पाठ से संवाद
प्रश्न 1: इस पाठ में विभिन्न लोक-माध्यमों की चर्चा हुई है। आप पता
लगाइए कि वे कौन-कौन से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। अपने क्षेत्र में प्रचलित
किसी लोकनाट्य या लोकमाध्यम के किसी प्रसंग के बारे में जानकारी हासिल करके उसकी प्रस्तुति
के खास अंदाज़ के बारे में भी लिखिए।
उत्तर
– इस पाठ में जिन लोकमाध्यमों की चर्चा हुई है, वे हैं-लोक-नृत्य, लोक-संगीत और लोक-नाट्य।
ये देश के विभिन्न भागों में विविध नाट्य रूपों-कथावाचन, बाउल, सांग, रागिनी तमाशा,
लावनी, नौटंकी, जात्रा, गंगा-गौरी, यक्ष-गान, कठपुतली लोक-नाटक आदि में प्रचलित हैं।
इनमें स्वाँग उत्तरी भारत, नौटंकी उत्तर प्रदेश, बिहार, रागिनी हरियाणा तथा यक्ष-गान
कर्नाटक क्षेत्रों से संबंधित हैं। हमारे क्षेत्र में नौटंकी का प्रयोग खूब होता है।
यह ग्रामीण नाट्य-शैली का एक रूप है। इसमें प्राय: रात्रि के समय मंच पर किसी लोक-कथा
या कहानी को नाट्य-शैली में प्रस्तुत किया जाता है। इसमें स्त्री-पात्रों की भूमिका
भी प्राय: पुरुष-पात्र करते हैं। हारमोनियम, नगाड़ा, ढोलक आदि वाद्य-यंत्रों के साथ
यह संगीतमय प्रस्तुति लोक-लुभावन होती है।
प्रश्न 2: आजादी के बाद भी हमारे देश के सामने बहुत सारी चुनौतियाँ
हैं। आप समाचार-पत्रों को उनके प्रति किस हद तक संवेदनशील पाते हैं?
उत्तर
– आजादी के बाद भी हमारे देश में बहुत-सी चुनौतियाँ हैं। ये चुनौतियाँ हैं :
1.
निर्धनता से निपटने की चुनौती।
2.
बेरोजगारी से निपटने की चुनौती।
3.
भ्रष्टाचार की चुनौती।
4.
देश की एकता बनाए रखने की चुनौती।
5.
आतंकवाद का मुकाबला करने की चुनौती।
6.
सांप्रदायिकता से निपटने की चुनौती।
हम
समाचार-पत्रों को इन चुनौतियों के प्रति काफी हद तक संवेदनशील पाते हैं। वे अपने दायित्व
का निर्वहन, इनसे पीडित लोगों की आवाज सरकार तक पहुंचाकर कर रहे हैं, जिससे सरकार और
अन्य स्वयंसेवी संस्थाएँ इनको हल करने के लिए आगे आती हैं। हाँ, छोटे समाचार-पत्र अपनी
सीमा निश्चित होने के कारण कई बार दबाव में आकर उतने संवेदनशील नहीं हो पाते हैं।
प्रश्न 3: टी०वी० के निजी चैनल अपनी व्यावसायिक सफलता के लिए कौन-कौन
से तरीके अपनाते हैं? टी०वी० के कार्यक्रमों से उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर
– टी०वी० के निजी चैनल अपनी व्यावसायिक सफलता के लिए लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित
करने वाले कार्यक्रम दिखाते हैं। लोग ऐसे कार्यक्रमों की ओर आकर्षित होते हैं। ये चैनल
कई बार लोगों की आस्था को भी निशाना बनाने से नहीं चूकते। इन कार्यक्रमों को टुकड़ों
में दिखाते हुए ऐसे मोड़ पर समाप्त करते हैं, जिससे लोगों की उत्सुकता अगले कार्यक्रम
के लिए बनी रहे। गत दिनों जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ की खबरों तथा उनमें फैंसे नागरिकों
को बचाने संबंधी खबरों को कई दिनों तक टी०वी० पर दिखाया जाता रहा। इसी प्रकार अमेठी
(उत्तर प्रदेश) के भूपति भवन पर अधिकार को लेकर संजय सिंह (राज्य सभा सांसद) और उनकी
पहली पत्नी गरिमा सिंह, पुत्र अनंत विक्रम सिंह के मध्य हुए झगड़े एवं विवाद को कई
बार दिखाया गया।
प्रश्न 4: इंटरनेट पत्रकारिता ने दुनिया को किस प्रकार समेट लिया है?
उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
– इंटरनेट पत्रकारिता के कारण अब दूरियाँ सिमटकर रह गई हैं; इंटरनेट की पहुँच दुनिया
के कोने-कोने तक हो गई है। इसकी रफ्तार बहुत तेज है। इसका असर पत्रकारिता पर भी हुआ
है। इसकी मदद से स्टूडियो में बैठा संचालक किसी भी मुद्दे पर देश-विदेश में बैठे व्यक्ति
से बातें कर लेता है और करा देता है। इसकी मदद से गोष्ठियाँ, वार्ताएँ आयोजित की जाती
हैं। इससे विश्व की किसी भी घटना की जानकारी अब आसान हो गई है।
प्रश्न 5: किन्हीं दो हिंदी पत्रिकाओं के समान अंकों को (समान अवधि
के) पढ़िए और उनमें निम्न बिंदुओं के आधार पर तुलना कीजिए :
1. आवरण पृष्ठ
2. अंदर के पृष्ठों की साज-सज्जा
3. सूचनाओं का क्रम
4. भाषा–शैली
उत्तर
– हम ‘सरिता’ और ‘हंडिया टुडे’ पत्रिकाओं के समान अंकों को लेते हैं और तुलना करते
हैं :
1.
आवरण पृष्ठ-‘सरिता’ पत्रिका का आवरण पृष्ठ अधिक रंग-बिरंगा. चित्रमय, आकर्षक और सुंदर
है, जबकि ‘इंडिया टुडे’ का आवरण पृष्ठ अच्छा है, पर उतना आकर्षक नहीं।
2.
अंदर के पृष्ठों की साज-सज्जा-‘सरिता’ के पृष्ठों की साज-सज्जा पर अधिक ध्यान दिया
गया है, जबकि ‘इंडिया टुडे’ के पृष्ठों पर कम। ‘सरिता’ के पृष्ठों पर चित्र अधिक हैं,
जबकि ‘इंडिया टुडे’ के पृष्ठों पर कम।
3.
सूचनाओं का क्रम-‘सरिता’ में सूचनाएँ किसी क्षेत्र-विशेष से संबंधित न होकर विविध क्षेत्रों
से संबंधित हैं, जबकि ‘इंडिया टुडे” में मुख्यत: राजनीतिक खबरें एवं सूचनाएँ हैं।
4.
भाषा-शैली– सरिता’ की भाषा सरल तथा बोधगम्य है, जबकि ‘इंडिया टुडे’ की भाषा-शैली अधिक
उच्च-स्तरीय है।
प्रश्न 6: निजी चैनलों पर सरकारी नियंत्रण होना चाहिए अथवा नहीं? पक्ष-विपक्ष
में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर
– निजी चैनलों पर नियंत्रण होने से उनका काम करने का दायरा एवं ढंग प्रभावित होगा।
इससे उनकी निष्पक्षता पर भी असर पड़ेगा। उन्हें सरकारी दबाव में काम करना होगा, अत:
हमारे विचार में निजी चैनलों पर सरकारी नियंत्रण नहीं होना चाहिए।
प्रश्न 7: नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। उनके सामने ✓ या × का निशान लगाते हुए उसकी पुष्टि के लिए उदाहरण भी दीजिए :
(क)
संचार माध्यम केवल मनोरंजन के साधन हैं। ×
(ख)
केवल तकनीकी विकास के कारण संचार संभव हुआ, इससे पहले संचार संभव नहीं था। ×
(ग)
समाचार-पत्र और पत्रिकाएँ इतने सशक्त संचार माध्यम हैं कि वे राष्ट्र का स्वरूप बदल
सकते हैं । ✓
(घ)
टेलीविजन सबसे प्रभावशाली एवं सशक्त संचार माध्यम है। ✓
(ड)
इंटरनेट सभी संचार माध्यमों का मिला-जुला रूप या समागम है। ✓
(च)
कई बार संचार माध्यमों का नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। ✓
उत्तर
–
(क)
उदाहरण-संचार माध्यमों से हमें तरह-तरह का ज्ञान प्राप्त होता है, अत: ये केवल मनोरंजन
