प्री-टेस्ट परीक्षा (2025-26)
कक्षा- 12 विषय :- अर्थशास्त्र पूर्णाक :- 80 समय :- 3 घंटे
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर गद्यांश को ध्यान पूर्वक
पढ़कर दें। चार विकल्प दिए गए हैं। सही विकल्प का चयन करें। प्रत्येक का 1 अंक
निर्धारित है।
(1) 'माइक्रोज' जिसका अर्थ होता है छोटा, निम्न
में कौन सा शब्द है ?
(क) अरबी
(ख) ग्रीक
(ग) जर्मन
(घ) अंग्रेजी
(2) उपभोक्ता व्यवहार का अध्ययन किया जाता
है ?
(क) सूक्ष्म अर्थशास्त्र में
(ख) आय विश्लेषण में
(ग) समष्टि अर्थशास्त्र में
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
(3) अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्या है
?
(क) क्या उत्पादन हो
(ख) कैसे उत्पादन हो
(ग) उत्पादित वस्तु का वितरण कैसे हो
(घ) उपर्युक्त सभी
(4) सीमांत उपयोगिता ह्मस नियम के प्रतिपादक
है?
(क) गोसेन
(ख) एडम स्मिथ
(ग) चैपमैन
(घ) हिक्स
(5) कॉफी का मूल्य में वृद्धि होने से चाय
की मांग ?
(क) बढ़ती है।
(ख) घटती है।
(ग) स्थिर रहती है।
(घ) इनमें से कोई नही।
(6) विलासिता वस्तुओं की मांग ?
(क) बेलोचदार होती है।
(ख) लोचदार होती है।
(ग) अत्याधिक लोचदार होती है।
(घ) पूर्णतया लोचदार होती है।
(7) यदि किसी वस्तु के मूल्य में 40 परिवर्तन
के कारण मांग में 60 हो तो मांग की लोच ?
(क) 0.5
(ख) -1.5
(ग) 1
(घ) 0
(8) उत्पादन फलन को व्यक्त करता है ?
(क) Qx = Px
(ख) Qx = f (A,B,C,D)
(ग) Qx=Dx
(घ) इनमें से कोई नहीं।
(9) उत्पादन के सभी संसाधनो में एक ही अनुपात
में वृद्धि के परिणाम स्वरुप उत्पादन में अधिक अनुपात में वृद्धि हो तो इसे कहते
है ?
(क) स्थिर पैमाने की प्रतिफल
(ख) ह्यासमान पैमाने का प्रतिफल
(ग) वर्द्धमान पैमाने का प्रतिफल
(घ) इनमें से कोई नहीं
(10) औसत परिवर्तनशील लागत है ?
(क) TVC x Q
(ख) TVC+Q
(ग) TVC-Q
(घ) TVC ÷ Q
(11) किस बाजार में AR = MR होता है ?
(क) एकाधिकार
(ख) एकाधिकारी प्रतियोगिता
(ग) अ और व दोनों
(घ) पूर्ण प्रतियोगिता
(12) फर्म का संतुलन में होता है ?
(क) MR = MC
(ख) MRMC
(ग) MRMC
(घ) MR = MC = 0
(13) अन्य बाते समान रहे तो वस्तु की कीमत तथा पूर्ति की मात्रा में
धनात्मक संबंध क्या व्यक्त करता है ?
(क)
मांग का नियम
(ख)
पूर्ति की लोच
(ग) पूर्ति का नियम
(घ)
पूर्तिफलन
(14) Es = O का अर्थ होता है कि पूर्ति की लोच ?
(क)
पूर्णतः लोचदार है।
(ख) पूर्णतः बेलोचदार है
(ग)
कम लोचदार है
(घ)
इकाई लोचदार है
(15) साम्य कीमत का निर्धारण निम्न में किसके द्वारा स्थापित होता है
?
(क)
मांग
(ख)
पूर्ति
(ग) क और ख दोनों
(घ)
इनमें से कोई नहीं।
(16) सामान्य कीमत स्तर का अध्ययन किया जाता है ?
(क)
व्यष्टि अर्थशास्त्र में
(ख) समष्टि अर्थशास्त्र में
(ग)
क और ख दोनों
(घ)
इनमें से कोई नहीं।
(17) तृतीयक क्षेत्र के अन्तर्गत निम्न में से कौन-सी सेवा सम्मिलित
?
(क)
खनन
(ख)
निर्माण
(ग) संचार
(घ)
पशु पालन
(18) सकल राष्ट्रीय उत्पाद की गणना में निम्न में किसे सम्मिलित नहीं
किया जाता है ?
(क)
पुरानी वस्तुओं का क्रय-विक्रय
(ख)
मध्यवर्ती वस्तुएँ
(ग) क और ख दोनों
(घ)
इनमें से कोई नहीं।
(19) मुद्रा के गौण कार्य के अन्तर्गत निम्न में से किसे शामिल किया
जाता है ?
