Class XI अर्थशास्त्र सेट -3 मॉडल प्रश्नपत्र 2021-22 Term-2

Class XI अर्थशास्त्र सेट -3 मॉडल प्रश्नपत्र 2021-22 Term-2

झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, राँची (झारखंड)

Jharkhand Council of Educational Research and Training, Ranchi

(Jharkhand)

द्वितीय सावधिक परीक्षा - 2021 2022

Second Terminal Examination - 2021-2022

मॉडल प्रश्नपत्र

Model Question Paper

सेट-3 (Set-3)

वर्ग- 11

विषयअर्थशास्त्र

पूर्णांक-40

समय - 1:30 घंटे

सामान्यनिर्देश (General Instructions) -

 परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में उत्तर दीजिए |

 कुल प्रश्नों की संख्या 19 है।

 प्रश्न संख्या 1 से प्रश्न संख्या 7 तक अति लघुत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर अधिकतम एक वाक्य में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का मान 2 अंक निर्धारित है।

 प्रश्न संख्या 8 से प्रश्न संख्या 14 तक लघुत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किन्हीं 5 प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 50 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का मान 3 अंक निर्धारित है।

 प्रश्न संख्या 15 से प्रश्न संख्या 19 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का मान 5 अंक निर्धारित है।

खंड- A अति लघुत्तरीय प्रश्न

निम्नलिखित में से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

1. 12, 15, 18, 07 तथा 08 की माध्यिका क्या होगी?

उत्तर:

SN

1

2

3

4

5

X

07

08

12

15

18


Median = Value of  `\frac{n+1}2` items
  =`\frac{5+1}2=\frac{6}2=3`

        Median = 12

2. प्रमाप विचलन किसे कहते हैं?

उत्तर: प्रमाप विचलन के विचार का प्रतिपादन कार्ल पियर्सन (Karl Pearson) ने 1893 में किया था। किसी श्रेणी के समान्तर माध्य से निकाले गये उसके विभिन्न पद-मूल्यों के वर्गों के माध्य का वर्गमूल उस श्रेणी का प्रमाप विचलन कहलाता है।

इसे माध्य से निकाला जाने वाला विचलन-वर्ग-माध्य मूल (Root-Mean-Square Deviation from Mean) भी कहा जाता है। प्रमाप विचलन के लिए ग्रीक वर्णमाला का अक्षर σ (सिगमा) प्रयुक्त किया जाता है।

3. कीमत सूचकांक को परिभाषित कीजिए।

उत्तर: चैण्डलर के अनुसार-“कीमत का सूचकांक आधार-वर्ष की तुलना में किसी अन्य समय में कीमतों की औसत ऊँचाई को प्रकट करने वाली संख्या है।”

4. न्यूनतम कैलोरी उपभोग के अनुसार भारत में निर्धनता रेखा को परिभाषित कीजिए

उत्तर: गरीब लोगों की पहचान के लिए भारत में न्यूनतम कैलोरी उपभोग मापदण्ड को अपनाया गया है। इस संदर्भ में योजना आयोग द्वारा प्रतिदिन के हिसाब से आवश्यक आहार की न्यूनतम मात्रा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 2400 कैलोरी और शहरी क्षेत्रों के लिए 2100 कैलोरी निर्धारित की गई है।

5. भारत में नारी शिक्षा को प्रोत्साहन देने का कोई एक कारण लिखिए।

उत्तर: महिलाओं को शिक्षित करना भारत में कई सामाजिक बुराइयों जैसे- दहेज़ प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या और कार्यस्थल पर उत्पीड़न आदि को दूर करने की कुंजी साबित हो सकती है। यह निश्चित तौर पर देश के आर्थिक विकास में भी सहायक होगा, क्योंकि अधिक-से-अधिक शिक्षित महिलाएँ देश के श्रम बल में हिस्सा ले पाएंगी।

6. कुटुंब श्री क्या है ?

उत्तर: कुटुंबश्री केरल सरकार की ओर से शुरू की गई एक पहल है. ये संस्था गरीबों और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करती है. इसका गठन 1997 में किया गया था. इस संस्था में केवल महिलाएं ही काम करती हैं। कुटुंब का अर्थ होता है परिवार और श्री का अर्थ होता है महिला। इन दो शब्दों को जोड़कर इस संस्था का नाम रखा गया है.

