Class XI Hindi Elective Set -3 Model Question Paper 2021-22 Term-2

Class XI Hindi Elective Set -3 Model Question Paper 2021-22 Term-2

झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद राँची (झारखण्ड)

द्वितीय सावधिक परीक्षा (2021 2022)

सेट- 03

कक्षा- 11

विषय- हिंदी (ऐच्छिक)

समय 1 घंटा 30 मिनट

पूर्णांक - 40

सामान्य निर्देश-:

  परीक्षार्थी यथासंभव अपनी ही भाषा-शैली में उत्तर दें ।

  इस प्रश्न-पत्र के खंड हैं। सभी खंड के प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है।

सभी प्रश्न के लिए निर्धारित अंक उसके सामने उपांत में अंकित है।

प्रश्नों के उत्तर उसके साथ दिए निर्देशों के आलोक में ही लिखें ।

खंड - 'क'
(अपठित बोध)

01. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए- 02+02+02=06

बाल्यकाल मानव की वह अवस्था है, जिसमें उसके जीवन को मनचाहे ढंग से मोड़ा जा सकता है। युवावस्था प्राप्ति के पश्चात उसकी जीवन-दिशा को बदलना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य है। कच्ची मिट्टी को सांचो में ढालकर अपनी इच्छा के अनुरूप कैसी भी आकृति बना सकते हैं। मिट्टी के पक जाने पर उसका रूप परिवर्तन असंभव है। बच्चों के जीवन निर्माण का उत्तरदायित्व सरकार, समाज और माता- पिता के कंधों पर है। विद्यार्थी के भावी जीवन की सफलता, संतुलित शारीरिक-मानसिक विकास के लिए किए गए उसके अपने प्रयत्नों पर निर्भर है। इस मूलमंत्र को पहचान कर इस दिशा में प्रयत्नशील होना विद्यार्थी के सफल भावी जीवन का शुभ संकेत है।

(क) मानव जीवन की किस अवस्था को मनचाहे ढंग से मोड़ा जा सकता है?

उत्तर: बाल्यावस्था या बाल्यकाल को ।

(ख) विद्यार्थी के भावी जीवन की सफलता का मूलमंत्र क्या है?

उत्तर: विधार्थी के भावी जीवन की सफलता का मूल मंत्र संतुलित शारीरिक, मानसिक विकास के लिए किया गया प्रयत्न है।

(ग) बच्चों के जीवन निर्माण का उत्तरदायित्व किस पर है?

उत्तर: बच्चों के जीवन निर्माण का उत्तरदायित्व सरकार, समाज और माता-पिता के कंधों पर है।

अथवा

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

हम उन अनाम सैनिकों की संतान हैं

जिनका नाम लिखा नहीं गया किसी कीर्ति स्तंभ पर

हमारा जन्म किन्हीं उन कोंखो से हुआ है

जो एटम बम गिरने से

फटे हुए गुब्बारे की खाल-सी इधर-उधर छितरा गई

हमारे माथो पर आशीष की तरह टिके हुए हैं

आज भी वे कटे हुए हाथ

जिनका गुनाह कोई ताजमहल गढ़ना था ।

(क) पद्यांश में 'अनाम' सैनिक किन्हें कहा गया है?

उत्तर: अपने पुर्वजो को जिनका नाम किसी भी कीर्ति स्तंभ पर नहीं लिखा गया है।

(ख) प्रस्तुत कविता किन लोगों को समर्पित है?

उत्तर: अनाम सैनिकों को

(ग) कवि ने ताजमहल का निर्माण करने वालों के लिए 'गुनाह' शब्द का प्रयोग क्यों किया है?

उत्तर: क्योंकि ताजमहल बनाने वाले का हाथ काट दिया गया था।

खंड - 'ख'
(अभिव्यक्ति और माध्यम तथा रचनात्मक लेखन)

02. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 05+05=10

(क) 'परहित सरिस धर्म नहिं भाई' अथवा कोरोना महामारी : कारण और बचाव' विषय पर निबंध लिखिए।

उत्तर:           'करोना वायरस'

पहले ही हम इंसानों के अलावा कई जीवों का इस धरती पर वास था। अब एक और नया जीव वास करने आया-कोरोना। पर सबसे आश्चर्य की बात यह है कि यह कोरोना जीवित नहीं है। यह एक अजीवित 'वायरस' है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। अब आप सोचिए कि यह जीवित नहीं है तब इतनी तबाही मचा रहा है, और अगर जीवित होता तो यह क्या करता।

