Class 12 Political Science अध्याय - 2 दो धुर्वीयता का अंत Question Bank-Cum-Answer Book

Class 12 Political Science अध्याय - 2 दो धुर्वीयता का अंत Question Bank-Cum-Answer Book
Class 12 Political Science अध्याय - 2 दो धुर्वीयता का अंत Question Bank-Cum-Answer Book

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Political Science

अध्याय - 2 दो धुर्वीयता का अंत

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Question)

1. बर्लिन की दीवार कब बनी थी?

a. 1961

b. 1965

c. 1978

d. 1967

2. सोवियत संघ कितने गणराज्य को मिलाकर बना था?

a. 18

b. 15

c. 19

d. 12

3. सोवियत संघ में किस पार्टी का शासन था?

a. कांग्रेस पार्टी

b. कम्युनिस्ट पार्टी

c. रूसी पार्टी

d. इनमें से कोई नहीं

4. सोवियत संघ में शामिल देश को क्या कहा गया है?

a. पहली दुनिया

b. दूसरी दुनिया

c. तीसरी दुनिया

d. इनमें से कोई नहीं

5. सोवियत संघ का विघटन कब हुआ?

a. 1991

b. 1985

c. 1987

d. 1998

6. सोवियत संघ के विघटन के बाद उसकी सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता किसे दे दी गई?

a. पोलैंड

b. यूक्रेन

c. बेलारूस

d. रूस

7. बर्लिन की दीवार को किसने गिराया था?

a. देशद्रोहियों ने

b. आम जनता ने

c. सरकार ने

d. पुलिस ने

8. 1991 में सोवियत संघ के विघटन के उपरांत कौन सा देश महाशक्ति के रूप में उभरा?

a. जर्मनी

b. इटली

c. अमेरिका

d. चीन

9. सोवियत अर्थव्यवस्था की प्रकृति के बारे में कौन सा कथन गलत है?

a. सोवियत अर्थव्यवस्था में समाजवाद प्रभावी विचारधारा थी ।

b. उत्पादन के साधनों पर राज्य का स्वामित्व था ।

c. जनता की आर्थिक आजादी थी।

d. अर्थव्यवस्था के हर पहलू का नियोजन और नियंत्रण राज्य करता था।

10. सोवियत संघ के विभाजन के बाद रूस का प्रथम निर्वाचित राष्ट्रपति कौन था?

a. ब्रजनेव

b. येल्तसिन

c. स्टालिन

d. गोर्बाच्योव

11. ब्रेजनेव किस देश के राष्ट्रपति थे?

a. अमेरिका

b. इंग्लैंड

c. सोवियत संघ

d. चीन

12. स्टालिन संविधान कब लागू हुआ?

a. 1973

b. 1936

c. 1977

d. 1935

13. ग्लावनोस्त व पेरेस्तोइका के मंत्र किसने दिए?

a. लेनिन

b. स्टालिन

c. गोर्बाचोव

d. ब्रजनेव

14. दूसरी दुनिया के देशों में किस प्रकार के देश आते हैं?

a. पूंजीवादी देश

b. विकासशील देश

c. गुटनिरपेक्ष देश

d. साम्यवादी देश

15. पूर्व-साम्यवादी देशों ने कौन सी व्यवस्था अपनाई है?

a. समाजवादी

b. मार्क्सवादी

c. उदारवादी

d. फासीवाद

16. खुश्चेव ने 1955 में किसे भारत का अभिन्न अंग बताया?

a. केरल

b. गोवा

c. कश्मीर

d. इनमें से कोई नहीं

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. सोवियत गुट से सबसे पहले कौन सा देश अलग हुआ?

उत्तर- सोवियत गुट से सबसे पहले युगोस्लाविया अलग हुआ।

2. तजाकिस्तान में कितने सालों से गृह युद्ध जारी था। यह कब समाप्त हुआ?

उत्तर- तजाकिस्तान में 10 सालों से गृह युद्ध जारी था यह 2001 में समाप्त हुआ।

3. सोवियत संघ का अंतिम राष्ट्रपति कौन था?

उत्तर- सोवियत संघ का अंतिम राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव था।

4. बर्लिन की दीवार को किसने गिराया था?

उत्तर- बर्लिन की दीवार को पूर्वी जर्मनी की आम जनता ने 1989 ई. में गिराया था।

5. बर्लिन की दीवार किसका प्रतीक था?

