DUMKA DEEP ECONOMICS
MODEL QUESTION PAPER SET-1 (2025-26)
वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र 1×1=30
1. सबसे पहले माइक्रो शब्द का प्रयोग किसने किया
(A)
मार्शल
(B)
केन्स
(C) रैगनर फिश
(D)
बोल्डी
2. जब कुल उपयोगिता अधिकतम होती है तो सीमान्त उपयोगिता
(A)
सकरात्मक होती है
(B)
नकारात्मक होती है
(C)
बढ़ती है
(D) शून्य
3. यदि आय बढ़ने पर उपभोक्ता वस्तु X की मांग बढ़ाता है तो वस्तु X
कैसी वस्तु है?
(A) सामान्य वस्तु
(B)
निम्नकोटि वस्तु
(C)
गिफिन वस्तु
(D)
पूरक वस्तु
4. यदि वस्तु X की सीमांत उपयोगिता बढ़ रही है तो इसका अर्थ है कि
(A) वस्तु X पर हासमान सीमान्त उपयोगिता का नियम लागू नहीं
(B)
वस्तु Y पर हासमान सीमान्त उपयोगिता का नियम लागू नहीं होता है.
(C)
a एवं b दोनों
(D)
इनमें से कोई नहीं
5. आर्थिक समस्या मूलतः किस तत्व की समस्या है?
(A) चुनाव की
(B)
चयन की
(C)
उपभोक्ता चयन की
(D)
इनमें से कोई नहीं
6. कुल उपयोगिता किसके बराबर होती है?
(A)
MUn - MUn-1
(B)
MUn + MUn-1
(C) MU का योग
(D)
MUn x Pn/Qn
7. दो वस्तुओं की स्थिति में उपभोक्ता सन्तुलन में होता है तब
(A)
MUn / Pn > MUn /Py
(B)
MUn /< MUn / Py
(C) MUn / Pn = MUn / Py
(D)
MUn / Pn x MUn /Py
8. बजट रेखा का ढाल के बराबर होता है.
(A)
MRSxy
(B)
+MRSxy
(C) - Pn/Py
(D)
+Pn/Py
9. तटस्थता वक्र का ढलान.......के बराबर होता है?
(A)
+MRSny
(B) -MRSny
(C)
+Pn/Py
(D)
- Pn/Py
10. मांग का नियम वस्तु की कीमत और वस्तु के मांग के बीच संबंध को बताता
है.
(A)
सीधा
(B) उल्टा
(C)
धनात्मक एवं ऋणात्मक
(D)
इनमें से कोई नहीं
11. कीमत में परिवर्तन से क्रय शक्ति में होने वाले परिवर्तन को क्या
कहा जाता है?
[A] कीमत प्रभाव
[B]
प्रतिस्थापन प्रभाव
[C]
आय प्रभाव
[D]
व्यय प्रभाव
12. अल्पकाल में उत्पादन फलन का कौन सा नियम लागू होता है?
[A] परिवर्तनशील अनुपातों का नियम
[B]
पैमाने का प्रतिफल
[C]
दोनों
[D]
इनमें से कोई नहीं
13. निम्न में से कौन सा स्थिर लागत का उदाहरण नहीं है?
[A]
भूमि और वन पर व्यय
[B]
प्लांट और मशीनरी पर व्यय
[C] अस्थाई श्रमिकों का मजदूरी और वेतन
[D]
लाइसेंस फीस
14. किसी वस्तु का मूल्य निर्धारित होता है-
[A]
मांग द्वारा
[B] मांग एवं पूर्ति द्वारा
[C]
सरकार द्वारा
[D]
मांग और पूर्ति दोनों द्वारा
15. यदि किस कीमत पर बाजार पूर्ति बाजार मांग से अधिक है, तो उस कीमत
पर बाजार में क्या होगा?
[A] अधिपूर्ति होगी
[B]
अधिमांग होगी
[C]
दोनों
[D]
इनमें से कोई नहीं
16. एक देश की कुल जनसंख्या क्या है?
[A]
प्रवाह
[B] स्टॉक
[C]
दोनों
[D]
इनमें से कोई नहीं
17. निम्नलिखित में से कौन की हस्तांतरण आय नहीं है?
[A] बच्चे को दिया गया जेब खर्च
[B]
छात्रवृत्ति
[C]
वृद्धावस्था पेन्सन
[D]
बेरोजगारी भत्ता
18. दोहरी गणना से बचने के लिए कौन सी विधि अपनाई जाती है?
[A]
व्यय विधि
[B] मूल्य वृद्धि विधि
[C]
आय विधि।
[D]
इनमें से कोई नही
19. राष्ट्रीय आय को जनसंख्या से भाग देने पर क्या प्राप्त होता है?
[A] प्रति व्यक्ति आय
[B]
निजी आय
[C]
व्यक्तिगत आय
[D]
वैयक्तिक प्रयोज्य आय
20. भारत में एक रुपया का नोट कौन जारी करता है?
[A]
भारतीय रिजर्व बैंक
[B]
भारत सरकार का
[C] वित्त मंत्रालय
[D]
भारतीय स्टेट बैंक
21. भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कब हुआ ?
[A] 1 जनवरी 1949
[B]
1 जनवरी 1950
[C]
1 मार्च 1991
[D]
1 अप्रैल 2014
22. The General Theory of Employment, Interest and money नामक पुस्तक
किसने लिखी है?
[A]
रिकार्डो
[B] J.m. कीस
[C]
J.B.say
[D]
मार्शल
23. कीन्स का रोजगार सिध्दान्त है-
(a) अल्पकालीन
(b)
दीर्घकालीन
(c)
अति दीर्घकालीन
(d)
सभी
24. बाजार के नियम का प्रतिपादन किसने किया था?
(a) J.B. Say
(b)
J.S. Mill
(c)
J.M. Keynes
(d)
इनमें कोई नहीं
25. केंद्र सरकार के कर राजस्व के अंतर्गत निम्न में से कौन शामिल नहीं
है?
(a)
आय कर
(b)
सीमा शुल्क
(c)
निगमकर
(d) उत्पादन शुल्क
26. एक कर, जिसका भार दूसरों के ऊपर नहीं डाला जा सकता, उसे कहते हैं.
(a)
अप्रत्यक्ष कर
(b) प्रत्यक्ष कर
(c)
संपत्ति कर
(d)
इनमें कोई नहीं
27.MPC + MPS किसके बराबर होता है?
(a) 1
(b)
2
(c)
3
(d)
5
28. निम्नलिखित में से कौन सा बैंक व्यापारिक बैंक नहीं है?
(a)
भारतीय स्टेट बैंक
(b)
ICICI
(c) भारत रिजर्व बैंक
(d)
सेण्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया
29. बजट की अवधि क्या होती है?
(a) 1 वर्ष
(b)
2 वर्ष
(c)
5 वर्ष
(d)
15 वर्ष
30. निम्नलिखित में से कौन सा भारत का सामान्य निवासी माना जावेगा?
(a)
विश्व बैंक के सदस्यों को
(b)
इलाज के लिए, भारत आया विदेशी
(c) अमेरिका के दूतावास में कार्यरत् भारतीय
(d)
विद्यार्थी अध्ययन करने के लिए कोरिया से आया है
Sec-B अति लघु उत्तरीय प्रश्न (2x6=12)
कोई 6 उत्तर देना
है
31. सीमान्त उपयोगिता को परिभाषित करें.
उत्तर-
किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई का उपयोग करने पर कुल उपयोगिता में जो वृद्धि होती
है, उसे सीमांत उपयोगिता कहते हैं।
अर्थात,
MU = TUn -TUn-1
या,
MU=∆TU/∆N
जहां,
TU
= कुल उपयोगिता
MU
= सीमांत उपयोगिता
N=
वस्तु की संख्या
32. उपभोग को परिभाषित करें.
उत्तर-
उपभोग वह क्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओं की प्रत्यक्ष संतुष्टि
के लिए वस्तुओं और सेवाओं की उपयोगिता का प्रयोग करता है।
33. सीमान्त लागत को परिभाषित करें.
उत्तर - एक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने से लागत में जितनी वृद्धि होती है
उसे उस इकाई विशेष की सीमांत लागत कहा जाता है।
MC
= TCn -TCn-1
34. बाजार क्या है?
उत्तर-
"बाजार एक ऐसा संयंत्र है जिसके द्वारा क्रेताओं तथा विक्रेताओं को इकट्ठा किया
जाता है, इसका स्थान निश्चित होना जरूरी नहीं है।"
35. समष्टि अर्थशास्त्र एवं व्यष्टि अर्थशास्त्र
में कोई दो अन्तर बताएं.
उत्तर-
|
व्यष्टि |
समष्टि |
|
1.
इसमें व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों जैसे एक फर्म, एक उपभोक्ता आदि की समस्याओं का अध्ययन
किया जाता है। |
1.
इसमें पूरी अर्थव्यवस्था को एक इकाई मानकर इसकी आर्थिक समस्याओं का अध्ययन किया जाता
है। |
|
2.
माइक्रो (Micro) शब्द ग्रीक शब्द माइक्रस से बना है जिसका अर्थ होता है छोटा या सूक्ष्म। |
2
अँग्रेज़ी भाषा का मैक्रो (Macro) शब्द भी ग्रीक शब्द मेक्रोज से बना है जिसका अर्थ
होता है विशाल अथवा व्यापक। |
36. प्रेरित निवेश क्या है?
उत्तर-
प्रेरित निवेश वह निवेश है जो आय तथा लाभ की मात्रा पर निर्भर करता है। यह निवेश आय
तथा लाभ में होने वाले परिवर्तनों से प्रेरणा प्राप्त करता है। आय तथा लाभ के बढ़ने
की सम्भावना से यह बढ़ता है तथा इसमें होने वाली कमी से यह कम होता जाता है। प्रेरित
निवेश लाभ या आय सापेक्ष होता है।
37. बचत क्या है?
उत्तर-
आय तथा उपभोग का अंतर बचत कहलाता
है, या उपभोग पर आय का अधिक बचत है।
38. भुगतान शेष क्या है?
उत्तर-
भुगतान शेष में किसी एक देश के निवासियों
और शेष विश्व के बीच वस्तुओं, सेवाओं और परिसंपत्तियों की लेनदेन का विवरण होता है।
Sec-C लघु उत्तरीय प्रश्न (3x6=18)
किन्ही
भी छह प्रश्नों के उत्तर दें। उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दें।
39. कुल उपयोगिता एवं सीमान्त उपयोगिता में क्या संबंध है?
उत्तर-
सीमांत उपयोगिता एवं कुल उपयोगिता के बीच के संबंध को निम्न रेखा चित्र की सहायता से
स्पष्ट किया जा सकता है।
ऊपर
के रेखा चित्र से स्पष्ट है.
1.
जब कुल उपयोगिता बढ़ती है तब सीमांत उपयोगिता घटती है।
2.
जब कुल उपयोगिता अपनी अधिकतम बिंदु पर होती है तब सीमांत उपयोगिता शून्य होती है।
3.
जब कुल उपयोगिता घटने लगती है तब सीमांत उपयोगिता ऋणात्मक हो जाती है।
40. उदासीनता मानचित्र को सचित्र समझाए.
उत्तर- संतुष्टता के विभिन्न स्तर दर्शानेवाले तटस्थता वक्रों के समूह को तटस्थता मानचित्र कहा जाता हैं।
रेखा
चित्र से स्पष्ट है कि उपभोक्ता का संतुलन e बिंदु पर प्राप्त होगा। क्योंकि इस बिंदु
पर उपभोक्ता अधिकतम संभव संतुष्टि IC3 को प्राप्त कर रहा है। दी गई आय पर
उपभोक्ता a,b,c तथा d संयोग को भी खरीद सकता है किंतु उनसे प्राप्त संतुष्टि IC3
की तुलना में कम होंगे। उपभोक्ता को IC4 के बिंदु पर और अधिक संतुष्टि प्राप्त
होगी, किंतु दी गई है पर वह C4 को प्राप्त नहीं कर सकता है। अतः दी गई आय पर उपभोक्ता
को अधिकतम संभव संतुष्टि IC3 के e बिंदु पर प्राप्त होगी। जहां उपभोक्ता
संतुलन की दोनों शर्तें पूरी हो रही हैं- अधिमान वक्र बजट रेखा को स्पर्श कर रहा है
एवं अधिमान वक्र मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर है।
41. उत्पादन के स्थिर तथा परिवर्तनशील साधनों में अंतर कीजिए.
उत्तर-
स्थिर साधन
: स्थिर साधन वे हैं, जिन्हें उत्पादन के साथ परिवर्तित नहीं किया जा सकता। जैसे-भूमि,
मशीन, भवन, तकनीक,पूंजीगत उपकरण आदि।
परिवर्तनशील
साधन : परिवर्तनशील साधन वे हैं जिन्हें उत्पादन के साथ परिवर्तित
किया जा सकता है। जैसे कच्चा माल, श्रम, पूंजी आदि।
42. मांग के नियम को सचित्र समझाए.
उत्तर- मांग का नियम मूल्य तथा मांग के बीच के विपरीत संबंध को व्यक्त करता है। मार्शल के शब्दों में ,"मांगी गई मात्रा मूल्य में कमी के साथ बढ़ती है तथा मूल्य में वृद्धि के साथ घटती है।"
चित्र से स्पष्ट है कि X अक्ष पर वस्तु X के लिए मांग
मात्रा तथा Y अक्ष पर X वस्तु के मूल्य को दर्शाया गया है। मूल्य घटने से मात्रा बढ़ती जाती है। इसलिए DD मांग की रेखा
ऊपर से नीचे दाहिनी ओर गीरती है।
43. औसत उपभोग प्रवृत्ति तथा औसत बचत प्रवृत्ति में क्या संबंध है?
उत्तर-
औसत उपभोग प्रवृत्ति
(APC) तथा औसत बचत प्रवृत्ति
(APS) के सम्बन्ध को निम्नलिखित समीकरण की सहायता से
स्पष्ट किया जा सकता है
`APC=\frac CYand\;APS=\frac SY`
हम जानते हैं कि Y = C + S
`APC+APS=\frac CY+\frac SY`
`=\frac{C+S}Y=\frac YY=1`
APC + APS = 1
APC = 1 - APS
APS = 1 - APC
इस
संबंध से यह
पता चलता है कि औसत बचत प्रवृत्ति का मूल्य ऋणात्मक
हो सकता है, यदि औसत उपभोग प्रवृत्ति का मूल्य इकाई से अधिक हो या उपभोग आय से अधिक
हो। जब उपभोग आय
से कम होता है तो औसत उपभोग प्रवृत्ति 1 से कम होती है तथा
औसत बचत प्रवृत्ति धनात्मक होती है।
44. भारतीय रिजर्व बैंक के प्रमुख कार्य क्या-क्या है?
उत्तर-
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किए जाने वाले मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं
1.
मुद्रा जारी करना
2.
सरकार का बैंक
3. बैंकों का बैंक
4. बैंको
का निरीक्षण :- बैंकों का बैंक होने के कारण केंद्रीय बैंक वाणिज्य बैंकों
का निरीक्षण भी करता है। इसके लिए उसे ये कार्य करने होते हैं –
(a)
वाणिज्यिक बैंकों को लाइसेंस जारी करना
(b)
देश के विभिन्न भागों तथा विदेशों में वाणिज्यिक बैंकों की शाखाएं खुलवा कर उनका
विस्तार करना
(c)
वाणिज्यिक बैंकों का विलयन तथा
(d) बैंको
का परिसमापन
5. अन्तिम
ऋणदाता
6.
देश के विदेशी मुद्रा कोषों का संरक्षण 7. समाशोधन गृह का कार्य
8. साख मुद्रा का नियंत्रण 9. आंकड़े इकट्ठा करना
10. अन्य
कार्य - (a) कृषि वित्त (b) अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा सम्मेलन
(c) मुद्रा तथा बिल बाजार (d) फटे पुराने नोट वापिस लेना।
45. क्या राजस्व घाटे के बिना राजकोषीय घाटा हो सकता है? समझाए.
उत्तर-
हाँ, राजस्व घाटे के बिना भी राजकोषीय घाटा हो सकता है।
राजकोषीय
घाटा = राजस्व घाटा +[पूँजीगत व्यय - पूँजीगत प्राप्तियाँ (ऋण के अतिरिक्त)]
अतः
राजकोषीय घाटे का अनुमान सरकार की दोनों राजस्व तथा पूँजी प्राप्तियों और व्यय की गणना
करके लगाया जाता है इसलिए जब राजस्व प्राप्तियाँ और राजस्व व्यय संतुलन की अवस्था में
हैं तब भी पूँजी प्राप्तियों के ऊपर पूँजी व्यय का आधिक्य हो सकता है, जिसके कारण राजकोषीय
घाटा हो सकता है।
46. विदेशी विनिमय दर क्या है? उदाहरण के साथ समझाए
उत्तर-
विदेशी विनिमय दर का तात्पर्य उस
दर से है जिस पर किसी देश की मुद्रा की एक इकाई दूसरे देश की मुद्रा की कितनी इकाइयों
के बराबर होगी। अर्थात अंतरराष्ट्रीय विनिमय बाजार में एक देश की मुद्रा की एक इकाई
के बदले में विदेशी मुद्रा की कितनी इकाइयां प्राप्त कर सकते हैं उसे ही विदेशी विनिमय
दर कहते हैं । जैसे- $1=₹50 अथवा ₹1=1/50$
Sec-D दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5x4=20)
किन्ही
भी चार प्रश्नों के उत्तर दें। उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दें।
47. मांग का नियम क्या है? मांग को प्रभावित
करने वाले तत्व को बताये.
उत्तर-
मांग का नियम मूल्य तथा मांग के बीच के विपरीत संबंध को व्यक्त करता है।
मार्शल के शब्दों में ,"मांगी गई मात्रा मूल्य
में कमी के साथ बढ़ती है तथा मूल्य में वृद्धि के साथ घटती है।"
मांग को प्रभावित या निर्धारित
करने वाले तत्त्व
(1) आय में परिवर्तन :- जब
लोगों
की आय बढ़ जाती है तो उनकी क्रय शक्ति बढ़ जाती है और वस्तुओं की मांग बढ़ जाती है
।आय के घटने से कम वस्तुओं की
मांग होने लगती है।
(2) मूल्य में परिवर्तन :- सामान्यता कीमत के कम होने पर वस्तुओं की मांग
बढ़ती है और कीमत के
बढ़
जाने पर वस्तुओं की मांग घट जाती है।
(3) जनसंख्या में परिवर्तन :- जनसंख्या के बढ़ने पर समस्त वस्तुओं की पहले की तुलना में
मांग बढ़ जाती है और जनसंख्या के घट
जाने पर
मांग कम हो जाती है।
(4) जलवायु तथा मौसम में परिवर्तन :- वर्षा के मौसम में छाते तथा
बरसाती की मांग होती है ।
जाड़ा
में ऊनी
कपड़ों की
तथा गर्मी में कूलर ,ठंडे पेय पदार्थों की मांग बढ़ती है।
(5) अनुमान में परिवर्तन :-
जब
किसी
कारण से भविष्य में किसी वस्तु के न मिलने का अनुमान होने लगता है तो अधिक कीमत पर
भी अधिक मांग होती है।
(6) आय के वितरण में परिवर्तन (7) आदत , रुचि एवं फैशन में परिवर्तन
(8) विज्ञापन
48. एक फर्म की कुल स्थिर लागत, कुल पर्वतीय
लागत तथा कुल लागत क्या हैं? वे किस प्रकार संबंधित हैं?
