Class XII शर्मा गेस पेपर महत्वपूर्ण क्वेश्चन भूगोल (Geography) Set-2

खण्ड-अ (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

1. निम्नलिखित में से किसका अध्ययन आर्थिक भूगोल के अंतर्गत नहीं किया जाता है?

(1) कृषि भूगोल

(2) उद्योग भूगोल

(3) पर्यटन भूगोल

(4) चिकित्सा भूगोल

 

2. सैन्य भूगोल मानव भूगोल के किस शाखा का भाग है?

(1) राजनीतिक भूगोल

(2) सामाजिक भूगोल

(3) आर्थिक भूगोल

(4) जनसंख्या भूगोल

 

3. विश्व की कुल जनसंख्या का कितना प्रतिशत जनसंख्या उत्तरी अमेरिका में पायी जाती है?

(1) 9.7 प्रतिशत

(2) 8.5 प्रतिशत

(3) 4.8 प्रतिशत

(4) 0.5 प्रतिशत

 

4. जनसंख्या आकार में विश्व में ब्राजील का कौन स्थान है?

(1) चौथा

(2) पाँचवाँ

(3) छठा

(4) सातवां

 

5. जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कौन-से कारक हैं?

(1) भू-आकृति

(2) जल की उपलब्धता

(3) जलवायु

(4) इनमें से सभी

 

6. ईसा की पहली शताब्दी में विश्व की जनसंख्या कितनी थी?

(1) 30 करोड़ से कम

(2) 40 करोड़

(3) 50 करोड़

(4) 60 करोड़ से अधिक

 

7. थॉमस माल्थस ने अपने सिद्धांत को किस वर्ष प्रतिपादित किया?

(1) 1698 ई०

(2) 1798 ई०

(3) 1898 ई०

(4) 1998 ई०

 

8. जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाला कौन-सा प्रमुख आर्थिक कारक है?

(1) भू-आकृति

(2) जलवायु

(3) मृदा

(4) खनिज

 

9. जन्म और मृत्यु के अतिरिक्त जनसंख्या आकार को परिवर्तित करने वाले कारक हैं-

(1) प्रवास

(2) अप्रवास

(3) उत्प्रवास

(4) इनमें से सभी

 

10. 2025 ई. तक विश्व की जनसंख्या लगभग कितनी हो जाएगी?

(1) 600 करोड़

(2) 700 करोड़

(3) 800 करोड़

(4) 900 करोड़

 

11. विश्व के कितने देशों का लिंग अनुपात प्रतिकूल है?

(1) 72

(2) 139

(3) 243

(4) 62

 

12. निम्नलिखित में से किस देश का आयु-लिंग पिरामिड घंटी के आकार का है?

(1) ऑस्ट्रेलिया

(2) नाइजीरिया

(3) रूस

(4) कनाडा

 

13. विकसित देशों में कौन-सी क्रिया सबसे कम की जाती है?

(1) प्राथमिक

(2) द्वितीयक

(3) तृतीयक

(4) चतुर्थक

 

14. संकीर्ण आधार और शुंडाकार शीर्ष वाले पिरामिड किस तरह की स्थिति को दर्शाता है?

(1) उच्च जन्म और मृत्यु दर

(2) निम्न जन्म और मृत्यु दर

(3) उच्च जन्म और निम्न मृत्यु दर

(4) निम्न जन्म और उच्च मृत्यु दर

 

15.निम्नलिखित में से कौन मानव विकास का स्तम्भ है?

(1) समता

(2) सतत् पोषणीयता

(3) उत्पादकता

(4) उपर्युक्त सभी

 

16. मानव विकास सूचकांक स्कोर 0.701 से 0.799 के बीच का स्तर क्या कहलाता है?

(1) अति उच्च सूचकांक

(2) उच्च सूचकांक

(3) मध्यम सूचकांक

(4) निम्न सूचकांक

 

17. उच्च मानव विकास समूह में कितने देश सम्मिलित हैं?

(1) 53

(2) 68

(3) 83

(4) 79

 

18. मानव विकास सूचकांक में भारत के किस राज्य का स्तर बेहतर है?

(1) केरल

(2) बिहार

(3) झारखंड

(4) पंजाब

 

19. इनमें से कौन विन्यास के आधार पर ग्राम का प्रकार नहीं है?

(1) मैदानी ग्राम

(2) पठारी ग्राम

(3) तटीय ग्राम

(4) पशुपालक ग्राम

 

20. च्युइंगगम किस वृक्ष से प्राप्त होता है?

