31.PGT झारखंड में भूमि सुधार की प्रगति (Progress of Land Reform in Jharkhand)

झारखंड में भूमि सुधार की प्रगति (Progress of Land Reform in Jharkhand)
31.PGT झारखंड में भूमि सुधार की प्रगति (Progress of Land Reform in Jharkhand)
झारखंड में भूमि सुधार की प्रगति 🔥 भूमि सुधार क्या है : भूमि सुधार एक विस्तृत धारणा है जिसमें सामाजिक न्याय की दृष्टि से जोतों के स्वामित्व का पुनर्वितरण तथा भूमि के इष्टतम प्रयोग की दृष्टि से खेती किए जाने वाले जोतों का पुनगर्ठन सम्मिलित है। नोबल पुरस्कार प्राप्त महान अर्थशास्त्री प्रो0 गुन्नार मिर्डल के अनुसार-’’भूमि सुधार व्यक्ति और भूमि के सम्बन्धों में नियोजन तथा संस्थागत पुनर्गठन है।’’ स्वतंत्रता-प्राप्ति के समय देश के अधिकांश कृषि क्षेत्र में वास्तविक काश्तकार तथा भूमि के स्वामी के बीच मध्यस्थों की एक बड़ी सेना विद्यमान थी। इनके कारण जहाँ एक ओर काश्तकार को भूमि की उपज का बड़ा भाग मध्यस्थों को देना पड़ता था, वही दूसरी ओर वह इन पर पूरी तरह आश्रित था। भू-धारण की उसे कोई गांरटी नही दी जाती थी और लगान की दरों में भी निश्चितता नहीं थी। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद ‘‘जोतने वाले को भूमि’’ के नारे को वास्तविकता में बदलने के लिए भूमि-सुधार किए गयें। सबसे पहले उत्तर प्रदेश लिए कानून बनाया गया। भूमि संबंधी अधिनियम / कानून 🔥 छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम, 1908 Chota Nagpur Tenancy (CNT) Act, 190…