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भारतीय संविधान की धारा-246 के अनुसार देश की जनगणना कराने का
दायित्व संघ सरकार को सौंपा गया है। यह संविधान की सातवीं अनुसूची की क्रम संख्या
- 69 पर अंकित है ।
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भारत में जनगणना की शुरुआत 1872 में लाॅड मेयों के कार्यकाल में हुई।
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भारत में नियमित जनगणना की शुरुआत 1881 में लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में हुई थी।
1881 में जनगणना आयुक्त W.W प्लोडन थे, वही स्वतंत्र भारत के पहली जनगणना-1951 के समय
जनगणना आयुक्त R.A. गोपालास्वामी (1949-53) थे।
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आधुनिक विश्व में सर्वप्रथम व्यवस्थित रूप से जनगणना कराने का श्रेय स्वीडेन को है।
जहाँ 1749 में पहली बार जनगणना कराई गयी थी। दशकीय जनगणना की शुरुआत 1790 से अमेरिका
में हुई।
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1801 में इंगलैंड में जनगणना प्रारंभ हुई।
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जनगणना संगठन केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत है, जिसका
उच्चतम अधिकारी भारत का महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त ( Registar General and
Census Commissioner of India) होता है। यह देश भर में जनगणना संबंधी कार्यों को
निर्देशित करता है तथा जनगणना के आँकड़ों को जारी करता है ।
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वर्तमान में भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त डॉ विवेक जोशी है।(2021)
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2011 की जनगणना यानी 15वीं जनगणना (स्वतंत्र भारत की 7वीं जनगणना) की शुरुआत महापंजीयक
एवं जनगणना आयुक्त के द्वारा 1 अप्रैल 2010 से हुई है ।
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सितम्बर, 2010 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने जाति आधारित जनगणना
(1931 के बाद पहली बार) की स्वीकृति प्रदान कर दी, जो अलग से जून, 2011 से
सितम्बर, 2011 के बीच सम्पन्न हुई।
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जनगणना 2011 का शुभंकर प्रगणक शिक्षिका थी तथा इसका आदर्श वाक्य
था- हमारी जनगणना हमारा भविष्य ।
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जनगणना 2011 के तहत देश में पहली बार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर
(NPR-National Population Resister) तैयार किया जा रहा है, जिसमें देश के सभी
नागरिकों के कुल 15 विवरण दर्ज कराने के अतिरिक्त 15 वर्ष एवं इससे ऊपर की वयस्क के
सभी नागरिकों के बायोमीट्रिक्स आँकड़े एकत्र किये जा रहे हैं।
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2001 की जनगणना में भारत का प्रशासनिक विभाजन 593 जिलों में किया गया था जबकि 2011
की जनगणना में यह विभाजन 640 जिलों में किया गया है । स्पष्ट है कि एक दशक की अवधि
(2001-2011) में कुल 47 नये जिले बने ।
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महान विभाजक वर्ष : भारत के जनांकिकीय इतिहास में 1921 को महान विभाजक की संज्ञा दी
जाती है। 1911 से 1921 के दौरान भारत में जनसंख्या की दशकीय वृद्धि ऋणात्मक
(-0.31%) हो गई थी फलस्वरूप इस दशक में भारत की जनसंख्या में 77 लाख की कमी आई। इसीलिए
1921 को विभाजक वर्ष की संज्ञा दी गई है। भारत की जनसंख्या में सर्वाधिक औसत वार्षिक
घातीय वृद्धि दर 1961-71 के दौरान दर्ज की गयी थी ।
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भारत की कुल जनसंख्या 139.34 करोड़ है। (2021)
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भारत का क्षेत्रफल विश्व के क्षेत्रफल का 2.4% है जबकि जनसंख्या विश्व जनसंख्या का
17.5% है। विश्व में चीन (19.4%) के बाद जनसंख्या में भारत का दूसरा स्थान है।
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भारत की जनसंख्या में 2001-2011 के दौरान 18.18 करोड़ की वृद्धि हुई।
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1921 को जनसंख्या के इतिहास में महान विभाजक वर्ष कहा जाता है।
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2001-11 भारत की जनसंख्या में सर्वाधिक वृद्धि दर के दशक में हुई। इस दशक में कुल वृद्धि
दर दादर एवं नगर हवेली (55.90 प्रतिशत) की है। जबकि न्यूनतम नागालैण्ड (-0.60 प्रतिशत)
है। 2001 की जनगणना में नागालैण्ड की दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर सर्वाधिक 64.53 प्रतिशत
थी।
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15वीं जनगणना 2011 का नारा था- हमारी जनगणना हमारा भविष्य ।
