झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्,राँची
वार्षिक इन्टरमीडिएट परीक्षा – 2025-26 मॉडल प्रश्न पत्र
|
Class-12 |
Sub.
Geography |
Time
- 3 Hours |
Full
Marks- 80 |
Instructions
/ निर्देश :
1.
परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में ही उत्तर दें। पुस्तिका में 10 मुद्रित पृष्ठ
है।
2.
इस प्रश्न पत्र में चार खण्ड A, B, C, एवं D है। कुल प्रश्नों की संख्या 48 है।
3.
खण्ड A में कुल 25 बहुविकल्पीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिए गए हैं,
इनमें से एक सही विकल्प का चयन कीजिए। प्रत्येक प्रश्न का मान 1 अंक निर्धारित है।
4.
खण्ड B में प्रश्न संख्या 2634 अति लघु उत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किन्ही छह प्रश्नों
के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का मान 2 अंक निर्धारित है।
5.
खण्ड C में प्रश्न संख्या 35 42 लघु उत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किन्ही छह प्रश्नों
के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का मान 3 अंक निर्धारित है।
6.
खण्ड D में प्रश्न संख्या 43 48 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किन्ही चार प्रश्नों
के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का मान 5 अंक निर्धारित है।
Section-A (खण्ड - A)
1. निम्नलिखित में से कौन-सा भौगोलिक जानकारी का स्रोत नहीं है?
(A)
यात्रियों के वृत्तांत
(B)
पुराने मानचित्र
(C) चंद्रमा से चट्टानों के नमूने
D)
प्राचीन महाकाव्य
2. किस देश की जनसंख्या घनत्व सबसे अधिक है?
(A)
चीन
(B)
भारत
(C) सिंगापुर
(D)
इंडोनेशिया
3. निम्नलिखित में से किस महाद्वीप में जनसंख्या वृद्धि सबसे अधिक है?
(A) अफ्रीका
(B)
दक्षिण अमेरिका
(C)
एशिया
(D)
उत्तरी अमेरिका
4. निम्नलिखित में से कौन-सा विकास का सर्वश्रेष्ठ वर्णन करता है?
(A)
आकार में वृद्धि
(B)
आकार में स्थिरता
(C) गुणवत्ता में सकारात्मक परिवर्तन
(D)
गुणवत्ता में साधारण परिवर्तन
5. निम्नलिखित में से किस देश में सहकारी खेती सबसे सफल प्रयोग रहा
है?
(A)
रूस
(B) डेनमार्क
(C)
भारत
(D)
नीदरलैंड
6. अमेरिका का "रस्टी बाउल" किस केंद्र को कहा जाता है?
(A) पिट्सबर्ग
(B)
शिकागो
(C)
गैरी
(D)
बफ़ेलो
7. आइसोक्रोन वे रेखाएँ हैं जो समानता वाले स्थानों को जोड़ती हैं:
(A)
किलोमीटर दूरी
(B) समय दूरी
(C)
लागत दूरी
(D)
लाभ दूरी
8. ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय रेलवे कहाँ से कहाँ तक चलती है?
(A) पर्थ से सिडनी
(B)
डार्विन से मेलबर्न
(C)
ब्रिसबेन से एडिलेड
(D)
सिडनी से कालगूर्ती
9. स्वेज नहर किन समुद्रों को जोड़ती है?
(A) भूमध्य सागर और लाल सागर
(B)
काला सागर और भूमध्य सागर
(C)
उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर
(D)
बाल्टिक सागर और व्हाइट सागर
10. किस राज्य की जनसंख्या घनत्व सबसे अधिक है?
(A)
हरियाणा
(B)
उत्तर प्रदेश
(C)
पश्चिम बंगाल
(D) बिहार
11. किस राज्य का लिंगानुपात सबसे अधिक है?
(A) केरल
(B)
हिमाचल प्रदेश
(C)
ओडिशा
(D)
तमिलनाडु
12. एक महानगर की जनसंख्या कितनी होती है?
(A)
60 लाख
(B)
70 लाख
(C)
80 लाख
(D) 100 लाख
13. निम्रलिखित में से किस प्रकार की बस्तियाँ सड़कों, नदियों या नहरों
के किनारे विकसित होती हैं?
(A)
वृत्ताकार
(B) रेखीय
(C)
क्रॉस-आकार
(D)
वर्गाकार
14. निम्नलिखित में से किस प्रकार की आर्थिक गतिविधियाँ सभी ग्रामीण
बस्तियों में प्रमुख हैं?
