19.PGT बैंक (Bank)

बैंक (Bank)

➡️ अंग्रेजी भाषा का बैंक शब्द इलैलियन शब्द Banco का परिवर्तित रूप है।

➡️ आधुनिक बैंकिंग का प्रारम्भ 1609 में हालैण्ड में हुआ।

➡️ बैंक वह संस्था है जो अपने ग्राहकों से अथवा उनकी ओर से धन की रक्षा करता है, चेकों का भुगतान करता है, लाभ उसे उस धन के उपयोग से प्राप्त होता है।

➡️ भारतीय बैंकिंग कम्पनी अधिनियम 1949 में पारित हुआ

➡️ बैंक के कार्य -

♥️ जमा प्राप्त करना

♥️ ऋण प्रदान करना

♥️ प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना

♥️ नोटो का निर्गमन

♥️ विदेशी विनिमय का क्रय-विक्रय

♥️ अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए वित्त प्रबन्ध

♥️ विविध कार्य

➡️ बैंकों के प्रकार

♥️ व्यापारिक बैंक - सामान्य जनता जिन बैंकों में अपने खाते खोलती है और जो सामान्य बैकिंग का कार्य करते है, व्यापारिक बैंक होते हैं।

♥️ औद्योगिक बैंक - औद्योगिक वित्त की व्यवस्था के लिए जिन बैंकों को खोला गया है, उन्हें औद्योगिक बैंक कहते हैं। जैसे-

भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (I.F.C.I.) 1948

भारतीय साख एवं विनियोग निगम ((I.C.I.C.I.) 1955

भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (I.D.B.I.) 1964

भारतीय औद्योगिक पुनर्निर्माण बैंक 1971

BIFR 1987

♥️ सहकारी बैंक - कृषकों की अल्पकालीन ऋणों की आवश्यकता की प्राप्ति के लिए सहकारी बैंक खोले गये।

♥️ भूमि विकास बैंक - कृषि की दीर्घकालीन ऋण की आवश्यकता इन बैंकों द्वारा की जाती है।

♥️ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक -  (1975) ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की दृष्टि से इस प्रकार के बैंक राष्ट्रीयकृत बैंकों के तत्वाधान में खोले गये।

♥️ देशी बैंकर - किसी समय ग्रामीण ऋणों की अधिकांश आवश्यकता इन्हीं बैंकों द्वारा पूरी की जाती थी।

♥️ विदेशी विनिमय बैंक - ये बैंक विदेशी विनिमय बिलों का क्रय - विक्रय करके विदेशी व्यापार की वित्त व्यवस्था करते हैं।

♥️ केन्द्रीय बैंक -  वर्तमान समय में सभी देशों में एक केन्द्रीय बैंक होता है, जैसे रिजर्व बैंक भारत का केन्द्रीय बैंक है।

♥️ अन्तर्राष्ट्रीय बैंक - अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देशों की ऋण की व्यवस्था के लिए जो बैंक खोले जाते हैं, उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय बैंक कहा जाता है जैसे-विश्व बैंक, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ।

➡️ बैंक के पूँजी के स्त्रोत -

★ अंश पूँजी

★ जमा

★ ऋण

★ निधि एवं कोष

★ साख का सृजन

➡️ बैंकों द्वारा धन का विनियोजन-

★ ऋण

★ बिलों की कटौती

★ विनियोग

★ कोषागार विपत्र

★ याचना एवं अल्प सूचनार्थ रकम

➡️ साख निर्माण - साख सृजन आधुनिक बैंकों के प्रमुख कार्यों में से हैं। बैंक अपने जमा राशि से अधिक रूपया उधार दे देते हैं, इस अतिरिक्त राशि को साख का सृजन करते हैं। केवल व्यापारिक बैंक ही साख का सृजन करते हैं।

साख का सृजन- `L=\{\left(D\frac1{\frac r{100}}\right)-D\}`

जिनमें L = Loan

D = Deposit

r = rate of cash reserve

➡️ बैंकों पर सामाजिक नियंत्रण की नीति सफल न होने के कारण सरकार ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण के संदर्भ में पहला कदम 19 जुलाई, 1969 को तथा दूसरा कदम 15 अप्रैल, 1980 को उठेगा।