उत्तर-
अल्पकाल में दो प्रकार की उत्पादन लागतें सम्मिलित होती हैं- स्थिर लागतें तथा परिवर्तनशील
लागतें
कुल
स्थिर लागत (TFC) -
अल्पकाल
में उत्पादन के कुछ साधनों में परिवर्तन नहीं किया जा सकता, अतः वे स्थिर रहते हैं।
एक फर्म जो स्थिर लागतों का वहन करती है, उन्हें कुल स्थिर लागत कहा जाता है। कुल स्थिर
लागत उत्पादन के आकार से अप्रभावित रहती है। उत्पादन स्तर शून्य होने पर भी फर्म को
स्थिर लागतों का भुगतान वहन करना पड़ता है।
कुल
परिवर्ती लागत (TVC)-
कुल
परिवर्तनशील लागत का आकार उत्पादन की मात्रा पर निर्भर करता है। जैसे-जैसे उत्पादन
के आकार में वृद्धि होती है, वैसे-वैसे परिवर्तनशील लागतों में भी वृद्धि होती जाती
है। शून्य उत्पादन स्तर पर परिवर्तनशील लागत शून्य होती है। अतः TVC रेखा का आरंभिक
बिंदु, मूल बिंदु होता है।"
कुल
लागत (TC)-
एक
फर्म की कुल स्थिर लागत (TFC) तथा कुल परिवर्तनशील लागत (TVC) को सम्मिलित करने पर
कुल लागत प्राप्त होती है।
अर्थात्,
कुल लागत = कुल स्थिर लागत+कुल परिवर्तनशील लागत
या
TC = TFC+TVC
कुल स्थिर लागत, कुल परिवर्तनशील लागत तथा कुल लागत के बीच संबंध - TFC, TVC तथा TC के बीच संबंध को निम्नांकित रेखाचित्र द्वारा दर्शाया जा सकता है-
चित्र
से स्पष्ट है कि TFC तथा TVC रेखाओं को जोड़कर कुल लागत (TC) की रेखा प्राप्त की गई
है। उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर यदि TFC और TVC को जोड़ दिया जाये तो हमें TC रेखा
प्राप्त होती है।
जहाँ
से TFCरेखा निकलती है, TC रेखा का आरंभिक बिंदु है। शून्य उत्पादन स्तर पर TVC शून्य
होने के कारण TC सदैव TFC के बराबर होती है। TFC हमेशा स्थिर होती है और TC और TVC
रेखायें परस्पर समांतर रूप से आगे बढ़ती है क्योंकि TC और TVC का अंतर TFC को बतलाता
है। अर्थात्
TFC
= TC-TVC या,
TVC
= TC-TFC
इस
प्रकार, एक फर्म के लिए कुल लागत, कुल स्थिर लागत तथा कुल परिवर्ती लागत का जोड़ होती
है।
49. पूर्ण प्रतियोगिता से क्या अभिप्राय है?
इसकी प्रमुख विशेषताएं. क्या है?
उत्तर
- पूर्ण प्रतियोगिता, बाजार की वह स्थिति है जिसमें क्रेता तथा विक्रेता की संख्या
बहुत अधिक होती है। एकसमान वस्तुओं का उत्पादन होता है। इस बाजार में वस्तु की एक ही
कीमत प्रचलित होती है।
परिभाषा-
प्रो.
लेफ्टविच के अनुसार, पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की वह स्थिति है; जिसमें बहुत सी फर्में
एक समान वस्तुएँ बेचती हैं और इनमें से किसी भी फर्म की यह स्थिति नहीं होती कि वह
बाजार कीमत को प्रभावित कर सके।"
पूर्ण
प्रतियोगिता की प्रमुख विशेषताएं-
(i)
क्रेताओं और विकेताओं की अत्याधिक संख्या-
पूर्ण
प्रतियोगिता बाजार में क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या बहुत अधिक होती है। जिसके
कारण कोई भी क्रेता अथवा विक्रेता बाजार कीमत को प्रभावित नहीं कर पाता है।
(ii)
समरूप वस्तुएँ-
इस
बाजार में सभी विक्रेताओं द्वारा बेची जाने वाली वस्तुओं की इकाईयाँ समरूप होती हैं।
(iii)
फर्मों का स्वतंत्र प्रवेश व निकास-
पूर्ण
प्रतियोगिता में कोई भी नई फर्म उद्योग में प्रवेश कर सकती है तथा कोई भी पुरानी फर्म
उद्योग से बाजार जा सकती है। इस प्रकार पूर्ण प्रतियोगिता में फर्मों के उद्योग में
आने-जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है।
(iv)
बाजार का पूर्ण ज्ञान-
इस
बाजार में क्रेताओं तथा विक्रेताओं को बाजार की दशाओं का पूर्ण ज्ञान होता है। अतः
कोई क्रेता वस्तु की प्रचलित कीमत से अधिक कीमत देकर वस्तु नहीं खरीदेगा ।
(v)
साधनों की पूर्ण गतिशीलता-
इस
प्रतियोगिता में उत्पत्ति के साधन बिना किसी बाधा के एक फर्म से दूसरे फर्म में अथवा
एक उद्योग से दूसरे उद्योग में स्थानांतरित किये जा सकते हैं।
(vi)
यातायात लागत का अभाव-
इस
प्रतियोगिता में यातायात लागत शून्य होती है जिसके कारण बाजार में एक कीमत प्रचलित
रहती है।
50. चार क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में चक्रीय
प्रवाह को समझाए
उत्तर- आप के चक्रीय प्रवाह का चार क्षेत्रीय मॉडल - चार क्षेत्रीय मॉडल खुली अर्थव्यवस्था (Open Economy) को प्रदर्शित करता है। चार क्षेत्रीय चक्रीय प्रवाह मॉडल में विदेशी क्षेत्र' या 'शेष विश्व क्षेत्र (For- eign or Rest of the World Sector) को सम्मिलित किया जाता है। वर्तमान समय में अर्थव्यवस्था का स्वरूप खुली अर्थव्यवस्था का है जिसमें वस्तुओं का आयात एवं निर्यात होता है। जब एक अर्थव्यवस्था शेष विश्व से आयात की गई वस्तुओं का भुगतान करती है तो इसमें देश के बाहर शेष विश्व की ओर मुद्रा का प्रवाह (Outflow) होता है। दूसरी ओर जब एक देश शेष विश्व को निर्यात करता है तो दूसरे देश उसे भुगतान करते हैं। इस प्रकार शेष विश्व से इस देश की ओर मुद्रा का प्रवाह (Inflow) होता है।
खुली
अर्थव्यवस्था में प्रवाह के पाँच प्रमुख स्तम्भ होते हैं-
1) परिवार क्षेत्र (Household
Sector).
2) व्यावसायिक फर्म (Business
Firm),
3) सरकारी क्षेत्र (Government
Sector),
4) क्षेत्र (Resi of the World
Sector),
5) पूँजी बाजार (Capital Market) |
शेष विश्व क्षेत्र के समावेश होने
पर आयात (M) व निर्यात (X) का भी आप के चक्रीय प्रवाह पर प्रभाव पड़ता है। आयातों
के होने पर चक्रीय प्रवाह से आप का रिसाव (Leakage) होता है तथा निर्यात किये जाने
पर चक्रीय प्रवाह में आप का अन्तःक्षेपण (Injection) होता है।
संतुलन की शर्त (Condition of
Equilibrium)- चार क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के चक्रीय प्रवाह में संतुलन की शर्त
निम्न प्रकार है-
Y=C+I+G+(X-M)
यहाँ Y = आय अथवा उत्पादन, C =
उपभोक्ता व्यप, I = निवेश व्यय, G = सरकारी, (X-M)= शुद्ध निर्यात (यहाँ X=
निर्यात तथा M= आयात) ।
51. केंद्रीय बैंक क्या है? केंद्रीय बैंक
के कार्यों का वर्णन करें.
उत्तर-
डी. कॉक
के शब्दों में," केंद्रीय
बैंक का बैंक है जो देश की मौद्रिक तथा बैंकिंग प्रणाली के
शिखर पर होता है"
भारत
का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया है जिसकी स्थापना 1 अप्रैल 1935 ई.
को की गई।
एक केंद्रीय बैंक द्वारा किए जाने वाले मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं
1. मुद्रा जारी करना :- वर्तमान समय
में संसार के प्रत्येक देश में नोट (मुद्रा ) छापने का एकाधिकार केवल केंद्रीय बैंक
को ही प्राप्त होता है और केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए नोट सारे देश में असीमित
विधिग्राह्म के
रूप में घोषित होते हैं
2. सरकार का बैंक :- केंद्रीय
बैंक सभी देशों में सरकार के बैंकर, एजेंट
एवं वित्तीय परामर्शदाता के रूप में कार्य करते हैं।
सरकार बैंकर के
रूप में यह सरकारी विभागों के खाते रखता है तथा सरकारी कोषों की व्यवस्था करता है।
यह सरकार के लिए उसी प्रकार कार्य करता है जिस प्रकार व्यवसायिक
बैंक अपने ग्राहकों के लिए करते हैं। आवश्यकता
पड़ने पर सरकार को बिना ब्याज के ऋण दिया जाता है।
3. बैंकों का बैंक :-
केंद्रीय बैंक देश के अन्य बैंकों के लिए बैंक का कार्य करता है।
केंद्रीय बैंक अन्य
बैंकों के नगद कोष
का कुछ भाग अपने पास जमा के रूप में रखता
है, ताकि ग्राहकों
की मांग होने पर वह उनके
धन की अदायगी कर सके।
4. बैंको का निरीक्षण :- बैंकों
का बैंक होने के कारण केंद्रीय बैंक वाणिज्य बैंकों का निरीक्षण भी करता है। इसके
लिए उसे ये कार्य करने होते हैं - (a) वाणिज्यिक बैंकों को लाइसेंस जारी करना (b) देश
के विभिन्न भागों तथा विदेशों में वाणिज्यिक बैंकों की शाखाएं खुलवा कर उनका विस्तार
करना (c) वाणिज्यिक बैंकों का विलयन तथा (d) बैंको का परिसमापन
5. अन्तिम
ऋणदाता 6. देश के विदेशी मुद्रा कोषों का संरक्षण 7. समाशोधन गृह का कार्य
8. साख मुद्रा का नियंत्रण 9. आंकड़े इकट्ठा करना 10. अन्य
कार्य - (a) कृषि वित्त (b) अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा सम्मेलन
(c) मुद्रा तथा बिल बाजार (d) फटे पुराने नोट वापिस लेना।
52. सरकारी बजट से क्या तात्पर्य है? उसके.
मुख्य घटकों को लिखें.
उत्तर- बजट में सरकार की एक
वित्तीय वर्ष की प्राप्तियों एवं व्यय का विवरण होता है। यह एक विस्तृत आर्थिक
विवरण है।
दूसरे शब्दों में, बजट एक ऐसा
दस्तावेज होता है जिसमें सरकार के वित्तीय वर्ष, जो 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता
है, से
संबंधी सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्ययों का विवरण होता है।
इस वार्षिक वित्तीय विवरण को सरकार
के द्वारा संसद के समक्ष प्रस्तुत करना एक संवैधानिक अनिवार्यता होती है, जिससे मुख्य
बजट का दस्तावेज बनता है। संविधान के अनुच्छेद 112 में इसका
उल्लेख है।
सरकारी बजट के मुख्य घटक-
सरकारी बजट के मुख्यतः दो घटक होते
हैं -
i) राजस्व बजट तथा ii) पूँजीगत बजट
सरकारी बजट के मुख्य घटकों को एक तालिका द्वारा निम्नांकित प्रकार से दर्शाया जा सकता है-
उपर्युक्त तालिका सरकारी बजट की
संरचना को भी दर्शाती है।
राजस्व बजट में सरकार की चालू
प्राप्तियों और उन प्राप्तियों से किये जाने वाले व्यय के विवरण को दर्शाया जाता
है। इसे राजस्व लेखा भी कहा जाता है। इसके अंतर्गत सरकार की राजस्व प्राप्तियाँ
एवं राजस्व व्यय शामिल होती हैं।
राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व तथा गैरकर राजस्व सम्मिलित होते हैं जबकि राजस्व व्यय में योजनागत राजस्व व्यय तथा गैर- योजनागत राजस्व व्यय सम्मिलित होती हैं। पूँजीगत बजट के अंतर्गत सरकार की पूँजीगत प्राप्तियाँ तथा पूँजीगत व्यय शामिल होती हैं। इसे पूंजीगत लेखा भी कहा जाता है। यह सरकार की वित्तीय आवश्यकता तथा उसकी वित्तीय प्रबंधन को भी दर्शाता है। पूँजीगत प्राप्तियों की मुख्य मदें सार्वजनिक कर्ज है, जिसे सरकार द्वारा जनता से लिया जाता है। इसे बाजार ऋण ग्रहण कहते हैं। इसके अतिरिक्त पूँजीगत व्यय में योजनागत पूँजीगत व्यय तथा गैर-योजनागत पूँजीगत व्यय सम्मिलित होते हैं।'
MODEL QUESTION PAPER SET-2
वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र 1×1=30
1.उस वक्र का नाम बताएं जो आर्थिक समस्या दर्शाता है.
(A)
उदासीनता वक्र
(B) उत्पादन संभावना वक्र
(C)
मांग वक्र
(D)
उत्पादन वक्र
2. अर्थशास्त्र का जनक किसे कहा जाता है?
(A)
मार्शल
(B) एडम स्मिथ
(C)
पीगू
(D)
इनमें से कोई नहीं
3. सीमांत उपयोगिता किसके बराबर होती है?
(A)
TUn + TUn-1
(B)
TUn-1 - TUn
(C) TUn - TUn-1
(D)
TUn-1 + TUn
4. यदि आय बढ़ने पर उपभोग वस्तु x की मांग बढ़ाता है तो वस्तु x कैसी
वस्तु है ?
(A) सामान्य वस्तु
(B)
निम्नकोटि वस्तु
(C)
गिफिन वात
(D)
पूरक वातु
5.. जब मांग वक्र X-अक्ष के समानांतर है तो मांग की लोच होगी?
(A)
इकाई
(B)
शून्य
(C) अनंत
(D)
इकाई से अधिक
6. कौन सा वक्र का आकार उल्टा" U जैसा होता है?
(A) MP
(B)
TP
(C)
AC
(D)
MC
7. दीर्घकालीन उत्पादन फलन का संबंध निम्न में से किससे
(A)
मांग के नियम
(B)
परिवर्तनशील अनुपात का नियम
(C) पैमाने के प्रतिफल नियम
(D)
मांग की लोच
8. अवसर लागत का वैकल्पिक नाम है.
(A) आर्थिक लागत
(B)
संतुलन मूल्य
(C)
सीमांत लागत
(D)
औसत लागत
9. किसी वस्तु का मूल्य निर्धारित होता है-
(A)
मांग द्वारा
(B)
पूर्ति द्वारा
(C) मांग और पूर्ति द्वारा
(D)
सरकार द्वारा
10. किसने कीमत निर्धारण प्रक्रिया में समय तत्व का विचार प्रस्तुत
किया ?
(A)
रिकार्डो
(B)
बालरम
(C) मार्शल
(D)
पीगू
11. सीमांत लागत वक्र औसत लागत वक्र को किस बिंदु पर काटती है.
(A)
अधिकतम
(B) न्यूनतम
(C)
शून्य
(D)
इनमें से कोई
12. पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की कौन सी विशेषताएं है?
(A)
क्रेताओं और विक्रेताओं की अधिक संख्या
(B)
बालु की रसभरूप श्काड्यौ
(C)
बाजार दशाएं का पूर्ण जान
(D) उपर्युक्त सभी
13. "पूर्ति अपने लिए स्वयं मांग उत्पन्न करती है" यह किसका कथन है?
(A)
रिकार्डो
(B)
पीगू
(C) J.B से
(D)
कीन्स
14. "General Theory of Employment Interest and money" नामक
पुस्तक के लेखक कौन है?
(A)
J.B.Say
(B)
रिकार्डों
(C)
पीगू
(D) J.M कीन्स
15. मिश्रित अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण निर्णय किसके द्वारा लिए जाते
है?
(A)
बाजार
(B)
जनता
(C) सरकार
(D)
संस्था
16. समष्टि अर्थशास्त्र अध्ययन है.
(A) अर्थव्यवस्था में रोजगार का
(B)
वस्तुओं की पूर्ति के नियम
(C)
बाजार में गेह की कीमत
(D)
कार की मांग में लोच का
17. समष्टि अर्थशास्त्र के लिए प्रयुक्त मैक्रो (MACRO) शब्द का क्या
अर्थ है ?
[a]
छोटा
[c]
मध्यम
[d]
इनमे से कोई नहीं
18. निम्नलिखित में से कौन पूंजीगत वस्तु का एक उदाहरण है?
[a]
परिवार में ही उपयोग के लिए फ्रिज
[b]
परिवार में ही उपयोग के लिए सिलाई मशीन
[c] दर्जी की दुकान में उपयोग के लिए सिलाई मशीन
[d]
चावल
19. आपके बैंक खाते में 1 दिसंबर 2024 को ₹50,000 है. यह रकम किस संकल्पना
का उदाहरण है?
[a] स्टॉक
[b]
प्रवाह
[c]
निवेश
[d]
उपभोग
20. किसे देश में एक दिये हुए वर्ष में उत्पादन के साधनों के द्वारा
उत्पादित अंतिम वस्तुओं एवं सेवाओं के बाजार मूल्य को कहा जाता है.
[a] सकल घरेलू उत्पाद
[c]
राष्ट्रीय आय
[b]
शुद्ध घरेलु उत्पाद
[d]
व्यक्तिगत आय
(a)
एनी टाइम मनी
(b)
ऑल टाइम मनी
(c) ओटोमेटेड टेलरमशीन
(d)
इनमें कोई नहीं
22. निम्नलिखित में से मुद्रा का मुख्य कार्य कौन है?
[a]
मूल्य का संचय
[b]
साख का आधार
[c]
संपत्ति की तरलता
[d] विनिमय का माध्यम
23. भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना कब हुई-
[a]
1947 में
[b] 1935 में
[c]
1937 में
[d]
1945 में
24. भारत में 1 रुपये का नोट जारी करता है
[a]
भारतीय रिजर्व बैंक
[b] भारत सरकार का वित्त मंत्रालय
[c]
भारतीय स्टेट बैंक
[d]
इनमें से कोई नहीं
25. MPC+MPS=
[a]
0
[b] 1
[c]
2
[d]
5
26. गुणक को निम्नलिखित में से किस सूत्र द्वारा व्यक्त किया जा सकता
है?
[a]
K = ΔS/ΔI
[b] Κ = ΔΥ/ΔΙ
[c]
KI-S
[d]
इनमे से कोई नहीं
27. जब आय के बढ़ने पर कर की दर भी बढ़ जाए तो इस प्रकार के कर को कौन
सा कर कहेंगे ?
[a]
प्रत्येक्ष कर
[b]
अप्रत्येक्ष कर
[c] प्रगतिशील कर
[d]
आनुपातिक कर
28. प्राथमिक घाटा को दर्शाया जाता है.
[a]
राजकोषीय घाटा + ब्याज का भुगतान
[b] राजकोषीय घाटा ब्याज का भुगतान
[c]
राजस्व व्यय – राजस्व आय
[d]
राजस्व व्यय + राजस्व आय
29. व्यापार शेष =
[a] दृश्य वस्तुओं के निर्यात - दृश्य वस्तुओं के आयात ।
[b]
अदृश्य वस्तुओं के निर्यात -अदृश्य वस्तुओं के आयात।
[c]
दृश्य मदों के आयात - अदृश्य मदों के निर्यात ।
[d]
इनमे से कोई नहीं
30. विदेशी विनिमय दर में परिवर्तन क्यों आता है?
[a]
क्रय शक्ति के परिवर्तन के कारण
[b]
विदेशी विनिमय की मांग में परिवर्तन से
[c]
विदेशी विनिमय की पूर्ति में परिवर्तन से
d. इनमें से किसी से भी ।
Sec-B अति लघु उत्तरीय प्रश्न (2x6=12)
कोई 6 उत्तर देना
है
31. अर्थव्यवस्था की किन्हीं दो केंद्रीय समस्याओं
को लिखें.
उत्तर-
किसी अर्थव्यवस्था की दो केंद्रीय समस्याएँ निम्न है-
i.
किन वस्तुओं का उत्पादन किया जाए और कितनी मात्रा में?
ii.
कैसे उत्पादन किया जाए?
32. सीमांत उपयोगिता को स्पष्ट करें.
