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद
GDP =
बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद
NFI =
विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय

प्रश्न 11. घरेलू उत्पाद (DP) एवं राष्ट्रीय उत्पाद (NP) में मुख्य अन्तर बताइए।
> बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP) के बीच अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: एक वर्ष के दौरान एक देश की सीमा के अन्तर्गत समस्त उत्पादकों द्वारा उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं के बाजार मूल्य को घरेलू उत्पाद कहते हैं, जबकि राष्ट्रीय उत्पाद एक देश के सामान्य निवासियों द्वारा देश की सीमा के अन्दर एवं बाहर किये जाने वाले उत्पादन के बाजार मूल्य को कहते हैं।

प्रश्न 12. बाजार कीमत पर निवल घरेलू उत्पाद (NDP) से क्या आशय है?
उत्तर: एक देश की घरेलू अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत एक वर्ष की अवधि में उत्पादित सभी अन्तिम वस्तुओं और सेवाओं के निवल बाजार मूल्य को ही बाजार कीमत पर निवल घरेलू उत्पाद कहा जाता है। वस्तुओं के बाजार मूल्य में से मूल्यह्रास को घटाकर हम निवल बाजार मूल्य की गणना करते हैं।
सूत्रानुसार, NDP = GDP – D जहाँ NDP = बाजार कीमत पर निवल घरेलू उत्पाद
GDP =
बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद
D =
मूल्यह्रास

प्रश्न 13. बाजार कीमत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद (NNP) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: एक वर्ष की अवधि में एक देश के सामान्य निवासियों द्वारा उत्पादित सभी अन्तिम वस्तुओं सेवाओं के निवल बाजार मूल्य को बाजार कीमत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है। इसकी गणना के दो सूत्र हैंउपरोक्त दोनों सूत्रों में

1.    NNP = GNP – D

2.    NNP = NDP + NFIA

NNP = बाजार कीमत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद
NDP =
बाजार कीमत पर निवल घरेलू उत्पाद
GNP =
बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद
NFIA =
विदेशों से प्राप्त निवल आय
D =
मूल्यह्रास

प्रश्न 14. साधन लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद (NNP) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: एक वर्ष में एक देश के सामान्य निवासी उत्पादक इकाइयों द्वारा साधन लागत पर किये गये कुल उत्पादन के योग को ही साधन लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद कहलाता है।
सूत्र रूप में, NNPFC(NI) = NNPMP– NIT यहाँ NIT = IT – S
NNPFC(NI) = NNPMP – IT + S

NNPFC = साधन लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद
NNPMP =
बाजार कीमत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद
NIT =
निवल अप्रत्यक्ष कर
IT =
अप्रत्यक्ष कर
s =
आर्थिक सहायता

प्रश्न 15. निजी आय से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: निजी आय से आशय निजी उद्यमों एवं परिवारों द्वारा अर्जित आय तथा सरकार एवं शेष विश्व से प्राप्त चालू अन्तरण से है। इसमें देश के अन्दर बाहर से प्राप्त साधन आय शामिल होती है।
सूत्र रूप में
निजी आय = साधन लागत पर निवल घरेलू उत्पादसरकारी प्रशासनिक विभागों की आयगैर-विभागीय उद्यमों की बचत + विदेशों से शुद्ध साधन आय + सरकार से प्राप्त चालू अन्तरण भुगतान + शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू अन्तरण + राष्ट्रीय ऋण ब्याज।

प्रश्न 16. वैयक्तिक आय की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: वैयक्तिक आय देश के निवासियों की सभी स्रोतों से प्राप्त आय का योग होती है। यह आय की वह राशि है जो व्यक्तियों को वास्तव में प्राप्त होती है। इसमें देश तथा विदेशों से प्राप्त साधन आये और हस्तान्तरण आये दोनों शामिल होती हैं तथा इसमें निगम कर अवितरित लाभों को शामिल नहीं किया जाता है।

सूत्रानुसारवैयक्तिक आय = राष्ट्रीय आयअवितरित लाभनिगम करपरिवारों द्वारा दिया गया निवल ब्याज + सरकार एवं फर्मों से परिवारों को अन्तरण भुगतान।
अथवा
वैयक्तिक आय = निजी आयनिजी निगमित क्षेत्र की बचत अथवा अवितरित लाभनिगम कर।

प्रश्न 17. वैयक्तिक प्रयोज्य आय से क्या आशय है?
उत्तर: व्यक्तियों को समस्त स्रोतों से प्राप्त होने वाली ऐसी आये जिसका वे अपनी इच्छानुसार प्रयोग कर सकते हैं, वैयक्तिक प्रयोज्य आर्य कहलाती है। वैयक्तिक प्रयोज्य आय की गणना करने के लिए वैयक्तिक आय में से निम्न को घटा दिया जाता है
सूत्रवैयक्तिक प्रयोज्य आय = वैयक्तिक आयवैयक्तिक प्रत्यक्ष करगैर-कर भुगतान
अथवा
वैयक्तिक प्रयोज्य आय = उपभोग + बचत।