के साधन नहीं हैं।
(ख)
उदाहरण-संचार दो व्यक्तियों के बीच यहाँ तक अकेले भी होता है। इसके लिए तकनीकी विकास
की आवश्यकता अनिवार्य नहीं थी। तकनीकी विकास बाद में सहायक बने हैं।
(ग)
उदाहरण-समाचार-पत्र-पत्रिकाएँ घोटाले, भ्रष्टाचार, अनैतिकता, सांप्रदायिकता आदि के
विरुद्ध आवाज उठाकर राज्ट्र का स्वरूप बदल सकते हैं।
(घ)
उदाहरण-टेलीविजन आवाज और चित्र का संगम होने के कारण अमीर-गरीब, शहरी-ग्रामीण, युवा-वृद्ध
सभी की पसंद बन गया है।
(ड)
उदाहरण-इंटरनेट पर समाचार-पठन, गीत-संगीत, फ़िल्म, बैठक, गोष्ठी आदि देखा-सुना जा सकता
है।
(च)
उदाहरण-इंटरनेट और टेलीविजन अपने कार्यक्रमों से समाज में अश्लीलता परोसने का काम कर
रहे हैं।
अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1: संचार जीवन की निशानी है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
– मनुष्य सामाजिक प्राणी है। सामाजिक प्राणी होने के कारण वह संचार करता है। दैनिक
जीवन में संचार के बिना हम जीवित नहीं रह सकते। मनुष्य जब तक जीवित है, वह संचार करता
रहता है। संचार खत्म होने का मतलब है-मृत्यु। संचार ही मनुष्य को एक-दूसरे से जोड़ता
है। अत: कहा जा सकता है कि संचार जीवन की निशानी है।
प्रश्न 2: संचार के साधन कौन-कौन से हैं?
उत्तर
– टेलीफोन, इंटरनेट, समाचार-पत्र, फैक्स, रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा आदि।
प्रश्न 3: दुनिया एक गाँव में बदल गई है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
– आज संचार के अनेक साधन विकसित हो गए हैं जिसके कारण भौतिक दूरियाँ कम हो रही हैं।
इन साधनों के कारण मनुष्य सांस्कृतिक व मानसिक रूप से भी एक-दूसरे के करीब आ रहा है।
जनसंचार के माध्यमों से कुछ ही क्षण में दुनिया के हर कोने की खबर मिल जाती है। इसी
कारण आज दुनिया एक गाँव जैसी लगने लगी है।
प्रश्न 4: संचार किसे कहते हैं?
उत्तर
– ‘संचार’ शब्द की उत्पत्ति ‘चर’ धातु से हुई है, जिसका अर्थ है-चलना या एक स्थान से
दूसरे स्थान पर पहुँचना। सूचनाओं, विचारों और भावनाओं को लिखित, मौखिक या दृश्य-श्रव्य
माध्यमों के जरिए सफलतापूर्वक एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाना ही संचार है।
प्रश्न 5: संचार की प्रक्रिया के तत्व कौन-कौन से हैं?
उत्तर
– संचार की प्रक्रिया के तत्व निम्नलिखित हैं-
1.
स्त्रोत
2.
एनकोडिग
3.
भाध्यम
4.
प्राप्तकर्ता
प्रश्न 6: सफल संचार के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर
– सफल संचार के लिए भाषा के कोड का ज्ञान होना जरूरी है।
प्रश्न 7: डीकोडिंग का अर्थ बताइए।
उत्तर
– इसका अर्थ है-प्राप्त संदेश में निहित अर्थ को समझने की कोशिश। यह एनकोडिंग से उलटी
प्रकिया है। इसमें संदेश प्राप्तकर्ता प्राप्त चिहनों व संकेतों के अर्थ निकालता है।
प्रश्न 8: फीडबैक किसे कहते हैं?