(1) सेनोटा वृक्ष

(2) लटावा वृक्ष

(3) रोटावा वृक्ष

(4) जेपोटा वृक्ष

 

21. रेडियर कहाँ पाया जाता है?

(1) अमेजन बेसिन में

(2) कांगो बेसिन में

(3) आर्कटिक और उपध्रुवीय क्षेत्रों में

(4) पंपास के मैदान में

 

22. इनमें से कौन शीतोष्ण घास मैदान का उदाहरण नहीं है?

(1) प्रेयरी प्रदेश

(2) स्टेपी प्रदेश

(3) पंपास प्रदेश

(4) मौनसूनी प्रदेश

 

23. फजेंडा शब्द का प्रयोग किस फसल के बागाने के लिये किया जाता है?

(1) चाय बागान

(2) कॉफी बागान

(3) रबर बागान

(4) नाशपाती बागान

 

24. किस कृषि प्रणाली में सर्वाधिक कार्य यंत्रों द्वारा सम्पन्न किये जाते हैं?

(1) गहन निर्वाह कृषि

(2) विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि

(3) रोपण कृषि

(4) मिश्रित कृषि

 

25. इनमें से कौन कुटीर उद्योग का उदाहरण है?

(1) पत्थर एवं मिट्टी के बर्तन

(2) लौह इस्पात

(3) ताँबे का उत्पादन

(4) सूती वस्त्र

 

26. भारत का कौन-सा उद्योग सार्वजनिक क्षेत्र का नहीं है?

(1) TISCO

(2) IISCO

(3) VISCO

(4) MISCO

 

27. संचार किस आर्थिक क्रिया के अंतर्गत आता है?

(1) प्राथमिक

(2) द्वितीयक

(3) तृतीयक

(4) चतुर्थक

 

28. इनमें से कौन-सी क्रिया चतुर्थक क्रिया के अंतर्गत आती है?

(1) मत्स्यन

(2) अनुसंधान सूचना प्रौद्योगिकी

(3) परिवहन

(4) विनिर्माण

 

29. नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने विकास का मुख्य ध्येय किस रूप में देखा है?

(1) स्वतंत्रता में वृद्धि

(2) समता

(3) स्वास्थ्य

(4) कल्याण

 

30. लामा मुख्यतः किस पर्वतीय भागों में पाया जाता है?

(1) रॉकी पर्वत

(2) एंडीज़ पर्वत

(3) अप्लेशियन पर्वत

(4) आल्प्स पर्वत

 

31. यूनानी शब्द मेगालोपोलिस का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया था?

(1) पैट्रिक गिडीज

(2) जीन गोटमेन

(3) लेविस ममफोर्ड

(4) बाल्टर बरली ग्रिफिन

 

32. जो गाँव झीलों, तालाबों आदि के चारों ओर बस्ती बस जाने से विकसित होते हैं, कौन-सा प्रतिरूप कहलाते हैं?

(1) वृत्ताकार

(2) रेखीय प्रतिरूप

(3) आयताकार प्रतिरूप

(4) तारे का आकार प्रतिरूप

 

33. भारत के कौन-सा नगरीय क्षेत्र में छावनी बोर्ड स्थित नहीं है?

(1) रामगढ़

(2) वाराणसी

(3) रांची

(4) धनबाद

 

34. इनमें से कौन नियोजित नगर का उदाहरण है?

(1) कैनरा

(2) रांची

(3) मेक्सिको सिटी

(4) कानपुर

 

35. मरकाटो विकसित बाजार किस महादेश में स्थित है?

(1) एशिया

(2) अफ्रीका

(3) यूरोप

(4) उत्तरी अमेरिका

 

36. ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा नगर की योजना किसने बनायी?

(1) कारबूजीयर

(2) लुटियन्स

(3) वाल्टर बली ग्रिफिन

(4) एलेन सेम्पल

 

37. शिकागो शहर किस देश में स्थित है?

(1) फ्रांस

(2) दक्षिण अफ्रीका

(3) ऑस्ट्रेलिया

(4) संयुक्त राष्ट्र अमेरिका

 

38. इनमें से कौन एक द्वितीयक क्रिया का उदाहरण नहीं है?

(1) कपड़ा निर्माण

(2) मछली पकड़ना

(3) सेवा क्षेत्र

(4) लोहा-इस्पात निर्माण

 

39. इनमें से कौन सांस्कृतिक नगर है?

(1) जमशेदपुर

(2) प्रयागराज

(3) चंडीगढ़

(4) गांधीनगर

 

40. आमूलवादी (रेडिकल) विचारधारा ने निर्धनता के कारण बंधन और सामाजिक असमानता की व्याख्या के लिए किसके सिद्धांत का प्रयोग किया?

