CLASS-12 |
ECONOMICS |
FM- 40+40=80 |
TIME 3 Hrs. |
सभी प्रश्न अनिवार्य हैं 40 × 1 = 40 अंक
सामान्य निर्देश
> कुल 40 प्रश्न है।
> सभी प्रश्नों के उत्तर
अनिवार्य है।
> प्रत्येक प्रश्न के लिए
एक अंक निर्धारित है।
> प्रत्येक प्रश्न के चार
विकल्प दिए गए है। सही विकल्प का चयन कीजिए।
> गलत उत्तर के लिए कोई
अंक नहीं काटे जाएंगे।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. व्यष्टि अर्थशास्त्र में सम्मिलित होती
है।
(क) व्यक्तिगत इकाई
(ख) छोटे-छोटे चर
(ग) व्यक्तिगत मूल्य निर्धारण
(घ) उपर्युक्त सभी
2. सम सीमान्त उपयोगिता नियम को कहा जाता
है।
(क) उपयोगिता वृद्धि नियम
(ख) उपयोगिता
ह्रास का नियम
(ग) प्रतिस्थापन का नियम
(घ) इनमें से कोई नहीं
3. मांग वक्र का ढाल होता है।
(क) बायें से दायें उपर की ओर
(ख) X अक्ष के समान्तर
(ग) बायें से दायें नीचे की ओर
(घ) लम्बवत्
4. किस प्रकार के वस्तुओं के मूल्य बढने
पर मांग में कमी नहीं होती है।
(क) अनिवार्य वस्तुएं
(ख) आरामदायक वस्तुएं
(ग) विलासिता वस्तुएं
(घ) इनमें से कोई नहीं
5. किसने कीमत निर्धारण प्रक्रिया में समय
तत्व का विचार प्रस्तुत किया था?
(क) एडम स्मिथ
(ख) मार्शल
(ग) जे. के. मेहता
(घ) जगदीश भगवती
6. मैक्रो (Macro ) किस भाषा का शब्द है ।
(क) अरबी
(ख) ग्रीक
(ग) जर्मन
(घ) अंग्रजी
7. द्वितीयक क्षेत्र में निम्न में से कौन
सी सेवाएं सम्मिलित है।
(क) बीमा
(ख) बैंकिग
(ग) व्यपार
(घ) वस्तुओं का निर्माण
8. औसत स्थिर लागत वक्र का आकार होता है।
(क) ऋणात्मक ढाल की एक सरल रेखा
(ख) गोलाकार
(ग) धनात्मक ढाल की एक सरल रेखा
(घ) आयताकार अतिपरवलय
9. यदि एक उपभोक्ता एक वस्तु पर अपनी आय
का एक बड़ा हिस्सा खर्च करता है, तो उस वस्तु की मांग क्या होगी ।
(क) पूर्णतया बेलोचदार
(ख) सापेक्षिक बेलोचार
(ग) सापेक्षिक लोचदार
(घ) इसमें से कोई नहीं
10. अल्पकालीन औसत लागत वक्र का आकार होता
है।
(क) उल्टा यू आकार
(ख) U आकार
(ग) सरल रेखा
(घ) आयताकार
अतिपरवलय
11.पूर्ण प्रतियोगी फर्म के लिए AR और MR
में क्या संबंध होता है।
(क) AR>MR
(ख) MR= 2MR
(ग) AR= MR
(घ) AR < MR
12.यदि किसी वस्तु की कीमत में 4% की
वृद्धि होने से उसकी मांग में 8% की कमी होती है तो मांग की कीमत में लोच क्या होगी।
(क) 1.6
(ख) 2
(ग) 0.67
(घ) 13
13. जब किसी वस्तु की मांग में वृद्धि
होते है लेकिन पूर्ति में कोई परिवर्तन नहीं होता है, तब संतुलन कीमत में -
(क) कमी होगी
(ख) वृद्धि होगी
(ग) कोई परिवर्तन नहीं होगा
(घ) इनमें से कोई नहीं
14. निम्नलिखित में से दो वस्तुओं का कौन
सा संयोग पूरक वस्तु का एक संयोग है।
(क) चाय और कॉफी
(ख) पेप्सी और मिरिंडा
(ग) चाय और चीनी
(घ) इनमें से कोई नहीं
15. अर्थशास्त्र मानव कल्याण का विज्ञान
है- यह कथन किस अर्थशास्त्री का है ।
(क) एडम स्मिथ
(ख) मार्शल
(ग) पीगु
(घ) रॉबिन्स
16. किस प्रकार की अर्थव्यवस्था में
संसाधनों पर सरकार तथा निजी व्यक्तियों दोनों का स्वामित्व होता है।
(क) पूँजीवादी अर्थव्यवस्था
(ख) सामाजवादी अर्थव्यवस्था
(ग) मिश्रित अर्थव्यवस्था
(घ) इनमें से कोई नहीं
17. नीचे दिए गए एक फर्म के लिए सीमांत
आगम अनुसूचि से वस्तु की 5 इकाई उत्पादन से कुल आगम क्या होगा ।
मात्रा |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
सीमांत आगम |
10 |
08 |
06 |
04 |
02 |
0 |
-2 |
-4 |
(क) 02
(ख) 10
(ग) 30
(घ) 0
18. परिवर्तनशील अनुपात का नियम उत्पादन
के कितने स्तर की व्याख्या करता है?