उत्तर-
किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई का उपभोग बढ़ाने पर कुल उपयोगिता में जितन वृद्धि होती
है उसे वस्तु की सीमांत उपयोगिता कहते हैं।
MU
= TUn - TUn-1
33. औसत लागत तथा सीमांत लागत वक्र कैसे दिखते
हैं
उत्तर-
औसत लागत तथा सीमांत लागत वक्र की आकृति अंग्रेजी के U-आकार की होती हैं।
34. इकाई के बराबर पूर्ति लोच प्रकट करने वाले
पूर्ति वक्र बनाएं.
उत्तर-
35. समष्टि अर्थशास्त्र में किन समस्याओं का
अध्ययन किया जाता है?
उत्तर - समष्टि अर्थशास्त्र में
सामूहिक स्तर पर आर्थिक समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। जैसे कुल उपभोग, राष्ट्रीय आय
तथा सामान्य कीमत स्तर आदि।
36. टिकाऊ वस्तुओं से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- टिकाऊ वस्तुएँ एक से अधिक
बार प्रयोग में लाई जा सकती है इनका जीवन काल 1 वर्ष से अधिक
होता है जैसे कार,
स्कूटर एवं साईकिल आदि ।
37. उच्च शक्तिशाली मुद्रा के प्रमुख घटक लिखिए.
उत्तर- लोगों के पास नकदी (सिक्के
तथा पत्र मुद्रा) तथा बैंक के पास नकद आरक्षण को उच्च शक्ति वाली मुद्रा कहा जाता
है क्योंकि इसी मुद्रा के आधार पर बैंक साख का निर्माण कर सकते हैं।
H = C+R
H = उच्च शक्ति मुद्रा
C = जनता के पास चलन मुद्रा
R = सरकार एवं बैंकों का RBI के पास जमा
38. सीमांत बचत की प्रवृत्ति को परिभाषित कीजिए
उत्तर - सीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS), बचत
में परिवर्तन ( ΔS
) तथा आय में परिवर्तन (ΔY)
के अनुपात को व्यक्त करता है।
MPS = ΔS/ΔY
Sec-C लघु उत्तरीय प्रश्न (3x6=18)
किन्ही
भी छह प्रश्नों के उत्तर दें। उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दें।
39. एक अर्थव्यवस्था की तीन मुख्य केंद्रीय समस्याएं क्या हैं?
उत्तर-
अर्थव्यस्था की तीन केन्द्रीय समस्याएँ इस प्रकार हैं-
(i)
किन वस्तुओं का उत्पादन किया जाए और कितनी मात्रा में?-
इस समस्या का संबंध विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन के बीच चुनाव की है, एक अर्थव्यवस्था
में यह निश्चित करना होता है कि वह किन वस्तुओं का उत्पादन करें। जैसे उपभोग वस्तु
या पूंजीगत वस्तु, युद्ध की वस्तु या सार्वजनिक वस्तु, शिक्षा पर व्यय या सैन्य सेवाओं
पर व्यय ।
(ii)
वस्तुओं का उत्पादन कैसे करें?- इस समस्या का संबंध
उत्पादन की तकनीक के चुनाव से है। एक अर्थव्यवस्था को यह तय करना होता है कि वह उत्पादन
की किस विधि का चुनाव करें- पूंजीगत तकनीक या श्रमगहन तकनीक। यहां तक कि कृषि कार्यों
में भी तकनीक के चुनाव की समस्या आती है विस्तृत खेती करें या गहन खेती करें। एक उत्पादक
उसी उत्पादन विधि का चुनाव करता है जिसमें उसे न्यूनतम औसत उत्पादन लागत वहन करना पड़ता
है।
(iii)
उत्पादन किसके लिए करें ?- अर्थव्यवस्था में उत्पादित
- वस्तुओं की कितनी मात्रा किसे प्राप्त होगी. अर्थव्यवस्था के उत्पादन को व्यक्ति
विशेष में किस प्रकार विभाजित किया जाए। यह आय के वितरण पर निर्भर करता है। यदि आप
समान रूप से विभाजित होगी, तो वस्तुएँ और सेवायें भी समान रूप से विभाजित होंगी। निर्णायक
सिद्धान्त यह है कि वस्तुओं और सेवाओं को इस प्रकार वितरित करें कि बिना किसी को बदतर
बनाये किसी अन्य को बेहतर बनाया जा सके।
40. जब कोई वस्तु ₹5 में बिक रही थी तो उसकी मांग 100 इकाइयां थी. अब
वस्तु का मूल्य बदलकर ₹8 हो जाता है. जिसके फलस्वरूप मांग घटकर 50 इकाइयां हो जाती
है, मांग की मूल्य लोच की गणना करें.
उत्तर-
दिया हुआ है-
प्रारंभिक
कीमत Po=5
प्रारंभिक
मात्रा Qo=100
नयी
कीमत P1 = 8
नयी
मात्रा Q1 = 50
अतः
ΔP = P1-P0 = 8-5, ΔP = 3
ΔQ
= Q1-Q0 = 50-100, ΔQ =-50
`e_d=\left(-\right)\frac{\Delta Q}{\Delta P}\times\frac{P_0}{Q_0}`
`e_d=\left(-\right)\frac{-50}3\times\frac5{100}=\frac56`
ed
= 0.83 ans
41. सीमांत आगम और सीमांत लागत द्वारा फर्म का सामान्य कैसे निर्धारित
होता है?
उत्तर
- फर्म के संतुलन को सीमांत आगम तथा सीमांत लागत विधि द्वारा भी समझ सकते हैं। फर्म
को संतुलन प्राप्त करने के लिए दो शर्तों को पूरी करनी होती है।
(i)
MR = MC तथा
(ii)
MC रेखा MR को नीचे से काटे ।
सीमांत आय और सीमांत लागत के बीच का अंतर लाभ को बताता है। जब तक सीमांत आय सीमांत लागत से अधिक होता है उत्पादन में वृद्धि लाभदायक है जब सीमांत आय सीमांत लागत के बराबर होती है उस समय फर्म को अधिकतम लाभ की प्राप्ति होती है। यदि उसके बाद भी उत्पादन में वृद्धि होती है तो सीमांत लागत सीमांत आय से अधिक हो जाएगी और उत्पादक को हानि होगी ।
चित्र
से स्पष्ट है कि MC वक्र MR वक्र को दो बिंदुओं E तथा E1 पर काटती है बिंदु
E1 पर उत्पादन OQ1 है। यदि उत्पादक इसी बिंदु पर संतुलन को प्राप्त
करता है तो उत्पादन वृद्धि होने पर मिलने वाले लाभ से वंचित रहना पड़ेगा। E1
बिंदु से E बिंदु के बीच सीमांत लागत कम है सीमांत आय से। E बिंदु पर MR = MC । E बिंदु
के बाद यदि उत्पादक उत्पादन करेगा तो उसे हानि प्राप्त होगी क्योंकि सीमांत लागत सीमांत
आय से अधिक होगा।
42. संतुलन को परिभाषित करें। किस स्थिति में बाज़ार को संतुलन अवस्था में कहा जाता है?
उत्तर:- संतुलन उस स्थिति को कहते
हैं जब किसी प्रकार के परिवर्तन होने की प्रवृत्ति नहीं होती। मांग तथा पूर्ति की
दशा में किसी में न तो मांग में और न ही पूर्ति में परिवर्तन लाने की प्रवृत्ति
होती है और न ही कीमत में परिवर्तन होने की प्रवृत्ति होती है। बाजार उस समय दशा
में संतुलन अवस्था में होता है जब बाजार में कुल मांग कुल पूर्ति के बराबर होगी।
संतुलन बाजार में शून्य आधिक्य मांग तथा शून्य आधिक्य पूर्ति की स्थिति होती है।
43. व्यष्टि और समष्टि अर्थशास्त्र में अंतर स्पष्ट
उत्तर-
|
व्यष्टि |
समष्टि |
|
1.
इसमें व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों जैसे एक फर्म, एक उपभोक्ता आदि की समस्याओं का अध्ययन
किया जाता है। |
1.
इसमें पूरी अर्थव्यवस्था को एक इकाई मानकर इसकी आर्थिक समस्याओं का अध्ययन किया जाता
है। |
|
2.
माइक्रो (Micro) शब्द ग्रीक शब्द माइक्रस से बना है जिसका अर्थ होता है छोटा या सूक्ष्म। |
2
अँग्रेज़ी भाषा का मैक्रो (Macro) शब्द भी ग्रीक शब्द मेक्रोज से बना है जिसका अर्थ
होता है विशाल अथवा व्यापक। |
|
3.
व्यष्टि का मुख्य उद्देश्य संसाधनों के सर्वोत्तम बंटवारे से होता है। |
3.
समष्टि का मुख्य उद्देश संसाधनों के पूर्ण रोजगार व विकास से होता है। |
|
4.
इसकी मुख्य समस्या कीमत निर्धारण है। |
4.
इसकी मुख्य समस्या आय व रोजगार का निर्धारण है। |
|
5.
इसका मुख्य उपकरण मांग व पूर्ति है। |
5.
इसका मुख्य उपकरण अर्थव्यवस्था की सम्रग मांग व सम्रग पूर्ति है। |
|
6.
व्यष्टि अर्थशास्त्र की अवधारणा को समझना सरल होता है। |
6.
समष्टि अर्थशास्त्र की अवधारणा को समझने में कठिनाई होती है । |
|
7.
व्यष्टि अर्थशास्त्र में आवंटन बहुत जरूरी काम होता है । |
7. इसमें आवंटन को स्थिर माना जा सकता है । |
44. मध्यवर्ती वस्तु तथा अंतिम वस्तु में अंतर स्पष्ट करें.
उत्तर-
मध्यवर्ती वस्तु-
1. मध्यवर्ती वस्तु अन्य वस्तुओं के उत्पादन के लिए उपयोग की
जाती है।
2. मध्यवर्ती वस्तु की मांग उत्पादकों द्वारा की जाती है।
3. मध्यवर्ती वस्तुओं को राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया
जाता।
4. इनकी पुनः बिक्री की जाती है जिससे इनकी उपयोगिता बढ़ जाती
है।
अंतिम वस्तु-
1. अंतिम वस्तु अंतिम उपभोग के लिए उपयोग की जाती है।
2. अंतिम वस्तुओं की मांग उपभोक्ताओं द्वारा की जाती है।
3. अंतिम वस्तुओं को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है।
4. इनको दोबारा बेचा नहीं जाता तथा उपभोग प्रकिया के दौरान
इनकी उपयोगिता कम हो जाती है।
45. अंतिम ऋण दाता के रूप में केंद्रीय बैंक का कार्य समझाएं.
उत्तर- केंद्रीय बैंक देश के अन्य
बैंकों का अंतिम ऋण दाता के रूप में कार्य करता है। इसका अर्थ है कि जब एक बैंक पर
वित्तीय संकट आते हैं और सहायता के अन्य रास्ते बंद हो जाते हैं तब केंद्रीय बैंक
उस बैंक को ऋण देकर उसे वित्तीय संकट से बाहर निकालते हैं। अंतिम ऋण दाता के रूप
में केंद्रीय बैंक,
एक देश की संपूर्ण बैंकिंग प्रणाली को नियंत्रित करता है। इस कार्य का मुख्य
उद्देश्य यह है कि धन के अभाव में किसी लेनदेन में रुकावट उत्पन्न न हो ।
46. सीमांत बचत की प्रवृत्ति को परिभाषित कीजिए.
उत्तर- सीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS) बचत
में परिवर्तन (ΔS ) तथा आय में
परिवर्तन (ΔΥ) के अनुपात को
व्यक्त करता है।
अर्थात, MPS = ΔS/ ΔΥ
इस प्रकार, यह बताता है की
यदि आय में परिवर्तन होगा तो बचत में क्या परिवर्तन होगा। यह बचत में परिवर्तन तथा
आय में परिवर्तन का अनुपात होता है।
Sec-D दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5x4=20)
किन्ही
भी चार प्रश्नों के उत्तर दें। उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दें।
47.
सम सीमान्त उपयोगिता का व्याख्या करें.
उत्तर-
सम सीमांत उपयोगिता नियम के अनुसार जब एक उपभोक्ता एक से अधिक वस्तुओं का उपभोग करता
है तो उसे अपनी सीमित आय से अधिकतम संतुष्टि उस बिंदु पर प्राप्त होगी जहां वह अपनी
आय को विभिन्न वस्तुओं पर इस प्रकार व्यय करे कि प्रत्येक वस्तु से प्राप्त सीमांत
उपयोगिता एवं उनके कीमत का अनुपात आपस में बराबर हो जाए। इसे गोसेन का द्वितीय नियम
भी कहते हैं। अतः कुल संतुष्टि अधिकतम होगी, यदि प्रत्येक वस्तु से प्राप्त सीमांत
उपयोगिता एवं उनके कीमत का अनुपात एक दूसरे के बराबर हो।
अर्थात
`\frac{Mu_x}{P_x}=\frac{Mu_y}{P_y}=\frac{Mu_z}{P_z}=----\frac{Mu_n}{P_n}`
उदाहरण : माना कि वस्तु की प्रति इकाई कीमत रु०2 है
माना किy वस्तु की प्रति इकाई कीमत रु० 3 है
माना कि 2 वस्तु की प्रति इकाई कीमत रु० 4
तथा उपभोक्ता की आय रु० 25
वस्तु की ईकाईयाँ | Mux | Muy | Muz | `\frac{Mu_x}{P_x}` | `\frac{Mu_y}{P_y}` | `\frac{Mu_z}{P_z}` |
1 | 32 | 39 | 48 | 16 | 13 | 12 |
2 | 28 | 33 | 40 | 14 | 11 | 10 |
3 | 24 | 30 | 36 | 12 | 10 | 9 |
4 | 20 | 24 | 32 | 10 | 8 | 8 |
5 | 16 | 21 | 28 | 8 | 7 | 7 |
स्पष्ट है कि जब उपभोक्ता x की चार इकाइयों की 3 इकाइयों तथा z की दो इकाइयों का उपभोग करेगा तो उसे अपनी आय रु० 25 से अधिकतम संतुष्टि
TU= (ΣMUx+ ΣMUy + ΣMUz)
TU =( 32+28+24+20) + (39+33+30) + (48+40)
TU = 294 इकाई प्राप्त होगी।
48. माँग फलन
क्या है? ऐसे दो कारक की व्याख्या करे जो केवल बाजार मांग को प्रभावित करते है?
उत्तर-
माँग फलन किसी वस्तु की माँग तथा उसके विभिन्न निर्धारक तत्वों के बीच संबंध प्रकट
करता है। इससे स्पष्ट होता है कि वस्तु की माँग उस वस्तु की अपनी कीमत, संबंधित वस्तुओं
की कीमत, रूचि तथा प्राथमिकता आदि से किस प्रकार संबंधित है।
व्यक्तिगत
माँग फलन Dx =(Px,PR,Y,T,O)
जहाँ,
Dx = x की माँगी गई मात्रा,
Px
= x की कीमत
PR
= संबंधित वस्तुओं की कीमत,
Y
= उपभोक्ता की आय
O
= अन्य
T
= उपभोक्ता की रूचि और प्राथमिकता,
बाजार
की माँग फलन
DMx
=(Px,PR,Y,T,P,Yd,O)
जहाँ,
PMx = वस्तु x की बाजार माँग
अन्य
सामान P = जनसंख्या का आकार,
Yd
= आय का वितरण
बाजार
माँग को प्रभावित करने वाले दो कारक निम्नलिखित हैं:
(क)
जनसंख्या का आकार किसी वस्तु को खरीदने वाले उपभोक्ताओं की जनसंख्या जितनी अधिक होगी
वस्तु की बाजार माँग उतनी अधिक होगी तथा किसी वस्तु को खरीदने वाले उपभोक्ताओं की जनसंख्या
जितनी कम होगी बाजार माँग उतनी कम होगी। उदाहरण के लिए भारत जैसे देश में शिशु उत्पादों
की माँग अधिक होगी।
(ख)
आय का वितरण यदि आय समान रूप से वितरित है तो आवश्यकताओं की माँग अधिक होगी और विलासिती
वस्तुओं की मांग कम होगी। यदि आय असमान रूप से वितरित है, तो विलासिता वस्तुओं की माँग
अधिक होगी तथा निर्धन लोग निम्नकोटि वस्तुओं की माँग करेंगे।
49. फर्मों की एक स्थिर संख्या होने पर पूर्ण
प्रतिस्पर्धी बाजार में कीमत का निर्धारण किस प्रकार होता है? चर्चा कीजिए.
उत्तर- जब फर्मों की संख्या स्थिर हो तो माँग वक्र बाँई से दाईं
ओर नीचे की ओर ढलान वाला होता है, और पूर्ति वक्र दाईं से बाईं ओर नीचे की कीमत ओर
ढलान वाला होता है। जहां पर ये वक्र एक दूसरे को काटते हैं। अर्थात् जिस कीमत पर बाजार
माँग और बाजार पूर्ति बराबर हो जाते हैं, वहाँ पर संतुलन कीमत का निर्धारण होता है।
इसे नीचे चित्र में दिखाया गया है। बिन्दु पर माँग वक्र DD और पूर्ति वक्र ऽऽ एक दूसरे
को काट रहे हैं,
अतः यह संतुलन बिन्दु है। इसके अनुरूप OP संतुलन कीमत है और OQ संतुलन मात्रा है।
50. मुद्रा आपूर्ति को व्याख्यात्मक ढंग से
समझाए.
उत्तर- किसी भी समय पर मुद्रा की आपूर्ति का अर्थ है अर्थव्यवस्था में विद्यमान मुद्रा का कुल परिमाण
23 जून 1998 में डाॅ. वाई. वी. रेड्डी की अध्यक्षता में गठित कार्यदल ने मुद्रा आपूर्ति के संकेतकों ( M1 , M2 , M3 , M4 ) की सिफारिश की।
1. M1 = जनता के पास ( करेन्सी, नोट तथा सिक्के) + बैंको की मांग जमाऐ ( चालू और बचत खातों की ) + रिजर्व बैंक के पास अन्य जमाये
2. M2 = M1 + डाकघरों की बचत बैंक जमाये
3. M3 = M1 + बैंकों की सावधि जमाये
4. M4 = M3 + डाकघर की कुल जमाये
मुद्रा की पूर्ति मुद्रा अधिकारियों द्वारा स्वतंत्र रूप से निर्धारित की जाती है। मुद्रा की पूर्ति के दो निर्धारक तत्व हैं - व्यावसायिक बैंकों की जमा राशि तथा लोगों द्वारा रखी जाने वाली मुद्रा की मात्रा
सूत्र से ,
M = D + C ------------------------(1)
जहां , M = मुद्रा की मात्रा , D = बैंको की मांग जमा राशि, C = लोगों के पास मुद्रा की मात्रा।
शक्तिशाली मुद्रा तीन तत्त्वो से निर्धारित होती है - लोगों द्वारा नकद मुद्रा की मांग (C) बैंकों द्वारा रिजर्व अनुपात की मांग (RR), एवं बैंको द्वारा अतिरिक्त रिजर्व की मांग (ER)
सूत्र से,
H = C + RR + ER --------------------(2)
यदि हम `\frac CD` को Cr ,`\frac{R}D` को RRr तथा `\frac{ER}D` ERr से प्रतिस्थापित कर दे तो सूत्र निम्न प्रकार होगा -
51. सार्वजनिक व्यय का एक अर्थव्यवस्था के
विकास में क्या महत्त्व है? स्पष्ट करे.
