Ramgarh PRE-TEST-XII GEOGRAPHY
समय-3 घंटा 15 मिनट, पूर्णाक-70 Date-09-12-2024
1 वस्तुनिष्ठ प्रश्न (प्रत्येक प्रश्न 01 अंक का है। 01 X 25=25
1. निम्नांकित में कौन सा एक भौगोलिक सूचना का स्त्रोत नहीं है?
(क)
यात्रियों के विवरण
(ख)
प्राचीन मानचित्र
(ग) चन्द्रमा से चट्टानी पदार्थों के नमूने
(घ) प्राचीन महाकाव्य
2. निम्नलिखित में से किस महाद्वीप में जनसख्या वृद्धि सर्वाधिक है
(क)
अफ्रीका
(ख) एशिया
(ग)
दक्षिण अमेरिकन
(घ) उत्तर अमेरिकन
3. मानव विकास की अवधारण निम्नलिखित में से किस विद्वान की देन है?
(क)
प्रो० अमर्त्य सेन
(ख) डॉ० महबूब-उल-हक
(ग)
एलन० सी० सेम्पुल
(घ)
रेटजेल
4. निम्न में कौन सी रोपण फसल नहीं है?
(क)
कॉफी
(ख)
गन्ना
(ग) गेहू
(घ) रबड़
5. निम्न में कौन सी एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व व्यक्तिगत
होता है
(क) पूंजीवाद
(ख)
मिश्रित
(ग)
समाजवाद
(घ)
कोई भी नहीं
6. निम्नलिखित में से कौन सा एक तृतीयक क्रियाकलाप है?
(क)
खेती
(ख)
बुनाई
(ग) व्यापार
(घ) आखेट
7. किस देश में रेलमार्गों के जाल का सघनतम घनत्व पाया
जाता है?
(क)
ब्राजील
(ख)
कनाडा
(ग) U.S.A
(घ) रूस
8. WTO की स्थापना कब हुई ?
(क) जनवरी 1995
(ख)
जनवरी 1996
(ग)
जनवरी 1994
(घ)
जनवरी 1997
9. सन 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या निम्नलिखित में से
कौन-सी है?
(क)
1028 करोड़
(ख) 3182 करोड़
(ग)
328.7 करोड़
(घ) 121 करोड़
10. निम्नलिखित में कौन सा भारत में पुरुष प्रवास का मुख्य कारण है?
(क)
शिक्षा
(ख)
व्यावसाय
(ग) काम और रोजगार
(घ)
विवाह
11. मानव विकास सूचकांक में भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस
की कोटि उच्चतम है?
(क)
तमिलनाडु
(ख)
पंजाब
(ग) केरल
(घ)
हरियाणा
12. निम्नलिखित में से कौन सा नगर नदी तट पर अवस्थित नहीं है?
(क)
आगरा
(ख) भोपाल
(ग)
पटना
(घ)
कोलकाता
13. शुष्क कृषि में निम्न में से कौन सी फसल नहीं बोई जाती है?
(क)
रागी
(ख)
ज्वार
(ग)
मूंगफली
(घ) गन्ना
14. देश में प्रयुक्त कुल जल का सबसे अधिक अनुपात निम्नलिखित सेक्टरों में से किस सेक्टर में है?
(क) सिंचाई
(ख)
उद्योग
(ग)
घरेलू उपयोग
(घ)
इनमें से कोई नहीं
15. निम्नलिखित में से जल किस प्रकार का संसाधन है?
(क)
अजैव संसाधन
(ख)
अनवीकरणीय संसाधन
(ग)
जैव साधन
(घ) चक्रीय संसाधन
16. निम्नलिखित में से किस स्थान पर पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन स्थापित
किया गया था
(क)
कलपक्कम
(ख)
नरोरा
(ग)
राणाप्रताप सागर
(घ) तारापुर
17. हुगली औद्योगिक प्रदेश का केन्द्र है?