(क) 1
(ख) 2
(ग) 3
(घ) 4
19. पूर्ति का नियम को प्रदर्शित करता है
।
(क) I= f(P)
(ख) d=f(p)
(ग) s=f(p)
(घ) s=f(1/2)
20. निम्न में से कौन सीमान्त उपयोगीता को
व्यक्त करता है
( क ) MUn = TUn - TUn-1
(ख) MUn = MUn - TUn-1
(ग) MUn = TUn - AUn-1
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
21. उस वक्र को क्या कहा जाता है जो समान
उत्पदान करने वाले दो साधनों के विभिन्न संयोगों को दर्शाता है?
(क) उदासीनता वक्र
(ख) उपयोगिता वक्र
(ग) समलागत वक्र
(घ) समोउत्पाद वक्र
22. राष्ट्रीय आय की गणना में निम्न में
से किसे सम्मिलित किया जाता है?
(क) पुरानी वस्तुएँ के क्रय - विक्रय
(ख) मध्यवर्ती वस्तुएँ
(ग) हस्तान्तारण भुगतान
(घ) पुरानी वस्तुओं के क्रय - विक्रय से
प्राप्त कमीशन
23. विदेशी विनिमय दर का निर्धारण होता है
।
(क) सरकार द्वारा
(ख) व्यापारी द्वारा
(ग) विश्व बैंक द्वारा
(घ) माँग एवं पूर्ती की शक्तियों द्वारा
24. निम्नलिखित में कौन -सा कथन सहीं है?
(क) केन्द्रीय बैंक देश का सर्वोच्च बैंक है
(ख) केन्द्रीय बैंक पर सरकार का स्वामित्व होता है
(ग) केन्द्रीय बैंक नोट निर्गमन करता है
(घ) उपर्युक्त सभी।
25.कीन्सियन विचारधारा के अन्तर्गत आय के
संतुलन का निर्धारित निम्न में से कौन है
(क) सामूहिक माँग
(ख) सामूहिक पूर्ति
(ग) क और ख दोनों
(घ) इनमें से काई नहीं
26.चार क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के चक्रीय
प्रवाह में संतुलन के लिए निम्न में से कौन सी शर्त है।
(क) C+1
(ख) C+1+G
(ग) C+1+G+(X-M)
(घ) इनमें से कोई नहीं
27. साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद को क्या कहा जाता है ?
(क) राष्ट्रीय आय
(ख) सकल निवेश
(ग) घरेलु आय
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
28.वस्तु विनिमय प्रणाली की आवशयक शर्तें
कौन सी है ?
(क) आवश्यकताओं का सीमित होना
(ख) सीमित क्षेत्र
(ग) आर्थिक रुप से पिछड़ा समाज
(घ) उपर्युक्त सभी।
29. साख गुणक होता है ।
(क) 1/CRR
(ख) नकद x 1 / CRR
(ग) नगद x CRR
(घ) इनमें से काई नहीं
30. केन्द्रीय बैंक साख का नियन्त्रण करती
है
(क) बैंक दर के जरिये
(ख) खुले बाजार की प्रक्रिया के जरिये
(ग) CRR के जरिये
(घ) उपर्युक्त सभी
31.. भारतीय बैंकिग प्रणाली का संरक्षक
कौन है
(क) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
(ख) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
(ग) युनिट टस्ट ऑफ इंडिया
(घ) भारतीय जीवन बीमा निगम
32. नरसिम्हम समिति का सम्बन्ध निम्न में
से किससे है
(क) कर सुधार
(ख) बैंकिंग सुधार
(ग) कृषि सुधार
(घ) इनमें से कोई नहीं
33. भारत में बैंकिग लोकपाल की घोषणा किस
वर्ष की गयी थी
(क) 1990
(ख) 1997
(ग)
1900
(घ)
1995
34. निवेश के निर्धारित घटक कौन है
(क) पूँजी की सीमान्त क्षमता
(ख) ब्याज दर
(ग) क और ख दोनों
(घ) इनमें से कोई
35.यदि MPC = 0.5 है तो गुणक का मान क्या
होगा ?