(A) प्राथमिक
(B)
तृतीयक
(C)
द्वितीयक
(D)
चतुर्थक
15. देश में प्रयुक्त कुल जल का सबसे बड़ा हिस्सा किस क्षेत्र में उपयोग
होता है?
(A) सिंचाई
(B)
उद्योग
(C)
घरेलू उपयोग
(D)
उपरोक्त में से कोई नहीं
16. भारत में ज्वार का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन-सा है?
(A)
पंजाब
(B) महाराष्ट्र
(C)
कर्नाटक
(D)
राजस्थान
17. भारत विश्व में किस फसल का प्रमुख उत्पादक है?
(A) जूट
(B)
चावल
(C)
चाय
(D)
कॉफी
18. लिग्नाइट कोयला कहाँ पाया जाता है?
(A)
झरिया
(B) नेयवेली
(C)
बोकारो
(D)
रानीगंज
19. सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र कहाँ स्थित है?
(A)
नासिक
(B) जोधपुर
(C)
कैगा
(D)
चंद्रपुर
20. बिग इंच पाइपलाइन किसका परिवहन करती है?
(A)
दूध
(B)
तरलीकृत पेट्रोलियम गैस
(C)
पानी
(D) पेट्रोलियम
21. निम्नलिखित में से कौन-सा स्थानों का जोड़ा चैनल टनल से जुड़ा है?
(A)
लंदन - बर्लिन
(B) पेरिस – लंदन
(C)
बर्लिन - पेरिस
(D)
बार्सिलोना बर्लिन
22. भरमौर जनजातीय क्षेत्र किस राज्य में में स्थित है?
(A)
उत्तराखंड
(B)
जम्मू और कश्मीर
(C) हिमाचल प्रदेश
(D)
उत्तर प्रदेश
23. इंदिरा गांधी नहर कमांड क्षेत्र में सतत विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण
कारक कौन-सा है?
(A)
कृषि विकास
(B) पर्यावरण-विकास
(C)
परिवहन विकास
(D)
भूमि का उपनिवेशीकरण
24. अमेरिका में दास व्यापार कब समाप्त किया गया था?
(A)
1708
(B)
1758
(C)
1778
(D) 1808
25. ओपेक में कितने देश हैं?
(A)
10
(B)
11
(C) 12
(D)
13
Section-B (खण्ड - B)
26. 'Small is Beautiful' पुस्तक के लेखक कौन हैं?
उत्तर- 'Small is Beautiful' पुस्तक के लेखक जर्मन मूल
के ब्रिटिश अर्थशास्त्री ई. एफ. शूमाकर (E. F. Schumacher) हैं। यह पुस्तक 1973 में
प्रकाशित हुई थी और इसका पूरा नाम है "Small Is Beautiful: A Study of
Economics As If People Mattered" ।
27. आई.टी.डी.पी. निम्नलिखित में से किसके लिए प्रयुक्त होता है?
उत्तर- आई.टी.डी.पी. का पूरा रूप एकीकृत
जनजातीय विकास परियोजना (Integrated Tribal Development Project) है । यह कार्यक्रम
भारत सरकार की जनजातीय उप-योजना (Tribal Sub-Plan) के तहत संचालित होता है।
28. राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 1 किस नदी पर और किन दो स्थानों के बीच
है?
उत्तर- राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 1 गंगा-भागीरथी-हुगली
नदी प्रणाली पर स्थित है । यह जलमार्ग उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) से
शुरू होकर पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक जाता है । इसकी कुल लंबाई लगभग
1,620 किलोमीटर है, जो इसे भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय जलमार्ग बनाती है ।
29. गंगा नदी के किनारों पर प्रदूषण का स्रोत क्या है?
उत्तर- गंगा नदी के किनारों पर प्रदूषण के प्रमुख स्रोत मानव,
औद्योगिक और कृषि गतिविधियाँ हैं ।
30. भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश कौन-सा है?
उत्तर- संयुक्त राज्य अमेरिका
भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश रहा । भारत और अमेरिका के बीच कुल
द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा, जिससे अमेरिका ने लगातार चौथे
वर्ष (2021-22 से 2024-25) तक यह स्थान बनाए रखा ।
31. भारत में कितने रेल जोन हैं?
उत्तर- भारतीय रेलवे को कुल 19 जोनों में विभाजित किया
गया है । जम्मू डिविजन के गठन के बाद भारतीय रेलवे में अब कुल 69 डिविजन हैं,
जो इन 19 जोनों के अंतर्गत आते हैं ।
32. पुश और पुल कारक किसके लिए उत्तरदायी होते हैं?
