Class 12 Hindi Core Short Mock Test-1(1.12.23)

Class 12 Hindi Core Short Mock Test-1(1.12.23)
Class 12 Hindi Core Short Mock Test-1(1.12.23)

SHORT MOCK TEST विषय :- हिन्दी (कोर)

पूर्णांक: 25 अंक

निम्नलिखित पढ्‌यांश को पढ़कर प्रश्न संख्या 01 से 04 के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए:-

मेरे पाँव बहुत छोटे हैं

धरती बहुत बड़ी है माँ !

मेरी उँगली थामे मेरे

बिलकुल पास खड़ी रह माँ !

तेरा नेह कवच-कुंडल है,

तेरा स्पर्श ढाल मेरी

मरुस्थल के तपते पथ में

तू ही मे- झड़ी है माँ!

मेरी उँगली थामे मेरे

बिलकुल पांस खड़ी रह माँ !

1. विषम परिस्थितियों में व्यक्ति को किसकी याद आती है?

(क) भाई की

(ख) माँ की

(ग) पिता की

(ब) मित्र की

2. "मरुस्थूल के तपते पथ में तू ही मेध झड़ी है माँ' का भाव है -

(क) मरुस्थल में माँ ही पानी पिलाती है।

(ख) मरुस्थल में परिवार के लोगों के सिवाय कोई नहीं मिलता।

(ग) परेशानियों में माँ का ही सहारा मिलता है

(घ) तपती रेत पर माँ जल का छिड़काव कर उसे ठंडा कर देती है।

3. कवि ने माँ के स्नेह की तुलना किससे की है?

(क) सुदृढ़ किले से

(ख) कवच व कुंडल से

(ग) घनी छाया से

(घ) स्वादिष्ट पकवानों से

4. कवि के लिए क्या ढाल बना है?

(क) माँ की उँगली

(ख) माँ का स्पर्श

(ग) कवि का उत्साह

(घ) कवि के पिता नि

म्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्न संख्या 05 से 08 के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए:-

संसार में सबको दीर्घायु प्राप्त नहीं होती है, परन्तु सबसे बड़ी हानि जो समय की दुरुपयोगिता एवं अकर्मण्यता से होती है, वह यह कि पुरुषार्थहीन और निरीह पुरुष के विचार अपवित्र और दुषित हो जाते हैं। वास्तव में, बात तो यह है कि मनुष्य कुछ-न-कुछ करने के लिए ही बनाया गया है। जब चित्त और मन लाभदायक कर्म में नहीं लगते, तब उनका झुकाव बुराई और पाप की ओर अवश्य हो जाता है। इस हेतु यदि मनुष्य सचमुच मनुष्य बनना चाहता है, तो सब कर्मों से बढ़कर श्रेष्ठ कार्य उसके लिए यह है कि वह एक पल भी व्यर्थ न गँवाए। प्रत्येक कार्य के लिए पृथक समय और प्रत्येक समय के लिए पृथक कार्य निश्चित करें।

5. मनुष्य को वास्तविक अर्थ में मनुष्य बनने के लिए क्या करना चाहिए ?

(क) श्रेष्ठ कर्म न करना

(ख) मन को लाभदायक कर्म में न लगान

(ग) एक क्षण भी व्यर्थ न गंवाना

(घ) ईश्वर भक्ति न करना

6. अकर्मण्यता के कारण मनुष्य के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

(क) अमूल्य समय नष्ट होता है

(ख) दीर्घायु की प्राप्ति होती है

(ग) दूषित विचारों की उत्पत्ति होती है

(D) अमरत्व की प्राप्ति होती है

7. मनुष्य का झुकाव बुराई और पाप की ओर होने का क्या कारण है?

(क) चित्त और मन लाभदायक कर्म में न लगने के कारण.

(ख) मृत्यु के भय से भयभीत रहने के कारण

(ग) सदैव अपने भाग्य को कोसने के कारण

(घ) दूसरे मनुष्यों से ईष्या करने के कारण

8. प्रस्तुत गद्यांश किस विषय-वस्तु पर आधारित है?

(क) समय की शक्ति पर

(ख) मृत्यु के भय पर

(ग) समय के सदुपयोग से लाभ और हानि पर

(घ) निराश मनुष्य की आत्म कथा पर

9. किस संचार प्रक्रिया में संचारक और प्राप्तकर्ता एक ही व्यक्ति होता है?