उत्तर
– संचार प्रक्रिया में संदेश प्राप्तकर्ता द्वारा दर्शाई गई प्रतिक्रिया को फीडबैक
कहते हैं। यह सकारात्मक या नकारात्मक दोनों ही हो सकती है।
प्रश्न 9: शोर क्या है?
उत्तर
– संचार प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को शोर कहते हैं। यह शोर मानसिक से लेकर तकनीकी
और भौतिक हो सकता है। इसके कारण संदेश अपने मूल रूप में प्राप्तकर्ता तक नहीं पहुँच
पाता।
प्रश्न 10: संचार के प्रकार बताइए।
उत्तर
– संचार के अनेक प्रकार हैं-सांकेतिक संचार, मौखिक संचार. अमौखिक संचार, अंत: वैयक्तिक
संचार, अंतर वैयक्तिक संचार, समूह संचार व जनसंचारा।
प्रश्न 11: अंत: वैयक्तिक संचार किसे कहते हैं?
उत्तर
– वह संचार जिसमें संचारक और प्राप्तकर्ता एक हि व्यक्ति होता है, वह अंत: वैयक्तिक
संचार कहलाता है। पूजा करना, ध्यान लगाना आदि इसके रूप है।
प्रश्न 12: अंतर वैयक्तिक संचार का क्या महत्त्व है?
उत्तर
– जब दो व्यक्ति आपस में और आमने-सामने संचार करते हैं तो इसे अंतर वैयक्तिक संचार
कहते हैं। इसमें फीडबैक तत्काल मिलता है। इस तरीके से संबंध विकसित होते हैं। यह रूप
पारिवारिक तथा सामाजिक रिश्तों की बुनियाद है। व्यक्तिगत जीवन में सफलता के लिए हमारा
अंतर वैयक्तिक संचार का कौशल उन्नत और प्रभावी होना चाहिए।
प्रश्न 13: समूह संचार का उपयोग कहाँ होता है?
उत्तर
– समूह संचार का उपयोग समाज और देश के सामने उपस्थित समस्याओं को बातचीत और बहस के
जरिए हल करने के लिए होता है।
प्रश्न 14: जनसंचार किसे कहते हैं?
उत्तर
– जब संचार किसी तकनीकी या यांत्रिक माध्यम के जरिए समाज के विशाल वर्ग से संवाद करने
की कोशिश की जाती है तो उसे जनसंचार कहते हैं। इसमें एक संदेश की यांत्रिक माध्यम के
जरिए बहुगुणित किया जाता है ताकि उसे अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँचाया जा सके।
प्रश्न 15: जनंसचार की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर
– जनसंचार की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं-
1.
जनसंचार माध्यमों के जरिए प्रकाशित या प्रसारित संदेशों की प्रकृति सार्वजनिक होती
है।
2.
इसमें संचारक और प्राप्तकर्ता के बीच प्रत्यक्ष संबंध नहीं होता।
3.
इस माध्यम में अनेक द्वारपाल होते हैं जो इन माध्यमों से प्रकाशित/प्रसारित होने वाली
सामग्री को नियंत्रित तथा निर्धरित करते हैं।
प्रश्न 16: जनसंचार माध्यमों में दवारपालों की भूमिका क्या है?
उत्तर
– जनसंचार माध्यमों में द्वारपालों की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह उनकी जिम्मेदारी है
कि सार्वजनिक हित, पत्रकारिता के सिद्धांतों, मूल्यों और आचार संहिता के अनुसार सामग्री
को संपादित करें तथा उसके बाद ही उनके प्रसारण या प्रकाशन की इजाजत दें।
प्रश्न 17: संचार के कार्य बताइए।
उत्तर
– संचार के निम्नलिखित कार्य हैं-
1.
संचार से कुछ हासिल किया जाता है।
2.
यह किसी के व्यवहार को नियंत्रित करता है।
3.
यह सूचना देने या लेने का कार्य करता है।
4.
यह मानवीय भावनाओं की अभिव्यक्ति एक खास तरह से प्रस्तुत करता है।
5.
यह प्रतिक्रिया को व्यक्त करता है।
प्रश्न 18: जनसंचार के कौन-कौन से कार्य हैं? स्पष्ट करें।
उत्तर
– जनसंचार के निम्नलिखित कार्य हैं-
1.
