राज्य सरकारों की आय (आगम) के स्रोत (SOURCES OF REVENUE OF STATE GOVERNMENT)

राज्य सरकारों की आय (आगम) के स्रोत (SOURCES OF REVENUE OF STATE GOVERNMENT)
राज्य सरकारों की आय (आगम) के स्रोत (SOURCES OF REVENUE OF STATE GOVERNMENT)
भारतीय संविधान में केन्द्रीय सरकार एवं राज्य सरकारों की आय के स्रोत तथा व्यय की मदों स्पष्ट विभाजन किया गया है ताकि दोनों सरकारों के मध्य किसी तरह का टकराव उत्पन्न न हो। अन्य शब्दों में, भारत में केन्द्रीय एवं राज्य सरकारों की आय के स्रोत जहाँ पृथक् पृथक् हैं वहीं उनके द्वारा किये जाने वाले व्यय की मदें भी एक-दूसरे से सर्वथा अलग-अलग हैं। राज्य सरकारों की आय के स्रोतों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है- I. कर-आय स्रोत (Tax Revenue Sources), II. गैर-कार आय स्रोत (Non-Tax Revenue Sources) I. कर-आय स्रोत (SOURCES OF TAX REVENUE) राज्य सरकारों की आय के प्रमुख कर-स्रोत निम्नवत् हैं- 1. मालगुजारी या भू-राजस्व (Land Revenue)— यह राज्य सरकारों को महत्वपूर्ण कर आय स्रोत है। भारता जब स्वान्त्र हुआ. उस समय दो प्रकार के स्वत्वाधिकार प्रचलित थे-(i) स्थाबी बन्दोबस्त तथा (1। अस्थायी बन्दोबस्त । इसके भी तीन भागथे-(1) जमींदारी,(b) महलदारी, (वितवारी। 1947 के बाद भारत सरकार ने सभी राज्यों में मध्यस्थों का उन्मूलन करके शू धारण सुधार अधिनियम लागू कर दिया। किसी भी राज्य की भू राजस्व व्यवस्था वहाँ को भू धारण…