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2011 की जनगणना स्वतन्त्रता के बाद 7वीं जनगणना है।
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स्वतन्त्रता के बाद जनसंख्या वृद्धि दर में प्रथम गिरावट 1971- 81 के दशक में हुई।
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देश की जनगणना का दायित्व भारतीय संविधान के अनुच्छेद 246 के अन्तर्गत केन्द्र सरकार
को दिया गया है।
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जनगणना 2011 के अनुसार देश के सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि दर वाला जिला अरूणाचल प्रदेश
के कुरंगकुमे (111.01%) है।
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2011 की जनगणना के अनुसार देश में कुल जनसंख्या का पुरुष 51.47 प्रतिशत तथा महिलाएं
48.53 प्रतिशत है।
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क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य राजस्थान एवं सबसे छोटा राज्य गोवा है।
🔥
क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा केन्द्र शासित प्रदेश अंडमान तथा सबसे छोटा लक्ष्यद्वीप
है।
🔥
जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश और सबसे छोटा राज्य सिक्किम है।
🔥
जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली एवं सबसे छोटा लक्ष्यद्वीप
है।
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जनसंख्या की दृष्टिगोचार शीर्ष राज्य है-
(1)
उत्तर प्रदेश
(2)
महाराष्ट्र
(3)
बिहार
(4)
पश्चिम बंगाल
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जनसंख्या की दृष्टि से शीर्ष चार केन्द्र शासित प्रदेश है-
(1)
दिल्ली
(2)
पाण्डिचेरी
(3)
चण्डीगढ़
(4)
अंडमान निकोबार
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2011 की जनगणना के अनुसार 1000 पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या 943 है।
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सर्वाधिक लिंगानुपात केरल (1084) एवं सबसे कम हरियाणा (879) है।
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सर्वाधिक केन्द्र शासित लिंगानुपात पाण्डिचेरी (1037) एवं सबसे कम दमन एवं दीव (618) है।
🔥
राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश को सम्मिलित किया जाय तो सर्वाधिक लिंगानुपात केरल
(1084) एवं सबसे कम लिंगानुपात दमन एवं दीव (618) का है।
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जनसंख्या 2011 के अनुसार भारत का जनसंख्या घनत्व 382 है।
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सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व बिहार (1106) का है जबकि सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला अरुणाचल
प्रदेश (17) का है।
🔥
केन्द्र शासित राज्यों में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व दिल्ली (11320) का एवं सबसे कम
अंडमान व निकोबार (46) का है।
🔥
जनसंख्या 2011 के अनुसार भारत की कुल साक्षरता 73.0% प्रतिशत है।
🔥
पुरुष साक्षरता 80.9 प्रतिशत तथा महिला साक्षरता 64.6 प्रतिशत है।
🔥
सर्वाधिक साक्षरता केरल 94 प्रतिशत एवं सबसे कम साक्षरता बिहार 61.8% का है।
🔥
सर्वाधिक केन्द्र शासित साक्षरता लक्षद्वीप 91.8 प्रतिशत एवं न्यूनतम दादर व नगर हवेली
76.2 प्रतिशत है।
🔥
जनगणना 2001 के अनुसार उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक अनुसूचित जाति की जनसंख्या निवास
करती है। प्रतिशत की दृष्टि से प्रथम स्थान पंजाब का है।
🔥
नागालैण्ड, अण्डमान और निकोबार द्वीप में अनुसूचित जाति नहीं है।
🔥
जनगणना 2001 के अनुसार देश की कुल जनसंख्या का 8.2 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति है। जनसंख्या
के दृष्टि से सबसे अधिक अनुसूचित जनजाति के लोग मध्य प्रदेश में निवास करते हैं। प्रतिशत
की दृष्टि से प्रथम स्थान मिजोरम (94.5%) का है।
🔥
देश में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति की प्रतिशतता 24.4% है जिसमें 16.2% अनुसूचित
जाति तथा 8.2% अनूसूचित जनजाति का है।
🔥
जनगणना 2001 के अनुसार भारत में 80.5% हिन्दु, 13.4% मुस्लिम, 2.33% इसाई, 1.84% सिक्ख,
0.8% बौद्ध एवं 0.4% जैन है।
🔥
जनगणना 2011 के अनुसार देश की कुल 121 करोड़ जनसंख्या में 37.7 करोड़ शहरों में व शेष
83.3 करोड़ गांवों में रहती है। इस प्रकार, 18.84% जनसंख्या गांवों में एवं 31.16%
जनसंख्या शहरों में निवास करती है।
🔥
सर्वाधिक ग्रामीण जनंसख्या उ.प्र. में निवास करती है। प्रतिशतता में प्रथम स्थान हिमाचल
प्रदेश (89.96%) का है।
🔥
सर्वाधिक शहरी जनसंख्या महाराष्ट्र में निवास करती है। प्रतिशतता में प्रथम स्थान गोवा
(62.17%) का है।
🔥
जनसंख्या की दृष्टि से शीर्ष पांच राज्य है-
राज्य |
जनसंख्या
(करोड़ में) |
उत्तर
प्रदेश - |
19.981
(16.51%) |
महाराष्ट्र
