Sociology Model Question Solution Set-4 Term-2 (2021-22)

Sociology Model Question Solution Set-4 Term-2 (2021-22)

झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद राँची (झारखण्ड)

द्वितीय सावधिक परीक्षा (2021-2022)

प्रतिदर्श प्रश्न पत्र                                         सेट- 04

कक्षा-12

विषय- समाजशास्त्र

समय- 1 घंटा 30 मिनट

पूर्णांक- 40

 

सामान्य निर्देश:

» परीक्षार्थी यथासंभव अपनी ही भाषा-शैली में उत्तर दें।

» इस प्रश्न-पत्र के खंड हैं। सभी खंड के प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है।

» सभी प्रश्न के लिए निर्धारित अंक उसके सामने उपांत में अंकित है।

» प्रश्नों के उत्तर उसके साथ दिए निर्देशों के आलोक

प्रश्न 1. लघु परम्परा से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर-जब किसी इकाई का स्वरूप छोटा हो तो उसे लघु संरचना कहते हैं लघु संरचना प्राथमिक अवधान है।

प्रश्न 2. 'नगरीकरण' को परिभाषित करें।

उत्तर-सामाजिक, सांस्कृतिक तथा राजनीतिक संबंधों की विस्तृत श्रृंखला नगरीकरण कहलाती है। ऐसे केंद्रीयकृत बस्ती समूह जिसमें सुव्यवस्थित केंद्रीय प्रणाली कार्य करती हो नगरीकरण कहलाती है।

प्रश्न 3. 'विवाह' को परिभाषित करें।

उत्तर-अपने ही जाति या विजाती में स्री-पुरुष के मध्य लैंगीक समझौता विवाह कहलाता है। विवाहोपरांत स्री-पुरुष; पति-पलि के रूप में निवास करते हैं एवं उनसे उत्पन्न बच्चों को सामाजिक मान्यता मिल जाती है।

प्रश्न 4. 'परिवार' को परिभाषित करें।.

उत्तर-परिवार से तात्पर्य माता-पिता, पत्नी, भाई, बच्चों का संगठित समूह है। इनका एक उद्देश्य होता है एवं परिवार निश्चित भू-भाग पर निवास करता है।

प्रश्न 5. 'परिहास' को परिभाषित करें।

उत्तर-हैसी-ढिढोली युक्त वातावरण परिहास कहलाता है। यह एक प्रकार का मनोरंजन है। किंतु इसकी अति मानसिक दोष है जिसमें किसी व्यक्ति विशेष या समाज पर परिहास किया जाता है।

प्रश्न 6. 'उपनिवेशवाद' को परिभाषित करें।

उत्तर-आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु किसी देश, भू-भाग या समाज पर जबरन अधिकार करना उपनिवेशवाद कहलाता है। उपनिवेशवाद के कारण विश्व दो-दो महायुद्धों को भुगत चुका है।

प्रश्न 7. राजनीतिक दल से आप क्या समझते हैं?

उत्तर-राजनैतिक उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु संगठित समूह राजनीतिक दल कहलाता है। काँग्रेस पार्टी, भारतीय जनता पार्टी इत्यादि राजनैतिक दलों के नाम हैं। ये देश में सरकार बनाकर नितियाँ निर्धारित करते हैं।

प्रश्न 8. 'पश्चिमीकरण' की परिभाषा दें ?

उत्तर-पश्चिमीकरण का तात्पर्य भारतीय समाज के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में पैदा होने वाले उन सभी परिवर्तनों से है जो पश्चिम की प्रौद्योगिकी, व्यवहार के नियमों, विचारों और सामाजिक मूल्यों से संबंधित है ।

प्रश्न 9. जनजाति की विशेषताओं का वर्णन करें ।

उत्तर-जनजाति का आधार निश्चित क्षेत्र (भू-भाग), भाषा तथा सांस्कृतिक होता है। जनजाति में ऊँच-नीच की भावना नहीं होती है। जनजाति में अपनी जनजाति के अलावे दूसरी जनजाति के साथ खान-पान पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं होता है। जनजातियों को समाज में आत्मसात् किया गया है, जो संस्कृतिकरण का परिणाम है। जनजातीय संस्कृति आज भी भिन्न और विशेष है।

प्रश्न 10. पंचायती राज से क्या समझते हैं ?

