झारखंड के कर्मियों का होगा कैशलेस इलाज, ड्राफ्ट तैयार(Jharkhand workers will get cashless treatment, draft ready)

झारखंड के कर्मियों का होगा कैशलेस इलाज, ड्राफ्ट तैयार(Jharkhand workers will get cashless treatment, draft ready)

झारखंड के 4 लाख कर्मियों और पेंशनरों का 5 लाख रु. का होगा कैशलेस इलाज

स्वास्थ्य विभाग का ड्राफ्ट तैयार, नए साल में होगा लागू

झारखंड के चार लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार इनके लिए पांच लाख रुपए का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना ला रही है। स्वास्थ्य विभाग ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। विभागीय मंत्री की मंजूरी के बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा। यह योजना नए साल में शुरू होने की संभावना है।

इसके लिए कर्मचारियों के वेतन और पेंशन से 250 रुपए से 1000 रुपए मासिक अंशदान लिया जाएगा। इतनी ही राशि सरकार भी देगी। कर्मचारियों को अंशदान की आधी राशि कूपन के रूप में वापस कर दी जाएगी, जिससे वे दवा आदि खरीद सकेंगे। इस तरह राज्यकर्मी देश और प्रदेश के बड़े अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे। दरअसल अभी कर्मचारियों का इलाज तय नियमों के अनुसार सरकार कराती है, लेकिन पेंशनर्स को अपना इलाज खुद कराना पड़ता है। वह भी तब, जब उनकी आयु 60 साल से ज्यादा हो जाती है और उन्हें इलाज की ज्यादा जरूरत पड़ती है। इसी को देखते हुए इस योजना में कर्मचारियों के साथ पेंशनर्स को भी शामिल किया गया है। हालांकि पेंशनर्स अपनी इच्छा के अनुसार इसमें शामिल होंगे। इस फैसले से राज्य के 2.30 लाख कर्मचारी और 1.70 लाख पेंशनर्स के परिवार इसके दायरे में आएंगे।

👉 250 से 1000 तक देना होगा अंशदान, आधी राशि कूपन के रूप में वापस होगी।

👉 इतनी ही राशि सरकार की ओर से प्रीमियम के रूप में भरी जाएगी

👉 पांच लाख से ज्यादा खर्च पर कैबिनेट की मंजूरी जरूरी

कर्मचारियों और पेंशनर्स का पांच लाख रुपए तक का इलाज कैशलेस होगा। लेकिन इलाज पर ज्यादा खर्च होने पर कैबिनेट की विशेष अनुमति लेनी होगी। हालांकि प्रारंभिक आकलन के हिसाब से हर महीने 70-80 करोड़ रुपए प्रीमियम के रूप में जमा होंगे, जो सालाना करीब 840 करोड़ रुपए होंगे। प्रीमियम की राशि को लेकर अभी अंतिम फैसला होना बाकी है। हर वर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए प्रीमियम की राशि अलग होगी। प्रीमियम की राशि राज्य सरकार की ओर से काटी जाने वाली मेडिकल की कटौती से ही जमा की जाएगी।

आपात स्थिति में न्यायिक अधिकारियों की तरह एयर एंबुलेंस सुविधा देने पर भी विचार

आपात स्थिति में राज्यकर्मियों को देश के बेहतर संस्थानों में भेजने के लिए एयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराने पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि यह कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना का हिस्सा नहीं होगा। अभी राज्य में न्यायिक अधिकारियों को इलाज के लिए एयर एंबुलेंस की सुविधा दी जा रही है। अब इसे सभी कर्मचारियों के लिए लागू करने की योजना है।

अभी चिकित्सा प्रतिपूर्ति का मिलता है लाभ

राज्य के कर्मचारियों को अभी स्वास्थ्य भत्ता दिया जाता है। इसमें द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को एक से तीन हजार रुपए तक मिलते हैं। कर्मचारी लंबे समय से कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना की मांग कर रहे हैं, ताकि गंभीर मामलों में वे देश के बड़े अस्पतालों में इलाज करा सकें। वर्तमान में कर्मचारियों और उनके परिजनों को इलाज पर खुद खर्च करना पड़ता है। इसके बाद वे प्रशासी विभाग में बिल जमा करते हैं।

एमपी और यूपी में लागू है कैशलेस इलाज की सुविधाः

अभी देश के दो बड़े राज्यों मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में कैशलेस इलाज की सुविधा दी जा रही है। यूपी में 22 लाख कर्मचारी जबकि मध्य प्रदेश में 20 लाख कर्मचारी इसका लाभ ले रहे हैं। इसके लिए कर्मचारियों का हेल्थ कार्ड बनाया गया है।

दीपक कुमार

मीडिया प्रभारी दुमका

इस प्रकार के खबरों के लिए देखें: NMOPS JAC HRD NEWS

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