पत्रांक-
04/म0म0स0 (समारोह)-02 /2022 101/
झारखण्ड
सरकार,
मंत्रिमण्डल
सचिवालय एवं निगरानी विभाग
(समन्वय)
प्रेषक,
अजय कुमार सिंह,
सरकार के प्रधान सचिव ।
सेवा
में,
सभी अपर मुख्य सचिव
सरकार के सभी प्रधान सचिव
सरकार के सभी सचिव
सभी प्रमण्डलीय आयुक्त
सभी विभागाध्यक्ष झारखण्ड
सभी उपायुक्त
राँची,
दिनांक
30 जनवरी, 2023 ई० ।
विषय
:- राज्य
सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों एवं सरकारी समारोहों में अभिवादन हेतु "जोहार" शब्द प्रयोग किये जाने के संबंध में
।
महाशय,
निदेशानुसार
उपर्युक्त विषय के संबंध में कहना है कि झारखण्ड की पहचान एक जनजातीय बाहुल्य
राज्य के रूप में है। झारखण्ड राज्य की संस्कृति में "जोहार" बोलकर
अभिवादन किये जाने की परम्परा है, जो इस राज्य की विशिष्ट संस्कृति एवं समृद्ध
परम्परा को प्रतिबिम्बित करता है।
2.
उपर्युक्त परिप्रेक्ष्य में यह निर्णय लिया गया है कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित
कार्यक्रमों एवं सरकारी समारोहों में अभिवादन हेतु "जोहार" शब्द उपयोग किया जाय।
3.
यह भी निर्णय लिया गया है कि सभी प्रकार के राजकीय कार्यक्रमों / सरकारी समारोहों में
गणमान्य अतिथियों के स्वागत के लिए पुष्प गुच्छ (Bouquet) / अकेला पुष्प का उपयोग नहीं
किया जाय। पौधा / पुस्तक / शॉल / मेमेन्टो देकर स्वागत किया जा सकता है। इस संबंध में
पूर्व निर्गत पत्रांक-946, दिनांक 25.07.2019 को इस हद तक संशोधित किया जाता है।
अतः
अनुरोध है कि राज्य सरकार द्वारा लिये गये उपर्युक्त निर्णयों का दृढ़तापूर्वक
अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।
जोहार का अर्थ क्या होता हैं?
जोहार
का मतलब – “सबका कल्याण करने
वाली प्रकृति की जय” अर्थात “प्रकृति के प्रति संपूर्ण समर्पण का भाव
ही जोहार है“।
आदिवासियों का उद्बोधन शब्द क्या है?
आदिवासी
समुदाय (अनुसूचित जनजाति – ST= Scheduled Tribes) प्रकृति को धर्मेश,
सिंगबोंगा, मरांग, बुरु आदि कई नामों से पूजा करते हैं। पूजा विधि विधान में उस “प्रकृति
की सृजनहार अनंत शक्ति” को अपनी भावना (Feeling), विश्वास (Believe), श्रद्धा
(Reverence), मान्यता (Accreditation) के अनुसार धन्यवाद (Thanks) देने के लिए “जोहार”
शब्द का उद्बोधन करता है।
आदिवासी (अनुसूचित
जनजाति – ST= Scheduled Tribes या अ.ज.जा.) परंपरा के अनुसार प्रकृति के
आदर सत्कार के लिए “जोहार” का प्रयोग करते हैं। आदिवासी समुदाय नया साल मानते
समय “जोहार” शब्द का प्रयोग करते हैं।
आदिवासी
समुदाय (Tribal Communities) वन संपदा (जैसे जंगल में पत्तियाँ, घास, पेड़ काटना)
अपने उपभोग करते समय “जोहार” बोलते हैं।
मानव
(Homo sapiens) के शरीर पांच तत्व से बना होता हैं। इसलिए मरने के बाद इंसान
“पंच तत्व में विलीन” होता है। भारत मे दक्षिणी राजस्थान के “भील आदिवासी” “11 रमे,
12 रमे” के दिन सब सगा संबंधी, गाँव वाले, पाल के संगी साथी मिलजुल कर पूर्व दिशा की
तरफ मुँह करके लाइन में लग कर चावल हाथ में लेकर एक साथ “जोहार” बोलकर “मरे हुए
मानव को अंतिम विदाई” देते हैं यानी “प्रकृति को समर्पित” करते हैं
और प्रकृति से प्राथना करते हैं कि “इस इंसान को अपने में समाहित कर लें क्योंकि
यह जीव आपका ही अंश था। उसके बाद वह पूजनीय योग्य हो जाता हैं। जिससे प्रेरणा ली जा
सकें”। ध्यान रहे – “भीली बोली भाषा” में “मुंडारी भाषा” के शब्द हैं। जिसमें एक शब्द
“जोहार” हैं।
जोहार शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?
“जोहार”
शब्द AUSTROASIAN language family का है। तो इसलिए इसका अर्थ उसी “ऑस्ट्रो
एशियन भाषा परिवार” में ढूँढना संभव है.
छोटा
नागपुर परिक्षेत्र [पश्चिम बंगाल (West Bengal), बिहार (Bihar), झारखंड
(Jharkhand), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), उड़ीसा (Odisha)] की “संथाली, मुंडारी, कुडुख,
हो” आदि भाषाओं के “भाषाई सांस्कृतिक (Cultural), भौगोलिक (Geographical), सामाजिक
(Social)” इलाके का गहन अध्ययन करके ही जोहार शब्द का व्याख्याकरनी चाहिए। जोहार
का हिंदी अर्थ? यदि आप हिन्दी भाषा के आधार पर इसका अर्थ निकाल रहे हो तो स्वयं
भी मूर्ख बन रहे हो और दूसरों को भी अपने जैसा मूर्ख बना रहे हो।
वनस्पति,
जीव जंतु, पशु पक्षी, जलचर, थलचर, नभचर, सूर्य, चंद्र, तारे, जमीन-आसमान, नदियाँ, पहाड़,
सागर, कीड़े मकोडे, रेंगने वाले, दौड़ने वाले, उड़ने वाले सब के सब सजीव प्रकृति का
हिस्सा हैं। निर्जीव वस्तुएँ भी प्रकृति का अटूट अनमोल अभिन्न हिस्सा है।
जोहार का मतलब
अतः जोहार
शब्द से तात्पर्य है तमाम “सजीव और निर्जीव प्रकृति के अंगों की जय हैं”।
“जोहार” का अर्थ (Johar Meaning) “सबका कल्याण करने वाली प्रकृति की जय” हैं।
इस तरह “जोहार” का अर्थ हुआ – “सबका कल्याण करने वाली प्रकृति की जय” अर्थात “प्रकृति
के प्रति संपूर्ण समर्पण का भाव ही जोहार है“।
इस प्रकार आदिवासी समुदाय (अनुसूचित जनजाति) “जोहार” का प्रयोग “सम्पूर्ण सृष्टि के कल्याण करने के लिए करते हैं” और इस बात से यह भी स्पष्ट हो जाता हैं कि आदिवासी समुदाय (अनुसूचित जनजाति – ST= Scheduled Tribes) सबका कल्याण चाहते हैं।