JPSC_Fiscal_Policy(वित्तीय नीति )

JPSC Fiscal Policy(वित्तीय नीति )
JPSC_Fiscal_Policy(वित्तीय नीति )
( संकल्पना और रोजगार अपलब्धियों में वित्तीय नीति की भूमिका, स्थिरता और आर्थिक विकास ) राजकोषीय नीति सार्वजनिक आय, व्यय, ऋण सम्बन्धी क्रियाओं तथा होनार्थ प्रबन्धन से सम्बन्धित नीतियों को ही राजकोषीय नीति (Fiscal Policy) कहते हैं। यह नीति देश विदेश की आर्थिक परिस्थितियों के स्वरूप पर निर्भर करती है। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक स्थिरता तथा आर्थिक विकास सम्बन्धी कार्यक्रमों की सफलता में सहायक होने से सम्बन्धित है। ध्यातव्य है कि स्थिरता तथा विकास के दो विरोधी तत्वों में सामंजस्य बनाए रखना कोई सरल कार्य नहीं है। उपर्युक्त उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए राजकोषीय उपायों का सक्रिय प्रयोग करना होता है। ‘क्रियाशील वित्त' (Functional Finance) के सिद्धान्त के अन्तर्गत सार्वजनिक आय और व्यय की नीतियों का स्वरूप क्रियाशील होना चाहिए, अर्थात् इनका प्रयोग निश्चित उद्देश्यों को सामने रखकर किया जाना चाहिए। सार्वजनिक व्यय का उद्देश्य केवल प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त करना ही न हो, बल्कि इसके उत्पादन, आय तथा रोजगार पर पड़ने वाले प्रभावों को भी ध्यान में रखा जाए। आवश्यकता पड़ने पर घाटे के बजट (Deficit budget) बनाना…