प्रश्न 18. राष्ट्रीय प्रयोज्य आय से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: राष्ट्रीय प्रयोज्य आय एक देश के निवासियों को समस्त स्रोतों से प्राप्त होने वाली वह आय है जिसको वे अपनी इच्छानुसार उपभोग पर व्यय कर सकते हैं या भविष्य के लिए बचत करके रख सकते हैं।

सूत्रानुसार, राष्ट्रीय प्रयोज्य आय = बाजार कीमतों पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद + शेष विश्व से प्राप्त निवल चालू अन्तरण
अथवा
राष्ट्रीय प्रयोज्य आय = साधन लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद + निवल अप्रत्यक्ष कर + शेष विश्व से प्राप्त निवल चालू अन्तरण

प्रश्न 19. मौद्रिक सकल घरेलू उत्पाद की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: एक अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत एक वर्ष में उत्पादित सभी वस्तुओं एवं सेवाओं के प्रचलित बाजार कीमतों पर मौद्रिक मूल्यों के योग को बाजार कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद या मौद्रिक सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है।
मौद्रिक सकल घरेलू उत्पाद = चालू वर्ष में वस्तु की मात्रा × चालू वर्ष में वस्तुओं का मूल्य

प्रश्न 20. वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की अवधारणा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: एक अर्थव्यवस्था में एक वर्ष में उत्पादित सभी वस्तुओं एवं सेवाओं के एक आधार वर्ष की कीमतों पर मौद्रिक मूल्यों के योग को स्थिर कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद अथवा वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं।
वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद = चालू वर्ष में वस्तु की मात्रा × आधार वर्ष में वस्तु की कीमत

प्रश्न 21. व्यय योग्य आय एवं वैयक्तिक आय में क्या अन्तर है?
उत्तर: एक वर्ष की अवधि में एक देश के सभी व्यक्तियों या परिवारों द्वारा वास्तव में प्राप्त की गयी आयों के योग को वैयक्तिक आय कहते हैं। जबकि वैयक्तिक आय में से सरकार द्वारा लगाये गये वैयक्तिक करों को निकाल देने पर जो भाग शेष बचता है, वहव्यय योग्य आयकहलाती है।

प्रश्न 22. निजी आय तथा वैयक्तिक आय में अन्तर बताइए।
उत्तर:

1. निजी आय में निगम कर तथा अवितरित लाभ जोड़े जाते हैं, जबकि वैयक्तिक आय में निगम कर तथा अवितरित लाभ को नहीं जोड़ा जाता है।

2. निजी आय की अवधारणा, वैयक्तिक आय की अवधारणा से अधिक विस्तृत होती है, जबकि वैयक्तिक आय की अवधारणा अपेक्षाकृत संकुचित होती है।

3. निजी आय निजी उद्यमों एवं परिवारों को सभी स्रोतों से आय का योग होता है, जबकि वैयक्तिक आय केवल व्यक्तियों (परिवारों) को प्राप्त आय है।

दीर्घउत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. राष्ट्रीय आय इसकी विशेषताओं को विस्तार से समझाइये।
उत्तर: राष्ट्रीय आयएक वित्तीय वर्ष की अवधि में देश के निवासियों द्वारा उत्पादित अन्तिम उपभोग्य वस्तुओं सेवाओं की शुद्ध मात्रा के प्रचलित बाजार कीमत पर उस देश की मुद्रा में व्यक्त मूल्यों के योग को राष्ट्रीय आय कहते हैं। यहाँ अन्तिम उपभोग्य वस्तुओं सेवाओं का अभिप्राय उन वस्तुओं सेवाओं से होता है जिनका उपभोग एक उपभोक्ता या एक उत्पादक द्वारा किया जाता है। राष्ट्रीय आय का अनुमान 1956 से प्रतिवर्ष केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) द्वारा अनुमान किया जाता है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् राष्ट्रीय आय के अनुमान के लिए एक राष्ट्रीय आय समिति का गठन प्रो.

प्रफुल्ल चन्द्र महलनोबिस (1949) की अध्यक्षता में हुआ। उक्त समिति के सदस्य सलाहकार प्रो. साइमन कुजनेट्स थे।

राष्ट्रीय आय की विशेषताएँउपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर राष्ट्रीय आय की निम्न विशेषताएँ हैं

1. राष्ट्रीय आय का सम्बन्ध एक देश की अर्थव्यवस्था से होता है।

2. राष्ट्रीय आय का सम्बन्ध एक निश्चित अवधि जो सामान्यतः एक वित्तीय वर्ष की होती है, (भारत में एक अप्रैल से अगले वर्ष के 31 मार्च तक)

3. राष्ट्रीय आय का सम्बन्ध एक देश के निवासियों की आर्थिक क्रियाओं से होता है किन्तु वर्तमान में देश के भौगोलिक क्षेत्र में निवासियों और गैर-निवासियों की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन भी इसमें शामिल होता है।

4. राष्ट्रीय आय का सम्बन्ध उत्पादक आर्थिक क्रियाओं से होता है अर्थात् इसमें अनुत्पादक-क्रियाओं को सम्मिलित नहीं किया जाता है।