(क)
स्थगित भुगतान की माप
(ख)
मूल का संचय
(ग)
मूल्य का हस्तांतरण
(घ) उर्युक्त सभी
(20) किस विधि से हम बैंक से मुद्रा निकाल सकते है ?
(क)
आहरण पत्र
(ख)
चेक
(ग)
ATM
(घ) इनमें से सभी।
(21) रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया की स्थापना हुई ?
(क)
1947
(ख) 1935
(ग)
1937
(घ)
1945
(22) भारतीय बैंकिंग प्रणाली की संरक्षक कौन है ?
(क) RBI
(ख)
SBI
(ग)
UTI
(घ)
LIC
(23) "पूर्ती स्वयं मांग का श्रृजन करती है" निम्न में से
किसका कथन है ?
(क) J.B.SAY
(ख)
J.S. MILL
(ग)
कीन्स ने
(घ)
रिकार्डो ने।
(24) सामूहिक मांग का प्रमुख घटक है ?
(क)
व्यक्तिगत उपभोग
(ख)
सार्वजनिक उपभोग
(ग)
विनियोग
(घ) उर्युक्त सभी
(25) निम्न में कौन सा कथन सत्य है ?
(क)
MPC+MPS=0
(ख) MPC+MPS =1
(ग)
MPC+MPS=1
(घ)
MR = MC > 1
(26) भारत का वित्तीय वर्ष है ?
(क) 1 अप्रैल से 31 मार्च
(ख)
1 जनवरी से 31 दिसम्बर
(ग)
30 अक्टूबर से 1 दिसम्बर
(घ)
इनमें से कोई नहीं।
(27) निम्न में कौन अप्रत्यक्ष कर है ?
(क)
उत्पाद शुल्क
(ख)
बिक्री कर
(ग)
सीमा शुल्क
(घ) इनमें से सभी।
(28) विदेशी विनिमय की प्रक्रिया होती है ?
(क) देशो के मध्य
(ख)
राज्य के मध्य
(ग)
देश के भीतर
(घ)
राज्य के भीतर
(29) भुगतान संतुलन में असमानता का क्या कारण है ?
(क)
प्राकृतिक कारण
(ख)
आर्थिक कारण
(ग)
राजनीतिक कारण
(घ) इनमें से सभी।
(30) व्यापार शेष = ?
(क) दृश्य मदो का निर्यात -दृश्य मदो का आयात
(ख)
दृश्य तथा अदृश्य मदों का निर्यात -दृश्य तथा अदृश्य मदों का निर्यात
(ग)
दृश्य मदों का आयात -दृश्य मदों का निर्यात
(घ)
इनमें से कोई नहीं।
किन्ही
06 प्रश्नों का उत्तर दें, (प्रत्येक का मान 02 अंक है)।
(31) आर्थिक समस्या क्यों उत्पन्न होती है ?
उत्तर-
आर्थिक समस्या मूल रूप से चुनाव की समस्या है। आर्थिक समस्या उत्पन्न होने के कारण-
i.
असीमित आवश्यकताएं
ii.
आवश्यकताओं की तीव्रता में अंतर
iii.
साधन सीमित होते हैं
iv.
सीमित साधनों के वैकल्पिक प्रयोग
v.
चुनाव की समस्या
(32) पैमाने के प्रतिफल से आप क्या समझते है ?
उत्तर- पैमाने का प्रतिफल दीर्घकालीन उत्पादन फलन को प्रदर्शित करता है।
साधनों के पैमाने में परिवर्तन के फलस्वरुप उत्पादन में जो परिवर्तन होता है उसे पैमाने
का प्रतिफल कहते हैं।
उत्पादन के साधनों के निरपेक्ष इकाई में
इस प्रकार वृद्धि की जाए कि साधनों का अनुपात स्थिर रहे तो इसका अर्थ होता है कि पैमाने
में वृद्धि की गई है।
(33) एक वस्तु की पूर्ति को प्रभावित करने वाले किन्ही चार कारणों का
उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
1. वस्तु
की कीमत:- वस्तु की
पूर्ति और कीमत के बीच सीधा संबंध होता है।
2. संबंधित
वस्तुओं की कीमत:- अन्य
वस्तुओं की कीमत में होने वाली वृद्धि के फलस्वरुप वे
फर्मों के लिए अधिक लाभदायक हो जाएगी।
इसके फलस्वरूप फर्म उनकी अधिक पूर्ति करेंगी ।
इसके विपरीत जिस वस्तु की कीमत में वृद्धि नहीं होती वह अपेक्षाकृत
कम लाभदायक होगी। इसलिए फर्म
उसकी पूर्ति कम करेगी।
3. फर्मो
की संख्या:- किसी
वस्तु की बाजार पूर्ति फर्मों की संख्या पर भी निर्भर करती
है। फर्मों की संख्या अधिक होने
पर पूर्ति अधिक होती है तथा संख्या कम रहने पर पूर्ति कम।
4. फर्म
के उद्देश्य:- यदि
फर्म का उद्देश लाभ को अधिकतम करना है तो केवल अधिक कीमत पर ही अधिक पूर्ति की
जाएगी, इसके
विपरीत यदि फर्म का उद्देश्य बिक्री या रोजगार को अधिकतम करना है तो वर्तमान पर भी
अधिक पूर्ति की जाएगी।
(34) मांग का नियम का अपवाद बताएँ ?