उत्तर- पुश और पुल कारक प्रवासन
(Migration) के लिए उत्तरदायी होते हैं ।
पुश
कारक- वे कारण या परिस्थितियाँ होती हैं जो लोगों
को अपने मूल स्थान को छोड़ने के लिए प्रेरित करती हैं। इनका प्रभाव लोगों
को बाहर की ओर “धकेलने” जैसा होता है।
पुल
कारक- वे कारण हैं जो प्रवासियों को नए स्थान
की ओर आकर्षित करते हैं। इन्हें “खींचने” वाले कारक कहा जाता है।
33. भारत में 'सीमान्त श्रमिक' कौन होते हैं?
उत्तर- भारत में सीमान्त श्रमिक (Marginal
Worker) वह व्यक्ति होता है जिसने एक वर्ष में 183 दिनों (या छह महीने) से
कम समय तक किसी आर्थिक रूप से उत्पादक गतिविधि में काम किया हो ।
34. दूषित जल से होने वाली कोई दो बीमारियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
दूषित जल से कई गंभीर बीमारियाँ फैलती हैं, जिनमें सबसे प्रमुख दो हैं हैजा
(Cholera) और टायफॉइड (Typhoid) ।
Section-C (खण्ड – C)
35. विश्व के विभिन्न देशों में भूमिगत खनन विधियों की कोई तीन विशेषताएँ
स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - विश्व में भूमिगत खनन विधियों की तीन मुख्य विशेषताएँ हैं:
1. ऊर्ध्वाधर
शाफ्ट और सुरंगों का निर्माण,
2. खनिजों
को सतह तक पहुँचाना, और
3. सुरक्षा
के लिए विभिन्न समर्थन प्रणालियों का उपयोग।
इन विधियों में ऊर्ध्वाधर शाफ्ट और विकर्ण ढलान बनाकर खनिजों तक पहुंचा जाता
है, फिर निकाला गया खनिज खदान से बाहर लाया जाता है। सुरक्षा के लिए छत, दीवारों
और लंगर को सहारा देने के लिए कृत्रिम या प्राकृतिक स्तंभों का उपयोग किया जाता
है।
36. 'विकास' और 'वृद्धि' में एक उदाहरण सहित अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - 'वृद्धि' - यह
एक मात्रात्मक (Quantitative) परिवर्तन है, जो आकार, संख्या, या आय में वृद्धि को
दर्शाता है।
'विकास'- यह मात्रात्मक और गुणात्मक
(Qualitative) दोनों परिवर्तन है, जो संरचना और कार्यप्रणाली में सुधार को दर्शाता
है।
उदाहरण के लिए - यदि किसी देश की जनसंख्या या आय बढ़ती है तो यह 'वृद्धि' कहलाती है; परंतु जब
लोगों का जीवनस्तर, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समानता में सुधार होता है तो यह
'विकास' कहलाता है। वृद्धि संख्यात्मक होती है, जबकि विकास में मानवीय, सामाजिक और
आर्थिक प्रगति शामिल होती है।
37. गृह उद्योगों की कोई तीन विशेषताएँ वर्णन कीजिए।
उत्तर- गृह उद्योग छोटे पैमाने पर घर या स्थानीय कार्यशालाओं
में चलाए जाने वाले उद्योग होते हैं, जिनमें आमतौर पर परिवार के सदस्य ही कार्य करते
हैं ।
गृह
उद्योगों की तीन प्रमुख विशेषताएँ
1.
कम पूंजी निवेश : गृह उद्योगों के लिए
बहुत अधिक पूंजी की आवश्यकता नहीं होती। ये उद्योग छोटे स्तर पर प्रारंभ किए जाते हैं
और अक्सर घर पर ही संचालित होते हैं। उदाहरण के लिए – अगरबत्ती बनाना, पापड़ बनाना
आदि ।
2.
परिवार आधारित श्रम शक्ति : इन उद्योगों
में अधिकांश कार्य परिवार के सदस्य स्वयं करते हैं। इससे श्रम लागत कम रहती है और आत्मनिर्भरता
बढ़ती है ।
3.
स्थानीय कच्चे माल व पारंपरिक तकनीक का प्रयोग : गृह उद्योग प्रायः स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कच्चे माल जैसे कपास, लकड़ी, मिट्टी,
या अनाज का उपयोग करते हैं। इनमें हाथ के औज़ार व पारंपरिक विधियाँ अपनाई जाती हैं,
जिससे उत्पादों में हस्तनिर्मित विशिष्टता बनी रहती है ।
38. भारत के 'छिटक' एवं 'विखंडित' ग्रामीण बस्तियों में अंतर स्पष्ट
कीजिए।
उत्तर- भारत में ग्रामीण बस्तियाँ उनके आकार, वितरण
और भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर विभिन्न प्रकार की होती हैं। इनमें प्रमुख दो स्वरूप
हैं – ‘छिटक (परिक्षिप्त)’ और ‘विखंडित (अर्ध-गुच्छित)’ बस्तियाँ।
1.