5. राष्ट्रीय आय की गणना का सम्बन्ध अन्तिम उपभोग्य-वस्तुओं सेवाओं के उत्पादन से होता है।

6. राष्ट्रीय आय की गणना प्रचलित बाजार कीमत पर की जाती है।

7. राष्ट्रीय आय की गणना देश की मुद्रा में व्यक्त की जाती है।

8. राष्ट्रीय आय की गणना विभिनन वस्तुओं सेवाओं के मूल्यों का योग होती है।

9. राष्ट्रीय आय एक प्रकार का प्रवाह होता है तथा यह एक प्रकार का भण्डार/स्कन्ध (Stock) नहीं होता है।

10. राष्ट्रीय आय की गणना शुद्ध मात्रा के अनुसार की जाती है अर्थात् इसमें से घिसावट (मूल्य ह्रास) को घटाया जाता है।

प्रश्न 2. काल्पनिक संख्यात्मक उदाहरण की सहायता से राष्ट्रीय आय के विभिन्न घटकों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर: भारत में राष्ट्रीय आय का संख्यात्मक उदाहरण
(i)
बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू-उत्पाद (NDPMP)
(ii)
साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPFC)
(iii)
बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP)
(iv)
बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP)
(v)
साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPPC)
(vi)
निजी आय (PI)
(vii)
व्यक्तिगत आय (Personal Income)
(viii)
व्यक्तिगत खर्च योग्य आय (PDI)
(ix)
प्रतिव्यक्ति राष्ट्रीय आय की गणना कीजिए।

1.बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) = ₹ 2,00,000 करोड़

2. शुद्ध विदेशीनिर्यात से आय (X – M) = ₹ 5,000 करोड़

3. D घिसावट = ₹ 5,000 करोड़

4. अप्रत्यक्ष कर IT = ₹ 5,000 करोड़

5. अनुदान (S) = ₹ 2,500 करोड़

6. देश की जनसंख्या = 50 करोड़

7. सरकारी विभागों, जैसे रेल विभाग की आय = ₹ 5,000 करोड़

8. सरकारी गैर-विभाग; जैसेस्टेट बैंक के लाभ = ₹ 5,000 करोड़

9. सरकारी कर्मचारियों द्वारा पेंशन इत्यादि हेतु चुकाया अंशदान = ₹ 2,500 करोड़

10. सरकार से व्यक्तियों को चालू वर्ष की प्राप्तियाँ = ₹ 2,500 करोड़

11. विदेशों से व्यक्तियों को चालू वर्ष की प्राप्तियाँ = ₹ 1,000 करोड़

12. सरकारी ऋणों पर ब्याज प्राप्तियाँ = ₹ 1,500 करोड़

13. निजी कम्पनी की बचते = ₹ 5,000 करोड़

14. निजी कम्पनी के निगम कर = ₹ 7,500 करोड़

15. व्यक्तियों के आयकर = ₹ 5,000 करोड़

16. व्यक्तियों की फीस = ₹ 2,000 करोड़

17. जुर्माने = ₹ 1,000 करोड़

हल: (i) बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP) = (GDPMP) – D = 2,00,000 – 5,000 = ₹ 1,95,000 करोड़
(ii)
साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPFC) = (NDPMP) – IT + S = 1,95,000 – 5,000 + 2500 = ₹ 1,92,500 करोड़
(iii)
बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय-उत्पाद (GNPMP) = (GDPMP) + शुद्ध विदेशी आय = ₹ 2,00,000 + 5,000 = 2,05,000 करोड़
(iv)
बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) = (GNPMP) – D = 2,05,000 – 5,000 = ₹ 2,00,000 करोड़
(v)
साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) = (NNPMP) – IT + S = 2,00,000 – 5,000 + 2,500 = ₹1,97,500 करोड़
(vi)
निजी आय (PI) = शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) – (सरकारी विभाग जैसे रेल विभाग की आय + सरकारी गैर विभाग जैसे स्टेट बैंक के लाभ + सरकारी कर्मचारियों द्वारा पेंशन इत्यादि हेतु चुकाया अंशदान)
+ (
सरकार से चालू वर्ष की प्राप्तियाँ + विदेशों से चालू वर्ष की प्राप्तियाँ + सरकारी ऋणों पर ब्याज प्राप्तियाँ)
= 1,97,500 – (5,000 + 5,000 + 2,500) + (2,500 + 1,000 + 1,500) = ₹1,90,000
करोड़
(vii)
व्यक्तिगत आय (Per I) = निजी आये (PI) – (निजी कम्पनी की बचते) – (निजी कम्पनी के निगम कर)
= 1,90,000 – (5,000) – (7,500) = ₹1,77,500
करोड़
(viii)
व्यक्तिगत खर्च योग्य आय (PDI) = व्यक्तिगत आय (Per I)- (व्यक्तियों के आयकर) – (व्यक्तियों की फीस + जुर्माने)
= 1,77,500 – (5,000) – (2,000) – (1,000)
= ₹1,69,500
करोड़
(ix)
प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय (PCI) = राष्ट्रीय आय (WI) देश की जनसंख्या

