पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए-
(i) कौन-सा औद्योगिक अवस्थापना का एक कारण नहीं है-
(क)
बाजार
(ख)
पूँजी
(ग) जनसंख्या घनत्व
(घ)
ऊर्जा।
(ii) भारत में सबसे पहले स्थापित की गई लौह-इस्पात कम्पनी निम्नलिखित
में से कौन-सी है-
(क)
भारतीय लौह एवं इस्पात कम्पनी (आई०आई०एस०सी०ओ०)
(ख) टाटा लौह एवं इस्पात कम्पनी (टी०आई०एस०सी०ओ०)
(ग)
विश्वेश्वरैया लौह तथा इस्पात कारखाना
(घ)
मैसूर लोहा तथा इस्पात कारखाना।
(iii) मुम्बई में सबसे पहला सूती वस्त्र कारखाना स्थापित किया गया,
क्योंकि-
(क)
मुम्बई एक पत्तन है
(ख)
यह कपास उत्पादक क्षेत्र के निकट स्थित है
(ग)
मुम्बई एक वित्तीय केन्द्र था
(घ) उपर्युक्त सभी।
(iv) हुगली औद्योगिक प्रदेश का केन्द्र है-
(क) कोलकाता-हावड़ा
(ख)
कोलकाता-रिशरा
(ग)
कोलकाता-मेदनीपुर
(घ)
कोलकाता-कोन नगर।
(v) निम्नलिखित में से कौन-सा चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है-
(क)
महाराष्ट्र
(ख) उत्तर प्रदेश
(ग)
पंजाब
(घ)
तमिलनाडु।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें-
(i) लोहा-इस्पात उद्योग किसी देश के औद्योगिक विकास का आधार है, ऐसा
क्यों?
उत्तर:
लोहा-इस्पात उद्योग के विकास ने भारत में औद्योगीकरण के द्वार खोल दिए हैं। लगभग सभी
क्षेत्र लोहा-इस्पात उद्योग पर निर्भर करते हैं। लोहा-इस्पात उद्योग में अन्य उद्योगों
के लिए मशीनीकरण उपकरण आदि तैयार होते हैं। इसके विभिन्न उत्पाद अन्य उद्योगों के लिए
कच्चा माल हैं। जीवन का प्रत्येक क्षेत्र लोहे से प्रभावित है; इसलिए यह उद्योग किसी
देश के औद्योगिक विकास का आधार है।
(ii) सूती वस्त्र उद्योग के दो सेक्टरों के नाम बताइए। वे किस प्रकार
भिन्न हैं?
उत्तर:
भारतीय सूती वस्त्र उद्योग दो सेक्टरों में विभक्त है-
1.
संगठित एवं
2.
विकेन्द्रित सेक्टर।
संगठित
सेक्टर में मिल उद्योग शामिल किए जाते हैं, जबकि विकेन्द्रित सेक्टर में हथकरघों (खादी
सहित) तथा विद्युत करघों में उत्पादित कपड़ा आता है।
(iii) चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग क्यों है?
उत्तर:
चीनी उद्योग मूलत: गन्ने पर आधारित है और गन्ना एक मौसमी फसल है, अत: भारत में चीनी
उद्योग एक मौसमी उद्योग है।
(iv) पेट्रो-रासायनिक उद्योग के लिए कच्चा माल क्या है? इस उद्योग के
लिए कुछ उत्पादों के नाम बताइए।
उत्तर:
पेट्रो-रासायनिक उद्योग के लिए कच्चा माल खनिज तेल तथा प्राकृतिक गैस है। इस उद्योग
के प्रमुख उत्पाद हैं
1.
बहुलक,
2.
कृत्रिम रेशे,
3.
प्रत्यास्थापक एवं
4.
पृष्ठ सक्रियक मध्यवर्ती।
(v) भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्रान्ति के प्रमुख प्रभाव क्या हैं?
