JPSC_Industrial Development and Economic Reforms in India(भारत में औद्योगिक विकास और आर्थिक सुधार)
JPSC_Industrial Development and Economic Reforms in India(भारत में औद्योगिक विकास और आर्थिक सुधार) (औद्योगिक
नीति में मुख्य परिवर्तन, औद्योगिक विकास पर इसका प्रभाव, सूक्ष्म व मध्यम उद्यमों की समस्याएँ, उदारीकरण के काल में भारत में सार्वजनिक क्षेत्र
के उद्यमों की भूमिका, सार्वजनिक उद्यमों का विनिवेश और निजीकरण ) औद्योगिक नीति में मुख्य परिवर्तन स्वतंत्रता
प्राप्ति के बाद 6 अप्रैल, 1948 को भारत सरकार ने अपनी पहली औद्योगिक नीति घोषित
की। तब से लेकर आज तक कुल 6 औद्योगिक नीतियों की घोषणा की जा चुकी है।
महत्त्वपूर्ण औद्योगिक नीति का विवेचन निम्नवत् है। औद्योगिक नीति 1948 6
अप्रैल, 1948 को तत्कालीन उद्योग मंत्री श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने भारत की प्रथम, औद्योगिक नीति की घोषणा की। औद्योगिक नीति 1948 में मिश्रित
अर्थव्यवस्था की परिकल्पना की गयी थी तथा देश के औद्योगिक विकास हेतु सार्वजनिक
तथा निजी क्षेत्र के मिश्रित स्वरूप की अवधारणा की व्यवस्था की गयी थी। इसके
अंतर्गत् उद्योगों को 4 भागों में विभाजित किया गया था। (i) राज्य अधिकृत क्षेत्र- इसके अंतर्गत् सैनिक तथा राष्ट्रीय
महत्त्व के तीन उद्योगों-अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण, अणु शक्ति
उत्पादन एवं नियंत्रण, डाक तार एवं रेल यातायात स्वामित्व एवं प्रबंधन …