उत्तर- सार्वजनिक व्यय का एक अर्थव्यवस्था
के विकास में बहुत अधिक महत्व है। इसे निम्नलिखित आधारों पर स्पष्ट किया जा सकता है।
बजट सरकार की प्रत्याशित आय तथा प्रत्याशित व्यय का ऐसा ब्यौरा है जो एक वित्तीय वर्ष
में अप्रैल 1 से मार्च 31 तक के अनुमानों को प्रकट करता है। इसमें बीते वर्ष की उपलब्धियों
तथा कीमतों से संबंधित रिपोर्ट भी सम्मिलित होती है। अन्य शब्दों में, सरकारी बजट एक
वित्तीय वर्ष की अवधि के दौरान सरकार की अनुमानित आय और व्ययों का विवरण होता है।
1. आय तथा संपत्ति को पुनः विवरण आय
की असमानताएँ दूर करने में सरकारी बजट की भूमिका है। बजटीय नीति का उपयोग करके आय की
असमानताएँ दूर की जा सकती हैं।
2. संसाधनों का कुशल आबंटन: देश के
संसाधनों के आबंटन को पूर्णरूपेण बाजार की शक्तियों पर नहीं छोड़ा जा सकता इसलिए देश
के विभिन्न क्षेत्रों का प्राथमिकताओं के अनुसार सामाजिक व आर्थिक संतुलित विकास करना
बजट का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इसके लिए कर नीति व आर्थिक सहायता की नीति बहुत
महत्वपूर्ण हो सकती है।
3. आर्थिक स्थिरता- कर आर्थिक सहायता,
सार्वजनिक व्यय के माध्यम से सरकार समग्र माँग को नियंत्रित करके मंदी व तेजी अथवा
स्फीति अवस्फीति पा सकती है, जिससे आर्थिक स्थिरता लाई जा सकती है।
4. सार्वजनिक उद्यमों का प्रबंधन: बहुत
से क्षेत्र ऐसे हैं जो निजी क्षेत्रों के द्वारा भी चुने जा सकते हैं। इन क्षेत्र कों
को सरकार को चलाना पड़ता है, क्योंकि ये उद्यम सामाजिक कल्याण की दृष्टि से तो बहुत
महत्वपूर्ण होते हैं, परंतु ये उत्तम लाभ नहीं देते हैं।
52. निवेश गुणक है क्या है इसके सूत्र को कैसे
स्थापित किया जाता है? समझाए.
उत्तर- कीन्स द्वारा प्रतिपादित आय, उत्पादन एवं
रोजगार सिद्धांत का एक महत्वपूर्ण अंग है गुणक का सिद्धांत कीन्स के अनुसार जब
अर्थव्यवस्था में स्वतंत्र निवेश किया जाता है तब आय में जो वृद्धि होती है वह
स्वतंत्र निवेश से कई गुणा अधिक होती है। निवेश की तुलना में आयु में जितनी गुणा
की वृद्धि होती है उसे ही निवेश गुणक कहते हैं।
अर्थात,
K=ΔY/ΔI
या, ΔY= K. ΔI
इस प्रकार गुणक आय में परिवर्तन से
निवेश में परिवर्तन का अनुपात है या यह वह अंक है जिसे निवेश में परिवर्तन से गुणा
करके आप में हुई वृद्धि को प्राप्त किया जा सकता है।
गुणक की माप MPC पर
निर्भर करती है।
K = 1/1-MPC
इस प्रकार स्पष्ट है कि गुणक की
माप MPC पर
निर्भर करती है। MPC
का मान जितना बड़ा होगा गुणांक का मान भी उतना ही बड़ा होगा। गुणक का मान 1 से अनंत के बीच
होता है।
MODEL QUESTION PAPER SET-3
वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र 1×1=30
1. "Wealth of Nations" नामक पुस्तक किसने लिखा?
(A)
मार्शल
(B) एडम स्मिथ
(C)
पीगू
(D)
जे. एम. कीन्स
2. उत्पादन संभावना वक्र की विशेषताएं क्या हैं?
(A) यह वक्र ऊपर से नीचे दायी ओर झुकती है.
(B)
एक सरल रेखा होती है.
(C)
यह Y-अक्ष के समांतर होती है.
(D)
इनमें से कोई नहीं.
3. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की विशेषताएं कौन क्या हैं?
(A)
उत्पादन के साधनों पर निजी स्वामित्व
(B)
उत्पादन का उद्देश्य अधिकतम लाभ अर्जित करना
(C)
आर्थिक क्रियाओं में सरकारी हस्तक्षेप न होना
(D) इनमें से सभी
4. सीमान्त उपयोगिता शून्य होती है तब
(A)
कुल उपयोगिता स्थिर रहती है.
(B)
कुल उपयोगिता घटती दर से बढ़ती है.
(C) कुल उपयोगिता अधिकतम होती है.
(D)
कुल उपयोगिता ऋणात्मक होती है.
5. गांसन का पहला नियम कौन सा है?
(A) घटती हुई सीमान्त उपयोगिता नियम
(B)
मांग का नियम
(C)
सम-सीमान्त उपयोगिता नियम
(D)
इनमें से कोई नहीं
6. वस्तु की कीमत कम होने पर मांग में क्या प्रभाव पड़ता है?
(A)
वस्तु मांग कम होती है.
(B) मांग अधिक होती है
(C)
मांग स्थिर रहती है
(D)
इनमें से कोई नहीं.
7. पूरक वस्तु का उदाहरण कौन सा है?
(A)
चाय तथा कॉफी
(B)
पेप्सी तथा कोको-कोला
(C) कलम-स्याही
(D)
गुड़ तथा चीनी
8 मांग वक्र की ढाल नीचे की ओर झुके होने का क्या कारण है?
(A)
घटते सीमान्त उपयोगिता का नियम
(B)
उपभोक्ताओं की संख्या में परिवर्तन
(C)
एक वस्तु की विभिन्न प्रयोग
(D) इनमें से सभी
9. पूर्णतः लोचशील मांग के मांग वक्र का आकार कैसा होता है?
(A)
Y- अक्ष के समान्तर
(B) X- अक्ष के समान्तर
(C)
कम अधिक ढाल वाला
(D)
कम दाल वाला
10. जब किसी वस्तु की बहुत आवश्यक वस्तु की मांग की लोच कैसा कौन सा
है?
(A) कम लोचशील
(B)
अधिक लोचशील
(C)
इकाई लोचशील
(D) इनमें से सभी
11. वस्तु पैमाने के प्रतिफल का सम्बन्ध किससे है?
(A)
अल्पकाल में
(B) दीर्घकाल से
(C)
अति अल्पकाल
(D)
वर्तमान काल से
12. AFC वक्र किसे कहते है? या सही निष्पन्न किसमे हैः-
(A)
AFC = TFC
(B) AFC = TFC/Q
(C)
AFC = Q/MC
(D)
AFC = Q/A
13. उत्पादन संतुलन के लिए एक आवश्यक शर्त है:
(A)
MR=TC
(B) MR=MC
(C)
MR>MC
(D)
MR=AR
14. किसने कहा 'समष्टि अर्थशास्त्र पूर्ण आर्थिक प्रणाली की कार्यशीलला
से सम्बन्ध रखता है"
(A)
एडम स्मिथ
(B)
J.M. KEYNS
(C)
MARSHALL
(D) शेपीरो
15. कृषि, खनन तथा कृषि सहगामी क्रियाएं कौन से क्षेत्र में आते हैं:
(A) प्राथमिक क्षेत्र
(B)
द्वितीयक क्षेत्र
(C)
तृतीय क्षेत्रक
(D)
इनमें से कोई नहीं
16. "पूर्ति स्वयं ही अपनी मांग का पूरा कर लेती है" यह कथन
किसका है?
(A)
A.C. पीगू
(B)
एडम स्मिथ
(C) J.B. SAY
(D)
मार्शल
17. निर्धन की MPC होती है
(A)
कम
(B) अधिक
(C)
स्थिर
(D)
इनमें से सभी
18. MPC + MPS = ?
(A)
शून्य
(B)
एक से अधिक
(C)
एक से कम
(D) एक के बराबर
19. मुद्रा निर्माण या ऋण निर्माण की प्रक्रिया किसके द्वारा की जाती
है
(a)
ग्रामीण बैंक
(b)
विश्व बैंक
(c)
केंद्रीय बैंक
(d) वाणिज्यिक बैंक
20. बजट सम्बन्धी नीति सरकार की कौन सी नीति का उदाहरण है
(A)
मौद्रिक नीति
(B) राजकोषीय नीति
(C)
बैंक दर नीति
(D)
खुले बाजार की नीति
21. मुद्रा के RBI की स्थापना कब हुई
(A)
1947
(B) 1935
(C)
1835
(D)
2001
22. व्यावसायिक बैंक का प्राथमिक कार्य कौन सा है?
(A) जमा ग्रहण प्रदान करना
(B)
मुद्रा छापना
(C)
ऋण का निर्धारण करना
(D)
इनमें से सभी
23. सरकार का वार्षिक बजट किसके द्वारा प्रभावित किया जाता है?
(A)
राष्ट्रपति
(B)
प्रधानमंत्री
(C) वित्त मंत्री
(D)
RBI गवर्नर
24. सार्वजनिक बजट का कार्य है?
(A)
संस्था संसाधनों का अबंटन
(B)
आय वितरण
(C)
आर्थिक स्थिरता
(D) उपरोक्त सभी
25. विदेशी विनिमय दर का निर्धारण कौन सा प्रमुख घटक है
(A)
घरेलू आय
(B) विदेशी मुद्रा की मांग स्वकृति
(C)
कर दर
(D)
लाभ दर
26. पूंजी लेखा खाता का उदाहरण है:
(A) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
(B)
आयात-निर्यात
(C)
प्रेषण
(D)
सेवाओं का निर्यात
27. मुद्रा का मुख्य कार्य है:-
(A)
मूल्य संग्रह
(B)
विनिमय का माध्यम
(C)
लेखा की इकाई
(D) उपरोक्त सभी
28. निम्न चित्र किस बाजार को प्रदर्शित करता है?

(A) पूर्ण प्रतियोगिता
(B)
एकाधिकार
(C)
एकाधिकारी प्रतियोगिता
(D)
इनमें से कोई नहीं
29. (Micro) जिसका अर्थ होता है छोटा, निम्न में से कौन की भाषा में
उद्भव हुआ है.
(A)
जर्मन
(B) ग्रीक
(C)
अंग्रेजी
(D)
इनमें से कोई नहीं
30. अर्थव्यवस्था को वर्गीकृत किया जा सकता है.
(A)
पूंजीवादी के रूप में
(B)
समाजवादी के रूप में
(C)
मिश्रित के रूप में
(D) इनमें सभी.
Sec-B अति लघु उत्तरीय प्रश्न (2x6=12)
कोई 6 उत्तर देना
है
31. साधन आय क्या है?
उत्तर- उत्पादन के साधन लगान
मजदूरी ब्याज तथा लाभ के रूप में अपना पारिश्रमिक प्राप्त करते हैं जिन्हें उनकी
साधन आय कहते हैं।
32. मंदी से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- 1974
में अमेरिका के अर्थशास्त्री जूलियस सिस्किन ने मंदी को
लेकर एक विवरण दिया था, उन्होंने कहा कि ग्रोथ में लगातार दो तिमाहियों तक गिरावट
आए तो इसे मंदी माना जा सकता है।
आर्थिक गतिविधियों में इस तरह की मंदी कुछ तिमाहियों तक बनी रह सकती है जिससे
अर्थव्यवस्था के विकास में पूरी तरह से बाधा उत्पन्न होती है। ऐसे में आर्थिक संकेतक जैसे
जीडीपी, कॉर्पोरेट मुनाफा, रोजगार आदि में गिरावट आती है।
33. मुद्रा के प्राथमिक कार्य क्या है?
उत्तर-
1.
विनिमय का माध्यम
2.
मूल्य का मापक ।
34. स्वायत्त निवेश क्या है?
उत्तर- स्वायत्त
निवेश वह निवेश है जो आय के स्तर में परिवर्तन से प्रभावित नहीं होता अर्थात् आय निरपेक्ष
होता है।
35. प्रत्यक्ष कर को परिभाषित करें.
उत्तर- प्रत्यक्ष कर वह कर है जिसका अंतिम भार उसी व्यक्ति को उठाना
पड़ता है जिस व्यक्ति पर कर लगाया गया है। अर्थात् इस कर के अंतिम भार को किसी अन्य
व्यक्ति पर टाला नहीं जा सकता। जैसे आयकर, उपहार कर, धन कर, निगम कर, आदि प्रत्यक्ष
कर के उदाहरण हैं।
36. वस्तु विनिमय प्रणाली के दो दोष बताइए.
उत्तर- वस्तु विनिमय प्रणाली की
कठिनाइयां-
(i) दोहरे संयोग का
अभाव- इसमें आवश्यकताओं के दोहरे संयोग का अभाव पाया जाता है।
आवश्यकताओं के दोहरे संयोग का मतलब यह है कि दो व्यक्ति ऐसे होने चाहिए जिनको एक
दूसरे की वस्तु की आवश्यकता हो और वह उन्हें बदल सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि मोहन
के पास गेहूं है और उसके बदले वह दूध चाहता है तो उसे एक ऐसे व्यक्ति की खोज करनी
होगी जिसके पास दूध हो और वह दूध के बदले में गेहूं लेने के लिए तैयार हो लेकिन
वास्तविक जीवन में इस प्रकार का दोहरा संयोग मिलना बहुत ही कठिन है।
(ii) मूल्य के
सामान्य मापक का अभाव- इसमें मूल्य के एक सामान्य मापक का अभाव पाया जाता है।
इसके फलस्वरूप दो वस्तुओं के बीच विनिमय की मात्रा निश्चित करना कठिन हो जाता है ।
उदाहरण के लिए,
यह बतलाना बहुत ही कठिन है कि एक बकरी के बदले कितना कपड़ा दिया जाए अथवा एक
गाय के बदले कितनी बकरियां दी जाए ।
37. अनैच्छिक बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- बेरोजगारी की ऐसी स्थिति
होती है जिसमें लोग काम करने के योग्य होते हैं और प्रचलित मजदूरी दर पर काम करने
के लिए तैयार होते हैं किंतु उन्हें काम नहीं मिलता है।
38. अवस्फीतिक अंतराल क्या होता है?
उत्तर- अवस्फीतिक अंतराल
एक आर्थिक स्थिति है जहाँ किसी अर्थव्यवस्था का वास्तविक उत्पादन उसके संभावित उत्पादन
से कम होता है। यह तब होता है जब कुल मांग पूर्ण रोजगार के स्तर पर कुल आपूर्ति से
कम होती है। इससे संसाधनों का कम उपयोग होता है और उच्च बेरोजगारी दर उत्पन्न होती
है।
Sec-C लघु उत्तरीय प्रश्न (3x6=18)
किन्ही
भी छह प्रश्नों के उत्तर दें। उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दें।
39.
स्थानापन्न वस्तुएं तथा पूरक वस्तुएं में क्या अंतर है?
उत्तर- स्थानापत्र
वस्तु- स्थानापत्र वस्तु ऐसी वस्तुएं होती है जो एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग की जाती
है। जैसे चाय और कॉफी, चावल और रोटी।
पूरक
वस्तु- पूरक वस्तु ऐसी वस्तु होती है जिनका प्रयोग एक साथ होता है। जैसे कार एवं पेट्रोल,
पेन एवं स्याही
40. पूर्ति के नियम को समझाएं.
उत्तर- अन्य
बातें समान रहने पर किसी वस्तु की अपनी कीमत बढ़ने पर पूर्ति की गई मात्रा बढ़ जाती है
और कीमत कम होने पर पूर्ति की गई मात्रा कम हो जाती है।
|
Px |
Sx |
|
10 |
100 |
|
11 |
200 |
|
12 |
300 |
तालिका से ज्ञात होता है कि जब वस्तु की अपनी कीमत ₹10 से बढ़कर 11 हो जाती है तो पूर्ति की गई मात्रा 100 इकाइयों से बढ़कर 200 इकाइयों हो जाती है इसी तरह कीमत के ₹11 से बढ़कर ₹ 12 होने पर यह 200 इकाइयों से बढ़कर 300 इकाइयां हो जाती हैं इसका अर्थ है कि वस्तु की अपनी कीमत तथा इसकी पूर्ति के लिए मात्रा में धनात्मक संबंध है इसे हम रेखा चित्र द्वारा दिखाते हैं।
पूर्ति
वक्र (SS) का ढलान ऊपर की ओर है यह प्रकट करता है कि वस्तु की अपनी कीमत बढ़ने पर पूर्ति
की गई मात्रा भी बढ़ती है। जब कीमत OP से बढ़कर OP1 हो जाती है तो पूर्ति
की गई मात्रा OQ से बढ़कर OQ1 हो जाती है।
41. अल्पकालीन औसत लागत वक्र "U" आकार का क्यों होता है?
उत्तर-
परिवर्तनशील अनुपात का नियम लागू होने के कारण अल्पकालीन सीमांत लागत (SMC), 'U' आकार
की होती है।
परिणामस्वरूप
अल्पकालीन सीमांत लागत की रेखा दिये गये कारक मूल्य के साथ प्रारंभ में गिरती है और
न्यूनतम बिंदु तक पहुँचने के बाद इसमें वृद्धि होने लगती है। अतः अल्पकालीन सीमांत
लागत का U- आकार की होती है। चित्र द्वारा प्रस्तुतीकरण:-
42. व्यावसायिक बैंक तथा केन्द्रीय बैंक में क्या अंतर है?
उत्तर- उत्तर -
|
अंतर का आधार |
केंद्रीय
बैंक |
व्यावसायिक बैंक |
|
1. अर्थ |
केंद्रीय बैंक उस बैंक को कहते
हैं जो देश की बैंकिंग प्रणाली का नियमन करता है और निर्देशन देता है। |
व्यावसायिक बैंक उस बैंक
को कहते हैं जो लाभ कमाने के उद्देश्य से जमा स्वीकार करते हैं तथा ऋण देते हैं। |
|
2. उद्देश्य |
इनका उद्देश्य मुद्रा तथा साख पर
नियंत्रण कर के देश
में स्थिरता लाना है । |
इसका मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना
है । |
|
3. जनता के साथ संबंध |
इसका जनता के साथ
प्रत्यक्ष संबंध
नहीं होता । |
इसका जनता के साथ
प्रत्यक्ष संबंध होता है। |
|
4. प्रतियोगिता |
केंद्रीय बैंक किसी भी बैंक के
साथ कोई प्रतियोगिता नहीं करता। |
व्यावसायिक बैंकों में
प्रतियोगिता पाई जाती है। |
|
5. विदेशी
मुद्रा |
रिजर्व बैंक देश की विदेशी
मुद्रा आरक्षण का संरक्षक है। |
व्यावसायिक बैंक केवल विदेशी
मुद्रा का
लेन-देन करते
हैं। |
|
6. सरकार |
इस पर सरकार का नियंत्रण होता
है। |
इस पर नियंत्रण सरकार का भी
हो सकता
है और निजी व्यक्तियों
का भी । |
43. किसी अर्थव्यवस्था की किन्हीं तीन केन्द्रीय समस्याओं को लिखें.
उत्तर-
अर्थव्यस्था की तीन केन्द्रीय समस्याएँ इस प्रकार हैं-
(i)
किन वस्तुओं का उत्पादन किया जाए और कितनी मात्रा में?-
इस समस्या का संबंध विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन के बीच चुनाव की है, एक अर्थव्यवस्था
में यह निश्चित करना होता है कि वह किन वस्तुओं का उत्पादन करें। जैसे उपभोग वस्तु
या पूंजीगत वस्तु, युद्ध की वस्तु या सार्वजनिक वस्तु, शिक्षा पर व्यय या सैन्य सेवाओं
पर व्यय ।
(ii)
वस्तुओं का उत्पादन कैसे करें?- इस समस्या का संबंध
उत्पादन की तकनीक के चुनाव से है। एक अर्थव्यवस्था को यह तय करना होता है कि वह उत्पादन
की किस विधि का चुनाव करें- पूंजीगत तकनीक या श्रमगहन तकनीक। यहां तक कि कृषि कार्यों
में भी तकनीक के चुनाव की समस्या आती है विस्तृत खेती करें या गहन खेती करें। एक उत्पादक
उसी उत्पादन विधि का चुनाव करता है जिसमें उसे न्यूनतम औसत उत्पादन लागत वहन करना पड़ता
है।
(iii)
उत्पादन किसके लिए करें ?- अर्थव्यवस्था में उत्पादित
- वस्तुओं की कितनी मात्रा किसे प्राप्त होगी. अर्थव्यवस्था के उत्पादन को व्यक्ति
विशेष में किस प्रकार विभाजित किया जाए। यह आय के वितरण पर निर्भर करता है। यदि आप
समान रूप से विभाजित होगी, तो वस्तुएँ और सेवायें भी समान रूप से विभाजित होंगी। निर्णायक
सिद्धान्त यह है कि वस्तुओं और सेवाओं को इस प्रकार वितरित करें कि बिना किसी को बदतर
बनाये किसी अन्य को बेहतर बनाया जा सके।
44. पूर्ति के लोच से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- सैम्युलसन
के अनुसार ," पूर्ति की लोंच कीमत में होने वाले परिवर्तन
के फलस्वरूप पूर्ति में होने वाले परिवर्तन की प्रतिक्रिया की मात्रा है।"
`E_s=\frac{\frac{Q_1-Q}Q}{\frac{P_1-P}P}`
`E_s=\frac{\frac{\Delta Q}Q}{\frac{\Delta P}P}=\frac{\Delta Q}Q\times\frac P{\Delta P}`
45. अवसर लागत क्या है? उदाहरण के साथ समझाएं
उत्तर- किसी
साधन के अवसर लागत से अभिप्राय उसके दूसरे सर्वश्रेष्ठ वैकल्पिक मूल्य से है।
मान
लीजिए संसाधनों के एक निश्चित सेट के दो प्रयोग है। यदि प्रयोग 1 में उत्पाद का मूल्य
400रु. तथा प्रयोग 2 में उत्पादन का मूल्य
500 रु. है। ( उत्पादन की तकनीक में कोई परिवर्तन नहीं होता) तो सामान्य बुद्धि की बात है कि संसाधनों को प्रयोग
2 में लगाया जाएगा ।
46. संतुलन कीमत क्या है? रेखाचित्र बनाएं.