7. चीन में सुधार के प्रारम्भिक चरण में किन क्षेत्रकों में सुधार किए गए

उत्तर: चीन में सुधार के प्रारम्भिक चरण में कृषि , विदेशी व्यापार तथा निवेश क्षेत्रकों में सुधार किए गए।

खंड-B लघूत्तरीय प्रश्न

निम्नलिखित में से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए

8. निम्नलिखित आँकड़ा से माध्यिका की गणना कीजिए

X

10

12

14

16

18

ƒ

4

5

6

3

2

उत्तर:

X

ƒ

10

4

4

12

5

9

14

6

15

16

3

18

18

2

20

 

Σƒ= 20

 


Median = `\frac{\Sigma f}2=\frac{20}2`=10

 Median = 14

9. निम्नलिखित आँकड़ा से प्रमाप विचलन की गणना कीजिए

X

10

12

14

16

18

ƒ

4

5

6

3

2

उत्तर:

X

ƒ

ƒx

dev =13.4(dx)

ƒdx

ƒdx2

10

4

40

-3.4

-13.6

46.24

12

5

60

-1.4

-7

9.8

14

6

84

0.6

3.6

2.16

16

3

48

2.6

7.8

20.28

18

2

36

4.6

9.2

42.32

 

Σƒ = 20

Σƒx = 268

 

 

Σƒdx2 =120.8


Mean (X̅ ) `\frac{\Sigma fx}{\Sigma f}` = `\frac{268}20` = 13.4

σ=`\sqrt{\frac{\Sigma fdx^2}{\Sigma f}}`=`\sqrt{\frac{120.8}{20}}=\sqrt{6.04}=2.45`

10. सहसंबंध गुणांक (r) के विभिन्न मानों 0, 1 तथा 1 की व्याख्या कीजिए

उत्तर:

r = +1 पूर्ण धनात्मक सहसंबंध

r = -1 पूर्ण ऋणात्मक सहसंबंध

r = 0 सहसंबंध की अनुपस्थिति।

11. निम्नलिखित आँकड़ा से सरल समूहित कीमत सूचकांक तैयार कीजिए

वस्तु

A

B

C

D

आधार अवधि कीमत (रु.)

2

5

4

2

वर्तमान अवधि कीमत (रु.)

4

6

5

3

उत्तर :-

वस्तुएं

आधार अवधि कीमत (रु.) (P0 )

वर्तमान आवधि कीमत (रु.) (P1 )

A

2

4

B

5

6

C

4

5

D

2

3

योग

ΣP0 = 13

ΣP1 =18


`P_{01}=\frac{\Sigma P_1}{\Sigma P_0}\times100`

`=\frac{18}{13}\times100=138.46\%`

अतः वर्तमान अवधि मूल्य निर्देशांक 138.46% है अर्थात वर्तमान अवधि में आधार अवधि की तुलना में 38.46% मूल्य वृद्धि हुई है

12. भारत में निर्धनता निवारण के लिए सरकार के द्वारा अपनाई गई नीतियों के नामों को लिखिए |

उत्तर: निर्धनता निवारण के लिये सरकार द्वारा अपनाई गई रणनीति का विवेचना निम्न प्रकार है

i. आर्थिक विकास की गति को बढ़ाना : नियोजन के आरम्भ से ही माना गया है कि यदि देश में तीव्र आर्थिक विकास होगा तो आय में वृद्धि होगी तथा आय में यह वृद्धि रिसकर निर्धन वर्ग तक पहुंचेगी। भारत में निर्धनता जैसी असाधारण समस्या को सुलझाने के लिये आर्थिक विकास की गति को बढ़ाना एक मूलभूत उपाय है। जैसे-जैसे विकास की गति में तेजी आयेगी तब खेतों और कारखानों में मजदूरों की संख्या में इजाफा होगा और बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। रोजगार जितना अधिक होगा, उतनी ही आय बढ़ेगी और जब आय बढ़ेगी तब निर्धनता का ग्राफ भी स्वत: निम्न होने लगेगा। लेकिन विकास की गति पर्याप्त नहीं होने के कारण आर्थिक विकास पर्याप्त मात्रा में रोजगार सृजित नहीं कर पाया। केवल आर्थिक विकास के द्वारा निर्धनता निवारण असफल रहा।

