Jac Board Class 12 Economics (Science/Commerce) 2023 Answer key

Jac Board Class 12 Economics (Science/Commerce) 2023 Answer key

झारखण्ड अधिविद्य परिषद्

ANNUAL INTERMEDIATE EXAMINATION - 2023

ECONOMICS  Science/Commerce (Optional)

कुल समय : 3 घंटे 20 मिनट                  पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश :

इस प्रश्न पुस्तिका में दो भाग हैं - भाग - A तथा भाग -B

भाग - A में 40 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न हैं जिनके उत्तर अलग से दिये गये OMR उत्तर पत्रक पर चिह्नित करें | भाग - A के उत्तर पहले 2.00 अपराह्न से 3.35 अपराह्न तक हल करेंगे एवं इसके उपरान्त OMR उत्तर पत्रक वीक्षक को 3.35 अपराह्न पर लौटा देंगे ।

भाग -B में 40 अंक के विषयनिष्ठ प्रश्न हैं जिनके उत्तर अलग से दिये गये उत्तर पुस्तिका पर हल करें। भाग-B के उत्तर के लिए समय 3.40 अपराह्न से 5.20 अपराह्न तक निर्धारित है । परीक्षार्थी परीक्षा के उपरान्त प्रश्न पुस्तिका को ले जा सकते हैं।

भाग- A

(बहुविकल्पीय आधारित प्रश्न )

वर्ग-12

विषय- अर्थशास्त्र

पूर्णांक-40

समय-1 घंटा 30 मिनट

1. सावधानी पूर्वक सभी विवरण OMR उत्तर पत्रक पर भरें ।

2. आप अपना पूरा हस्ताक्षर OMR उत्तर पत्रक पर दी गई जगह पर करें ।

3. इस भाग में कुल 40 बहु-विकल्पीय प्रश्न हैं ।

4. सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 1 अंक निर्धारित है।

5. गलत उत्तर के लिए कोई अंक नहीं काटा जायेगा।

6. OMR उत्तर पत्रक के पृष्ठ 2 पर प्रदत्त सभी निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा उसके अनुसार कार्य करें।

7. प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्प दिये गये हैं। इनमें से सबसे उपयुक्त उत्तर को आप अपने OMR उत्तर पत्रक पर ठीक-ठीक गहरा काला करें। केवल नीला या काला बॉल-प्वाइंट कलम का ही प्रयोग करें। पेंसिल का प्रयोग वर्जित है।

8. OMR उत्तर पत्रक पर दिये गये निर्देशों का ध्यानपूर्वक पालन कीजिए अन्यथा आपका OMR उत्तर पत्रक अमान्य होगा और उसका मूल्यांकन नहीं किया जायेगा ।

1. अर्थव्यवस्था की किस समस्या का संबंध उत्पादन की तकनीकी के चयन से है?

1. क्या उत्पादन करें

2. कैसे उत्पादन करें

3. कितनी मात्रा में उत्पादन करें?

4. किसके लिए उत्पादन करें?

2. किसी वस्तु की मानवीय आवश्यकता की संतुष्ट करने की क्षमता है

1. पभोग

2. पयोगिता

3. गुण

4. रूचि

3. उपयोगिता के क्रमवाचक विश्लेषण का प्रतिपादन किसने किया था ?

(1) एडम स्मिथ

(2) हिक्स और एलेन

(3) मार्शल

(4) पीगू

4. निम्नलिखित चित्र प्रदर्शित करता है

Jac Board Class 12 Economics (Science/Commerce)  2023 Answer key

(1) बेलोचदार माँग

(2) अधिक लोचदार माँग

(3) पूर्णतः लोचदार माँग

(4) पूर्णतः बेलोचदार माँग

5. उपभोक्ता की आय बढ़ने से किस प्रकार की वस्तु की माँग घटती है ?

(1) सामान्य वस्तु

(2) घटिया वस्तु

(3) पूरक वस्तु

(4) इनमें से कोई नहीं

6. दीर्घकालीन उत्पादन फलन का संबंध निम्न में से किससे है?

(1) पैमाने के प्रतिफल से

(2) परिवर्तनशील अनुपात के नियम से

(3) माँग की लोच से

(4) इनमें से कोई नहीं

7. उत्पादन फलन को व्यक्त करता है

(1) Qx = Dx

(2) Qx = Px

(3) Qx = f (A, B, C, D, E )

(4) इनमें से कोई नहीं

8. किसी वस्तु के उत्पादन की स्थिर लागत 60 रुपये है। उस वस्तु की 10 इकाई उत्पादन की औसत स्थिर लागत क्या होगी ?