➡️ 19 जुलाई, 1969 को जिन 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया वे निम्न हैं- इलाहाबाद बैंक, देना बैंक, कैनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इण्डियन बैंक, सिण्डीकेट बैंक, इण्डिया बैंक, यूनाईटेड कामर्शियल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इण्डिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूनाइटेड बैंक ऑफ इण्डिया, यूनियन बैंक, सेण्ट्रल बैंक।

➡️ 15 अप्रैल, 1980 को जिन 6 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया, वे हैं-विजया बैंक, ओरियण्टल बैंक ऑफ कामर्स, न्यू बैंक ऑफ इण्डिया, पंजाब एण्ड सिंध बैक, आन्ध्रा बैंक लिमिटेड, कारपोरेशन बैक।

➡️ ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न बैंकों की शाखाओं का प्रतिशत

स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया स्टैट - 50.1

स्टेट बैंक के सहयोगी बैंक - 40.6

राष्ट्रीयकृत बैंक - 48.9

अन्य व्यापारिक बैंक - 32.0

➡️ विश्व में प्रथम केन्द्रीय बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैण्ड (Bank of England) की स्थापना 1694 में हुई।

➡️ 1920 में ब्रूसेल्स में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक सम्मेलन में प्रत्येक देश में केन्द्रीय बैंक की स्थापना का निर्णय किया गया।

केन्द्रीय बैंक (रिजर्व बैंक) के कार्य :

(1) नोटों का निर्गमन - रिजर्व बैंक 1 रु. के नोट को छोड़ कर सारे नोटों का निर्गमन करता है। करेन्सी नोटजारी करने के लिए वर्तमान में रिजर्व बैंक नोट प्रचालन की न्यूनतम निधि पद्धति को अपनाता है।

(2) केन्द्रीय बैंक सरकार के बैंकर के रूप में भी भी कार्य करता है।

(3) रिजर्व बैंक बैंकों का भी बैंक है।

(4) रिजर्व बैंक शाख नियन्त्रण के रूप में भी कार्य करता है।

(5) विदेशी विनिमय पर नियंत्रण

(6) रिजर्व बैंक नगद कोषों का संरक्षण होता है।

(7) अन्य कार्य - इसके अन्तर्गत विकास से सबन्धी कार्य किये जाते है। इसके अन्तर्गत समाशोधन गृह कार्य, कृषि शाख की व्यवस्था करना, आर्थिक ऑकड़े एकत्रित करना एवं प्रकाशित करना, सरकारी प्रतिभूतियों व बिलों का क्रय- विक्रय करना, ऋण देना आदि कार्य आते हैं।

➡️ साख नियंत्रण के उद्देश्य - मूल्यों में स्थिरता, आर्थिक विकास, रोजगार के अवसरों में वृद्धि, मौद्रिक नीति को सफल बनाना।

➡️ परिमाणात्मक साख नियंत्रण के अन्तर्गत बैंक दर में परिवर्तन, खुले बाजार की क्रिया, वैधानिक नगद कोष अनुपात में परिवर्तन, तरलता अनुपात के परिवर्तन आते हैं।

➡️ गुणात्मक साख नियंत्रण के अन्तर्गत साख का राशनिंग, भेदात्मक दरें, प्रतिभूति सीमान्त में अन्तर, नैतिक दबाव, प्रचार एवं विज्ञापन, केन्द्रीय बैंक के निर्देश तथा प्रत्यक्ष कार्यवाही आते हैं।

➡️ रिजर्व बैंक की स्थापना R.B.I. Act 1934 के तहत 1 अप्रैल, 1935 को की गयी।

➡️ 1925 में Hilton young Commission तथा 1929 में Central Bank Enquiry Commission की सिफारिशों पर 1934 में R.B.I. Act पास हुआ।

➡️ 1947 में पाकिस्तान के भारत से अलग होने पर 30 जून, 1948 तक पाकिस्तान के भी केन्द्रीय बैंक के रूप में R.B.I. कार्य करता रहा।