उत्तर:
सूचना प्रौद्योगिकी का भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। सूचना प्रौद्योगिकी
ने देश में आर्थिक और सामाजिक विकास की नई सम्भावनाएँ खोल दी हैं। इसने व्यापार प्रक्रिया
को बाह्य स्रोत सम्बन्धी बना दिया है। भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग देश की अर्थव्यवस्था
में तेजी से उभरकर आया है जिसके द्वारा व्यापार तथा अन्य क्षेत्रों में तेजी से विकास
हुआ है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें-
(i) ‘स्वदेशी’ आन्दोलन ने सूती वस्त्र उद्योग को किस प्रकार विशेष प्रोत्साहन
दिया?
उत्तर:
‘स्वदेशी’ आन्दोलन ने भारतीय सूती वस्त्र उद्योग को बहुत प्रोत्साहित किया। इस आन्दोलन
में ब्रिटेन में बने वस्त्रों का बहिष्कार किया गया और भारतीय सामानों को उपयोग में
लाने का आह्वान किया गया। ब्रिटेन में निर्मित वस्त्रों को आम जनता के सामने जलाया
गया ताकि लोग ब्रिटिश वस्त्रों को त्यागकर भारतीय वस्त्रों को अपनाएँ।
(ii) आप उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से क्या समझते हैं? इन्होंने
भारत के औद्योगिक विकास में किस प्रकार
से सहायता की है?
उत्तर:
उदारीकरण-उदारीकरण आर्थिक विकास की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र
के स्थान पर निजी क्षेत्र में उद्योगों को चलाने पर बल दिया जाता है तथा उन सब नियमों
और प्रतिबन्धों में छूट दी जाती है जिससे पहले निजी क्षेत्र के विकास में रुकावट आती
है।
निजीकरण—निजीकरण
से अभिप्राय है कि सरकार द्वारा लगाए गए उद्योगों को निजी क्षेत्र में स्थापित किया
जाए। इससे सार्वजनिक क्षेत्र का महत्त्व कम होगा।
वैश्वीकरण-वैश्वीकरण
से अभिप्राय है-देश की अर्थव्यवस्था को संसार की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करने की
प्रक्रिया। इसके अधीन आयात पर प्रतिबन्ध तथा आयात शुल्क में कमी की गई। इस प्रक्रिया
में एक देश के पूँजी संसाधनों के साथ-साथ वस्तुएँ और सेवाएँ, श्रमिक तथा अन्य संसाधन
एक-दूसरे में स्वतन्त्रतापूर्वक आ-जा सकते हैं।
उदारीकरण,
निजीकरण व वैश्वीकरण का भारत के औद्योगिक विकास पर प्रभाव-
1.
विदेशी पूँजी का सीधा निवेश किया जा सकता है।
2.
व्यापारिक प्रतिबन्ध समाप्त हो जाते हैं, जिससे देश में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के
आने में सुविधा होती है।
3.
भारतीय कम्पनियों को विदेशी कम्पनियों के साथ प्रवेश करने का अवसर मिलता है।
4.
उदारीकरण कार्य से आयात किया जा सकता है, आदि।
अन्य परीक्षाउपयोगी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
दीर्घउत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. स्वामित्व के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
स्वामित्व के आधार पर उद्योगों के प्रमुख प्रकार (वर्गीकरण) निम्नलिखित हैं-
1.
सार्वजनिक सेक्टर उद्योग-सार्वजनिक सेक्टर उद्योग सरकार द्वारा नियन्त्रित कम्पनियाँ
या निगम होते हैं, जिन्हें सरकार फण्ड प्रदान करती है। इस सेक्टर में सामान्यतः सामरिक
और राष्ट्रीय महत्त्व के उद्योग-धन्धे आते हैं। भिलाई, दुर्गापुर, राउरकेला व विशाखापत्तनम
में स्थित लौह-इस्पात संयन्त्र सार्वजनिक सेक्टर के उद्योगों के उदाहरण हैं।
2.
