Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1. व्यक्तियों को समझाने-मनाने के लिए संचार साधन के लिए संचार
माध्यम आयोजना महत्त्वपूर्ण क्यों हो गई है?
उत्तर
: व्यक्तियों को समझाने-मनाने के लिए संचार साधन के लिए संचार माध्यम आयोजना महत्वपूर्ण
हो गई है, क्योंकि-
(1)
संचार माध्यम आयोजना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पहले से निर्धारित किए गए उद्देश्यों
को प्राप्त करने के लिए यह तय किया जाता है कि कम लागत में संचार के कौन-कौन से माध्यमों
को शामिल किया जाये।
(2)
संचार माध्यम आयोजना व्यक्तियों को समझाने-मनाने की कार्रवाई के क्रम को डिजाइन करने
की ऐसी प्रक्रिया है जो दर्शाती है कि किस प्रकार विज्ञापन और विपणन के उद्देश्यों
को प्राप्त करने के लिए विज्ञापन समय और स्थान का उपयोग किया जा सकता है। संचार माध्यमों
की आयोजना में विज्ञापन के लिए मात्रा माध्यम का चयन करने के साथ ही साथ विज्ञापनों
की विस्तार सीमाओं का भी विश्लेषण किया जाता है।
(3)
संचार माध्यम आयोजना में मुद्दे या विचार के प्रस्तुतीकरण की लागत पर भी विचार किया
जाता है। उदाहरण के लिए, वस्त्रों की बिक्री के लिए दुकानदार क्षेत्र में पर्चे बंटवा
सकता है या एक उपयुक्त स्थान पर बड़ा बैनर/पोस्टर लगवा सकता है या टी.वी. के लिए विज्ञापन
तैयार करवा सकता है।
संचार
माध्यम योजनाकार संचार माध्यम के बजट और उसकी पहुँच को देखते हुए किसी संचार माध्यम
का चयन करता है। अधिकतम पहुँच वाले सस्ते संचार माध्यम का चयन किया जाता है। इस प्रकार
संचार माध्यम आयोजना में व्यक्तियों को समझाने-बुझाने के लिए जब विज्ञापन का सहारा
लिया जाता है तो योजनाकार यह प्रयास करता है कि न्यूनतम लागत के साथ-साथ संचार माध्यम
के प्रभाव को अधिकतम करना।
(4)
सूचना संप्रेषण के लिए संचार माध्यम आयोजना की जाती है ताकि वांछित परिवर्तन लाये जा
सकें। इस सम्बन्ध में संचार माध्यम योजनाकार चार मुख्य मानदंडों पर ध्यान देकर, लक्षित
व्यक्तियों तक प्रभावी ढंग से अपने संदेश या विचार को कार्यान्वित करता है-
- पहुँच,
- बारंबारता,
- निरंतरता।
अतः
स्पष्ट है कि व्यक्तियों को समझाने-मनाने के लिए संचार साधन के लिए संचार माध्यम आयोजना
महत्वपूर्ण हो गई है।
प्रश्न 2. संचार माध्यम आयोजना के आवश्यक चरण क्या हैं?
उत्तर
: संचार माध्यम आयोजना के आवश्यक निम्न चार चरण हैं-
- समूह की पहचान करना (संचार माध्यम लक्षित
श्रोताओं के छोटे-छोटे समूह बनाना)।
- संचार माध्यमों के उद्देश्यों को निर्धारित
और परिभाषित करना।
- संचार माध्यमों की कार्यनीतियों का निर्धारण
और विकास करना।
- आगे निष्पादन के लिए एक संचार माध्यम अनुसूची
या कार्य योजना का विकास करना।
उपर्युक्त
चारों चरणों में प्रत्येक में निर्धारित किए जाने वाले मुख्य बिन्दु तथा साधन/प्रयोज्य
की जाने वाली कार्यवाही का उल्लेख निम्न चार्ट के अन्तर्गत किया गया है-
चार्ट-संचार
माध्यम आयोजना के चरण तथा उसकी प्रक्रिया
चरण |
प्रत्येक चरण में निर्धारित किए जाने वाले मुख्य बिन्दु |
साधन / प्रयोज्य की जाने वाली कार्रवाई |
1. समूह की पहचान करना (संचार माध्यम लक्षित/श्रोताओं के
छोटे-छोटे समूह बनाना) |
• लक्षित श्रोताओं का प्रकार • लक्षित श्रोताओं की संख्या • उनकी अनुभव की गई आवश्यकताएँ, अभिरुचियाँ, रिवाज, सामाजिक
प्रतिमानक • उसी या सम्बन्धित मुद्दों पर पिछले अभियानों से लक्षित
श्रेताओं की प्रतिक्रियाएँ / प्रतिपुष्टि |
• लक्षित श्रोताओं का आँकड़ा संचय (डाटाबेस) अथवा निर्देश
चिह्न/मानक • विभिन्न प्राचलों द्वारा श्रोताओं का पृथक्करण जैसे आयु,
स्त्री-पुरुष (जेंडर), आय समूह, निवास-स्थान और भौगोलिक क्षेत्र, सामाजिक, आर्थिक