छिटक (परिक्षिप्त या बिखरी हुई) बस्तियाँ
·
अर्थ:
इन बस्तियों में मकान एक-दूसरे से काफी दूरी पर बने होते हैं।
·
स्थिति:
ये प्रायः पहाड़ी, जंगलों वाले या दुर्गम क्षेत्रों जैसे हिमाचल प्रदेश, मेघालय, उत्तराखंड
और केरल में पाई जाती हैं।
·
कारण:
भूमि की असमानता, जल स्रोतों की कमी, या कृषि योग्य भूमि का बिखराव।
·
उदाहरण:
मेघालय और नागालैंड की पहाड़ी ढालों पर एकाकी घर या छोटी झोपड़ियों के समूह ।
2.
विखंडित (अर्ध-गुच्छित) बस्तियाँ
·
अर्थ:
ऐसी बस्तियाँ जो किसी मुख्य गाँव के खंडों में विभाजित हो जाती हैं, परंतु एक-दूसरे
से बहुत दूर नहीं होतीं।
·
स्थिति:
ये आमतौर पर गुजरात और राजस्थान के मैदान क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
·
कारण:
सामाजिक या जातिगत विभाजन, जमींदारी व्यवस्था, या बड़े गाँवों के विखंडन की प्रक्रिया।
·
उदाहरण:
किसी गाँव के ज़मींदारों का मुख्य भाग पर अधिकार और श्रमिक समुदाय का गाँव की सीमा
पर बसना ।
39. भारत में कृषि के लिए सिंचाई के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- भारत में कृषि के लिए सिंचाई (Irrigation) अत्यंत
महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की कृषि व्यवस्था को प्राकृतिक वर्षा पर निर्भरता से
मुक्त कर स्थायित्व प्रदान करती है ।
1.
वर्षा की अनियमितता को संतुलित करना : भारत
में मानसूनी वर्षा असमान, मौसमी और अनिश्चित होती है। सिंचाई के माध्यम से फसलों को
समय पर जल उपलब्ध कराया जाता है जिससे सूखा और वर्षा की कमी से फसलों को हानि नहीं
होती ।
2.
कृषि उत्पादकता में वृद्धि : सिंचाई के कारण फसलों को पर्याप्त
नमी मिलने से उत्पादन और उपज दोनों में वृद्धि होती है। यह मिट्टी की उर्वरता बनाए
रखती है और गुणवत्ता युक्त फसलें प्राप्त होने में सहायता करती है ।
3.
एक से अधिक फसलों की खेती संभव : सिंचाई के साधनों की उपलब्धता
से किसान वर्ष में एक के बजाय दो या तीन फसलें उगा सकते हैं, जिससे कृषि लाभकारी बनती
है और ग्रामीण आय में वृद्धि होती है।
4.
खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण विकास : सिंचाई कृषि उत्पादन
को स्थिर करती है, जिससे देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है। साथ ही यह ग्रामीण
रोजगार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देती है ।
5.
सहायक लाभ : सिंचाई प्रणाली के विकास से जल परिवहन, मछली
पालन, विद्युत उत्पादन और भू-जल पुनर्भरण जैसी अन्य गतिविधियाँ भी लाभान्वित होती हैं
।
इस
प्रकार, सिंचाई भारतीय कृषि की रीढ़ है जो न केवल उत्पादकता को बढ़ाती है, बल्कि कृषि
को टिकाऊ व आत्मनिर्भर बनाती है ।
40. जलागम प्रबंधन को स्पष्ट कीजिए। इसका उद्देश्य क्या है?
उत्तर- जलागम प्रबंधन का संबंध किसी क्षेत्र की भूमि,
जल, वनस्पति और पर्यावरण संसाधनों के समन्वित संरक्षण, उपयोग और विकास से है ।
जलागम
प्रबंधन एक एकीकृत योजना प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत भूमि उपयोग, जल संरक्षण, मृदा
संरक्षण, और वनस्पति पुनर्स्थापन के माध्यम से उस क्षेत्र के प्राकृतिक संतुलन और उत्पादकता
को बनाए रखना उद्देश्य होता है ।
जलागम
प्रबंधन के मुख्य उद्देश्य
1.