व्यक्तिगत या निजी सेक्टर उद्योग-जिन उद्योगों का स्वामित्व एक व्यक्ति या कुछ व्यक्तियों
या किसी परिवार के पास होता है वे ‘व्यक्तिगत सेक्टर के उद्योग’ कहलाते हैं। सोनीपत
की एटलस साईकिल, फरीदाबाद की बाटा शू कम्पनी तथा धारूहेड़ा (गुरुग्राम) की हीरो कम्पनी
व्यक्तिगत सेक्टर के उद्योगों के उदाहरण हैं।
3.
सहकारी सेक्टर के उद्योग-जब कुछ लोग एक सहकारी समिति बनाकर किसी उद्योग को चलाते हैं
तो उसे ‘सहकारी उद्योग’ कहते हैं। ये लोग ही मुख्यत: उस उद्योग के कच्चे माल के उत्पादक
होते हैं। सहकारी चीनी मिलें और सहकारी डेयरी उद्योग, दुग्ध उद्योग, हैण्डलूम इकाइयाँ
इसके उदाहरण हैं।
4.
मिश्रित सेक्टर के उद्योग-ये वे उद्योग हैं जिन्हें सरकार व निजी व्यक्ति सामूहिक रूप
से चलाते हैं।
प्रश्न 2. TISCO को प्राप्त भौगोलिक सुविधाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
TISCO को प्राप्त भौगोलिक सुविधाएँ निम्नलिखित हैं-
1.
इस कारखाने के लिए उच्चकोटि का लौह-अयस्क गुरुमहिषानी पहाड़ियों एवं झारखण्ड के सिंहभूम
जिले की नोआमंडी खानों से प्राप्त होता है।
2.
कोयला रानीगंज तथा झरिया की खानों से प्राप्त होता है।
3.
मैंगनीज नोआमंडी से प्राप्त होता है।
4.
चूना पत्थर तथा डोलोमाइट बीरमित्रपुर, हाथी बाड़ी, बिसरा, बड़ाद्वार, कटनी और पनपोश
की खानों से प्राप्त होते हैं।
5.
भट्ठियों के अन्दर लिपाई के लिए क्वार्टजाइट बालू कालीमाटी नामक नदी से व टंगस्टन मिदिनापुर
से प्राप्त होती है।
6.
सुबर्णरेखा नदी की बालू (रेत) लोहा ढालने के लिए उपयुक्त है।
7.
यह कारखाना सुबर्णरेखा और खारकोई नदियों के संगम पर बना हुआ है, अत: शीतल जल पर्याप्त
मात्रा में उपलब्ध है।
8.
श्रमिक गंगा नदी के सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों और छोटा नागपुर पठार क्षेत्र से उपलब्ध
हो जाते हैं।
9. यह कारखाना रेलमार्ग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा कोलकाता, मुम्बई और चेन्नई से जुड़ा है, अत: कच्चा माल प्राप्त करने व निर्मित माल भेजने की बहुत सुविधा है।
प्रश्न 3. मुम्बई में सूती वस्त्र उद्योग की उल्लेखनीय उन्नति के कारणों
को समझाइए।
उत्तर:
मुम्बई में सूती वस्त्र उद्योग की उल्लेखनीय उन्नति के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
1.
मुम्बई के पृष्ठप्रदेश में काली मिट्टी का उपजाऊ क्षेत्र है जहाँ कपास पर्याप्त मात्रा
में उगाई जाती है।
2.
समुद्र-तट पर स्थित होने के कारण मुम्बई की जलवायु आर्द्र है। आर्द्र जलवायु में सूत
का धागा पतला और लम्बा आता है और बार-बार टूटता नहीं है।
3.
मुम्बई एक प्रमुख बन्दरगाह है, अत: उत्कृष्ट मशीनों, तकनीक और लम्बी रेशे वाली कपास
के आयात में सुविधा रहती है। मुम्बई व काण्डला बन्दरगाहों से इन वस्त्रों का निर्यात
भी भारी मात्रा में होता है।
4.
पश्चिमी घाट पर टाटा जलविद्युत परियोजना से सस्ती विद्युत-शक्ति प्राप्त हो जाती है,
जबकि पहले यह उद्योग पश्चिम बंगाल की कोयला खानों पर निर्भर था।
5.
