Class 12 Political Science अध्याय-3 समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व Question Bank-Cum-Answer Book

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प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Political Science

अध्याय-3 समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Question)

1. किस अमेरिकी राष्ट्रपति ने नई विश्व व्यवस्था का चित्र प्रस्तुत किया?

A. रिचर्ड निक्सन

B. जिम्मी कार्टर

C. जॉर्ज बुश

D. रोनाल्ड रीगन

2. 1996 में तालिबान ने किस राज्य में अपना शासन स्थापित किया जिसे 2001 में अमेरिका ने मिटा दिया?

A. पाकिस्तान

B. इराक

C. ईरान

D. अफगानिस्तान

3. भारत के किस प्रधानमंत्री ने अमेरिका के साथ असैनिक कार्यों के हितों परमाणु समझौते का सबल समर्थन किया?

A. मनमोहन सिंह

B. अटल बिहारी वाजपेयी

C. इंदिरा गांधी

D. राजीव गांधी

4. किस देश ने 2003 में संयुक्त राष्ट्र संघ की उपेक्षा करके इराक पर आक्रमण किया?

A. चीन

B. अमेरिका

C. फ्रांस

D. रूस

5. किस देश के साथ संबंध स्थापित करके अमेरिका ने अपनी शक्ति को बहुत बढ़ाया है जिससे एक ध्रुवीयाता की प्रवृत्ति उभरी ?

A. जापान

B. ब्रिटेन

C. भारत

D. चीन

6. नाटो की स्थापना किस वर्ष की गई?

A. 1948

B. 1947

C. 1949

D. 1950

7. अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकवादियों का हमला कब हुआ?

A. 11 सितंबर 2001

B. 11 नवंबर 2003

C. 21 जुलाई 2005

D. 30 अक्टूबर 2008

8. संयुक्त राज्य अमेरिका में कुल कितने राज्य हैं?

A. 49

B. 50

C. 51

D. 52

9. विश्व को इंटरनेट की सुविधा किस देश की देन है?

A. जापान

B. चीन

C. भारत

D. संयुक्त राज्य अमेरिका

10. संयुक्त राज्य अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति कौन है?

A. जॉर्ज बुश

B. बिल क्लिंटन

C. डोनाल्ड ट्रंप

D. जोसेफ रोबिनेट बाइडेन

11. परमाणु अप्रसार संधि पर किस देश ने हस्ताक्षर नहीं किया?

A. ईरान

B. उत्तरी कोरिया

C. भारत

D. चीन

12. द्वितीय विश्वयुद्ध में अमेरिका ने जापान के किस शहर पर परमाणु बम गिराया था?

A. नागासाकी

B. इतोशिमा

C. हाशिया

D. मिजामिसोमा

13. निम्न में से किस देश ने खुले द्वार की नीति अपनाई?

A. भारत

B. ब्रिटेन

C. पाकिस्तान

D. चीन

14. भारत ने पोखरण में दूसरा सफल परमाणु परीक्षण कब किया।

A. 1995

B. 1997

C. 1998

D. 1996

15. एक ध्रुवीयता का क्या अर्थ है?

A. अमेरिका के हाथों शांति

B. एक दुनिया

C. रोमनो के हाथों शांति

D. इनमें से कोई नहीं

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. "अमेरिका के हाथों शांति” का क्या अर्थ है?

उत्तर- दूसरे विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका ने बहुत से देशों में अपना वर्चस्व स्थापित किया और अपने विरोधियों को कुचल कर वहां शांति स्थापित की इसे ही अमेरिका के हाथों शांति कहां जाता है।

2. "इतिहास के अंत का क्या अर्थ है?

उत्तर- फ्रांसिस फुकुयामा के अनुसार इतिहास के अंत का अर्थ एक ऐसे राष्ट्र से लिया गया है जिसमें विधि का शासन चलता था । विश्व के सभी राष्ट्र स्वतंत्रता व न्याय को बनाए रखने में अपने दायित्व का निर्वहन करते हैं।

3. G-7 क्या है?

उत्तर- G-7 प्रमुख औद्योगिक देशों का एक समूह है जिसका गठन 1975 मैं हुआ था इस संगठन में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन ,इटली, जर्मनी, फ्रांस व जापान शामिल है

4. इराकने कुवैत पर कब आक्रमण किया और उस समय इराक का राष्ट्रपति कौन था?