उत्तर- संतुलन कीमत वह कीमत है जिस पर मांग तथा पूर्ति एक-दूसरे के बराबर होते हैं या जहां क्रेता की खरीद तथा विक्रेताओं की बिक्री एक- दूसरे के समान होती है। पूर्ण प्रतियोगिता बाजार में संतुलन कीमत का निर्धारण मांग तथा पूर्ति की शक्तियों द्वारा होती है।
Sec-D दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5x4=20)
किन्ही
भी चार प्रश्नों के उत्तर दें। उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दें।
47. मांग की लोच को मापने की विभिन्न विधियों
का वर्णन करें.
उत्तर- उत्तर-
मांग की लोच मांग के नियम का परिमाणात्मक अध्ययन प्रस्तुत करता है किसी वस्तु की कीमत
में परिवर्तन से उसकी मांगी गई मात्रा में कितना परिवर्तन होता है यह मांग की लोच द्वारा
ज्ञात किया जा सकता है। इसकी व्याख्या मार्शल द्वारा की गयी है।
मार्शल
के अनुसार "मांग की लोच का बाजार में कम या अधिक होना इस बात पर निर्भर करता है
कि वस्तु की कीमत में एक निश्चित मात्रा में परिवर्तन होने पर उसकी मांग में सापेक्ष
सेअधिक या कम अनुपात में परिवर्तन होता है।"
मांग
की लोच का अर्थ मांग की कीमत लोच से ही लिया जाता है जब वस्तु की कीमत में परिवर्तन
के परिणाम स्वरूप मांग की मात्रा में आनुपातिक परिवर्तन की माप की जाती है तो उसे मांग
की कीमत लोच कहते हैं। मांग की लोच कीमत में परिवर्तन से मांग में होने वाली परिवर्तन
की मात्रा एवं दिशा दोनों को बताता है।
मांग
की लोच की माप की विधियां
i. आनुपातिक विधि या प्रतिशत विधि मांग की लोच के माप की प्रतिशत या आनुपातिक विधि का प्रतिपादन प्रोफेसर फ्लाक्स ने किया है। इस विधि के अनुसार मांग की लोच को ज्ञात करने के लिए मांग में होने वाले आनुपातिक या प्रतिशत परिवर्तन को कीमत में होने वाले आनुपातिक या प्रतिशत परिवर्तन से भाग दिया जाता है।
माना,
प्रारंभिक कीमत - Po
प्रारंभिक मांग- Qo
नई कीमत- P1
नई मांग- Q1
कीमत में परिवर्तन - ΔP = P1-P0
मांग में परिवर्तन - ΔQ = Q1-Q0
कीमत में आनुपातिक परिवर्तन - ΔP/Po
मांग में आनुपातिक परिवर्तन - ΔQ/Q0
आनुपातिक विधि
`e_d=\left(-\right)\frac{\frac{\Delta Q}{Q_0}}{\frac{\Delta P}{P_0}}=\frac{\Delta Q}{Q_0}\times\frac{P_0}{\Delta P}`
`e_d=\left(-\right)\frac{\Delta Q}{\Delta P}\times\frac{P_0}{Q_0}`
प्रतिशत विधि
कीमत में प्रतिशत परिवर्तन – ΔP/ P0 x 100
मांग में प्रतिशत परिवर्तन – ΔQ/Q0 x 100
अन्य बातें समान रहने पर माँग की लोच, माँग में प्रतिशत परिवर्तन तथा कीमत में प्रतिशत परिवर्तन के अनुपात को बतलाती है।
ii. कुल व्यय विधि - मांग की लोच की माप की कुल व्यय विधि का प्रतिपादन प्रोफेसर मार्शल द्वारा किया गया। इस विधि में यह ज्ञात किया जाता है कि वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने से कुल व्यय में कितना और किस दिशा में परिवर्तन हुआ है। कीमत में परिवर्तन तथा व्यय में परिवर्तन की दिशा के आधार पर मांग की लोच का आकलन किया जाता है। इस विधि में मांग की लोच की केवल 3 श्रेणियों का आकलन किया जा सकता है- इकाई के बराबर लोच, इकाई से अधिक लोच एवं इकाई से कम लोच।
इस विधि को निम्न तालिका के माध्यम से स्पष्ट किया जा सकता
iii. बिंदु विधि या ज्यामितीय विधि - इस विधि द्वारा हम एक रेखिय मांग वक्र के किसी बिंदु पर मांग की लोच ज्ञात कर सकते हैं। मांग की रेखा पर कोई भी बिंदु मांग की रेखा को दो भागों में बांट देती है एक बिंदु के ऊपर का रेखा खंड तथा दूसरा बिंदु के नीचे का रेखा खंड। मांग की लोच को ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है।
ed= निचला रेखा खंड / उपर का रेखा खंड
48. सरकारी बजट क्या है? इसके उद्देश्यों
को लिखें.
उत्तर- बजट सरकार की प्रत्याशित आय तथा प्रत्याशित
व्यय का ऐसा ब्यौरा है, जो एक वित्तीय वर्ष में 1 से मार्च 31 तक के अनुमानों को प्रकट
करता है। इसमें बीते वर्ष की उपलब्धियों तथा कमियों से संबंधित रिपोर्ट भी सम्मिलित
होती है। अन्य शब्दों में, 'सरकारी बजट एक वित्तिय वर्ष की अवधि के दौरान होता है सरकार
की अनुमानित आय और व्ययों का विवरण होता है। सरकारी बजट के उद्देश्य निम्नलिखित हैं।
(i) आय तथा संपत्ति का पुनः वितरण
(ii) संसाधनों का कुशल आबंटन
(iii) आर्थिक स्थिरता बनाए रखना
(iv) सार्वजनिक उद्यमों का प्रबंधन
49. "भुगतान संतुलन सदा संतुलित रहता
है." व्याख्या करें.
उत्तर- लेखांकन
संदर्भ तथा व्यावहारिक संदर्भ
में भुगतान संतुलन की धारणा को निम्न उदाहरण द्वारा समझा जा सकता
है।
तालिका
|
लेनदारी
(Credits) |
करोड़
रु. |
देनदारी
(Debits) |
करोड़
रु. |
|
वस्तुओं
का निर्यात |
550 |
वस्तुओं
का आयात |
800 |
|
सेवाओं
का निर्यात (बैंकिंग,
शिपिंग,बीमा,
टूरिज्म आदी) |
150 |
सेवाओं
का आयात (बैंकिंग,
शिपिंग,बीमा,
टूरिज्म आदी) |
50 |
|
शेष
विश्व से हस्तांतरण भुगतान (उपहार,
सहायता आदी) |
100 |
शेष
विश्व को हस्तांतरण भुगतान
(उपहार,
सहायता आदी) |
80 |
|
पूंजीगत
प्राप्तियां (करते;
विदेशियों को संपत्ति की बिक्री,
विदेशियों से पूंजी की प्राप्ति आदि) |
200 |
पूंजीगत
भुगतान (विदेशियों
को ऋण,
विदेशियों से संपत्ति
का क्रय,
विदेशियों को पूंजी का भुगतान आदी) |
70 |
|
कुल
प्राप्तियां |
1000 |
कुल
देनदारियां |
1000 |
उपरोक्त
तालिका से ज्ञात होता
है कि लेखांकन की दृष्टि से
भुगतान शेष सदैव
संतुलित होता है क्योंकि कुल प्राप्तियां तथा कुल देनदारियां
एक दूसरे के बराबर (1000) है।
परंतु
व्यवहारिक दृष्टि से यह असंतुलित हो सकता है। तालिका का विश्लेषण करने से निम्नलिखित
तथ्य प्रकट होते हैं -
1. व्यापार शेष :- व्यापार शेष (वस्तुओं के निर्यात
तथा आयात का अंतर) है। यह सदैव बराबर अर्थात संतुलित नहीं होता
व्यापार शेष = वस्तुओं के निर्यात
- वस्तुओं के आयात
= 500 करोड़
- 800 करोड़
= (-250 करोड़)
(प्रतिकूल)
अर्थात
व्यापार शेष घाटे का या प्रतिकूल है। यह व्यापार शेष
के असंतुलन का उदाहरण है।
2. चालू खाते का भुगतान शेष :- रह
130 करोड़ रुपये के घाटे को प्रकट करता है।
चालू
खाते का भुगतान शेष
= व्यापार शेष (वस्तुओं
का निर्यात - वस्तुओं
का आयात) + सेवाओं
का शेष (सेवाओं
का निर्यात - सेवाओं
का आयात) + हस्तांतरण
शेष (हस्तांतरण प्राप्तियां
- हस्तांतरण भुगतान)
= (550 - 800) + (150 -
50) + (100 - 80)
= (-) 250 + 100 +20
= (-) 130 करोड़
रुपये
अतएव
चालू खाते का भुगतान शेष
घाटे (-130 करोड़
रुपये) का
है अर्थात असंतुलित है।
3. पूंजीगत खाते का भुगतान शेष :- यह
130 करोड़ रुपए के आधिक्य को
प्रकट करता है। पूंजीगत खाते
का भुगतान शेष = 200 - 70 = 130 करोड़ रुपये
4. समुचित भुगतान शेष संतुलित होता है :-
(1000 करोड़ रुपये की
प्राप्तियां = 1000 करोड़ रुपये का
भुगतान) क्योंकि पूंजी खाते का 130 करोड़ रुपये
का आधिक्य चालू खाते के ऋणात्मक
शेष 130 करोड़
रुपये की
क्षतिपूर्ति करता है।
पूंजी
खाते में 130 करोड़ रुपये
का आधिक्य कहां से आया।
दरअसल
130 करोड़ रुपये विदेशी ऋणो के
रूप में प्राप्त हुए हैं। पूंजी
खाते का यह आधिक्य हमारी
ऋणग्रस्तता को प्रकट
करता है, जो सुदृढ़ वित्तीय स्थिति
का सूचक नहीं है।
50. व्यापारिक बैंक द्वारा साख सृजन की प्रक्रिया
को समझाएं.
उत्तर-
वर्त्तमान समय में व्यापारिक बैंक मुद्रा का केवल लेन-देन ही नहीं करता बल्कि साख का
निर्माण भी करता है।
प्रो.
हॉम के अनुसार बैंकों की जमाएँ दो प्रकार की होती हैं प्राथमिक जमाएँ और व्युत्पन्न
जमा। प्राथमिक जमाएँ वे जमाएँ होती है जो जमाकर्ताओं द्वारा बैंक वास्तविक मुद्रा के
रूप में जमा की जाती है। जब बैंक किसी व्यक्ति को ऋण देता है, तब वह बैंक अपने बैंक
में उसके खातें में ऋण राशि को डाल देता है तब उस खाते में बैंक द्वारा लिखी गई धनराशि
व्युत्पन्न जमा कहलाती है। व्युत्पन्न जमा साख जमा का परिणाम होता है, क्योंकि बैंक
अपने नकद कोष के आधार पर ही साख प्रदान करता है इसलिए इन व्युत्पन्न जमाओं को साख जमा
भी कहते है।
बैंक
जितना अधिक ऋण देता है, उतना ही अधिक साख जमाएँ उत्पन्न होती है। इस प्रकार ऋण जमाओं
को उत्पन्न करते है और जमाएँ ऋणों को जन्म देती है।
उदाहरण
:-
1.
यदि कोई ग्राहक अपने बैंक A में 10,000 रुपये जमा करता है तो यह बैंक A का प्राथमिक
जमा राशि है।
2.
बैंक अपने अनुभव से यह जानता है कि ग्राहक किसी समय पर अपनी जमाओं का एक अंश की ही
माँग करते है इसलिए वह अपने ग्राहक के खाते में 10,000 रुपये नकदी नहीं बनायें रखता।
3.
इस मान्यता पर कि नकद कोष अनुपात 20 प्रतिशत है, बैंक A अपने पास 2000 रुपये नकद कोष
के रूप में रखेगा और बाकि 8000 रुपये उधार दे देगा।
4.
अब बैंक यह रुपया दिनेश को नकद के रूप में न देकर उसके खातें में जमा कर देता है। इस
प्रकार बैंक A में 8000 रुपये की व्युत्पन्न जमा उत्पन्न हो जाती है।
5.
अब दिनेश यदि किसी भुगतान के लिए चैक द्वारा यह रुपया सुरेश को दे देता है।
6.
सुरेश इसे अपने बैंक B में जमा करा देता है। अतः बैंक B में 8000 रुपये प्राथमिक जमा
में से उसका 20 प्रतिशत 1600 रुपये अपने पास नकद रूप में रखकर शेष 6400 रुपये किसी
अन्य व्यक्ति श्याम को उधार दे देगा अर्थात् श्याम के नाम उसके खाते में जमा कर देगा।
यह प्रक्रिया विभिन्न बैंकों में उस समय तक चलती रहेगी जब
तक कि सम्पूर्ण पहली नकद प्राथमिक जमा राशि 10,000 रुपये में 5 गुणी वृद्धि (20%
CRR के आधार पर) नहीं हो जाती है।
इस प्रक्रिया को एक सारणी द्वारा समझ सकते है :-
|
बैंक |
प्राथमिक जमा |
बैंक द्वारा रखी गई नकद राशि |
ऋण (व्युत्पन्न जमा) |
|
A |
10000 |
2000 |
8000 |
|
B |
8000 |
1600 |
6400 |
|
C |
6400 |
1280 |
5120 |
|
D |
5120 |
- |
- |
|
|
50000 |
10000 |
40000 |
51. बचत एवं निवेश वक्र की सहायता से आय के
संतुलन स्तर की व्याख्या करें.
उत्तर- आय
के जिस स्तर पर समग्र मांग (AD), समग्र पूर्ति
(AS) के बराबर
होती है। उस
आय को संतुलन आय
कहते हैं।
हम जानते हैं कि,
कुल पूर्ति = आय = उपभोग
+ बचत
AS = Y = C + S
कुल मांग = उपभोग व्यय + निवेश
व्यय
AD = C + I
संतुलन तब होता है जब
AS = AD
C + S = C + I
S = I
इस
प्रकार AS और AD की समानता में ही S और I की समानता निहित है।
इस प्रकार S और I की समानता में ही AS और AD की समानता निहित है।
चित्र
में, Q बिंदु पर संतुलन हो रहा है।
जहां नियोजित बचत, नियोजित
निवेश के बराबर है।
अतः
आय , उत्पादन, रोजगार
OL निर्धारित होती है।
तालिका
द्वारा बचत तथा निवेश में समानता के रूप में संतुलन आय को दिखाया गया है।
|
आय (Y) Y
= C = I & Y
=C +S |
उपभोग (
C ) |
बचत (S) Y-C |
निवेश (I) |
बचत
और निवेश (S
& I) |
|
0 |
50 |
-50 |
100 |
I
> S |
|
100 |
100 |
0 |
100 |
I
> S |
|
200 |
150 |
50 |
100 |
I
> S |
|
300 |
200 |
100 |
100 |
I
= S |
|
400 |
250 |
150 |
100 |
I
< S |
संतुलन
S = I = 100 पर स्थापित होता है।
Y का संतुलन स्तर
= 300
52. पूर्ण प्रतियोगिता में मूल्य का निर्धारण
कैसे होता है?
उत्तर- पूर्ण
प्रतियोगिता बाजार में जहां मांग और पूर्ति बराबर होती है, मूल्य वही निर्धारित होता
है। मूल्य प्राय स्थिर रहती है।
चित्र में मांग (DD)तथा पूर्ति (SS) दोनों E बिंदु पर बराबर है। अतः मूल्य OP तथा मात्रा OQ निर्धारित होगी।
D = α – aP
S = β + bP
संतुलन करने पर
S = D
β + bP = α – aP
bP + aP = α – β
P ( b+ a ) = α – β
`\therefore P=\frac{\alpha-\beta}{b+a}`
यही निर्धारित मूल्य है।
MODEL QUESTION PAPER SET-4
वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र 1×1=30
1. सम सीमान्त उपयोगिता नियम के विचार के मूल प्रतिपादक कौन है?
(A)
मार्शल
(B) गोसेन
(C)
रिकाडों
(D)
J.S.Mill
2: जब सीमान्त उपयोगिता (MU) ऋणात्मक होती है तब कुल उपयोगिता (TU)
(A)
अधिकतम होती है
(B) घटने लगती है
(C)
घटती दर से बढ़ती है
(D)
इनमें से कोई नहीं.
3. किस प्रकार की वस्तु की मांग बेलोचदार होती है,
(A)
विलासिता वस्तु
(B)
आरामदायक वस्तु
(C) अनिवार्य वस्तु
(D)
इनमें से सभी.
4. निम्न में से कौन आर्थिक क्रिया का प्रकार है?
(A)
उत्पादन
(B)
उपभोग
(C)
विनिमय
(D) उपरोक्त सभी.
5. वे वस्तु जिनका एक-दूसरे के स्थान पर उपयोग किया जाता है
(A) स्थानापन्न वस्तु
(B)
पूरक वस्तु
(C)
आरामदायक वस्तु
(D)
घटिया वस्तु
6. किसी वस्तु की मानवीय आवश्यकता को संतुष्ट करने की क्षमता है.
(A)
उपभोग
(B) उपयोगिता
(C)
गुण
(D)
रुचि
7. उत्पादन का सक्रीय साधन क्या है
(A)
पूंजी
(B) श्रम
(C)
भूमि
(D)
इनमें से कोई नहीं.
8. स्थानांतरण भुगतान है
(A)
पैसे से माल का भुगतान
(B)
माल के साथ माल का भुगतान
(C) बिना माल बदले भुगतान
(D)
इनमे से कोई भी नहीं
9. किस बाजार में AR MR होता है?
(A)
एकाधिकार
(B)
एकाधिकारी प्रतियोगिता
(C)
A एवं B दोनों
(D) पूर्ण प्रतियोगिता.
10. उपभोक्ता की आय बढ़ने से किस प्रकार की वस्तु की मांग घटती है?
(A)
सामान्य वस्तु
(B) घटिया वस्तु
(C)
पूरक वस्तु
(D)
इनमें से कोई नहीं
11. उपयोगिता का क्रमवाचक सिद्धान्त किसने दिया है?
(A) मार्शल
(B)
हिक्स एवं स्लेन
(C)
पीगु
(D)
रिकाडौं.
12. मांग की लोच है.
(A) मात्रात्मक कथन
(B)
गुणात्मक कथन
(C)
A एवं B दोनों
(D)
इनमें से कोई नहीं.
13. उत्पादन फलन को व्यक्त करता है.
(A)
Px = D
(B)
Qx = Px
(C) Qx = f[A.B.C.D.E]
(D)
इनमें से कोई नहीं.