मुम्बई में पायी जाने वाली परिवहन सुविधा कच्चे माल व श्रमिकों को लाने और निर्मित
माल दूर-दूर तक भेजने में बहुत सहायक है।
6.
मुम्बई में पूँजीपतियों व देशी-विदेशी बैंकों का जमाव है, अतः यहाँ पूँजी का अभाव नहीं
है।
7.
मुम्बई के निकटवर्ती राज्यों में सस्ते व कुशल श्रमिक आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
8.
यहाँ कपड़े की धुलाई व रँगाई की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
प्रश्न 4. मुम्बई-पुणे औद्योगिक प्रदेश के विकसित होने के कारणों को
समझाइए।
उत्तर:
मुम्बई-पुणे औद्योगिक प्रदेश के विकसित होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
1.
इस प्रदेश का प्रमुख उद्योग सूती वस्त्र उद्योग है। इसका मुख्य कारण महाराष्ट्र में
काली मिट्टी के प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में कपास का उगना है।
2.
कोयला क्षेत्रों से दूर होने के कारण यहाँ के अधिकांश उद्योग खनिज तेल अथवा विद्युत
पर आधारित हैं।
3.
मुम्बई हाई एवं बसीन में खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस के मिलने से यहाँ के औद्योगीकरण
को विशेष प्रोत्साहन मिला हुआ है। नाभिकीय ऊर्जा संयन्त्र की स्थापना ने भी इस प्रदेश
को अतिरिक्त बल दिया।
4.
मुम्बई देश के सभी भागों से रेल, सड़क एवं वायु मार्गों से जुड़ा हुआ है। इससे कच्चा
माल एवं निर्मित माल के परिवहन की सुविधा है।
5.
मुम्बई समुद्री मार्गों के द्वारा सम्पूर्ण विश्व से जुड़ा हुआ है। स्वेज नहर के बन
जाने से मिस्र और यूरोपीय देशों के औद्योगिक प्रदेश मुम्बई से जुड़ गए। इससे आयात-निर्यात
की सुविधा में वृद्धि हुई।
6.
मुम्बई देश का सबसे बड़ा महानगर है जहाँ अनेक देशी-विदेशी बैंक, बीमा कम्पनियाँ, विदेशी
व्यापार की सुविधाएँ एवं पूँजी की पर्याप्त उपलब्धता है। इनसे औद्योगिक विकास तेज होता
है।
7. भारत का यह भाग सघन जनसंख्या से वासित क्षेत्र है जहाँ से न केवल सस्ते श्रमिक उपलब्ध होते हैं बल्कि निर्मित माल की मांग भी उत्पन्न होती है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. स्वतन्त्र उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
स्वतन्त्र उद्योग-स्वतन्त्र उद्योग वे उद्योग होते हैं जो किसी स्थान विशिष्ट से बँधे
नहीं होते। वे थोड़े से लाभों को ध्यान में रखकर किसी भी स्थान पर स्थापित हो जाते
हैं, अत: उनके उत्पाद की लागत में थोड़ा-सा फर्क पड़ते ही वे अपना स्थान बदल लेते हैं।
स्वतन्त्र उद्योग उन निष्कर्षण उद्योगों से भिन्न होते हैं जो किसी एक कारक अर्थात्
कच्चे माल के स्रोत से बँधे होते हैं या उन सेवाओं से जिनका बाजार के समीप
होना
आवश्यक है अथवा ऐसे उद्योगों से जिनमें भारी पूँजी लगी हुई है और वे अब कभी स्थानान्तरित
नहीं किए जा सकते।
प्रश्न 2. विनिर्माण उद्योग के सिद्धान्त को समझाइए।
उत्तर:
विनिर्माण उद्योग का सिद्धान्त-विनिर्माण उद्योग का एक सिद्धान्त यह है कि स्वरूप बदलने
पर यदि वस्तु की क्षमता और उपयोगिता बढ़ती है तो उसका मूल्य भी बढ़ता है। उदाहरणत:
कपास की तुलना में सूत का मूल्य अधिक होता है, परन्तु जब सूत से कपड़ा बनाया जाता है
तो परिणामस्वरूप उसकी उपयोगिता और मूल्य दोनों बढ़ जाते हैं।
प्रश्न 3. लौह-इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों माना जाता है?
