फाई-रेनिस का दोहरी अर्थव्यवस्था का सिद्धान्त (The Fei-Ranis Theory of Dual Economy)
फाई-रेनिस का दोहरी अर्थव्यवस्था का सिद्धान्त (The Fei-Ranis Theory of Dual Economy)
प्रस्तावना (INTRODUCTION) फाई
व रेनिस ने 'A Theory of Economic Development'' शीर्षक वाले एक लेख में विश्लेषण किया
है कि संक्रमण प्रक्रिया में एक विकासशील अर्थव्यवस्था गतिहीनता की स्थिति से
आत्मजनक वृद्धि (self-sustained growth) की ओर जाने की आशा करती है। उनका यह
सिद्धान्त लुइस ( Lewis ) के असीमित श्रम पूर्ति सिद्धान्त से उत्तम है क्योंकि
लुइस कृषि क्षेत्र में वृद्धि का सन्तोषजनक विश्लेषण कर पाने में
असमर्थ रहा है। सिद्धान्त (THE THEORY) इस
सिद्धान्त का संबंध विकासशील श्रम-अतिरेक (labour surplus) तथा संसाधनहीन अर्थव्यवस्था
से है जिसमें अधिकतर जनसंख्या विस्तृत बेरोजगारी और जनसंख्या की ऊंची वृद्धि दरों
के बीच कृषि में कार्यरत है। कृषि अर्थव्यवस्था गतिहीन है। लोग पारम्परिक कृषि
व्यवसायों में संलग्न हैं। कृषि-रहित व्यवसाय पाए जाते हैं किन्तु उनमें पूँजी का
कम उपयोग होता है, इसमें एक सक्रिय तथा गत्यात्मक औद्योगिक क्षेत्र भी है। विकास
से अभिप्राय कृषि अतिरेक श्रमिकों का औद्योगिक क्षेत्र को पुनः आवंटन करना है,
जिनका कृषि उत्पादन में योगदान शून्य अथवा नगण्य है, जहां वे कृषि में संस्थानि…