14. निम्नांकित में कौन सही है?
A.
GNP = GDP + घिसावट
B.
NNP = GNP + पिसावट
C. NNP = GNP घिसावट
D.
GNP = NNP -घिसावट
15. समष्टि अर्थशास्त्र अध्ययन है.
(A) अर्थव्यवस्था में रोजगार का
(B)
वस्तुओं की पूर्ति के नियम
(C)
बाजार में गेहूं की कीमत
(D)
कार की मांग में लोच का
16. निम्नलिखित चित्र प्रदर्शित करता है.
(A)
अधिक लोचदार मांग
(B)
पूर्णतः लोचदार मांग
(C) पूर्णतः बेलोचदार कीमत मांग
(D)
कम लोचदार मांग
17. वस्तु विनिमय प्रणाली की निम्न में कौन-सी कठिनाई है?
(A)
दोहरे संयोग का अभाव
(B)
वस्तु विभाजन की कठिनाई
(C)
सामान्य स्वीकार्य मूल्य मापक का अभाव
(D)
इनमें से सभी
18. इनमें से किसका उपयोग मुद्रास्फीति को मापने के लिए किया जा सकता
है?
(A)
उत्पादक मूल्य सूचकांक
(B)
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
(C)
सकल घरेलू उत्पाद अपस्फीतिकारक
(D) ऊपर के सभी
19. यदि MPC = 0.5 और प्रारंभिक विनियोग 100 करोड़ है तो अर्थव्यवस्था
में कुल आय में वृद्धि होगी?
(A)
5 करोड़ र
(B)
100 करोड़ रु
(C) 200 करोड़ रु
(D)
500 करोड़ रु
20 बजट में हो सकता ह
(A)
राजस्व घाटा
(B)
मौद्रिक घाटा
(C)
प्राथमिक घाटा
(D) इनमें सभी
21. एकाधिकार में फर्मों की संख्या कितनी होती है?
(A)
2
(B)
4
(C)
0
(D) 1
22. सन् 2016 में किए गए विमुद्रीकरण में किस मूल्य के नोट को बाजार
प्रचलन से बाहर किया गया था?
(A)
50 रुपये एवं 100 रुपये के नोट को
(B)
100 रुपये एवं 500 रुपये के नोट को
(C)
500 रुपये एवं 2000 रुपये के नोट को
(D) 500 रुपये एवं 1000 रुपये के नोट को
23. भारत का केन्द्रीय बैंक निम्न में से कौन सा
(A)
SBI
(B) RBI
(C)
CBI
(D)
BOI
24. भारत में वित्तीय वर्ष की कालावधि होती है
(A)
1 जनवरी से 31 दिसम्बर तक
(B)
1 जुलाई से 30 जून तक
(C)
1 अगस्त से 31 जुलाई तक
(D) 1 अप्रैल से 31 मार्च
25. निम्न में से कौन सा प्रत्यक्ष कर का एक उदाहरण है?
(a)
वस्तु एवं सेवा कर
(b)
उत्पादन कर
(c) निगम कर
(d)
प्रशुल्क
26. किस प्रकार की वस्तुओं के उपभोग में प्रतिश्रुति नहीं होती है?
(a) सार्वजनिक वस्तु
(b)
उपभोक्ता वस्तु
(c)
प्राकृतिक वस्तु
(d)
निजी वस्तु
27 फर्म का लाभ निम्नलिखित में किस शर्त को पूरा करने पर अधिकतम होगा?
(a)
MR=MC
(b)
MC वक्र MR को नीचे से काटे
(c) a और b दोनों
(d)
इनमें से कोई नहीं
28. पूर्ण प्रतियोगिता में क्या स्थिर रहता है?
(a)
AR
(b)
MR
(c)
TR
(d) a और b दोनों
29. एक वित्त मंत्री वैसी वस्तुओं पर कर की दर में वृद्धि कर सकता
है, जिसकी मांग की कीमत लोच होता है
(a)
1 से अधिक
(b) 1 से कम
(c)
अनंत
(d)
इनमें से कोई नहीं.
30. माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स का विभाजन रैगनार फिश ने कब किया?
(Α) 1933
(Β)
1776
(C)
1880
(D)
1936.
Sec-B अति लघु उत्तरीय प्रश्न (2x6=12)
कोई 6 उत्तर देना
है
31. अंतिम वस्तु क्या है?
उत्तर-
अंतिग वस्तुएँ उत्पादन की सीमा रेखा पार कर चुकी होती हैं तथा उपभोक्ताओं के प्रयोग
के लिए तैयार होती हैं। कपड़ा, एयर कंडीशनर तथा रेफ्रीजरेटर अंतिम वस्तुओं के उदाहरण
हैं।
32. अधिविकर्ष से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
बैंक में चालू जमा रखने वाले ग्राहक
बैंक से एक समझौते के अनुसार अपनी जमा से अधिक रकम निकलवाने की अनुमति ले लेते हैं।
निकाली गई रकम को ओवरड्राफ्ट कहते
हैं। यह
सुविधा अल्पकाल के लिए विश्वसनीय ग्राहकों को ही मिलता
है। मान लीजिए एक व्यक्ति के
10000 रुपये जमा है और उसको बैंक
12000 रुपये तक के चेक काटने का अधिकार दे देता है
तो 2000 रुपया ओवरड्राफ्ट कहलाएगा।
33. व्यष्टि अर्थशास्त्र को परिभाषित करें
उत्तर-
अर्थशास्त्र की वह शाखा है जो व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों, जैसे एक उपभोक्ता अथवा एक
उत्पादक, से संबंधित आर्थिक समस्याओं (या आर्थिक मुद्दों) का अध्ययन करती है, उसे व्यष्टि
अर्थशास्त्र कहते हैं।
34. मूल्य ह्रास से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- एक लेखा वर्ष
में उत्पादन प्रक्रिया के दौरान पूंजीगत वस्तुओं के मूल्य में सामान्य टूट-फूट और
उनके घिसावट के कारण वस्तुओं कै मूल्य में जो कमी आती है उसे मूल्यह्रास कहते
हैं।
35. सीमान्त लागत क्या है?
उत्तर-
एक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने से लागत में जितनी वृद्धि
होती है उसे उस इकाई विशेष की सीमांत लागत कहा जाता है।
MC = -
36. प्रगतिशील कर क्या है?
उत्तर-
जैसे जैसे व्यक्ति की आय बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे कर
की दर ऊंची होती जाती है एसा कर प्रगतिशील कर कहलाती है।
37. मांग के नियम के अपवाद क्या हैं?
उत्तर- कुछ विशेष परिस्थितियों में मूल्य
के घटने पर मांग भी घटती है तथा मूल्य के बढ़ने पर मांग घटने
के बजाए और
अधिक बढ़ जाती है । ऐसी
अवस्था में मांग की रेखा नीचे से ऊपर दाहिनी ओर बढ़ती है।
इसे मांग का अपवाद कहा जाता है

चित्र में मांग वक्र नीचे से दायी
ओर बढ़ती है । इसके
निम्न कारण है , जब मांग का नियम कार्यशील नहीं हो पाता
-
(1) भविष्य में
किसी वस्तु के न मिलने की
आशंका
(2) बहुमूल्य तथा
सामाजिक सम्मान वाली वस्तुएं
(3) अज्ञानता
(4) अनिवार्य वस्तुएं
(5) आदत की
वस्तुएं
(6) विशेष अवसर
38. सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति को परिभाषित करें.
उत्तर-
आय में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरुप उपभोग में होने वाले परिवर्तन के अनुपात को सीमांत
उपभोग प्रवृत्ति कहते हैं।
∆C
= उपभोग में परिवर्तन , ΔY
= आय में परिवर्तन
Sec-C लघु उत्तरीय प्रश्न (3x6=18)
किन्ही
भी छह प्रश्नों के उत्तर दें। उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दें।
39. मुद्रा आपूर्ति को समझाएं.
उत्तर- उत्तर- भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रा की पूर्ति के वैकल्पिक
मापों को चार रूपों में प्रकाशित करता है, M1. M2, M3.
M4 के रूप में यह सभी निम्नलिखित तरह से परिभाषित किए जाते
हैं-
M1 = C + DD + OD
जहां, C = जनता के पास
चलन मुद्रा
DD = बैंकों के पास मांग जमाएँ
OD = रिजर्व बैंक के पास अन्य जमाएँ ।
M2=M1+ डाकघर के पास
जनता की बचतें
M3 = M1 + व्यापारिक
बैंकों के पास शुद्ध सावधि जमाएँ
M4 = M3 + पोस्ट ऑफिसों
के पास कुल जमा (राष्ट्रीय बचत पत्र को छोड़कर) ।
40.
स्थिर लागत एवं परिवर्तनशील लागत के बीच अंतर बताएं
उत्तर-
स्थिर लागत :- जो लागते उत्पादन
में परिवर्तन के कारण घटती बढ़ती नहीं है उन्हें स्थिर लागत कहते हैं। जैसे किराया,
बीमें की किस्त।
परिवर्ती
लागत :- जो लागते उत्पादन में परिवर्तन के कारण घटती- बढ़ती रहती
है। परिवर्ती कहलाती है जैसे मजदूरी , कच्चे माल का
मूल्य।
41. मांग की रेखा नीचे दाहिने ओर को ढलती है?
उत्तर- मूल्य बढ़ने से मांग घटती है और मूल्य घटने से मांग बढ़ती है । इसे मांग का नियम दर्शाता है
।
मूल्य
और मांग में विपरीत संबंध होने के कारण मांग वक्र ऊपर से नीचे दाहिनी और झुकती है ।
मांग
की रेखा ऊपर से नीचे दाहिनी ओर झुकती है। इसके निम्नलिखित कारण है -
(1) सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम :- वस्तु की सीमांत उपयोगिता
(MU) के ही
आधार
पर कोई व्यक्ति किसी वस्तु की कीमत देना चाहता है। अधिक MU पर अधिक कीमत तथा मांग
, जबकि कम MU पर कम कीमत तथा मांग होती है। चूॅकि MU रेखा ऊपर से नीचे झुकी रहती है इसलिए मांग की रेखा
भी ऊपर से नीचे दाहिनी ओर
झुकी रहती
है।
(2) आय प्रभाव :-
एक वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने के फलस्वरूप खरीददार की वास्तविक आय में परिवर्तन
होने के कारण वस्तु की मांगी गई मात्रा में होने वाले परिवर्तन को आए प्रभाव कहा जाता
है ।
अगर
कीमत अधिक हो जाती है तो उपभोक्ता की उस वस्तु के रूप में वास्तविक आय घट जाती है जिससे
मांग घट जाती है।
(3) सम-सीमांत उपयोगिता नियम :- प्रत्येक वस्तु की मात्रा अधिक खरीदने से उसकी
सीमांत उपयोगिता कम हो जाती है।
इसलिए
उपभोक्ता उस वस्तु की अधिक मात्रा तभी खरीदेगा जब उस वस्तु की कीमत कम होकर सीमांत उपयोगिता
के बराबर हो जाएगी।
इससे स्पष्ट
होता है कि कीमत कम होने पर वस्तु की अधिक मात्रा खरीदी जाएगी तथा कीमत बढ़ने पर कम
मात्रा खरीदी जाएगी।
(4) उपभोक्ता की संख्या में परिवर्तन :- प्रो. मेयर्स ने इस तथ्य को स्पष्ट किया
है ।जब किसी वस्तु के मूल्य में
कमी होती है तो उसके क्रेताओं की संख्या में वृद्धि हो
जाती है; अतः
वस्तु
की बाजार मांग बढ़ जाती है ।
इसके
विपरीत जब किसी वस्तु का मूल्य बढ़ जाता है तो बहुत से क्रेता जिनकी आय कम होती है, इस वस्तु
का क्रय बंद कर देते हैं।
अतः वस्तु
की मांग घट जाती है।
42. पैमाने के प्रतिफल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
अन्य बातें समान रहने पर पैमाना का प्रतिफल बतलाता है कि उत्पादन के सभी साधनों में
परिवर्तनों के फलस्वरूप कुल उत्पादन में होने वाले परिवर्तन को बतलाता है। यह एक दीर्घकालिक
अवधारणा है और दीर्घकालीन उत्पादन फलन' से संबंधित है।
(A)
पैमाने के बढ़ते प्रतिफल
B)
पैमाने के स्थिर प्रतिफल तथा
(C)
पैमाने के घटते प्रतिफल ।
चित्र में,
AB = पैमाने के बढ़ते प्रतिफल ।
BC = पैमाने के स्थिर प्रतिफल तथा
CD = पैमाने के घटते प्रतिफल ।
(A) पैमाने का बढ़ता प्रतिफल-
जब उत्पत्ति के सभी साधनों को एक निश्चित अनुपात में बढ़ाया जाता है, तो उत्पादन उस निश्चित अनुपात से अधिक अनुपात में बढ़ जाता है। यह पैमाने के बढ़ते प्रतिफल को दर्शाता है।
चित्र से स्पष्ट है कि, यदि उत्पत्ति-साधनों को 10% बढ़ाया जाता है तो उत्पादन में 10% से अधिक की वृद्धि होती है। पैमाने का बढ़ता प्रतिफल पैमाने के आकार में वृद्धि से श्रम विभाजन तथा विशिष्टीकरण के कारण उत्पन्न होता है।
B) पैमाने का स्थिर प्रतिफल-
जब उत्पत्ति के सभी साधनों को एक निश्चित अनुपात में बढ़ाया जाता है तो उत्पादन भी समान अनुपात में बढ़ता है। यह पैमाने के स्थिर प्रतिफल को दर्शाता है।
चित्र से स्पष्ट है कि यदि उत्पत्ति साधनों को 10% बढ़ाया जाता है, तो उत्पादन में ठीक 10% की वृद्धि होती है।
C) पैमाने का घटता प्रतिफल-
जब उत्पत्ति के साधनों को एक निश्चित अनुपात में बढ़ाया जाता है तो उत्पादन में उससे कम अनुपात में वृद्धि होती है।
चित्र से स्पष्ट है कि यदि उत्पत्ति-साधनों को 15% बढ़ाया जाता है तो उत्पादन में उससे कम अर्थात् 10% की ही वृद्धि होती है।
पैमाने का घटते प्रतिफल पैमाने के आकार में वृद्धि से आंतरिक एवं बाह्य बचतों का आंतरिक एवं बाह्य हानियों में परिवर्तित होने के कारण उत्पन्न होती है।
43. सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :- सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम को ' गोसेनका प्रथम नियम ' या तृप्ति का नियम भी कहते हैं । इस नियम की वैज्ञानिक व्याख्या प्रो. मार्शल ने की । इनके अनुसार "एक व्यक्ति के पास किसी वस्तु की जो मात्रा होती है , उसके उपभोग में लगातार वृद्धि करने से उसकी उपयोगिता घटने लगती है।"
तालिका से
रोटी की इकाई | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 |
सीमांत उपयोगिता | 4 | 3 | 2 | 2 | 0 | -1 | -2 |
इस तालिका से स्पष्ट है कि व्यक्ति जैसे-जैसे रोटियों का उपभोग करते जाता है वैसे वैसे रोटी की अगली इकाइयों से प्राप्त सीमांत उपयोगिता घटती जाती है।
चित्र में MU सीमांत उपयोगिता की रेखा है जो रोटी की विभिन्न इकाइयों से प्राप्त सीमांत उपयोगिता को बतलाकर सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम को स्पष्ट करती है। व्यक्ति को पहली रोटी से 4, दुसरी से 3, तीसरी से 2 तथा चौथी से 1 उपयोगिता मिलती है जो उसकी भूख की पूर्ण संतुष्टि का द्योतक है। अत: चित्र यह भी दिखलाता है कि उसे पाॅंचवी रोटी से शून्य तथा छठी और सातवीं रोटियों से क्रमशः -1 और -2 के बराबर ऋणात्मक उपयोगिता मिलती है।इस प्रकार स्पष्ट है कि हर अगली रोटी की इकाई से सीमांत उपयोगिता घटती जाती है।
वस्तु की सीमांत उपयोगिता (MU) के ही आधार पर कोई व्यक्ति किसी वस्तु की कीमत देना चाहता है। अधिक MU पर अधिक कीमत तथा मांग, जबकि कम MU पर कम कीमत तथा मांग होती है। चूॅकि MU रेखा ऊपर से नीचे झुकी रहती है, इसलिए मांग की रेखा भी ऊपर से नीचे दाहिनी ओर झुकी रहती है।
44. दोहरी गणना से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- दोहरी गणना से अभिप्राय है किसी वस्तु के मूल्य की
गणना एक बार से अधिक करना। इसका कारण यह
है कि यद्यपि उत्पाद विधि द्वारा राष्ट्रीय आय
का अनुमान लगाने के
लिए केवल अन्तिम वस्तुओं और
सेवाओं के मूल्य को जोड़ा जाता है। इसके फलस्वरूप राष्ट्रीय उत्पाद
में अनावश्यक रूप से वृद्धि हो जाती है।
जैसे- उत्पाद का मूल्य = किसान
400 में आटा,
बेकरी वाला 600 में
मैदा दुकानदार 800 रुपये
में डबलरोटी तथा उपभोक्ता को 900 रुपये
में समान प्राप्त होगी। इस तरह एक ही समान
( गेहूं ) का
मूल्य 2700 रु.
तक हो जाऐगा। इसके फलस्वरूप राष्ट्रीय
उत्पाद में अनावश्यक रूप से वृद्धि हो
जाती है।
45. आय के चक्रीय प्रवाह क्या है? इसके प्रत्येक मॉडल के संतुलन की
शर्त का वर्णन करे
उत्तर- सन् 1758 में क्वीने ने आय और उत्पादन की चक्रीय प्रवाह की रचना की थी। 19वी शताब्दी के मध्य में कार्ल मार्क्स ने आय और उत्पादन के चक्रीय प्रवाह के बारे में चर्चा की।
आय
और उत्पाद के चक्रीय प्रवाह से अभिप्राय अर्थव्यवस्था के विभिन्न
क्षेत्रों में मौद्रिक आय के प्रवाह या
वस्तुओं और सेवाओं के चक्रीय रूप में प्रवाह
से है। राष्ट्रीय आय
समष्टि अर्थशास्त्र की विषय सामग्री है।
आय व उत्पादन प्रवाह के निम्नलिखित
सिद्धांत है -
1. विनिमय चाहे वस्तु के माध्यम से हो अथवा मुद्रा
के माध्यम से, प्रत्येक प्रक्रिया
में उत्पादक (विक्रेता) को उतनी ही राशि प्राप्त होती है जितनी उपभोक्ता (क्रेता) खर्च
करते हैं।
2. वस्तुओं व सेवाओं का प्रवाह एक ही दिशा में होता
है परंतु उन्हें प्राप्त करने के लिए किए गए भुगतानो
का प्रवाह विपरीत दिशा में होता है।
46. पूर्ण प्रतियोगिता तथा एकाधिकार में क्या अंतर है? एकाधिकारी की
मुख्य विशेषता क्या है?
