17. PGT मुद्रा एवं बैकिंग ( Money and Banking)
👉 मुद्रा वह वस्तु है जिसमें अत्यधिक तरलता या क्रयशक्ति का गुण है और जो
समाज में व्यापक रूप में सर्वग्राह्य है। 👉 मानवता के विकास के साथ-साथ मुद्रा का विकास हुआ। 👉 आखेट युग में मुद्रा, खाल एवं हड्डी के रूप में थी। 👉 चारागाह युग में
पशु भी मुद्रा के रूप में प्रयोग में लाये जाते थे। 👉 कृषि युग में विभिन्न
अनाजों को मुद्रा के रूप में स्वीकार किया गया। 👉 औद्योगिक युग में
सर्वप्रथम धातु की मुद्रा आयी जैसे लौहा, तांबा, शीशा, रांगा। बाद में सोना, चांदी
आदि। 👉 पत्र मुद्रा का प्रारम्भिक रूप साहूकारों द्वारा दी गयी लिखित रसीद के
रूप में देखने को मिलता है। 👉 बैंकों की स्थापना ने पत्र मुद्रा के विकास को एक नया आयाम और नई गति
प्रदान की। 👉 केन्द्रीय बैंक की
स्थापना के बाद प्रत्येक देश मे नोट निर्गमन का कार्य उस देश के केन्द्रीय बैंक को
दे दिया गया है। 👉 केन्द्रीय बैंक द्वारा
निर्गमित मुद्रा वैधानिक मुद्रा घोषित की गयी जिसे हर व्यक्ति सहाजता से स्वीकार करता
है। 👉 नि:संदेह मुद्रा
का आविष्कार मानव समाज के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हैं। 👉 स्पालडिंज का मत
है कि मुद्रा का जन्म आकस्मिक हुआ है। 👉 ओडेमन…