उत्तर- इराकने कुवैत पर 1990 में आक्रमण किया और उस समय इराक का राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन था।

5. अमेरिका ने आतंकवाद के विरुद्ध कौन सा अभियान चलाया?

उत्तर- अमेरिका ने आतंकवाद के विरुद्ध ऑपरेशन एंडयूरिंग फ्रीडम नामक अभियान चलाया।

6. प्रथम खाड़ी युद्ध को " वीडियो गेम वार" क्यों कहा गया है?

उत्तर- प्रथम खाड़ी युद्ध को टेलीविजन पर व्यापक रूप से दिखाया गया और पूरे विश्व के लोगों ने इराकी सेना को टेलीविजन पर युद्ध में बूरी तरह हारते हुए देखा, इसलिए प्रथम खाड़ी युद्ध को "वीडियो गेम वार" कहा गया ।

7. नाटो का गठन कब हुआ और उसके सदस्य को किस नाम से जाना जाता है

उत्तर- नाटो का गठन 4 अप्रैल 1949 ई. को हुआ और इसके सदस्य को शांति के सहभागी के नाम से जाना जाता है।

8. प्रथम खाड़ी युद्ध को और किन किन नामों से जाना जाता है?

उत्तर- प्रथम खाड़ी युद्ध को निम्नलिखित नामों से जाना जाता है-

1. स्मार्ट बमों का प्रयोग

2. कंप्यूटर युद्ध

3. वीडियो गेम वार

9. नाटो (NATO) का पूरा नाम क्या है।

उत्तर- नाटो का पूरा नाम उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन या North Atlantic Treaty Organizationl है।

10. नाटो का मुख्यालय कहां है?

उत्तर- नाटो का मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. ऑपरेशन एंडयूरिंग फ्रीडम क्या था?

उत्तर- 11 सितंबर 2001 को इस्लामी कट्टरवादयों ने अमेरिका के दो नगरों न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर तथा वर्जीनिया में पेंटागन पर हमला किया। इस हमले के पीछे अलकायदा के नेता ओसामा बिन लादेन का हाथ था और उस समय अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था जहां ओसामा बिन लादेन छुपा हुआ था। अक्टूबर 2001 में अमेरिका व उसके कुछ सहयोगी देशों ने अफगानिस्तान पर आक्रमण करके वहां तालिबान का शासन मिटा दिया। और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने आरोप लगाया कि ऐसी आतंकवादी संगठनों को इराक की गुप्त सहायता मिल रही है इसलिए मार्च 2003 में इराक पर आक्रमण करके सद्दाम हुसैन के अधिनायकवाद शासन को मिटा दिया गया । इराक के खिलाफ इतनी बड़ी कार्यवाही सुरक्षा परिषद के समर्थन पर की गई थी।

2. अमेरिकी वर्चस्व की सैन्य शक्ति के रूप में व्याख्या कीजिए।

उत्तर- वर्तमान में अमेरिका एकमात्र महाशक्ति है जिनके पास विशाल थल सेना, जल सेना वायु सेना है। अपनी सैनिक क्षमता के बल पर वह कहीं भी बड़ी आसानी से हमला कर सकता है अमेरिका के पास हर प्रकार के परमाणु, आधुनिक व परंपरागत हथियार है इस कारण उसने विश्व के कई देशों पर अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया है अमेरिका का रक्षा बजट विश्व के अन्य शक्तिशाली कही जाने वाले 12 देशों के संयुक्त रक्षा बजट से कहीं अधिक होता है अमेरिका अपनी सैनिक शक्ति पर अन्य देशों की तुलना में कहीं अधिक खर्च करता है वह अपनी बजट का एक बड़ा भाग सैन्य अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास पर खर्च करता है। और यह कहना उचित होगा कि अमेरिका की सैन्य क्षमता अतुलनीय है क्योंकि अफगानिस्तान और इराक पर आक्रमण करके वहां अपने विरोधियों का शासन मिटाने में अमेरिका ने अपने अद्वितीय सैन्य शक्ति का परिचय दिया।

3. ऑपरेशन "डेजर्टस्टाम क्या था?