➡️ रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण 1 जनवरी, 1949 को हुआ।

रिजर्व बैंक की स्थापना के उद्देश्य-

♥️ मुद्रा तथा साख का प्रबन्ध

♥️ नकद कोषों का संरक्षण

♥️ विनिमय दर का निर्धारण

♥️ बैंकों का बैंक

♥️ सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना

♥️ बैंकिंग के विकास के लिए कार्य करना

♥️ कृषि साख का प्रबन्ध

♥️ आँकड़ों का एकत्रीकरण

➡️ प्रारम्भ में 1956 तक रिजर्व बैंक आनुपातिक आरक्षण प्रणाली (Proportional Reserve System) के अन्तर्गत नयी मुद्रा का निर्गमन करता रहा लेकिन 1956 से लेकर वर्तमान समय तक इस प्रणाली के स्थान पर न्यूनतम आरक्षण प्रणाली (MRS) द्वारा नई मुद्रा का निर्गमन करता है।

➡️ न्यूनतम आरक्षण प्रणाली में 200 करोड़ रुपये (115 करोड़ रुपये के मूल्य का सोना और 85 करोड़ रुपये के मूल्य की विदेशी प्रतिभूतियों को) का कोष रखा जाता है।

➡️ नकद कोष बैंक, साख निर्माण का प्रमुख आधार है।

➡️ एक रुपये के नोट पर वित्त सचिव भारत सरकार का हस्ताक्षर होता है।

➡️ दो या इससे अधिक कीमत के नोटों पर रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर होते है।

➡️ साख गुणक तथा नगद कोष अनुपात में विपरीत सम्बन्ध होता है।

➡️ यदि न्यूनतम नकद कोष अनुपात बढ़ता है तो साख गुणक कम होगा।

➡️ मौद्रिक तथा रोजकोषीय नीतियाँ परस्पर पूरक होती है।

➡️ हीनार्थ प्रबन्धन घाटे के बजट में अपनाया जाता है।

➡️ समुद्दीपन व्यय (Pump Priming Expenditure) मंदी नियंत्रण में अपनाया जाता है।

➡️ क्रियात्मक वित्त राजकोषीय नीति से सम्बन्धित है।

➡️ बैंक दर नीति तथा खुले बाजार की क्रियायें परस्पर पूरक है।

➡️ कीन्स राजकोशीय नीति के समर्थक थे।

➡️ परम्परागत अर्थशास्त्रीय मौद्रिक नीति के समर्थक थे।

➡️ मन्दी के समय केन्द्रीय बैंक के लिए सस्ती मुद्रा अपनाकर साख विस्तार करना चाहिए।

➡️ तटस्थ मुद्रा का विचार विक्सटीड ने दिया।

➡️ हाट्रे के मौद्रिक नीति का उद्देश्य आय में स्थायित्व लाना है।

➡️ कीन्स के अनुसार बैंक दर में परिवर्तन का प्रभाव ब्याज की दीर्घकालीन दरों तथा स्थिर पूँजी के माध्यम से पड़ता है।

➡️ देश की बैंकिंग व्यवस्था का संरक्षक केन्द्रीय बैंक है।

➡️ मौद्रिक नीति, मुद्रा एवं साख पूर्ति से सम्बन्धित है।

➡️ उच्चावचनों को रोकने के लिए कीन्स ने राजकोषीय नीति का समर्थन किया।

➡️ सैम्यूलसन के मतानुसार निस्पंद स्फीति एक नई बीमारी का नाम है।

➡️ जानसन में फिलिप्स वक्र को मुद्रा स्फीति नियंत्रण में सहायक कहा है।

➡️ टार्बन ने फिलिप्स वक्र को विकुंचित आकार से संबोधित किया।

➡️ स्फीति की दशा में ऋणदाता को हानि होती हैं तथा ऋणी को लाभ होता है।

➡️ हीनार्थ प्रबन्धन मुद्रा स्फीति को बढ़ाना है।

➡️ अवमूल्यन में आन्तरिक कीमतें बढ़ती है।

➡️ व्यापारिक बैंकों द्वारा उदार ऋण नीति का परिणाम मुद्रा स्फीति है।

➡️ हाट्टे के अनुसार मुद्रा का अत्यधिक निर्गमन मुद्रा स्फीति को उत्पन्न करता है।

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