खैर ! अब यह वायरस आ तो गया, पर इससे बचे कसे ये एक बड़ा सवाल है। हम बहुत कुछ ऐसा कर सकते हैं जिससे हम खुद को और दूसरों को बचा सकें।

कोरोना वायरस छूने से भी फैलता है, जिसे हाथ न मिलाकर, हाथ साबून से धोकर, सेनिटाइज कर रोका जा सकता है। अगर हम एन-95 या कपड़ों के मास्क पहनें, तो ये हमारे फेफड़ों में जाने में असमर्थ रहेगा। हमें 2 गज की दूरी भी बनानी चाहिए।

सरकार की भी कुछ जिम्मेदारियाँ हैं, जो इस वायरस को बढ़ने से रोक सकती है। उनमें से कुछ निम्न हैं-

(i) जगह-जगह पर वैक्सीनेसन कैंप लगवाना।

(ii) हर स्कूल, ऑफिस, सड़क, मोहल्ला, आदि को सेनिटाईज करवाना।

(iii) उन जगहों में लॉकडाउन लगाना, जहाँ कोविड को संभालना थोड़ा कठिन नजर आ रहा है, आदि।

अगर हम सब अपनी-अपनी जिम्मेवारी को अच्छे से समझ लें, तो ये कोविड-19 भी ज्यादा देर तक टिक नहीं पाएगा।

(ख) अपने गांव में पेयजल की समस्या समाधान हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी को एक आवेदन पत्र लिखिए।

उत्तर: सेवा में

           प्रखंड विकास पदाधिकारी

           रामगढ़

विषय : पेयजल की अनियमित आपूर्ति ।

महोदय,

आज पूरा नगर पेयजल की अनियमित आपूर्ति से परेशान है। अधिकतर चापाकल मरम्मत के इन्तजार में बेकार पड़े हैं। नलों में पांच-पांच दिनों तक पानी नहीं छोड़ा जाता। पानी आता भी है तो आधे-एक घण्टे के लिए। लोग आधी रात से ही बरतन-बाल्टी लिये लाइनों में खड़े रहते हैं। पानी के लिए आपस में मारपीट भी हो जाती है।

आपसे सविनय आग्रह है कि इस समस्या से निजात दिलाने के लिए त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही करें। लाखों लोगों का जीवन इस समस्या के कारण बिल्कुल अव्यवस्थित हो गया है।

दिनांक : 18.02.2022                          भवदीय

                                         दीपक रामनगर,  रामगढ़

(ग) शहर में बिजली की खस्ताहाल विषय पर एक रिपोर्ट तैयार कीजिए।

उत्तर: मै आपके लोकप्रिय समाचार पत्र दैनिक जागरण के माध्यम से अपने नगर में बिजली संकट से उत्पन्न कठिनाइओं की और अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ। मै Delhi क्षेत्र वाला नागरिक हूँ। आजकल होने वाले बिजली संकट ने यहाँ के निवासियों को परेशान कर रखा है। इससे पहले कभी ऐसे नहीं हुआ था, इस संकट का सामना सबसे अधिक आम लोगों को और छात्रों को करना पड़ रहा है । शाम होते ही सब-कुछ अँधेरे की छाया में सिमट जाता है। पढ़ने वाले छात्र कुछ भी पढ़ पाने में असमर्थ हो जाते है। बिजली के अभाव में 3-3 दिन तक आता पीस नहीं पाता है। पीने का पानी भरना भी बहुत बड़ी भी समस्या हो गयी है। बिजली के अभाव में पानी को मोटर द्वारा ऊपर की मंजिलों तक नहीं पहुंचाया जा पा रहा है।

चौकाने वाली बात तह है की क्षेत्र में रहने वाले उद्योगपतियों और अधिकारियों के घर की बिजली एक मिनट के लिए भी नहीं जाती है। मई आपके पत्र द्वारा इन भ्रस्ट अधिकारियों की पोल खोलना चाहता हूँ। इस कार्य में आप के सहयोग के लिए मई आपका सदा आभारी रहूँगा।

(घ) समाचार - लेखन के छः ककार कौन-कौन हैं?

उत्तर: समाचार लिखते समय पत्रकार मुख्यत: छह ककारों का उत्तर देने का प्रयत्न करता है।

ये छह ककार हैं- क्या हुआ', 'किसके साथ हुआ', 'कहाँ हुआ', 'कब हुआ', 'कैसे हुआ' और 'क्यों हुआ?

