लोहा तथा इस्पात उद्योग (IRON AND STEEL INDUSTRY)
लोहा एवं इस्पात उद्योग भारत के सबसे महत्वपूर्ण और आधारभूत उद्योगों में से एक है। देश की औद्योगिक प्रगति के लिए इस उद्योग का विकास अनिवार्य है। देश की सुरक्षा की दृष्टि से भी इस उद्योग का बहुत महत्व है, क्योंकि प्रत्येक प्रकार की लड़ाई के अस्त्र शस्त्रों में लोहे का प्रयोग होता है। इसलिए यदि वर्तमान युग को 'लोहा इस्पात का युग' कहा जाये तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। संक्षिप्त इतिहास (Brief Ilistory)
ऐतिहासिक दृष्टिकोण से हमारा देश लोहे व इस्पात के उद्योगों के लिए प्राचीन काल से
प्रसिद्ध रहा है। दिल्ली का लौह स्तम्भ विश्व के वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों के
लिए सदैव आश्चर्य को वस्तु रहा है। प्रो. विल्सन के शब्दों में, "लौहे की
ढलाई तो इंग्लैण्ड में थोड़े ही वर्षों से आरम्भ की गई है, परन्तु हिन्दू लोग लोहा
गलाने, ढालने और इस्पात बनाने की कला का ज्ञान प्राचीन काल से रखते हैं।"
वाडिया व मर्चेण्ट के अनुसार, "भारत में चौथी व पाँचवीं शताब्दी से ही टिकाऊ
व सुन्दर लोहे की वस्तुओं का उत्पादन होता था तथा ये वस्तुएँ विदेशों को पर्याप्त
मात्रा में निर्यात को जाती थीं।" इस प्रक…