उत्तर-
|
अंतर का आधार |
पूर्ण प्रतियोगिता |
एकाधिकार |
|
विक्रेताओं तथा क्रेताओं की संख्या |
बहुत अधिक |
एक विक्रेता परन्तु अनेक क्रेता |
|
वस्तु |
एक समान |
एक समान हो सकता है नहीं भी हो सकता |
|
कीमत |
एक कीमत |
कीमत विभेद के कारण कीमत समान नहीं होती |
|
फर्मो का प्रवेश |
प्रवेश की स्वतंत्रता |
प्रवेश पर रुकावट |
|
बाजार की दशाओं का ज्ञान |
पूर्ण ज्ञान |
अपूर्ण ज्ञान |
|
फर्म की मांग वक्र |
पूर्णतया लोचदार |
बहुत कम लोचदार |
|
फर्म की मांग विक्रय का ढलान |
पड़ी हुई सरल रेखा |
नीचे की ओर झुकी हुई
कम लोचदार |
|
विक्रय लागत |
नहीं होता |
बहुत कम |
|
कीमत नियंत्रण |
कीमत पर कोई नियंत्रण नही |
पूर्ण नियंत्रण |
एकाधिकार
की विशेषताएं
1. एक विक्रेता तथा अधिक क्रेता :- एकाधिकार में एक ही फार्म होती है परंतु वस्तु के
क्रेता काफी संख्या में होते हैं जिसके फलस्वरूप
वस्तु की कीमत को कोई एक क्रेता प्रभावित नहीं कर सकता।
2. नई फर्मों के प्रवेश पर बाधायें :- प्राय
एकाधिकारी उद्योग में नई
फर्मों के प्रवेश पर कुछ बाधाएं या प्रतिबंध होते हैं
जैसे पेटेंट अधिकार।
3. निकटतम स्थानापन्न का अभाव :- एक विशुद्ध एकाधिकारी
फर्म वह है जो ऐसी वस्तु का उत्पादन कर रही है जिसका कोई प्रभावशाली स्थानापन्न नहीं
होता।
4. कीमत नियंत्रण :- चूंकि एकाधिकारी अकेला
ही बाजार में वस्तु की पूर्ति करता है इसलिए
वस्तु की कीमत पर एकाधिकारी का
नियंत्रण होता है। अतएव वह
अपने उत्पादन की कीमत कम या अधिक निर्धारित कर सकता है।
5. कीमत विभेद की संभावना :- एकाधिकार की स्थिति में कीमत
विभेद की संभावना हो सकती है। एकाधिकारी
एक वस्तु को विभिन्न क्रियाओं को अलग-अलग कीमतों
पर बेच सकता है।
Sec-D दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5x4=20)
किन्ही
भी चार प्रश्नों के उत्तर दें। उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दें।
47. राष्ट्रीय आय क्या है? इसके मापन की कितनी विधियां होती हैं? किसी
एक विधि की व्याख्या करें.
उत्तर- किसी देश की अर्थव्यवस्था द्वारा एक वित्तीय वर्ष के दौरान उत्पादित अंतिम
वस्तुओं व सेवाओं के शुद्ध मूल्य के योग को राष्ट्रीय आय करते हैं इसमें विदेशों
से अर्जित शुद्ध साधन आय भी शामिल होती है।
राष्ट्रीय आय का लेखांकन संबंधी
अवधारणा सर्वप्रथम साइमन कुजनेट्स महोदय द्वारा प्रतिपादित की गई है। राष्ट्रीय आय
के मापन हेतु तीन प्रमुख विधियों का प्रयोग किया जाता है, ये विधियां हैं-
A) आय विधि,
B) उत्पादन विधि तथा
C) व्यय विधि।
राष्ट्रीय आय की गणना की आय विधि -
·
आय विधि के अंतर्गत राष्ट्रीय आय की गणना उत्पाद कारकों के
लिए भुगतान के आधार पर किया जाता है।
·
राष्ट्रीय आय की गणना के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत
व्यक्तियों तथा व्यवसायिक उपक्रमों की शुद्ध आय का योग प्राप्त किया जाता है जो कि
सभी उत्पादन साधनों की आय का योग होता है। इस योगफल को घरेलू आय कहते हैं। यदि इस
योग में विदेशों से अर्जित शुद्ध साधन आय को जोड़ दें तो वह राष्ट्रीय आय बन जाती
है।
आय विधि से राष्ट्रीय आय की गणना
का सूत्र निम्न है -
राष्ट्रीय आय = मजदूरी + लगान
ब्याज लाभांश + अवितरित+
लाभ + निगम लाभ कर + सार्वजनिक क्षेत्र का अवशेष + मिश्रित आय विदेशों से
अर्जित शुद्ध साधन आय।
48. कुल उत्पाद और सीमान्त उत्पाद वक्रों की सहायता से परिवर्ती अनुपात
का नियम को समझाएं.
उत्तर-
उत्तर - अन्य बातें समान रहने पर परिवर्तनशील अनुपात का नियम यह बतलाता है कि अन्य
साधन को स्थिर रखकर एक साधन में निरंतर वृद्धि की जाती है तो उत्पादन एक सीमा तक बढ़ने
के पश्चात घटने लगता है। यह अल्पकालीन उत्पादन फलन से संबंधित होता है।
प्रो.
बेन्हम के अनुसार, उत्पादन के साधनों के संयोग में से एक साधन का अनुपात जैसे जैसे
बढ़ाया जाता है, वैसे-वैसे एक बिंदु के बाद उस साधन का सीमांत और औसत उत्पाद घटता जाता
है। M
नियम
की मान्यतायें:-
(a)
उत्पत्ति का अन्य साधन स्थिर तथा एक परिवर्तनशील है।
(b)
परिवर्तनशील साधन की समस्त इकाईयाँ समरूप होती है।
c)
स्थिर साधन अविभाज्य होते हैं।
d)
तकनीकी स्तर में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
परिवर्तनशील अनुपात के नियम की मुख्यतः तीन अवस्थायें होती हैं जिसे निम्नांकित चित्र द्वारा दर्शाया जा सकता है-
A)
बढ़ते प्रतिफल की अवस्था-
प्रथम
अवस्था में स्थिर साधन के साथ जैसे जैसे परिवर्तनशील साधन की इकाईयों में वृद्धि की
जाती है, हमें बढ़ता हुआ उत्पादन प्राप्त होता है। परिवर्तनशील साधनों में वृद्धि होने
पर स्थिर साधनों का पूर्ण विदोहन संभव होता है। आरंभ में TP, AP तथा MP तीनों बढ़ते
हैं। अतः इस को बढ़ते प्रतिफल की अवस्था कहा जाता है।
B)
घटते प्रतिफल की अवस्था-
द्वितीय
अवस्था में AP तथा MP दोनों घट रहे हैं किंतु धनात्मक होते है। इस अवस्था का समापन
उस बिंदु पर होता है यहाँ TP अधिकतम एवं MP शून्य होता है। परिणामस्वरूप TPबढ़ता है
किंतु घटती दर से बढ़ता है। अतः इस अवस्था को घटते प्रतिफल की अवस्था कहा जाता है।
C)
ऋणात्मक प्रतिफल की अवस्था-
तृतीय
अवस्था में MP शून्य से कम अर्थात् ऋणात्मक हो जाता है। जिसके कारण TP घटने लगती है।
AP भी घटती है, किंतु घनालक होती है। घटती कुल उत्पादकता ऋणात्मक सीमांत उत्पादकता
के कारण इस अवस्था को ऋणात्मक प्रतिफल की अवस्था कहा जाता है।
उपर्युक्त
तीनों अवस्थाओं के कारण इस नियम को उत्पादन का घटता बढ़ता नियम अथवा उत्पादन का आधुनिक
ह्रासमान सिद्धांत के नाम से भी जाना जाता है।
49. प्रतिकूल भुगतान संतुलन को ठीक करने के उपायों की व्याख्या करें.
उत्तर-
भुगतान संतुलन से आशय देश के समस्त आयातो एवं निर्यात एवं अन्य सेवाओं के मूल्य के
सम्पूर्ण विवरण से होता है। इसके अंतर्गत लेन-देन के दो पक्ष होते हैं। एक
ओर तो देश की विदेशी मुद्रा की लेनदारियो का विवरण रहता है जिसे धनात्मक पक्ष कहते हैं तथा दूसरी ओर उस देश
की समस्त देनदारियों का विवरण रहता है जिसे ऋणात्मक पक्ष कहते हैं।
प्रतिकूल
भुगतान संतुलन को ठीक करने के निम्न तरीके हैं -
1. मुद्रा संकुचन :-
मुद्रा
संकुचन के फलस्वरूप देश में वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों में कमी आ जाती है। जिससे निर्यात में वृद्धि हो
जाती है।
आय
के कम होने के कारण लोगों की आयात करने की प्रवृत्ति कम हो जाती है।
2. विनिमय ह्रास :-
किसी
देश
के विनिमय ह्रास
से विदेशियों
के लिए घरेलू वस्तुएं सस्ती हो जाती है और आयात महंगे हो जाते हैं अतः निर्यात
में वृद्धि तथा आयातो मे
कमी आ
जाती है।
3. विनिमय नियंत्रण :-
विनिमय
नियंत्रण
पूंजी के निर्यात एवं बहिर्गमन को रोक कर भुगतान संतुलन को ठीक करने में सहायता देता
है।
4. अवमूल्यन :-
अवमूल्यन
के
अंतर्गत सरकारी घोषणा के अनुसार देश के मुद्रा के बाह्य मूल्य को कम कर दिया जाता है। जिससे देश के निर्यात विदेशों में
सस्ते पड़ते हैं जबकि आयात महंगे
हो
जाते हैं।
5. अमौद्रिक उपाय :-
(a) आयात
में
कमी करना (b) निर्यात को प्रोत्साहन (c) विदेशी निवेश को प्रोत्साहन (d) सरकार की आर्थिक
नीतियों में परिवर्तन (e) विदेशी ऋण (f) विदेशी पर्यटकों को प्रोत्साहन।
50. मांग में विस्तार एवं संकुचन को समझाएं चित्र सहित.
उत्तर-
|
मांग
का विस्तार |
मांग
का संकुचन |
|
यह
केवल कीमत में परिवर्तन के कारण होती है। |
यह
केवल कीमत में परिवर्तन के कारण होती है। |
|
यह
कीमत में कमी होने के कारण होती है। |
यह
कीमत में वृद्धि होने के कारण होती है। |
|
यह एक मांग वक्र के
ऊपर के बिंदु A से
नीचे के बिंदु B की ओर
संचलन
द्वारा प्रकट होती है। |
यह एक मांग वक्र के नीचे बिंदु A से ऊॅंचे बिंदु B की ओर संचलन द्वारा प्रकट होती है। |
51. मांग की लोच कितने प्रकार के हैं सचित्र समझाएं
उत्तर-
मांग की लोच की श्रेणियां होती है। यह निम्न है-
i. पूर्ण लोचदार मांग- जब वस्तु की कीमत में थोड़ी वृद्धि से मांग घटकर शून्य हो जाए, तो इसे पूर्ण लोचदार मांग कहते हैं। इसे ed = Infinity (∞) से दर्शाते हैं।
ii. पूर्ण बेलोचदार मांग कीमत में होने वाले किसी भी परिवर्तन से यदि मांग में कोई परिवर्तन ना आए. अर्थात कीमत में कमी या वृद्धि से मांगी गई मात्रा समान बनी रहे तो, इसे पूर्ण बेलोचदार मांग कहते हैं। इसे ed=0 से दर्शाते हैं।
iii. इकाई लोचदार मांग जब कीमत में आनुपातिक परिवर्तन से मांगी गई मात्रा में समान आनुपातिक परिवर्तन हो, तो इसे मांग की इकाई लोच कहते हैं। इसे ed = 1 से दर्शाते हैं।
iv. सापेक्षिक बेलोचदार मांग जब कीमत में आनुपातिक परिवर्तन से मांगी गई मात्रा में अनुपात से कम परिवर्तन हो, तो इसे बेलोचदार मांग कहते हैं। इसे ed<1 से दर्शाते हैं।
v. सापेक्षिक लोचदार मांग कीमत में आनुपातिक परिवर्तन से मांगी गई मात्रा में अनुपात से ज्यादा परिवर्तन हो, तो इसे लोचदार मांग कहते हैं। इसे ed>1 से दर्शाते हैं।
52. एकाधिकार बाजार संतुलन किस प्रकार होता है सचित्र व्याख्या करें.
उत्तर-
अंग्रेजी के मोनोपोली शब्द का
अर्थ एक विक्रेता से होता है अंग्रेजी के मोनो का अर्थ है एक और पोली का अर्थ है विक्रेता।
अतएव एकाधिकार
बाजार की वह स्थिति है जिसमें किसी वस्तु या सेवा का केवल एक ही उत्पादक होता है तथा
उस वस्तु का कोई निकटतम प्रतिस्थापन
नहीं होता।
मूल्य निर्धारण
एकाधिकार में मूल्य निर्धारण को दो अर्थशास्त्रियों ने बतलाया है।
मार्शल के अनुसार, "एकाधिकारी उस बिंदु पर मूल्य निर्धारण करेगा जहां कुल आगम तथा कुल लागत का अंतर अधिक होगा।"
चित्र से स्पष्ट है की TR और TC का अंतर AB अधिक है अतः वह OQ मात्रा का उत्पादन करके अधिक लाभ कमाऐगा।
श्रीमती रॉबिंसन के अनुसार," एकाधिकार में संतुलन या कीमत निर्धारण उस बिंदु के आधार पर होता है जहां
(1) MR = MC
(2) MC की रेखा MR रेखा को नीचे से ऊपर जाते हुए काटे
हम जानते हैं की
π = R – C
जहां , π = लाभ , R = आय , C = लागत
We find first derivatives with Respect to X
`\frac{d\pi}{dx}=\frac{dR}{dx}-\frac{dC}{dx}`
लाभ अधिकतम करने पर ;`\frac{d\pi}{dx}=` 0
`or,\frac{dR}{dx}=\frac{dC}{dx}`
⸫ MR = MC
We find Second derivatives With Respect To X
`\frac{d^2\pi}{dx^2}=\frac{d^2R}{d^2x}-\frac{d^2C}{d^2x}`
लाभ अधिकतम करने पर ; `\frac{d^2\pi}{dx^2}`< 0
`or,\frac{d^2R}{d^2x}-\frac{d^2C}{d^2x}<0`
`or,\frac{d^2R}{d^2x}<\frac{d^2C}{d^2x}`
`or,\frac{d^2C}{d^2x}>\frac{d^2R}{d^2x}`
`or,\frac d{dx}\left(\frac{dC}{dx}\right)>\frac d{dx}\left(\frac{dR}{dx}\right)`
अतः , Slope of (MC) > Slope of (MR)
MODEL QUESTION PAPER SET-5
वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र 1×1=30
1. आवश्यक वस्तुओं
की मांग की लोच होती है?
(A)
शून्य
(B)
इकाई
(C)
इकाई से अधिक
(D) इकाई से कम
2. किसी वस्तु का मूल्य निर्धारित होता है?
(A)
मांग द्वारा
(B)
पूर्ति द्वारा
(C) मांग एवं पूर्ति द्वारा
(D)
सरकार द्वारा
3. निम्न में कौन सा सही है?
(A)
पूर्णतया लोचदार पूर्ति es = ∞
(B)
अधिक लोचदार पूर्ति es > 1
(C)
पूर्णतया बेलोचदार पूर्ति es = 0
(D) इनमें सभी
4. स्थायी पूंजी के उपयोग को क्या कहते हैं?
(A)
पूंजी निर्माण
(B) मूल्य हास
(C)
निवेश
(D)
इनमें सभी
5. एक सरल रेखा मांग वक्र के मध्य बिन्दु पर मांग की कीमत लोच होती
है?
(A)
शून्य
(B) एक
(C)
एक से अधिक
(D)
एक से कम
6. पूर्ण प्रतियोगिता बाजार में किस प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन होता
है?
(A)
असंबंधित
(B)
भिन
(C) समरूप
(D)
श्रेष्ठ
7. अल्पकाल में एक पूर्ण प्रतियोगी फर्म को हानी होती है, जब
(A)
MR-MC
(B)
MR < MC
(C) P < AC
(D)
P < MC
8. उपयोगिता का क्रमवाचक सिद्धांत किसने दिया?
(A)
मार्शल
(B) हिक्स एवं ऐलन
(C)
पीगू
(D)
रिकार्डो
9. सम सीमान्त उपयोगिता का सिद्धांत निम्न में कौन दिया?
(A)
मार्शल
(B)
हिल्स
(C)
सैम्यूल्सन
(D) गोसेन
10. मूल्य वृद्धि से 'निफिन' वस्तुओं की मांग -
(A) बढ़ जाती है
(B)
घट जाती है
(C)
स्थिर रहती है
(D)
अस्थिर होती है
11. मांग फलन को किस समीकरण द्वारा व्यक्त किया जाता है?
(A)
P= dx
(B)
Qx = Px
(C) Qx = f(Px)
(D)
Px = dx
12. मांग की लोच है-
(A)
गुणात्मक
(B) मात्रात्मक
(C)
A एवं B दोनों
(D)
इनमें से कोई नहीं
13.उत्पादन फलन को व्यक्त करता है.
(A)
Qx = Px
(B) Qx = f(A.B.C.D)
(C)
Qn = dx
(D)
Qn = f(e)
14. किस बाजार में AR वक्र X-अक्ष के समान्तर होता है?
(A) पूर्ण प्रतियोगिता
(B)
एकाधिकारी
(C)
एकाधिकारी प्रतियोगिता
(D)
इनमें सभी
15. किस प्रकार की अर्थव्यवस्था में कीमत तंत्र के आधार पर निर्णय लिये
जाते हैं?
(A)
समाजवादी
(B) पूंजीवादी
(C)
मिश्रित
(D)
इनमें से कोई नहीं
16. कैन्स का गुणक किनके बीच संबंध स्थापित करता है?
(A) निवेश और आय
(B)
आय और उपभोग
(C)
विनियोग
(D)
इनमें सभी
17. किसने कहा कि "समष्टि अर्थशास्त्र सारी अर्थव्यवस्था के कार्यकरण से संबंधित है"
(A) शेपिरो
(B)
M.H स्पेन्सर
(C)
केन्स
(D)
मार्शल
18. मुद्रा अवमूल्यन की स्थिति में -
(a)
घरेलू मुद्रा का मूल्य बढ़ जाता है.
(b)
विनिमय दर कम हो जाता है.
(c) विनिमय दर में वृद्धि हो जाती है.
(d)
इनमें से कोई नहीं
19. निम्नलिखित में पूंजीगत व्यय का एक उदाहरण है?
(a)
सरकारी कर्मचारी के वेतन पर खर्च
(b)
प्रतिरक्षा व्यय
(c) भूमि अधिग्रहण पर व्यय
(d)
इनमें सभी
20. यदि किसी अर्थव्यवस्था में उपभोग की सीमांत प्रवृत्ति (MPC)
0.6 है तो गुणक का मान होगा?
(a)
0.6
(b)
0.4
(c) 2.5
(d)
1.7
21. GNPmp एवं GDPmp का अंतर क्या होता है?
(a)
मूल्य ह्रास
(b)
अवितरित लाभ
(c) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय
(d)
शुद्ध प्रत्यक्ष कर
22. माल-सूची में क्या सम्मिलित नहीं होता है?
(a) अर्धनिर्मित वस्तु
(b)
कच्चे माल
(c)
अधनिर्मित वस्तु
(d)
अविक्रीत निर्मित वस्तु
23. विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए कौन सा बजट सबसे उपयुक्त होता है?
(a) घाटे का बजट
(b)
संतुलित बजट
(c)
बचत का बजट
(d)
इनमें सभी
24. निम्न में से किस परिस्थिति में मुद्रा की पूर्ति में कमी हो सकती
है
(a)
बैंक दर में कमी
(b) नकद आरक्षित अनुपात
(c)
RBI द्वारा प्रतिभूतियों का क्रय
(d)
इनमें सभी
25. यदि किसी अर्थव्यवस्था में MPC का मान 0.4 है, तो MPS का मान क्या
होगा?
(a)
0.4
(b) 0.6
(c)
2.5
(d)
4
26. आवश्यक वस्तुओं की मांग की लोच होती है
(a)
शून्य
(b)
असीमित
(c)
इकाई से अधिक
(d) इनमें से कोई नहीं
27. निम्न में से कौन उत्पत्ति का साधन नहीं है?
(a)
भूमी
(b)
श्रम
(c) मुद्रा
(d)
पूंजी
28. बाजार की क्या विशेषता होती है?
(a)
एक क्षेत्र
(b)
क्रेताओं एवं विक्रेताओं की उपस्थिति
(c)
वस्तु का एक मूल्य
(d) इनमें सभी
29. वित्तीय मध्यस्थ किसके बीच एक बिचौलिया है?
(A)
खरीदार और विक्रेता
(B)
श्रमिक संघों और फर्मों
(C) उधारकर्ता और फर्म
(D)
इनमे से कोई भी नहीं
30. जब कीमतें अत्यधिक दर से बढ़ जाती हैं तो उसे क्या कहा जाता है?