प्रश्न 3. राष्ट्रीय आय की विभिन्न अवधारणाओं को स्पष्ट कीजिए।
> निम्न अवधारणाओं को स्पष्ट कीजिए

1. सकल घरेलू उत्पाद (GDP)

2. सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP)

3. निवल राष्ट्रीय उत्पाद (NNP)

4. कारक लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC)

5. वैयक्तिक आय (PI)

6. व्यक्तिगत प्रयोज्य आय (PDI)

> निम्न समष्टि अर्थशास्त्रीय तादात्म्य समझाइए

1.सकल घरेलू उत्पाद (GDP)

2. सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP)

3. निवल घरेलू उत्पाद (NDP)

4. निवल राष्ट्रीय उत्पाद (NNP)

5. वैयक्तिक आय (PI)

6. वैयक्तिक प्रयोज्य आय (PDI)

उत्तर: राष्ट्रीय आय की अवधारणाएँ।
(Concept of National Income)

यह निम्नलिखित हैं

1. सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product = GDP) – किसी अर्थव्यवस्था की घरेलू सीमा में एक वर्ष में उत्पादित सभी अन्तिम वस्तुओं तथा सेवाओं का मौद्रिक मूल्य, जिसमें विदेशियों द्वारा हमारे देश में अर्जित की गयी आय को जोड़ा जाता है तथा हमारे देशवासियों द्वारा विदेशों में अर्जित की गयी आय को शामिल नहीं किया जाता, वह सकल घरेलू उत्पाद कहलाता है।
GDP = GNP – (
निर्यात मूल्यआयात मूल्य)

2. सकल राष्ट्रीय उत्पाद (Gross National Product = GNPMP) – एक अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत एक वर्ष में उत्पादित सभी अन्तिम वस्तुओं तथा सेवाओं का बाजार मूल्य तथा विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय का योग, सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहलाता है।
GNPMP =
बाजार कीमत पर GDP + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय

3. निवल राष्ट्रीय उत्पाद (Net National Product = NNP) – किसी देश में एक वर्ष में उत्पादित सभी अन्तिम वस्तुओं तथा सेवाओं के बाजार मूल्य के योग GNPNP में से मूल्य ह्रास (Depreciation) तथा पुरानेपन से होने वाला ह्रास (Obsolecence) घटा देने से शेष जो बचता है, वह शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद कहलाता है।
शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद = सकल राष्ट्रीय उत्पादमूल्य ह्रास या घिसावट

4. निवल घरेलू उत्पाद (Net Domestic Product = NDPMP) – बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP) किसी राष्ट्र की घरेलू सीमा में एक वर्ष में उत्पादित सभी अन्तिम वस्तुओं तथा सेवाओं का बाजार मूल्य (GDPMP) तथा मूल्यह्रास के मध्य का अन्तर है।
शुद्ध घरेलू उत्पाद = बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पादमूल्य ह्रास

5. साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय आय (Net National Income at Factor Cost = NNIFC) – एक वर्ष में साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद तथा विदेशों से प्राप्त शुद्ध आय का योग, साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय आय कहलाती है। यह राष्ट्रीय आय भी कहलाती है।
NNPFC =
या NI = साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय

6. वैयक्तिक आय (Personal Income = PI) – एक वर्ष में एक देश में सभी व्यक्तियों अथवा परिवारों की वह आय जो वह वास्तव में प्राप्त करते हैं, उन सभी आयों के योग कोवैयक्तिक आयकहते हैं। इसके अन्तर्गत हम मजदूरी, वेतन, ब्याज, लगान वर्तमान हस्तान्तरण भुगतान तथा लाभांश आदि को शामिल करते हैं।
वैयक्तिक आय = राष्ट्रीय आय – (सामाजिक सुरक्षा कटौती + संयुक्त पूँजी वाली कम्पनियों के लाभ का वह भाग जो शेयर में वितरित किया हैहस्तान्तरित भुगतान)

7. प्रति व्यक्ति प्रयोज्य आय [Personal Disposable Income (PDI)] – व्यक्तिगत आय में से व्यक्तिगत प्रत्यक्ष कर (जैसेआयकर) तथा फीस, जुर्माना आदि घटाने के पश्चात् वह बचत राशि जिसे उपभोक्ता खर्च कर सकता है। व्यक्तिगत प्रयोज्य आय कहलाती है।
व्यक्तिगत प्रयोज्य आय = व्यक्तिक आयप्रत्यक्ष करफीस एवं जुर्माना

8. प्रति व्यक्ति आय (Per Capital Income = PCI) – वह औसत आय जो एक व्यक्ति एक वर्ष में अर्जित करता है। वह प्रति व्यक्ति आय कहलाती है।

प्रश्न 4. निम्न को संक्षेप में समझाइये-
बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद, साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद, बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद, बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय-उत्पाद, साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय-उत्पाद, निजी आय, व्यक्तिगत आय, व्यक्तिगत खर्चयोग्य आय, प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय।
उत्तर: बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू-उत्पाद (NDPMC) – बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद ज्ञात करने के लिए बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद में से घिसावट (मूल्य ह्रास) को घटाया जाता है।
NDPMC = GDPMP – D

साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPFC) – साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद ज्ञात करने के लिए बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद में से अप्रत्यक्ष कर को घटाया जाता है और अनुदानों को जोड़ा जाता है।
NDPFC = NDPMC – IT + S
जहाँ IT = अप्रत्यक्ष कर
S =
अनुदान

बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) – सकल राष्ट्रीय उत्पाद एक देश की भौगोलिक सीमा में एक वर्ष की अवधि में देश के निवासियों विदेशों में उसी देश के निवासियों, कम्पनियों के द्वारा उत्पादित अन्तिम वस्तुओं सेवाओं का मौद्रिक मापन अर्द्धनिर्मित वस्तुओं सेवाओं के भण्डार में वृद्धि सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) कहलाता है।
GNPMP = GDPMP + NFIA
जहाँ NFIA = विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय
या X – M = शुद्ध निर्यात
GNPMP = C + I + G + NFIA + (X – M)

बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय-उत्पाद (NNPMP) – वस्तुओं सेवाओं के उत्पादन में स्थिर पूँजी का उपयोग होता है। उत्पादन प्रक्रिया के दौरान मशीनें घिस जाती हैं या उनमें टूट-फूट हो जाती है। कभी-कभी आविष्कार के कारण पुरानी मशीनें अनुपयोगी हो जाती हैं। इस प्रकार संसाधनों की उत्पादन क्षमता में कमी या ह्रास होने के कारण सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) में से इस मूल्य को घटा दिया जाता है।
NNPMP = GNPMP – D D =
घिसावट

साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय-उत्पाद (NNPEc) – एक देश में उत्पादित होने वाली वस्तु सेवा के उत्पादन के लिए साधनों पर किया गया व्यय साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद होता है। सरकार द्वारा लगाया गया अप्रत्यक्ष कर घटाते हैं सरकार द्वारा दी गई छूट या अनुदान जोड़कर साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद की गणना की जाती है।
NNPFC = NNP Mp = IT +S
जहाँ IT = अप्रत्यक्ष कर
S =
अनुदान

या NNPFC = R + I + W + P
जहाँ R = लगान
I =
ब्याज
W =
मजदूरी
P =
लाभ

निजी आयनिजी आय में सभी निजी क्षेत्रों द्वारा उत्पादित आय या अन्य किन्हीं स्रोत से प्राप्त आय एवं निगम करो द्वारा रखी गयी आय भी शामिल है। साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद में जिन मदों को शामिल किया जाता है वे हैं सरकार विदेशों से प्राप्त हस्तान्तरण भुगतान (बेरोजगारी भत्ता, पेंशन) राष्ट्रीय ऋणों पर ब्याज, उपहार और अप्रत्याशित लाभ।

Private Income = (NNPFC) + TP + IPD – CSS – PPU
जहाँ TP = सरकार विदेशों से प्राप्त हस्तान्तरण भुगतान
IPD =
सार्वजनिक ऋणों पर ब्याज
CSS =
सामाजिक सुरक्षा अंशदान
PPU =
सार्वजनिक उपक्रमों के अतिरेक लाभ व्यक्तिगत आय
व्यक्तिगत आयउन सभी आय का योग होती हैं जो वास्तव में व्यक्तियों या घरेलू क्षेत्र द्वारा प्राप्त होती हैं। व्यक्तिगत आय को निम्नानुसार ज्ञात किया जाता है
व्यक्तिगत आय (PI) = NNPFC – अवितरित निगम लाभनिगम-कर सामाजिक सुरक्षा अंशदान + हस्तान्तरण भुगतान + सार्वजनिक ऋण पर ब्याज

व्यक्तिगत खर्च योग्य आय (PDI) – एक व्यक्ति की खर्च योग्य आय (PDI) व्यक्तिगत आय में से व्यक्तियों के आयकर व्यक्तियों की फीस, जुर्माने घटाकर ज्ञात की जाती है।

व्यक्तिगत खर्च योग्य आय (PDI) = व्यक्तिगत आय (PI) – (व्यक्तियों के आयकर) – (व्यक्तियों की फीस, जुर्माना)

प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय (PCI) – किसी देश की राष्ट्रीय आय के साथ-साथ उसकी प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय का भी बहुत महत्व होता है। प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय का मूल्यांकन राष्ट्रीय आय को किसी देश की जनसंख्या का भाग देकर निम्नानुसार ज्ञात किया जाता है-