उत्तर:
लौह-इस्पात उद्योग एक आधारभूत उद्योग-लौह-इस्पात उद्योग आधुनिक औद्योगिक एवं आर्थिक
विकास की धुरी बन गया है। इसे आधारभूत उद्योग माना जाता है, क्योंकि यह देश के औद्योगिक
विकास की बुनियाद की रचना करता है। इसके उत्पाद (स्टील) से ही अन्य उद्योगों की मशीनों
व अवसंरचना का निर्माण होता है इसलिए इसे अन्य उद्योगों की जननी भी कहा जाता है।
प्रश्न 4. भारत में सूती वस्त्र उद्योग के विकास के कारणों को समझाइए।
उत्तर:
भारत में सूती वस्त्र उद्योग के विकास के निम्नलिखित कारण हैं-
1.
भारत एक उष्ण कटिबन्धीय देश है। सूती वस्त्र पहनना गर्म और आर्द्र जलवायु में आरामदायक
रहता है।
2.
भारत में कपास बड़ी मात्रा में पैदा होता है।
3.
देश में इस उद्योग के लिए आवश्यक कुशल श्रमिक बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं।
प्रश्न 5. चीनी उद्योग की उन्नति के लिए सुझाव दीजिए।
उत्तर:
चीनी उद्योग को उन्नत बनाने के सुझाव निम्नलिखित हैं-
1.
चीनी उत्पादन का ढंग आधुनिक करना होगा। .
2.
नई मिलें लगाने के साथ-साथ पुरानी व रुग्ण मिलों को भी ठीक करना होगा ताकि संसाधनों
का अधिकतम उपयोग किया जा सके।
3.
प्रयास यह हो कि नई चीनी मिलें केवल गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में ही स्थापित हों ताकि
गन्ने का परिवहन कम हो सके।
4.
चीनी उत्पादन पर सरकारी नियन्त्रण का होना आवश्यक है।
प्रश्न 6. बड़े पैमाने के उद्योग को समझाइए।
उत्तर:
बड़े पैमाने के उद्योग-इन उद्योगों की एक इकाई में बहुत बड़ी संख्या में श्रमिक कार्य
करते हैं। इस प्रकार के उद्योग बहुत बड़ी मात्रा में विविध प्रकार का कच्चा माल, पूँजी,
शक्ति एवं कुशल श्रम का प्रयोग करते हैं। इन उद्योगों की अन्य विशेषताएँ उच्च गुणवत्ता
वाली अत्यधिक मात्रा का उत्पादन और जटिल प्रबन्ध व्यवस्था है। पटसन, सूती कपड़ा, चीनी,
मशीनी औजार से सम्बन्धित उद्योग ‘बड़े पैमाने के उद्योग’ कहलाते हैं।
प्रश्न 7. कच्चे माल के आधार पर उद्योगों को वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
कच्चे माल के आधार पर उद्योगों को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
1.
कृषि आधारित उद्योग; जैसे-सूती वस्त्र उद्योग।
2.
खनिज आधारित उद्योग; जैसे-लोहा एवं इस्पात उद्योग।
3.
वन आधारित उद्योग; जैसे–कागज उद्योग।
4.
उद्योगों के कच्चे माल पर आधारित उद्योग; जैसे—पेट्रो-रसायन उद्योग।
प्रश्न 8. कृषि आधारित उद्योग किसे कहते हैं? कृषि पर आधारित उद्योगों
के दो उदाहरण उनके . कच्चे माल के नामों के साथ दीजिए।
उत्तर:
कृषि आधारित उद्योग-ऐसे उद्योग जिनके उत्पाद के लिए कच्चा माल कृषि से प्राप्त किया
जाता है, “कृषि आधारित उद्योग’ कहलाते हैं। उदाहरण
1.