(क) 1/2
(ख) 0
(ग)
1
(घ) 2
36. निम्न में से कौन -सा कथन सत्य है?
(क) K=AY /
(ख) K= 1 / 1- MPS
(ग) K=1/MPS
(घ) K=1/1-MPC
37. यदि MPC =0.9 है और आरंभिक
विनियोग 100 करोड है तो अर्थव्यस्था में कुल आय में वृद्धी होगी
?
(क) 100 करोड
(ख) 1000 करोड
(ग) 500 करोड
(घ) 800करोड
38. अतिरेक माँग उत्पन्न होने के
निम्नलिखित में कौन से कारण है?
(क) सार्वजनिक व्यय में वृद्धी
(ख) मुद्रा की पूर्ति में वृद्धी
(ग) करों में कमी
(घ) उपर्युक्त सभी
39. राजकोषीय नीति क अन्तर्गत निम्नलिखित
मे किसे शामिल किया जाता है
(क) सार्वजनिक
व्यय
(ख) करारोपण
(ग) सार्वजनिक ऋण
(घ) उपयुक्त सभी ।
40. विकासशील देशों के लिए कौन सा बजट सबसे
उपयुक्त होता है ?
(क) घाटे का बजट
(ख) संतुलित बजट
(ग) बचत का बजट
(घ) इनमें से कोई नहीं
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 5x2 = 10
किन्हीं पाँच प्रश्न का उत्तर दें
1. आर्थिक क्रिया क्या है?
उत्तर : उस क्रिया को आर्थिक क्रिया कहते हैं जिसका
सम्बन्ध मानवीय आवश्यकताओं को संतुष्ट करने के लिए सीमित साधनों के उपयोग से होता
है।
2. कुल उपयोगिता क्या है?
उत्तर : उपभोक्ता द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तु की सभी इकाइयों से प्राप्त उपयोगिता के संपूर्ण योग को कुल उपयोगिता कहते हैं।
TU = ∑ MU
3. स्थानापन्न वस्तुएँ किसे कहतें है ?
उत्तर : स्थानापन्न वस्तुएं वे वस्तुएं होती हैं जो एक
दूसरे के स्थान पर आसानी से प्रयोग की जा सकती हैं। स्थानापन्न वस्तुओं के उदाहरण
हैं - कोक तथा पेप्सी, चाय तथा काफी आदि ।
4. उत्पादन फलन की परिभाषा दीजिए ।
उत्तर : वाटसन के शब्दों में,"एक
फर्म के भौतिक उत्पादन और उत्पादन के भौतिक कारको के संबंध को उत्पादन
फलन कहा जाता है।"
Qx
= f ( L, K )
जहां , Qx = x वस्तु का भौतिक उत्पादन
, L = श्रम की भौतिक इकाइयां ,
K = पूंजी की भौतिक इकाइयां , f = फलन
5. वस्तु विनिमय प्रणाली किसे कहतें है ?
उत्तर : जब किसी एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु का लेना
या देना होता है वह वस्तु विनिमय (Bartering) कहलाते हैं। जैसे एक गाय लेकर 10
बकरियाँ देना। इस पद्धति में विनिमय की सार्वजनिक (सर्वमान्य) इकाई अर्थात मुद्रा
(रूपये-पैसे) का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
6. बैंक दर किसे कहते हैं?