ii. मजदूरी रोजगार व स्वरोजगार कार्यक्रम लागू करना : देश के 1960 के दशक में मौजूदा आर्थिक विकास से रोजगार के साधनों में पर्याप्त वृद्धि नहीं हुई, जिससे निर्धनता में कमी नहीं आयी। इसके पश्चात् निर्धनता निवारण के लिये निर्धनता पर प्रत्यक्ष प्रहार करने वाले कार्यक्रमों को अपनाया गया। ये कार्यक्रम मजदूरी या स्वरोजगार द्वारा निर्धनता उन्मूलन की अवधारणा पर आधारित थे। मजदूरी रोजगार कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक सम्पत्ति का निर्माण किया गया तथा निर्धनों को मजदूरी रोजगार के साथ पूरक पोषण भी प्रदान किया गया। स्वरोजगार के कार्यक्रम सहायता व ऋण पर आधारित थे। इसके अन्तर्गत कुशल एवं अर्द्धकुशल रोजगार के लिये प्रशिक्षण दिया गया। मजदूरी रोजगार व स्वरोजगार के प्रमुख कार्यक्रम निम्नवत् थे :

एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम (IRDP)

ग्रामीण युवकों के लिये स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम (TRYSEM)

ग्रामीण क्षेत्रों के लिये राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम (NREP)

ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारन्टी कार्यक्रम (RLEGP)

इन्दिरा आवास योजना (IAY)

स्वरोजगार अश्वासन योजना (EAS)

प्रधानमन्त्री रोजगार योजना (PMRY)

गंगा कल्याण योजना (GKY)

सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (SGRY)

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना (NAREGA)

iii. सामाजिक सहायता कार्यक्रम : निर्धनों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिये 15 अगस्त, 1995 को राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) प्रारम्भ किया गया। इस कार्यक्रम में वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, अक्षमता (विकलांग) पेंशन तथा परिवार लाभ चार घटक थे। सामाजिक सहायता कार्यक्रम मूलत: उन निर्धनों के लिये था जो किसी प्रकार अक्षमता के कारण मजदूरी रोजगार व स्वरोजगार कार्यक्रमों का अंग नहीं बन सकते हैं।

iv. क्षेत्र विकास कार्यक्रम तथा अद्यः संरचना का निर्माण : सरकार द्वारा पिछड़े हुए क्षेत्रों व प्राकृतिक हानियों के कारण होने वाली हानियों से बचने के लिये सुखा प्रवण क्षेत्र विकास कार्यक्रम (DPAP), मरुक्षेत्र विकास कार्यक्रम (DDP), पहाड़ी क्षेत्र विकास कार्यक्रम (HADP) आदि विशेष कार्यक्रम चला कर ध्यान दिया गया जिससे इन क्षेत्रों में रहने वाले निर्धनों की आय में वृद्धि हो सके। कमाण्ड क्षेत्र विकास कार्यक्रम (CADP) द्वारा सिंचाई के लिये नहरें, नालिया, भूमि को समतल करने, जोतों की चकबन्दी व मेडबन्दी के कार्य किये गए। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों का निर्माण, शिक्षा व स्वास्थ्य सम्बन्धी अद्यः संरचना का विकास किया गया।

सरकार द्वारा निर्धनता के निवारण के हेतु नई रणनीति के अन्तर्गत कौशल विकास व प्रशिक्षण पर बल दिया जा रहा है जिससे स्थाई रोजगार के अवसर पैदा हो सके। इसके लिये स्व उद्यमिता को सामुदायिक उद्यमिता (स्वयं सहायता समूह द्वारा) के ढांचे पर विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है।

13. किसी व्यक्ति के लिए कार्य के दौरान प्रशिक्षण की आवश्यकता क्यों होती है ?