सूचना देना-जनसंचार माध्यमों का प्रमुख कार्य सूचना देना है। ये दुनिया भर में सूचनाएँ
प्रसारित करते हैं।
2.
मनोरंजन-जनसंचार माध्यम-सिनेमा, रेडियो, टी.वी. आदि मनोरंजन के भी प्रमुख साधन हैं।
3.
जागरूकता-जनसंचार माध्यम लोगों को जागरूक बनाते हैं। वे जनता को शिक्षित करते हैं।”
4.
निगरानी-जनसंचार माध्यम सरकार और संस्थाओं के कामकाज पर निगरानी रखते हैं।
5.
विचार-विमर्श के मंच-ये माध्यम लोकतंत्र में विभिन्न विचारों की अभिव्यक्ति का मंच
उपलब्ध कराते हैं।
6.
इनके जरिए विभिन्न विचार लोगों के सामने पहुँचते हैं।
प्रश्न 19: भारत का पहला समाचारवाचक किसे माना जाता है?
उत्तर
– देवर्षि नारद।
प्रश्न 20: भारत में जनसंचार का इतिहास किस काल में मिल सकता है?
उत्तर
– पौराणिक काल में।
प्रश्न 21: प्राचीन काल में संदेश किस तरह दिए जाते थे?
उत्तर
– शिलालेखों पर लेख अंकित करके।
प्रश्न 22: भारतीय संचार के लोक माध्यम बताइए।
उत्तर
– भीमवेटका के गुफाचित्र, कठपुतली, लोकनाटक आदि।
प्रश्न 23: लोकनाटकों के प्रकार बताइए।
उत्तर
– कथावाचन, बाउल, सांग, रागनी, तमाशा, लावनी, नौटंकी, जात्रा, गंगा-गौरी, यक्षगान।
प्रश्न 24: जनसंचार के आधुनिक माध्यम कौन-कौन से हैं?
उत्तर
– रेडियो, टी.वी. समाचार-पत्र, सिनेमा इंटरनेट आदि।
प्रश्न 25: जनसंचार में प्रिंट मीडिया का क्या महत्व है?
उत्तर
– जनसंचार की सबसे मजबूत कड़ी प्रिंट मीड़िया है। यह माध्यम वाणी को शब्दों के रूप
में रिकार्ड करता है जो स्थायी होते हैं।
प्रश्न 26: पत्रकारिता के पहलुओं के बारे में बताइए।
उत्तर
– पत्रकारिता के तीन पहलू हैं-पहला-समाचारों को संकलित करना, दूसरा उन्हें संपादित
कर छपने लायक बनाना तथा तीसरा उसे पत्र या पत्रिका के रूप में छापकर पाटक तक पहुँचाना।
प्रश्न 27: भारत में छपने वाला पहला अखबार कौन-सा था?
उत्तर
– बगाल गजट ( 1780)।
प्रश्न 28: हिदी का पहला साप्ताहिक-पत्र कौन-सा था?
उत्तर
– पं० जुगल किशोर शुक्ल द्वारा संपादित उदत मातंट्ट (1876-80);
प्रश्न 29: हिंदी भाषा के प्रारंभिक दौर में किन विदवानों ने योगदान
दिया।
उत्तर
– भारतेंदु हरिश्चंद्र, महात्मा गाँधी, तिलक. मदनमंहिन मारुवीय, गणेश शंकर विद्यार्थी,
माखनलाल चतुर्वेदी, रामवृक्ष बेनीपुरी तथा बालमुकुंद गुप्त आदि।
प्रश्न 30: स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान छपने वाले प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं
के नाम बताइए।
उत्तर
– केसरी, हिंदुस्तान, सरस्वती, हंस, कर्मवीर, आज, प्रताप, प्रदीप, विशाल भारत आदि।
प्रश्न 31: भारत की आजादी से पूर्व प्:कारिता का क्या लक्ष्य था?