(1) 50 रु०

(2) 25 रु०

(3) 6 रु०

(4) 60 रु०

9. दो समोत्पाद चक्रों के बीच की दूरी क्या व्यक्त करती है ?

(1) उत्पादन स्तर में परिवर्तन

(2) उपयोगिता में अन्तर

(3) लागत में अन्तर

(4) लाभ में अन्तर

10. निम्नलिखित में से कौन सही है ?

(1) TVC = TC-TFC

(2) TC = TFC-TVC

(3) TFC = TVC+ TC

(4) TC = TVC x TFC

11. उत्पादन की मात्रा में परिवर्तन करने पर किस लागत में परिवर्तन नहीं होता है ?

(1) सीमांत लागत

(2) कुल स्थिर लागत

(3) औसत स्थिर लागत

(4) औसत परिवर्ती लागत

12. औसत लागत वक्र का आकार होता है

(1) U अक्षर जैसा

(2) x अक्ष की समान्तर रेखा

(3) L अक्षर जैसा

(4) इनमें से कोई नहीं

13. किस बाजार में AR = MR होता है ?

(1) पूर्ण प्रतियोगिता

(2) एकाधिकार

(3) एकाधिकारी प्रतियोगिता

(4) इनमें से सभी

14. निम्न में किस बाजार में विभेदीकृत वस्तुओं का उत्पादन होता है ?

(1) पूर्ण प्रतियोगिता

(2) एकाधिकारी प्रतियोगिता

(3) एकाधिकार

(4) इनमें से सभी

15. फर्म के संतुलन की मूल शर्त है

(1) MR = AR

(2) MR = TR

(3) AR = TR

(4) MC = MR

16. "पूर्ति अपने लिए माँग का सृजन स्वयं कर लेती है।" यह किसने कहा ?

(1) जे. बी. से

(2) एडम स्मिथ

(3) मार्शल

(4) पीगू

17. इकमुश्त कर लगाने से किसी वस्तु की पूर्ति पर क्या प्रभाव होता है ?

(1) पूर्ति में वृद्धि होती है

(2) पूर्ति कम हो जाती है

(3) पूर्ति शून्य हो जाती है

(4) पूर्ति अपरिवर्तित रहती है

18. बाजार मूल्य को परिभाषित किया जाता है।

(1) अल्पकालीन बाजार से

(2) दीर्घकालीन बाजार से

(3) अति दीर्घकालीन बाजार से

(4) इनमें से सभी

19. आधिक्य माँग की स्थिति में कीमत में प्रवृत्ति होती है।

(1) कमी होने की

(2) वृद्धि होने की

(3) शून्य होने की

(4) अपरिवर्तित होने की

20. कीमत उस बिन्दु पर निर्धारित होती है जहाँ

(1) वस्तु की माँग अधिक हो

(2) वस्तु की पूर्ति अधिक हो

(3) वस्तु की माँग और वस्तु की पूर्ति बराबर हो

(4) इनमें से कोई नहीं

21. 'द जेनरल थ्योरी ऑफ इम्प्लॉयमेन्ट, इन्टरेस्ट एण्ड मनी' नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं ?

(1) एडम स्मिथ

(2) अल्फ्रेड मार्शल

(3) जे. एम. केन्स

(4) रिकार्डो

22. GNP और NNP में क्या संबंध है ?

(1) GNP = NNP-घिसावट

(2) NNP = GNP+ घिसावट

(3) NNP = GNP-घिसावट

(4) GNP = GDP+ घिसावट

23. स्टॉक चर का एक उदाहरण है

(1) मुद्रास्फीति

(2) पूँजी

(3) आय

(4) व्यय

24. राष्ट्रीय आय के आकलन में किसी वस्तु या सेवा का मूल्य एक से अधिक बार शामिल करना कहलाता है

(1) एकल गणना

(2) बहुल गणना

(3) दोहरी गणना

(4) इनमें से कोई नहीं

25. निम्न में से किस वस्तु के निर्माण में गेहूँ एक मध्यवर्ती वस्तु है ?

(1) ब्रेड

(2) बिस्कुट

(3) चपाटी

(4) इनमें से सभी

26. मुद्रा का कार्य है

(1) विनिमय का माध्यम

(2) मूल्य का संचय

(3) मूल्य का मापक

(4) इनमें से सभी

27. किसने कहा, "मुद्रा वह है जो मुद्रा का कार्य करें" ?