(क) कोलकाता-हावडा
(ख)
कोलकाता-रिशरा
(ग)
कोलकाता -मेदनीपुर
(घ)
कोलकाता - कोननगर
18. आई टी. डी.पी. निम्नलिखित में से किस संदर्भ में वर्णित है?
(क)
समन्वित पर्यटन विकास प्रोग्राम
(ख)
समन्वित यात्रा विकास प्राग्राम
(ग) समन्वित जनजातीय विकास प्रोग्राम
(घ)
समन्वित परिवहन विकास प्रोग्राम
19. भारतीय रेल प्रणाली को कितने मंडलों में विभाजित किया गया है?
(क)
09
(ख)
12
(ग) 16
(घ) 14
20. भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार वहन होता है?
(क)
स्थल और समुद्र द्वारा
(ख)
स्थल और वायु द्वारा
(ग) समुद्र और वायु द्वारा
(घ)
समुद्र द्वारा
21. प्रतिकर्ष और अपकर्ष कारक उत्तरदायी है?
(क) प्रवास के लिए
(ख)
भू-निम्नीकरण के लिए
(ग)
गंदी बस्तियों
(घ)
वायु प्रदूषण
22. निम्न में से कौन एक प्रकार का उद्योग अन्य उद्योगों के लिए कच्चे
माल का उत्पादन करता है?
(क)
कुटीर उद्योग
(ख)
छोटे पैमाने के उद्योग
(ग) आधारभूत उद्योग
(घ) स्वच्छद उद्योग
23. निम्न में से किस प्रकार की कृषि में खट्टे रसदार फलों की कृषि
की जाती है?
(क)
बाजारीय सब्जी कृषि
(ख) भूमध्यसागरीय कृषि
(ग)
रोपण कृषि
(घ)
सहकारी कृषि
24. किस देश का मानव विकास सुचकांक सर्वोच्च है?
(क) नार्वे
(ख)
डेनमार्क
(ग)
भारत
(घ)
पाकिस्तान
25. निम्नलिखित में से कौन या खनिज भूरा हीरा के नाम से जाना जाता है?
(क)
लौह
(ख) लिग्नाइट
(ग)
मैगनीज
(घ)
अभ्रक
भाग (ख)
अति-लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Question) 07 X01 अंक = 07
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही सात प्रश्नों के उत्तर दें।
26 जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक कौन-से है?
उत्तर- जन्म, मृत्यु, प्रवास
27. स्वच्छन्द उद्योग किसे कहते है
उत्तर - ये उद्योग व्यापक विविधता वाले स्थानों पर स्थापित
किए जाते हैं। यह किसी विशिष्ट कच्चे माल पर निर्भर नहीं करते हैं। ये उद्योग
संघटक पुर्जों पर निर्भर रहते हैं जो कहीं से भी प्राप्त किये जा सकते हैं। इसमें
उत्पादन कम मात्रा में होता है एवं श्रमिकों की भी कम आवश्यकता होती है। सामान्यतः
ये उद्योग प्रदूषण नहीं फैलाते।
28. अंकीय विभाजक क्या है?
उत्तर - सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित विकास का
विश्वस्तरीय वितरण बहुत ही असमान है। विभिन्न देशों में आर्थिक, राजनीतिक तथा
सामाजिक भिन्नताएँ स्पष्ट दिखाई देती हैं। विकसित देश काफी आगे निकल गए हैं, जबकि
विकासशील देश अभी भी काफी पीछे हैं। विकसित तथा विकासशील देशों में सूचना एवं
प्रसारण प्रौद्योगिकी के अंतर को अंकीय विभाजक कहते है।
29. जल परिवहन के क्या लाभ है?
