19. समारोह प्रबंधन

19. समारोह प्रबंधन
19. समारोह प्रबंधन

Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1. समारोह क्या होते हैं?

उत्तर : समारोहों को उत्सव, शिक्षा, विपणन अथवा पुनर्मिलन के उद्देश्य से लोगों के एकत्रित होने के रूप में वर्णित किया जा सकता है। समारोह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं और अक्सर खुशी का प्रतीक होते हैं। किसी समारोह के अनिवार्य घटक समय, स्थान, व्यक्ति, क्रियाकलाप, ड्रामा और प्रदर्शन हैं। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री फिलिप कोटलर द्वारा समारोह को ऐसे अवसरों के रूप में परिभाषित किया गया है जो लक्ष्य-श्रोताओं तक किसी संदेश विशेष को पहुँचाते हैं।

एक पारिवारिक समारोह को पुराने मित्रों और रिश्तेदारों से मिलने तथा अनजान लोगों के साथ नए संबंध विकसित करने के अवसर के रूप में देखा जाता है तथा ये उन्हें आनंद के पलों को बांटने और बिताने निगमित संस्थान अपने उत्पादों को स्वीकार्य तरीके से अपने मूलभूत ग्राहकों को प्रस्तुत करने के साथ ही अपनी छवि को और बेहतर बनाने के लिए व्यावसायिक समारोहों का आयोजन करते हैं। सरकारी क्षेत्र अपनी छवि को बढ़ाने के लिए समारोहों को मंच के रूप में इस्तेमाल करते हैं।

प्रश्न 2. समारोह की कौन-कौनसी श्रेणियां होती हैं?

उत्तर : समारोहों का श्रेणीकरण

समारोहों को उनके संदर्भ के आधार, औपचारिकताओं की मात्रा तथा प्रकृति के आधार पर निम्नानुसार वर्गीकृत किया जा सकता है-

(अ) संदर्भ के आधार पर समारोहों का श्रेणीकरण

संदर्भ के आधार पर समारोहों को निम्नलिखित वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है-

(1) पारिवारिक समारोह-पारिवारिक समारोह वे समारोह होते हैं, जिनमें परिवार के सदस्य, रिश्तेदार, मित्र एक साथ मिलकर किसी विशेष अवसर को मनाते हैं, जैसे-जन्मदिन, विवाह, विवाह की वर्षगांठ, गृह प्रवेश अथवा कोई धार्मिक उत्सव आदि।

(2) सामुदायिक समारोह-सामुदायिक समारोह वे समारोह होते हैं, जिन्हें किसी समुदाय विशेष के लोग एकत्रित होकर मनाते हैं, जैसे-क्रिसमस, होली, दीपावली, स्वतंत्रता दिवस आदि।

(3) व्यावसायिक/व्यापारिक समारोह-व्यावसायिक समारोह वे समारोह होते हैं, जिनमें किसी एक व्यवसाय विशेष के लोग एकत्रित होकर किसी विशेष अवसर को मनाते हैं, जैसे-इंजीनियरों की संस्था विश्व इंजीनियर दिवस मनाती है। भारतीय व्यापार उद्योग प्रासंगिक मुद्दों पर गोलमेज सम्मेलन करते हैं। आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन ग्रीन बिल्डिंग परिषद के लिए बैठक आयोजित करती है आदि।

(4) सार्वजनिक समारोह-सार्वजनिक समारोह ऐसे विशेष अवसर होते हैं, जहाँ जनसभाएं आयोजित की जाती हैं, जैसे-स्वयंसेवकों का चयन करने के लिए राजनैतिक दल की चुनाव पूर्व बैठक, प्रदर्शन, भ्रष्टाचार के विरोध में रैली, महिलाओं के अत्याचार के विरोध में सामाजिक न्याय के लिए रैली तथा राष्ट्रमंडल खेलों की मशाल का देशों के विभिन्न भागों में जाना आदि।

(5) जनसभाएँ-विशेष अवसर के अभियान प्रायः जनसभाएँ होती हैं, जैसे-चुनाव प्रचार, पोलियो टीकाकरण दिवस, ऊर्जा बचत के लिए जागरुकता अभियान आदि।

(6) मेले व प्रदर्शनियां-मेले व प्रदर्शनियां वे समारोह होते हैं, जिन्हें सम्पर्क एवं जानकारियाँ बढ़ाने के लिए आयोजित किया जाता है। इनमें एक जैसी सोच/समान हितों वाले लोग बेहतर सहक्रिया और विशिष्ट उद्देश्य के लिए एक साथ जुड़ते हैं, जैसे-भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला, पुस्तक मेले, हथकरथा प्रदर्शनी, फूड बाजार, दस्तकारी बाजार आदि।