चीनी उद्योग-कच्चा माल गन्ना।
2.
सूती वस्त्र उद्योग-कच्चा माल कपास।
प्रश्न 9. नई औद्योगिक नीति के उद्देश्य क्या थे?
उत्तर:
नई औद्योगिक नीति के उद्देश्य निम्नलिखित थे-
1.
उद्योगों से मिलने वाले लाभों की निरन्तरता को बनाए रखना।
2.
उद्योगों की कमियों को दूर करना।
3.
उत्पादन वृद्धि की निरन्तरता को बनाए रखना।
4.
रोजगार के नवीन अवसरों का विकास करना।
5.
औद्योगिक उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ाकर अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल करने
के योग्य बनाना।
प्रश्न 10. औद्योगिक समूहन की पहचान के लिए उपयोग में लाए गए सूचकों
के नाम लिखिए।
उत्तर:
स्थानीकरण के अनुकूल कारकों के प्रभाव से उद्योगों के समूहन की पहचान के लिए अनेक मापदण्डों
का उपयोग किया जाता है। ये मापदण्ड (सूचक) हैं-
1.
औद्योगिक इकाइयों की संख्या,
2.
औद्योगिक कामगारों की संख्या,
3.
औद्योगिक उद्देश्यों के लिए उपयोग में लायी गई ऊर्जा की मात्रा,
4.
कुल औद्योगिक उत्पादन,
5.
विनिर्माण द्वारा वस्तुओं के मूल्य में परिवर्तन अर्थात् वस्तु की उपयोगिता बढ़ाकर
उसे मूल्यवान बनाना।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. विनिर्माण उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
कच्चे और अर्द्ध-निर्मित माल को मशीनों की सहायता से उपयोगी निर्मित माल में बदलने
वाले उद्योग ‘विनिर्माण उद्योग’ कहलाते हैं।
प्रश्न 2. बड़े पैमाने के उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
ऐसे उद्योग जिनमें श्रमिकों की संख्या अधिक होती है, बड़े पैमाने के उद्योग कहलाते
हैं; जैसे—लोहा-इस्पात उद्योग तथा सूती वस्त्र उद्योग।
प्रश्न 3. मध्यम पैमाने के उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
वे उद्योग जिनमें बड़े उद्योगों की अपेक्षा थोड़े श्रमिकों की सहायता से उत्पादन कार्य
किया जाता है वे मध्यम पैमाने के उद्योग कहलाते हैं। रेडियो, टी०वी० आदि मध्यम पैमाने
के उद्योग माने जाते हैं।
प्रश्न 4. छोटे पैमाने के उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
ऐसे उद्योग जो स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, जिनमें काम करने वाले श्रमिकों
की संख्या कम होती है तथा जिन्हें प्रारम्भ करने के लिए थोड़ी पूँजी की आवश्यकता होती
है, वे छोटे पैमाने के उद्योग कहलाते हैं; जैसे-साबुन बनाना, बीड़ी बनाना आदि।
प्रश्न 5. उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले चार कारकों के
नाम लिखिए।
उत्तर: उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक-
1.
कच्चे माल की उपलब्धता,
2.
शक्ति के साधन,
3.
बाजार एवं
4.
पूँजी।
प्रश्न 6. भारत के लोहे और इस्पात के कोई चार कारखानों के नाम लिखिए।
उत्तर:
लोहे और इस्पात के कारखानों के नाम निम्नलिखित हैं-
1.
टाटा लोहा और इस्पात कम्पनी (TISCO), जमशेदपुर;
2.
भारतीय लोहा और इस्पात कम्पनी (IISCO), बर्नपुर;
3.
विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील कम्पनी, भद्रावती एवं
4.