उत्तर- कुछ विशेष परिस्थितियों में
मूल्य के घटने पर मांग भी घटती है
तथा मूल्य के बढ़ने पर मांग घटने के बजाए और
अधिक बढ़ जाती है । ऐसी
अवस्था में मांग की रेखा नीचे से ऊपर दाहिनी ओर बढ़ती है।
इसे मांग का अपवाद कहा जाता है
इसके
निम्न कारण है , जब मांग का नियम कार्यशील नहीं हो पाता
-
(1) भविष्य
में किसी वस्तु के न मिलने
की आशंका
(2) बहुमूल्य
तथा सामाजिक सम्मान वाली वस्तुएं
(3) अज्ञानता
(4) अनिवार्य
वस्तुएं
(5) आदत
की वस्तुएं
(6) विशेष
अवसर
(35) भुगतान शेष के चालू खाता और पूंजी खाता में अन्तर बताएँ ?
उत्तर-
चालू खाता- वह
खाता है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं के आयात और निर्यात एवं
एकपक्षीय भुगतानो का हिसाब किताब रखा जाता है।
पूंजीगत
खाता- वह खाता
है जो एक देश के निवासियों एवं शेष संसार
के निवासियों के द्वारा किए गए उन सब लेन-देनों से संबंधित है जिसमें किसी
देश की सरकार और निवासियों की परिसंपत्तियों और दायित्वों में परिवर्तन होता है।
(36) मुद्रा के गौण कार्यों का उल्लेख करें ?
उत्तर-
गौण अथवा सहायक कार्य- इस श्रेणी में उन कार्यों
को सम्मिलित करते हैं जो प्राथमिक कार्यों के सहायक है। इसमें निम्न कार्य है
-
1. स्थगित भुगतानो का मान :- जिन लेन-देनो का भुगतान तत्काल न करके भविष्य के लिए स्थगित कर दिया
जाता है उन्हें स्थगित भुगतान कहा जाता है। मुद्रा को स्थगित भुगतानो का
मान इसलिए माना गया है क्योंकि - (क) अन्य किसी वस्तु की तुलना में इसका
मूल्य स्थिर रहता है (ख) इसमें सामान्य स्वीकृति का गुण पाया जाता है (ग) अन्य
वस्तुओं की तुलना में यह अधिक टिकाऊ है (घ) स्थगित भुगतानो के मान
के रूप में कार्य करके मुद्रा पूंजी निर्माण में सहायक होती है।
2. मूल्य का संचय :- मुद्रा के मूल्य संचय से
अभिप्राय यह है कि मुद्रा को वस्तुओं तथा सेवाओं के लिए खर्च करने का तुरंत
कोई विचार नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी आय का कुछ भाग भविष्य के लिए बचाता
है। इसे ही मूल्य का संचय कहा जाता है। मुद्रा के रूप में मूल्य का संचय
करना सरल होता है क्योंकि (क) मुद्रा को सब लोग स्वीकार कर लेते हैं (ख)
मुद्रा के मूल्य में अधिक कमी या वृद्धि नहीं होती है (ग) मुद्रा का संग्रह सरलता
से किया जा सकता है (घ) मुद्रा के रूप में बचत करने में बहुत कम स्थान की
आवश्यकता होती है।
(37) आय के चक्रीय प्रवाह के दो क्षेत्रीय मॉडल को समझाऐ ?
उत्तर-
दो क्षेत्रकीय अर्थव्यवस्था में
केवल दो क्षेत्र - फर्म व परिवार होते हैं।
परिवार फर्मों को परिवार फर्मों को साधन सेवाएं प्रदान करते
हैं, बदले में फार्म साधन सेवाओं का भुगतान परिवारों को करती है।
इसी प्रकार फर्म परिवारों को वस्तुएं और सेवाएं प्रदान करती
है तथा परिवार वस्तुओं और सेवाओं का भुगतान फर्म को करते हैं।
परिवार उत्पादक क्षेत्र को भूमि, श्रम,
पूंजी तथा उद्यम
प्रदान करते हैं।
फर्म परिवारों को मजदूरी, लगान,
व्याज व लाभ के रूप में भुगतान करती है। इसे
निम्न प्रकार दर्शा सकते हैं।

(38) निवेश क्या है ?
उत्तर-
उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए किया गया व्यय निवेश कहलाता है।
किन्ही 06 प्रश्नों का
उत्तर दें, (प्रत्येक का मान 03 अंक है)।
(39) निम्न स्तरी वस्तु तथा सामान्य वस्तु में अन्तर स्पष्ट करें ?