उत्तर- बर्लिन की दीवार पूंजीवादी दुनिया और साम्यवादी दुनिया के बीच विभाजन का प्रतीक था। 1961 में बनी यह दीवार पश्चिम बर्लिन को पूर्वी बर्लिन से अलग करती थी।

6. सोवियत संघ की समाप्ति की घोषणा किन गणराज्यों ने की थी?

उत्तर- 1991 में येल्तसिन के नेतृत्व में सोवियत संघ के तीन बड़े गणराज्य रूस, यूक्रेन और बेलारूस ने सोवियत संघ की समाप्ति की घोषणा की थी।

7. ग्लासनास्ते का अर्थ क्या है?

उत्तर- ग्लासनास्ते का अर्थ है खुलापन लाना। इस प्रक्रिया के तहत सोवियत संघ की व्यवस्था में खुलेपन की नीति अपनाई गई और शेष विश्व से उसके संपर्क को मजबूत करने का प्रयास किया गया।

8. भारत रूस मैत्री की किसी एक विशेषता का उल्लेख करें?

उत्तर- भारत रूस मैत्री की एक प्रमुख विशेषता है कि दोनों देश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सीमा पार आतंकवाद से निपटने की दिशा में प्रयासरत हैं।

9. दूसरी दुनिया से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पूर्वी यूरोप के देश सोवियत संघ के अंकुश में आ गए सोवियत सेना ने इन्हें फासीवादी ताकतों के चंगुल से मुक्त कराया था इन सभी देशों की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को सोवियत संघ की समाजवादी प्रणाली की तर्ज पर ढाला गया इन्हें ही समाजवादी खेमे के देश या दूसरी दुनिया कहा जाता है इस खेमे का नेता समाजवादी सोवियत गणराज्य था।

10. प्रथम एवं द्वितीय विश्वयुद्ध की अवधि बताइए?

उत्तर- प्रथम विश्वयुद्ध की अवधि 1914 से 1918 ई. तक तथा द्वितीय विश्वयुद्ध की अवधि है 1939 से 1945 ई. तक ।

11. सोवियत संघ के इतिहास की सबसे बड़ी 'गैराज सेल' क्या थी?

उत्तर- सोवियत संघ की आदेशित अर्थव्यवस्था खराब हुई तब उसने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विश्व बैंक से वित्तीय सहायता मांगी। उसे इस शर्त पर ऐसी मदद दी गई कि वह उदारीकरण की नीति अपनाए। इसी को आघात द्वारा उपचार (शॉक थेरेपी) कहा गया। साथ ही बड़े बड़े सरकारी उधम निजी लोगों को सस्ते दर पर बेच दिए गए इसी को गैराज सेल कहा गया।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. एक ध्रुववीयता, द्विध्रुवीयता और बहुध्रुवीयता से आप क्या समझते हैं? उल्लेख कीजिए।

उत्तर- एकध्रुववीयता, द्विध्रुवीयता और बहुध्रुवीयता विश्व राजनीति की विशेषताओं को अभिव्यक्त करने वाले शब्द हैं। द्विध्रुवीयता विश्व राजनीति में दो महाशक्तियों के अस्तित्व की परिचायक है जैसा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद और 1991 में सोवियत संघ के पतन के पूर्व की विश्व राजनीति में देखा गया इस समय सोवियत संघ तथा संयुक्त राज्य अमेरिका की वैश्विक भूमिका ने द्विध्रुवीयता की स्थिति उत्पन्न की है। 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद अमेरिका एकमात्र महाशक्ति रह गया इस स्थिति को एक ध्रुववीयता की स्थिति कहा गया। वर्तमान समय में चीन, रूस, भारत जैसे देश तेज गति से विकास कर रहें हैं तथा विश्वव्यापी मंदी के कारण अमेरिका की स्थिति कमजोर हुई है इससे भविष्य में बहुध्रुवीयता विश्व की संभावना बनती जा रही है।

2. शॉक थेरेपी क्या थी? इसके दो परिणामों को लिखिए।

उत्तर- साम्यवाद के पतन के बाद पूर्व सोवियत संघ के गणराज्य एक सत्तावादी, समाजवादी व्यवस्था से लोकतांत्रिक पूंजीवादी व्यवस्था तक के कष्टप्रद संक्रमण से होकर गुजरे। मध्य एशिया के गणराज्य और पूर्वी यूरोप के देशों में पूँजीवाद की ओर संक्रमण का जो विशेष मॉडल अपनाया गया इसे ही शॉक थेरेपी के नाम से जाना जाता है।

शॉक थेरेपी के परिणाम

1. शॉक थेरेपी के बड़े ही गंभीर परिणाम निकले इसके कारण रूस का पूरा का पूरा राज्य नियंत्रित औद्योगिक ढांचा चरमरा गया।

2. सामूहिक खेती की प्रणाली समाप्त हो चुकी थी और लोगों की खाद्य सुरक्षा मौजूद नहीं रह गई थी।

3. प्रथम खाड़ी युद्ध पर एक टिप्पणी लिखें?