(A)
विस्फीति
(B)
अपस्फीति
(C)
मुद्रास्फीतिजनित मंदी
(D) मुद्रा स्फीति
Sec-B अति लघु उत्तरीय प्रश्न (2x6=12)
कोई 6 उत्तर देना
है
31. एडम स्मिथ के शब्दों में अर्थशास्त्र को परिभाषित कीजिए.
उत्तर-
एडम स्मिथ के अनुसार "अर्थशास्त्र ज्ञान की वह शाखा है जो धन से संबंधित है।"
32. सीमान्त आगम क्या है?
उत्तर- किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई की बिक्री से कुल आय में जो वृद्धि होती है उसे सीमांत आय कहतें हैं
`MR=\frac{\Delta TR}{\Delta Q}`
जहाँ, ΔTR = कुल आगम में परिवर्तन
ΔQ = बेची गयी मात्रा में
परिवर्तन
33. पूर्ति क्या है?
उत्तर-
पूर्ति से अभिप्राय एक वस्तु की उन विभिन्न मात्राओं से है जो एक बाजार में एक निश्चित
समय पर उत्पादक विभिन्न कीमतों पर बेचने के लिए तैयार है।
34. उत्पादन फलन क्या है?
उत्तर-
वाटसन के शब्दों में,"एक फर्म के भौतिक उत्पादन और उत्पादन के भौतिक कारको
के संबंध को उत्पादन फलन कहा जाता है।"
Qx
= f ( L, K )
जहां , Qx = x वस्तु का भौतिक उत्पादन
, L = श्रम की भौतिक इकाइयां
,
K = पूंजी की भौतिक इकाइयां , f = फलन
35. GDPmp क्या होता है?
उत्तर-
GDPmp का मतलब बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद है। एक लेखा वर्ष में किसी घरेलू सीमा के अंदर उत्पादित सभी
अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के बाजार मूल्य के जोड़ को सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं।
36. बाजार का नियम क्या है?
उत्तर-
बाजार का नियम फ्रांसीसी अर्थशास्त्री जीन-बैप्टिस्ट
से ने दिया था। इस नियम का प्रसिद्ध कथन है - "पूर्ति स्वयं अपनी मांग उत्पन्न
करती है"।
37. प्रत्यक्ष कर क्या है?
उत्तर-
प्रत्यक्ष कर वह कर है जो जिस व्यक्ति पर लगाया जाता है, वह व्यक्ति ही
उसका भार उठाता है। इस कर को किसी अन्य व्यक्ति पर टाला नहीं जा सकता है।
38. आर्थिक समस्या "क्या उत्पादन करें?" से क्या अभिप्राय
है?
उत्तर-
क्या उत्पादन किया जाए की समस्या आधारिक रूप से वस्तुओं एवं
सेवाओं के चयन की समस्या है जिनका उत्पादन सीमित संसाधनों द्वारा किया जाना है।
Sec-C लघु उत्तरीय प्रश्न (3x6=18)
किन्ही
भी छह प्रश्नों के उत्तर दें। उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दें।
39. रेखाचित्र से स्पष्ट कीजिए कि सीमान्त उपयोगिता के शून्य होने पर
कुल उपयोगिता अधिकतम होती है.
उत्तर-
सीमांत उपयोगिता एवं कुल उपयोगिता के बीच के संबंध को निम्न रेखा चित्र की सहायता से
स्पष्ट किया जा सकता है।
ऊपर
के रेखा चित्र से स्पष्ट है.
जब
कुल उपयोगिता अपनी अधिकतम बिंदु पर होती है तब सीमांत उपयोगिता शून्य होती है।
40. कुल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) के आकलन में किन पदों को अपवर्जित माना
गया है?
उत्तर- सकल राष्ट्रीय उत्पाद एक देश की घरेलू सीमा में सामान्य
निवासियों द्वारा एक लेखा वर्ष में उत्पादित अंतिम वस्तुओं
तथा सेवाओं के बाजार मूल्य के अतिरिक्त विदेशों से प्राप्त निवल कारक आय
तथा स्थाई पूंजी के उपभोग का जोड़ है।
इसमें निम्न कार्यों को अपवर्जित माना गया है -
1. गैर कानूनी क्रियाओं से प्राप्त आय जैसे - जुआ
2. काला धन या वह आय
जो उत्पादकों के खातो
मे दिखाई
नहीं जाती
3. हस्तांतरण भुगतान जैसे - वृद्धावस्था
पेंशन
4. मौद्रिक लेन-देनो
से आय जैसे
शेयरों तथा डिबेंचरो से
5. पुरानी किताबों का मूल्य
6. स्व उपभोग सेवाएं,
जैसे डाॅक्टर द्वारा अपनी पत्नी का इलाज
चूंकि ये सभी अनार्थिक क्रिया है अतः यह राष्ट्रीय आय में
शामिल नहीं होगा।
41. उपभोग तथा आय में क्या संबंध है?
उत्तर-
उपभोग तथा आय के स्तर
में संबंध उपयोग फलन कहलाता है। उपभोग फलन बताता है कि उपभोग आय का फलन है अथवा अन्य
शब्दों में उपभोग आय के स्तर पर निर्भर करता है। लिए उपलब्ध होती है। इसे आगे बढ़ाते
हुए ध्यान दो कि जब एक व्यक्ति को अपनी साधन सेवाओं के लिए आय प्राप्त होती है तो वह
समस्त आय को केवल उपभोग पर खर्च नहीं कर सकता।
यहां, उपभोग (C), आय (Y) का फलन (f) है। ब्रुमैन
के अनुसार, “उपभोग फलन यह बताता है कि उपभोक्ता आय के प्रत्येक सम्भव स्तर पर उपभोग
पदार्थों पर कितना खर्च करना चाहेंगे।” उपभोग फलन कुल उपभोग व्यय तथा राष्ट्रीय आय
के सम्बन्ध को प्रकट करता है।
C = f
(Y)
यहां, उपभोग (C), आय (Y) का फलन (f) है।
42. बचत फलन क्या है?
उत्तर-
बचत (S)
तथा आय (Y)
के बीच के फलनात्मक सम्बन्ध को बचत फलन कहते हैं।
S=f(Y)
43. तरलता जाल क्या है?
उत्तर-
न्यूनतम ब्याज की दर (ro ) पर लोगों में बॉण्ड
खरीदने या निवेश करने की
प्रवृत्ति नहीं होगी।
लोग मुद्रा अपने पास ही रखेंगे इसे ही तरलता जाल कहते हैं।
44. राजकोषीय नीति क्या है?
उत्तर-
राजकोषीय नीति से अभिप्राय, देश में क्रय शक्ति के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए
सरकार की आय - व्यय नीति
(अथवा बजट संबंधी नीति
) से है, ताकि स्फीतिक
अथवा अवस्फीतिक दबाव को नियंत्रित किया जा सके।
45. पूर्ण रोजगार की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
स्पेंसर के अनुसार,"
पूर्ण रोजगार वह
स्थिति है जिसमें प्रत्येक
व्यक्ति जो काम करना
चाहता है काम कर रहा है सिवाय उनके जो संघर्षात्मक
तथा संरचनात्मक बेरोजगार हैं।"
46. न्यून मांग से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- न्यून मांग की स्थिति में अर्थव्यवस्था में समग्र मांग पूर्ण रोजगार के लिए आवश्यक समग्र पूर्ति से कम होती है। इसके फलस्वरूप समग्र मांग को उपलब्ध स्तर के बराबर करने के लिए समग्र पूर्ति को कम कर दिया जाता है। अतएव समग्र मांग तथा समग्र पूर्ति पूर्ण रोजगार से कम स्तर पर बराबर हो जाते हैं। अन्य शब्दों में अर्थव्यवस्था में अपूर्ण या अल्प रोजगार संतुलन पाया जाता है।
चित्र में, पूर्ण क्षमता या पूर्ण रोजगार स्तर
पर उत्पादन करने हेतु मांग के वांछित स्तर को ADF द्वारा दिखाया गया है। यह MF के बराबर है परंतु यदि संतुलन E बिंदु पर स्थापित हो जाता है तब यह न्यून मांग की स्थिति अथवा अल्प रोजगार संतुलन
की स्थिति होगी।
न्यून मांग =
ADF - ADU = FC
Sec-D दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5x4=20)
किन्ही
भी चार प्रश्नों के उत्तर दें। उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दें।
47. मौद्रिक नीति क्या है? विस्तृत चर्चा करें.
उत्तर-
प्रो. हैरी जॉनसन के अनुसार,"मौद्रिक नीति का तात्पर्य उस नीति से है जिसके द्वारा
केंद्रीय बैंक सामान्य आर्थिक नीति के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मुद्रा की पूर्ति
को नियंत्रित करता है।"
मौद्रिक नीति के उद्देश्य :- (1) भुगतान
संतुलन एवं विनिमय स्थिरता (2) मूल्य
स्थिरता (3) मुद्रा
की तटस्थता (4) पूर्ण
रोजगार (5) आर्थिक विकास
मौद्रिक नीति के उपकरण
(A) मात्रात्मक :- (1) बैंक
दर नीति
(2) खुले बाजार की क्रियाएं तथा
(3) परिवर्तनशील कोष अनुपात को सम्मिलित किया जाता
है।
(B) गुणात्मक :- (1) प्रत्यक्ष
कार्यवाही (2) मार्जिन
में परिवर्तन (3) उपभोक्ता
साख नियमन (4) प्रचार
(5) साख की राशनिंग तथा
(6) नैतिक दबाव
48. सामूहिक मांग की अवधारणा को उचित चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए.
उत्तर-
सामूहिक ( समग्र) मांग, वह कुल व्यय है जो लोग एक वित्तीय वर्ष की
अवधि के दौरान वस्तुओं और सेवाओं के खरीदने पर खर्च करने की योजना बनाते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि समग्र मांग
(AD) को मापने समय
हम सदा लोगों द्वारा
किए जाने वाले आयोजित व्यय या प्रत्याशित व्यय के संदर्भ में बात करते हैं।
कुल मांग के
प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं -
1. निजी उपभोग
व्यय (C) :- इसमें देश के गृहस्थो/परिवारो द्वारा
एक लेखा वर्ष में, सभी वस्तुओं तथा सेवाओं के लिए की गई मांग को शामिल किया
जाता है।
2. निजी निवेश
मांग (I) :- इससे अभिप्राय निजी निवेशकर्ताओं द्वारा
पूंजी पदार्थों की खरीद पर करने वाले व्यय से है।
3 सरकारी
व्यय (G) :- इसमें सरकारी उपभोग में व्यय तथा
सरकारी निवेश व्यय दोनों शामिल होते हैं। सरकारी उपभोग व्यय
से अभिप्राय है सैन्य/सुरक्षा प्रयोग के लिए वस्तुओं के उपभोग की खरीद
पर खर्च/सरकारी निवेश व्यय से अभिप्राय है सड़कों,डैमो तथा पुलो के निर्माण पर
किया जाने वाला व्यय।
4. शुद्ध निर्यात
(X - M ) :- विदेशियों द्वारा हमारी वस्तु के लिए किए गए
व्यय को अर्थव्यवस्था में कुल व्यय (समग्र मांग) मे जोड़ा जाता है,
जबकि आयात पर किए जाने वाले व्यय को घटाया जाता है। अतः X - M (शुद्ध
निर्यात) को समग्र मांग (AD) में जोड़ा जाता है।
अतः समग्र मांग
के प्रमुख तत्त्व है -
AD = C + I + G
+ ( X- M) [ खुली अर्थव्यवस्था में ]
or, AD =
C + I [ बन्द अर्थव्यवस्था में ]
जहां , AD =
समग्र मांग , C = निजी उपभोग व्यय , I = निजी निवेश व्यय ,
G = सरकारी
व्यय, X - M = शुद्ध निर्यात

चित्र में, AD वक्र का बारे से दाये ऊपर की ओर बढ़ना इस
बात को दर्शाता
हैं कि जैसे-जैसे
आय / रोजगार की मात्रा बढ़ती जाती है, कुल मांग भी बढ़ती जाती है।
49. वस्तु विनिमय प्रणाली की कमियां क्या? स्पष्ट करें कि मुद्रा ने
इन कमियों को कैसे दूर किया है?
उत्तर-
विनिमय की वह प्रणाली,
जिसमें विनिमय के साधन के रूप में मुद्रा का प्रयोग नहीं होकर, वस्तु का प्रयोग होता
है, वस्तु विनिमय प्रणाली के नाम से जानी जाती है।

मुद्रा के प्रयोग द्वारा वस्तु विनिमय के निम्न दोष दूर हुए
1.
वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्यमान के इकाई का अभाव वस्तु विनिमय प्रणाली की प्रमुख समस्या
है। इसका तात्पर्य यह
हुआ कि यदि एक व्यक्ति को 5 मीटर कपड़े की आवश्यकता है तथा
उसे वह अपने पास के गेहूं से बदलना
चाहता है, तब प्रति मीटर कपड़े के लिए उसे कितना
गेहूं देना होगा निश्चित नहीं कर पाता। इस
प्रकार मूल्यमान के उभयनिष्ठ इकाई के
अभाव में विनिमय सीमित हो जाता है।
मुद्रा
व्यवस्था के अंतर्गत हर वस्तु अथवा सेवा का मूल्य मुद्रा के रूप में व्यक्त किया जाता
है, जिससे विनिमय के अनुपात को निश्चित करने में कोई कठिनाई नहीं होती।
मुद्रा
के मापक के रूप में प्रयोग करने से आर्थिक गणना का कार्य बहुत ही सुगम हो जाता है।
2.
वस्तु विनिमय प्रणाली में मूल्य या धन संचय का कोई स्थान नहीं होता इस व्यवस्था में
सिर्फ वस्तुओं का भंडारण किया जा सकता है।
उससे वस्तुओं के खराब होने की संभावना बनी रहती है।
किंतु
मुद्रा के प्रयोग से मनुष्य भविष्य के लिए क्रय शक्ति का संचय कर सकता है। वस्तुएं
एवं सेवाएं बेचकर मुद्रा प्राप्त कर ली जाती है, उसका कुछ भाग वर्तमान आवश्यकताओं पर
व्यय कर दिया जाता है और शेष भविष्य
के लिए जमा कर लिया जाता है।
50. प्रतिकूल भुगतान संतुलन को ठीक करने के उपार्यों की व्याख्या करें.
उत्तर-
भुगतान संतुलन से आशय देश के समस्त आयातो एवं निर्यात एवं अन्य सेवाओं के मूल्य के
सम्पूर्ण विवरण से होता है। इसके अंतर्गत लेन-देन के दो पक्ष होते हैं। एक
ओर तो देश की विदेशी मुद्रा की लेनदारियो का विवरण रहता है जिसे धनात्मक पक्ष कहते हैं तथा दूसरी ओर उस देश
की समस्त देनदारियों का विवरण रहता है जिसे ऋणात्मक पक्ष कहते हैं।
प्रतिकूल
भुगतान संतुलन को ठीक करने के निम्न तरीके हैं -
1. मुद्रा संकुचन :-
मुद्रा
संकुचन के फलस्वरूप देश में वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों में कमी आ जाती है। जिससे निर्यात में वृद्धि हो
जाती है।
आय
के कम होने के कारण लोगों की आयात करने की प्रवृत्ति कम हो जाती है।
2. विनिमय ह्रास :-
किसी
देश
के विनिमय ह्रास
से विदेशियों
के लिए घरेलू वस्तुएं सस्ती हो जाती है और आयात महंगे हो जाते हैं अतः निर्यात
में वृद्धि तथा आयातो मे
कमी आ
जाती है।
3. विनिमय नियंत्रण :-
विनिमय
नियंत्रण
पूंजी के निर्यात एवं बहिर्गमन को रोक कर भुगतान संतुलन को ठीक करने में सहायता देता
है।
4. अवमूल्यन :-
अवमूल्यन
के
अंतर्गत सरकारी घोषणा के अनुसार देश के मुद्रा के बाह्य मूल्य को कम कर दिया जाता है। जिससे देश के निर्यात विदेशों में
सस्ते पड़ते हैं जबकि आयात महंगे
हो
जाते हैं।
5. अमौद्रिक उपाय :-
(a) आयात
में
कमी करना (b) निर्यात को प्रोत्साहन (c) विदेशी निवेश को प्रोत्साहन (d) सरकार की आर्थिक
नीतियों में परिवर्तन (e) विदेशी ऋण (f) विदेशी पर्यटकों को प्रोत्साहन।
51. GDP से राष्ट्रीय आय की गणना आप कैसे करेंगे? व्याख्या कीजिए.
उत्तर- जीडीपी एक देश के घरेलू सीमा के अंदर एक लेखा वर्ष
में सभी
उत्पादकों चाहे वे देश के निवासी हो या गैर निवासी के द्वारा जितनी भी अंतिम
वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन होता है। उनके बाजार कीमत के योग को सकल घरेलू
उत्पाद (जीडीपी) कहा जाता है।
राष्ट्रीय आय एक देश के घरेलू सीमा के अंदर एक लेखा वर्ष
में सभी उत्पादकों द्वारा उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य (साधन
कीमत पर ) तथा विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय का योग राष्ट्रीय आय कहलाता है।
जीडीपी की सहायता से राष्ट्रीय आय की गणना तीन विधियों से
हो सकती है-
A)
आय विधि
जीडीपी = कर्मचारियों का पारिश्रमिक + परिचालन अधिशेष +
स्व-नियोजितों की आय + घिसावट + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
राष्ट्रीय आय = जीडीपी + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFIA)
B)
उत्पाद विधि-
जीडीपी बाजार कीमत पर प्राथमिक क्षेत्र का सकल मूल्यवृद्धि
+ द्वितीय क्षेत्र का सकल मूल्य वृद्धि + तृतीय क्षेत्र का सकल मूल्य वृद्धि
राष्ट्रीय आय = जीडीपी + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय
(NFIA)- घिसावट
व्यय - शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
(C)
व्यय विधि-
जीडीपी = निजी अंतिम उपभोग व्यय + सरकारी अंतिम उपभोग व्यय +सकल
घरेलू स्थिर पूंजी निर्माण + शुद्ध निर्यात
राष्ट्रीय आय = जीडीपी + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय
((NFIA) - घिसावट
व्यय - शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
इस प्रकार, राष्ट्रीय आय
की गणना में जीडीपी एक महत्वपूर्ण पक्ष है।
52. लागत क्या है? स्पष्ट कीजिए कि अल्पकाल में औसत लागत, औसत स्थिर
लागत और औसत परिवर्तनी लागत के योग के बराबर होती है.
उत्तर- उत्पादन के साधनों के प्रयोग के बदले
जो धनराशि व्यय की जाती है, लागत कहलाती है।
औसत लागत-उत्पादन के प्रति इकाई लागत को औसत लागत कहा जाता
है।

Model Question Solution 
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Economics Model Paper 2021 Solution/JAC Board Jharkhand
व्यष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय स्मरण रखें (Remember an Introduction to Microeconomics)
आय/उत्पादक का संतुलन स्मरण रखे (Remember an Revenue/ Producer’s Equilibrium)
अधिमाँग-सरकारी बजट-विनिमय दर-भुगतानशेष-स्मरण रख (Remember an Excess Demand-Budget-Exchange-Balance)
उत्पादन फलन/ लागत स्मरण रखें (Remember an Production Function/ Cost)
पूर्ति/बाजार/बाजार संतुलन स्मरण रखे (Remember an Supply/ Market/Market Equilibrium)
Economics Model Question Solution Set-1Term-1 Exam.
Economics Model Question Solution Set-2Term-1 Exam.
Economics Model Question Solution Set-3Term-1 Exam.
Economics Model Question Solution Set-4 Term-1 Exam.
Economics Model Question Solution Set-5 Term-1 Exam.
12th JAC Economics Model Paper Solution 2022-23
Economics Model Question Solution Set-1 Term-2 Exam. (2021-22)
Economics Model Question Solution Set-2 Term-2 Exam. (2021-22)
Economics Model Question Solution Set-3 Term-2 Exam. (2021-22)
Economics Model Question Solution Set-4 Term-2 Exam. (2021-22)
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