- |
11.237
(9.28%) |
बिहार
- |
10.409
(8.60%) |
पं.
बंगाल - |
9.127
(7.54%) |
आन्ध्र
प्रदेश - |
8.458
(6.99%) |
🔥
जनसंख्या की दृष्टि से शीर्ष पाँच केन्द्र शासित राज्य है-
राज्य |
जनसंख्या
(करोड़) |
दिल्ली
|
16787941 |
पाण्डिचेरी |
1247953 |
चण्डीगढ़ |
1055450 |
अंडमान
निकोबार |
380581 |
दादर
नगर हवेली |
343709 |
🔥
जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से सर्वाधिक जन घनत्व वाला राज्य बिहार (1106) एवं सबसे कम
जनघनत्व वाला राज्य अरुणाचल प्रदेश (17) है।
🔥
जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से सर्वाधिक जनघनत्व वाला केन्द्र शासित राज्य दिल्ली
(11320) एवं सबसे कम जनघनत्व वाला केन्द्र शासित राज्य अंडमान व निकोबार (46) है।
🔥
2011 के जनगणना के अनुसार सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि दर वाले शीर्ष 5 राज्य/केन्द्र
शासित प्रदेश है
राज्य/के.प्र. |
वृद्धि
दर (प्रतिशत में) |
दादर
और नगर हवेली |
55.9 |
दमन
दीव |
53.8 |
मेघालय |
28.1 |
पाण्डिचेरी |
27.9 |
अरुणाचल
प्रदेश |
26.0 |
🔥
2011 की जनगणना के अनुसार भारत दशकीय वृद्धि दर 17.7 हो गयी है, जबकि वार्षिक वृद्धि
दर 1.64 है।
🔥
2011 की जनगणना के अनुसार न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि दर वाले राज्य/केन्द्र शासित राज्य
है-
राज्य/के.प्र. |
वृद्धि
दर (प्रतिशत में) |
नागालैण्ड |
(-)0.6 |
केरल
|
4.9 |
लक्षद्वीप |
6.3 |
अण्डमान
और निकोबार द्वीप |
6.9 |
गोवा |
8.2 |
🔥
2011 की जनगणना के अनुसार देश की लिंगानुपात 943 है जबकि 2001 में यह 933 थी।
🔥 भारत में लिंग संरचना निम्नलिखित तालिका से स्पष्ट है-
भारत
में लिंग संरचना
वर्ष |
लिंगानुपात |
वर्ष |
लिंगानुपात |
1901 |
972 |
1961 |
941 |
1911 |
964 |
1971 |
930 |
1921 |
955 |
1981 |
934 |
1931 |
950 |
1991 |
927 |
1941 |
945 |
2001 |
933 |
1951 |
946 |
2011 |
943 |
🔥
देश के शीर्ष पाँच लिंगानुपात वाले राज्य है-
राज्य |
लिंगानुपात |
केरल |
1084 |
तमिलनाडु |
996 |
आन्ध्रप्रदेश |
993 |
मणिपुर |
992 |
छत्तीसगढ़ |
991 |
🔥
न्यूनतम पाँच लिंगानुपात वाले राज्य
राज्य
|
लिंगानुपात |
हरियाणा
|
879 |
जम्मू
कश्मीर |
889 |
सिक्किम
|
890 |
पंजाब
|
895 |
उत्तर
प्रदेश |
812 |
🔥
देश के शीर्ष पाँच लिंगानुपात वाले केन्द्रशासित प्रदेश है-
प्रदेश |
लिंगानुपात |
पण्डिचेरी |
1037 |
लक्षद्वीप
|
947 |
अंडमान
|
876 |
दिल्ली
|
868 |
चण्डीगढ़
|
818 |
🔥
देश के न्यूनतम लिंगानुपात वाले तीन केन्द्र शासित राज्य है-
प्रदेश |
लिंगानुपात |
दमन
एवं दीव |
618 |
दादर
एवं नगर हवेली |
774 |
चण्डीगढ़ |
818 |
🔥
क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य राजस्थान तथा सबसे छोटा राज्य गोवा
🔥
क्षेत्रफल की दृष्टि सबसे बड़ा केन्द्रशासित प्रदेश अंडमान एवं निकोबार तथा सबसे छोटा
केन्द्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप
🔥
जनसंख्या की दृष्टि से : 2011
सबसे
बड़ा राज्य - उत्तर प्रदेश
सबसे
छोटा राज्य - सिक्किम
सबसे
बड़ा केन्द्रशासित प्रदेश - दिल्ली
सबसे
छोटा केन्द्रशासित प्रदेश - लक्षद्वीप
🔥
जनसख्या की दृष्टि से शीर्ष चार राज्य
राज्य |
जनसंख्या
(करोड़ में ) |
उत्तर
प्रदेश |
19.981
(16.51%) |
महाराष्ट्र |
11.237
(9.28%) |
बिहार |
10.409
(8.60%) |
पं.
बंगाल |
9.127
(7.54%) |
🔥
जनसंख्या की दृष्टि से शीर्ष चार केन्द्रशासित प्रदेश
राज्य |
जनसंख्या
(करोड़ में) |
दिल्ली |
16787941 |
पाण्डिचेरी
|
1247953 |
चण्डीगढ़ |
1055450 |
अंडमान
निकोबार |
380581 |
🔥
लिंगानुपात की दृष्टि से : 2011
सर्वाधिक
लिंगानुपात - केरल (1084)
सबसे
कम लिंगानुपात - हरियाणा (879)
सर्वाधिक
केन्द्रशासित लिंगानुपात - पाण्डिचेरी (1037)
सबसे
कम केन्द्रशासित लिंगानुपात - दमन एवं दीव (618)
🔥
जनघनत्व की दृष्टि से 2011
सर्वाधिक
जनघनत्व - बिहार (1106)
सबसे
कम जनघनत्व - अरुणाचल प्रदेश (17)
सर्वाधिक
केन्द्रशासित जनघनत्व - दिल्ली (11320)
सबसे
कम केन्द्रशासित जनघनत्व - अंडमान व निकोबार (46)
🔥
जनगणना-2011 के अंतिम आंकड़े (Final Data) के अनुसार- देश में न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि
दर वाले जिले क्रमशः नगालैण्ड के लांगलेंग (-58.39%) एवं किफरे (-30-50%) हैं।
🔥
जनगणना 2011 के अंतिम आंकड़े के अनुसार भारत के दो सर्वाधिक वृद्धि दर वाले राज्य/केन्द्रशासित
क्षेत्र क्रमशः दादरा व नगर हवेली (55.9%) और दमन व द्वीव (53.8%) हैं।
🔥
जनगणना 2011 के अनुसार निम्नतम वृद्धि दर वाले दो राज्य/केन्द्र शासित क्षेत्र क्रमशः
नगालैण्ड (-0.6%) और केरल (4.9%) हैं।
🔥
देश में सर्वाधिक जनसंख्या वाले दो जिले के नाम इस प्रकार हैं- महाराष्ट्र के थाणे
( 11054131), पं. बंगाल का उ. चौबीस परगना ( 10082852)
🔥
देश में न्यूनतम जनसंख्या वाले दो जिलें के नाम इस प्रकार है- दिबांग घाटी (अरूणाचल