(क) अंत: वैयक्तिक संचार

(ख) अंतर वैयक्तिक संचार

(ग) समूह संचार

(घ) जनसंचार

10. निम्न में से जनसंचार का कार्य नहीं है-

(क) मनोरंजन करना

(ख) निगरानी करना

(ग) एजेंडा तय करना

(घ) व्यवहार पर नियंत्रण करने का प्रयास करना

11. निम्न में से कौन पत्र का एक प्रकार नहीं है?

(क) सरकारी पत्र

(ख) पारिवारिक पत्र

(ग) समाचार पत्र

(घ) व्यावसायिक पत्र

12. श्रव्य माध्यम का एक उदाहरण है.

(क) टी० वी०

(ख) इंटरनेट

(ग) समाचार-पत्र

(घ) रेडियो

13. निम्न में से कौन झारखण्ड का लोकप्रिय समाचार-पत्र है -

(क) प्रभात खबर

(ख) दैनिक जागरण

(ग) हिन्दुस्तान

(घ) उपरोक्त सभी

14. निबंध के निष्कर्ष में क्या शामिल नहीं होना चाहिए १

(क) सामान्य समापन वाक्यांश

(ख) कमजोर बयान

(ग) क और ख दोनों

(घ) इनमें से कोई नहीं

15. आज़ादी के समय तक देश में कुल कितने रेडियो स्टेशन खुल चुके थे?

(क) दस

(ख) नौ

(ग) आठ

(प) सात

16. निम्न में से कौन-सी घटना समाचार नहीं हो सकती है,

(क) युद्ध का देखा हाल

(ख) दो टीमों का मुकाबला

(ग) किसी लोकप्रिय व्यक्ति का जन्मदिन

(घ) किसी आम आदमी के घर का कलह

लघु उत्तरीय प्रश्न

17. समाचार लेखन में छह ककार कौन-कौन हैं?

उत्तर - समाचार लेखन के छः ककार है - क्या, किसके( या कौन), कहां,कब, क्यों,और कैसे।

18. वर्तमान में भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का कौन-सा दौर चल रहा है? इस दौर का आरम्भ कब से माना जाता है?

उत्तर - वर्तमान समय में भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का दूसरा दौर चल रहा है। इस दौर का आरंभ सन् 2003 से माना जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

19. दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर अवकाश हेतु प्रधानाचार्य जी को प्रार्थना पत्र लिखिए।

उत्तर -

सेवा में,

प्रधानाचार्य महोदय,

सरोजिनी स्मृति विद्यालय, धौलपुर।

विषय-अवकाश हेतु प्रार्थना-पत्र।

महोदय,

विनम्र निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में दसवीं ‘अ’ का विद्यार्थी हूँ। कल मैं घर के किसी काम से बाहर गया था। आते समय बस से गिर जाने के कारण मेरे पैर में काफी चोट लग गई और मैं चल पाने की स्थिति में नहीं था। पिताजी को सूचना मिली तो वे मुझे डॉक्टर को दिखाने ले गए। एक्सरे व अन्य जाँच करने पर डॉक्टर ने बताया कि मेरे पैर की हड्डी टूट चुकी है। इसका प्लास्टर करना पड़ेगा। डॉक्टर का कहना है कि यह प्लास्टर कम-से-कम तीन सप्ताह के बाद खुलेगा।

अतः आपसे प्रार्थना है कि विद्यालय आने में मेरी असमर्थता को देखते हुए मुझे एक महीने का चिकित्सा हेतु अवकाश प्रदान किया जाए। इसके लिए मैं आपका सदैव आभारी रहूँगा।

सधन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य

क, ख, ग कक्षा-बारवीं‘अ’

अथवा

'पुस्तकालय ज्ञान का सागर है।' विषय पर एक संक्षिप्त निबंध लिखिए।

पुस्तकालय (Library) ज्ञान को बढ़ाता है। यहां पर केवल स्कूली विषय से संबंधित पुस्तकों के अलावा भी कई विषयो की पुस्तकें मिलती है। स्कूली पुस्तकों के अलावा मोटिवेशनल किताबें, महापुरुषों की जीवनी, धर्मग्रंथ इत्यादि भी मिलते है। इसलिए पुस्तकें बौद्धिक विकास के साथ चरित्र का विकास भी करती है। प्रेम, ईष्या, वीरता इत्यादि रसों की पुस्तकें लाइब्रेरी में मिल जाती है। फिल्मी मैगज़ीन हो या फिर मुंशी प्रेमचंद जी की लिखी कहानियां हो, पुस्तकालय श्रेस्ठ स्थान है। एक ही जगह पर विभिन्न विषयों की कई लेखकों द्वारा लिखित पुस्तकें मिलने का एकमात्र स्थान पुस्तकालय है। चाहे साहित्य के सम्राट शेक्सपियर की किताब हो या फिर आइजेक न्यूटन की लिखी विज्ञान की कोई पुस्तक हो, हर लेखक का ज्ञान आपको एक जगह पर मिल जाता है।