मृदा व जल संरक्षण: खेतों और ढालों से मिट्टी
का बहाव रोकना तथा वर्षा जल का अधिकतम संचयन करना।
2.
भूजल स्तर में वृद्धि: जल पुनर्भरण (recharge) के
माध्यम से भूजल को बढ़ाना ताकि सिंचाई और पेयजल के स्रोत स्थायी रहें ।
3.
कृषि उत्पादन में सुधार: नमी संरक्षण और सिंचाई के
बेहतर प्रबंधन से फसलों की उत्पादकता बढ़ाना।
4.
वनस्पति और जैव विविधता का संरक्षण: वृक्षारोपण और हरित
आवरण बढ़ाकर पर्यावरण संतुलन बनाए रखना ।
5.
ग्रामीण जीवन में सुधार: जलागम क्षेत्र के निवासियों
को स्थायी आजीविका प्रदान करना व गरीबी घटाना।
इस
प्रकार, जलागम प्रबंधन का उद्देश्य केवल जल और मिट्टी के संरक्षण तक सीमित नहीं है,
बल्कि यह पर्यावरणीय स्थिरता और ग्रामीण विकास दोनों में महत्वपूर्ण योगदान देता है
।
41. भारत में सड़क परिवहन की कोई छह विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर- भारत में सड़क परिवहन देश की आर्थिक, सामाजिक
और सांस्कृतिक गतिविधियों की रीढ़ है, जो देश के लगभग प्रत्येक भाग को आपस में जोड़ता
है ।
भारत
में सड़क परिवहन की छह प्रमुख विशेषताएँ
1.
विस्तृत नेटवर्क: भारत का सड़क परिवहन नेटवर्क विश्व का
दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 63.7 लाख किलोमीटर है। यह देश के
प्रत्येक गाँव, नगर और औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ता है।
2.
डोर-टू-डोर सेवा: सड़क परिवहन घरेलू और वाणिज्यिक दोनों
प्रयोजनों के लिए घर से घर तक सामान और यात्री पहुंचाने की सुविधा देता है, जो रेल
या जल परिवहन से संभव नहीं है ।
3.
कम निवेश और रखरखाव लागत: रेल या वायु परिवहन की तुलना
में सड़क परिवहन के लिए प्रारंभिक पूंजी निवेश कम होता है, और इसका रखरखाव भी अपेक्षाकृत
सस्ता है ।
4.
लचीलापन और सुविधा: सड़क मार्ग के माध्यम से यात्रा
और माल ढुलाई में समय, मार्ग और दूरी की लचीलेपन की सुविधा होती है; इसे किसी भी भू-भाग
में आसानी से बदला जा सकता है ।
5.
अल्प एवं मध्यम दूरी हेतु उपयुक्त: यह परिवहन प्रणाली
छोटी और मध्यम दूरी की यात्राओं व माल ढुलाई के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है। यह रेल या
वायु परिवहन की पूरक सेवा के रूप में कार्य करती है।
6.
ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों को जोड़ने की क्षमता: सड़क
परिवहन भारत के पहाड़ी, मरुस्थलीय और जनजातीय क्षेत्रों को भी मुख्यधारा से जोड़ता
है, जिससे क्षेत्रीय संतुलन व विकास को प्रोत्साहन मिलता है ।
42. भारत के आयात संरचना के बदलते स्वरूप की कोई पाँच विशेषताएँ वर्णन
कीजिए।
उत्तर- भारत की आयात संरचना पिछले तीन दशकों में तेजी
से बदली है, विशेष रूप से 1991 के उदारीकरण और वैश्वीकरण के बाद । इस बदलती संरचना
की पाँच प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
1.
पेट्रोलियम और ऊर्जा उत्पादों का वर्चस्व: भारत
के कुल आयात में कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की हिस्सेदारी सबसे अधिक (लगभग
25–30%) है। ऊर्जा की बढ़ती घरेलू माँग और सीमित घरेलू तेल उत्पादन के कारण यह निर्भरता
लगातार बनी हुई है ।
2.
पूँजीगत और प्रौद्योगिकीय वस्तुओं का बढ़ता आयात: 1990
के बाद से औद्योगीकरण और तकनीकी विकास के चलते भारत ने मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण,
और ऑटोमोबाइल पार्ट्स का आयात बढ़ाया है। यह परिवर्तन उत्पादन क्षमता और विनिर्माण
क्षेत्र के आधुनिकीकरण को दर्शाता है ।
3.