उत्तर- प्रथम खाड़ी युद्ध- अगस्त 1990 में इराक द्वारा कुवैत पर कब्जा कर लेने के बाद अमेरिका के अगुवाई में संयुक्त राष्ट्र संघ की सहमति से इराक के विरुद्ध जो सैन्य अभियान चलाया गया उसे ही प्रथम खाड़ी युद्ध के रूप में जानते हैं इस युद्ध में अमेरिका की भूमिका ने यह साफ कर दिया कि विश्व के अन्य देश सैन्य क्षमता के मामले में अमेरिका से बहुत पीछे हैं, इस युद्ध से अमेरिका को बहुत लाभ हुआ।

4. किन कारणों ने गोर्बाचोव को सोवियत संघ में सुधार करने के लिए बाध्य किया?

उत्तर- जब मार्च 1985 में गोर्बाचोव सोवियत संघ के राष्ट्रपति बने उस समय देश की आर्थिक व्यवस्था अच्छी नहीं थी सारे अर्थव्यवस्था राज्य के हाथों में थी तथा देश में लोगों की स्वतंत्रता को कुचल दिया गया था, ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति ने लोगों की स्वतंत्रता को बहाल करने तथा निजी अर्थव्यवस्था को पूनःस्थापित करने का रास्ता अपनाया। गोर्बाचोव ने आर्थिक और राजनीतिक सुधार के लिए ग्लास्नोस्ट तथा पेरेस्त्रोइका नीति अपनाई । ग्लास्रोस्ट का अर्थ था समाज को खोलो और पेरेस्त्रोइका का अर्थ था आर्थिक नवनिर्माण । गोर्बाचोव की दृष्टि में गिरते हुए समाजवादी राज्य को बचाने का यही रास्ता था।

5. नई विश्व व्यवस्था क्या है? वर्णन कीजिए।

उत्तर- सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिका एकमात्र महाशक्ति के रूप में उभरा और और धीरे-धीरे विश्व व्यवस्था पर उसका वर्चस्व स्थापित हो गया 1991 के सोवियत पतन के बाद बढ़ता हुआ अमेरिकी वर्चस्व जिस व्यवस्था की पुष्टि करता है उसे ही नई विश्व व्यवस्था के रूप में जाना गया।

6. ऑपरेशन डेजर्ट स्टर्म क्या था?

उत्तर- अगस्त 1990 में इराक ने कुवैत पर हमला कर उस पर कब्जा जमा लिया। जब इराक को समझाने बुझाने के तमाम राजनायिक प्रयास सफल नहीं हुए तो अंततः संयुक्त राष्ट्र संघ ने कुवैत को मुक्त कराने के लिए बल प्रयोग के निर्णय को स्वीकार किया 34 देशों की मिली-जुली और 6 लाख 60 हजार सैनिकों की भारी-भरकम फौज ने इराक के विरुद्ध मोर्चा खोला और उसे परास्त कर दिया। संयुक्त राष्ट्र संघ के इस सैन्य अभियान को 'ऑपरेशन डिजर्ट स्टॉर्म' कहा जाता है, जो अमेरिकी सैन्य अभियान था।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. सोवियत संघ के पतन के कारणों का वर्णन करें?

उत्तर- सोवियत संघ के पतन के निम्नलिखित कारण थे

1. स्टालिनवादी संगठन की विफलता- लेनिन नवंबर 1917 में रूस में समाजवादी राज्य स्थापित किया किंतु जनवरी 1924 में उसकी मृत्यु के बाद स्टालिन ने उसे अत्यंत सबल बना दिया। 1953 में स्टालिन की मृत्यु के बाद खुश्चेव ने सोवियत संघ की सत्ता हथिया ली और डिस्टॉलिनीकरण की नीति अपनाई। स्टालिन के अनुचित कार्यों की खुलकर निंदा की गई तथा उसके विश्वासपात्र अनुयायियों को पद से हटा दिया गया।