प्रदेश) 7948 एवं अंजाव (अरूणाचल प्रदेश) 210891
🔥
देश में सर्वाधिक जिलों वाला राज्य- उत्तर प्रदेश (75) जिले ।
🔥
जनगणना-2011 के अन्तर्गत् जनसंख्या प्रगणन की प्रश्नावली में कुल 29 प्रश्न थे।
भारत
में लिंग संरचना
वर्ष |
लिंगानुपात |
वर्ष |
लिंगानुपात |
1901 |
972 |
1961 |
941 |
1911 |
964 |
1971 |
930 |
1921 |
955 |
1981 |
934 |
1931 |
950 |
1991 |
927 |
1941 |
945 |
2001 |
933 |
1951 |
946 |
2011 |
943 |
🔥
शीर्ष पाँच लिंगानुपात वाले राज्य
राज्य |
लिंगानुपात |
केरल |
1084 |
तमिलनाडु |
996 |
आन्ध्र
प्रदेश |
993 |
मणिपुर |
992 |
छत्तीसगढ़ |
|
🔥
न्यूनतम पाँच लिंगानुपात वाले राज्य
राज्य |
लिंगानुपात |
हरियाणा |
879 |
जम्मू-कश्मीर |
889 |
सिक्किम |
890 |
पंजाब |
895 |
उत्तर
प्रदेश |
912 |
🔥
दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर : 2011 - दशक 2001-11 के मध्य भारत के जनसंख्या की वृद्धि
17.7 प्रतिशत रही। इस दौरान ग्रामीण जनसंख्या वृद्धि दर 12.3 प्रतिशत और शहरी जनसंख्या
वृद्धि दर 31.8 प्रतिशत रही।
🔥
ग्रामीण एवं शहरी लिंगानुपात
👉
जनगणना 2011 के अनुसार भारत की लिंगानुपात 943 है, जो 2001 की तुलना में 10 अधिक है।
2011 में ग्रामीण एवं शहरी लिंगानुपात क्रमशः 947 एवं 929 है, जो 2001 के तुलना में
क्रमशः 3 एवं 29 अधिक है।
👉
ग्रामीण एवं शहरी लिंगानुपात की दृष्टि से सर्वाधिक लिंगानुपात वाले राज्यों में दोनों
की दृष्टि से केरल का स्थान प्रथम है (क्रमशः 1078 एवं 1091)।
👉
सर्वाधिक लिंगानुपात वाले चार राज्य है, क्रमशः केरल (1084), तमिलनाडु (996), आंध्र
प्रदेश (993), मणिपुर (992) है।
👉
न्यूनतम लिंगानुपात वाले चार राज्य हैं, क्रमशः हरियाणा (879), जम्मू-कश्मीर(889) सिक्किम
(890), पंजाब (895)।
👉
संघ राज्यक्षेत्रों में सर्वाधिक तथा न्यूनतम लिंगानुपात धारक राज्य क्रमशः पुडुचेरी
(1037) तथा दमन एवं द्वीव (618) है।
👉
न्यूनतम शहरी लिंगानुपात वाला राज्य जम्मू एवं कश्मीर (840) और न्यूनतम ग्रामीण लिंगानुपात
वाला राज्य हरियाणा (880) है।
👉
संघीय क्षेत्र में अधिकतम ग्रामीण और शहरी लिंगानुपात दोनों ही पुडुचेरी में क्रमशः
1029 एवं 1043 है।
👉
संघीय क्षेत्र में न्यूनतम ग्रामीण लिंगानुपात चण्डीगढ़ (690) में तथा न्यूनतम शहरी
लिंगानुपात दमन व दीव (551) है।
भाषाई
संघटन
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(Language Composition) भारत की भाषाओं और बोलियों में भारी विविधता पायी जाती है।
सन् 1961 की जनगणना में 1652 भाषाओं को मातृभाषा के रूप में सूची बद्ध किया गया इनमें
से 23 भाषाओं के बोलने वाले भारत की कुल जनसंख्या के 97 प्रतिशत लोग है।
🔥
भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में अंग्रेजी के अतिरिक्त 22 भाषाओं को शामिल किया
गया है।
🔥
1991 की जनगणना के अनुसार अपने परिवर्तित रूपों के साथ हिन्दी 33.73 करोड़ लोगों की
मातृभाषा है। देश की 40.42 प्रतिशत जनसंख्या हिन्दी भाषा भाषी है।
🔥
हिन्दी के बाद बंगला भाषा का स्थान है। यह देश की कुल जनसंख्या के 8.30 प्रतिशत लोगों
द्वारा बोली जाती है।
🔥
देश में बोली जाने वाली अन्य प्रमुख भाषाएं हैं- तेलगू, मराठी, तमिल, उर्दू, गुजराती,
कन्नड़, मलयालम, उड़िया पंजाबी और असमिया ।
🔥
हिन्दी को संविधान में राष्ट्रभाषा स्वीकार किया गया है तथा हिन्दी और अंग्रेजी को
भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी गयी है।
🔥
भारत में बोली जाने वाली भाषाओं को चार वर्गो में रखा जाता है-
(i)
आर्य भाषा- हिन्दी, पंजाबी, बंगाली, उड़िया, मराठी, गुजराती, बिहारी, राजस्थानी, नेपाली,
पहाड़ी सिन्धी, पश्तो, बलूची तथा कश्मीरी मुख्य है।
(ii)
द्रविण भाषा - तमिल, मलयालम, तेलगू, कन्नड़, भाषाएं प्रमुख है। प्रायद्वीप पठार के
पूर्वी तथा उत्तरी पूर्वी हिस्सों की कुछ जनजातियाँ भी द्रविड़ भाषाएं बोलती है, जिनमें
मध्य भारत के गोंड तथा छोटा नागपुर पठार के ओशंव प्रमुख है।
(iii)
आस्टिक भाषा - के अन्तर्गत निकोबारी, संथाली, मुण्डारी, हो, खरिया, खासी ।
(iv)
चीनी-तिब्बती - भाषा के अन्तर्गत कश्मीर की भाषाएं तथा देश के उत्तरी पूर्वी भागों
की भाषाएं सम्मिलित की जाती है।
धार्मिक
संगठन (Religious Composltion)
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भारत चार प्रमुख धर्मों का जन्म स्थान है। ये धर्म है- हिन्दू बौद्ध, जैन और सिक्ख
हिन्दू धर्म संचार का प्राचीनतम धर्म है।
🔥
अनुयायियों की संख्या की दृष्टि भारत के चार प्रमुख धर्म है- हिन्दू, इस्लाम, ईसाई
और बौद्ध धर्म संख्या की दृष्टि से जैन, सिक्ख और पारसी धर्मावलम्बी कम है।
🔥
सितम्बर, 2004 में स्वतन्त्र भारत के इतिहास में भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना
आयुक्त कार्यालय द्वारा सर्वप्रथम धर्म के आधार पर प्रथम प्रतिवेदन (The first