राउरकेला इस्पात कारखाना, भिलाई।
प्रश्न 7. ज्ञान आधारित उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसे उद्योग जिन्हें उत्पादन के लिए विशिष्ट नए ज्ञान, उच्च प्रौद्योगिकी और निरन्तर
शोध और अनुसन्धान की आवश्यकता रहती है, ‘ज्ञान आधारित उद्योग’ कहलाते हैं।
प्रश्न 8. निजीकरण का क्या अर्थ है?
उत्तर:
निजीकरण का अर्थ है-देश के अधिकतर उद्योगों के स्वामित्व, नियन्त्रण तथा प्रबन्ध का
निजी क्षेत्र में किया जाना।
प्रश्न 9. वैश्वीकरण क्या है?
उत्तर:
मुक्त व्यापार तथा पूँजी और श्रम की मुक्त गतिशीलता द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को
अन्य देशों की अर्थव्यवस्था से जोड़ना ‘वैश्वीकरण’ है।
प्रश्न 10. निजी उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
निजी उद्योग में उद्योग का स्वामित्व किसी एक व्यक्ति, कुछ व्यक्तियों के समूह अथवा
कम्पनी के पास होता है।
उदाहरण-टाटा
आयरन एण्ड स्टील कम्पनी।
प्रश्न 11. सहकारी उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
जब कुछ लोग एक सहकारी समिति बनाकर किसी उद्योग को चलाते हैं तो उसे ‘सहकारी उद्योग’
कहते हैं।
प्रश्न 12. उपभोक्ता पदार्थ उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
ये वे उद्योग हैं जिनके उत्पाद का प्रयोग प्राय: दैनिक जीवन में अधिकतर लोग करते हैं।
कागज, पैन, घड़ियाँ, वस्त्र, खाद्य पदार्थ इत्यादि के उद्योग उपभोक्ता उद्योग के उदाहरण
हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. लोहा तथा इस्पात कारखाना सर्वप्रथम कहाँ लगाया गया-
(a) पश्चिम बंगाल में
(b)
उत्तर प्रदेश में
(c)
गुजरात में
(d)
ओडिशा में।
प्रश्न 2. टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी कहाँ पर स्थित है-
(a)
हजारीबाग
(b)
भिलाई
(c) जमशेदपुर
(d)
कोलकाता।
प्रश्न 3. भारत में सर्वप्रथम सूती वस्त्र उद्योग कहाँ शुरू हुआ-
(a)
कोलकाता
(b) मुम्बई
(c)
अहमदाबाद
(d)
कानपुर।
प्रश्न 4. भारत में सर्वप्रथम सूती वस्त्र मिल कब लगाई गई-
(a)
सन् 1954 में
(b) सन् 1854 में
(c)
सन् 1942 में
(d)
सन् 1926 में।
प्रश्न 5. भारत की इलेक्ट्रॉनिक राजधानी किसे कहा जाता है-
(a) बंगलुरु
(b)
मुम्बई
(c)
कोलकाता
(d)
चेन्नई।
प्रश्न 6. चीनी उत्पादन में प्रथम स्थान पर है-
(a)
उत्तर प्रदेश
(b) महाराष्ट्र
(c)
तमिलनाडु
(d)
कर्नाटक।
प्रश्न 7. ज्ञान आधारित उद्योग का उदाहरण है-
(a)
सॉफ्टवेयर
(b)
चिकित्सा उपकरण
(c)
कम्प्यूटर हार्डवेयर
(d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 8. नई औद्योगिक नीति की घोषणा कब की गई-
(a) सन् 1991 में
(b)
सन् 1994 में
(c)
सन् 2001 में
(d)
सन् 2011 में।
प्रश्न 9. नई औद्योगिक नीति, 1991 का लक्ष्य है-
(a)
उदारीकरण
(b)
निजीकरण
(c)
वैश्वीकरण
(d) ये सभी।
प्रश्न 10. भिलाई इस्पात संयन्त्र किस राज्य में है
(a) छत्तीसगढ़
(b)
मध्य प्रदेश
(c)
उत्तर प्रदेश
(d) कर्नाटक।