उत्तर- जल परिवहन के निम्नलिखित लाभ हैं-
(क) इसमें परिवहन मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता।
(ख) यह परिवहन अन्य परिवहनों की तुलना में सस्ता होता है।
(ग) इस परिवहन में ऊर्जा लागत भी अपेक्षाकृत कम पड़ती है।
(घ) महासागरीय भागों में वृहत् आकार के जलयान सुगमता से
विश्व के विभिन्न भागों तक चले जाते हैं।
30. गैरिसन नगर क्या होते है?
उत्तर- गैरिसन नगर या छावनी नगर की स्थापना सैन्य सम्बन्धी
कार्यों के सम्पादन हेतु की जाती है। इन नगरों को कैण्ट या कैण्टोनमेन्ट भी कहा
जाता है। इन नगरों में सैनिक अभ्यास, प्रशिक्षण, कार्यालय तथा सेना सम्बन्धी अन्य कार्य
मुख्य रूप से किए जाते हैं। अंबाला, जालंधर, महू, बबीना तथा ऊधमपुर भारत के प्रमुख
गैरिसन नगर हैं।
31. लोगों पर सदूषित जल / गंदे पानी के उपयोग के क्या संभव प्रभाव हो सकते हैं?
उत्तर - संदूषित/गंदे जल के उपभोग से मनुष्य को अनेक
बीमारियाँ लग सकती हैं जिनमें हैजा, पेचिश, तपेदिक, पीलिया आदि प्रमुख हैं। अनुमान
है कि भारत में पेट के 80 प्रतिशत रोग संदूषित/गंदे जल के उपभोग से ही पैदा होते
हैं।
32. ऊर्जा के अपारंपरिक स्त्रोत कौन से है?
उत्तर - ऊर्जा के अपारंपरिक स्रोत असमाप्य संसाधनों पर
आधारित हैं। ऊर्जा के अपारंपरिक स्रोतों में बायोगैस, जैव पदार्थ, सौर ऊर्जा, पवन
ऊर्जा, लघु जल विद्युत परियोजनाएँ, सौर फोटो वोल्टाइक ऊर्जा, नगरीय, नगरपालिका के
और औद्योगिक कूड़ा-करकट आदि प्रमुख हैं।
33. भारत के पूर्वी तट पर स्थित पतनों के नाम बताइए?
उत्तर- भारत के पूर्वी तट पर स्थित पत्तनों के नाम
हैं-कोलकाता, हल्दिया, पारादीप, विशाखापट्टनम्, चेन्नई तथा तूतीकोरिन।
34. रोपण कृषि से आप क्या समझते है?
उत्तर - एक बड़े भू-भाग पर किसी एक विशेष फसल की खेती करना
रोपण कृषि कहलाती है। रोपण कृषि वाणिज्यिक कृषि का ही एक प्रकार है जहाँ चाय,
कॉफी, काजू, रबड़, केला, कपास आदि की एकल फसल उगाई जाती है। इस प्रकार की कृषि में
वृहद् पैमाने पर श्रम और पूँजी की आवश्यकता होती है। उत्पादन का प्रसंस्करण भी
खेतों पर ही या निकट के कारखाने में किया जा सकता है। रोपण कृषि के मुख्य क्षेत्र
विश्व के उष्णकटिबन्धीय प्रदेशों में पाए जाते हैं। मलेशिया में रबड़, ब्राजील में
कहवा, भारत और श्रीलंका में चाय इसके कुछ उदाहरण है।
भाग (ग)
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Question) 06X03 अंक= 18
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही छ प्रश्नों के उत्तर दें।
35. चतुर्थ सेवाओं का वर्णन करें ?
उत्तर - बहुत ही विशिष्ट तथा जटिल प्रकार के क्रियाकलाप
हैं, जिनका संबंध ज्ञान से संबंधित क्रियाकलापों; जैसे-शिक्षा, सूचना, शोध व विकास
से है। चतुर्थक शब्द से तात्पर्य उन उच्च बौद्धिक व्यवसायों से है, जिनका दायित्व
चिंतन तथा शोध और विकास के लिए नए विचार देना है।
36. प्राथमिक एवं द्वितीयक गतिविधियों में क्या अंतर है?