report on religious data) प्रस्तुत किया गया।
🔥
सर्वप्रथम देश के विभिन्न धार्मिक समुदायों (हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन)
की कुल जनसंख्या, दशकीय वृद्धि दर, लिंगानुपात, साक्षरता, रोजगार एवं अन्य विकास संकेतकों
के सम्बन्ध में आंकड़ प्रस्तुत किये गये है।
हिन्दू
धर्म
🔥
भारत की कुल जनसंख्या में हिन्दुओं का प्रतिशतं 80.5 (संशोधित 81.4) है।
🔥
हिन्दुओं की सर्वाधिक जनसंख्या प्रतिशत वाला राज्य हिमाचल प्रदेश (95.4 प्रतिशत) तथा
न्यूनतम जनसंख्या प्रतिशत वाला राज्य मिजोरम (3.6 प्रतिशत) है।
🔥
हिन्दुओं को सर्वाधिक जनसंख्या प्रतिशत वाले राज्यों की आरोही क्रम है- हिमाचल प्रदेश
(95.4 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (94.7 प्रतिशत), उड़ीसा (94.4 प्रतिशत), मध प्रदेश
(91.1 प्रतिशत) ।
🔥
हिन्दुओं की न्यूनतम जनसंख्या प्रतिशत वाले राज्यों का आरोही क्रम है- मिजोरम
(3.6), नागालैण्ड (7.7), मेघालय (13.3) जम्मू कश्मीर (29.6)।
🔥
हिन्दुओं की सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर वाले राज्यों का अवरोही क्रम है- पंजाब
(28.7), राजस्थान (27.93), बिहार (27.11), हरियाणा (27.0)।
🔥
हिन्दुओं में ऋणात्मक दशकीय वृद्धि दर वाले राज्य - केन्द्र शासित प्रदेश हैं- मणिपुर
(-5.90), मिजोरम (-9.27), लक्ष्यद्वीप (-4.96)।
🔥
हिन्दुओं में सर्वाधिक लिंगानुपात (वयस्क) वाले राज्यों का अवरोही क्रम है- मिजोरम
(341), नागालैण्ड (582), अरूणाचल प्रदेश (749), जम्मू कश्मीर (824)।
🔥 हिन्दुओं की साक्षरता के प्रतिशत की दृष्टि से 4 राज्यों का अवरोही क्रम है- केरल (90.2), गोवा (81.9), मिजोरम (79.3) हिमाचल प्रदेश (76.8)।
मुस्लिम
धर्म
🔥
भारत की कुल जनसंख्या में मुस्लिमों का प्रतिशत 13.4 (संशोधित 12.4) है।
🔥
मुस्लिमों की सर्वाधिक जनसंख्या प्रतिशत वाला राज्य जम्मू- कश्मीर (67%) तथा न्यूनतम
जनसंख्या प्रतिशत वाला राज्य मिजोरम (1.1) है।
🔥
मुस्लिम की सर्वाधिक जनसंख्या प्रतिशत वाले राज्यों का अवरोही क्रम है- जम्मू कश्मीर
(67.0), असम (30.9),पश्चिम बंगाल (25.2), केरल (24.7) है।
🔥
मुस्लिमों का सर्वाधिक जनसंख्या प्रतिशत वाला केन्द्र शासित प्रदेश लक्ष्यद्वीप
(95.5%) है।
🔥
मुस्लिमों की सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर वाले राज्यों का अवरोही क्रम है। मिजोरम
(112.54), सिक्किम (99.87), अरूणाचल प्रदेश (73.4) नागालैण्ड (69.58) ।
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मुस्लिम साक्षरता के प्रतिशत की दृष्टि से 4 राज्यों का अवरोही क्रम है। केरल
(89.4), तमिलनाडु (82.9), छत्तीसगढ़ (82.5), महाराष्ट्र (78.1) है।
ईसाई
धर्म (Christian)
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भारत की कुल जनसंख्या में ईसाइयों का प्रतिशत 2.3 है।
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ईसाई के प्रतिशत की दृष्टि से 4 अग्रणी राज्य है- नागालैण्ड (90.0), मिजोरम
(87.0), मेघालय (70.3), मणिपुर (34.0)।
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ईसाइयों की दशकीय वृद्धि दर की दृष्टि से 4 अग्रणी राज्य है- सिक्किम (169.25), अरूणाचल
प्रदेश (130.91), त्रिपुरा (120.53) हिमाचल प्रदेश (73.32)।
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ईसाई साक्षरता के दृष्टिकोण 4 अग्रणी राज्य है- केरल (94.8), मिजोरम (93.1), महाराष्ट्र
(91.0) उत्तराखण्ड (87.9)।
सिख
धर्म
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भारत की कुल जनसंख्या में सिखों का प्रतिशत 1.9 है।
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सिख जनसंख्या के प्रतिशत की दृष्टि से 4 अग्रणी राज्य है- पंजाब (59.9), हरियाणा
(5.5) उत्तराखण्ड (2.5) जम्मू- कश्मीर (2.0)
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सिखों की दशकीय वृद्धि दर की दृष्टि से 4 अग्रणी राज्य है- सिक्किम (213.4), तमिलनाडु
(75.16), बिहार (66.85), त्रिपुरा (59.72)।
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सिक्ख जनसंख्या के प्रतिशत की दृष्टि से अग्रणी केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ (
16.1 ) ।
बौद्ध
धर्म
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भारत की कुल जनसंख्या में बौद्धों का प्रतिशत 0.4 है।
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बौद्ध जनसंख्या के प्रतिशत की दृष्टि से 4 अग्रणी राज्य है'- सिक्किम (28.1), अरूणाचल
प्रदेश (13.0), मिजोरम (7.9), महाराष्ट्र (6.0 ) है।
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बौद्धों की दशकीय वृद्धि दर की दृष्टि से 4 अग्रणी राज्य हैं, केरल (808.96), बिहार
(807.76), कर्नाटक (738.67), झारखण्ड (311.07 ) ।
जैन
धर्म
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भारत की कुल जनसंख्या में जैनों का प्रतिशत 0.4 है।