(1) राबर्टसन

(2) कीन्स

(3) हार्टेल विदर्स

(4) मार्शल

28. भारत का एक केन्द्रीय बैंक है

(1) सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया

(2) भारतीय रिज़र्व बैंक

(3) बैंक ऑफ इण्डिया

(4) भारतीय स्टेट बैंक

29. केन्द्रीय बैंक का मुख्य कार्य है

(1) केन्द्रीय सरकार का बैंकर एजेन्ट

(2) बैंकों का बैंक

(3) नोट जारी करना

(4) इनमें से सभी

30. उपभोग फलन C = A+ bY में स्वायत्त उपभोग है

(1) C

(2) A

(3) B

(4) bY

31. मंदी वह अवस्था है जब अर्थव्यवस्था में

(1) उत्पादन बढ़ता है

(2) रोजगार बढ़ता है

(3) रोजगार तथा उत्पादन स्तर बढ़ता है

(4) रोजगार तथा उत्पादन स्तर गिरता है

32. किसी अर्थव्यवस्था में यदि MPS = 0.2 है, तो गुणक का मान क्या होगा ?

(1) 0.4

(2) 5

(3) 2.5

(4) 4

33. निवेश गुणक है।

`\left(1\right)\frac1{MPS}`

`\left(2\right)\frac1{1-MPC}`

(3) (1) और (2) दोनों

(4) इनमें से कोई नहीं

34. निवेश के निर्धारक घटक कौन-सा है ?

(1) पूँजी की सीमांत क्षमता

(2) ब्याज की दर

(3) (1) और (2) दोनों

(4) इनमें से कोई नहीं

35. निम्न में से अप्रत्यक्ष कर का एक उदाहरण कौन-सा है ?

(1) बिक्री कर

(2) उत्पाद शुल्क

(3) (1) और (2) दोनों

(4) आयकर

36. राजस्व व्यय एवं राजस्व प्राप्तियों के अन्तर को क्या कहा जाता है ?

(1) प्राथमिक घाटा

(2) राजस्व घाटा

(3) राजकोषीय घाटा

(4) व्यापार घाटा

37. विदेशी विनिमय दर का निर्धारण होता है।

(1) विदेशी करेंसी की माँग द्वारा

(2) विदेशी करेंसी की पूर्ति द्वारा

(3) विदेशी विनिमय बाजार में माँग एवं पूर्ति द्वारा

(4) इनमें से कोई नहीं

38. व्यापार संतुलन का अर्थ होता है

(1) वस्तुओं के आयात एवं निर्यात से

(2) पूँजी के लेनदेन से

(3) कुल डेबिट तथा क्रेडिट से

(4) इनमें से सभी

39. निम्नलिखित में से कौन-सा मद भुगतान संतुलन के चालू खाते का एक घटक है ?

(1) विदेशी प्रत्यक्ष निवेश

(2) विदेशी सहायता

(3) विदेशी ऋण

(4) वस्तुओं का निर्यात

40. भुगतान संतुलन में असंतुलन का निम्न में से कौन आर्थिक कारण है ?

(1) राजनीतिक अस्थिरता

(2) व्यापार चक्र

(3) अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध

(4) इनमें से कोई नहीं

भाग-B

(विषयनिष्ठ आधारित प्रश्न )

वर्ग-12

विषय- अर्थशास्त्र

F.M.-40

समय-1 घंटा 30 मिनट

निर्देश :

1. परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में ही उत्तर दें।

2. इस प्रश्नपत्र में तीन खण्ड - A, B एवं C हैं। कुल प्रश्नों की संख्या 19 है ।

3. खण्ड - A में प्रश्न संख्या 17 अति लघु उत्तरीय प्रकार के हैं। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए । प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 30 शब्दों में दीजिए । प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 2 अंक निर्धारित है ।

4. खण्ड-B प्रश्न संख्या 8- 14 लघु उत्तरीय हैं। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 50 शब्दों में दीजिए । प्रत्येक प्रश्न की अभिमानता 3 अंक निर्धारित है।

5. खण्ड - C - प्रश्न संख्या 15 - 19 दीर्घ उत्तरीय हैं। इनमें से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए । प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 100 शब्दों में दीजिए । प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 5 अंक निर्धारित है ।

खण्ड - A

( अति लघु उत्तरीय प्रश्न )

किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दें।2 x 5 = 10

1. समष्टि अर्थशास्त्र को परिभाषित कीजिए।

उत्तर : प्रो. बोल्डिंग के अनुसार- “समष्टि अर्थशास्त्र में व्यक्तिगत मात्राओं का अध्ययन नहीं किया जाता है, अपितु इन मात्राओं के योग का अध्ययन किया जाता है। इसका संबंध व्यक्तिगत आय से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आय से होता है व्यक्तिगत कीमतों से नहीं, बल्कि सामान्य कीमत-स्तर से होता है तथा व्यक्तिगत उत्पादन से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय उत्पादन से होता है।’’

2. मध्यवर्ती वस्तु क्या है ?