उत्तर-पंचायती राज का अर्थ है एक विशेष व्यवस्था, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में जनता द्वारा निर्वाचित सदस्यों द्वारा स्वशासन करना तथा राज्य सरकार की सहायता देना है।

प्रश्न 11. भूमि-सुधार से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर-भूमि-सुधार का तात्पर्य कृषि भूमि की एक ऐसी व्यवस्था करता जिसमें छोटे और भूमिहीन किसानों की आर्थिक दशा में सुधार हो सके ।

प्रश्न 12. भारत के दो प्रमुख पृथकतावादी आंदोलनों का परिचय दें।

उत्तर-(i) नागा आंदोलन-भारत की स्वतंत्रता से पहले से ही नागा आंदोलन का प्रमुख उद्देश्य भारत से अलग एक नागालैण्ड की माँग रही है। अनेक नागा भूमिगत होकर आंदोलन चलाने लगे और हिंसक घटनाओं में वृद्धि होने लगी। सन् 1961 में नागालैंड को एक पृथक राज्य के रूप में मान्यता मिली लेकिन यह विद्रोह आज भी जारी है।

(ii) मिजो आंदोलन-मिजो लोगों ने अपनी भाषा की मांग करते हुए सन् 1961 में आंदोलन आरंभ किया और लालडेंगा के नेतृत्व में 'मिजो नेशनल फ्रण्ट' की स्थापना हुई। इस आंदोलन के फलस्वरूप सन् 1986 में मिजोरम एक पृथक राज्य बन गया और यह आंदोलन समाप्त हुआ।

प्रश्न 13. आजीविका के आधार पर जनजातियों का वर्गीकरण करें।

उत्तर-आजीविका के आधार पर जनजातियों को चार वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-

(i) शिकारी वर्ग-शिकारी वर्ग की जनजातियाँ आजीविका के लिए पूर्णतः जंगलों पर निर्भर करती हैं और कंदमूल, फल, शहद, शिकार और मछली पर निर्भर करती हैं।

(ii) पशुपालक वर्ग-पशुपालक वर्ग का आर्थिक जीवन पशुओं के पालन और उसके उत्पाद पर निर्भर है।

(iii) कृषक वर्ग-कृषक जनजातियों का मुख्य पेशा खेती करना है।

(iv) उद्योगों में संलग्न जनजाति-जो जनजातियाँ अपने क्षेत्र की खानों, चाय-बगानों और अन्य उद्योगों में श्रमिक के रूप में संलग्न हैं वे चौथे वर्ग में आते हैं।

प्रश्न 14. भारत में राज्य की वर्तमान भूमिका पर प्रकाश डालें।

उत्तर-भारत में राज्य के मुख्य कार्य इस प्रकार हैं-

(i) आंतरिक शांति और व्यवस्था की स्थापना,

(ii) कल्याणकारी राज्य के लक्ष्य की प्राप्ति,

(iii) सामाजिक-आर्थिक विषमताओं का समाधान,

(iv) स्वस्थ राजनीति का विकास,

(v) वंचित वर्गों की दशा में सुधार,

(vi) आरक्षण की विवेकशील नीति,

(vii) कृषि का विकास,

(viii) शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था,

(ix) विकास योजनाओं की व्यावहारिकता को देखना और

(x) राष्ट्रवाद का विकास।

प्रश्न 15. भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों के सरंक्षण के लिए क्या प्रावधान हैं?

उत्तर-भारत के संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 में अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए अनेक प्रावधान है।

(i) भारत के राज्य क्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी नागरिकों के किसी अनुभाग को, जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है उसे बनाए रखने का अधिकार होगा।

(ii) राज्य द्वारा संपोषित या राज्य निधि से सहायता पाने वाली किसी शिक्षा संस्थान में प्रवेश से किसी भी नागरिक को केवल धर्म, मूलवंश, जाति, भाषा या इनमें से किसी के आधार पर वचित नहीं किया जा सकता।

अनुच्छेद 30 में प्रावधान हैं-

(i) धर्म या आषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी रुचि की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा।

(ii) शिक्षा संस्थाओं को सहायता देने में राज्य किसी शिक्षा संस्था के विरूद्ध इस आधार पर विभेद नहीं करेगा कि वह धर्म या भाषा पर आधारित किसी अल्पसंख्यक वर्ग के प्रबंध में है।