उत्तर- सामान्य
वस्तुएं :- सामान्य वस्तु में उन वस्तुओं को कहते हैं जिनकी मांग क्रेताओं की आय के
बढ़ने पर बढ़ती है। अतः आय और मांग में धनात्मक संबंध पाया जाता है। इसे धनात्मक आय
प्रभाव कहते हैं।
घटिया या निम्नकोटि वस्तुएं :- घटिया वस्तुएं उन वस्तुओं को
कहते हैं जिनकी मांग क्रेताओं की आय के बढ़ने पर घटती है। आय और मांग में ऋणात्मक संबंध
पाया जाता है। इसे ऋणात्मक आय प्रभाव कहते हैं।
(40) किसी वस्तु की पूर्ति एवं स्टॉक में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
|
आधार |
स्टॉक (Stock) |
पूर्ति (Supply) |
|
अर्थ/परिभाषा |
किसी निश्चित समय बिंदु पर
विक्रेता के पास उपलब्ध वस्तु की कुल मात्रा (Total Quantity) जिसे बेचा जा सकता
है। |
किसी निश्चित कीमत पर, किसी
निश्चित समय अवधि के दौरान विक्रेता द्वारा बाजार में बेचने के लिए प्रस्तुत की गई
वस्तु की मात्रा। |
|
प्रकृति |
यह एक स्थैतिक (Static) अवधारणा
है। यह एक 'बिंदु' से संबंधित है। |
यह एक प्रवाहमय (Flow) अवधारणा
है। यह एक 'अवधि' से संबंधित है। |
|
समय संदर्भ |
इसे एक विशेष समय बिंदु पर
मापा जाता है (जैसे: 1 जनवरी 2025 को गोदाम में 500 इकाइयाँ)। |
इसे एक समय अवधि के दौरान मापा
जाता है (जैसे: जनवरी 2025 के महीने में 500 इकाइयाँ बेची गईं)। |
|
पूर्ति से संबंध |
स्टॉक, पूर्ति का स्रोत
(Source) है। पूर्ति हमेशा स्टॉक का एक हिस्सा होती है। |
पूर्ति, स्टॉक का एक भाग है,
जिसे बाजार में विक्रय हेतु लाया गया है। |
|
मात्रा |
स्टॉक हमेशा पूर्ति के बराबर
या उससे अधिक होता है ($Stock \ge Supply$)। |
पूर्ति कभी भी स्टॉक से अधिक
नहीं हो सकती। |
|
कीमत का प्रभाव |
कीमत अधिक होने पर स्टॉक पर
सीधा प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन स्टॉक की बिक्री (पूर्ति) बढ़ जाती है। |
कीमत अधिक होने पर पूर्ति बढ़
जाती है, और कीमत कम होने पर घट जाती है। |
(41) घटती हुई सीमांत उपयोगिता का नियम समझाएँ ?
उत्तर- मार्शल के अनुसार "एक व्यक्ति के पास किसी वस्तु की जो मात्रा होती है , उसके उपभोग में लगातार वृद्धि करने से उसकी उपयोगिता घटने लगती है।"
तालिका से
रोटी की इकाई | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 |
सीमांत उपयोगिता | 4 | 3 | 2 | 2 | 0 | -1 | -2 |
इस तालिका से स्पष्ट है कि व्यक्ति जैसे-जैसे रोटियों का उपभोग करते जाता है वैसे वैसे रोटी की अगली इकाइयों से प्राप्त सीमांत उपयोगिता घटती जाती है।
चित्र में MU सीमांत उपयोगिता की रेखा है जो रोटी की विभिन्न इकाइयों से प्राप्त सीमांत उपयोगिता को बतलाकर सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम को स्पष्ट करती है। व्यक्ति को पहली रोटी से 4, दुसरी से 3, तीसरी से 2 तथा चौथी से 1 उपयोगिता मिलती है जो उसकी भूख की पूर्ण संतुष्टि का द्योतक है। अत: चित्र यह भी दिखलाता है कि उसे पाॅंचवी रोटी से शून्य तथा छठी और सातवीं रोटियों से क्रमशः -1 और -2 के बराबर ऋणात्मक उपयोगिता मिलती है।इस प्रकार स्पष्ट है कि हर अगली रोटी की इकाई से सीमांत उपयोगिता घटती जाती है।
वस्तु की सीमांत उपयोगिता (MU) के ही आधार पर कोई व्यक्ति किसी वस्तु की कीमत देना चाहता है। अधिक MU पर अधिक कीमत तथा मांग, जबकि कम MU पर कम कीमत तथा मांग होती है। चूॅकि MU रेखा ऊपर से नीचे झुकी रहती है, इसलिए मांग की रेखा भी ऊपर से नीचे दाहिनी ओर झुकी रहती है।
(42) राष्ट्रीय आय एवं घरलू आय में अन्तर स्पष्ट करें ?