उत्तर : अन्तिम वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन में उत्पादक द्वारा प्रयोग किये जाने वाला कच्चा माल, बिजली, ईंधन आदि को मध्यवर्ती वस्तुएं कहते हैं । उदाहरण के लिये बेकरी में डबल रोटी के उत्पादन में प्रयोग किया जाने वाला गेहूँ का आटा मध्यवर्ती वस्तु है।

3. औसत उत्पाद क्या है ?

उत्तर : परिवर्ती कारक की प्रत्येक इकाई उत्पादन को औसत उत्पाद कहा जाता है।

`AP=\frac{TP}L`

4. बाजार से आप क्या समझते हैं?

उत्तर : सामान्य अर्थ में “बाजार” शब्द से तात्पर्य एक ऐसे स्थान या केन्द्र से होता है, जहाँ पर वस्तु के क्रेता और विक्रेता भौतिक रूप से उपस्थित होकर क्रय-विक्रय का कार्य करते हैं। उदाहरण के लिए शहरों में स्थापित व्यापारिक केन्द्र जैसे कपड़ा बाजार या गाँवों में लगने वाले हाट।

प्रो. ऐली के अनुसार : “बाजार से तात्पर्य उस सामान्य क्षेत्र से होता है, जहाँ पर किसी वस्तु विशेष के मूल्य को निर्धारित करने वाली शक्तियां क्रियाशील होती हैं।”

5. मुद्रा की परिभाषा दीजिए।

उत्तर : क्राउथर के अनुसार, “मुद्रा वह वस्तु है जो विनिमय के माध्यम के रूप में सामान्यतया स्वीकारी जाती है और साथ ही साथ में मुद्रा के माप और मुद्रा के संग्रह का कार्य भी करे।”

6. राजस्व प्राप्ति से आप क्या समझते हैं?

उत्तर : सरकार द्वारा वसूले गए सभी प्रकार के कर और शुल्क, निवेशों पर प्राप्त ब्याज और लाभांश तथा विभिन्न सेवाओं के बदले प्राप्त रकम को राजस्व प्राप्ति या राजस्व कहा जाता है।

7. आयात-प्रतिस्थापन से क्या तात्पर्य है?

उत्तर : आयात प्रतिस्थापन का अभिप्राय आयात की जाने वाली किसी वस्तु का कुल या आंशिक रूप से देश के कच्चे माल तथा तकनीकी ज्ञान द्वारा उत्पादित उसी प्रकार का कार्य करने वाली वस्तु द्वारा प्रतिस्थापन करने से है।

खण्ड - B

( लघु उत्तरीय प्रश्न )

किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दें। 3 x 5 = 10

8. माँग के नियम से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर : “माँग किसी वस्तु की वे मात्राएँ हैं जिन्हें एक उपभोक्ता अन्य वातें समान रहने पर प्रत्येक संभव कीमत पर एक निश्चित समय में खरीदने के लिए इच्छुक तथा योग्य है। "

9. अल्पकालीन उत्पादन फलन और दीर्घकालीन उत्पादन फलन में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : अल्पकालीन उत्पादन फलन और दीर्घकालीन उत्पादन फलन में निम्नलिखित अंतर है -

अल्पकालीन (परिवर्ती अनुपात) उत्पादन फलन

दीर्घकालीन (समान/स्थिर अनुपात) उत्पादन फलन

1. इस उत्पादन फलन में, उत्पादन के स्तर में परिवर्तन के साथ-साथ कारक आगत अनुपात में परिवर्तन होता है।

1. इस उत्पादन फलन में, उत्पादन के स्तर में परिवर्तन के साथ-साथ कारक आगत अनुपात समान/स्थिर रहता है।

2. इसमें कुछ कारकों के स्थिर रहते हुए, केवल कुछ कारकों में परिवर्तन करके ही उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है।

2. इसमें सभी कारक आगतों की मात्रा में वृद्धि करके उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है।

3. इसमें उत्पादन की मात्रा में परिवर्तन होने से उत्पादन के पैमाने में परिवर्तन नहीं होता।

3. इसमें उत्पादन की मात्रा में परिवर्तन होने के साथ-साथ उत्पादन के पैमाने में भी परिवर्तन होता है।

10. पूर्ण प्रतियोगी बाजार की तीन विशेषताओं को बताए।

उत्तर : बोल्डिग के शब्दों में," पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की वह स्थिति है जिसमें किसी वस्तु के बहुत से क्रेता तथा विक्रेता होते हैं। विक्रेता समरूप वस्तु को एक समान कीमत पर बेचते हैं। फर्म द्वारा कीमत निर्धारित नहीं की जाती बल्कि उद्योग द्वारा निर्धारित होती है।"