प्रश्न 5. राष्ट्रीय आय के महत्व को संक्षेप में समझाइये।
उत्तर: राष्ट्रीय आय एक देश की अर्थव्यवस्था का दर्पण होता है। राष्ट्रीय आय का मूल्यांकन एक देश की सही आर्थिक जानकारी प्रस्तुत करता है। सरकारों को राष्ट्रीय-आय की गणना के द्वारा उचित आर्थिक नीतियाँ बनाने में मदद मिलती है। देश में राष्ट्रीय आय के आँकड़ों का उपयोग आय के समान वितरण, रोजगार में वृद्धि हेतु किया जाता है। एक देश के विभिन्न भागों की आर्थिक प्रगति में असमानता का पता राष्ट्रीय-आय के वितरण से चल सकता है। क्षेत्रीय असमानता दूर करने हेतु नीति बनाने में राष्ट्रीय आय के आँकड़ों का बहुत उपयोग होता है संसार के देशों की तुलना करने के लिए भी राष्ट्रीय आय का अध्ययन सहायक होता है। राष्ट्रीय आय के आँकड़ों के आधार पर कृषि पशुपालन के समुचित विकास की रणनीतियाँ बनायी जाती हैं। प्रत्येक देश अपने उद्योग, व्यापार एवं अन्य वाणिज्यक क्रियाओं के विस्तार का मूल्यांकन राष्ट्रीय आय के आधार पर करता है। राष्ट्रीय आय के आँकड़े शोध हेतु उपयोगी होते हैं। आर्थिक नियोजन हेतु राष्ट्रीय आय के स्तर संरचना से उपयोगी जानकारियाँ मिलती हैं। राष्ट्रीय आय की संरचना प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय का आधार प्रदान करती है।

प्रश्न 6. राष्ट्रीय आय के मापन की कठिनाइयों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर: राष्ट्रीय-आय का माप करते समय विभिन्न प्रकार की कठिनाइयाँ आती हैं। कुछ कठिनाइयाँ सैद्धान्तिक होती हैंप्रमुख कठिनाइयाँ निम्नलिखित प्रकार हैं

1. स्वयं के रोजगार से प्राप्त आय की गणना कठिन कार्य है।

2. पुरानी, अन्तरिम वे मध्यवर्ती वस्तुओं के मूल्यांकन की कठिनाइयाँ।

3. अंशपत्र ऋणपत्रों के बाजार के लेन-देन केवल कागजी क्रियाएँ होने से राष्ट्रीय आय में नहीं गिनी जाती हैं।

4. गैर-कानूनी क्रियाएँ काला-बाजार की आर्थिक-क्रियाएँ भी सैद्धान्तिक कठिनाइयाँ पैदा करती हैं।

5. आराम के लिए अवकाश इत्यादि गणना कठिन कार्य है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. राष्ट्रीय आय का विश्व में सबसे पहले प्रयोग किसने किया?
() विलियम डिग्बी ने
() साइमन कुजनेट्स ने
() फिशर
(
) डॉ. बी.के. आर.वी. राव

प्रश्न 2. राष्ट्रीय आय को भौतिक अभौतिक वस्तुओं (सेवाओं) के शुद्ध उत्पादन का योग किसने बताया?
() मार्शल ने
() फिशर ने
(
) साइमन कुजनेट्स ने
(
) पीनू ने

प्रश्न 3. निम्न में से कौन-सा हस्तान्तरण भुगतान नहीं है
() पेंशन
(
) बेरोजगारी भत्ता
(
) उपहार
() वेतन

प्रश्न 4. राष्ट्रीय आय की विशेषता नहीं है
() राष्ट्रीय आय एक वर्ष से सम्बन्धित होती है।
(
) राष्ट्रीय आय प्रवाह होती है।
(
) इसकी गणना अन्तिम वस्तुओं सेवाओं से होती है।
() अनुत्पादक क्रियाएँ शामिल होती हैं।

प्रश्न 5. राष्ट्रीय आय का उपयुक्त माप है
(
) GNP
(
) GDP
() NNPMC
(
) NNPE

प्रश्न 6. राष्ट्रीय आय समिति का गठन किसकी अध्यक्षता में किया गया?
() डा. वी.के. आर.वी
() प्रो. प्रफुल्ल चन्द्र महलनोबिस
(
) फिण्डले शिराज
(
) विलियम डिग्बी

प्रश्न 7. राष्ट्रीय आय समिति का गठन किस वर्ष किया गया?
() 1921
(
) 1935
(
) 1948
() 1949

प्रश्न 8. किस वर्ष से केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) द्वारा राष्ट्रीय आय के अनुमान प्रकाशित किये जाते हैं?
() 1930
(
) 1948
(
) 1954
() 1956

प्रश्न 9. “राष्ट्रीय आय समाज की वस्तुपरक आय का वह भाग है जो कि मुद्रा में मापा जा सकता है और इसमें विदेशों से प्राप्त आय भी सम्मिलित है।यह परिभाषा किसकी है?
() फिशर
() पीगू
() मार्शल
(
) कीन्स

प्रश्न 10. निम्न में से कौन-सा सत्य है
() कुल राष्ट्रीय उत्पाद = कुल घरेलू उत्पाद + घिसावट व्यय
(
) शुद्ध घरेलू उत्पाद = कुल राष्ट्रीय उत्पाद + घिसावट व्यय
() शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद = कुल राष्ट्रीय उत्पादघिसावट व्यय
(
) कुल राष्ट्रीय उत्पाद = शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद + घिसावट व्यय