उत्तर-
|
आधार |
घरेलू आय (Domestic Income) |
राष्ट्रीय आय
(National Income) |
|
परिभाषा |
यह एक देश की घरेलू सीमा के
भीतर (चाहे वह सामान्य निवासी द्वारा अर्जित हो या गैर-निवासी द्वारा) एक लेखा वर्ष
में अर्जित कारक आय का कुल योग है। |
यह एक देश के सामान्य निवासियों
द्वारा (चाहे वह आय घरेलू सीमा के भीतर अर्जित की गई हो या बाहर) एक लेखा वर्ष में
अर्जित कारक आय का कुल योग है। |
|
भौगोलिक सीमा |
यह उत्पादन की घरेलू सीमा पर
केंद्रित है। |
यह निवासी की अवधारणा पर केंद्रित
है। |
|
अवधारणा |
यह एक घरेलू अवधारणा है। |
यह एक राष्ट्रीय अवधारणा है। |
|
मुख्य निर्धारक |
इसका निर्धारण उत्पादन के स्थान
(देश की सीमा के अंदर) से होता है। |
इसका निर्धारण आय अर्जित करने
वाले व्यक्ति की राष्ट्रीयता/निवास (सामान्य निवासी) से होता है। |
|
विदेशों से प्राप्त शुद्ध कारक
आय (NFIA) |
इसमें विदेशों से प्राप्त शुद्ध
कारक आय (शामिल नहीं होती) है। |
इसमें विदेशों से प्राप्त शुद्ध
कारक आय (शामिल होती है)। |
|
सूत्र |
घरेलू आय = राष्ट्रीय आय -
विदेशों से प्राप्त शुद्ध कारक आय |
राष्ट्रीय आय = घरेलू आय +
विदेशों से प्राप्त शुद्ध कारक आय |
|
उदाहरण |
भारत में कार्यरत एक अमेरिकी
बैंक द्वारा अर्जित लाभ घरेलू आय का हिस्सा होगा। |
सऊदी अरब में कार्यरत एक भारतीय
डॉक्टर द्वारा अर्जित आय राष्ट्रीय आय का हिस्सा होगी। |
(43) अवसर लागत क्या है ?
उत्तर-
किसी साधन की अवसर लागत का अर्थ उसके दूसरे सर्वश्रेष्ठ वैकल्पिक प्रयोग से है। इसका
अर्थ यह है कि साधन सीमित होते हैं जिनके वैकल्पिक प्रयोग हो सकते हैं। जब साधन का
प्रयोग किसी एक वस्तु के उत्पादन में बढ़ाया जाता है तो दूसरी वस्तु का उत्पादन कम
करना पड़ता है। इस प्रकार किसी एक वस्तु की अवसर लागत दूसरी वस्तु की वह मात्रा होती
है जिसका त्याग करना पड़ता है। अवसर लागत को आर्थिक लागत भी कहते हैं।
(44) पूँजीगत व्यय एवं राजस्व व्यय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
राजस्व व्यय
:- राजस्व व्यय से अभिप्राय सरकार द्वारा
एक वित्तीय वर्ष में किये जाने वाले
उस अनुमानित व्यय से है जिसके फलस्वरूप न तो सरकार की परिसंपत्ति का
निर्माण होता है न ही देयता
में कमी होती है।
पूंजीगत
व्यय :- पूंजीगत व्यय से अभिप्राय एक वित्तीय वर्ष
में सरकार के उस अनुमानित व्यय से है जो परिसंपत्तियों में वृद्धि
करता है या देयता को कम करता है।
(45) विनिमय दर से क्या समझते है ?
उत्तर-
यह विनिमय की वह दर है जिस पर किसी देश की मुद्रा की एक इकाई दूसरे देश की मुद्रा
में बदली जा सकती है।
(46)
मुद्रा के किन्ही तीन कार्यों को बताएँ ?
