Class 12th Political Science PROJECT RAIL (JCERT) CM SOE & Model School Weekly Test Answer Key 11.06.2025

Class 12th Political Science PROJECT RAIL (JCERT) CM SOE & Model School Weekly Test Answer Key 11.06.2025

Class 12th Political Science PROJECT RAIL (JCERT) CM SOE & Model School Weekly Test Answer Key 11.06.2025

झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, राँची

PROJECT RAIL CM SOE & Model School (11.06.2025)

Subject-Political Science/राजनीति विज्ञान

समय-1 घण्टा

कक्षा - 12

पूर्णांक -20

सामान्य निर्देश :

1. इस प्रश्न-पत्र में कुल 12 प्रश्न हैं। सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।

2. प्रश्न के प्रकार एवं अंक :

प्रश्न 1 से 6 - वस्तुनिष्ठ प्रश्न 6x1=6.

प्रश्न 7 से 10 - लघु उत्तरीय प्रश्न 4x2 = 8

प्रश्न 11 एवं 12 - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 2x3=6

3. प्रश्न संख्या 1 से 6 बहुविकल्पीय प्रकार के हैं। 6 बहुविकल्पीय प्रश्नों में से 2 प्रश्न योग्यता आधारित प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है। बहुविकल्पीय प्रकार के प्रश्न 1 से 6 के लिए चार विकल्प दिए गए है, सही विकल्प (a, b, c, d) का चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखना हैं।

4. परीक्षा की समाप्ति से पहले किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी।

SECTION - A (1x6=6) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

1) निर्वाचन आयोग की स्थापना किस अनुच्छेद के द्वारा की गई है?

a) अनुच्छेद 321

b) अनुच्छेद 322

c) अनुच्छेद 324

d) अनुच्छेद 325

2) कामराज योजना कांग्रेस द्वारा कब लागू किया गया था?

a)1959

b) 1963

c)1960

d)1962

3) कांग्रेस के किस अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का लक्ष्य लागू किया गया?

a) कोलकाता अधिवेशन 1928

b) लाहौर अधिवेशन 1929

c) कराची अधिवेशन 1931

D. दिल्ली अधिवेशन 1932

4) निम्रलिखित में से कौन सार्क का सदस्य देश नहीं है?

a) भारत

b) पाकिस्तान

c) श्रीलंका

d) इंडोनेशिया

5) दक्षिण एशिया के मध्य में स्थित कौन सा देश दक्षिण एशिया के अधिकांश देशों के साथ अपनी सीमाएँ साझा करता है?

a) भारत

b) पाकिस्तान

c) मालदीव

d) बांग्लादेश

6) दक्षेस का पहला सम्मेलन कहां हुआ?

a) भारत

b) पाकिस्तान

c) बांग्लादेश

d) श्रीलंका

SECTION - B (4x2=8) (लघु उत्तरीय प्रश्न)

7) कौन एक हिमालयी देश जहाँ संवैधानिक राजतंत्र है? यह देश भी हर तरफ भूमि से घिरा हुआ है।

उत्तर - भूटान

8) विश्व बैंक की मदद से भारत और पाकिस्तान के बीच 'सिंधु जल संधि' पर हस्ताक्षर कब हुआ था ?

उत्तर - इस संधि पर कराची में 19 सितंबर, 1960 को भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे।

9) 1952 के प्रथम आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी तथा भारतीय जन संघ के चुनाव चिन्ह् क्या थे ?

उत्तर -

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस - दो बैल जोते हुए

भारतीय जन संघ - दीपक

10) कामराज योजना का क्या उद्देश्य था?

उत्तर- कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेतागण सरकारी पदों को छोड़कर संगठन में काम करें ताकि पार्टी को पुनः ऊपर उठाया जा सके।

SECTION - C (2x3=6) (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)

11) एक दलीय प्रभुत्व से आप क्या समझते हैं? कांग्रेस को एक दलीय प्रभुत्व की स्थिति कैसे प्राप्त हुई?

उत्तर - एक दलीय प्रभुत्व (One-Party Dominance) से तात्पर्य उस स्थिति से है जब किसी लोकतांत्रिक देश में अनेक राजनीतिक दलों की उपस्थिति और चुनावों में भागीदारी तो होती है, लेकिन एक ही दल लगातार लंबे समय तक सत्ता में बना रहता है और शेष दलों की भूमिका बहुत सीमित या कमजोर रहती है।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को स्वतंत्रता के बाद एक दलीय प्रभुत्व की स्थिति प्राप्त हुई, जिसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

1. ऐतिहासिक नेतृत्व और स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका- कांग्रेस का स्वतंत्रता संग्राम में नेतृत्वकारी भूमिका निभाना उसे जनता के बीच गहरी विश्वसनीयता और लोकप्रियता दिलाता है।

2. नेहरू जैसे करिश्माई नेता का नेतृत्व- जवाहरलाल नेहरू का व्यक्तित्व, विचारधारा और समावेशी दृष्टिकोण लोगों को कांग्रेस से जोड़े रखने में सहायक रहा।

3. संगठनात्मक मजबूती- कांग्रेस का देशभर में एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा था, जो गाँव से लेकर संसद तक सक्रिय था।

4. विपक्ष की कमजोरी- 1950-60 के दशक में विपक्षी दल बिखरे हुए और कमजोर थे, उनके पास न तो पर्याप्त संसाधन थे और न ही लोकप्रिय नेता जो कांग्रेस को टक्कर दे सकें।

5. सामाजिक विविधता को समेटने की क्षमता- कांग्रेस ने हर जाति, धर्म, क्षेत्र और वर्ग के लोगों को अपने साथ जोड़ने की नीति अपनाई, जिससे उसे व्यापक जनसमर्थन मिला।

6. प्रारंभिक चुनावों में भारी जीत - 1952, 1957 और 1962 के आम चुनावों में कांग्रेस को अपार बहुमत मिला, जिससे उसकी दलीय पकड़ और मजबूत हुई।

12) श्रीलंका के जातीय संघर्ष में किन की भूमिका प्रमुख है ?

उत्तर-आजादी के बाद से श्रीलंका की राजनीति पर बहुसंख्यक सिंघली समुदाय के हितों की नुमाइंदगी करने वालों का वर्चस्व रहा है। ये लोग भारत छोड़कर श्रीलंका आ बसी एक बड़ी तमिल आबादी के खिलाफ हैं। सिंघली राष्ट्रवादियों का मानना था कि श्रीलंका सिर्फ सिंघली लोगों का है। तमिलों के प्रति उपेक्षा भरे बर्ताव से एक उग्र तमिल राष्ट्रवाद की आवाज बुलन्द हुई। 1983 के बाद से उग्र तमिल संगठन 'लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम' (लिट्टे) श्रीलंकाई सेना के साथ सशस्त्र संघर्ष कर रहा है। इसने 'तमिल ईलम' यानी श्रीलंका के तमिलों के लिए एक अलग देश की माँग की है। श्रीलंका के उत्तर-पूर्वी हिस्से पर लिट्टे का नियन्त्रण था।

दोनों समुदायों के बीच राजनीतिक वर्चस्व के लिए सशस्त्र संघर्ष जारी था। इस संघर्ष में नया मोड़ तब आया जबकि श्रीलंका की सेना के साथ मुठभेड़ में लिट्टे का प्रमुख वी. प्रभाकरण 18 मई, 2009 को मारा गया। कुछ ही समय में लिट्टे का श्रीलंकायी सेना ने खात्मा कर दिया।

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