उत्तर - जिन क्रियाओं में मनुष्य प्रकृतिदत्त संसाधनों का
सीधा उपयोग करके अपनी आवश्यकताओं तथा इच्छाओं की पूर्ति करता है, उन्हें प्राथमिक
क्रियाएँ कहते हैं। इनका सीधा संबंध प्राकृतिक वातावरण की दशाओं से होता है। वनों
से संग्रहण, आखेट, लकड़ी काटना; घास के मैदानों में पशु चराना; नदियों, झीलों व
समुद्रों से मछली पकड़ना; पशुओं से दूध, मांस, खालें आदि प्राप्त करना; उपजाऊ
मैदानी भागों में कृषि करना तथा खानों से खनिज निकालना आदि प्राथमिक व्यवसायों के
महत्त्वपूर्ण उदाहरण हैं। यूँ तो विश्व के लगभग सभी भागों में लोग प्राथमिक
व्यवसायों में लगे हुए हैं, परंतु एशिया, अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका तथा उत्तरी
ध्रुवीय प्रदेशों के अधिकांश निवासी प्राथमिक व्यवसायों में कार्यरत हैं।
द्वितीयक क्रियाकलाप : इन क्रियाओं में प्रकृति प्रदत्त
संसाधनों का सीधा उपयोग नहीं किया जाता वरन् उन्हें साफ, परिष्कृत अथवा परिवर्तित
करके प्रयोग किया जाता है। इस वर्ग के व्यवसायों में मुख्यतः प्राथमिक व्यवसायों
से प्राप्त होने वाली सामग्री को निर्मित वस्तुओं (Finished Goods) में परिवर्तित
किया जाता है। लोहे से इस्पात, गेहूँ से आटा, मैदा आदि, कपास से सूती वस्त्र,
गन्ने से चीनी, लकड़ी से फर्नीचर व कागज़ बनाना आदि सभी द्वितीयक व्यवसाय के
उदाहरण हैं। इस प्रकार सभी निर्माण उद्योग-धन्धे द्वितीयक व्यवसाय हैं।
37. स्थानांतरी कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है। विवेचना करें।
उत्तर - इस कृषि के दो बड़े दोष हैं: (क) इससे वनों का
ह्रास होता है और पर्यावरण की क्षति होती है। (ख) मिट्टी की उर्वरता का नाश तथा
मृदा अपरदन होता है। इन दो दोषों के कारण स्थानांतरी कृषि की बहुत अधिक आलोचना की
जाती है। इसलिए विश्व के कई भागों में स्थानांतरी कृषि को स्थानबद्ध कृषि में
परिवर्तित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अतः स्थानांतरी कृषि का भविष्य अच्छा
नहीं है।
38. मानव विकास के चार प्रमुख घटकों के नाम लिखिए।
उत्तर - समता, सतत पोषणीयता, उत्पादकता तथा शक्तिकरण मानव
विकास के चार प्रमुख घटक हैं।
39. भारत के बच्चों में घटते लिंगानुपात के दो कारण बताइए।
उत्तर - जन्म के समय कम लड़कियों का पैदा होना तथा पुत्र की
लालसा में कन्या भ्रूण हत्या भारत के बच्चों में घटते लिंगानुपात के दो मुख्य कारण
हैं।
40. बंजर भूमि तथा कृषि योग्य व्यर्थ भूमि में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर - बंजर भूमि-वह भूमि जो प्रचलित प्रौद्योगिकी की मदद
से कृषियोग्य नहीं बनाई जा सकती, जैसे- बंजर, पहाड़ी भूभाग, मरुस्थल व खड्ड आदि ।
कृषि योग्य व्यर्थ भूमि-भूमि उद्धार तकनीक द्वारा इस भूमि को कृषियोग्य बनाया जा
