👉ग्रीक
भाषा के दो शब्द 'Oiks' (घरेलू) और 'Nemenien' (प्रबंधन) से मिलकर बना है। इस
ग्रीक शब्द को हिन्दी में 'गृहस्थी प्रबंधन' कहते हैं। अर्थात सन्धि विच्छेद करने
पर यह दो शब्द -
अर्थ
: = धन
शास्त्र
= वैज्ञानिक अध्ययन
अर्थ
+ शास्त्र = अर्थशास्त्र (धन का विज्ञान / विज्ञानिक अध्ययन)
👉भारत
में चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल में कौटिल्य ने 'अर्थशास्त्र' नामक पुस्तक की रचना
की, परन्तु इस पुस्तक में अर्थशास्त्र एवं राजनीतिशास्त्र दोनों के विचार मिलते हैं।
👉
कौटिल्य को भारत का प्राचीनतम अर्थशास्त्री माना जाता है। इन्होंने
एक पुस्तक भी लिखी थी जिसे कौटिल्य का अर्थशास्त्र नाम से जाना जाता है।
👉अरस्तू
ने अपने ग्रन्थ 'इकोनॉमिका' में अर्थशास्त्र को गृह प्रबन्ध (House Management)
नाम दिया।
👉'वाणिकवादियों'
ने तथा प्रकृतिवादियों ने भी आर्थिक कार्यकलापों पर अपने विचार व्यक्त किये।
👉वणिकवादी
उच्च राष्ट्रवादी प्रकृति के अर्थशास्त्री थे।
👉वास्तव
में अर्थशास्त्र का जन्म 1776 में एडम स्मिथ की प्रसिद्ध पुस्तक
"An Enquiry In to the Nature & causes of Wealth of Nations के प्रकाशन
के बाद से हुआ।
👉एडम स्मिथ को अर्धशास्त्र का जनक इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन्होंने
अर्थशास्त्र के सम्बन्ध में फैले हुए सभी विचारों को संकलित करके उन्हें क्रमबद्ध
करके वैज्ञानिक रूप प्रदान किया।
👉एडम
स्मिथ प्रतिष्ठित विचारधारा के संथापक कहे जाते हैं।
👉प्रतिष्ठित
विचारधारा के प्रमुख समर्थक अर्थशास्त्रियों में डेविड रिकार्डों, माल्थस, जे० बी०
से, जे० एस० मिल, पीगू, इरविंग फिसर प्रमुख रूप से हैं।
👉अर्थशास्त्र
दो शब्दों के योग से बना है- अर्थ + शास्त्र, जिसका शाब्दिक
अर्थ, अर्थ का शास्त्र अर्थात् धन या सम्पत्ति का शास्त्र ।
👉एडम स्मिथ ने अपनी अर्थशास्त्र की परिभाषा में, "अर्थशास्त्र को
धन का विज्ञान' (Economics is the Science of Wealth) कहा है।
👉प्रो० जे० बी० से के अनुसार, अर्थशास्त्र वह विज्ञान है जो धन या
सम्पत्ति की विवेचना करता है।
👉प्रो०
वाकर के अनुसार, अर्थशास्त्र ज्ञान की वह शाखा है जो धन से सम्बन्धित
है।
👉प्रो० जे० एस० मिल के अनुसार अर्थशास्त्र मनुष्य से सम्बन्धित धन का
विज्ञान है।
👉चाणक्य (कौटिल्य) के अनुसार, धर्म, पुण्य,
सदाचार (Virtue & enjoyment) और आनन्द धन से ही मिलते हैं।
कौटिल्य
के अर्थशास्त्र में धर्म तथा काम दोनों ही क्रियाएं अर्थ पर निर्भर बताई गयी है । कौटिल्य
का कहना है कि " संसार में धन ही वस्तु हैं , धन के अधीन धर्म और काम है ।
" उनके अनुसार जिस प्रकार ज्ञान को प्रतिक्षण प्राप्त किया जाता है , ठीक उसी
प्रकार धन को भी कण - कण करके प्राप्त करना चाहिए ।
👉शुक्र के अनुसार, मनुष्यों को पवित्रता, सन्तोष और मुक्ति धन से ही मिलती
है।