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जैन जनसंख्या का प्रतिशत की दृष्टि से 4 अग्रणी राज्य है- महाराष्ट्र (1.3), राजस्थान
(1.2), गुजरात (1.0), मध्यप्रदेश (0.9)।
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जैनों की दशकीय वृद्धि दर की दृष्टि से 4 अग्रणी राज्य है- मिजोरम (437.5), सिक्किम
(357.5), अरूणाचल प्रदेश (237.5), पंजाब (89.16)।
जनसंख्या
शब्दालियों का अर्थ
जनसंख्या
जाल : जनसंख्या जाल से अभिप्राय एक ऐसी स्थिति से है, जिसके अन्तर्गत
किसी देश की जनसंख्या वृद्धि की दर आर्थिक वृद्धि दर (प्राप्त कर सकने योग्य) की अपेक्षा
अधिक हो जाती हैं, परिणामस्वरूप निर्धनता व बेरोजगारी में वृद्धि होती हैं। प्रति व्यक्ति
आय में कमी आ जाती है तथा सरकार के सभी कल्याणकारी प्रयास असफल हो जाते हैं।
जनसंख्या
निर्भरता अनुपात : निर्भरता अनुपात से तात्पर्य जनसंख्या के उस
भाग से है जिसमें 15 वर्ष से कम तथा 64 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया जाता
है। 15 से 64 आयु की सक्रिय जनसंख्या पर आश्रित होते हैं। सम्पूर्ण विश्व में निर्भर
तथा सक्रिय जनसंख्या का यह अनुपात ही निर्भरता अनुपात कहलाता है।
दम्पत्ति
रक्षा दर : दम्पत्ति रक्षा दर मे तात्पर्य है, संतानोत्पादन आयु वर्ग
की विवाहित महिलाओं का वह प्रतिशत भाग जिनके द्वारा या जिनके पतियों द्वारा किसी भी
प्रकार के गर्भ निरोधक साधनों का प्रयोग किया जाता हो।
गर्भधारण
दर : 15 से 44 वर्ष के आयु वर्ग की विवाहित महिलाओं में
किसी दिये हुये वर्ष में गर्भधारण की संख्या का अनुपात ही गर्भधारण दर कहलाता है। गर्भ
की संख्या में सभी प्रकार के गर्भधारण शामिल होते हैं जैसे मृतक जन्म, जीवित जन्म,
गर्भपात इत्यादि ।
गर्भपात
अनुपात : गर्भपात अनुपात से तात्पर्य किसी भी दिये हुये वर्ष में
जीवित बच्चों की संख्या पर उसी वर्ष में होने वाले गर्भपात का औसत है।
बाल
महिला अनुपात : बाल महिला अनुपात से तात्पर्य प्रति एक हजार
संतानोत्पादन आयु वर्ग को महिलाओं पर 0 से 4 वर्ष की आयु की बालिकाओं से है।
जनसंख्या
विस्फोट : ऊँची जन्म दर के साथ-साथ जब स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं
के विकास से मृत्यु दर कम हो तथा औसत आयु में वृद्धि हो तो ऐसी स्थिति को जनसंख्या
विस्फोट कहते हैं।
सकल जन्म दर : सकल जन्म दर से तात्पर्य किसी दिये हुये वर्ष में प्रति एक हजार जनसंख्या में जीवित जन्म लेने वाले शिशुओं का संख्या से होता है।
सकल
मृत्यु दर : सकल मृत्यु दर से तात्पर्य किसी दिये हुए वर्ष
में प्रति व्यक्ति हजार संख्या में मृत्यु होने वाले शिशुओं की संख्या से है।
बाल
मृत्यु दर : बाल मृत्यु दर से तात्पर्य किसी दिये हुये वर्ष
में प्रति एक हजार जीवित जन्म लेने वाले में शिशुओं में पाँच वर्ष से पूर्व मरने वाले
शिशुओं की संख्या से होता है।
मातृत्व
मृत्यु दर : मातृत्व मृत्यु दर का अर्थ प्रति एक लाख प्रसव
पर गर्भ सम्बन्धी कारणों से मरने वाली महिलाओं की संख्या से होता है।
लिंग
अनुपात : लिंग अनुपात से तात्पर्य किसी निर्दिष्ट स्थान पर प्रति
एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या से है।
महिला
पुरुष अन्तराल : एक राष्ट्रीय, क्षेत्रीय या अन्य अनुमान जिसके
अन्तराल महलाओं की संख्या को पुरुषों के सन्दर्भ में व्यक्ति किया जाता है तथा जहां
पुरुषों की संख्या 100 निर्देशांक के बराबर मानी जाती है तो उससे महिला पुरुष अन्तराल
कहते हैं।
जन्म
उपस्थिति दर : जन्म उपस्थिति दर का तात्पर्य कुल जन्म का वह
प्रतिशत भाग जिस पर कोई चिकित्सक, नर्स, दाई, प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी, परम्परागत
जन्म सहायक उपस्थित रहे।
जनसंख्या
एवं पंचवर्षीय योजनाएं
प्रथम
पंचवर्षीय योजना : 1952 में परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरूआत
व 147 क्लीनिक खोले गये जिसका उद्देश्य लोगों को प्रशिक्षित करना व उन्हें शैक्षिक
सामग्री उपलब्ध करना था।
द्वितीय
पंचवर्षीय योजना : द्वितीय पंचवर्षीय योजना में क्लीनिकों की संख्या
में वृद्धि, बध्याकरण (स्त्री व पुरूष) तथा नये खोज करना (चिकित्सीय ढंग से ) इत्यादि
शामिल था।
तृतीय
पंचवर्षीय योजना : तृतीय पंचवर्षीय में पहली बार अन्तर गर्भाशय
उपकरणजैसे लूप, कॉपर टी इतयादि का प्रचार किया गया। साथ ही सामुदायिक विकास कार्यक्रमों
की भी शुरूआत की गयी थी।
चतुर्थ
पंचवर्षीय योजना : चतुर्थ पंचवर्षीय योजना में पहली बार समय व
योजनाबद्ध काय्रक्रम प्ररम्भ किया गया। चतुर्थ योजना में जन्म दर को 39/100 से घटाकर
25/1000 करने का लक्ष्य रखा गया था।
पंचम
पंचवर्षीय योजना : 16, अप्रैल 1976 में राष्ट्रीय जनसंख्या नीति
का मसौदा प्रस्तुत किया गया जिसमें "शारदा एक्ट" को बदलकर लड़कों व लड़कियों
की आयु क्रमशः 21 व 18 कर दी गयी है।
छठी