उत्तर-
क्राउथर के अनुसार,
“मुद्रा वह वस्तु है जो विनिमय के
माध्यम के रूप में सामान्यतया स्वीकारी जाती है और साथ ही साथ में मुद्रा के माप और
मुद्रा के संग्रह का कार्य भी करे।”
प्रो. किनले ने मुद्रा के कार्यो को निम्नलिखित तीन
वर्गो में विभाजित किया है -
(A) प्राथमिक या मुख्य कार्य :- इसे आधारभूत
अथवा मौलिक कार्य भी कहते हैं।
मुद्रा के मुख्य कार्य दो है -
1. विनिमय का माध्यम :- वस्तु विनिमय प्रणाली की एक
मुख्य कठिनाई यह थी कि उनमें आवश्यकताओ के दोहरे संयोग का अभाव
पाया जाता था। मुद्रा ने इस कठिनाई को दूर कर दिया है। आज किसी वस्तु को
बेचकर मुद्रा प्राप्त कर ली जाती है और उस मुद्रा से आवश्यकतानुसार बाजार में वस्तुएं
खरीदी जाती है। अर्थात मुद्रा विनिमय का माध्यम है।
2. मूल्य का मापक :- मुद्रा लेखे की इकाई के रूप में
मूल्य का मापदंड करती है लेखे की इकाई से अभिप्राय यह है कि प्रत्येक वस्तु तथा सेवा
का मूल्य मुद्रा के रूप में मापा जाता है। मुद्रा के द्वारा सभी वस्तुओं तथा सेवाओं
के मूल्य अथवा कीमतों को मापा जा सकता है तथा व्यक्त किया जा सकता है।
(B) गौण अथवा सहायक कार्य :- इस श्रेणी
में उन कार्यों को सम्मिलित करते हैं जो प्राथमिक कार्यों के सहायक है। इसमें
निम्न कार्य है -
1. स्थगित भुगतानो का मान :- जिन लेन-देनो
का भुगतान तत्काल न करके भविष्य के लिए स्थगित कर दिया जाता है उन्हें स्थगित भुगतान
कहा जाता है। मुद्रा को स्थगित भुगतानो का मान इसलिए माना गया है क्योंकि
- (क) अन्य किसी वस्तु की तुलना में इसका मूल्य स्थिर रहता है (ख) इसमें सामान्य
स्वीकृति का गुण पाया जाता है (ग) अन्य वस्तुओं की तुलना में यह अधिक टिकाऊ है
(घ) स्थगित भुगतानो के मान के रूप में कार्य करके मुद्रा पूंजी
निर्माण में सहायक होती है।
2. मूल्य का संचय :- मुद्रा के मूल्य संचय से
अभिप्राय यह है कि मुद्रा को वस्तुओं तथा सेवाओं के लिए खर्च करने का तुरंत
कोई विचार नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी आय का कुछ भाग भविष्य के लिए बचाता
है। इसे ही मूल्य का संचय कहा जाता है। मुद्रा के रूप में मूल्य का संचय
करना सरल होता है क्योंकि (क) मुद्रा को सब लोग स्वीकार कर लेते हैं (ख)
मुद्रा के मूल्य में अधिक कमी या वृद्धि नहीं होती है (ग) मुद्रा का संग्रह सरलता
से किया जा सकता है (घ) मुद्रा के रूप में बचत करने में बहुत कम स्थान की
आवश्यकता होती है।
3. मूल्य का हस्तांतरण :- मुद्रा मूल्य
के हस्तांतरण का कार्य करती है, क्योंकि इसके माध्यम से कोई व्यक्ति अपनी क्रय
शक्ति दूसरे को दे सकता है अथवा एक स्थान पर अपनी अचल संपत्ति को बेच कर दूसरे
स्थान पर संपत्ति खरीद सकता है।
(C) आकस्मिक कार्य :- मुद्रा के आकस्मिक
कार्य निम्नलिखित है
(a) सामाजिक आय का वितरण (b) साख निर्माण
का आधार (c) अधिकतम संतुष्टि का माप (d) राष्ट्रीय आय का वितरण (e) शोधन
क्षमता की गारंटी (f) पूंजी की तरलता में वृद्धि।
किन्ही 04 प्रश्नों का
उत्तर दें, (प्रत्येक का मान 05 अंक है)।
(47) प्रत्यक्ष कर एवं अप्रत्यक्ष कर को उदाहरण सहित परिभाषित करे।
उत्तर-
प्रत्यक्ष कर का अंतिम भार
उसी व्यक्ति को उठाना पड़ता है जो सरकार के कर का भुगतान
करता है।
अप्रत्यक्ष
कर जिसका सरकार को भुगतान एक व्यक्ति करता है किंतु अंतिम भार
किसी अन्य व्यक्ति को उठाना पड़ता है।
प्रत्यक्ष
कर का उदाहरण :- आयकर, संपत्ति कर, निगम कर
अप्रत्यक्ष
कर का उदाहरण :- बिक्री कर, सीमा शुल्क, उत्पादन शुल्क
(48) एक फर्म 20 इकाईयों का उत्पादन कर रहा है। उत्पादन के इस स्तर
पर ATC तथा AVC क्रमशः 40 तथा 37 रुपये के
बराबर है। इस फर्म का TFC का पता लागऐं।
उत्तर- कुल लागत = 20 x 40
= ₹800
कुल परिवर्तनशील लागत = 20 x 37
= ₹740
TC = TFC +
TVC
TFC = TC -
TVC
TFC = 800 -
740 = ₹60
(49) वस्तु विनिमय प्रणाली की क्या कठिनाईयाँ है? मुद्रा इन कठिनाईयों
को किस प्रकार दूर करता है।
उत्तर-
विनिमय की वह प्रणाली,
जिसमें विनिमय के साधन के रूप में मुद्रा का प्रयोग नहीं होकर, वस्तु का प्रयोग होता
है, वस्तु विनिमय प्रणाली के नाम से जानी जाती है।

मुद्रा के प्रयोग द्वारा वस्तु विनिमय के निम्न दोष दूर हुए
1.
वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्यमान के इकाई का अभाव वस्तु विनिमय प्रणाली की प्रमुख समस्या
है। इसका तात्पर्य यह
हुआ कि यदि एक व्यक्ति को 5 मीटर कपड़े की आवश्यकता है तथा
उसे वह अपने पास के गेहूं से बदलना
चाहता है, तब प्रति मीटर कपड़े के लिए उसे कितना
गेहूं देना होगा निश्चित नहीं कर पाता। इस
प्रकार मूल्यमान के उभयनिष्ठ इकाई के
अभाव में विनिमय सीमित हो जाता है।
मुद्रा
व्यवस्था के अंतर्गत हर वस्तु अथवा सेवा का मूल्य मुद्रा के रूप में व्यक्त किया जाता
है, जिससे विनिमय के अनुपात को निश्चित करने में कोई कठिनाई नहीं होती।
मुद्रा
के मापक के रूप में प्रयोग करने से आर्थिक गणना का कार्य बहुत ही सुगम हो जाता है।
2.
वस्तु विनिमय प्रणाली में मूल्य या धन संचय का कोई स्थान नहीं होता इस व्यवस्था में
सिर्फ वस्तुओं का भंडारण किया जा सकता है।
उससे वस्तुओं के खराब होने की संभावना बनी रहती है।
किंतु
मुद्रा के प्रयोग से मनुष्य भविष्य के लिए क्रय शक्ति का संचय कर सकता है। वस्तुएं
एवं सेवाएं बेचकर मुद्रा प्राप्त कर ली जाती है, उसका कुछ भाग वर्तमान आवश्यकताओं पर
व्यय कर दिया जाता है और शेष भविष्य
के लिए जमा कर लिया जाता है।
(50) मांग का नियम समझाऐं। इस नियम की क्या मान्यताएँ है ?
उत्तर- मांग का नियम मूल्य
तथा मांग के बीच के विपरीत संबंध को व्यक्त करता है।
मार्शल के शब्दों में ,"मांगी गई मात्रा मूल्य
में कमी के साथ बढ़ती है तथा मूल्य में वृद्धि के साथ घटती है।"
किसी दिए हुए समय में भिन्न-भिन्न मूल्य पर किसी वस्तु की जितनी मांग की जाती है उसकी एक सूची तैयार करें तो उसे ही मांग की तालिका कहते हैं।
कीमत | 8 | 6 | 4 | 2 |
मांग मात्रा | 2 | 3 | 4 | 5 |
तालिका से स्पष्ट है कि जब कीमत घटती है तो वस्तु की मांग मात्रा में वृद्धि होती है।
चित्र से स्पष्ट है कि X अक्ष पर वस्तु X के लिए मांग मात्रा तथा Y अक्ष पर X वस्तु के मूल्य को दर्शाया गया है। मूल्य घटने से मात्रा बढ़ती जाती है। इसलिए DD मांग की रेखा ऊपर से नीचे दाहिनी ओर गीरती है।
मांग के नियम की मान्यताऐ
या
अन्य बातों के समान रहने पर
'अन्य बातें समान रहे' इस वाक्यांश का अर्थ कुछ मान्यताओं से है। जिस पर यह नियम आधारित है -
i. उपभोक्ता की आय स्थिर रहनी चाहिए।
ii. उपभोक्ता की रुचि, आदत तथा फैशन में परिवर्तन नहीं आना चाहिए।
iii. प्रतिस्थापन की वस्तु का उत्पादन नहीं होना चाहिए।
iv. दूसरी वस्तुओं की कीमत में परिवर्तन नहीं होना चाहिए।
v. जनसंख्या में परिवर्तन नहीं होना चाहिए।
vi. निम्न कोटि की वस्तु नहीं होना चाहिए।
(51) केन्द्रीय बैंक की साख नियंत्रण की विभिन्न विधियों का उल्लेख
करें ?