(1) मार्क्स

(2) रूसो

(3) अरस्तू

(4) माल्थस

खण्ड-ब (विषयनिष्ठ प्रश्न)

भूगोल (GEOGRAPHY) - XII 

> प्रश्न 1 से प्रश्न 7 तक अतिलघूत्तरीय प्रश्न है। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर अधिकतम एक वाक्य में दीजिए । प्रत्येक प्रश्न का मान 2 अंक निर्धारित है।

> प्रश्न 8 से प्रश्न 14 तक लघूत्तरीय प्रश्न है। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 50 शब्दों में दीजिए । प्रत्येक प्रश्न का मान 3 अंक निर्धारित है।

> प्रश्न 15 से प्रश्न 19 तक दीर्घउत्तरीय प्रश्न है। इनमें से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 100 शब्दों में दीजिए । प्रत्येक प्रश्न का मान 5 अंक का निर्धारित है ।

1. ध्वनि प्रदूषण से आपका क्या तात्पर्य है?

उत्तर-अनियंत्रित, अत्यधिक तीव्र एवं असहनीय ध्वनि को ध्वनि प्रदूषण कहते हैं। ध्वनि प्रदूषण की तीव्रता को 'डेसिबल इकाई' में मापा जाता है।

2. राजमार्ग (महामार्ग) क्या है?

उत्तर-ये सड़क राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ी हुई है और जिला मुख्यालयों और अन्य महत्वपूर्ण कस्बों के साथ राज्य की राजधानियों में शामिल हो जाती हैं। इन राजमार्गों के निर्माण और रखरखाव के लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं।

3. पेट्रो-रसायन उद्योग क्या है?

उत्तर-पेट्रो-रसायन विभिन्न रासायनिक यौगिकों से, मुख्य रूप से हाइड्रोकार्बन से प्राप्त होते हैं। भूगर्भ से निकले खनिज तेल के परिशोधन के फलस्वरूप कई प्रकार के उत्पाद प्राप्त होते हैं। उसी को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करके कई प्रकार की वस्तुएँ बनती हैं। इसे ही पेट्रोकेमिकल उद्योग कहते हैं। उदाहरण-प्लास्टिक उद्योग, सिन्थेटिक वस्त्र उद्योग, उर्वरक आदि पेट्रोकेमिकल उद्योग के उदाहरण है।

4. मुंबई हाई क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर-मुंबई हाई यहाँ मिलने वाले खनिज तेल (पेट्रोलियक उत्पादन) के‌ कारण प्रसिद्ध है। यह एक बहुत बड़ा खनिज तेल क्षेत्र है जो मुंबई के पास एक उथले समुद्र के तल पर पाया जाता है।

5. झूम कृषि से आप क्या समझते हैं?

उत्तर-झूम कृषि एक प्रकार की आदिम कृषि है जिसमें जंगल को साफ सफाई करके कृषि की जाती है। झूम कृषि को स्थानांतरण कृषि के नाम से भी जाना जाता है।

6. "प्रवास' शब्द से आपका क्या तात्पर्य है?

उत्तर-व्यक्तियों के एक स्थान से दूसरे स्थान में जाकर बसने की क्रिया को प्रवास कहते हैं। किसी दूसरे स्थान में आकर बसने की प्रकृति के आधार पर इस प्रवास को (i) स्थाई अथवा (ii) अस्थाई कह सकते हैं। स्थाई प्रवास में आए हुए व्यक्ति बसने के बाद वापस अपने मूल स्थान नहीं जाते हैं।

7. जनसंख्या वृद्धि का क्या अर्थ है?

उत्तर-जनसंख्या वृद्धि किसी भी क्षेत्र में लोगों की संख्या बढ़ने को कहा जाता है। पूरे दुनिया में मनुष्य की जनसंख्या हर साल लगभग 8.3 करोड़ या 1.1% की दर से बढ़ती जा रही है।

8. जनसंख्या प्रवास को प्रभावित करने वाले प्रतिकर्ष कारकों को लिखिए।

उत्तर-प्रतिकर्ष कारक (उत्प्रवास)-वे कारण जो लोगों को निवास स्थान अथवा उद्यम को छुड़वाने का कारण बनते हैं, प्रतिकर्ष कारक होते हैं। जैसे-भारत में लोग ग्रामीण से नगरीय क्षेत्रों में मुख्यतः गरीबी, बेरोजगारी कृषि भूमि पर जनसंख्या के भरण पोषण का अधिक दबाव, असंरचनात्मक सुविधाएं, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, परिवहन, मनोरंजन आदि के अभाव के कारण प्रवास करते हैं।

