पेंशन के लिए झारखंड वित्त विभाग: स्टेकहोल्डर के साथ पत्राचार करने की तैयारी
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने न्यू पेंशन स्कीम फंड की जमा राशि राज्यों को लौटाने से इंकार कर दिया है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड सरकार भी राज्य में न्यू पेंशन स्कीम को खत्म कर पुरानी पेंशन स्कीम लाने का नीतिगत निर्णय कर चुकी है। हालांकि झारखंड सरकार ने पीएफआरडीए को पैसे की वापसी के लिए पत्र नहीं भेजा है। लेकिन पीएफआरडीए ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ को इस फंड में जमा पैसे लौटाने से मना कर दिया है। दोनों राज्यों के वित्त सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि इन पैसों की वापसी संभव नहीं है। राजस्थान सरकार ने पीएफआरडीए से कहा था कि न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान की जो राशि जमा है, उसे सरकार वापस लेकर जीपीएफ में शिफ्ट करना चाहती है, इसलिए अंशदान की राशि सरकार को वापस लौटा दे। पीएफआरडीए ने राजस्थान सरकार को लिखा है कि पीएफआरडीए एक्ट 2013 और पीएफआरडीए रेगुलेशन 2015 में एनपीएस योजना के तहत कर्मचारी और सरकार के अंशदान की जमा राशि को लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है।
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मुख्य सचिव की टिप्पणी के बाद झारखंड वित्त विभाग भी पीएफआरडीए को इस संबंध में पत्राचार करने की तैयारी कर रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मुख्य सचिव ने लिखा था कि नई पेंशन स्कीम को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने में तीन स्टेक होल्डर्स पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए), नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड और न्यू पेंशन ट्रस्ट जुड़े हैं। इस प्रस्ताव को तैयार करने के क्रम में इन स्टेकहोल्डर के साथ कोई कंसल्टेशन व पत्राचार नहीं किया गया। इनकी प्रतिक्रिया प्राप्त करना जरूरी है। इसके बाद सरकार इस दिशा में कार्रवाई कर रही है।
17930 करोड़ रुपए का है मामला
पीएफआरडीए के पास झारखंड सरकार व कर्मचारियों के अंशदान का कुल 17930 करोड़ रुपए जमा है। राज्य सरकार तथा संबंधित कर्मचारी को यह वापस मिलेगा या नहीं, स्पष्ट नहीं है। मालूम हो कि पिछले माह कैबिनेट ने पुरानी पेंशन योजना को सभी के लिए लागू करने पर सैद्धांतिक सहमति तो दी है. लेकिन तीन शर्तें भी जोड़ दी हैं। राज्य में करीब 1 लाख 95 हजार स्थाई कर्मचारी अधिकारी हैं। इसमें 1 लाख 25 हजार नई पेंशन स्कीम के दायरे में हैं, जो 2004 में लागू अंशदाई नई पेंशन स्कीम के बाद बहाल हुए हैं। इन्हें पुरानी पेंशन योजना का सीधा लाभ मिलेगा।
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मंत्रिपरिषद के फैसले के बाद वित्त विभाग ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) विकसित करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दिया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी है। कमेटी विकास आयुक्त अरूण कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित की गयी है। इसमें वित्त विभाग के प्रधान सचिव व कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव सदस्य हैं। एसओपी तैयार होने के बाद होने के बाद इस पर मंत्रिपरिषद की स्वीकृति ली जायेगी। नयी पेंशन योजना को समाप्त किया जायेगा। वित्त विभाग ने वैसे सभी कर्मचारी जो पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित होना चाहते हैं, उनसे इस आश्य का शपथ पत्र प्राप्त मांगा है कि उन्हें स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर की शर्तें मान्य होंगी एवं उनके द्वारा किसी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय दावा राज्य सरकार से नहीं किया जायेगा। वित्त विभाग द्वारा इस संबंध में शपथ पत्र का प्रारूप भी विकसित किया जायेगा। इसके अलावा अब तक वित्त विभाग संबंधित संस्थानों जैसे पीएमआरडीए, एनएसडीएल से जमा राशि प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। इसमें करीब 17 हजार करोड़ से अधिक की राशि जमा है। जिससे राज्य सरकार हासिल करने का प्रयास करेगी।