2. आर्थिक असंतोष- स्टालिन ने समाजवादी व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए आदेशित अर्थव्यवस्था स्थापित की निजी संपत्ति का राष्ट्रीयकरण तथा कृषि का सामूहिकरण किया गया सारे अर्थव्यवस्था राज्य के हाथों में आ गई। योजना आयोग द्वारा निर्मित पंचवर्षीय योजनाओं को बलपूर्वक लागू किया गया देश के संसाधनों का बहुत अधिक अंश सेना की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खर्च किया गया जिस कारण उत्पादन दर घटती चली गई जिससे देश में उपभोक्ता संबंधी वस्तुओं की कमी हो गई।

3. सेवकतंत्रीय भ्रष्टाचार- सत्ताधारी साम्यवादी दल तथा सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच सांठगांठ ने राजनीतिक एवं आर्थिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया देश में न स्वतंत्र प्रेस थी, न स्वतंत्र न्यायपालिका जो ऐसे भ्रष्टाचार को नियंत्रित कर सकती थी। सत्ताधारी दल के नेतागण एवं प्रभावशाली सरकारी अधिकारी घूसखोरी में लग गए, जिससे उनका जनसाधारण से संपर्क टूट गया, शासन के प्रति लोगों की आस्था कम होती चली गई।

4. योग्य नेतृत्व का अभाव- किसी व्यवस्था को स्थापित करने एवं उसकी कुशल एवं सफल संचालन के लिए योग्य नेतृत्व की आवश्यकता होती है। लेनिन स्टालिन, खुश्चैव एवं बर्जनेव कुशल नेता थे जिन्होंने अनेक कठिनाइयों का सामना करके अपनी व्यवस्था को बचाए रखा किंतु एंड्रोपोव एवं चर्चेनकोव अत्यंत अयोग्य एवं अकुशल नेता सिद्ध हुए। कम्युनिस्ट पार्टी में ऐसे योग्य सदस्य नहीं थे जो नेतृत्व का भार संभाल सकते थे।

5. नस्लीय राष्ट्रवाद का उदय- सोवियत संघ को बहुराष्ट्रीय राज्य कहते थे क्योंकि यहां अनेक राष्ट्रीय गांव के लोग रहते थे जैसे रूसी, बेलारूसी, जॉर्जियस । मार्क्सवादी नेताओं ने सैद्धांतिक रूप में राष्ट्रीय आत्म निर्णय के सूत्र को मान्यता देते हुए हर राष्ट्रीयता को स्वतंत्र होने की अधिकार दिया और बड़े गर्व से यह आग्रह किया कि केवल सोवियत संघ में विभिन्न राष्ट्रीयता को यह अधिकार दिया गया है । लेकिन कम्युनिस्ट पार्टी के जाल ने सभी राष्ट्रीयता को ऐसे फांस लिया कि कोई राष्ट्रीयता स्वतंत्र होने का साहस तक नहीं कर सकती थी।

6. मानव पूंजी की हानि - मानव राज्य की पूंजी की तरह है। लेकिन सोवियत संघ में उसके व्यक्तित्व को कुचल दिया गया, उसे मशीन का पुर्जा बनाकर रखा गया। स्वतंत्र चिंतन एवं उपक्रम को वर्जित कर दिया गया। कोई बड़ा लेखक, साहित्यकार, चित्रकार, कवि य कलाकारपैदा नहीं हो सकता था, उन्हीं वैज्ञानिकों को महत्व मिला जिन्होंने नरसंहार के लिए विनाशकारी यंत्र बनाएं। रचनात्मक शक्तियों का अभाव हो गया जो किसी देश में नागरिक समाज की रचना करते हैं जिन के बीच विचारों का आदान-प्रदान होता है।

7. पाश्चात्य उदारवाद का प्रभाव- स्टालिन ने ऐसा कठोर नियंत्रण स्थापित किया था कि देश में बाहरी समाचारों का प्रवेश या देश के समाचारों का बाहर जाना असंभव था। इसी कठोर नियंत्रण को ब्रिटिश नेता चर्चिल ने लोह आवरण कहा था। लेकिन स्टालिन की मृत्यु के बाद यह स्थिति शिथिल होने लगी सोवियत संघ के लोग अन्य देशों की यात्रा करने लगे तथा अन्य देशों के लोगों ने इस लाल साम्राज्य को भीतर से देखना शुरू किया धीरे-धीरे उदारवाद की लहर का प्रवाह हुआ। सोवियत संघ के लिए साम्यवाद के प्रसार की बजाय आर्थिक विकास अधिक महत्वपूर्ण होता गया।

2. भारत जैसे देश के लिए सोवियत संघ के विघटन के क्या परिणाम हुए?