9. भारतीय कृषि की किन्हीं पांच मुख्य विशेषताओं को लिखें।

उत्तर-भारतीय कृषि की विशेषताएँ-

(i) खाद्यान्न की प्रधानता-देश की कृषि खाद्यान्न प्रधान है क्योंकि विशाल जनसंख्या के लिए भोजन जुटाना मुख्य लक्ष्य है। कुल कृषि उत्पादन में 80% भाग खाद्यान्नों का होता है।

(ii) फसलों की विविधता- भारत में जलवायु विषमता के कारण कई प्रकार की फसलें ली जाती हैं। एक ही खेत में एक साथ अनेक फसलें बोयी जाती हैं।

(iii) कृषि का पुराना ढंग-देश में आज भी कृषि पुराने ढंग से की जाती है। मशीनों का प्रयोग नगण्य है, खाद्य का प्रयोग कम होती है और कृषक नई वैज्ञानिक विधियों को अपनाने में हिचकते हैं क्योंकि अधिकांश भारतीय ग्रामीण किसान निर्धन व अशिक्षित है।

(iv) कृषि मानसून का जुआ-भारतीय कृषि पूर्णत: मानसून जलवायु पर आधारित है। मानसून की अनिश्चितता के कारण कृषि प्रभावित होती है। हमारे देश की जलवायु व मिट्टी वर्ष भर कृषि कार्य के लिए उपयुक्त है, लेकिन वर्षा न होने पर एक भी फसल मिलना कठिन हो जाता है।

(v) कृषि जोत का छोटा आकार-भारत में कृषि जोत या खेतों का आकार छोटा है। देश में कृषि योग्य भूमि भौतिक, पारिवारिक, आर्थिक, सामाजिक आदि कारणों से छोटे-छोटे खेतों में बटी हुई है। इस पर आधुनिक ढंग से कृषि करना कठिन है।

(vi) उत्पादन कम होना-भारत में अधिकांश कृषि जीवन निर्वाह मूलक है। गहन कृषि का अभाव है। फलतः कृषि योग्य भूमि की पर्याप्तता के बावजूद फसलों का प्रति हेक्टेयर उत्पादन यहाँ अत्यन्त कम है।

10. भारत में सिंचाई क्यों आवश्यक है? कोई तीन कारण स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-सिंचाई मिट्टी को कृत्रिम रूप से पानी देकर उसमें उपलब्ध जल की मात्रा में वृद्धि करने की क्रिया है।

(i) जल का आसमान वितरण।

(ii) मानसून की अनियमितता।

(iii) फसल को पाले (बर्फ) से बचाने।

(iv) मिट्टी को सूखकर कठोर (समेकन) बनने से रोकने।

(v) धान के खेतों में खरपतवार की वृद्धि पर लगाम लगाने।

11. लौह अयस्क के प्रकारों का वर्णन कीजिए।

उत्तर-लौह अयस्क भारत का सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है। भारत का लौह अयस्क उत्पादन में विश्व में चौथा स्थान है। लौह अयस्क मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है-

(1) मैग्नेटाइट-यह सर्वोत्तम प्रकार का लौह अयस्क होता है तथा भारत में ये केवल दक्षिणी राज्यों में पाया जाता है। कुदरेमुख (कर्नाटक), गोवा सेलम (तमिलनाडु), कोझीकोड (केरल)। मैग्नेटाइट का 70% भण्डार कर्नाटक राज्य में है।

(11) हेमेटाइट-यह दूसरी सर्वोत्तम किस्म का लोह अयस्क होता है। भारत में 80% लोह भण्डार इसी का है। मुख्यतः पूर्वी राज्यों में उड़ीसा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ में संचित है।

(iii) लिमोनाइट-यह तीसरी सर्वोत्तम किस्म का लौह अयस्क होता है और इसमें कम मात्रा में लोहा पाया जाता है।

(iv) सिडेराइट-सबसे निम्नतम कोटी का लोह अयस्क होता है।

12. कुटीर एवं लघु उद्योगों में तीन-तीन अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-कुटीर उद्योग एवं लघु उद्योग में निम्नलिखित अंतर है :