और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि • समान विषय पर आँकड़ा संचय • मुद्दा - आधारित विज्ञापन तथा अभियान, जो पहले आयोजित
किए गए हैं। |
2. संचार माध्यमों के उद्देश्यों को निर्धारित और परिभाषित
करना |
•
लक्षित श्रोताओं तक पहुँच और प्रवेश्यता • अवधि, जिसके लिए प्रारंभिक और आवर्ती संचार माध्यम की
आवश्यकता है और स्वीकार्य है। • अवधि, जिसमें मीडिया को शुरू करने और दोहराने की आवश्यकता
और स्वीकृति है । • संचार माध्यम को कितना अनावरण किया जाना चाहिए। • कितने संचार माध्यम साधनों और विधियों का उपयोग होगा,
यदि सभी लक्षित श्रोताओं के लिए इनका उपयोग समान रूप से करना है। |
• उपलब्ध विविध संचार माध्यमों के स्रोत और उन तक श्रोताओं
की पहुँच • इसी प्रकार के पूर्ववर्ती उद्देश्यों और कार्यक्रमों
की प्रतिपुष्टि • अभियान चलाने वाली एजेंसी अथवा संचार माध्यम योजनाकार
का पूर्व अनुभव |
3. संचार माध्यमों की कार्य नीतियों का निर्धारण और विकास |
• संचार माध्यमों का बजट या लागत। • संचार माध्यमों के प्रकार, प्रत्येक संचार माध्यम के
संचार माध्यम मिश्रण की सीमा, उपयोग में आने वाला वह संचार माध्यम सम्पर्क मिश्रण
जो सर्वोत्तम तरीकों से उद्देश्यों की पूर्ति करता है। • संप्रेषण (एकतरफा या दोतरफा) का सर्वश्रेष्ठ संतुलन और
संयोजन, जो संभव है। • लक्षित श्रोताओं के ज्ञान, अभिवृत्ति और व्यवहार का स्तर
। • लक्षित श्रोताओं तक पहुँचने के लिए समय के दृष्टक से
संचार माध्यम अनुसूची तय करना • संदेश संचार उत्पाद अथवा विज्ञापन अभियान के मुद्दों
के संबंध में सबसे अधिक रचनात्मक और परिवेश के अनुकूल संचार माध्यम चाहिए निर्धारित
करना । • वेश के अनुकूल संचार माध्यम निर्धारित करना। • संचार माध्यम परिवेश, जो अभियान के मुद्दे या उत्पाद
के सबसे अधिक अनुकूल है। |
• पिछले संचार माध्यम पैकेज • संचार माध्यम के कार्यकर्ताओं, क्षेत्रगत तथा विस्तार
कर्मियों से व्यक्तिगत सम्पर्क • सूचना शिक्षा संचार और व्यवहार परिवर्तन संचार विशेषज्ञों
और कार्यनीति योजनाकारों के साथ अनुभव बाँटना • पूर्ववर्ती संचार माध्यमों के प्रयासों का आकलन करने
के लिए पूर्ववर्ती संचार माध्यमों/विज्ञापन अभियानों का पुनरावलोकन, जिसमें अन्य
परिवर्तियों को भी ध्यान में रखना चाहिए • सभी संभव संचार माध्यमों, माध्यम (साधनों) और विधियों
का पता लगाना चाहिए • पिछले अभियानों के बजट का विश्लेषण और तदनुसार लागत का
आकलन |
4. आगे निष्पादन के लिए एक संचार माध्यम अनुसूची या कार्य
योजना (खाका) का विकास करना । |
• संचार माध्यमों के निवेश की बारंबारता की अनुसूची बनाना
- निरंतर ( कितने समय तक) बहुधा (विवरण दें) अथवा कुछ अंतरालों के साथ (प्रत्येक
अंतराल का विवरण दें)। • संचार माध्यम के उत्पाद की मात्रा की अनुसूची दें अर्थात्
पूरा कार्यक्रम अथवा भागों में बाँटकर श्रोताओं को देना है। • संचार माध्यमों को प्राप्त करने वालों से सम्पर्क की
बारंबारता । |
• संचार माध्यम अभियान लागू करने या बंद करने की अंतिम
अवधि की स्थिति का विश्लेषण • संचार माध्यम अभियान लागू करने या बंद करने के लिए पिछले
अभियानों के बजट का विश्लेषण |
प्रश्न 3. विद्यालय जाने वाले बच्चों के लिए, संचार माध्यम नियोजन और
डिजाइनिंग उत्पाद में समझायी गई प्रक्रिया के अनुसार, इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग/धूम्रपान
वर्जित है, जैसे विचार के संवर्धन के लिए एक संचार माध्यम अभियान की योजना बनाइए।
उत्तर : इसका उत्तर विद्यार्थी अपने शिक्षा अध्यापक की सहायता से किसी भी एक विषय-इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग या धूम्रपान वर्जित-पर संचार माध्यम अभियान योजना बनाएँ।