उत्तर- शीत युद्ध की समाप्ति एवं सोवियत संघ के विघटन के बाद विश्व एक ध्रुवीय हो गया। अमेरिका एकमात्र महाशक्ति के रूप में उदित हुआ भारत को अपने राष्ट्रीय हित में नीतियां बदलने पड़े भारत की विदेश नीति में अमेरिका समर्थक रणनीतियां शामिल की गई। लेकिन फिर भी रूस भारत का एक महत्वपूर्ण मित्र बना हुआ है मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिवेश में सैन्य हितों के बजाय आर्थिक नीति की घोषणा की जिसमें उदारीकरण, निजीकरण एवं वैश्वीकरण को बढ़ावा दिया गया। अब भारत विश्व आर्थिक शक्ति का महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरा है।

भारत ने साम्यवादी चीन के साथ भी बेहतर आर्थिक संबंध स्थापित किए हैं। भारत अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर बहुध्रुवीय विश्व की कामना करता है इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु भारत ने यूरोपीय संघ, चीन अमेरिका, जापान, रूस, आसियान के सदस्य देशों, अफ्रीकी देशों अपने पड़ोसियों सभी के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने की कोशिश की है, एकध्रुवीय जगत में ऐसा करना जरूरी है।

3. किन बातों के कारण गोर्बाचोव सोवियत संघ में सुधार के लिए बाध्य हुए?

उत्तर- सोवियत संघ ने अपने संसाधनों का अधिकांश अंश परमाणु हथियारों और सैन्य साजो समान पर व्यय किया उसने अपने संसाधन पूर्वी यूरोप के देशों के विकास पर भी खर्च किए ताकि विस्तृत नियंत्रण में बने रहें इससे सोवियत संघ पर गहरा आर्थिक दबाव बना। इसी के साथ सोवियत संघ के आम नागरिकों की जानकारी बढ़ी कि वे पश्चिमी देशों की तुलना में पिछड़ चुके हैं इससे लोगों की मनोदशा प्रभावित हुई।

सोवियत संघ पर कम्युनिस्ट पार्टी ने 1917 से 1991 तक शासन किया और यह पार्टी जनता के प्रति जवाबदेह नहीं थी, गतिरुदध प्रशासन, भारी भ्रष्टाचार अपनी गलतियों को सुधारने में व्यवस्था की अक्षमता, शासन में ज्यादा खुलापन लाने के प्रति अनिच्छा, और देश की विशालता के बावजूद सत्ता का केंद्रीयकृत होना। इन सभी तत्वों के कारण आम जनता अलग-थलग हो गई। इससे भी बुरी बात यह थी कि पार्टी के अधिकारियों को आम नागरिकों से ज्यादा विशेषाधिकार मिले हुए थे इससे लोगों में सत्ता के प्रति मोहभंग हो गया।

सोवियत गणराज्य में नस्लीयता और संप्रभुता के भाव के उभार ने भी मिखाइल गोर्बाचोव को सुधार के लिए बाध्य किया।

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

भाग 1 ( समकालीन विश्व राजनीति)

अध्याय - 01

शीत युद्ध का दौर

अध्याय - 02

दो ध्रुवीयता का अंत

अध्याय - 03

समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व

अध्याय - 04

सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र

अध्याय - 05

समकालीन दक्षिण एशिया

अध्याय - 06

अंतर्राष्ट्रीय संगठन

अध्याय - 07

समकालीन विश्व में सुरक्षा

अध्याय - 08

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन

अध्याय - 09

वैश्वीकरण

भाग 2 (स्वतंत्र भारत में राजनीति )

अध्याय - 01

राष्ट्र-निर्माण की चुनौतियाँ

अध्याय 02

एक दल के प्रभुत्व का दौर

अध्याय - 03

नियोजित विकास की राजनीति

अध्याय - 04

भारत के विदेश संबंध

अध्याय - 05

कांग्रेस प्रणाली : चुनौतियाँ और पुनर्स्थापना

अध्याय - 06

लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट

अध्याय - 07

जन आंदोलनों का उदय

अध्याय - 08

क्षेत्रीय आकांक्षाएँ

अध्याय - 09

भारतीय राजनीति नए बदलाव

Solved Paper of JAC Annual Intermediate Examination - 2023

Post a Comment

Hello Friends Please Post Kesi Lagi Jarur Bataye or Share Jurur Kare