कुटीर उद्योग

लघु उद्योग

(i) कुटीर उद्योग मुख्यतः परिवार के सदस्यों के सहयोग से चलाये जाते हैं।

लघु उद्योगों में सामान्यतः श्रमिक का कार्य करते हैं।

(ii) कुटीर उद्योगों में मानव के हाथों का प्रयोग होता है

लघु उद्योगों में उत्पादन मशीनों द्वारा होता है।

(iii) कुटीर उद्योगों में स्थानीय मांग की पूर्ति की दृष्टि से परम्परागत वस्तुओं का उत्पादन होता है।

लघु उद्योगों में वस्तुओं का उत्पादन एक बड़े क्षेत्र की माँग को पूरा करता है।

(iv) कुटीर उद्योगों में कच्चे माल की आपूर्ति सामान्यतः स्थानीय स्तर पर की जाती है।

लघु उद्योगों में कच्चे माल की आपूर्ति बाहर से आयातित माल द्वारा होती है।

(v) कुटीर उद्योगों में तैयार माल के लिए बाजार स्थानीय होता है।

लघु उद्योगों में निर्मित माल का बाजार विस्तृत होता है अर्थात् वह दूरस्थ बाजारों में भेजा जाता है।

13. पर्यावरण प्रदूषण क्या है? प्रदूषण के प्रकारों को लिखें।

उत्तर-जल थल एवं वायु में कुछ रासायनिक या भौतिक परिवर्तन के कारण पर्यावरण में रहने वाले जंतु पौधे और सभी जीव-चारियों को जो भी हानि होती है उसे ही पर्यावरण प्रदूषण कहते हैं।

प्रदूषण का अर्थ-प्रदूषण का अर्थ है-प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। न सुद्ध वायु मिलना, न शुद्ध जल मिलना, न शुद्ध खाद्य मिलना, न शांत वातावरण मिलना। प्रदूषण कई प्रकार का होता है। प्रमुख प्रदूषण हैं-वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण।

वायु-प्रदूषण-महानगरों में यह प्रदूषण अधिक फैला हुआ है। वहाँ चौबीसों घंटे कल-कारखानों का धुओं, मोटर वाहनों का काला धुआं इस तरह फैल गया है कि स्वस्थ वायु में साँस लेना दुर्लभ हो गया है। यह समस्या वहाँ अधिक होती है जहाँ सघन आबादी होती है और वृक्षों का अभाव होता है।

जल-प्रदूषण—कल-कारखानों का दृषित जल नदी-नालों में मिलकर भयंकर जल-प्रदूषण पैदा करता है। बाढ़ के समय तो कारखानों का दुर्गाधित जल सब नदी-नालों में घुल-मिल जाता है। इससे अनेक बीमारियां पैदा होती हैं।

ध्वनि-प्रदूषण-मनुष्य को रहने के लिए शांत वातावरण चाहिए। परंतु आजकल कल-कारखानों का शोर, यातायात का शोर, मोटा-गाड़ियों की चिल्ल-पॉ, लाउडस्पीकरों की कर्णभंदक ध्वनि ने बहरेपन और तनाव को जन्म दिया है।

प्रदूषणों के दुष्परिणाम-उपर्युक्त प्रदूषणों के कारण मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हो गया है। खुली हवा में लंबी साँस लेने तक को तरस गया है आदमी। गंदे जल के कारण कई बीमारियाँ फसलों में चली जाती हैं जो मनुष्य के शरीर में पहुंचकर घातक बीमारियाँ पैदा करती हैं। पर्यावरण प्रदूषण के कारण न समय पर वर्षा आती है, न सर्दी-गर्मी का चक्र ठीक चलता है। सूखा, बाढ़ ओला आदि प्राकृतिक प्रकोपों का कारण भी प्रदूषण है।

प्रदूषण के कारण प्रदूषण को बढ़ाने में कल-कारखाने, वैज्ञानिक साधनों का अधिकाधिक उपयोग, फ्रिज, कूलर, वातानुकूलन, ऊर्जा संयंत्र आदि दोषी हैं। वृक्षों को अंधाधुंध काटने से मौसम का चक्र बिगड़ा है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हरियाली न होने से भी प्रदूषण बढ़ा है।

प्रदूषण का निवारण विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों से बचने के लिए चाहिए कि अधिकाधिक वृक्ष लगाए जाएँ, हरियाली की मात्रा अधिक हो । सड़कों के किनारे घने वृक्ष हों। आबादी वाले क्षेत्र खुले हों, हवादार हों, हरियाली से ओतप्रोत हो। कल-कारखानों को आबादी से दूर रखना चाहिए और उनसे निकले प्रदूषित मल को नष्ट करने के उपाय सोचने