सकता है। यह वह भूमि है। जो पिछले पाँच या उससे अधिक वर्षों तक परती या कृषिरहित
रही है।
41. भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति के प्रमुख प्रभाव क्या है।
उत्तर - सूचना प्रौद्योगिकी देश के आर्थिक ढाँचे तथा लोगों
की जीवन-शैली में बहुत बड़ी क्रांति ला दी है। भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग हमारी
अर्थव्यवस्था में सबसे तीव्र गति से उन्नति करने वाला उद्योग है, जिसने पिछले एक
दशक में 50 प्रतिशत से अधिक मिश्रित वार्षिक वृद्धि दर्ज की है। इस उद्योग का सबसे
महत्त्वपूर्ण पहलू इसकी निर्यात क्षमता है। यह भारतीय निर्यात की महत्त्वपूर्ण
वस्तु बन गया है। इससे विदेशों में भारत की साख जमी है।
42. सतत् पोषणीय विकास की संकल्पना को परिभाषित करें।
उत्तर - सतत् पोषणीय विकास का अर्थ है कि विकास पर्यावरण को
बिना नुकसान पहुंचाएँ हो और वर्तमान विकास की प्रक्रिया भविष्य की पीढ़ियों की
आवश्यकता की अवहेलना न करें। 1960 के दशक के अंत में पश्चिमी दुनिया में पर्यावरण
संबंधी मुद्दों पर बढ़ती जागरूकता की सामान्य वृद्धि के कारण सतत् पोषणीय विकास की
धारणा का विकास हुआ। साधारणतया 'विकास' शब्द से अभिप्राय समाज विशेष की स्थिति और
उसके द्वारा अनुभव किये गये परिवर्तन की प्रक्रिया से होता है। विकास की संकल्पना
गतिक है और इस संकल्पना का प्रादुर्भाव 20वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में हुआ है।
भाग (घ)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Question) 04 X 05 अंक = 20
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही चार प्रश्नों के उत्तर दें।
43. पतन किस प्रकार व्यापार के लिए सहायक होते है? पतनों का वर्गीकरण
उनकी अवस्थिति के आधार पर कीजिए।
उत्तर - पत्तन अंग्रेज़ी के शब्द Port का हिन्दी रूपांतरण
है। अंग्रेज़ी का शब्द Port लैटिन भाषा के Porta से लिया गया है, जिसका अर्थ
'द्वार' (Door or Gateway) है। इस प्रकार एक पत्तन समुद्र तथा स्थल को आपस में
जोड़ने वाली एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है अर्थात् यह समुद्र से स्थल तथा स्थल से
समुद्र तक जाने का द्वार है। वास्तव में पत्तन का मुख्य उद्देश्य ही देश के विदेशी
व्यापार (आयात तथा निर्यात) के लिए सुविधाएँ उपलब्ध कराना है।
अवस्थिति के आधार पर पत्तनों के प्रकार :
(क) अंतर्देशीय पत्तन- ये पत्तन समुद्र से दूर स्थलखण्ड के भीतर स्थित होते हैं और
नदी अथवा नहर द्वारा समुद्र से मिले हुए होते हैं। ब्रिटेन में मानचेस्टर, राइन
नदी पर डुईसबर्ग व मानहीन, मिसिसिपी नदी पर मेम्फिस, यांगटीसी-क्यांग पर हान-काऊ
तथा हुगली नदी पर कोलकाता आंतरिक पत्तनों के अच्छे उदाहरण हैं।