(ब) औपचारिकताओं की मात्रा के आधार पर श्रेणीकरण

समारोहों में शामिल औपचारिकताओं की मात्रा के आधार पर उन्हें दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है-

  • व्यक्तिगत और अनौपचारिक समारोह-व्यक्तिगत और अनौपचारिक समारोह औपचारिकताओं से मुक्त होते हैं, जैसे-जन्मदिन पार्टी, विवाह या किटी पार्टी आदि।
  • औपचारिक तथा अधिकारिक समारोह-ये वे समारोह होते हैं जिनमें औपचारिकताएँ पाई जाती हैं, जैसे उत्पाद को बाजार में प्रस्तुत करना, रोड-शो, संगोष्ठियाँ, राष्ट्रीय या अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रम आदि।

(स) समारोह की प्रकृति के आधार पर श्रेणीकरण

समारोह की प्रकृति के आधार पर समारोहों को निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है-

  • सामाजिक/जीवनचक्र की घटनाएं-जन्मदिन की पार्टी, सगाई या विवाह की वर्षगांठ, सेवानिवृत्ति दिवस आदि इसी श्रेणी में आते हैं।
  • शिक्षा और जीविका सम्बन्धी कार्यक्रम-शिक्षा तथा जीविका से संबंधित समारोह इस श्रेणी में आते हैं, जैसे-शैक्षिक मेले, नौकरी-विशेष कार्यक्रम, वर्कशाप/सेमीनार-गोष्ठी, डिबेट प्रतियोगिता आदि।
  • खेलकूद समारोह-खेलकूद प्रतियोगिताओं सम्बन्धी आयोजन खेलकूद समारोह की श्रेणी में आते हैं, जैसे ओलम्पिक, विश्वकप, मैराथन, विम्बल्डन इत्यादि के समारोह।
  • मनोरंजन समारोह-मनोरंजन समारोह के अन्तर्गत मेले, त्यौहार, फैशन प्रदर्शनियां, पुरस्कार वितरण समारोह, संगीत संध्या, सौंदर्य प्रतियोगिताएं, स्टेज-शो आदि इसी श्रेणी में आते हैं।
  • राजनैतिक समारोह-राजनैतिक दृष्टि से होने वाले कार्यक्रम या समारोह राजनैतिक समारोह की श्रेणी में आते हैं, जैसे-राजनैतिक जुलूस, राजनैतिक प्रदर्शन व रैलियां, राजनैतिक कार्यक्रम आदि।
  • कॉरपोरेट समारोह-कॉरपोरेट समारोह अपने उत्पादों की प्रस्तुति, वितरण के सम्बन्ध में आयोजित किये जाते हैं, जैसे-एम.आई.सी.ई. (बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन, प्रदर्शनी), उत्पाद प्रस्तुति, रोड शो, क्रेता-विक्रेता बैठक आदि।
  • धार्मिक समारोह-धार्मिक कार्यक्रम व त्यौहार, मेले, धार्मिक जुलूस, कथा, प्रवचन, आदि इसी श्रेणी में आते हैं।
  • चंदा उगाही/कारण संबंधी-वित्तीय सहायता/चंदा लेने के लिए आयोजित समारोह जैसे नीलामी अथवा किसी उद्देश्य सम्बन्धी समारोह आदि।

प्रश्न 3. समारोह प्रबंधन और समारोह डिजाइनिंग के बारे में बताएँ।

उत्तर : समारोह प्रबंधन और समारोह डिजाइनिंग-समारोह प्रबंधन किसी समारोह के आयोजन को प्रदर्शित करता है। इसके क्रियान्वयन में विभिन्न कौशलों और भूमिकाओं वाले अनेक लोग शामिल होते हैं। व्यक्तियों और उनके दायित्वों के बीच महत्वपूर्ण पारस्परिक क्रियाएं होती हैं। इसमें-योजना बनाने, आयोजन करने, कर्मचारियों के चयन, नेतृत्व, क्रियान्वयन और मूल्यांकन में शामिल सभी गतिविधियां आती हैं।

उदाहरण के लिए, महाविद्यालय में विद्यार्थियों के किसी समारोह को मनाने के लिए स्थान का चयन (महाविद्यालय परिसर अथवा सभागार में) और मंच सज्जा (विषय-वस्तु पर आधारित), आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था करना (जैसे साउण्ड सिस्टम तंत्र, तम्बू, मेज, कुर्सी आदि), कलाकारों/प्रस्तुतकर्ताओं से सम्पर्क करना (शो के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम) और अन्य क्रियाकलापों के साथ नेटवर्क, जैसे-विज्ञापन (सभी आमंत्रितजनों और प्रायोजकों से), जनसम्पर्क (प्रचार माध्यमों द्वारा सूचित करना), टिकटों की बिक्री (लक्ष्य श्रोताओं को) आदि समारोह प्रबंधन और डिजाइनिंग के कार्य क्षेत्र में आते हैं।