पंचवर्षीय योजना : इस योजना में "दीर्घकालिक जनांकिकी लक्ष्य"
रखा गया और 1983 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति की घोषणा की गई, साथ ही शुद्ध पुनरुत्पादन
दर में 2000 तक करने का लक्ष्य रखा गया।
सातवीं
पंचवर्षीय योजना : सातवीं पंचवर्षीय योजना में शुद्ध पुनरुत्पादन
दर = 1 को 2000 की जगह 2006 से 11 तक प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया।
आठवीं
पंचवर्षीय योजना :
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आठवीं योजना में NRR-1 को बढ़ाकर पुनः इसे 2011 से 2016 के बीच पारित का लक्ष्य रखा
गया है। अन्य उद्देश्य थे।
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सकल जन्म दर 26 प्रतिशत प्रति एक हजार पर
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सकल मृत्यु दर 9 प्रतिशत प्रति एक हजार पर
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दम्पत्ति रक्षा पर 56 प्रतिशत एक हजार पर
लक्ष्य
मुक्ति दृष्टिकोण : 1 अप्रैल, 1996 से परिवार कल्याण कार्यक्रम
"लक्ष्य मुक्ति दृष्टिकोण" (टी0एफ0ए) के आधार पर कार्यान्वित किया जा रहा
हैं इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर विकेंद्रित भागीदारी योजना की व्यवस्था
द्वारा शीर्ष से गर्भ निरोधक लक्ष्यों को स्थापित करने की प्रणाली को प्रतिस्थापित
करना
शिशु
मृत्यु दर के कारण :
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अपर्याप्त भोजन, निमोनिया, संक्रामक, और परजीवी रोग बार-बार शीघ्रातिशीघ्र गर्भ ठहरने
के फलस्वरूप मलेरिया, ज्वर, हैजा, दस्त, प्रचिस, श्वास इत्यादि ।
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मृत्यु दर तीन कारणों पर निर्भर करते है-
👉
स्त्रियों की विवाह उम्र
👉
जन्मक्षमता अवधि
👉
परिवार वृद्धि की गति
अनुकूलतम
जनसंख्या सिद्धान्त : डाल्टन के अनुसार "अनुकूलतम जनसंख्या वह
जनसंख्या है। जो अधिकतम प्रति व्यक्ति आय प्रदान करती है।"
माल्थस
का जनसंख्या सिद्धान्त
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प्रो. माल्थस ने अपना सिद्धान्त All Essay on the Principle of Population
1978" नामक निबन्ध से प्रकाशित किया था।
सिद्धान्त
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माल्थस के सिद्धान्तानुसार जनसंख्या में वृद्धि ज्यामितीय दर से बढ़ती है। अर्थात्
1,2,4,8,16,32,64,128,256, जबकि ........खाद्यान्न की वृद्धि दर गणितीय ढंग से होती
है जैसे 1,2,3,4,5,6,7,8........
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इस प्रकार जनसंख्या वृद्धि दर खाद्य पदार्थों की वृद्धि दर को पीछे कर देता है। इसमें
अर्थव्यवस्था में जनाधिक्य की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
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माल्थस का कहना था कि प्रकृति की मेज कुछ निश्चित लोगों के लिए लगी है जो बिना बुलाये
आयोग, स्वाभाविक है वह भूखा ही जायेगा।
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माल्थस के अनुसार इस प्रकार बढ़ती हुई जनसंख्या को दो प्रकार से नियन्त्रित किया जा
सकता है- नैतिक उपाय तथा अनैतिक उपाय।
जनसंख्या
नीति
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प्रथम योजना में कहा गया है कि “नियोजन के लिए जनसंख्या नीति अनिवार्य है तथा परिवार
नियोजन स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक कदम है, विशेषकर माँ तथा बच्चे के स्वास्थ्य
के लिये।"
सामान्य
प्रजनन दर : सामान्य प्रजनन दर से तात्पर्य संतोनोत्पादन
आयु वर्ग की प्रति एक हजार महिलाओं पर जन्म लेने वाले बच्चें की संख्या है।
कुल
प्रजनन दर : कुल प्रजनन दर से तात्पर्य बच्चों के लिए उस
औसत संख्या से है जो किसी विवाहित महिला द्वारा जन्म दिये जाते हैं यदि वह अपने सम्पूर्ण
संतानोत्पादन आयु में वर्तमान प्रजनन की प्रवृत्तियों से होकर गुजरे।
शुद्ध
पुनरुत्पादन दर : शुद्ध पुनरुत्पादन दर से तात्पर्य एक जन्म लेने
वाली बालिका द्वारा अपने पूरे जीवन काल में जनम लेने वाली बच्चियों की संख्या से है,
यदि आयु विशिष्ट प्रजनन दर तथा मृत्यु दर दिये हुये हों।
जनांकिकीय
संक्रमण सिद्धान्त
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इस सिद्धान्त को सबसे पहले चर्चा थाम्सन ने की थी परन्तु बाद में फ्रैंक नोअस्टीन व
सी.पी. ब्लेकर ने इसको सिद्धान्त के रूप में विकसित किया।
फ्रैंक नोअस्टीन ने तीन स्तर बताये है-
👉
प्रथम स्तर पर जन्म व मृत्यु दर उच्च तथा जनसंख्या अनतराल कम तथा निम्न होगा।
👉
दूसरे या द्वितीय स्तर पर जन्म दर उच्च व स्थिर होगी जबकि मृत्यु दर में तेजी से गिरावट
आयेगी और जनसंख्या अनतराल अधिक होगी, इसी स्तर में जनसंख्या विस्फोट की स्थिति उत्पन्न
होगी।
👉
तृतीय स्तर पर जन्म व मृत्यु दर निम्न होगी व जनसंख्या अन्तराल भी निम्न होगा।
सी.बी.