विशेषताएं

1. फर्मो या विक्रेताओं की अधिक संख्या :- किसी वस्तु को बेचने वाले विक्रेताओं की संख्या इतनी अधिक होती है कि किसी एक फर्म द्वारा पूर्ति में की  जाने वाली वृद्धि या कमी का बाजार की कुल पूर्ति पर बहुत ही कम प्रभाव पड़ता है। अतएव  कोई अकेला फर्म वस्तु की कीमत को प्रभावित नहीं कर सकती।

2.  क्रेताओ की अधिक संख्या :- क्रेताओं की संख्या  बहुत अधिक होती है। इसलिए कोई एक क्रेता कीमत को प्रभावित करने के योग नहीं होता।

3.  एक सामान या समरूप वस्तुएं :- पूर्ण प्रतियोगिता की दूसरी शर्त यह है कि सभी विक्रेता एक जैसी ही इकाइयां बेचते उनमें रुप, रंग, गुण या किस्म में  किसी भी प्रकार का अंतर नहीं होता। सभी वस्तुएं समरूप होती है।

11. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) में अंतर स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर : सकल घरेलू उत्पाद (GDP) देश के घरेलू क्षेत्र के उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं तथा सेवाओं के मौद्रिक मूल्य को बताता है। जबकि सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) देश के सामान्य निवासियों द्वारा उत्पादित अंतिम वस्तुओं तथा सेवाओं का बाजार मूल्य होता है

GDP एक क्षेत्रीय घरेलू धारणा है जो देश के घरेलू क्षेत्र तक सीमित होती है जबकि GNP एक राष्ट्रीय धारणा है जिसका संबंध देश के सामान्य निवासियों के साथ होता है

GDP = GNP - शुद्ध विदेशी साधन आय

GNP = GDP + शुद्ध विदेशी साधन आय

GDP एक संकुचित धारणा है जो केवल घरेलू क्षेत्र तक सीमित होती है जबकि GNP एक व्यापक धारणा है जिसमें शुद्ध विदेशी साधन आय शामिल होती है।

12. मुद्रा विनिमय का माध्यम है। स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर : मुद्रा का सबसे महत्वपूर्ण कार्य विनिमय का माध्यम है। इसका अभिप्राय यह है कि एक व्यक्ति अपनी वस्तुओं को बेचकर मुद्रा प्राप्त करता है तथा मुद्रा देकर अन्य वस्तुओं को खरीदता है।  मुद्रा क्रय तथा विक्रय दोनों में ही एक मध्यस्थ का कार्य करती है। विनिमय के माध्यम के रूप में मुद्रा ने वस्तु विनिमय प्रणाली की मुख्य कठिनाई अर्थात आवश्यकताओं के दोहरे सहयोग के अभाव को समाप्त कर दिया है। इसके फलस्वरूप विनिमय का कार्य सरल और सुगम हो गया है तथा समय और परिश्रम की बहुत अधिक बचत हुई है। मुद्रा के विनिमय के माध्यम के रूप में कार्य करने का अभिप्राय यह है कि इसे लोग सामान्य रूप से स्वीकार करते हैं। इसलिए मुद्रा के द्वारा वे अपनी इच्छा की विभिन्न वस्तुएं खरीद सकते हैं अर्थात बहुपक्षीय व्यापार कर सकते हैं। इस प्रकार मुद्रा लोगों को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करती है तथा बाजार का विस्तार तथा प्रतियोगिता बढ़ाकर बाजार संयंत्र को निपुण बनाती है।

13. प्रभावी माँग से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर : केन्स ने 1936 में प्रकाशित अपनी पुस्तक ' The General Theory of Employment, Interest and Money' में रोजगार सिद्धांत का उल्लेख किया। केन्स के अनुसार रोजगार प्रभावपूर्ण मांग पर निर्भर करती है

उपभोग सम्बन्धी वस्तुओं तथा विनियोग सम्बन्धी वस्तुओं की मांग के योग को प्रभावपूर्ण मांग कहते हैं।

प्रभावपूर्ण मांग ( ED ) = उपभोग मांग (C) + निवेश मांग (I)

उपभोग से संबंधित वस्तुएं वे है जिनका उपभोग व्यक्ति या परिवार अपनी सामान्य आवश्यकता की पूर्ति के लिए करता है। जैसे खाद्यान्न, वस्त्र आदि। निवेश से संबंधित वस्तुएं वे है जिनका उपयोग संरचनात्मक या विनिर्माण उद्योगो में होता है। जैसे मशीन, पावर प्लांट आदि।