उत्तर : बैंक दर ब्याज की वह न्यूनतम दर है जिस पर देश का केंद्रीय
बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देने के लिए तैयार होता है। बैंक दर
में वृद्धि होने से वाणिज्यिक बैंकों को ब्याज दर में वृद्धि करनी पड़ती है। ब्याज दर बढ़ने से व्यापारियों द्वारा साख की मांग कम हो जाती
है। इससे साख निर्माण घट जाता है। मुद्रास्फीति के समय जब साख का
संकुचन जरूरी होता है तब केंद्रीय बैंक, बैंक दर को बढ़ा देता
है।
7. पूर्ण रोजगार को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर : वह स्थिति जिसमें सभी इच्छुक व्यक्तियों को उनकी
रुचि एवं योग्यतानुसार प्रचलित मजदूरी दर पर कार्य करने का अवसर प्राप्त हो जाता
है पूर्ण रोजगार की स्थिति कहलाती है।
प्रो. केंस के अनुसार - "पूर्ण रोज़गार एक ऐसी
अवस्था होती है। जहां प्रभावपूर्ण मांग में वृद्धि, उत्पादन एवं रोज़गार में
वृद्धि करने के बजाय क़ीमत में वृद्धि करती है।"
लघु उत्तरीय प्रश्न 5×3
किन्हीं पाँच प्रश्न का उत्तर दें
8. सीमांत उपयोगिता एवं कुल उपयोगिता के
बीच सम्बन्ध बताइए ।
उत्तर :
कुल उपयोगिता :- उपभोक्ता द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तु की सभी इकाइयों से प्राप्त उपयोगिता के संपूर्ण योग को कुल उपयोगिता कहते हैं।
TU = ∑ MU
सीमांत उपयोगिता :- किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई का उपभोग बढ़ाने पर कुल उपयोगिता में जितन वृद्धि होती है उसे वस्तु की सीमांत उपयोगिता कहते हैं।
MU = TUn = TUn-1
कुल उपयोगिता तथा सीमांत उपयोगिता में संबंध
मात्रा | कुल उपयोगिता | सीमांत उपयोगिता | वर्णन |
0 | 0 | - | आरंभिक उपयोगिता |
1 | 8 | 8-0 =8 | |
2 | 14 | 14-8 =6 | |
3 | 18 | 18-14 =4 | धनात्मक उपयोगिता |
4 | 20 | 20-18 =2 | |
5 | 20 | 20-20 =0 | शून्य उपयोगिता |
6 | 18 | 18-20 =-2 | ऋणात्मक उपयोगिता |
चित्र और तालिका से निम्न बातें स्पष्ट है -
i. जब सीमांत उपयोगिता गिरती है तब कुल उपयोगिता में घटती दर पर वृद्धि होती है।
ii. जब सीमांत उपयोगिता शून्य होती है तब कुल उपयोगिता अधिकतम होती है।
iii. जब सीमांत उपयोगिता ऋणत्मक होती है तब कुल उपयोगिता गिरना शुरू हो जाती है।
9. मांग में विस्तार एवं माँग में वृद्धि
में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर :
मांग का विस्तार | मांग में वृद्धि |
यह केवल कीमत में परिवर्तन के कारण होती है। | यह कीमत के अतिरिक्त अन्य निर्धारक तत्व में परिवर्तन होने के कारण होती है। |
यह कीमत में कमी होने के कारण होती है। | यह उपभोक्ता की आय में वृद्धि,प्रतिस्थापन वस्तु की कीमत में वृद्धि, पूरक वस्तुओं की कीमत में कमी तथा उपभोक्ता की वस्तु के लिए रुचि में वृद्धि आदि के कारण होती है। |
यह एक मांग वक्र के ऊपर के बिंदु A से नीचे के बिंदु B की ओर संचलन द्वारा प्रकट होती है।
| यह मांग वक्र DD के दायी ओर खिसकाव D1D1 द्वारा प्रकट होती है। |
10. अवसर लागत की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए
।
उत्तर : किसी साधन के अवसर
लागत से अभिप्राय उसके दूसरे सर्वश्रेष्ठ वैकल्पिक मूल्य से है।
मान लीजिए संसाधनों के एक निश्चित
सेट के दो प्रयोग है। यदि प्रयोग 1 में उत्पाद का मूल्य 400रु. तथा प्रयोग 2 में उत्पादन का मूल्य 500 रु. है। ( उत्पादन की
तकनीक में कोई परिवर्तन नहीं होता) तो सामान्य
बुद्धि की बात है कि संसाधनों को प्रयोग 2 में लगाया जाएगा ।
11. सामुहिक मांग का क्या अर्थ है? इसके
घटकों को बताइए ?