14. उपग्रह संचार क्या है? उपग्रह संचार के लाभ बताएं।

उत्तर-जिस प्रकार पृथ्वी की उत्तर-जिस प्रकार पृथ्वी की परिक्रमा करने वाला उपग्रह चन्द्रमा है उसी प्रकार मानव विशेष उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपनी बुद्धि-बल से मशीनीकृत कृत्रिम उपग्रह बनाकर रॉकेटों की सहायता से अंतरिक्ष में स्थापित करते हैं। ये कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए विविध सूचनाएँ प्रदान करते हैं। यह आधुनिकतम सुदूर संचार का साधन है। प्रकार मानव विशेष उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपनी बुद्धि-बल से मशीनीकृत कृत्रिम उपग्रह बनाकर रॉकेटों की सहायता से अंतरिक्ष में स्थापित करते हैं ये कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए विविध सूचनाएँ प्रदान करते हैं। यह आधुनिकतम सुदूर संचार का साधन है।

उपग्रह संचार के निम्नलिखित लाभ हैं-

(i) इसकी मदद से सूचनाओं को एक जगह से दूसरी जगह कुछ सेकंड में पहुंचा सकते हैं।

(ii) उपग्रह संचार का उपयोग हम विभिन्न चीजों में करते हैं। अतः इसके अनुप्रयोग कई है जैसे टेलीफोन में, टेलीविजन में इन्टरनेट में, रेडियो आदि के लिए उपग्रह संचार का ही उपयोग होता है।

15. वायु प्रदूषण के स्रोत क्या है? इसका मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर-वायु मनुष्य, जीव जंतु तथा वनस्पति जगत के लिए अनिवार्य तत्व है। वायुमंडल हमारे चारों ओर पाया जाता है जिसमें विभिन्न गैसों का अंश विद्यमान है।

जब इसकी सामान्य मात्रा में अधिकता या कमी आ जाती है तब वायु प्रदूषण की दशा उत्पन्न हो जाती है। वायु प्रदूषण की परिभाषा प्रदूषण निवारण अधिनियम में इस प्रकार दी गई है-वायु प्रदूषण से वायुमंडल में उपस्थित कोई ठोस, तरल या गैसयुक्त पदार्थ जिसमें ध्वनि शामिल है, ऐसे संकेंद्रण में अभिप्रेत है जो मानव का अन्य जीव प्राणी या पौधों का पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकता है या हानि कारक होने के लिए प्रवृत है।

वायु प्रदूषण के कारणों के दो भागों में बाँटकर देखा जा सकता है-

(i) प्रकृतिक वायु प्रदूषण तथा (ii) कृत्रिम या मानव प्रदत्त वायु प्रदूषण।

प्राकृतिक प्रदूषण का कारण प्रकृति ही है। ज्वालामुखी के विस्फोट से खतरनाक गैसों, लावा, धूल, धुआं निकलना, पहाड़ या चट्टानें टूटगर गिरना, धूल भरी आंधी चलना, बिजली गिरना आदि प्राकृतिक कारण है जिनसे वायु प्रदूषित हो रही है। मशीनों का कोलाहल भी ध्वनि वायु प्रदूषण का एक कारण है।

धूल-लौह अयस्क तथा कोयले की खानों की धूल वहाँ काम करने वाले धनिकों में कई प्रकार के रोग उत्पन्न करती है। फ्रिज तथा जेट विमानों से विसर्जित होने वाला ऐरोसोल हानिकारक होता है।

धुआं-घरेलू ईंधन को जलाने से उत्पन्न धुआं तथा कारखानों की चिमनियों और ताप बिजलीघरों से निकलनेवाले धुआं वायु प्रदूषण फैलाता है। इस धुएं में बिना जले कार्बन के कण, विषैली गैसें तथा हाइड्रोकार्बन डायऑक्साइड व कार्बनमोनोऑक्साइड आदि गैसें होती है जो वायु प्रदूषण का कारण है।

उद्योगों की बढ़ती संख्या-तीव्र औद्योगिकीकरण फैक्ट्रियों की चिमनियों से निकलने वाला धुआँ जो गैसों के रूप में वायुमंडल में प्रवेश करता है वह भी वायु प्रदूषण का मुख्य स्रोत है। सीमेंट, ईंट भट्टा व रसायनों से संबंधित उद्योगों से अत्यधिक मात्रा में गैसें निकलती हैं जो वायुमंडल को प्रदूषित करती हैं।