प्रभावपूर्ण मांग का निर्धारण दो तत्त्वों से होता है

1. समग्र (कुल) मांग (AD) :- समान कीमत स्तर पर अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं की कुल मांग को समग्र मांग (AD)कहते हैं।

कुल मांग = उपभोग + निवेश ( बन्द अर्थव्यवस्था में )

AD = C + I

कुल मांग = उपभोग + निवेश + [ निर्यात - आयात ] ( खुली अर्थव्यवस्था में )

AD = C + I + ( X - M )

चित्र में ADF का बाये से दाये ऊपर की ओर बढ़ना इस बात को दर्शाता है कि जैसे-जैसे रोजगार की मात्रा बढ़ती जाती है ; कुल मांग फलन भी बढ़ती जाती है।

2. समग्र पूर्ति या कुल पूर्ति (AS) :-  अर्थव्यवस्था में सभी वस्तु की कुल पूर्ति के योग को समग्र पूर्ति कहते हैं

कुल पूर्ति = उपभोग + बचत

AS = C + S

चित्र से यह स्पष्ट होता है कि ON तक रोजगार के बढ़ने के साथ-साथ ASF बढ़ता है, उसके बाद यह लम्बवत हो जाती है

संतुलन

समग्र मांग और आपूर्ति में संतुलन उस समय होता है जब किसी विशेष कीमत स्तर पर समग्र मांग समग्र पूर्ति के बराबर हो जाएसंतुलन स्तर की समग्र आपूर्ति से जुड़े रोजगार स्तर को संतुलन रोजगार (प्रभावपूर्ण मांग) कहा जाता है

चित्र में,

AD = समग्र मांग की रेखा , AS = समग्र पूर्ति की रेखा। ये दोनों वक्र एक दूसरे को E बिंदु पर काटती है जो संतुलन बिंदु हैइस बिंदु पर रोजगार ON के बराबर तथा विक्रय प्राप्तियां OM के बराबर है

14. सरकारी बजट के उद्देश्य को लिखिए।

उत्तर : सरकारी बजट एक वित्तीय वर्ष की अवधि के दौरान सरकार की प्राप्तियों (आय) तथा सरकार के व्यय के अनुमानों का विवरण होता है।

सरकारी बजट के उद्देश्य

(1) आय तथा संपत्ति का पुनः वितरण :- संपत्ति और आय का समान बटवारा सामाजिक न्याय का प्रतीक है जो कि भारत जैसे किसी भी कल्याणकारी राज्य का मुख्य उद्देश्य होता है।

(2) संसाधनों का पुनः आवंटन :- अपनी बजट संबंधी नीति द्वारा देश की सरकार संसाधनों का आवंटन इस प्रकार करती है जिससे अधिकतम लाभ तथा सामाजिक कल्याण के बीच संतुलन स्थापित किया जा सके

(3) आर्थिक स्थिरता :- अर्थव्यवस्था में तेजी और मंदी के चक्र चलते हैं। सरकार अर्थव्यवस्था को इन व्यापार चक्रसे सुरक्षित रखने के लिए सदा वचनबद्ध होती हैसरकार आर्थिक स्थिरता की स्थिति को प्राप्त करने का प्रयत्न करती है

(4)  सार्वजनिक उद्यमों का प्रबंध :- सरकार के बजट संबंधी नीति से ही प्रकट होता है कि वह किस प्रकार सार्वजनिक उद्यमों के माध्यम से विकास की गति को तीव्र करने के लिए उत्सुक है। प्राय: सार्वजनिक उद्यमो को न क्षेत्रों में लगाने का प्रयत्न किया जाता है जहां प्राकृतिक एकाधिकार पाया जाता है

खण्ड - C

( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )

किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दें। 5 × 3 = 15

15. निम्न तालिका से माँग की कीमत लोच की गणना कीजिए:

वस्तु की कीमत

वस्तु की माँग

8

32

6

42

उत्तर :    

P= 8     P1=6       

Q=32,   Q1=42 

P= P1 -P= 6-8= -2      

Q = Q1 -Q =42-32=10

`E_d=(-)\frac{\Delta Q}Q\times\frac P{\Delta P}`

`E_d=(-)\frac10{32}\times\frac{8}{-2}` `=\frac10{8}=1.25`

अत: मांग की लोच इकाई से अधिक है।

16. परिवर्तनशील अनुपात के नियम की तीन अवस्थाओं को बताइए।

उत्तर: जब उत्पादन का केवल एक साधन परिवर्तनशील होता है तथा अन्य साधन स्थिर हो तो साधन को बढ़ाने से उत्पादन पहले बढ़ता है , उसके बाद स्थिर अनुपात में बढ़ता है तथा अंत में घटने लगता है

