पुरानी पेंशन योजना जो लंबित थी, Cabinet बैठक में मिली स्वीकृति, दुमका में हर्ष का माहौल
झारखंड देश का तीसरा ऐसा राज्य बन गया है, जहां पुरानी पेंशन की बहाली हुई है। इससे पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है। हालांकि झारखंड में जिस तरह से पुरानी पेंशन बहाल की गयी है, उसका माडल राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों से बिल्कुल अलग कहा जा रहा है। आपको बता दें कि हेमंत सोरेन के घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली का वादा था। लिहाजा कैबिनेट पर में पुरानी पेंशन पर मुहर लगते ही मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया …
एक और वादा हुआ पूरा।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 1, 2022
झारखण्ड राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन हुई लागू।
जोहार। pic.twitter.com/Dob85op0lR
जैसे ही हेमंत कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन बहाली पर मुहर लगी। कर्मचारियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बधाई देने के लिए अलग-अलग संगठनों का तांता लग गया। खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुरानी पेंशन बहाली के बाद कर्मचारी संगठनों के जश्न की तस्वीर को अपने आफिशियल ट्वीटर हैंडल पर शेयर किया है।
संघर्ष शील सभी साथियों का ह्रदय से वीरवंदन करना चाहता हूं. आज आप सभी के संयुक्त संघर्ष का परिणाम है यह पुरानी पेंशन का बहाल होना . आप सभी खासकर दुमका के साथियों को जिस जिस ने एक अनुरोध पर अपना पर्स हमारे आंदोलन के लिए खोल दिया , सरकारी कार्यालयों से बचे हुए समय जो आपके स्वयं के लिए और आपके बीबी बच्चों के लिए था ,वह समय एक आह्वान पर आपने पेंशन आंदोलन को दिया , आपने अपना अमूल्य पसीना और मेहनत हमारे पेंशन आंदोलन को दिया -- मैं व्यक्तिगत रूप से आप हरेक का आभार व्यक्त करना चाहता हूं , आपका शुक्रगुजार रहेगा आपका यह मित्र।
संघर्षं के उन दिनों जब मैं पूर्ण रूप से पेंशन आंदोलन के लिए समर्पित था -- अपने प्रत्येक्ष जिम्मेदारी ,मां - पिताजी ,बीबी -बच्चे सब पर समय नहीं दे पा रहा था , फलस्वरुप घर असंतुलित सा हो रहा था-- ऐसे परिस्थितियों में कुछेक बुद्धि जीवी मित्र का यह कहना -- 'यह पेंशन नहीं होना है ,असंभव है यह लागू होना' मन के बढ़ते हौसले का पस्त होने जैसी स्थिति आ जाती थी -- तब अंदर से एक ही आवाज सुनाई देती थी -- इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है ,सिर्फ़ सही दिशा में यतन से कोशिश होनी चाहिये।
केंद्र स्तर पर आदरणीय विजय बंधु जी और आदरणीय मंजीत सिंह पटेल , प्रान्त स्तर पर मित्र विक्रांत सिंह जी , और नितीन जी जैसे पेंशन आंदोलन के प्रति समर्पित चेहरा सदैव अच्छे मार्ग दर्शन और आंदोलन को नियंत्रण तथा सही दशा और दिशा देते रहे -- संघ संगठन में ऐसे संघर्षशील सर्वस्वीकर्य जन नेता बहुत कम दिख पाते हैं, दुमका स्तर पर किसी का भी नाम लेना ,मतलब दुसरे के महत्व को कम करके आंकना जैसा होगा -- यहां हरेक कर्मचारी का सहयोग मिला है संगठन को , जिस कर्मचारियों ने प्रत्यक्ष रूप से उपस्थिति दर्ज नहीं कराया उनका नैतिक समर्थन भी आंदोलन को हरसमय संबलता प्रदान करता रहा है.आप सबका हर प्रयास आज सफल हो पाया यह है पेंशन आंदोलन की सफलता।
दुमका सहित राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को एन एम ओ पी एस टीम दुमका ह्रदयतल से बधाई और शुभकामनाएँ व्यक्त करता है -- और मुख्यमंत्री जी ने अपने घोषणा अनुरुप यह लागु किया हम दुमका टीम आपका वंदन करते हैं -- आभार प्रकट करते हैं.
कतिपय कुछेक मित्रों को संशय है -- कि एन पी एस फंड का क्या होगा-? . स्पष्ट है-
राज्य सरकार वित्त विभाग PFRDA से एन पी एस कुल फंड को वापस लेने का हरसंभव प्रयास करेगा - फंड मिल जाने की स्थिति में राज्यांश राज्यकोष में और कर्मचारी अंश जी पी एफ / पी एफ एकाउंट में जमा हो जायेगा. फंड नहीं मिलने की स्थिति में कर्मचारी के साठ साल पुरा होने पर कर्मचारी को फंड का साठ प्रतिशत नकद मिलेगा तथा अवशेष फंड से इक्वीटी परचेज होकर फिक्स पेंशन , लेकिन राज्यांश राशि कर्मचारी के ग्रेच्युटी से कटकर राज्यकोष को देय होगा जो सुद सहित लिया जायेगा.
कुछ मित्र फोन पर जानना चाह रहे हैं अभी जो दश प्रतिशत कटौती हो रहा है वह अब नहीं कटेगा तो क्या पेमेंट बढकर मिलेगा -?- तो ऐसा नहीं है, यह दस परसेंट पी एफ एकाउंट खुलकर उसमें जमा होने का प्रावधान है। समयोपरांत अन्य सभी संशय के बिंदु स्पष्ट होते जायेंगे -- लेकिन एक बात तय है ,आप सब हु ब हू पुरानी पेंशन वाले कर्मचारी एक सितम्बर से हो गये हैं-- शुभमंगल कामनाएं सहित बहुत बहुत धन्यवाद.