उत्तर: किसी व्यक्ति के लिए कार्य के दौरान प्रशिक्षण निम्न कारणों से आवश्यक है :-

1. प्रशिक्षण से श्रम विभाजन के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकता है ।

2. नवीन तकनीक का ज्ञान प्राप्त हो जाता है ।

3. प्रशिक्षण के उपरांत उत्पादन में वृद्धि होती है ।

4. उत्पादकों की लागतो में कमी आती है

5. वस्तुएं सस्ती हो जाती है।

14. विविधीकरण के स्रोत के रूप में मत्स्य पालन के महत्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर: मछली पकड़ने का समुदाय जल निकाय को 'माँ' या 'प्रदाता' मानता है। सागर, महासागर, नदियां, झील, तलाब सभी जल निकाय मछुआरों के समाज के लिए जीवन स्रोत बन जाते हैं।

भारत में, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, केरल, गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु प्रमुख मछली उत्पादक राज्य हैं।

वर्तमान में, अंतर्देशीय स्रोतों से मछली उत्पादन मछली उत्पादन के कुल मूल्य में लगभग 64 प्रतिशत का योगदान देता है और शेष 36 प्रतिशत समुद्री क्षेत्र (समुद्र और महासागरों) से आता है।

खंड-C दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

15. निम्नलिखित आँकड़ा से समांतर माध्य की गणना कीजिए

वर्ग अंतराल

0-10

10-20

20-30

30-40

बारंबारता

5

6

7

2

 

C.I

ƒ

MV

x

A = 5

dx

i = 10

dxI

ƒdxI

0-10

5

5

0

0

0

10-20

6

15

10

1

6

20-30

7

25

20

2

14

30-40

2

35

30

3

6

 

Σƒ = 20

 

 

 

ΣƒdxI =26


`Mean `\overline X ` `A=\frac{\Sigma ƒdx^I}{\Sigma ƒ}\times i`

`=5+\frac26{20}\times10=5+13=18`

16. X तथा Y के बीच सहसंबंध गुणांक को परिकलित कीजिए

X

85

60

55

65

75

Y

60

48

49

50

55

उत्तर:

X

Y

X2

Y2

XY

85

60

   7225   

3600

5100

60

48

3600

2304

2880

55

49

3025

2401

2695

65

50

4225

2500

3250

75

55

5625

3025

4125

ΣX=340

ΣY=262

ΣX2=23700

ΣY2=13830

ΣXY=18050


r = `(sumXY - ((sumX)(sumY))/N)/(sqrt(sumX^2 - (sumX)^2/N) sqrt(sumY^2 - (sumY)^2/N))`

= `(18050 - ((340) (262))/5)/(sqrt(23700 - (340)^2/5)sqrt(13830 - (262)^2/5))`

=`(18050 - 89080/5)/(sqrt(23700 - 115600/5)sqrt(13830 - 68644/5))`

=`(18050 - 17816)/(sqrt(23700 - 23120)sqrt(13830 - 13728.8))`

=`234/(sqrt580 sqrt(101.2))` =`234/((24.08) (10.05))` =`234/242.004`

 r = 0.96 (यह  उच्च  सहसंबंध है)

जब दो श्रेणियों में सहसंबंध की काफी मात्रा हो,तो वह उच्च  सहसंबंध कहलाता  हैं। ऐसी स्थिति में r का मूल्य से  0.75 के बीच पाया जाता है।

17. निर्धनता निवारण सरकार की संवृद्धि आधारित रणनीति की व्याख्या कीजिए

उत्तर: सरकार की वर्तमान निर्धनता - निरोधी रणनीति मोटे तौर पर दो कारकों आर्थिक संवृद्धि को प्रोत्साहन और लक्षित निर्धनता-निरोधी कार्यक्रमों पर निर्भर है।

यह कई योजनाओं और कार्यक्रमों पर भी आधारित है। उनमें से कुछ का उल्लेख नीचे दिया गया है:

(i) राष्ट्रीय काम के बदले अनाज कार्यक्रम: यह कार्यक्रम 2004 में देश के सबसे पिछड़े 150 ज़िलों में लागू किया गया था। यह कार्यक्रम उन सभी ग्रामीण निर्धनों के लिए है, जिन्हें मज़दूरी पर रोज़गार की आवश्यकता है और जो अकुशल शारीरिक काम करने के इच्छुक हैं।

(ii) प्रधानमंत्री रोज़गार योजना: इस कार्यक्रम को 1993 में आरम्भ किया गया। इसका उद्देश्य ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में शिक्षित बेरोज़गार युवाओं के लिए स्वरोज़गार के अवसर सृजित करना है।

(iii) ग्रामीण रोज़गार सृजन कार्यक्रम: इस कार्यक्रम को 1995 में आरम्भ किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में स्वरोज़गार के अवसर सृजित करना है। दसवीं पंचवर्षीय योजना में इस कार्यक्रम के अंतर्गत २५ लाख नए रोज़गार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य रखा गया।

