Sociology Model Question Solution Set-3 Term-2 (2021-22)

Sociology Model Question Solution Set-3 Term-2 (2021-22)

झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद राँची (झारखण्ड)

द्वितीय सावधिक परीक्षा (2021-2022)

प्रतिदर्श प्रश्न पत्र                                         सेट- 03

कक्षा-12

विषय- समाजशास्त्र

समय- 1 घंटा 30 मिनट

पूर्णांक- 40

 

सामान्य निर्देश:

» परीक्षार्थी यथासंभव अपनी ही भाषा-शैली में उत्तर दें।

» इस प्रश्न-पत्र के खंड हैं। सभी खंड के प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है।

» सभी प्रश्न के लिए निर्धारित अंक उसके सामने उपांत में अंकित है।

» प्रश्नों के उत्तर उसके साथ दिए निर्देशों के आलोक

प्रश्न 1.जाति की परिभाषा दें।

उत्तर-जाति एक सामाजिक समूह है जो अपने सदस्यों को खान-पान, विवाह, व्यवसाय और सामाजिक संपर्क के संबंध में कुछ प्रतिबन्ध मानने के लिए निर्देशित करती है।

प्रश्न 2. जनांकिकी की परिभाषा दें।

उत्तर-“जनांकिकी वह विज्ञान है जो जनसंख्या की सामान्य गतियों, भौतिक सामाजिक, बौद्धिक एवं नैतिक दशाओं का अध्ययन करता है और कहीं अधिक विस्तृत अर्थों में वह मानव जाति का प्राकृतिक और सामाजिक इतिहास है।"

प्रश्न 3. पूर्वाग्रह से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर-पूर्वाग्रह एक ऐसी मनोवृत्ति है जिसका संबंध हमारे कुछ संवेगों से होता है तथा इसकी प्रकृति-साधारणतया विद्वेषपूर्ण होती है

प्रश्न 4. अन्य पिछड़े वर्ग का अर्थ स्पष्ट करें।

उत्तर-अन्य पिछड़े वर्ग का तात्पर्य हिन्दू और मुस्लिम समुदाय की उन निम्न जातियों से है जो अनुसूचित जातियाँ न होने के बाद भी सामाजिक, आर्थिक तथा शैक्षणिक आधार पर पिछड़ी हुई हैं।

प्रश्न 5. क्षेत्रवाद से क्या समझते हैं ?

उत्तर-क्षेत्रवाद का तात्पर्य एक विशेष क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की उस भावना से है जिसके अंतर्गत वे अपनी एक विशेष भाषा, सामान्य संस्कृति, इतिहास और व्यवहार प्रतिमानों के आधार पर उस क्षेत्र से विशेष अपनत्व महसूस करते हैं तथा क्षेत्रीय आधार पर स्वयं को एक समूह के रूप में देखते हैं।

प्रश्न 6. पितृसत्ता से क्या समझते हैं ?

उत्तर-पितृसत्ता वह व्यवस्था है जिसमें परम्परा और व्यवहार के नियमों द्वारा स्त्रियों की तुलना में पुरुषों की शक्ति और सत्ता को अधिक महत्व दिया जाता है।

प्रश्न 7. परियोजना कार्य से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- परियोजना कार्य वह है जो किसी विषय या समस्या का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 8. उपनिवेशवाद से क्या समझते हैं ?

उत्तर-उपनिवेश का तात्पर्य उस शासक प्रशासक तंत्र से है जो साम्राज्य का विकास करना चाहता है, जब वह उपनिवेशवाद को अपनाता है। सशक्त शासक जब दूसरे शासक को पराजित करके अपने साम्राज्य के तहत विभिन्न उपनिवेश स्थापित करता है, तो ऐसी क्रिया को ही उपनिवेशवाद कहा जाता है। इंगलैंड ने अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए संसार के विभिन्न देशों में उपनिवेश को स्थापित किया था और उसे अपने शासन के अधीन रखा था। उसने भारतीय महाद्वीप में भी अपने उपनिवेश स्थापित किए थे।

प्रश्न 9. जन संचार से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर-जन संचार एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा कुछ विचारों को अनेक साधनों के द्वारा पूरे समुदाय तक पहुँचाया जाता है। ऐसे संचार का संबंध जनसाधारण के बहुत बड़े हिस्से से होता है । इसी को हम जनसंचार कहते हैं।