 Y= f(V.F)

जहां, Y= उत्पादन , V = परिवर्तनशील साधन , F = स्थिर साधन , f = फलन

कुल उत्पादन,औसत उत्पादन तथा सीमांत उत्पादन में संबंध

कुल उत्पादन (TP) :- उत्पत्ति के साधनो से उत्पादित की गई वस्तुओं तथा सेवाओं की कुल मात्रा की कुल उत्पादन कहा जाता है।  

TP =  MP

औसत उत्पादन (AP) :- परिवर्तन साधन के प्रति इकाई उत्पादन को औसत उत्पादन कहा जाता है

AP = `\frac{TP}L`

सीमांत उत्पादन (MP) :- परिवर्तनशील साधन की एक अतिरिक्त इकाई और लगाने से कुल उत्पादन में जो वृद्धि होती है, उसे सीमांत उत्पादन कहते हैं।

MP = TPn – TPn-1   or , `\frac{\Delta TP}{\Delta L}`

 उत्पादन की अवस्था

प्रथम अवस्था में कुल उत्पादन बढ़ता है और औसत उत्पादन भी बढ़ता है तथा सीमांत उत्पादन बढ़ता हैइसलिए इस अवस्था को उत्पत्ति वृद्धि नियम या लागत ह्रास नियम भी कहते हैं

दूसरी अवस्था में कुल उत्पादन घटती हुई दर से बढ़ता है ; औसत उत्पादन अधिकतम होकर धीमी गति से बढ़ता है तथा सीमांत उत्पादन तीव्र गति से घटता है और शून्य हो जाता हैइसलिए इसे उत्पत्ति मता नियम या लागत समता नियम ते हैं

तीसरी अवस्था में कुल उत्पादन घटता है, औसत उत्पादन घटता है तथा सीमांत उत्पादन ऋणात्मक हो जाता हैइसलिए इसे उत्पत्ति ह्रास नियम या लागत वृद्धि नियम भी कहते हैं

17. एकाधिकार बाजार में मूल्य निर्धारण कैसे होता है ?

उत्तर : अंग्रेजी के मोनोपोली शब्द का अर्थ एक विक्रेता से होता है अंग्रेजी के मोनो का अर्थ है एक और पोली का अर्थ है विक्रेता

 अतएव एकाधिकार बाजार की वह स्थिति है जिसमें किसी वस्तु या सेवा का केवल एक ही उत्पादक होता है तथा उस वस्तु का कोई निकटतम प्रतिस्थापन नहीं होता

मूल्य निर्धारण

एकाधिकार में मूल्य निर्धारण को दो अर्थशास्त्रियों ने बतलाया है

मार्शल के अनुसार, "एकाधिकारी उस बिंदु पर मूल्य निर्धारण करेगा जहां कुल आगम तथा कुल लागत का अंतर अधिक होगा"


चित्र से स्पष्ट है की TR और TC का अंतर AB अधिक है अतः वह OQ मात्रा का उत्पादन करके अधिक लाभ कमाऐगा।

 श्रीमती रॉबिंसन के अनुसार," एकाधिकार में संतुलन या  कीमत निर्धारण उस बिंदु के आधार पर होता है जहां

(1) MR = MC

(2) MC की रेखा MR रेखा को नीचे से ऊपर जाते हुए काटे

 हम जानते हैं की

π = R – C

जहां ,   π = लाभ , R = आय , C = लागत

We find first derivatives with Respect to X

`\frac{d\pi}{dx}=\frac{dR}{dx}-\frac{dC}{dx}`

लाभ अधिकतम करने पर ;`\frac{d\pi}{dx}=` 0

`or,\frac{dR}{dx}=\frac{dC}{dx}`

`\therefore MR=MC`

We find Second derivatives With Respect To X

`\frac{d^2\pi}{dx^2}=\frac{d^2R}{d^2x}-\frac{d^2C}{d^2x}`

लाभ अधिकतम करने पर ; `\frac{d^2\pi}{dx^2}`< 0

`or,\frac{d^2R}{d^2x}-\frac{d^2C}{d^2x}<0`

`or,\frac{d^2R}{d^2x}<\frac{d^2C}{d^2x}`

`or,\frac{d^2C}{d^2x}>\frac{d^2R}{d^2x}`

`or,\frac d{dx}\left(\frac{dC}{dx}\right)>\frac d{dx}\left(\frac{dR}{dx}\right)`

अतः , Slope of (MC) > Slope of (MR)