उत्तर : कुल ( समग्र) मांग,
वह कुल व्यय है जो लोग एक वित्तीय वर्ष की अवधि के दौरान वस्तुओं
और सेवाओं के खरीदने पर खर्च करने की योजना बनाते हैं। ध्यान देने वाली बात
यह है कि समग्र मांग (AD) को मापने समय हम सदा लोगों द्वारा
किए जाने वाले आयोजित व्यय या प्रत्याशित व्यय के संदर्भ
में बात करते हैं।
कुल मांग के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं
-
1. निजी उपभोग व्यय (C) :- इसमें देश के गृहस्थो/परिवारो द्वारा एक लेखा वर्ष में, सभी वस्तुओं तथा सेवाओं के लिए
की गई मांग को शामिल किया जाता है।
2. निजी निवेश मांग (I) :- इससे अभिप्राय निजी निवेशकर्ताओं द्वारा पूंजी पदार्थों की खरीद पर करने वाले व्यय से है।
3 सरकारी व्यय (G) :- इसमें
सरकारी उपभोग में व्यय तथा सरकारी निवेश व्यय दोनों शामिल होते हैं। सरकारी
उपभोग व्यय से अभिप्राय है सैन्य/सुरक्षा प्रयोग के लिए वस्तुओं के उपभोग की खरीद पर खर्च/सरकारी निवेश व्यय से अभिप्राय है सड़कों,डैमो
तथा पुलो के निर्माण पर किया जाने वाला व्यय।
4. शुद्ध निर्यात (X - M ) :- विदेशियों द्वारा हमारी वस्तु के लिए
किए गए व्यय को अर्थव्यवस्था में कुल व्यय (समग्र मांग) में
जोड़ा जाता है, जबकि आयात पर किए जाने वाले व्यय को घटाया जाता है। अतः X - M (शुद्ध निर्यात) को समग्र मांग (AD) में जोड़ा जाता है।
अतः समग्र मांग के प्रमुख तत्त्व है -
AD = C + I + G + ( X- M) [ खुली अर्थव्यवस्था
में ]
or, AD = C + I [ बन्द अर्थव्यवस्था में
]
जहां , AD = समग्र मांग , C = निजी उपभोग व्यय , I = निजी निवेश व्यय
,
G = सरकारी व्यय, X - M = शुद्ध निर्यात
चित्र में, AD वक्र का बारे से दाये ऊपर की ओर बढ़ना इस बात को दर्शाता हैं कि जैसे-जैसे आय / रोजगार की मात्रा बढ़ती जाती है, कुल मांग भी बढ़ती जाती है।
12.एक अर्थव्यवस्था में बढ़ी हुई आय का
20% बचत कर लिया जाता है। यदि निवेश में वृद्धि 10,000 होती है, तो आय में
कितनी वृद्धि होगी ? [CBSE (All India) 2015]
उत्तर : MPS = 20% =`\frac{20}{100}=0.2`
MPC = 1 – MPS = 1 – 0.2 = 0.8
∆I = 10000 , MPC = 0.8 , ∆Y = ?
`K=\frac1{1-MPC}=\frac1{1-0.8}`
`K=\frac{10}{0.2}=5`
ΔY = K ΔI
आय में वृद्धि (∆Y) = K∆I = 5 (10000 ) = 50000
13. खुले बाजार की क्रियाएँ क्या होती है?
यह कैसे ऋण की उपलब्धता को प्रभावित करती है?
उत्तर : खुले बाजार की क्रियाओं से अभिप्राय केंद्रीय
बैंक द्वारा प्रतिभूतियों का खुले बाजार में बेचना तथा खरीदना है।
प्रतिभूतियों (जैसे राष्ट्रीय बचत सर्टीफिकेट - NSC) को
बेचने से केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में मौजूद नकद कोषों को अपनी ओर खींच लेता
है। ये नकद कोष, उच्च बलयुक्त मुद्रा होती है जिसके आधार पर वाणिज्यिक बैंक साख का
निर्माण करते हैं। अतः खुले बाजार की क्रियाओं (OMO) द्वारा यदि नकद कोषों में
वृद्धि की जाती है तो साख का प्रवाह कई गुणा अधिक बढ़ जाएगा; और यदि नकद कोषों में
कमी की जाती है तो साख प्रवाह में कई गुणा अधिक कमी हो जाएगी।
खुले बाजार
की क्रियाओं की सफलता निम्नलिखित तत्वों पर निर्भर करती है:
(i) प्रतिभूतियों के बाजार का पाया जाना :
प्रतिभूतियों के क्रय तथा विक्रय के लिये सुव्यवस्थित बाजार का पाया जाना बहुत
जरूरी है। इसके अभाव में खुले बाजार की क्रियाओं का सफल होना संदेहयुक्त है।
(ii) बैंकों के पास कोष : यदि
वाणिज्यिक बैंक अपने पास काफी अधिक कोष स्वयं रखना चाहते हों तो उन्हें
प्रतिभूतियों को खरीदने की आवश्यकता नहीं है। अमेरिका जैसे विकसित देशों में ऐसा
ही होता है। जिस कारण खुले बाजार की क्रियाएँ वहाँ सफल नहीं हैं।
14.बजट का क्या अर्थ है ? संतुलित एवं घाटे के बजट में अन्तर बताइए?