उत्तर- 1990 में इराक ने कुवैत पर हमला किया और बड़ी तेजी से उस पर कब्जा जमा लिया। जब सभी राजनायिक इराक को समझाने में विफल रही तो संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद ने कुवैत को मुक्त कराने के लिए बल प्रयोग की अनुमति दी तब 34 देशों की मिली-जुली और 6,60,000 सैनिकों की सेना ने इराक पर आक्रमण कर इराक की सेना को हरा दिया। 1991 ईस्वी में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस सैन्य अभियानको खाड़ी युद्ध या "ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म" कहा।

4. 1991 में अमेरिका ने इराक पर आक्रमण क्यों किया?

उत्तर- अमेरिकी आक्रमण के मूल 1991 के खाड़ी युद्ध में रखे गए थे। उस समय इराक पर यह वैध आरोप लगाया गया था कि उसने कुवैत को हड़पकर उसे अपना 19वां प्रान्त बनाया, अतः कुवैत को मुक्त किया जाये। इस बार यह विचित्र स्थिति पैदा हुई कि फ्रांस के राष्ट्रपति शिराक तथा रूसी संघ के राष्ट्रपति पुतिन ने अमरीका के इराक पर आक्रमण करने का विचार किया और सुरक्षा परिषद् में ऐसे प्रस्ताव पर वीटो शक्ति के प्रयोग करने का मंतव्य स्पष्ट कर दिया। ऐसी आशंका को देखते हुए अमरीकी राष्ट्रपति बुश ने सुरक्षा परिषद् से अपना प्रस्ताव वापस कर लिया तथा उसकी उपेक्षा करते हुए 20 मार्च, 2003 को इराक पर आक्रमण कर दिया।

5. नई विश्वव्यवस्था क्या है?

उत्तर- अमेरिका एक नई विश्व व्यवस्था स्थापित करना चाहता था जो राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के शब्दों में आतंक के भय से मुक्त हो तथा जिस में शांति व सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। 2 अगस्त, 1990 को इराक ने कुवैत पर आक्रमण कर मात्र छः घंटे में उस पर अधिकार कर लिया और उसे अपना 19वाँ प्रांत घोषित कर दिया । इराक को कुवैत खाली करने के लिए समझाने-बुझाने की राजनयिक कोशिशें जब नाकाम हो गईं तो संयुक्त राष्ट्रसंघ ने कुवैत को मुक्त कराने के लिए बल प्रयोग की अनुमति दे दी। शीतयुद्ध के समय वर्षों तक चुप्पी साधे रहने वाले संयुक्त राष्ट्र के लिहाज से यह उसका एक नाटकीय फैसला था। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इसे नई विश्व व्यवस्था' की संज्ञा दी।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. अमेरिकी प्रभुत्व का क्या अर्थ है? इसके प्रमुख लक्षणों का वर्णन कीजिए।

उत्तर- शीत युद्ध की समाप्ति के बाद विश्व राजनीति में एकमात्र महाशक्ति अमेरिका बची उसके चारों ओर विश्व राजनीति घूम रही है अमेरिकी प्रभुत्व के कारण विश्व के सभी देश अमेरिका को केंद्र में रखकर अपनी कूटनीति का प्रयोग हैं कर रहे हैं 1991 के बाद पूरी शक्ति अमेरिका में निहित हो गई और अपनी सैनिक आर्थिक और सांस्कृतिक शक्ति से विश्व के देशों को प्रभावित और नियंत्रित कर अमेरिका अपने वर्चस्व को बढ़ाता रहा।

1. अमेरिकी प्रभुत्व के लक्षण- अमेरिका एक नयी विश्व व्यवस्था स्थापित करना चाहता है जो राष्ट्रपति जार्ज बुश के शब्दों में आतंक के भय से मुक्त हो तथा जिसमें शान्ति व सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। 11 सितम्बर 1990 को कांग्रेस में बोलते उन्होंने कहा कि ऐसा विश्व हो जिसमें विधि का शासन प्रचलित हो तथा विश्व के सभी राष्ट्र स्वतंत्रता व न्याय को बनाए रखने में अपने दायित्व का निर्वहन करें।

