12th अंतरा 20. ममता कालिया (दूसरा देवदास)

12th अंतरा 20. ममता कालिया (दूसरा देवदास)
12th अंतरा 20. ममता कालिया (दूसरा देवदास)
ममता कालिया (दूसरा देवदास) प्रश्न 1. पाठ के आधार पर हर की पौड़ी पर होने वाली गंगा जी की आरती का भावपूर्ण वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। उत्तर : हर की पौड़ी पर गंगा जी के अनेक मन्दिर है। हर मन्दिर पर लिखा है - गंगा जी का प्राचीन मन्दिर। शाम का. समय है। पंडित-पुजारी गंगा जी की आरती की तैयारी करने में व्यस्त हैं। पीतल की नीलांजलि (आरती) में हजारों बत्तियाँ घी में भिगोकर रखी गई हैं। गंगा सभा के स्वयंसेवक खाकी वरदी में मुस्तैदी से घूम रहे हैं और वे सबको शान्त होकर सीढ़ियों पर बैठने के लिए कह रहे हैं। कुछ भक्तों ने स्पेशल आरती बोल रखी है अर्थात् एक सौ एक या एक सौ इक्यावन रुपए वाली आरती। अचानक हजारों दीप जल उठते हैं। पंडितगण अपने आसन से उठ खड़े होते हैं। हाथ में अंगोछा लपेटे पचमंजिली नीलांजलि पकड़ते हैं और आरती शुरू हो जाती है। पहले पुजारियों के भर्राए कंठ से समवेत स्वर उठता है-जय गंगे माता, जो कोई तुझको ध्याता, सारे सुख पाता, जय गंगे माता। फिर भक्तों का समवेत स्वर गूंजता है। प्रश्न 2. 'गंगापुत्र के लिए गंगा मैया ही जीविका और जीवन है'-इस कथन के आधार पर गंगा पुत्रों के जीवन-परिवेश की चर्च…