इस- क्या, किसके (कौन), कहाँ, कब, क्यों और कैसे को छः ककरों के रूप में जाना जाता है। किसी समाचार या घटना की रिपोटिंग करते समय इन छह ककारों पर ध्यान देना आवश्यक होता है।

खंड - 'ग' (पाठ्यपुस्तक)

03. निम्नलिखित में से किसी एक की सप्रसंग व्याख्या कीजिए - 05

(क) रिश्ते हैं, लेकिन खुलते नहीं हैं

      और हम अपने खून में इतना भी लोहा

नहीं पाते,

कि हम उससे एक ताली बनवाते

और भाषा के भुन्ना-सी ताले को खोलते,

उत्तर: प्रसंग: प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक अंतरा-I में सुदामा पांडेय 'धूमिल' द्वारा रचित 'घर की वापसी' से लिया गया है। इसमें कवि घर में अपने परिवार के सदस्यों के बीच के रिश्ते का बात करते कहते हैं कि-

व्याख्या: हमारे परिवार के सदस्यों के बीच रिश्ता तो है परंतु यह खुलता से नहीं है, इसमें जंग लग गया है। और हमारे खून में इतना लोहा भी नहीं है कि उससे एक चाभी बनवाकर रिश्ते की ताले को खोल सकें। अर्थात गरीबी के कारण वे एक-दूसरे से बात भी नहीं कर पाते हैं,और कवि के शरीर में इतनी ताकत भी नहीं है कि वह धन का अर्जन कर परिवार के लिए कुछ कर सके।

काव्य सौंदर्य:-

कविता की भाषा सरल एंव सहज है।

→ कविता में संगीतात्मता है।

→ रुमानियत, अतिशय कल्पनाशीलता, बिंबधर्मिता मुक्त कविता है।

→ उनकी भाषा जन - जीवन के अधिक निकट है।

(ख) ऋतु बसंत का सुप्रभात था

मंद-मंद था अनिल बह रहा

बालारूण की मृदु किरणें थी

अलग-बगल स्वर्णिम शिखर थे

उत्तर: प्रसंग :- प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक अंतरा-I में नागर्जुन द्वारा रचित 'बादल को घिरते देखा है' से लिया गया है। इसमे कवि जब हिमालय के पर्वत शिखरों के उपर बादल को घिरते देखते हैं तो उसी का वर्णन करते हुए कहते हैं कि:-

व्याख्या :- यह समय वसंत ऋतु का है यह वसंत ऋतु का सुबह काफी सुहावना है, हवा मन्द-मन्द बह रही है, प्रात:काल की सूर्य की किरणे काफी कोमल है जो पर्वत की चोटियों पर फैले हुए हैं। जिसके कारण यह चोटियां सोने की भाँति चमकीले प्रतीत होती है।

काव्य सौंदर्य:-

→ भाषा खड़ी बोली है।

→ कहीं-कही अरबी और फारसी भाषा के शब्दों की प्रधानता है।

→ कविता में संगीतात्मकता है।

→ मंद-मंद में पुनरुक्ति अनुप्रास अलंकार है।

04. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दें- 03+03 06

(क) कवि नागार्जुन ने 'महामेघ को झंझानिल से गरज- गरज भिड़ते देखा है 'क्यों कहा है?

उत्तर: प्रस्तुत प्रश्न हमारी पाठ्यपुस्तक अंतरा-I में नागार्जुन द्वारा रचित 'बादल को घिरते देखा है' से लिया गया है। इसमें कवि कहते हैं कि शीत ऋतु में बादल पहाड़ के शिखरों के ऊपर से गुजरती हैं तो, आसामान में तुफानी हवा होती है जिसे चिरते हुए बादल आगे बढ़ती है। जब तुफान भयंकर होती है तो बादल और तुफान में टक्कर होती है जिसके क्रम में हमें गर्जन और बिजली कड़कने की आवाज भी सुनाई पड़ती है। अर्थात कवि ने महामेघ को झंझानिल से गरज- गरज भिड़ते देखा है

(ख) कवि को किस प्रकार की आस रातभर भटकाती है और क्यों?

उत्तर: प्रस्तुत प्रश्न हमारी हिन्दी की पाठ्‌यपुस्तक अंतरा-I में नरेन्द्र शर्मा द्वारा रचित 'नींद उचट जाती है' से अवतरित है। इसमें कवि की मन में सुख को प्राप्त करने की आसा बनी रहती है और यही आशा कवि को रात भर जगाती है क्योंकि जीवन में अंधकार रूपी दुख बना हुआ है या जो कवि को भीतर से डरा देती है तथा उनकी आँखे सुख आने का प्रतीक्षा करती है लेकिन वह आती नहीं है केवल उसकी आने की आहट आती है। इस प्रकार कवि की आँखे सुख पाने की आस में रात भर भटकती रहती है।

(ग) जाग तुझको दूर जाना' कविता में कवयित्री महादेवी वर्मा मानव को किन-किन विपरीत स्थितियों में आगे बढ़ने के लिए उत्साहित कर रही है?