मूल्यवान धातुओं और आभूषणों का बड़ा हिस्सा: सोना,
चाँदी और रत्नों का आयात भारत की आयात टोकरी का एक महत्वपूर्ण भाग है, विशेष रूप से
आभूषण उद्योग और निवेश मांग के कारण ।
4.
खाद्य और उर्वरक आयात की सीमित परंतु आवश्यक भूमिका: भारत
खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर होते हुए भी कच्चे खाद्य तेल, दालें और उर्वरक जैसे उत्पादों
का आयात करता है, जिससे कृषि क्षेत्र की निरंतरता बनी रहती है ।
5.
सेवा क्षेत्र और रणनीतिक वस्तुओं का उभार: 2020
के बाद से भारत ने ऊर्जा, रक्षा उपकरण, और आईटी हार्डवेयर जैसी रणनीतिक वस्तुओं के
आयात में वृद्धि की है, जबकि सेवा आयात (जैसे सॉफ्टवेयर, परामर्श एवं वित्तीय सेवाएँ)
का महत्व भी बढ़ा है ।
Section-D (खण्ड – D)
43. जनसंख्या घनत्व का क्या अर्थ है? विश्व में जनसंख्या के वितरण को
प्रभावित करने वाले चार भौगोलिक कारकों की उपयुक्त उदाहरण सहित विवेचना कीजिए।
उत्तर- जनसंख्या घनत्व से तात्पर्य किसी क्षेत्र के
प्रति इकाई क्षेत्रफल (जैसे प्रति वर्ग किलोमीटर) में रहने वाले लोगों की संख्या से
है। यह बताता है कि कोई क्षेत्र कितना सघन या विरल आबादी वाला है।
जनसंख्या
घनत्व= कुल जनसंख्या/कुल क्षेत्रफल (वर्ग कि.मी.)
उदाहरण:
भारत का जनसंख्या घनत्व 2021 की जनगणना के अनुसार लगभग 382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि.मी.
है, जबकि बिहार में यह सबसे अधिक 1,102 व्यक्ति प्रति वर्ग कि.मी. है।
विश्व
में जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले चार प्रमुख भौगोलिक कारक
1.
स्थलाकृति: समतल और उपजाऊ मैदान वाले क्षेत्रों में जनसंख्या
का घनत्व अधिक रहता है क्योंकि वहाँ कृषि, उद्योग और आवागमन के साधन विकसित होते हैं।
उदाहरण:
भारत का गंगा-ब्रह्मपुत्र मैदानी भाग या मिस्र का नील घाटी क्षेत्र घनी आबादी वाले
हैं।
वहीं,
पर्वतीय या पठारी क्षेत्र, जैसे तिब्बत पठार या हिमालय क्षेत्र, कम जनसंख्या वाले हैं।
2.
जलवायु: संतुलित और अनुकूल जलवायु वाले क्षेत्र (जहाँ
वर्षा और तापमान दोनों मध्यम हों) में अधिक जनसंख्या निवास करती है।
उदाहरण:
दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया और यूरोप के समशीतोष्ण क्षेत्र घनी आबादी वाले हैं,
जबकि सहारा रेगिस्तान और अंटार्कटिका जैसे अति-गर्म या अति-शीत क्षेत्र विरल आबादी
वाले हैं।
3.
मृदा: उपजाऊ मिट्टी वाले क्षेत्र जनसंख्या के घनत्व
को बढ़ाते हैं क्योंकि वहाँ कृषि उत्पादन अधिक होता है।
उदाहरण:
भारत के गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा, मिस्र की नील घाटी, और चीन की ह्वांग ही घाटी में
जनसंख्या घनत्व बहुत अधिक है।
4.