समारोह प्रबन्धक को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि क्रियान्वयन के समय सेवार्थी की सभी महत्वपूर्ण संकल्पनाओं और श्रोताओं में सामंजस्य हो। प्रबंधक का काम समारोह में इस सामंजस्य को वास्तविक रूप से प्रस्तुत करना है।

प्रश्न 4. समारोह प्रबंधन के पांच 'सी' (C) क्या हैं?

उत्तर : समारोह प्रबंधन के पांच 'सी' (C)

समारोह के विपणन और प्रबंधन के क्रियाकलापों के लिए कुछ चरणों को अपनाने की आवश्यकता होती है। इन्हें समारोह योजना और प्रबंधन के पांच 'सी' भी कहते हैं। यथा-

(1) संकल्पना का निर्धारण-इसमें मूल विचारों का उचित मंथन शामिल है। समारोह का उद्देश्य स्पष्ट रूप से परिभाषित होता है और साथ ही थीम और आयोजन स्थल से संबंधित होता है, जैसे-किसी विद्यालय जाने वाले बच्चे की जन्मदिन की पार्टी की विषय वस्तु रेड राइडिंग हुड हो सकती है, जिसमें सभी बच्चों से उम्मीद की जाती है कि वे विषय वस्तु के अनुसार पोशाक पहनकर आएं अर्थात् या तो वे रेड राइडिंग हुड की भांति पोशाक पहनें अथवा उस पोशाक की किसी प्रमुख विशेषता या रंग का चयन करें। पार्टी की विषय-वस्तु निर्धारित करने से, सभी मेहमान समारोह में भाग लेते हैं और उन्हें पार्टी दिलचस्प लगती है। वे पार्टी के लिए आयोजित किए जाने वाले क्रियाकलापों में उत्साह दिखाते हैं।

(2) लागत आंकलन-इसमें समारोह के आयोजन में खर्च होने वाली कुल लागत और मुनाफे का आंकलन किया जाता है। उपलब्ध धन, अनुमानित व्ययों (बजट) और लाभ की गुंजाइशों की जानकारी होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि समारोह प्रबंधक को न सिर्फ खरीदी गई वस्तुओं (जैसे-जन्मदिन की पार्टी के लिए केक, खाना, बच्चों को वापसी में दिए जाने वाले उपहारों, स्थान की सजावट आदि) के लिए, बल्कि समारोह के आयोजन के लिए किराए पर ली गई सेवाओं (जैसे रसोइए, सफाईकर्मी, परोसने में सहायता करने वाले कार्मिकों, पार्टी के संचालन में सहायता करने वाले, जैसे-बच्चों को खेल खिलाने वाले आदि) के लिए भी भुगतान करना होगा।

(3) सेवार्थियों के लिए प्रचार करना, प्रायोजकों, ग्राहकों/श्रोताओं की तलाश करना तथा नेटवर्किंग श्रोताओं/मेहमानों को समारोह के बारे में सूचना देना महत्वपूर्ण है, जिससे वे अपने व्यस्त कार्यक्रम में से समय निकालकर समारोह में भाग ले सकें। उदाहरण के लिए, किसी जन्मदिन की पार्टी के लिए सप्ताह पहले निमंत्रण देना पर्याप्त हो सकता है लेकिन एक राष्ट्रीय सम्मेलन की घोषणा महीनों पहले करना अपेक्षित है और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन की सूचना एक या दो वर्ष पहले ही प्राप्त होना जरूरी है। इसके साथ ही प्रायोजकों से उसके भी काफी पहले से सम्पर्क करना आवश्यक होता है अर्थात् दो वर्ष या उससे पहले।

(4) अनुरूपण-अनुरूपण, ग्राहक की आवश्यकताओं और विपणन उद्देश्यों पर आधारित होता है। हर बार एक ही कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, पर इसका उद्देश्य हर बार भिन्न हो सकता है। उदाहरण के लिए, पहला जन्मदिन माता-पिता और बच्चों को मस्ती करने के लिए निमंत्रित करके मनाया जाता है, जबकि उसी बच्चे का दूसरा जन्मदिन अत्यधिक अंतःक्रियात्मक पार्टी के रूप में मनाया जा सकता है, जिसमें संभवतः वयस्कों को कम और बच्चों को अधिक निमंत्रित किया जाता है। अतः दोनों पार्टियों की प्रकृति भिन्न होगी।