👉प्रो० मार्शल के अनुसार - अर्थशास्त्र धन के विज्ञान के साथ-साथ मानव
कल्याण का शास्त्र है।
👉राबिन्स के अनुसार- मनुष्य की आवश्यकतायें अनन्त एवं असीमित होती हैं,
जिनकी पूर्ति के लिए मनुष्य के पास साधन सीमित होते हैं, अतः उपलब्ध साधनों के
वैकल्पिक प्रयोग होते हैं।
👉प्रो०
राबिन्स के अनुसार, अर्थशास्त्र चुनाव का विज्ञान है।
👉प्रो०
मार्शल के अनुसार, अर्थशास्त्र आदर्श विज्ञान है।
👉प्रो०
सैम्यूलसन ने समय तत्व को आधार बनाकर विकासवादी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
👉पॉल
सैमुएलसन 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली अर्थशास्त्रियों में से एक थे और उन्हें
1970 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
👉सैमुएलसन
ने नवशास्त्रीय संश्लेषण विकसित किया, जो नवशास्त्रीय सूक्ष्मअर्थशास्त्र और नव-कीनेसियन
मैक्रोइकॉनॉमिक्स को जोड़ता है।
👉आर्थिक
विश्लेषण की नींव (1947) 'Foundation of Economic Analysis' नामक पुस्तक की रचना प्रो०
सैम्यूलसन ने की है।
👉प्रो० जे० के० मेहता के अनुसार, आवश्यकता विहीनता का लक्ष्य सुख प्रदान
करता है।
👉कार्ल
मार्क्स के अनुसार- अर्थशास्त्र का उद्देश्य मानव समाज की प्रगति के नियम की खोज करना
है।
👉प्रो०
वेन्हम के शब्दों में अर्थशास्त्र उन तत्वों की व्याख्या (अध्ययन) करता है जो रोजगार एवं जीवन स्तर को प्रभावित
करते हैं।
👉"Nature & Significance of Economic Science"(1932) नामक पुस्तक की रचना प्रो० राबिन्स ने की है।
👉Principle
of Economics - पुस्तक की रचना 1890 में प्रो० मार्शल ने किया है।
👉Principle
of Economics & Taxation - 1817 में डेविड रिकार्डों ।
👉Valu & Capital 1936- जे० आर० हिक्स।
👉Stage
of Economic growth - डब्ल्यू० डब्ल्यू० रोस्टोव ।
👉Planned
Economy in India - प्रो० एम० विश्वेश्वरैया।
👉Das
Capital - कार्ल मार्क्स।
👉Poverty
& Un British rule in India - 1868 में दादा भाई नौरोजी।
👉Theory
of employment Interest & money-1936 में प्रो० कीन्स ।
👉Treatise
on Money - 1929 में प्रो० कीन्स ।
👉Economic
History of India- 1901 में आर० सी० दत्त ।
👉प्रो०
मार्शल, पीगू, हाट्रे, कीन्स आदि अर्थशास्त्री, अर्थशास्त्र को एक आदर्श विज्ञान मानते
हैं।
👉मिल्टन
फ्रीडमैन के अनुसार - अर्थशास्त्र कभी वास्तविक विज्ञान है, कभी आदर्श विज्ञान है अतः
अर्थशास्त्र का सम्बन्ध दोनों विज्ञानों से है।
👉कार्ल
मार्क्स ने समाजवादी विचारधारा का प्रबल समर्थन करते हुए पूंजीवादी दुराग्रह एवं शोषण
का कड़ा विरोध किया। शोषित मजदूरों के आन्दोलन में भाग लिया।
👉Pro
Keynes के अनुसार "अर्थशास्त्र ने परिभाषाओं से अपना गला घोंट डाला है।
👉ज्यूप्पन
के अनुसार "अर्थशास्त्र एक अपूर्ण विज्ञान है, इसलिए इसे निश्चित सीमा के भीतर
रखना अत्यन्त ही कठिन है। "