खनिज एवं प्राकृतिक संसाधन: खनिजों से समृद्ध क्षेत्र
औद्योगिक गतिविधियों के केंद्र बनते हैं, जिससे वहाँ रोजगार और बसावट बढ़ती है।
उदाहरण:
भारत का छोटा नागपुर पठार (लोहा व कोयला क्षेत्र) और चीन का मंचूरिया क्षेत्र घनी आबादी
वाले औद्योगिक क्षेत्र हैं।
44. 'नियतिवाद' एवं 'नव-नियतिवाद' की अवधारणा को उपयुक्त उदाहरण सहित
स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- नियतिवाद की अवधारणा- नियतिवाद वह विचारधारा
है जिसके अनुसार मनुष्य का जीवन, समाज, संस्कृति और विकास पूरी तरह से प्राकृतिक या
पर्यावरणीय कारकों द्वारा नियंत्रित होता है। इसमें मनुष्य को एक निष्क्रिय प्राणी
माना जाता है, जो अपने पर्यावरण के अनुसार ही कार्य करता है ।
उदाहरण:
·
मिस्र
की सभ्यता नील नदी के किनारे विकसित हुई क्योंकि वहाँ की जलवायु और मिट्टी ने कृषि
को संभव बनाया।
·
सहारा
रेगिस्तान में जीवन कठिन है, इसलिए वहाँ जनसंख्या विरल है।
·
आर्कटिक
क्षेत्र में बर्फीली जलवायु के कारण वहाँ के लोग शिकारी जीवन जीते हैं।
नव-नियतिवाद
की अवधारणा- नव-नियतिवाद, जिसे "रोको और जाओ नियतिवाद"
(Stop-and-Go Determinism) भी कहा जाता है, ग्रिफ़िथ टेलर द्वारा प्रतिपादित है। इसमें
माना गया है कि पर्यावरण मनुष्य की गतिविधियों को सीमित या दिशा देता है, लेकिन मनुष्य
अपनी बुद्धि, तकनीक और प्रयासों से इन सीमाओं को पार कर सकता है ।
उदाहरण:
·
नीदरलैंड
में समुद्र के नीचे बाँध और पंपिंग तकनीक से भूमि का निर्माण (पोल्डर सिस्टम)।
·
रेगिस्तानी
क्षेत्रों में सिंचाई और ग्रीनहाउस तकनीक से कृषि संभव बनाना।
·
पर्वतीय
क्षेत्रों में सुरंग, पुल और सड़क निर्माण द्वारा आवागमन को आसान बनाना।
45. घुमंतू पशुपालन एवं व्यावसायिक पशुपालन में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- घुमंतू पशुपालन और व्यावसायिक पशुपालन में
निम्नलिखित प्रमुख अंतर हैं
|
अंतर का आधार |
घुमंतू पशुपालन |
व्यावसायिक पशुपालन |
|
मुख्य उद्देश्य |
जीवन-निर्वाह (Subsistence): इसका उद्देश्य चरवाहे और उसके
परिवार की आवश्यकताओं (दूध, मांस, ऊन, चमड़ा) को पूरा करना है। |
लाभ कमाना (Profit-Motive): इसका मुख्य उद्देश्य पशु उत्पादों
को बड़े पैमाने पर बाज़ार में बेचकर लाभ कमाना है। |
|
पशुओं की गति |
निरंतर गतिशीलता (Migration): चरवाहे पानी और चरागाह की
तलाश में अपने पशुओं के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान पर (अक्सर ऋतुओं के अनुसार)
घूमते रहते हैं। |
स्थायी फार्म (Fixed Ranches): पशुओं को बड़े, स्थायी बाड़े
या फार्मों (रैंच) में रखा जाता है, जहाँ वे निश्चित सीमा के भीतर चरते हैं। |
|
पशुओं की संख्या |
पशुओं की संख्या अधिक होती है, लेकिन नस्लें कमज़ोर हो
सकती हैं, क्योंकि वे विभिन्न प्रकार के पशु (भेड़, बकरी, ऊँट, याक) एक ही झुंड में
रखते हैं। |
पशुओं की संख्या बहुत बड़ी होती है। इसमें एक ही विशिष्ट
नस्ल (जैसे, केवल अच्छी दुधारू गाय या केवल मांस के लिए भेड़) का पालन किया जाता
है। |
|
पूंजी और तकनीक |
यह एक पुरातन (Primitive) पद्धति है। इसमें कम पूंजी और
न्यूनतम आधुनिक तकनीक का उपयोग होता है। |
यह आधुनिक और पूंजी-गहन (Capital Intensive) पद्धति है।
इसमें वैज्ञानिक विधियों (नस्ल सुधार, रोग नियंत्रण, मशीनीकरण) का भरपूर उपयोग होता
है। |
|
उत्पादों का उपयोग |
उत्पाद मुख्य रूप से स्थानीय उपभोग के लिए होते हैं। |
उत्पाद डिब्बा बंद (Processed & Packed) किए जाते हैं
और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में निर्यात किया जाता है। |
|
चारे की व्यवस्था |
पशु पूरी तरह से प्राकृतिक घास और झाड़ियों पर निर्भर होते
हैं। इसके लिए कोई विशेष चारा नहीं उगाया जाता। |
चारे की व्यवस्था सुनिश्चित होती है। पशुओं के लिए विशेष
रूप से चारे की फसलें उगाई जाती हैं और पोषक आहार दिया जाता है। |
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भौगोलिक क्षेत्र |
अर्ध-शुष्क और शुष्क प्रदेश, सवाना घास के मैदान, और टुंड्रा
क्षेत्र (जैसे, सहारा, मध्य एशिया, भारत के कुछ हिस्से)। |
शीतोष्ण घास के मैदान जो व्यावसायिक कृषि के लिए अनुकूल
हैं (जैसे, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अर्जेंटीना)। |
46. जल संसाधनों की कमी के लिए उत्तरदायी कोई तीन कारकों को स्पष्ट
कीजिए। भारत में जल प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु कोई दो वैधानिक उपायों की विवेचना
कीजिए।
उत्तर- जल संसाधनों की कमी के लिए मुख्य रूप से तीन
कारक उत्तरदायी हैं, और भारत में जल प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु दो प्रमुख वैधानिक
उपाय अपनाए गए हैं ।
जल
संसाधनों की कमी के प्रमुख कारक
1.