(ख ) बाह्य पत्तन- ये वास्तविक पत्तन से दूर गहरे समुद्र में बनाए जाते हैं। जब जलपोत बड़े
आकार के होने के कारण या वास्तविक पत्तन में अधिक अवसाद के निक्षेप के कारण
वास्तविक पत्तन तक नहीं पहुँच पाते, तो बाह्य पत्तनों का प्रयोग किया जाता है।
यूरोप में ब्रिसटल का बाह्य पत्तन एवनमाउथ, ब्रेमेन का ब्रेमेनहेवन तथा नैटीज का
सेंट नाजेयरे है।
44. विश्व में जनसंख्या के वितरण एवं घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों
की विवेचना कीजिए।
उत्तर- विश्व जनसंख्या वितरण और घनत्व को प्रभावित करने
वाले कारक- विश्व जनसंख्या वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों को
सामान्यतः तीन वर्गों में रखा जाता है-
I. भौगोलिक कारक
(i) जल की उपलब्धता-जल की उपलब्धता मानवीय जीवन के विविध कार्यों के लिए
सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मानी जाती है यही कारण है कि विश्व की नदी घाटियाँ जहाँ जल
की पर्याप्त उपलब्धता मिलती है विश्व के सर्वाधिक सघन बसे क्षेत्र हैं।
(ii) भू-आकृति-विश्व के समतल मैदानी भाग सामान्यतया सघन बसे मिलते हैं, क्योंकि यह क्षेत्र
कृषि फसलों के उत्पादन, सड़क निर्माण तथा उद्योगों की स्थापना के लिए अनुकूल दशाएँ
रखते हैं, जबकि पहाड़ी तथा पर्वतीय क्षेत्र इस दृष्टि से अधिक उपयुक्त नहीं होते
हैं।
(iii) जलवायु-मृदुल जलवायु दशाएँ रखने वाले क्षेत्र जिनमें अधिक मौसमीय परिवर्तन नहीं होते
हैं, सघन रूप से बसे मिलते हैं जबकि अति ठण्डे, अति गर्म मरुस्थलीय क्षेत्र, अधिक
वर्षा या विषम जलवायु रखने वाले क्षेत्रों में बहुत कम जनसंख्या मिलती है।
(iv) मृदाएँ- कृषि
की दृष्टि से उपजाऊ मिट्टियों वाले क्षेत्र अधिक जनसंख्या को आकर्षित करते हैं, जबकि
कम उपजाऊ मिट्टी रखने वाले क्षेत्रों में विरल जनसंख्या मिलती है।
II. आर्थिक कारक
(i) खनिज-खनिज
संसाधनों से सम्पन्न क्षेत्र खनन कार्य के साथ-साथ अनेक उद्योगों को भी अपनी ओर आकर्षित
करते हैं जिसके कारण ऐसे क्षेत्रों में जनसंख्या का अधिक जमाव देखने को मिलता है।
(ii) नगरीकरण-अच्छी
नागरिक सुविधाएँ, रोजगार को अधिक साधन तथा नगरीय जीवन के आकर्षण में बड़ी संख्या में
ग्रामीण जनसंख्या नगरीय क्षेत्रों में आकर बस जाती है।
(iii) औद्योगीकरण- औद्योगिक
क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर के अवसर सृजित होते हैं जिसके कारण यह
क्षेत्र सघन जनघनत्व वाले क्षेत्र हो जाते हैं।
III. सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक
धार्मिक तथा सांस्कृतिक महत्त्व रखने वाले क्षेत्र अधिक सघन
बसे होते हैं जबकि सामाजिक व राजनीतिक अशान्ति रखने वाले क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व