प्रश्न 10. कृषक समाज से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर-रोबर्ट रेडफील्ड के अनुसार "कृषक समाज का तात्पर्य उन ग्रामीण लोगों से है जो जीवन निर्वाह के लिए अपनी भूमि को स्वयं जोतते हैं तथा कृषि जिनके परम्परागत जीवन का मुख्य आधार होता है।"

प्रश्न 11. भूमंडलीकरण पर प्रकार डालें।

उत्तर-भूमंडलीकरण व्यापार और विनिमय के अवरोध को समाप्त कर विश्व अर्थव्यवस्था को एकीकृत करता है । यह नव उदारतावाद का परिणाम है। वर्तमान में महाशक्तियाँ और उनसे जुड़ी वित्तीय और बहुराष्ट्रीय संस्थाएँ एक नई अर्थव्यवस्था लाना चाहती हैं। भू-मंडलीकरण मुक्त बाजार की स्थिति में विश्व की अर्थव्यवस्थाओं के एकीकरण की प्रक्रिया है।

प्रश्न 12. परियोजना कार्य के उद्देश्य पर प्रकाश डालें।

उत्तर-प्रोजेक्ट कार्य का उद्देश्य उपयोगितावादी या रचनात्मक होता है। प्रोजेक्ट कार्य से जो ज्ञान प्राप्त किया जाता है वह उपयोगी और व्यावहारिक होता है। संभवत: उसी बात को दृष्टि में रखते हुए आई.बी. वर्मा ने लिखा है "ज्ञान उपयोगी और व्यावहारिक होना चाहिए।" प्रोजेक्ट कार्य इस उपयोगिता को सुनिश्चित करता है क्योंकि वह बनावटी नहीं होता वरन् स्वाभाविक परिस्थितियों के अन्तर्गत क्रियान्वित किया जाता है। यह अच्छे परिणाम देता है, उसमें बर्बादी कम से कम होती है। वह बालकों को पूर्ण संतुष्टि व उपयोगी परीक्षण देता है।

प्रश्न 13. उपनिवेशवाद के कारण आर्थिक संरचना में होने वाले परिवर्तन का वर्णन करें।

उत्तर-उपनिवेशवाद के कारण आर्थिक संरचना में भारत के व्यापार, उत्पादन और कृषि में गहरे विघटन हुए। उपनिवेशवाद द्वारा प्रदान किए गए आर्थिक सुअवसरों का लाभ उठाने के लिए समुदायों का जन्म हुआ जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद भी अपनी आर्थिक शक्ति को निरंतरता से बनाए रखा। इतिहासकार उपनिवेश काल को एक संधिकाल के रूप में देखते हैं। इस काल के दौरान भारत विश्व की पूँजीवादी अर्थव्यवस्था से और अधिकता से जुड़ गया। अंग्रेजी राज से पूर्व भारत से केवल निर्मित वस्तुओं का ही व्यापार होता था। परन्तु उपनिवेशवाद के बाद भारत कच्चे माल और कृषक उत्पादों का स्रोत बन गया। भारत से अब निर्मित सामान के अलावा कृषि उत्पाद व उद्योग के लिए कच्चा- माल भी निर्यात किया जाने लगा। नए-नए व्यापारों और व्यवसायों को विभिन्न समूहों ने अपनायो । भारत में बाजार अर्थव्यवस्था के विस्तार ने कुछ व्यापारिक समुदायों को नए अवसर प्रदान किए, जिन्होंने बदलती हुई आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को पुनर्गठित किया।

प्रश्न 14.आधुनिकीकरण की परिभाषा दें।

उत्तर-आधुनिकीकरण सांस्कृतिक व्यवहारों का एक विशेष रूप है जिसमें सार्वभौमिक विकास से संबंधित कुछ विशेषताएँ पायी जाती हैं। ये विशेषताएँ मानवतावाद से संबंधित होने के साथ किसी विशेष धर्म या विचारधारा पर आधारित नहीं होती।