(5) समारोह का आयोजन अथवा क्रियान्वयन-किसी साधारण समारोह को भी अत्यधिक विशिष्ट तरीके से मनाया जा सकता है, जिससे वह अधिक प्रभावशाली हो सके। यदि आमंत्रित व्यक्ति कार्यक्रम में भाग लेते हैं तो वे समारोह का आनंद उठा पाएंगे। अतः समारोह का आयोजन (प्रत्येक व्यक्ति को विशेष महत्व देते हुए) एक अत्यधिक महत्वपूर्ण पहलू होता है।

प्रश्न 5. समारोह की योजना बनाने की अवधारणाओं के बारे में बताएं।

उत्तर : समारोह की योजना बनाने की अवधारणाएं

समारोह में विशिष्ट रूप से समूह कार्य शामिल हैं। अतः समारोह की योजना बनाते समय समूह के प्रत्येक सदस्य को दायित्व सौंपे जाते हैं। इस प्रकार समारोह की योजना बनाने की अवधारणाएं या दायित्व इस प्रकार हैं-

  • संचार विशेषज्ञ
  • विधि विशेषज्ञ
  • परियोजना प्रबंधक
  • हिसाब-किताब रखने वाला/लेखाकार
  • सुविधा प्रबंधन विशेषज्ञ
  • विपणन विशेषज्ञ
  • ग्राफिक डिजाइनर, प्रिंटर
  • सर्जनात्मक संकल्पनाकार

समारोह की योजना बनाने में उक्त सभी के दायित्वों को निर्धारित किया जाता है तथा दल के सदस्यों के बीच समन्वय की व्यवस्था की जाती है। इसलिए एक सर्वसमन्वयक का चुनाव किया जाता है। निम्न उदाहरण से समारोह की योजना में इनके दायित्वों या योजना बनाने की अवधारणा को स्पष्ट किया गया है-

  • समन्वयक का चुनाव-किसी शैक्षिक संस्थान के रजत जयंती समारोह के आयोजन हेतु किसी ऐसे सर्व समन्वयक का चुनाव करना महत्वपूर्ण है जिसे सभी लोग अपने-अपने कार्य की प्रगति के बारे में बताएँ और वह प्रत्येक सदस्य को निर्देश और सलाह दे।
  • योजना बनाना-सबसे पहले संकल्पनाकार किसी सर्जनात्मक विषयवस्तु के आधार पर समारोह की योजना बनाता है, जैसे-एक प्रायोजित रात्रिभोज और समारोह के ग्रांड फिनाले के रूप में कलाकार द्वारा प्र
  • संप्रेषण विशेषण-संप्रेषण विशेषज्ञ लक्ष्य दर्शकों को संप्रेषित करने के लिए कार्यनीतियों की संकल्पना के रूप में बदल देता है ताकि वे इसकी ओर आकर्षित हों और समारोह में हिस्सा लें।
  • विधि विशेषज्ञ-विधि विशेषज्ञ समारोह के आयोजन के लिए विधिक मुद्दों को देखता है, जैसे-अधिकारियों से आवश्यक अनुमति प्राप्त करना।
  • परियोजना प्रबंधक-परियोजना प्रबंधक फिर विभिन्न कामों को विभिन्न प्रभारियों को आवंटित करता है।
  • लेखाकार-लेखाकार बजट बनाता है और आयोजनकर्ता दल से चर्चा करता है तथा धन का प्रबंधन करता है।
  • ग्राफिक डिजाइनर-ग्राफिक डिजाइनर अमूर्त विचारों को अधिक स्पष्ट और आसानी से समझे जा सकने वाले और आकर्षक रूप में परिवर्तित करता है।
  • सुविधा प्रबंधन विशेषज्ञ-सुविधा प्रबंधन विशेषज्ञ से समारोह के स्थानों के सम्बन्ध में परामर्श किया जाता है, जिससे कार्य का क्रियान्वयन बिना किसी रुकावट के सुचारु रूप से हो सके।
  • विपणन विशेषज्ञ-विपणन विशेषज्ञ फिर समारोह का प्रचार करता है।

पारिवारिक समारोहों की योजना बनाने के लिए परिवार के विभिन्न सदस्यों/मित्रों/रिश्तेदारों को दायित्व सौंपे जाते हैं और उन्हें आयोजनों को करने की जिम्मेदारी दी जाती है। एक व्यक्ति को निमंत्रण देने का काम सौंपा जाता है और इसी प्रकार अन्य दायित्व सौंपे जाते हैं।

