अपकिरण की माप : विस्तार(Measure of Dispersion : Range)

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अपकिरण की माप : विस्तार(Measure of Dispersion : Range)

केवल माध्य को ज्ञात करके हम समंक माला के बारे में सही जानकारी नही प्राप्त कर सकते। माध्य के साथ साथ आवर्ती वितरण के आकर का ज्ञान भी सही परिणाम पर पहुचने के लिए आवश्यक है अर्थात् यह जानना आवश्यक है कि पद माला का प्रत्येक पद, माध्य से कितनी दुरी पर है या कितना बड़ा या छोटा है? अपकिरण से श्रंखला की रचना का ज्ञान प्राप्त होता है।

मूल रूप से, डेटा के इस सेट में अपकिरण का एक छोटा मूल्य है:

1, 2, 2, 3, 3, 4

… और इस सेट में अपकिरण का एक व्यापक मूल्य है:

0, 1, 20, 30, 40, 100

डाॅ. बाॅउले के अनुसार,''अपकिरण पदों के विचरण का माप है।"

स्पीगेल ने अपकिरण को इस रूप में परिभाषित किया – “संख्यात्मक आंकड़े एक माध्य मूल्य के दोनों ओर फैलाव की जिस सीमा तक प्रवृत्ति रखते हैं, उस सीमा को उन आंकड़ों का विचरण या अपकिरण कहते हैं।”

 अपकिरण के माप से संबंधित उद्देश्य एवं महत्त्व :

अपकिरण के माप से संबंधित कुछ मुख्य उद्देश्य एवं महत्त्व निम्नलिखित हैं :

1. श्रृंखला के औसत मूल्य से, मदों के विभिन्न मूल्यों की औसत दूरी ज्ञात करना।

2. श्रंखला की बनावट के बारे में सूचना प्राप्त करना है अर्थात यह पता लगाना है कि औसत मूल्य के दोनों ओर मूल्यों का बिखराब या फैलाव कितना है।

3. मध्य मूल्यों का सीमा विस्तार ज्ञात करना।

4. दो या अधिक श्रृंखलाओं में पाई जाने वाली असमानता की तुलना करके यह निश्चय करना कि किसमें विचरण की मात्रा अधिक है।

5. अपकिरण का एक उद्देश्य यह ज्ञात करना है कि औसत श्रृंखला का सही प्रतिनिधित्व कर रहा है या नहीं।

     अपकिरण के माप:

अपकिरण के निम्नलिखित दो माप होते हैं :

i) निरपेक्ष माप : जब श्रृंखला के अपकिरण को श्रृंखला की मौलिक इकाईयों के रूप में व्यक्त किया जाता है तो यह अपकिरण का निरपेक्ष माप कहलाता है। अतः कीमतों के उपकरणों को रुपयों में व्यक्त किया जाता है ; भार के अपकिरण को किलोग्राम में व्यक्त किया जाता है ; आदि।

अपकिरण के निरपेक्ष माप का प्रयोग वहां उचित होता है जहां केवल किसी एक ही वितरण का वर्णन करना होता है। इसके द्वारा दो या दो से अधिक श्रृंखलाओं की भिन्न भिन्न इकाइयों के साथ तुलना नहीं की जा सकती।

ii) सापेक्ष माप : अपकिरण का सापेक्ष माप आंकड़े के अंतर को अनुपात या प्रतिशत के रूप में व्यक्त करता है। सापेक्ष माप को ज्ञात करने के लिए निरपेक्ष माप को श्रृंखला के औसत मूल्य से भाग कर दिया जाता है या उसका प्रतिशत ज्ञात किया जाता है। सापेक्ष माप का प्रयोग वही उचित होता है जहां दो या दो से अधिक श्रृंखलाओं की तुलना करनी हो।अपकिरण के सापेक्ष माप को अपकिरण का गुणांक कहते हैं।

अपकिरण मापने की रीतियां

निरपेक्ष माप
सापेक्ष माप
1 विस्तार 1 विस्तार गुणांक
2

चतुर्थक विचलन,अन्तर-चतुर्थक विस्तार

2 चतुर्थक विचलन गुणांक
3 माध्यम विचलन 3 माध्यम विचलन गुणांक
4 प्रमाप विचलन 4 प्रमाप विचलन गुणांक
5 लाॅरेन्ज वक्र

(A) विस्तार (Range)

विस्तार : विस्तार अपकिरण का सबसे सरलतम माप है। विस्तार किसी श्रृंखला में अधिकतम (L) एवं न्यूनतम (S) मानों के बीच का अंतर है। इसकी गणना निम्नलिखित सूत्र द्वारा की जा सकती है। सूत्र :

           R = L – S

यहां, R = विस्तार; L = अधिकतम मान; S = न्यूनतम मान.