उत्तर
– स्वाधीनत्वा कीं प्राप्ति।
प्रश्न 32: आजादी के बाद पत्रकारिता के चरित्र में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर
– पत्रकारिता विशुद्ध व्यवसाय बन गया।
प्रश्न 33: आजादी के बाद के प्रमुख पत्रकारों के नाम बताइए।
उत्तर
– अज्ञेय, रघुवीर सहाय, धर्मवीर भारती, राजेंद्र माथुर, प्रमाण जोशी, सुरेंद्र प्रताप
सिंह आदि।
प्रश्न 34: किन्ही दो प्रमुख हिंदी अखबारों के नाम बताइए।
उत्तर
– जनसत्ता, पंजाब केसरी,रेडियो
प्रश्न 35: रेडियो का आविष्कार कब हुआ?
उत्तर
– 1895 में इटली के इंजीनियर जी. माकनी द्वारा।
प्रश्न 36: विश्व का पहला रेडियो स्टेशन कब व कहाँ खुला?
उत्तर
– 1892 में अमेरिकी शहर पिट्सबर्ग, न्यूयार्क व शिकागो में विश्व के शुरुआती रेडियो
स्टेशन खुले।
प्रश्न 37: ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना कब हुई?
उत्तर
– 1936 ई. में।
प्रश्न 38: रेडियो का माध्यम क्या है?
उत्तर
– ध्वनि।
प्रश्न 39: एफ. एम. रेडियो की शुरुआत कब हुई?
उत्तर
– 1993 में।
प्रश्न 40: रेडियो की पहुँच कितने प्रतिशत आबादी तक है?
उत्तर
– 96 प्रतिशत।
प्रश्न 41: गाँधी जी ने रेडियो को अदभुत शक्ति क्यों कहा था?
उत्तर
– रेडियो की तात्कालिकता, घनिष्ठता व प्रभाव के कारण गाँधी जी ने इसे अद्भुत शक्ति
कहा था।
टेलीविजन
प्रश्न 42: टेलीविजन में किन-किन माध्यमों का मिलन होता है?
उत्तर
– शब्द, ध्वनि व दृश्य।
प्रश्न 43: विश्व में टेलीविजन कार्यक्रम कब शुरू हुए?
उत्तर
– 1927 ई. में, अमेरिका।
प्रश्न 44: भारत में टी. वी. की शुरूआत कब हुई तथा इसका उददेश्य क्या
था?
उत्तर
– भारत में टी.वी. की शुरूआत 15 सितंबर, 1959 को हुई। इसका उद्देश्य शिक्षा और सामुदायिक
विकास को प्रोत्साहित करना था।
प्रश्न 45: दूरदर्शन आकाशवाणी से कब अलग हुआ?
उत्तर
– 1 अप्रैल, 1976 से।
प्रश्न 46: पी. सी. जोशी समिति ने दूरदर्शन के कौन-कौन से उददेश्य बताए?
उत्तर
– पी. सी. जोशी समिति का गठन 1980 में इंदिरा गाँधी ने दूरदर्शन के कार्यक्रमों की
गुणवत्ता को सुधारने के लिए किया था। इस कमेटी ने दूरदर्शन के निम्नलिखित उद्देश्य
बताए
1.
सामाजिक परिवर्तन
2.
राष्ट्रीय एकता
3.
वैज्ञानिक चेतना का विकास
4.
परिवार कल्याण
5.
कृषि विकास
6.
पर्यावरण संरक्षण
7.
सामाजिक विकास
प्रश्न 47: आधुनिक टी.वी. चैनलों के नाम बताइए।
उत्तर
– सी.एन.एन. बी.बी.सी., आज तक, जी न्यूज आदि।
प्रश्न 48: अत्यधिक चैनलों के आने से क्या परिणाम हुआ?
उत्तर
– अत्यधिक चैनलों के आने से टेलीविजन समाचार को निष्पक्षता व ताजगी मिली, परंतु पत्रकारिता
मूल्यों व नैतिकता का पतन हुआ।
सिनेमा
प्रश्न 49: सिनेमा का आविष्कार किसने किया?
उत्तर
– सिनेमा का आविष्कार थॉमस अल्वा एडिसन ने 1883 में किथा।
प्रश्न 50: विश्व की सबसे पहली फिल्म कौन-सी थी?
उत्तर
– द अराइवल ऑफ ट्रेन (1894, फ्रांस)।
प्रश्न 51: भारत में पहली मूक फिल्म किसने बनाई?