प्रश्न 11. NNPMP बराबर होता है
() GNPMP – घिसावट
() GNPMP + अप्रत्यक्ष कर
(
) NNPMP – घिसावट
(
) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 12. क्या सत्य है?
() GNP = GDP + घिसावट
(
) GNP = NNP + घिसावट
() NNP = GNP – घिसावट
(
) NNP = GNP + घिसावट

प्रश्न 13. राष्ट्रीय आय की गणना के कितने आधार हैं?
() दो
() चार
(
) तीन
(
) पाँच

प्रश्न 14. एक देश की राष्ट्रीयआय का सर्वाधिक उपयुक्त माप कौन-सा है?
() NNPFE
() NNPMC
(
) GDPFC
(
) GDPMC

प्रश्न 15. निम्न में से कौन-सा हस्तान्तरण भुगतान है?
() पेंशन
(
) बेरोजगारी भत्ता
(
) उपहार
() उपर्युक्त सभी

प्रश्न 16. कल्याण का बेहतर माप कौन-सा है?
() राष्ट्रीय आय
(
) प्रति व्यक्ति आय
(
) प्रतिव्यक्ति व्यय योग्य आये
() सकल राष्ट्रीय उत्पाद।

प्रश्न 17. 11वीं पंचवर्षीय योजना के किस वर्ष में उच्चतम जीडीपी वृद्धि दर दर्ज की गई थी?
() वर्ष 2007-98
() वर्ष 2008-09
(
) वर्ष 2009-10
(
) वर्ष 2010-11

प्रश्न 18. पीएसओ के द्वारा 2012-13 के प्रथम चतुर्थ के लिए जारी अन्तिम आँकड़ों के अनुसार, जीडीपी वृद्धि का क्या अनुपात लगाया गया है?
() 5.1%
() 5.5%
() 5.9%
(
) 6.2%

प्रश्न 19. सुमेलित कीजिए

प्रश्न 20. निम्नलिखित को उनके लागू होने के कालक्रमानुसार क्रमबद्ध कीजिए
1.
आयकर
2.
व्यय कर
3.
मूल्यवर्धित कर (VAT)
4.
अनुषंगी लाभ कर
कूट : () 1, 3, 2 और 4
(
) 1, 2, 3 और 4
(
) 2, 3, 4 और 1
() 3, 4, 1 और 2

प्रश्न 21. निम्नलिखित में से किन वर्षों में जीडीपी की प्रतिशत के रूप में सकल घरेलू बचत अधिकतम थी?
(
) 2009 – 10
(
) 2008 – 09
() 2007 – 08
(
) 2006 – 07

प्रश्न 22. निम्नलिखित में से किस राज्य में 2009-10 में अधिकतम प्रतिव्यक्ति आय थी?
(
) पंजाब
(
) हरियाणा
(
) मध्य प्रदेश
() दिल्ली।

प्रश्न 23. 2001 – 05 से 2010 -11 तक की अवधि के दौरान कृषि क्षेत्र में जीडीपी के साथ-साथ
() सम्पूर्ण जीडीपी की तुलना में उच्चतम संवृद्धि की दर थी
() सम्पूर्ण जीडीपी की तुलना में निम्न संवृद्धि की दर थी।
() सम्पूर्ण जीडीपी की तुलना में स्थिर संवृद्धि की दर थी।
(
) सम्पूर्ण जीडीपी की तुलना में समान संवृद्धि की दर थी।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नलिखित आँकड़ों से आय विधि तथा व्यय विधि द्वारा राष्ट्रीय आय की गणना कीजिए

हल: आय विधि द्वारा राष्ट्रीय आय = कर्मचारियों को पारिश्रमिक + विदेशों से शुद्ध कारक आय + ब्याज + लगान + स्वनियोजितों की मिश्रित आय + लाभ
= 1,200 + (-) 10 + 310 + 200 + 900 + 800
राष्ट्रीय आय = ₹ 3,400 करोड़
व्ययविधि द्वारा राष्ट्रीय आय = निजी अन्तिम उपभोग व्यय + सरकार द्वारा अन्तिम उपभोग व्यय + शुद्ध घरेलू पूँजी निर्माण + शुद्ध निर्यात + विदेशों से शुद्ध कारक आयशुद्ध अप्रत्यक्ष कर
= 2,000 + 1,000 + 800 + (-)20 + (-) 10 – 370 = ₹ 3,400
करोड़
व्यय विधि द्वारा राष्ट्रीय आय = ₹ 3,400 करोड़

प्रश्न 2. निम्नलिखित आँकड़ों से उत्पादन के मूल्य की गणना कीजिए

हल: उत्पादन का मूल्य = कारक लागत पर निवल वर्धित मूल्य + मध्यवर्ती उपभोग + उत्पादन शुल्कआर्थिक सहायता + मूल्य ह्रास
= 100 + 75 + 20 – 5 + 10 = ₹ 200
लाख
उत्पादन मूल्य = ₹ 200 लाख