कीटनाशकों का प्रयोग-आजकल फसलों को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों का नाश करने के लिए खेतों में अनेक प्रकार के कीटनाशी छिड़गाव किये जाते हैं। इस प्रकार के छिड़गाव से विषैले रसायन वाष्प एवं सूक्ष्म कणों के रूप में वायुमंडल के विस्तृतक्षेत्र में पहुँच जाते हैं तथा गंभीर वायु प्रदूषण के कारण बनते हैं। इन रसायनों से आंख और श्वसन तंत्र से संबंधित रोग होने की संभावना रहती है।

वायु प्रदूषण से मानव जीवन पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है-

(i) बढ़ते वायु प्रदूषण और विषैली गैसों के कारण महानगरों में जीवन अत्यन्त कठिन हो चुका है। फैक्ट्री से निकलने वाले धुएं और विषैली गैसों के कारण मनुष्य की श्वास प्रक्रिया बहुत बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

(ii) वाहनों से निकलने वाला धुआं भी कोई कम घातक नहीं है। कार के इंजन से निकलने वाले धुएं से सिरदर्द व भतली की शिकायत होती है, आंखों के आगे अंधेरा छा सकता है और खून में प्राणवायु ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।

(iii) वाहनों के अधजल व जले हुए ईंधन के अवशेषों से धुएं में हाइड्रोकार्बन निकलती है जिससे कैंसर की आशंका रहती है।

(iv) बड़े वाहन हवा में सीसा छोड़ते हैं जो विषैला है तथा हड्डियों को गलाता है।

(v) वायु प्रदूषण के कारण खांसी तथा फेफड़ों का कैंसर आदि बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।

16. भारत में जनसंख्या के असमान वितरण के कारणों का वर्णन कीजिए।

उत्तर-भारत में जनसंख्या के असमान वितरण के कारण निम्नलिखित हैं-

(i) धरातला-धरातल का जनसंख्या के वितरण पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। यह बात इसी से सिद्ध हो जाती है कि सम्पूर्ण विश्व की जनसंख्या का 9/10 भाग उन्हीं भागों में रहता है जो साधारणतः समुद्र तल से 600 मीटर से भी ऊंचे है।

(ii) जलवायु-जलवायु का जनसंख्या के वितरण पर अधिक प्रभाव पड़ता है। सामान्यत: मानव उन्हीं स्थानों पर रहना पसन्द करता हैं जहां की जलवायु उसके स्वस्थ्य तथा उद्देश्य के लिए अनुकूल होती है।

(iii) जलापूर्ति-जल प्राणी मात्र के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है। वनस्पति का जीवन भी जल पर ही निर्भर करती है। अत: सभ्यता मानव का विकास उन्हीं क्षेत्रों की तरफ देखी जाती है। जहां उसके पीने के लए पानी तथा कृषि आदि सभी प्रकार के व्यवसायों के लिए पर्याप्त मात्रा में जल की सुविधा हो।

(iv) सरकार की नीतियाँ-कई देशों ने सरकार की आवास और प्रवास की नीति भी जनसंख्या पर प्रभाव डालती है।

(v) खनिज पदार्थ-किसी स्थान पर पाये जाने वाले खनिजों अथवा शक्ति के संसाधनों के कारण भी यहां जनसंख्या पर प्रभाव पड़ता जिन स्थानों पर (लोहा और कोयला) खनिज प्राप्त होते हैं। वहां क्रमशः जनसंख्या में वृद्धि हो जाती है।

(vi) औद्योगिकरण-कई स्थानों पर पाये जाने वाले कच्चे पदार्थों की उपलब्धों के कारण उद्योग धन्धों की उन्नति हो जाती है। चूंकि उद्योग धन्धों के लिए भूमि की आवश्यकता नहीं है। इस प्रकार कम भूमि पर ही उद्योग धन्धों के कारण अधिक लोगों का जीवन निर्वाहन होता है। अत: औद्योगिकरण भी जनसंख्या पर प्रभाव पड़ता है।

17. परिवहन एवं संचार सेवाओं के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।

उत्तर-किसी देश के आर्थिक विकास में परिवहन एवं संचार सेवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इन सेवाओं का जितना अधिक विकास होगा उतनी ही अधिक गतिशीलता वहां के व्यापार व वाणिज्य में देखने को मिलती है। साथ ही वहां के लोग भी अधिक क्रियाशील होते हैं। वहां के लोगों को तथा व्यापार व वाणिज्य को गतिशील बनाता है। क्योंकि