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए 1993 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग प्रभाव में आया। इसे 15 सूत्री कार्यक्रम को अमल में लाकर अल्पसंख्यकों के कल्याण और सुरक्षा के लिए कार्य करना है।

प्रश्न 16. परियोजना-कार्य के चरणों की व्याख्या करें।

उत्तर-जब हम किसी विषय का अध्ययन करने के लिए कोई परियोजना बनाते हैं, तब हमें बहुत व्यवस्थित ढंग से अपने कार्य को पूरा करना होता है। इसके लिए विभिन्न चरणों से होकर गुजरना पड़ता है। वे चरण निम्नलिखित हैं-

(i) विषय का चुनाव,

(ii) अध्ययन क्षेत्र का निर्धारण,

(iii) सूचनाओं का चुनाव,

(iv) अध्ययन की विधियों में प्रविधियों का निर्धारण,

(v) अवधारणाओं का स्पष्टीकरण,

(vi) तथ्यों का संकलन,

(vii) तथ्यों का विश्लेषण एवं विवेचन,

(viii) निष्कर्षीकरण या सामान्यीकरण और अंत में रिपोर्ट प्रस्तुत करना

(ix) परिशिष्ट (संदर्भ ग्रंथसूची) आदि।

प्रश्न 17. सामाजिक-धार्मिक आंदोलन के विभिन्न कालों का वर्णन करें।

उत्तर-भारत में सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन के दो युग रहे हैं-

(i) मध्यकाल का युग- इसमें वीर शैव सम्प्रदाय, कबीर, बल्लभ तथा चैतन्य ने धार्मिक और सामाजिक आधार पर अनेक सुधार के कार्य किए।

(ii) 19वीं शताब्दी का आंदोलन- इसमें ब्रह्म समाज, प्रार्थना समाज, आर्य समाज, रामकृष्ण मिशन, भारत सेवक समाज तथा स्वदेशी आंदोलन प्रमुख हैं।

19वीं शताब्दी के सुधार आंदोलनों का प्रमुख उद्देश्य था-सामाजिक कुप्रथाओं पर तीखे प्रहार, छुआछूत और जातिगत असमानताओं का विरोध, धार्मिक अंधविश्वासों का विरोध, मानवता को विकसित करना तथा हिन्दू धर्म की प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना आदि।

प्रश्न 18. दबाव समूहों की विशेषताओं का उल्लेख करें। इनका वर्गीकरण कैसे करते हैं?

उत्तर-दबाव समूह की प्रमुख विशेषताएँ हैं-

(i) औपचारिक संरचना,

(ii) संपर्क की निरंतरता,

(ii) निर्णय की प्रक्रिया को प्रभावित करना,

(iv) सामान्य दृष्टिकोण और अप्रत्यक्ष राजनीति ।

आमण्ड ने दबाव समूह को चार वर्गों में बाँटा है-

(i) संस्थागत समूह,

(ii) संगठनकारी समूह

(iii) गैर-संगठनकारी समूह और,

(iv) अप्रतिमानित समूह ।

प्रश्न 19. हरित क्रांति के प्रभावों का वर्णन करें।

उत्तर-हरितक्रांति के निम्नलिखित प्रभाव परिलक्षित होते हैं-

(i) हरित क्रांति के फलस्वरूप कृषकों की मनोवृत्ति में परिवर्तन हुए।

(ii) ग्रामीण जीवन में सामाजिक-आर्थिक संबंधों का एक नया रूप सामने आया।

(iii) गाँवों में परम्परागत धार्मिक विश्वासों का प्रभाव कम हुआ।

(iv) ग्रामीणों की कार्यकुशलता में वृद्धि हुई।

(v) ग्रामीणों में स्थान-परिवर्तन की प्रवृत्ति बढ़ी।

(vi) हरित क्रांति के फलस्वरूप ग्रामीण जीवन में अनेक नयी समस्याओं ने जन्म लिया।

(vii) श्रमिकों की बेरोजगारी बढ़ी और आर्थिक असमानताएँ बढ़ी।

(viii) कृषक आंदोलन आरंभ हुए।

(ix) उत्पादन की लागतों में वृद्धि हुई।

(x) हरित क्रांति से भारत खाद्यान्न के मामले में आत्म निर्भर हुआ।

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