उत्तर: प्रस्तुत प्रश्न हम्मारी पाठ्‌यपुस्तक अंतरा-I में महादेवी वर्मा द्वारा रचित 'जाग तुझको दूर जाता' से लिया गया है। इसमें कवयित्री ने हमे कई विपरित परिस्थितियों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है, जिनमें कुछ इस प्रकार है:-

→ अडिग और कठोर हिमालय के हृदय में कंपन क्यो नही होने लगे लेकिन हमको हार नहीं मानना है।

आकाश से प्रलयकारी वर्षा क्यों न होने लगे

→ चारो ओर अंधेरा क्यों न छा जाए, आकाश से बिजली क्यों नहीं गड्‌गड़ाने लगे लेकिन हमको हार नहीं मानना है और हमेशा हमें आगे बढ़ना है।

05. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दें- 03+03 06

(क) 'भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती हैं पाठ के आधार पर यह स्पष्ट कीजिए कि 'इस अभागे आलसी देश में जो कुछ हो जाए वही बहुत कुछ है क्यों कहां गया है?

उत्तर: प्रस्तुत प्रश्न हमारी हिन्दी की पाठ्‌यपुस्तक अंतरा-I में भारतेन्द् हरिश्चन्द्र द्वारा रचित 'भारतवर्ष की उन्नत्ति कैसे हो सकती है' से लिया गया है। इसमें भारत के बारे लेखक बताते हुए कहते हैं कि यहाँ के लोग कोई काम नहीं चाहते हैं। एक सिद्धांत है कि जो जितना निक्म्मा है वह उतना अमीर समझा जाएगा, इसी के कारण लोग काम नहीं करते हैं केवल अमीरों की मुसाहबी, दलाली या दिन भर गप्पे मारते रहते हैं। इसलिए यहाँ के लोग गरीब है। अत: लेखक ने इन परिस्थितियों को देखते हुए कहा है कि इस अभागे आलसी देश में जो कुछ हो जाए वही बहुत कुछ है।

(ख) सुकिया ने जिन समस्याओं के कारण गाँव छोड़ा वही समस्या शहर में भट्ठे पर उसे झेलनी पड़ी - मूलतः वह समस्या क्या थी ?

उत्तर: प्रस्तुत प्रश्न हमारी पाठ्‌यपुस्तक अंतरा-I में ओमप्रकाश वाल्मिकी द्वारा रचित 'खानाबदोश' से लिया गया है जिसमे मजदूरों की दयनीय स्थिति का वर्णन किया गया है। इसमें मानो और सुकिया ने गाँव में शोषण और जातिवाद जैसी समस्या देखी थी और उससे बचने के लिए उन्होंने शहर की ओर पलायन किया परंतु उसे वहाँ भी स्त्रियो एवं मजदूरों का शोषण, जातिवाद जैसी समस्या देखने को मिली। अर्थात जिस शोषण से बचने के लिए सुकिया ने गाँव छोड़ा वह समस्या उसे शहर के भट्टे पर भी झेलनी पड़ी।

(ग) ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले का दांपत्य जीवन किस प्रकार आधुनिक दंपतियों को प्रेरणा प्रदान करता है?

उत्तर: उत्तर: प्रस्तुत प्रश्न हमारी पाठ्‌यपुस्तक अंतरा-I में सुधा अरोड़ा द्वारा रचित 'ज्योतिबा फुले' से अवतरित है। इसमें ज्योतिबा फुले ने सर्वप्रथम अपने पत्नी सावित्रीबाई फुले को शिक्षित किया तथा स्त्री शिक्षा के मिशन को पूरा करने में लग गए। इसके आलावे दोनों ने किसानों और अछूतो की झुग्गी झोपड़ियों में जाकर लड़कियो को स्कूल भेजने का आग्रह करते। लोग इस काम के लिए उए पर कई लांक्षण लगाते परंतु इन्होंने हार नहीं मानी और 30 साल के अथक प्रयास के बाद इस मिशन को पूरा किया। अत: हम इनकी इसी एकता को देखते हुए कह सकते हैं कि आज के आधुनिक दंपतियों को इनका दाम्पत्य जीवन प्रेरणा प्रदान करता है।