वह इन सदस्यों के अतिरिक्त दल सहायकों, प्रिंटर, चार्टेड एकाउंटेंट, एडवोकेट आदि से आयोजन के सफल और प्रभावी प्रबंधन के लिए उनकी सहायता के लिए समन्वय भी स्थापित करता है।

एक समारोह की योजना बनाने में संकल्पनाओं को अंतिम रूप देने के लिए कार्यक्रम-पूर्व विचार-विमर्श महत्वपूर्ण होते हैं।

प्रश्न 6. समारोह प्रबंधन के प्रमुख क्रियाकलापों को सूचीबद्ध कीजिए।

उत्तर : समारोह प्रबंधन के प्रमुख क्रियाकलापों को तीन चरणों में विभाजित किया गया है। यथा-

(क) समारोह-पूर्व के क्रियाकलाप-समारोह प्रबंधन के समारोह-पूर्व के प्रमुख क्रियाकलाप ये हैं-

(1) समन्वयक का चुनाव करना।

(2) समारोह की योजना बनाना तथा इसे निम्न क्रियाकलापों में विभाजित करना। समारोह में विशिष्ट रूप से समूह कार्य शामिल हैं । अतः प्रत्येक समूह के सदस्य को दायित्व सौंपे जाते हैं। ये हैं-

  • सर्व समन्वयक-सभी सदस्यों के बीच समन्वय स्थापित करने हेतु।
  • संचार विशेषज्ञ-कार्य नीतियों को संकल्पना के रूप में बदलकर लक्ष्य दर्शकों को इसका संप्रेषण करना।
  • विधि विशेषज्ञ-समारोह आयोजन के विधिक मुद्दों को देखना।
  • लेखाकार-समारोह की योजना के लिए बजट बनाना।
  • ग्राफिक डिजाइनर-अमूर्त विचारों को आकर्षक रूप में परिवर्तित करना।
  • सुविधा प्रबंधन- समारोह के स्थानों के संबंध में परामर्श देना।
  • विपणन विशेषज्ञ-समारोह का प्रचार करना।

(ख) समारोह के दौरान के क्रियाकलाप-समारोह जब चल रहा होता है तब प्रबंधक के क्रियाकलापों को निम्न प्रकार सूचीबद्ध किया जा सकता है-

  • हर समय समारोह के आयोजक के लिए उपलब्ध रहना।
  • विभिन्न कार्यों को करने वाले सदस्यों के साथ निरन्तर समन्वयक और उन पर निगरानी रखना।
  • समारोह की मॉनिटरिंग करना।
  • फोटो खींचने तथा रिकार्डिंग की उचित व्यवस्था करना।
  • समारोह की समाप्ति पर धन्यवाद प्रेषित करना।

(ग) समारोह के पश्चात् के क्रियाकलाप-

  • सेटों को वापस खोलना।
  • हिसाब-किताब का निपटारा करना।
  • समारोह का मूल्यांकन करना।
  • समारोह का फीडबैक लेना।

प्रश्न 7. समारोह प्रबंधन की महत्वपूर्ण गतिविधियों की सूची बनाइए।

उत्तर : समारोह प्रबंधन की महत्वपूर्ण गतिविधियों को निम्न प्रकार सूचीबद्ध किया गया है-

  • समारोह के लक्ष्य और उद्देश्यों को स्पष्ट करना।
  • अपने लक्षित बाजार/अतिथि सूची का निर्धारण करना।
  • संसाधनों के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करना।
  • किसी महान विचार/थीम के बारे में सोचना।
  • समारोह की नीति या रणनीति का निर्धारण करना।
  • मापनीय परिणामों का निर्धारण करना।
  • अपनाई जाने वाली संवर्धनात्मक नीतियों का निर्धारण करना।

प्रश्न 8. आप एक समारोह का मूल्यांकन कैसे करेंगे?

उत्तर : समारोह का मूल्यांकन-

हम एक समारोह का मूल्यांकन निम्न प्रकार करेंगे-

  • किस हद तक समारोह के उद्देश्यों को प्राप्त किया गया, इसका निर्धारण करना।
  • अपने सेवार्थी और लक्ष्य दर्शकों से फीडबैक प्राप्त करना। इसका एक अच्छा तरीका फीडबैक फार्म को भरवाना है, जो हमारे उस निकास पास का भाग बन सकते हैं जिसकी आवश्यकता सुरक्षा निकासी के लिए होती है।
  • भरे हुए फीड बैक प्राप्त कर एक जांच सूची तैयार करेंगे जिससे एक ही प्रकार की गलतियाँ भविष्य में नहीं दोहराई जाएँ।

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