उत्तर-
साख नियंत्रण की प्रमुख विधियां निम्नलिखित हैं -
(1) आरक्षित जमा कोष में
परिवर्तन :- सभी अनुसूचित व्यवसायिक बैंको
को अपनी कुल जमा की एक निश्चित नियंत्रण राशी आरक्षित कोष के
रूप में केंद्रीय
बैंक के पास जमा करनी पड़ती है। यह
आरक्षित कोष जितना
अधिक होता है, व्यवसायिक बैंकों के पास नकदी जमा उतनी ही कम
हो जाती है और
उसी अनुपात में साख का सृजन कम होता है। इसके विपरीत आरक्षित कोष में कमी से साख का
सृजन अधिक होता है।
(2) बैंक दर में परिवर्तन :- बैंक दर में
परिवर्तन करके भी साख पर नियंत्रण किया जा सकता है। बैंक दर
वह दर है जिस पर केन्द्रिय बैंक व्यवसायिक बैंको को ऋण देता है। बैंक दर से ब्याज
दर प्रभावित होता है। बैंक दर में वृद्धि करके साख की मात्रा को कम किया जा सकता है
और बैंक दर में कमी करके साख की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है।
(3) खुले बाजार की क्रियाएं :- खुले बाजार की
क्रियाओं के अंतर्गत केंद्रीय बैंक बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय
करता है। जब केंद्रीय बैंक प्रतिभूतियों को बेचता है तो मुद्रा बाजार में मुद्रा
की मात्रा कम होने लगती है और जब बाजार से केंद्रीय बैंक प्रतिभूतियों को खरीदता
है तो मुद्रा बाजार में मुद्रा की मात्रा बढ़ जाती है ।
जब
मुद्रा बाजार में मुद्रा की अधिकता (अर्थात मुद्रास्फीति) होती है, तब केंद्रीय
बैंक खुले बाजार में प्रतिभूतियां बेचना प्रारंभ कर देता है। जनता अपनी नकदी अथवा
बचत कोषों से केंद्रीय बैंक द्वारा बेचे जाने वाली प्रतिभूतियों का क्रय करना शुरू
कर देती है। इस प्रकार नकदी केंद्रीय बैंक को लौट जाती है और प्रचलित मुद्रा की
मात्रा कम हो जाती है जिससे बैंकों के नकद कोषों में कमी आ जाती है ।
(4) सीमांत कटौती में परिवर्तन :- व्यापारी लोग
अपनी वस्तुओं को व्यापारिक बैंकों के पास प्रतिभूतियों के रूप में रखते हैं और उसके
बदले ऋण लेते
हैं। बैंक पूरी प्रतिभूति अथवा जमानत
मूल्य के बराबर ऋण नहीं
देते हैं। उसमें
कुछ कटौती करते हैं। इसे
सीमांत कटौती कहते हैं।
सीमांत कटौती में परिवर्तन करके साख
पर नियंत्रण करने का प्रयास किया जाता है।
(5) नैतिक दबाव :- नैतिक दबाव के अंतर्गत केंद्रीय
बैंक साख संस्थाओं पर नैतिक दबाव डालकर उन्हें संबंधित नीति अपनाने के लिए बाध्य कर
सकता है।
(52) मान लीजिए की नमक की मांग तथा पूर्ति व्रक को इस प्रकार दिया गया
है :-
qD
= 1000 – P
qS
= 700 + 2 P
संतुलन कीमत तथा मात्रा ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
संतुलन करने पर
qS
= qD
मान रखने पर
700
+ 2P = 1000 – P
or,
2P + P = 1000 – 700
or,
3P = 300
इसलिए P = 100
qD
= 1000 – P
P
का मान रखने पर
qD
= 1000 – 100 = 900
qS
= 700 + 2P
P
का मान रखने पर
qS
= 700 + 2 (100)
qS
= 700 + 200 = 900
इसलिए संतुलन कीमत (100) तथा संतुलन मात्रा (900) होगा।
Model Question Solution 
12th Economics Short Answer Type Important Questions Part-2
12th Economics Short Answer Type Important Questions Part-1
12th Economics VVI Objective Questions Set-1
12th Economics SET -3 Koderma PROJECT RAIL 2.0 MODEL QUESTION PAPER-2023
12th Economics SET -2 Koderma PROJECT RAIL 2.0 MODEL QUESTION PAPER-2023
12th Economics Koderma PROJECT RAIL 2.0 MODEL QUESTION PAPER-2023 SET -1
Economics Model Paper 2021 Solution/JAC Board Jharkhand
व्यष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय स्मरण रखें (Remember an Introduction to Microeconomics)
आय/उत्पादक का संतुलन स्मरण रखे (Remember an Revenue/ Producer’s Equilibrium)
अधिमाँग-सरकारी बजट-विनिमय दर-भुगतानशेष-स्मरण रख (Remember an Excess Demand-Budget-Exchange-Balance)
उत्पादन फलन/ लागत स्मरण रखें (Remember an Production Function/ Cost)
पूर्ति/बाजार/बाजार संतुलन स्मरण रखे (Remember an Supply/ Market/Market Equilibrium)
Economics Model Question Solution Set-1Term-1 Exam.
Economics Model Question Solution Set-2Term-1 Exam.
Economics Model Question Solution Set-3Term-1 Exam.
Economics Model Question Solution Set-4 Term-1 Exam.
Economics Model Question Solution Set-5 Term-1 Exam.
12th JAC Economics Model Paper Solution 2022-23
Economics Model Question Solution Set-1 Term-2 Exam. (2021-22)
Economics Model Question Solution Set-2 Term-2 Exam. (2021-22)
Economics Model Question Solution Set-3 Term-2 Exam. (2021-22)
Economics Model Question Solution Set-4 Term-2 Exam. (2021-22)
Economics Model Question Solution Set-5 Term-2 Exam. (2021-22)
12th ECONOMICS MODEL (Mock) TEST (I.A/I.SC/I.COM) 2022