प्रश्न 3. निम्नलिखित आँकड़ों से मध्यवर्ती उपभोग की गणना कीजिए

हल: मध्यवर्ती उपभोग = उत्पादन का मूल्यकारक लागत पर निवल वर्धित मूल्यशुद्ध अप्रत्यक्ष करमूल्य ह्रास
= 200 – 80 – (15 – 5) – 20 = 200 – 110 = ₹ 90
लाख
मध्यवर्ती उपभोग = ₹ 90 लाख

प्रश्न 4. निम्नलिखित आँकड़ों से कारक लागत पर निवल देशीय उत्पाद और सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय की गणना कीजिए

हल: कारक लागत पर निवल देशीय उत्पाद = निजी अन्तिम उपभोग व्यय + सरकारी अनितम उपभोग व्यय + निवल देशीय पूँजी निर्माण + निवल निर्यातअप्रत्यक्ष कर + आर्थिक सहायता
= 250 + 50 + 30 + (-) 10 – 20 + 10
= ₹ 310
करोड़
सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय = कारक लागत पर निवल देशीय उत्पाद + विदेशों से शुद्ध चालू (पूँजी) हस्तान्तरण + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर + स्थिर पूँजी का उपभोग + विदेशों से शुद्ध कारक आय = 310 + (-)5 + (20 – 10) + 25 + 15
= 310 – 5 + 10 + 25 + 15 = ₹ 355
करोड़

प्रश्न 5. निम्नलिखित आँकड़ों से बिक्री की गणना कीजिए

हल: बिक्री = कारक लागत पर निवल वर्धित मूल्यस्टॉक में परिवर्तन + मध्यवर्ती उपभोग + अप्रत्यक्ष कर + मूल्यह्रास
= 300 – (-50) + 200 + 20 + 30
= 300 + 50 + 200 + 20 + 30 = ₹ 600
लाख।

प्रश्न 6. निम्न आँकड़ों से सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय एवं वैयक्तिक आय ज्ञात कीजिए

हल: सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय = राष्ट्रीय आय + स्थिर पूँजी का उपभोग + अप्रत्यक्ष करशेष विश्व को निवल चालू हस्तान्तरण
= 1,000 + 50 + 100 – (-20).
= ₹ 1,170
करोड़
निजी आय = राष्ट्रीय आयराष्ट्रीय आय में सरकार का अंशदान + राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज + सरकार से शुद्ध चालू हस्तान्तरणशेष विश्व को निवल चालू हस्तान्तरण
= 1,000 – 80 + 70 + 30 – (-20)
= 1,120 – 80 = ₹ 1,040
करोड़
वैयक्तिक आय = निजी आयनिगम करनिजी निगम क्षेत्रों की बचते
= 1,040 – 90 – 40 = ₹ 910
करोड़।

प्रश्न 7. निम्नलिखित आँकड़ों से कारक लागत पर निवल वर्धित मूल्य की गणना कीजिए

हल: कारक कीमत पर निवल मूल्य वर्धित मूल्य = बिक्री + स्टॉक में परिवर्तनमध्यवती लागतेंअप्रत्यक्ष कर
= 200 + 10 – 90 – 12
= ₹ 108
करोड़

प्रश्न 8. 2013-14 में भारतवर्ष के लिए निम्नलिखित आँकड़े दिये गये हैं

घरेलू कारक आय तथा राष्ट्रीय आय की गणना कीजिए।


हल: घरेलू साधन आय = कर्मचारियों की मेहनत + किराया + ब्याज + लाभ + मिश्रित आय
= 49,650 + 10,209+ 4,794 + 6,926 + 50,416
= 1,21,995
करोड़
राष्ट्रीय आय = घरेलू साधन आय + निवल विदेशीं साधन आये
= 1,21,995 + (-7)
= 1,21,995 – 7 = ₹ 1,21,988
करोड़

प्रश्न 9. निम्नलिखित आँकड़ों की सहायता से निबल राष्ट्रीय उत्पाद की गणना कीजिए

हल: सकल राष्ट्रीय उत्पाद = सकल घरेलू उत्पादमध्यवर्ती लागत मूल्य + विदेशों से प्राप्त शुद्ध आये
= 60,000 – 20,000+ 800
= ₹ 40,800
निवल राष्ट्रीय उत्पाद (NNP) = सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) – मूल्य ह्रास (D)
= 40,800 – 4,000
= ₹ 36,800

प्रश्न 10. एक अर्थव्यवस्था के बारे में निम्नलिखित सूचनाएँ उपलब्ध हैं

उपर्युक्त सूचनाओं के आधार पर व्ययविधि से बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद, साधन कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद तथा बाजार कीमत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद ज्ञात कीजिए।
हल: बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद = वस्तुओं सेवाओं पर सरकारी व्यय + निजी उपभोग व्यय + निवल घरेलू निवेश + निवल विदेशी निवेश + घिसावट व्यय
= 1,000 + 2,000 + 250 + 30 + 200
= ₹ 3,480
साधन कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद = बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पादअप्रत्यक्ष कर
= 3,480 – 200
= ₹ 3,280
बाजार कीमत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद = बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पादघिसावटे व्यय
= 3,480 – 200
= ₹ 3,280

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