06. 'भारतेन्दु हरिश्चंद्र' अथवा 'नरेंद्र शर्मा' की किन्ही दो रचनाओं के नाम लिखें। 02

उत्तर: भारतेन्दु हरिश्चंद्र:- अंधेरी नगरी , राजा हरिश्चंद्र

         नरेंद्र शर्मा :- प्रभात फेरी , पलाश वन

07.'हुसैन की कहानी अपनी जबानी' के लेखक ने अपने जिन पाँच मित्रों का शब्द - चित्र प्रस्तुत किया है, उनके बारे में संक्षेप में लिखिए।  03

उत्तर: हमारी हिन्दी की पाठ्यपुस्तक अंतराल-I मे मकबूल फिदा हुसैन ने 'हुसैन की कहानी अपनी जबानी ' में अपने पाँच मित्र का शब्द चित्र प्रस्तुत किया है जो इस प्रकार हैं:-

(1) मोहम्मद इब्राहीम गोहार अली :- हमेशा इत्र में डुबे रहना, कल छोटी थी पर नजरे ठहरी हुई थी। साथ ही ये गुणवान भी थे।

(2) डॉक्टर मनत्वरी का लड़का अरशद :- इसका चेहरा हमेशा मुस्कुराता रहता था। वह खाने और गाने का बड़ा शौकीन था । शरीर पहलवान जैसा कसा हुआ था।

(3) हामिद कंबर हुसैन :- इसे कुश्ती और दंण्डबैठक का शौक था। गप्पे हाँकने और बात मिलाने में भी यह कुशल था।

(4) अब्बास जी अहमद :- इसका शरीर गठीला था आँखे जापानी जैसी थी | स्वभाव से वह बिजनेसमैन लगता था ।

(5) अब्बास अली फिदा :- वह लहजा नरम था। उसका माथा ऊँचा था। समय का बढ़ा पाबंद था तथा हमेशा किताब पढ़ते रहता था।

अथवा

दुकान पर बैठे-बैठे भी मकबूल के भीतर का कलाकार उसके किन कार्यकलापों से अभिव्यक्त होता है?

उत्तर: प्रस्तुत प्रश्न हमारी पाठ्‌यपुस्तक अंतराल -I में मकबुल फिदा हुसैन द्वारा रचित ' हुसैन की कहानी अपनी जबानी' से अवतरित है। इसमें मकबूल का मन लगाने के लिए कई तरह की दुकानों पर बिठाया गया। उसने दुकानो पर बैठा तो सही परंतु उसका ध्यान ड्राइंग और पेंटिंग में ही लगा रहता था। उन्हें न तो चीजों की कीमते याद रहती थी और न ही पहनावा। वह जेनरल स्टोर पर बैठे-बैठे सामने से गुजरने वाली मेहतरानी का स्केच बनाता था। इसी प्रकार बोरी उठाए मजदूर की पेंचवाली पगड़ी का स्केच बनाता था, वह पठान की दाढ़ी का स्केच, बुरका पहने औरत का स्केच तथा बकरी के बच्चे का स्केच भी बनाता था। अत: इन सभी क्रियाकलापो के माध्यम से ही मकबुल के भीतरी कलाकार की प्रतिभा अभिव्यक्त होती है।

08. चित्रकार बेंद्रे की पेंटिंग बैंगबांड' के बारे में संक्षेप में लिखिए। 02

उत्तर: पेंटिंग 'बैंगबांड' को बेंद्रे साहब ने 1933 में अपने घर पर ही एक कैनवास पर पर बनाई थी जिसमे उन्होने अपने छोटे भाई को नौजवान पटान के कपड़े पहनाकर मॉडल बनाया था। इसमें सिर पर हरा रुमाल, कंधे पर कंबल, हाथ में डंडा।'सूरा' और 'डेगा' यानि फ्रेंच इंप्रेशन की झलक। इस पेंटिंग के लिए बेंद्रे को मुम्बई आर्ट सोसाईटी ने चाँदी का मेडल प्रदान किया था।

अथवा

किसकी चित्रकारी करने के लिए मकबूल ने बचपन में स्कूल की अपनी किताबें बेच दी थी?

उत्तर: मकबूल ने कोल्हापुर के शांताराम की फिल्म 'सिंहगढ़'की पोस्टर का ऑयल पेंटिंग बनाने की सोची तो उन्होंने ऑयल कलर और ट्यूब खरीदने के लिए अपनी बचपन की स्कूल की किताबें बेच दी।

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