ब्लेकर के अनुसार-
1.
प्रथम स्तर में जन्म दर व मृत्यु दर उच्च व जनसंख्या अन्तराल कम या निम्न होगा।
2.
द्वितीय स्तर पर जन्म दर उच्च व मृत्यु दर निम्न होगी जबकि जनसंख्या अन्तराल अधिक होगी।
3.
तृतीय स्तर पर जन्म दर धीमी दर से घटेगी जबकि मृत्यु दर में तेजी से गिरावट आयेगी और
अन्तराल कम होगा।
4.
चतुर्थ स्तर पर जन्म व मृत्यु दर दोनों लगभग समान दर से नीची होगी और जनसंख्या अन्तराल
लगभग शून्य होगा।
5.
पांचवे स्तर पर जन्म दर तीव्रता से घटेगी व मृत्यु दर घटेगी और अन्तराल ऋणात्मक होगा।
जनांकिकी
👉
मानव जनसंख्या के वैज्ञानिक अध्ययन को जनांकिकी कहते हैं। यह मुख्यतः तीन मानवीय विशेषताओं
पर ध्यान केन्द्रित करता है -
1.
जनसंख्या के आकार में परिवर्तन
2.
जनसंख्या की संरचना
3.
जनसंख्या का क्षेत्रवार वितरण
जनांकिकी
मुख्यतः पाँच जनांकिकी क्रियाओं से सम्बन्धित है-
1.
प्रजनन
2.
मृत्यु
3.
विवाह
4.
जनसंख्या का स्थानान्तरण
5.
सामाजिक गतिशीलता
👉
उपर्युक्त पांचों कारक मिलकर संयुक्त रूप से निरन्तर गतिशील होकर जनंसख्या के आकार,
संरचना तथा वितरण को प्रभावित करते हो।
जनांकिकी
प्रक्षेपण : जनांकिकी प्रक्षेपण वह पूर्व अनुमानित गणना है
जिसके आधार पर यह निष्कर्ष प्राप्त किया जा सकता है कि किसी भावी तिथि पर जनसंख्या
का आकर तथा आयु संरचना क्या होगा? यदि जनसंख्या में कुछ निर्धारित प्रजनन, मृत्यु तथा
स्थानान्तरण की विशेषताएं बनी रहें।
जनसंख्या घनत्व : जनसंख्या घनत्व से तात्पर्य प्रति वर्ग किमी. भू क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों की संख्या है।
परिवार
नियोजन : विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार “परिवार नियोजन का तात्पर्य
उन गतिविधयों से है जो व्यक्तियों या दम्पत्तियों को कुछ उद्देश्यों जैसे आवंटित जन्मों
से बचना, गर्भधारणों के मध्य समयांतराल का नियमन करना, परिवार में बच्चों की संख्या
निर्धारित करना, इत्यादि की प्राप्ति में सहायक होते हैं।
मातृत्व
अवकाश
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महिला कर्मचारियों की प्रति दो बच्चों के जन्म तक 90 दिन का भुगतान सहित जो अवकाश प्रदान
किया जाता है उसे मातृत्व अवकाश कहते हैं।
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7 अक्टूबर 1997 के पांचवे वेतन आयोग की सिफारिशों पर पितृत्व अवकाश नामक एक नये अवकाश
को पुरुषों के लिए जोड़ा गया जिसके अन्तर्गत पुरुष कर्मचारियों की दो बच्चों के लिए
जन्म तक 75 दिन का भुगतान सहित अवकाश प्रदान किया जाता है।
जनसंख्या
पिरामिड
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जनसंख्या पिरामिड विभिन्न आयु वर्गों की जनसंख्या का एक त्रिकोणात्मक ज्यामितीय निरूपण
है।
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जब जनसंख्या की आयु व लिंग संरचना को ज्यामितीय रूप से प्रदर्शित किया जाता है तो इसका
आधार न्यूनतम आयु वर्ग को प्रदर्शित करता है, जो संख्या में सबसे बड़ा होता है। उच्चतम
आयु वर्ग की जनसंख्या को शीर्ष पर प्रदर्शित करते हैं जो कि आकार में सबसे छोटा होता
है। इसके दोनों किनारे शीर्ष की ओर ढालदार होते हैं जो कि प्रत्येक आयु वर्ग में होने
वाली मृत्यु को प्रदर्शित करते हैं। इसमें लोगों की संख्या को या जनसंख्या को X अक्ष
पर व उनके आयु वर्ग को Y अक्ष पर प्रदर्शित करते है।
🔥 X अक्ष पर पुरुषों को बायी ओर तथा Y अक्ष पर महिलाओं का दांयी ओर प्रदर्शित किया जाता है।