विस्तार गुणांक : विस्तार अपकिरण का एक निरपेक्ष मान है जिसकी सहायता से श्रृंखलाओं की ठीक प्रकार से तुलना नहीं हो सकती। इसे तुलना योग्य बनाने के लिए सापेक्ष रूप में बदलना पड़ेगा। इसके लिए विस्तार गुणांक निकाला जाता है।

विस्तार गुणांक श्रृंखला के (i) सबसे बड़े मान तथा सबसे छोटे मान के अंतर तथा (ii) श्रृंखला के सबसे बड़े मान तथा सबसे छोटे मान के योग का अनुपात है। विस्तार गुणांक का सूत्र इस प्रकार से है:

विस्तार गुणांक = `\frac{L-S}{L+S}` 

    विस्तार के गुण या उपयोग:

1.यह श्रृंखला के अपकिरण का सबसे सरल माप है। इसकी गणना करना तथा इसे समझना बहुत ही सरल है।

2. यह हमें एक नज़र में भी समस्या की कुल तस्वीर देता है।

3. इसका उपयोग गुणवत्ता नियंत्रण के लिए किसी उत्पाद की गुणवत्ता की जांच करने के लिए किया जाता है। रेंज और चार्ट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इस प्रकार गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विस्तार का महत्वपूर्ण योगदान है।

4.हम विस्तार से सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव का अनुमान भी लगा सकते हैं।

5.विस्तार, स्टाॅक और शेयर की कीमत अंतरों के अध्ययन में विशेष रूप से लाभदायक है।

6.ऋतु विज्ञान में भी विस्तार का प्रयोग करके न्यूनतम तथा अधिकतम तापमान निर्धारित किया जाता है। यह सूचना जनता के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होती है।

   विस्तार की दोष या सीमाएँ या कमियां:

1.विस्तार, श्रेणी की सभी आंकड़ों पर आधारित नहीं है। यह केवल चरम आंकड़ों से ही इसके आकार को दर्शाती हैं। इसलिए सीमा पूरी तरह से डेटा का प्रतिनिधि नहीं हो सकती है क्योंकि अन्य सभी मध्य मानों को अनदेखा किया जाता है।

2.विस्तार अपकिरण का स्थिर माप नहीं है। यह सीमांत मानों पर निर्भर करता है। इसमें होने वाले परिवर्तन का श्रृंखला के विस्तार पर तुरंत प्रभाव पड़ता है।

3.विस्तार भी कम से कम नहीं बदलता है, भले ही अन्य सभी, बीच में, शब्द और चर बदल जाते हैं …

4.नमूने के उतार-चढ़ाव से सीमा बहुत अधिक प्रभावित होती है। नमूने के आकार से नमूने के विस्तार में भी परिवर्तन होता है। जैसे-जैसे नमूने का आकार बढ़ता है रेंज बढ़ती जाती है और इसके विपरीत।

5.विस्तार से श्रृंखला की बनावट की जानकारी प्राप्त नहीं होती।

6.ओपन-एंड अंतराल के लिए, सीमा अनिश्चित है क्योंकि इस तरह की श्रंखला में पहले और अंतिम अंतराल की निचली और ऊपरी सीमाएं नहीं दी गई हैं।

   व्यक्तिगत श्रेणी में विस्तार

प्रश्न :- निम्नलिखित आंकड़ों का विस्तार एवं विस्तार गुणांक ज्ञात कीजिए

अंक - 20,30,32,35,40,50,90

अधिकतम अंक = 90 ; न्यूनतम अंक = 20

विस्तार = L - S = 90 - 20 = 70

विस्तार गुणांक = `\frac{L-S}{L+S}` 

`=\frac{90-20}{90+20}=\frac{70}{110}=0.63`

खण्डित श्रेणी में विस्तार

प्रश्न :- निम्नलिखित आंकड़ों का विस्तार एवं विस्तार गुणांक ज्ञात कीजिए ।

अंक विद्यार्थियों की संख्या
10 2
20 5
30 3
40 1
50 4
60 5
70 3
80 1

अधिकतम अंक = 80 ; न्यूनतम अंक = 10

विस्तार = L - S = 80 - 10 = 70

विस्तार गुणांक = `\frac{L-S}{L+S}` 

`=\frac{80-10}{80+10}=\frac{70}{90}=0.77`

सतत श्रेणी में विस्तार

प्रश्न :- निम्नलिखित आंकड़ों का विस्तार एवं विस्तार गुणांक ज्ञात कीजिए ।

अंक विद्यार्थियों की संख्या
10-20 2
20-30 4
30-40 3
40-50 5
50-60 1
60-70 3

अधिकतम अंक = 70 ; न्यूनतम अंक = 10

 विस्तार = L - S = 70 - 10 = 60

विस्तार गुणांक = `\frac{L-S}{L+S}` 

`=\frac{70-10}{70+10}=\frac{60}{80}=0.75`

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