चित्र में, MR = MC , E बिंदु पर है। उससे खड़ी रेखा AR तक खींचने से पता चलता है कि एकाधिकार में मूल्य OP तथा उत्पादन की मात्रा OQ निर्धारित होगी। AC वक्र चूंकि मूल्य से कम है अतः फर्म को असामान्य लाभ प्राप्त होगा।

18. राष्ट्रीय आय की गणना की आय विधि और उत्पाद विधि का वर्णन कीजिए।

उत्तर : 1. आय विधि :- इस विधि को वर्गीकृत कार्यों के अनुसार विधि या साधन भुगतान विधि भी कहा जाता हैइस पद्धति के अनुसार देश के संपूर्ण व्यक्तियों एवं संस्थाओं की आय की गणना की जाती है तथा उनके कुल योग को राष्ट्रीय आय कते हैं

य विधि से राष्ट्रीय आय की गणना में निम्नलिखित चरणों का प्रयोग किया जाता हैसभी वस्तुओं एवं सेवाओं की उत्पादन प्रक्रिया में सृजित आय के योग को राष्ट्रीय आय कहते हैं

य विधि में राष्ट्रीय आय की गणना करने के निम्नलिखित प्रमुख चरण है।

(क) विभिन्न साधनों को प्राप्त होने वाली आय को विभिन्न वर्गों में बांटना :- संसाधन आय के घटक निम्नलिखित है

(a) कर्मचारियों का पारिश्रमिक (b) लगान (c) व्याज (d) लाभ (e) मिश्रित आय

(ख) घरेलू साधन आय की गणना :- घरेलू साधन आय की गणना करने के लिए कर्मचारियों के पारिश्रमिक, लगान, व्याज एवं लाभ का योग करते हैं

अतः घरेलू साधन आय = कर्मचारियों का पारिश्रमिक + लगान + व्याज + लाभ + मिश्रित आय

मिश्रित आय का अर्थ अनगिनत उद्यमो की आय जिसमें कर्मचारियों के पारिश्रमिक, लगान , व्याज , लाभ को बांटना कठिन होता है।

(ग) राष्ट्रीय आय की गणना :- घरेलू साधन आय में विदेशों से अर्जित शुद्ध साधन आय को जोड़कर राष्ट्रीय आय की गणना की जाती है

अतः राष्ट्रीय आय = घरेलू साधन आय + विदेशों से अर्जित शुद्ध साधन आय

2. उत्पादन अथवा मूल्य वृद्धि विधि :- इसे औद्योगिक उद्गम विधि या शुद्ध उत्पाद विधि भी कहा जाता हैइस पद्धति के अनुसार वस्तुओं एवं सेवाओं की कुल वार्षिक उत्पत्ति में कच्चे माल की कीमत, चल एवं अचल पूंजी का प्रतिस्थापन व्यय, अचल पूंजी की घिसावट एवं मरम्मत का व्यय तथा कर एवं बीमा का व्यय निकाल कर जो शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन बचता है उसे ही राष्ट्रीय आय कहते हैंइसी शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन को उत्पत्ति के साधनों के बीच बांटा जाता हैद्यपि यह पद्धति लंबी एवं कठिन है तथापि आय की गणना के लिए मुख्यत: इसी का प्रयोग किया जाता है।

19. संतुलित बजट, आधिक्य बजट तथा घाटे के बजट की व्याख्या कीजिए।

उत्तर :

संतुलित बजट

आधिक्य बजट

घाटे के बजट

सरकार की अनुमानित राजस्व एवं पूंजीगत प्राप्तियां अनुमानित व्यय के बराबर होती है

सरकार की प्राप्तियां अधिक होती है तथा ्यय कम

सरकार का व्यय, सरकारी प्राप्तियों से अधिक होता है

यह फिजूलखर्ची में कमी को दर्शाता है

यह सरकारी एवं योजना व्यय में कमी को दिखलाता है

यह फिजूलखर्ची तथा अत्यधिक व्यय को दर्शाता है

यह वित्तीय स्थायित्व को दिखलाता है

यह आर्थिक विकास की गति में ंदन को दर्शाता है

अगर ्यय सही दिशा में हो तो आर्थिक विकास की गति को बढ़ाता है

आर्थिक विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं को सीमित करती है

कल्याणकारी योजनाओं का अभाव होता है या आवश्यकता नहीं होती

कल्याणकारी योजनाएं तेज गति से चलती है

आदर्श रूप में अच्छी नीति है परंतु व्यवहार में अर्थशास्त्री इसके पक्षधर नहीं होते

स्फीति की स्थिति में यह बजट अनुकूल होता है लेकिन मंदी में ऐसा बजट खतरनाक है

मंदी में यह बजट उपयुक्त होता है लेकिन तेजी की स्थिति में बजट ठीक नहीं होता

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