2. संयुक्त राष्ट्र संघ की व्यवस्था का स्वेच्छाचारी संचालन- सोवियत संघ के विरोध के कारण अमेरिका संयुक्त राष्ट्र संघ का अपने तरीके से उपयोग नहीं कर सकता था। लेकिन 1990 में सोवियत संघ इतना कमजोर हो चुका था कि राष्ट्रपति बुश ने मनमाने तरीके से सुरक्षा परिषद् से प्रस्ताव पास कराए तथा खाड़ी युद्ध में सामूहिक सुरक्षा प्रावधानों को लागू किया। और 2003 ई० में अमेरिका ने सुरक्षा परिषद् की उपेक्षा कर इराक पर आक्रमण किया।

3. दमनकारी कूटनीति का प्रयोग संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुसार किसी राज्य के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करना वर्जित है लेकिन अमेरिका द्वारा कभी मानव अधिकारों के हनन का बहाना तो कभी इस्लामी आतंकवाद को मिटाने के नाम पर दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया जाता रहा है उदाहरण के लिए अमेरिका के दबाव में उत्तर - कोरिया ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए।

4. सर्वसत्तावादी व्यवस्थाओं व आतंकवाद का निराकरण- इस्लामी कट्टरवाद ने विश्वव्यापी आतंकवाद को जन्म दिया है 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर आतंकवादी आक्रमण के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला करके वहां तालिबान के शासन को खत्म किया। इराक में सद्दाम हुसैन पर जन संहारक शस्त्र रखने का आरोप लगाकर अमेरिका ने इराक पर आक्रमण किया।

5. अंतर्राष्ट्रीय विवादों में मध्यस्थता रास्तों के बीच विवादों को शांतिपूर्वक तरीके से निपटाया जाना चाहिए ऐसी ही एक साधन है। अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी असाधारण भूमिका निभाने को इच्छुक रहता है जैसा हम इजरायल और फिलिस्तीन के मामले में देख सकते हैं कई बार अमेरिकी प्रशासन ने कश्मीर की समस्या को सुलझाने के लिए अपनी मध्यस्था का विचार पेश किया लेकिन भारत उसे अस्वीकार कर दिया।

2. अमेरिका के साथ भारत के संबंधों पर एक लेख लिखें।

उत्तर- भारत व अमेरिका विश्व की महान लोकतांत्रिक देश है अमेरिका को विश्व का महानतम लोकतंत्र माना जाता है। तो भारत को विश्व का विशालतम लोकतंत्र होने का श्रेय है प्राप्त है भारत अमेरिका संबंधों के इतिहास को दो भागों में बांटा जा सकता है पहला -शीत युद्ध के काल में, दूसरा -शीत युद्ध की समाप्ति के बाद का काल।

भारत की आजादी के समय शीत युद्ध का काल प्रारंभ हो चुका था। पूरा विश्व दो गुटों में बँट चुका था लेकिन भारत ने दोनों गुटों में शामिल नहीं होने का निश्चय किया। भारत में गुटनिरपेक्षता की नीति को अपनी विदेश नीति का आधार बनाया। भारत की गुटनिरपेक्षता की नीति तात्कालिक अंतरराष्ट्रीय परिवेश में अमेरिकीहितों के अनुरूप नहीं थी। भारत में 1991 में नई आर्थिक नीति अपनाई जिसके तहत भारत और अमेरिका का व्यापारिक संबंध बहुत तेजी से बढ़ा लेकिन इन दोनों देशों के बीच मनमुटाव के कुछ बिंदु ही बनी रहे जो निम्नलिखित है

1. कश्मीरी समस्या - जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है लेकिन पाकिस्तान इस तथ्य को स्वीकार नहीं करता। अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के पक्ष में समर्थन किया। सोवियत संघ ने भी तो सत्य के प्रयोग से हमारी रक्षा की और अब अमेरिकी प्रशासन मध्यस्था का प्रस्ताव पेश करता है जो भारत को स्वीकार्य नहीं है।

2. तिब्बत का मामला- अमेरिकी प्रशासन की इच्छा यह है कि भारत दलाई लामा को तिब्बत में पुनः स्थापित करके चीन के विस्तार वादी शक्ति पर रोक लगाएं। भारत ने ऐसे विचार को नहीं सराहा क्योंकि तिब्बत की स्वायत्तता का विषय चीन का घरेलू मामला है।