उत्तर
: सरकारी बजट एक वित्तीय वर्ष ( अप्रैल
1 से मार्च 31 तक ) की अवधि के दौरान
सरकार की प्राप्तियों ( आय ) तथा
सरकार के व्यय के अनुमानों का विवरण होता है।
संतुलित
बजट |
घाटे
के बजट |
सरकार की अनुमानित राजस्व
एवं पूंजीगत प्राप्तियां अनुमानित व्यय के बराबर होती है |
सरकार का व्यय,
सरकारी प्राप्तियों से अधिक होता है |
यह फिजूलखर्ची में कमी को दर्शाता है |
यह फिजूलखर्ची तथा
अत्यधिक व्यय को दर्शाता है |
यह वित्तीय स्थायित्व को दिखलाता
है |
अगर व्यय सही दिशा में हो तो
आर्थिक विकास की गति को बढ़ाता है |
आर्थिक विकास एवं कल्याणकारी
योजनाओं को सीमित करती है |
कल्याणकारी योजनाएं
तेज गति से चलती है |
आदर्श रूप में यह अच्छी नीति है परंतु व्यवहार में अर्थशास्त्री इसके पक्षधर नहीं
होते |
मंदी में यह बजट उपयुक्त होता
है। लेकिन तेजी की स्थिति में यह बजट
ठीक नहीं होता |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 3×5=15
किन्हीं तीन प्रश्नों का उत्तर दें
15. मांग की कीमत लोच मापने की आनुपातिक
विधि को स्पष्ट करें।
उत्तर : "किसी वस्तु के मूल्य में प्रतिशत परिवर्तन के फलस्वरुप उसकी मांग मात्रा में जो प्रतिशत परिवर्तन होता है, उसे मांग की लोच कहते हैं।"
प्रो. फ्लक्स ने आनुपातिक विधि प्रणाली का सर्वप्रथम प्रयोग किया
मांग की लोंच = (-) मांग में प्रतिशत परिवर्तन / मूल्य में प्रतिशत परिवर्तन
`=(-)\frac{\Delta Q}{\Delta P}\times\frac PQ`
यदि भागफल 1 आता है तो मांग की लोंच इकाई के बराबर होता है। यदि भागफल 1 से अधिक आता है तो मांग की लोंच इकाई से अधिक होती है और यदि भागफल 1 से कम आता है तो मांग की लोंच इकाई से कम होती है।
एक उपभोक्ता किसी वस्तु की 10 इकाइयां क्रय करता है । जब इसकी कीमत ₹5 प्रति इकाई था , जब उस वस्तु की कीमत घटकर ₹4 प्रति इकाई हो गई ।तो उसने उस वस्तु की 12 इकाइयां खरीदी । उस वस्तु की उस कीमत पर मांग की लोच क्या है ?