प्रश्न 15. जनजाति की अवधारणा का वर्णन करें।

उत्तर-जनजाति शब्द ऐसे समुदायों के लिए प्रयुक्त होता है जो बहुत पुराने हैं और उपमहाद्वीप के सबसे पुराने अधिवासी हैं। जनजातियाँ एक समुदाय थे जो किसी लिखित धर्मग्रंथ के अनुसार किसी धर्म का पालन नहीं करते थे। उनका कोई संगठन नहीं था, न ही समुदाय कठोर रूप से वर्गों में बँटे हुए थे। इनकी सबसे महत्त्वपूर्ण बात थी कि उनमें जाति जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी न ही वे हिन्दू थे और न ही किसान ।

प्रश्न 16. साम्प्रदायिकता से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर-सांप्रदायिकता का अर्थ है-धार्मिक पहचान पर आधारित उग्र राष्ट्रवाद । यह विश्वास करना कि धर्म ही व्यक्ति या समूह की पहचान के सभी अन्य पक्षों की तुलना में सर्वोपरि होता है। आम तौर पर, यह उन व्यक्तियों या समूहों के प्रति एक आक्रामक और शत्रुतापूर्ण रवैया होता है जो दूसरों के धर्मों का आदर करते व उन्हें मानते हैं अथवा जिनकी गैर-धार्मिक पहचान होती है। संप्रदायवाद की एक प्रमुख विशिष्टता उसका यह दावा है कि धार्मिक पहचान अन्य सभी की तुलना में सर्वोपरि होती है। प्रत्येक व्यक्ति की पहचान उसके धर्म, उसकी जाति के आधार पर ही होती है।

प्रश्न 17.औद्योगीकरण का सामाजिक, जीवन पर प्रभाव का वर्णन करें।

उत्तर-प्रौद्योगिकी ने सामाजिक जीवन को बहुत अधिक प्रभावित किया है इसका सामाजिक संबंधों पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है-

(1) परिवार संस्था पर प्रभाव-औद्योगीकरण के फलस्वरूप परिवार के बहुत से कार्यों को विभिन्न संस्थाओं और समितियों ने ले लिया है । आज संयुक्त परिवार प्रणाली का विघटन हो रहा है, उसके स्थान पर एकाकी परिवारों का चलन तेजी से बढ़ रहा है।

(ii) विवाह संस्था पर प्रभाव-औद्योगीकरण के फलस्वरूप नये नगरों की स्थापना हो रही है।

(iii) धार्मिक संस्थाओं पर प्रभाव-धर्म के प्रति लोगों की भावना कम हो रही है। वैज्ञानिक आविष्कारों ने मनुष्य की प्रकृति पर विजय प्राप्त करने की क्षमता को बढ़ाया है।

(iv) स्त्रियों की सामाजिक स्थिति में परिवर्तन-स्त्रियाँ अब घर की चहारदीवारी से बाहर निकलकर पुरूषों के समान विभिन्न व्यवसायों को करने लगी हैं।

(v) नागरिक जीवन पर प्रभाव-प्रौद्योगिकी की उन्नति से सामाजिक जीवन पर विभिन्न प्रकार के प्रभाव पड़ रहे हैं।

(vi) मूल्यों और विश्वासों में परिवर्तन-औद्योगीकरण के फलस्वरूप जीवन के मूल्यों में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं।

प्रश्न 18. पर्यावरण आंदोलन में सरकार की भूमिका का वर्णन करें।

उत्तर-पर्यावरण संरक्षण के लिए अब सरकार भी सक्रिय है और इसके लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं, जिसमें प्रमुख हैं-

(i) राष्ट्रीय पर्यावरण न्यायाधिकरण की स्थापना,

(ii) पर्यावरण वाहिनी सेना का गठन,

(iii) वन संरक्षण एवं वृक्षारोपण,

(iv) जीव-जंतुओं का संरक्षण (वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम, 1972)

(vi) प्रदूषण नियंत्रण,

(a) जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम, 1974

(b) वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम, 1974

(c) जल उपकरण अधिनियम तथा पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम, 1986

(vi) संशोधित राष्ट्रीय वन नीति

(vii) शिक्षा एवं प्रशिक्षण :

(a) इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वनरेंजर कॉलेज

(b) भारतीय वन प्रबन्धन संस्थान, भोपाल

(c) भारतीय वन जीव संस्थान

(d) राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् ।

प्रश्न 19. निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़ें और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