3. इस्लामी आतंकवाद - अफगानिस्तान से सोवियत संघ समर्थक नजीबुल्लाह के शासन को उखाड़ फेंकने के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान के माध्यम से तालिबान का सैनिक गुट तैयार किया 1996 ईस्वी में अफगानिस्तान पर इसका कब्जा हो गया तालिबान एवं उसके इस्लामी आतंकवादी संगठनों ने भारत पर आतंकवादी आक्रमण तेज कर दिया है भारत सरकार द्वारा आग्रह बना हुआ है कि अमेरिका इन आतंकवादी शक्तियों का दमन करें लेकिन इस दिशा में अमेरिकी सकारात्मक नहीं रहा है।

शीत युद्ध की समाप्ति के बाद भारत अमेरिका संबंध में अनेक सैनिक सुधार हुआ ।

भारत ने उदारीकरण की नीति अपनाकर विदेशी पूंजी के निवेश का मार्ग खोल दिया है जिससे अमेरिकी कंपनियां भारत में अपना काम फैला रहे है।

3. अमेरिकी वर्चस्व के मार्ग में अवरोधों का वर्णन कीजिए।

उत्तर- इतिहास में अब तक ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलता है कि किसी देश का विषय पर हमेशा के लिए वर्चस्व रहा है शक्ति संतुलन एक सामान्य घटना है और जब शक्ति असंतुलित हो जाती है तो बाद में घटनाक्रमों से संतुलित भी हो जाती है। शक्ति संतुलन की राजनीति वर्चस्वशील देश की ताकत को आने वाले समय में कम कर देती है।

यद्यपि वर्तमान में अमेरिकी वर्चस्व का विरोध कोई देश नहीं कर पाएगा पर अमेरिकी वर्चस्व की राह में तीन अवरोध हैं-

1. पहला अवरोध अमेरिका की स्वयं की संस्थागत संरचना है। सरकार के तीनों अंगों व्यवस्थापिका , कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच की शक्ति का विभाजन कार्यपालिका द्वारा सेना के अनियंत्रित और अमर्यादित प्रयोग पर प्रभाव कार्य रोक लगाता है।

2. अमेरिकी वर्चस्व पर दूसरा अवरोध भी आंतरिक है और अमेरिकी समाज की खुली प्रकृति से प्रकट होती है। अमेरिकी जनसंचार के साधन समय-समय पर उनकी जनमत को मोड़ने की कोशिश करते हैं। लेकिन अमेरिकी राजनीतिक संस्कृति में शासन के उद्देश्य और तरीके को लेकर गहरा संशयवाद है। यह तत्व आगे चलकर अमेरिकी सैन्य कार्यवाही पर वैश्विक स्तर पर एक बड़ा अवरोध होगा।

3. अमेरिकी वर्चस्व की राह में तीसरा अवरोध अमेरिका द्वारा निर्मित उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन नाटो हो सकता है। अभी अमेरिका का बहुत बड़ा हित बाजार अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने वाले इन लोकतांत्रिक देशों के इस संगठन को बनाए रखने से जुड़ा हुआ है। इसलिए यह संभव है कि नाटो में शामिल इसके साथी देश इसके वर्चस्व पर अंकुश लगा सकें।

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

भाग 1 ( समकालीन विश्व राजनीति)

अध्याय - 01

शीत युद्ध का दौर

अध्याय - 02

दो ध्रुवीयता का अंत

अध्याय - 03

समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व

अध्याय - 04

सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र

अध्याय - 05

समकालीन दक्षिण एशिया

अध्याय - 06

अंतर्राष्ट्रीय संगठन

अध्याय - 07

समकालीन विश्व में सुरक्षा

अध्याय - 08

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन

अध्याय - 09

वैश्वीकरण

भाग 2 (स्वतंत्र भारत में राजनीति )

अध्याय - 01

राष्ट्र-निर्माण की चुनौतियाँ

अध्याय 02

एक दल के प्रभुत्व का दौर

अध्याय - 03

नियोजित विकास की राजनीति

अध्याय - 04

भारत के विदेश संबंध

अध्याय - 05

कांग्रेस प्रणाली : चुनौतियाँ और पुनर्स्थापना

अध्याय - 06

लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट

अध्याय - 07

जन आंदोलनों का उदय

अध्याय - 08

क्षेत्रीय आकांक्षाएँ

अध्याय - 09

भारतीय राजनीति नए बदलाव

Solved Paper of JAC Annual Intermediate Examination - 2023

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