उत्तर
– भारत में पहली मूक फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ (1913) दादा साहब फाल्के ने बनाई।
प्रश्न 52: भारत की पहली बोलती फिल्म कौन-सी थी?
उत्तर
– आलम आरा (1931)।
प्रश्न 53: हिंदी के प्रसिदध फिल्मकार बताइए।
उत्तर
– पृथ्वीराज कपूर, महबूब खान, गुरुदत्त, सत्यजीत राय आदि।
प्रश्न 54: सत्तर के दशक तक भारतीय सिनेमा की विचारधारा। कैसी थी?
उत्तर
– प्रेम, फंतासी व कभी न हारने वाले सुपर नैचुरल हीरो की परिकल्पना।
प्रश्न 55: समानांतर सिनेमा वक्या था?
उत्तर
– आठवें दशक में लोगों में जागरूकता फैलाने व यथार्थपरक जीवन को व्यक्त करने वाले सिनेमा
को समानांतर सिनेमा कहा जाता था।
प्रश्न 56: समानांतर सिनेमा के प्रमुख फिल्मकार कौन-से थे?
उत्तर
– सत्यजित राय, श्याम बेनेगल, मृणाल सेन, एम. एस. संधू आदि।
प्रश्न 57: नवें दशक से हिंदी फिल्मों में कैसा स्वरूप ग्रहण किया?
उत्तर
– नवें दशक से हिंदी फिल्मों का केंद्र रोमांस, हिंसा, सेक्स व एक्शन हो गया। मुनाफा
कमाना फिल्मकार का मुख्य उद्देश्य बन गया है।
प्रश्न 58: इंटरनेट क्या है?
उत्तर
– यह एक ऐसा माध्यम है जिसमें प्रिंट मीडिया, रेडियो, टी.वी., सिनेमा आदि सभी के गुण
विद्यमान हैं।
प्रश्न 59: इंटरनेट से लाभ व हानियाँ बताइए।
उत्तर
– इंटरनेट से लाभ-
1.
इससे विश्वग्राम की अवधारणा मजबूत हुई है।
2.
इंटरनेट से संचार की नई संभावनाएँ जगी हैं।
3.
इससे शोधकर्ताओं व पढ़ने वालों के लिए अपार संसाधन उपलब्ध हुए हैं।
इंटरनेट
से हानियाँ-
1.
इससे अश्लीलता को बढ़ावा मिला है।
2.
इसका दुरुपयोग किया जा रहा है।
3.
बच्चों व युवाओं में अकेलापन बढ़ता जा रहा है।
4.
जनसंचार माध्यमों के प्रभाव
प्रश्न 60: जनसंचार माध्यमों का आम जीवन पर क्या प्रभाव है?
उत्तर
– जनसंचार माध्यमों का आम जीवन पर बहुत प्रभाव है। इनसे सेहत, अध्यात्म, दैनिक जीवन
की जरूरतें आदि पूरी होने लगी हैं। ये हमारी जीवन शैली को प्रभावित कर रहे हैं।
प्रश्न 61: लोकतंत्र में जनसंचार माध्यमों का प्रभाव बताइए।
उत्तर
– लोकतंत्र में जनसंचार माध्यमों ने जीवन को गतिशील व पारदर्शी बनाया है। इनके माध्यम
से सूचनाओं व जानकारियों का आदान-प्रदान किया जाता है। इसके माध्यम से विभिन्न मुद्दों
पर बहस या विचार-विमर्श होती है, जो सरकार की कार्य शैली पर कुछ हद तक अंकुश लगाने
का काम करता है।
प्रश्न 62: जनसंचार के दुष्प्रभाव बताइए।
उत्तर
– जनसंचार के माध्यम खासतौर पर टी.वी. व सिनेमा ने लोगों को काल्पनिक दुनिया’ की सैर
कराई है। फलस्वरूप लोग आम जीवन से दूर हो जाते हैं तथा व्यसनी हो जाते हैं। अत: हम
कह सकते हैं कि जनसंचार के माध्यम पलायनवादी प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं।
1.
ये समाज में अश्लीलता व असामाजिक व्यवहार को बढ़ावा देते हैं।
2.
समाज के कमजोर वर्गों को कम महत्त्व दिया जाता है।
3. अनावश्यक मुद्दों को उछाला जाता है।