अर्थव्यवस्था के संबंध में विदेशी पूँजी और तकनीकी की भूमिका
JPSC_अर्थव्यवस्था के संबंध में विदेशी पूँजी और तकनीकी की भूमिका
अर्थव्यवस्था के विकास में विदेशी पूंजी की भूमिका जब विदेशी उद्यम या उद्यमी लाभ तथा उत्पादन से प्रेरित होकर वित्तीय , परिसम्पत्तियों को किसी राष्ट्र में व्यय करते हैं, तो इसे उस राष्ट्र के सन्दर्भ में विदेशी निवेश कहा जाता है। इसके अन्तर्गत किसी देश में पूँजी, तकनीक आदि का आगमन होता है। विदेशी निवेश की आवश्यकता देश में निवेश का स्तर ऊँचा करने, प्राकृतिक साधनों का पूर्ण दोहन करने, आधुनिक तकनीक की उपलब्धि, आधारभूत आर्थिक ढाँचे का विकास, भुगतान सन्तुलन की स्थिति में सुधार आदि के लिए होती है। विदेशी निवेश से सरकार को अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि, वैश्वीकरण के इस दौर में लगभग सभी देशों ने आर्थिक विकास के लिए विदेशी पूँजी (निवेश) के महत्व को स्वीकार किया है। विदेशी निवेश को मुख्यतः दो भागों में बाँटा जाता है- 1. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment-FDI) 2. विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (Foreign Portfolio Investment- PFI) 1. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सामान्यतः किसी एक देश की कम्पनी द्वारा दूसरे देश में किया गया निवेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कहलाता है अर्थात् जब उत्पादन के स…