उत्तर :-
P=5,. P1=4
Q=10, Q1=12
∆P= P1 -P= 4-5= -1
∆Q = Q1 -Q =12-10=2
`E_d=(-)\frac{\Delta Q}Q\times\frac P{\Delta P}`
`E_d=(-)\frac2{10}\times\frac5{-1}=1`
अत: Ed =1, मांग की लोच इकाई है।
16. संतुलन कीमत क्या है? पूर्ण
प्रतियोगिता में यह कैसे निर्धारित होता है? सचित्र व्याख्या
करें।
उत्तर : बाजार संतुलन से अभिप्राय बाजार की उस दशा से है जिसमें वस्तु की मांग व आपूर्ति बराबर होती है। कीमत बढ़ाने व घटाने वाली शक्तियां शांत हो जाती है। इसे निम्न सारणियों द्वारा स्पष्ट कर सकते हैं
तालिका से
सेब की कीमत | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 |
मांग की मात्रा | 90 | 80 | 70 | 60 | 50 |
आपूर्ति की मात्रा | 50 | 60 | 70 | 80 | 90 |
उपर्युक्त तालिका से जब सेब की कीमत ₹20 प्रति किलो है, उस दशा में मांग और पूर्ति 70 किलो है।
चित्र में DD मांग वक्र तथा SS आपूर्ति वक्र है। दोनों E बिंदु पर बराबर होते हैं। अतः बाजार में संतुलन कीमत OP(20 तथा मांग और पूर्ति की मात्रा OQ(70) है।
संतुलन कीमत निर्धारण में मांग और पूर्ति दोनों का बराबर योगदान है।
17. कुल आगम, औसत आगम एवं सीमान्त आगम की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए ।
उत्तर :
कुल
आगम (TR):- सभी बेची गई इकाइयों से प्राप्त
कुल राशि को कुल आगम कहते हैं। यदि
कीमत (P) तथा बिक्री की मात्रा (Q) है तो उस स्थिति में
TR =P
(AR) .Q. ; or ∑MR
औसत आगम (AR):- औसत आगम, कुल आगम को बेची गई मात्रा से विभाजित करके ज्ञात किया जा सकता है।
`AR=\frac{TR}Q`
सीमांत आगम (MR):- सीमांत आगम अतिरिक्त बेची गई इकाई से प्राप्त कुल आगम में वृद्धि है ।
MR = TRn - TRn-1 or, `MR=\frac{\Delta TR}{\Delta Q}`
चित्र में TR (कुल आगम) जब अधिकतम होता है तो MR (सीमांत आगम) शून्य होता है, जब MR ऋणात्मक होता है तो TR घटना शुरू करता है। MR धनात्मक शून्य तथा ऋणात्मक हो सकता है परंतु AR धनात्मक ही होता है। औसत आगम शून्य उस अवस्था में होता है जब वस्तु मुफ्त में ही दी जाए। वास्तविक जीवन में ऐसा नहीं होता। जब AR शून्य होता है तो TR भी शून्य होता है।
तालिका से
बेची गई इकाई (Q) | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 |
कीमत(P) | 10 | 9 | 8 | 7 | 6 | 5 | 4 |
कुल आगम ( TR) | 10 | 18 | 24 | 28 | 30 | 30 | 28 |
औसत आगम (AR) | 10 | 9 | 8 | 7 | 6 | 5 | 5 |
सीमांत आगम (MR) | 10 | 8 | 6 | 4 | 2 | 0 | -2 |
18. भुगतान संतुलन क्या है? भुगतान संतुलन
के प्रतिकूल होने के कारणों को बताइए ?
उत्तर : भुगतान संतुलन
से आशय देश के समस्त आयातो एवं निर्यात एवं
अन्य सेवाओं के मूल्य के सम्पूर्ण विवरण से होता है। इसके अंतर्गत लेन-देन के दो पक्ष होते हैं। एक ओर तो देश की विदेशी मुद्रा की लेनदारियो का
विवरण रहता है जिसे धनात्मक पक्ष कहते हैं तथा दूसरी ओर उस देश की समस्त देनदारियों का विवरण रहता है जिसे
ऋणात्मक पक्ष कहते हैं।
भुगतान
संतुलन
के प्रतिकूल होने के निम्नलिखित कारण है
(A) आर्थिक कारण
(a) सरकार द्वारा विकास पर अत्यधिक खर्च
:- इस कारण से बड़े पैमाने पर आयात किये
जाते हैं। फलस्वरुप भुगतान शेष में घाटे का असंतुलन
उत्पन्न हो जाता है।
(b) व्यापार चक्र
:- मंदी तथा तेजी के रूप में व्यापार चक्रो
का चलना । तेजी के समय देश में बड़ी मात्रा में निर्यात
किए जाते हैं। फलस्वरुप भुगतान शेष में 'बचत' का असंतुलन पाया जाता है।
(c) मुद्रास्फीति की ऊंची दर
:- घरेलू बाजार में मुद्रास्फीति की ऊंची दर के कारण बड़ी