भूजल का अत्यधिक दोहन: कृषि, उद्योग और घरेलू उपयोग
के लिए भूजल का अत्यधिक दोहन किया जा रहा है, जिससे कई क्षेत्रों में भूजल स्तर तेजी
से गिर रहा है।
2.
जलवायु परिवर्तन और अनियमित वर्षा: जलवायु परिवर्तन के
कारण सूखा, बाढ़ और वर्षा की अनिश्चितता बढ़ गई है, जिससे जल स्रोतों की पुनर्भरण दर
कम हो गई है।
3.
तेज़ी से बढ़ता शहरीकरण और प्रदूषण: शहरीकरण और औद्योगीकरण
के कारण जल स्रोतों में अपशिष्ट, रसायन और मलजल मिलकर जल को अनुपयोगी बना देते हैं।
भारत
में जल प्रदूषण नियंत्रण हेतु दो वैधानिक उपाय
1.
जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974:
यह अधिनियम जल स्रोतों के प्रदूषण को रोकने, नियंत्रित करने और जल की गुणवत्ता बनाए
रखने के लिए बनाया गया है। इसके तहत केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गठित
किए गए हैं, जो औद्योगिक इकाइयों को अपशिष्ट जल के शोधन के लिए बाध्य करते हैं ।
2.
पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986: यह अधिनियम जल, वायु
और भूमि प्रदूषण की रोकथाम के लिए एक व्यापक कानूनी ढांचा प्रदान करता है। इसके तहत
जल प्रदूषण के लिए मानक निर्धारित किए गए हैं और उल्लंघन करने वालों पर दंड का प्रावधान
है ।
47. बंदरगाहों को 'अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रवेश द्वार' क्यों कहा
जाता है? अंतर्देशीय बंदरगाहों की कोई तीन विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- बंदरगाहों को 'अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रवेश
द्वार' इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और लोगों के आदान-प्रदान
के मुख्य केंद्र होते हैं। बंदरगाहों के माध्यम से ही आयात-निर्यात, वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला
और आर्थिक सहयोग संभव होता है ।
·
बंदरगाहों
पर माल का लदान-उतार, भंडारण, कस्टम क्लियरेंस और वितरण की सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं।
·
ये
देश को विश्व के अन्य देशों से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण सेतु हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय
व्यापार का प्रवाह निर्बाध रहता है ।
·
भारत
के बंदरगाह 150 से अधिक देशों से व्यापारिक संबंध स्थापित करते हैं ।
अंतर्देशीय
बंदरगाहों की तीन विशेषताएँ
1.
स्थल आधारित स्थान: अंतर्देशीय बंदरगाह समुद्र
तट पर न होकर नदियों, झीलों या कृत्रिम जलमार्गों के किनारे स्थित होते हैं।
2.
आंतरिक क्षेत्रों को जोड़ना: ये बंदरगाह देश के आंतरिक
भागों को समुद्री बंदरगाहों से जोड़ते हैं, जिससे माल का परिवहन दूर-दराज के क्षेत्रों
तक संभव होता है।
3.
मल्टीमॉडल परिवहन की सुविधा: अंतर्देशीय बंदरगाहों पर जलमार्ग,
सड़क और रेल परिवहन की सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं, जिससे माल का आवागमन सुगम और लागत
प्रभावी होता है।
इस
प्रकार, बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए प्रवेश द्वार हैं और अंतर्देशीय बंदरगाह
देश के आंतरिक क्षेत्रों को वैश्विक व्यापार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते
हैं ।
48. नीचे दिए स्थानों को भारत के चित्र में प्रदर्शित करें:
क)
कोलकाता
ख)
चेन्नई
ग)
मुम्बई
घ)
दिल्ली
च)
भोपाल
उत्तर-