विरल हो जाता है।
45 भू-निन्नीकरण को कम करने के उपाय सुझाइए।
उत्तर-कृषि योग्य भूमि पर दबाव के कारण केवल न्यून उपलब्धता
ही नहीं वरन् इसकी गुणवत्ता में कमी भी इसका कारण है। मृदा अपरदन, लवणता तथा
भू-भारता से भू-निम्नीकरण होता है। भू-निम्नीकरण का अभिप्राय स्थायी या अस्थायी
तौर पर भूमि की उत्पादकता में कमी है।
भू-निम्नीकरण दो प्रक्रियाओं द्वारा तीव्रता से होता है। ये
प्रक्रियाएँ प्राकृतिक तथा मानव-जनित हैं। भारतीय दूर-संवेदन संस्थान ने व्यर्थ
भूमि को दूर-संवेदन तकनीक की सहायता से सीमांकित किया है और इन प्रक्रियाओं के
आधार पर इनको वर्गीकृत किया जा सकता है-
जैसे प्राकृतिक खड्डु, मरुस्थलीय या तटीय रेतीली भूमि, बंजर
चट्टानी क्षेत्र, तीव्र ढाल वाली भूमि तथा हिमानी क्षेत्र। ये मुख्यतः प्राकृतिक
कारकों द्वारा घटित हुई है। प्राकृतिक तथा मानव-जनित प्रक्रियाओं से निम्न कोटि
भूमियों मे जलाक्रान्त व दलदली क्षेत्र, लवणता तथा क्षारीयता से प्रभावित भूमियाँ,
झाड़ी सहित व झाड़ियाँ रहित भूमियाँ सम्मिलित हैं।
भू-निम्नीकरण को कम करने के निम्न उपाय सुझाए जा सकते हैं-
(1) किसानों को उर्वरकों व रसायनों के उपयोग की पूरी
जानकारी देनी चाहिए ताकि भू-उर्वरता को बनाए रखा जा सके।
(2) औद्योगिक अपशिष्टों को संसाधन के रूप में उपचारित कर
इनकी ऊर्जा पैदा करने व कम्पोस्ट खाद बनाने में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
(3) प्लास्टिक जैसे अपशिष्ट के उपयोग पर रोक लगायी जानी
चाहिए।
(4) कृषि-जनित कचरे व मानवीय मल का कम्पोस्ट खाद के रूप में
उपयोग किया जाना चाहिए।
(5) जल संभरण प्रबन्धन कार्यक्रम जल, जंगल तथा जमीन के मध्य
सम्बन्धों को महत्व प्रदान करता है, अतः जल सम्भरण प्रबन्धन द्वारा भूमि निम्नीकरण
को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सकता है।
(6) इसी प्रकार जल संरक्षण एवं प्रबन्धन के लिए जल संग्रहण
की विभिन्न विधियों का उपयोग किया जा सकता है साथ ही नदियों व जलाशयों के जल को
प्रदूषणमुक्त रखने के लिए सरकारों व गैर-सरकारी संगठनों के अतिरिक्त हर व्यक्ति
द्वारा अपना सक्रिय योगदान दिया जा सकता है।
(7) प्राकृतिक तथा मानवजनित क्रियाकलापों से जलाक्रान्त व
दलदली क्षेत्र, लवणता व क्षारीय क्षेत्र झाड़ी सहित तथा झाड़ी रहित, खनन व भूमि
तथा औद्योगिक व्यर्थ-भूमि जैसी निम्न कोटि की भूमियों का निर्माण हुआ है। ऐसे
क्षेत्रों में भू-निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी मानवीय क्रियाओं पर कानूनी रूप से
प्रतिबन्ध लगाना आवश्यक है।
46. जल संभर प्रबंधन क्या है? क्या आप सोचते है कि यह सतत् पोषणीय विकास
में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है?