उत्तर-'हमलोग' के दर्शकों के बारे में अध्ययन करने से दर्शक वर्ग के सदस्यों एवं उनके प्रिय 'हम लोग' के पात्रों के बीच उच्चकोटि की परासामाजिक अंतःक्रिया का पता चलता है। उदाहरण के लिए 'हम लोग' के बहुत से दर्शकों ने यह बताया कि उन्होंने अपने निजी 'निवास कक्षों के एकांत में अपने प्रिय पात्रों से मिलने के लिए अपने दैनिक कार्यों में यथोचित परिवर्तन कर लिए थे। अन्य कार्य में लगे व्यक्तियों ने बताया कि टेलीविजन सेटों के माध्यम से अपने प्रिय पात्रों से बताचीत करते थे; उदाहरण के लिए, "बड़की चिंता मत करो।' जीवन बनाने का अपना सपना मत छोड़ो।" 'हम लोग' को देखने वालों की संख्या उत्तर भारत में 65 से 90 प्रतिशत और दक्षिण भारत में 20 से 40 प्रतिशत तक थी। औसतन लगभग 5 करोड़ दर्शक 'हमलोग' का प्रसारण देखते थे। इस सोप ओपेरा का एक असामान्य पक्ष यह था कि दर्शकों के इसके बारे में बड़ी संख्या में यानी 4,00,000 से भी अधिक पत्र प्राप्त हुआ करते थे, वे इतने अधिक होते थे कि उनमें से अधिकांश तो 'दूरदर्शन' के अधिकारियों द्वारा खोले भी नहीं जा सकते थे।

[स्रोत : सिंघल एवं रोजर्स 2001]

(a) 'हमलोग' जैसे दूरदर्शन कार्यक्रम के दर्शक अपनी रुचि किस प्रकार प्रकट करते हैं ? आपके विचार से, दर्शकों की इस सीरियल के प्रति रुचि क्यों होती थी?

उत्तर-'हमलोग' भारत का सबसे लम्बे समय तक चलने वाला धारावाहिक था। यह पहला मनोरंजक कार्यक्रम शैक्षिक अंतर्वस्तु (Content) तथा मनोरंजन शिक्षा का संयुक्त रणनीति का प्रयोग था। इसमें दर्शक अपने प्रिय पात्रों के बीच उच्चकोटि के परासामाजिक अंतःक्रिया (Interaction) करते हैं जिसके कारण हमलोग जैसे प्रोग्राम में वे विशेष रुचि दिखाते हैं। इस रुचि के कारण पर मेरा विचार है कि वे सामाजिकता के साथ अपनी तादात्मकता स्थापित करते थे और उन पात्रों के माध्यम से अपनी बात रखते थे। इसलिए 'हमलोग' धारावाहिक दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ।

(b) उन तरीकों का वर्णन करें जिसमें दूरदर्शन की तरह जनसंचार माध्यम शक्तिशाली अभिकरण के रूप में जन विचार को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों रूपों में प्रभावित करते हैं।

उत्तर-दूरदर्शन जनसंचार माध्यम का सबसे शक्तिशाली अभिकरण है जिससे प्रसारित होने वाले अनेक मनोरंजन कार्यक्रम तथा विज्ञापन दर्शकों में विशेष रुचि पैदा करते हैं । अतः इसका व्यापक प्रभाव जनविचार पर पड़ता है जो दो रूपों में प्रकट होता है-सकारात्मक और नकारात्मक । जनसंचार का सकारात्मक प्रभाव यह पड़ता है कि लोगों की मनोवृत्ति और मूल्यों में परिवर्तन आता है। सूचना, नवीन कौशल और तकनीकी ज्ञान भी लोगों को मिलता है। फलतः नये विचारों और विविध विषयों के विषय में लोग अब अधिक जानने लगे हैं। इससे नई सांस्कृतिक चुनौतियाँ भी पैदा हुई है जो नकारात्मक प्रभाव के अंतर्गत आती हैं। अत: कहा जा सकता है कि जनसंचार व्यक्तिगत रुचियों को नष्ट कर रहा है और पलायनवाद को बढ़ावा दे रहा है। सामग्रियों को बेचने के लिए विज्ञापन में नारियों का गलत इस्तेमाल कर रहा है। इससे नारी-देह-प्रदर्शन को बढ़ावा मिला है जिसका गलत प्रभाव युवा मन पर पड़ रहा है।

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