लाइब्रेरी में पढ़ाई के लिए शांत वातावरण होता है। इसमें टेबल और कुर्सी लगी होती है जहां पर बैठकर पाठक पुस्तक पढ़ने का आनन्द लेते है। इस जगह को वाचनालय भी कहते है। गर्मियों से बचाव के लिए पुस्तकालय में पंखा लगा होता है। कई पुस्तकालयों में कूलर या एसी भी होता है। पीने के लिए पानी की समुचित व्यवस्था भी होती है। कुछ बड़े पुस्तकालयों में चाय नास्ते का इंतेजाम भी होता है।

प्रत्येक लाइब्रेरी के अपने नियम होते है जो अनिवार्य रूप से लागू होते है। एक नियम जो हर लाइब्रेरी में होता है, वह है शांति स्थापित रखना। पुस्तकालय में किताबें सुव्यवस्थित तरीके से रखी होती है। विषयवार किताबों को लाइब्रेरी की आलमारियों में व्यवस्थित किया जाता है। लाइब्रेरी में रखी हुई पुस्तकें राष्ट्रीय संपदा है और हमें इन्हें गन्दा नही करना चाहिए। किताबों के पन्ने फाड़ना, पेन से किताबों पर लिखना जैसे कृत्य हमे नही करने चाहिए।

अथवा

अपने पसंदीदा क्रिकेटर पर एक फ़ीचर तैयार कीजिए।

मेरा प्रिय खिलाड़ी

भारत के खिलाडिय़ों की श्रंखला में सर्वप्रथम जिस खिलाड़ी का नाम मुझे सबसे अधिक प्रिय है वह नाम है सचिन तेंदुलकर। सचिन तेंदुलकर क्रिकेट का सबसे बेहतरीन खिलाड़ी है। जो मेरा सबसे मन पसंदीदा खिलाड़ी है। भारत के इस महान खिलाड़ी को लोक बेहद प्रेम करते हैं। सचिन तेंदुलकर भारत के सबसे सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खिलाड़ी के तौर पर विख्यात है।

यह भारत के पहले ऐसे युवा खिलाड़ी हुए जिन्होंने बेहद कम उम्र में भारत रत्न को प्राप्त किया। सचिन तेंदुलकर का पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर है। उनका जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता, रमेश तेंदुलकर एक प्रसिद्ध उपन्यासकार थे। सचिन तेंदुलकर के न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बड़ी संख्या में प्रशंसक हैं। सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद से बल्लेबाजी में कई रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। सचिन तेंडुलकर को, मास्टर ब्लास्टर के रूप में जाना जाता है। सचिन तेंदुलकर भारत के एक पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कैप्शन के रूप में कार्य किया। उन्हें व्यापक रूप से क्रिकेट के इतिहास में सबसे महान बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। विश्व मीडिया ने अभी हाल ही में एक ड्रीम टीम का गठन किया था जिसमें सचिन अकेले भारतीय खिलाड़ी थे और उस टीम में स्थान पाकर उन्होंने भारत को गौरवान्वित किया। विश्व में जहाँ पर क्रिकेट एक प्रिय खेल है। सचिन हमेशा ही वहाँ सुर्खियों में रहते हैं। उन्होंने अपनी लगन और अपनी मेहनत से वो स्थान बनाया जिसकी कल्पना मात्र करना भी एक स्वक्प्न है। उन्होंने अपना 200 वां और आखिरी टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला। भारत सरकार ने उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया है। क्रिकेट में 24 साल के अपने करियर में मास्टर ब्लास्टर ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। 16 नवंबर 2013 को, सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट की आधारशिला के रूप में सेवा करने के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लिया।

Click Here👇👇

Post a Comment

Hello Friends Please Post Kesi Lagi Jarur Bataye or Share Jurur Kare