उत्तर- जल संभर प्रबंधन- जल संभर प्रबन्धन से तात्पर्य,
मुख्य रूप से, धरातलीय और भौम जल संसाधनों के दक्ष प्रबंधन से है।
विधियाँ (Methods) - इसके अंतर्गत बहते जल को रोकना और विभिन्न विधियों,
जैसे-अंतः स्रवण, तालाब, पुनर्भरण,
कुओं आदि के द्वारा भौम जल का संचयन और पुनर्भरण शामिल हैं।
उद्देश्य - विस्तृत अर्थ में जल संभर प्रबंधन के अंतर्गत सभी संसाधनों- प्राकृतिक
जैसे- (भूमि, जल, पौधे और प्राणियों)
और जल संभर सहित मानवीय संसाधनों के संरक्षण, पुनरुत्पादन और विवेकपूर्ण उपयोग को सम्मिलित
किया जाता है। जल संभर प्रबंधन का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों और समाज के बीच संतुलन
लाना है। जल-संभर व्यवस्था की सफलता मुख्य रूप से सम्प्रदाय के सहयोग पर निर्भर करती
है। कार्यक्रम-केंद्रीय
और राज्य सरकारों ने देश में बहुत से जल-संभर विकास और प्रबन्धन कार्यक्रम चलाए हैं।
इनमें से कुछ गैर सरकारी संगठनों द्वारा भी चलाए जा रहे हैं।
(1) 'हरियाली' केंद्र सरकार द्वारा प्रवर्तित जल-संभर विकास
परियोजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण जनसंख्या को पीने, सिंचाई, मत्स्य पालन और वन रोपण
के लिए जल संरक्षण के लिए योग्य बनाना है। परियोजना लोगों के सहयोग से ग्राम पंचायतों
द्वारा निष्पादित की जा रही है।
(2) नीरू -मीरू (जल और आप) कार्यक्रम (आंध्र प्रदेश में)
और (3) अरवारी पानी संसद् (अलवर राजस्थान में) के अंतर्गत लोगों के सहयोग से विभिन्न
जल संग्रहण संरचनाएँ जैसे-अंतः स्रवण तालाब ताल (जोहड़) की खुदाई की गई है और रोक बाँध
बनाए गए हैं। तमिलनाडु में घरों में जल संग्रहण संरचना को बनाना आवश्यक कर दिया गया
है। किसी भी इमारत का निर्माण बिना जल संग्रहण संरचना बनाए नहीं किया जा सकता है।
सतत्पोषणीय विकास- कुछ क्षेत्रों में जल-संभर विकास परियोजनाएँ
पर्यावरण और अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने में सफल हुई हैं। फिर भी सफलता कुछ की ही
कहानियाँ हैं। अधिकांश घटनाओं में, कार्यक्रम अपनी उदीयमान अवस्था पर ही हैं। देश में
लोगों के बीच जल संभर विकास और प्रबंधन के लाभों को बताकर जागरूकता उत्पन्न करने की
आवश्यकता है और इस एकीकृत जल संसाधन प्रबन्धन उपागम द्वारा जल उपलब्धता सतत् पोषणीय
आधार पर निश्चित रूप से की जा सकती है
47. पाइप लाइन परिवहन के लाभ एवं हानि की विवेचना करें।
उत्तर-पाइप लाइन परिवहन से लाभ-पाइप लाइनों द्वारा जल, पेट्रोलियम,
प्राकृतिक गैस आदि तरल एवं प्रवाही पदार्थों का लम्बी दूरी तक परिवहन अत्यधिक सुविधापूर्वक
एवं सक्षम ढंग से किया जाता है। इसके संचालन तथा रखरखाव में बहुत कम व्यय होता है।
यह परिवहन माध्यम परिवहन के अन्य अन्य सभी माध्यमों से सस्ता है तथा इसके द्वारा ठोस
पदार्थों को भी द्रवीय अवस्था में परिवर्तित कर परिवहित किया जा सकता है।
पाइप लाइन परिवहन की हानि- पाइप लाइन परिवहन द्वारा केवल
द्रवीय पदार्थों का केवल निर्धारित स्थानों तक ही परिवहन किया जा सकता है। पाइप लाइनों
की सुरक्षा तथा मरम्मत कार्य भी कठिन होता है तथा इसमें कभी किसी बड़ी दुर्घटना की
सम्भावना बनी रहती है।
48 भारत के मानचित्र में निम्नलिखित स्थानों को दर्शाएँ-
(A) मुंबई (B) लक्षद्वीप (C) कोलकाता, (D) थार मरूस्थल (E) दिल्ली
Class 12 Geography Hazaribagh Pre Board Examination Answer Key – 2024