मात्रा में आवश्यक वस्तुओं का आयात करना पड़ता है। इससे अर्थव्यवस्था
में भुगतान शेष में घाटे का असंतुलन उत्पन्न हो जाता है।
(B) राजनीतिक
कारण
(a) राजनीतिक अस्थिरता :- देश में राजनीतिक
अस्थिरता के कारण विदेशों से प्रत्यक्ष निवेश तथा पोर्टफोलियो निवेश में कमी आती है
जिसके कारण भुगतान शेष के जमा पक्ष कम हो जाता है।
(b) लोकप्रिय नीति :-
चुनाव के समय सरकार द्वारा अपनाई जाने वाली लोकप्रियवादी नीतियों
के परिणामस्वरूप आयात शुल्को में
भारी कमी की जाती है जिससे आयातो को प्रोत्साहन प्राप्त होता
है तथा भुगतान शेष के घाटे में वृद्धि होती है
(C) सामाजिक कारण
(a) रुचि एवं प्राथमिकताओं
में अंतर :- विश्व के विभिन्न भागों में
लोगों की रुचियो तथा प्राथमिकताओं में परिवर्तन के कारण अन्तर्राष्ट्रीय
बाजार में मांग का स्वरूप भी बदल जाता है। यदि परिवर्तन अनुकूल
है तो बचत का और यदि प्रतिकूल है तो घाटे का भुगतान शेष हो जाता है।
(b) विभिन्न देशों में पूर्वाग्रह
:- विभिन्न देशों में पूर्वधारणाएं या पूर्वाग्रह
कई बार देशों (जैसे भारत तथा पाकिस्तान) को महंगे आयात खरीदने
तथा सस्ते निर्यात बेचने पर विवश कर देते हैं। ऐसी स्थिति
में अर्थव्यवस्था को भुगतान शेष के घाटे वाले असंतुलन का सामना करना पड़ता है।
19. केन्द्रीय बैंक की परिभाषा दें और और इसकी विभिन्न कार्यों की व्याख्या
करें।
उत्तर : डी.
कॉक के शब्दों में," केंद्रीय बैंक
का बैंक है जो देश की मौद्रिक तथा बैंकिंग प्रणाली के शिखर पर होता है"
भारत का केंद्रीय बैंक रिजर्व
बैंक ऑफ इंडिया है जिसकी स्थापना 1 अप्रैल 1935 ई. को की गई।
एक केंद्रीय बैंक द्वारा किए
जाने वाले मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं
1. मुद्रा जारी करना
:- वर्तमान समय में संसार के प्रत्येक देश में नोट (मुद्रा
) छापने का एकाधिकार केवल केंद्रीय बैंक को ही प्राप्त होता है और केंद्रीय बैंक द्वारा
जारी किए गए नोट सारे देश में असीमित विधिग्राह्म के रूप में
घोषित होते हैं
2. सरकार
का बैंक :- केंद्रीय बैंक सभी
देशों में सरकार के बैंकर, एजेंट एवं वित्तीय परामर्शदाता
के रूप में कार्य करते हैं। सरकार बैंकर
के रूप में यह सरकारी विभागों के खाते रखता है तथा सरकारी कोषों की व्यवस्था
करता है। यह सरकार के लिए उसी प्रकार कार्य करता है जिस प्रकार
व्यवसायिक बैंक अपने ग्राहकों के लिए करते हैं। आवश्यकता पड़ने
पर सरकार को बिना ब्याज के ऋण दिया जाता है।
3. बैंकों का बैंक
:- केंद्रीय बैंक देश के अन्य बैंकों के लिए बैंक का कार्य करता है। केंद्रीय बैंक अन्य बैंकों के नगद कोष का कुछ भाग अपने पास जमा के रूप में रखता
है, ताकि ग्राहकों की मांग होने पर वह उनके
धन की अदायगी कर सके।
4. बैंको
का निरीक्षण :- बैंकों का बैंक होने के कारण केंद्रीय बैंक
वाणिज्य बैंकों का निरीक्षण भी करता है। इसके लिए उसे येे कार्य करने होते हैं - (a) वाणिज्यिक बैंकों
को लाइसेंस जारी करना (b) देश के विभिन्न भागों तथा विदेशों में वाणिज्यिक
बैंकों की शाखाएं खुलवा कर उनका विस्तार करना (c) वाणिज्यिक
बैंकों का विलयन तथा (d) बैंको का
परिसमापन
5. अन्तिम
ऋणदाता 6. देश के विदेशी मुद्रा कोषों का संरक्षण
7. समाशोधन गृह का कार्य 8. साख मुद्रा
का नियंत्रण 9. आंकड़े इकट्ठा करना 10. अन्य
कार्य - (a) कृषि वित्त (b) अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा
सम्मेलन (c) मुद्रा तथा बिल बाजार
(d) फटे पुराने नोट वापिस लेना।