(iv) प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना: इस कार्यक्रम को 2000 में आरम्भ किया गया। इस योजना के अंतर्गत गाँवों में मूलभूत सुविधाओं के लिए राज्यों को अतिरिक्त केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है।

(v) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम, 2005: इस अधिनियम को सितम्बर 2005 में पारित किया गया। इस अधिनियम का नाम बदलकर महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम कर दिया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत अगर आवेदक को 15 दिन के अंदर रोज़गार उपलब्ध नहीं कराया गया तो वह दैनिक बेरोज़गारी भत्ते का हक़दार होगा।

18. कृषि विपणन से आप क्या समझते हैं ? भारत में कृषि विपणन प्रक्रिया की बाधाओं को लिखिए।

उत्तर:  कृषि विपणन वह प्रक्रिया है जिससे देश भर में उत्पादित कृषि पदार्थों का संग्रह, भण्डारुण, प्रसंस्करण, परिवहन, पैकिंग, वर्गीकरण और वितरण आदि किया जाता है।

कृषि विपणन प्रक्रिया की निम्नलिखित बाधाएँ हैं

1. तोल में हेरा-फेरी।

2. खातों में गड़बड़ी।

3. बाजार में प्रचलित भावों का पता न होना।

4. अच्छी भण्डारण सुविधाओं का अभाव।

5. किसानों में जागरूकता का अभाव।

6. किसानों की आय का निम्न स्तर।।

7. साख विस्तार का अभाव।

19. भारत में भू-क्षय के लिए उत्तरदायी कारकों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: भूमि के कणों का अपने मूल स्थान से हटने एवं दूसरे स्थान पर एकत्र होने की क्रिया को भू-क्षय या मृदा अपरदन कहते हैं।

भूमि क्षरण का अर्थ :

1. पोषक तत्वों की कमी के कारण मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता का नुकसान।

2. कम वनस्पति आवरण

3. मिट्टी की विशेषता में परिवर्तन।

4. मिट्टी के दूषित होने से जल संसाधनों का प्रदूषण जिसके माध्यम से पानी जमीन में चला जाता है या जल निकायों में बह जाता है।

5. पर्यावरण में असंतुलित होने के कारण जलवायु परिस्थितियों में परिवर्तन।

भूमि क्षरण के कारण :

(1) वनों की कटाई: लकड़ी, ईंधन और वन उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण वनों की कटाई तेज दर से हो रही है जिसके परिणामस्वरूप भूमि संसाधनों का क्षरण हो रहा है।

(2) अतिचारण : अत्यधिक चराई का तात्पर्य मवेशियों द्वारा घास और अन्य हरे पौधों को अत्यधिक खाने से है। इसके परिणामस्वरूप वनस्पति की कम वृद्धि, पौधों की प्रजातियों की विविधता में कमी, अवांछित पौधों की प्रजातियों की अत्यधिक वृद्धि, मिट्टी का कटाव और मवेशियों की आवाजाही के कारण भूमि का क्षरण होता है।

(3) कृषि पद्धतियां: आधुनिक कृषि पद्धतियों, उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग ने खेती की भूमि की प्राकृतिक गुणवत्ता और उर्वरता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।

(4) औद्योगीकरण: देश के आर्थिक विकास के लिए उद्योगों के विकास से अत्यधिक वनों की कटाई और भूमि का उपयोग इस तरह से होता है कि इसने अपनी प्राकृतिक उन्नयन गुणवत्ता खो दी है।

(5) शहरीकरण: जनसंख्या में वृद्धि और अधिक आवासीय क्षेत्रों और वाणिज्यिक क्षेत्रों की मांग भी भूमि क्षरण के कारणों में से एक है।

Post a Comment

Hello Friends Please Post Kesi Lagi Jarur Bataye or Share Jurur Kare
Cookie Consent
We serve cookies on this site to analyze traffic, remember your preferences, and optimize your experience.
Oops!
It seems there is something wrong with your internet connection. Please connect to the internet and start browsing again.
AdBlock Detected!
We have detected that you are using adblocking plugin in your browser.
The revenue we earn by the advertisements is used to manage this website, we request you to whitelist our website in your adblocking plugin.
Site is Blocked
Sorry! This site is not available in your country.