(i) परिवहन एक ऐसी सेवा या सुविधा है जिससे लोग, विनिर्मित व कच्चा माल एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। आधुनिक समाज में वस्तुओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग के लिए द्रुतगामी परिवहन व्यवस्था चाहते हैं। परिवहन में दूरी को कई तरह से मापा जाता है-(i) मार्ग की लंबाई के रूप में, (ii) मार्ग में लगने वाले समय के रूप में तथा (iii) मार्ग पर यात्रा पर आने वाले खर्च के रूप में परिवहन के साधन के रूप में अनेक विकल्प होते हैं, जैसे-सड़क परिवहन, रेल परिवहन, वायुमार्ग परिवहन, जलमार्ग परिवहन तथा द्रव व गैस के लिए पाइप लाइन परिवहना लोगों को जितनी अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे। अर्थव्यवस्था के विकास के लिए उतना ही अच्छा होगा। परिवहन के संदर्भ में दो बिंदु विचारणीय होते हैं-

(a) परिहवन की मांग जनसंख्या के आकार से प्रभावित होती है। अधिक जनसंख्या होने पर अधिक परिवहन सेवाओं की मांग होगी।

(b) परिवहन का जाल-तंत्र जितना विकसित होगा, अर्थव्यवस्था उतनी ही अधिक विकसित होगी।

2. संचार सेवाओं के द्वारा शब्दों में, विचारों व संदेशों को चाहे वे लिखित सामग्री के रूप में हैं अथवा श्रव्य-दृश्य सामग्री के रूप में, उन्हें विभिन्न माध्यमों जैसे डाक द्वारा, समाचार पत्र व पत्रिकाओं के द्वारा तथा दूसंचार सेवाओं (मोबील, दूरभाष, फैक्स, इंटरनेट, रेडियो व दूरदर्शन) के द्वारा गंतव्य तक पहुँचाना होता है। ये सभी जनसंचार के आधुनिक साधन हैं। इनका लोगों द्वारा जितना विकास व उपयोग होगी देश आर्थिक रूप से उतना ही प्रगति करेगा।

18. भारतीय कृषि की विशेषताओं को विस्तारपूर्वक लिखें।

उत्तर-भारतीय कृषि की विशेषताएँ-

(i) खाद्यान्न की प्रधानता-देश की कृषि खाद्यान्न प्रधान है क्योंकि विशाल जनसंख्या के लिए भोजन जुटाना मुख्य लक्ष्य है। कुल कृषि उत्पादन में 80% भाग खाद्यान्नों का होता है।

(ii) फसलों की विविधता- भारत में जलवायु विषमता के कारण कई प्रकार की फसलें ली जाती हैं। एक ही खेत में एक साथ अनेक फसलें बोयी जाती हैं।

(iii) कृषि का पुराना ढंग-देश में आज भी कृषि पुराने ढंग से की जाती है। मशीनों का प्रयोग नगण्य है, खाद्य का प्रयोग कम होती है और कृषक नई वैज्ञानिक विधियों को अपनाने में हिचकते हैं क्योंकि अधिकांश भारतीय ग्रामीण किसान निर्धन व अशिक्षित हैं।

(iv) कृषि मानसून का जुआ-भारतीय कृषि पूर्णतः मानसून जलवायु पर आधारित है। मानसून की अनिश्चितता के कारण कृषि प्रभावित होती है। हमारे देश की जलवायु व मिट्टी वर्ष भर कृषि कार्य के लिए उपयुक्त है, लेकिन वर्षां न होने पर एक ही फसल मिलना कठिन हो जाता है।

(v) कृषि जोत का छोटा आकार-भारत में कृषि जोत या खेतों का आकार छोटा है। देश में कृषि योग्य भूमि भौतिक, पारिवारिक, आर्थिक, सामाजिक आदि कारणों से छोटे-छोटे खेतों में बँटी हुई है। इस पर आधुनिक ढंग से कृषि करना कठिन है।

(vi) उत्पादन कम होना-भारत में अधिकांश कृषि जीवन निर्वाह मूलक है। गहन कृषि का अभाव है। फलतः कृषि योग्य भूमि की पर्याप्तता के बावजूद फसलों का प्रति हेक्टेयर उत्पादन यहाँ अत्यन्त कम है।

19. भारत के मानचित्र में निम्नलिखित को दर्शाइए :

(क) झझरिया

(ख) तलचर

(ग) नवेली

(घ) कोरबा

(ङ) सिंगरौली

Class XII शर्मा गेस पेपर महत्वपूर्ण क्वेश्चन भूगोल (Geography) Set-2

उत्तर-(क) झरिया - झारखण्ड में, (ख) तलचर - आडिशा, (ग) नवेली- तमिलनाडु, (घ) कोरबा छत्तीसगढ़, (ङ) सिंगरौली मध्य प्रदेश में।

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