Jac Board Class 12 Political Science 2023 Answer key

Jac Board Class 12 Political Science 2023 Answer key

झारखण्ड अधिविद्य परिषद्

ANNUAL INTERMEDIATE EXAMINATION - 2023

POLITICAL SCIENCE (Optional)

कुल समय : 3 घंटे 20 मिनट    पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश :

इस प्रश्न पुस्तिका में दो भाग हैं – भाग- A तथा भाग -B.

भाग - A में 40 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न हैं जिनके उत्तर अलग से दिये गये OMR उत्तर पत्रक पर चिह्नित करें । भाग-A के उत्तर पहले 2.00 अपराह्न से 3.35 अपराह्न तक हल करेंगे एवं इसके उपरान्त OMR उत्तर पत्रक वीक्षक को 3.35 अपराह्न पर लौटा देंगे ।

भाग - B में 40 अंक के विषयनिष्ठ प्रश्न हैं जिनके उत्तर अलग से दिये गये उत्तर पुस्तिका पर हल करें। भाग-B के उत्तर के लिए समय 3.40 अपराह्न से 5.20 अपराह्न तक निर्धारित है। परीक्षार्थी परीक्षा के उपरान्त प्रश्न पुस्तिका को ले जा सकते हैं।

भाग- A

(बहुविकल्पीय आधारित प्रश्न )

वर्ग-12

विषय- राजनीति शास्त्र

पूर्णांक - 40

समय-1 घंटा 30 मिनट

निर्देश :

1. सावधानी पूर्वक सभी विवरण OMR उत्तर पत्रक पर भरें ।

2. आप अपना पूरा हस्ताक्षर OMR उत्तर पत्रक पर दी गई जगह पर करें ।

3. इस भाग में कुल 40 बहु-विकल्पीय प्रश्न हैं ।

4. सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 1 अंक निर्धारित है।

5. गलत उत्तर के लिए कोई अंक नहीं काटा जायेगा।

6. OMR उत्तर पत्रक के पृष्ठ 2 पर प्रदत्त सभी निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा उसके अनुसार कार्य करें।

7. प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्प दिये गये हैं। इनमें से सबसे उपयुक्त उत्तर को आप अपने OMR उत्तर पत्रक पर ठीक-ठीक गहरा काला करें। केवल नीला या काला बॉल प्वाइंट कलम का ही प्रयोग करें पेंसिल का प्रयोग वर्जित है।

8. OMR उत्तर पत्रक पर दिये गये निर्देशों का ध्यानपूर्वक पालन कीजिए अन्यथा आपका OMR उत्तर पत्रक अमान्य होगा और उसका मूल्यांकन नहीं किया जायेगा ।

 

1. शीतयुद्ध कब समाप्त हुआ ?

(1) 1949

(2) 1939

(3) 1991

(4) 1945

 

2. पहला गुटनिरपेक्ष सम्मेलन कहाँ हुआ ?

(1) हवाना

(2) बेलग्रेड

(3) नई दिल्ली

(4) कोलम्बो

 

3. किस देश ने नाटो में अमेरिकी नेतृत्व का विरोध किया था ?

(1) पश्चिम जर्मनी

(2) इटली

(3) ब्रिटेन

(4) फ्रांस

 

4. बोल्शेविक क्रान्ति का नेतृत्व किसने किया था ?

(1) लेनिन

(2) स्टालिन

(3) चर्चिल

(4) ख्रुश्चेव

 

5. शॉक थेरेपी को कब अपनाया गया ?

(1) 1992

(2) 1990

(3) 1994

(4) 1991

 

6. मिखाइल गोर्बाचेव कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव कब बनें ?

(1) 1985

(2) 1989

(3) 1991

(4) 1987

 

7. अमेरिका के विश्व व्यापार केन्द्र पर आक्रमण कब हुआ ?

(1) 9 सितम्बर, 2008

(2) 11 नवम्बर, 2001

(3) 11 सितम्बर, 2001

(4) 9 नवम्बर, 2001

 

8. अमेरिकी वर्चस्व का कारण है

(1) उसकी सैन्य शक्ति

(2) उसकी ढाँचागत शक्ति

(3) उसकी सांस्कृतिक शक्ति

(4) इनमें से सभी

 

9. कंम्प्यूटर युद्ध किसे कहा जाता है ?

(1) प्रथम विश्वयुद्ध

(2) भारत-पाक युद्ध

(3) प्रथम खाड़ी युद्ध

(4) इनमें से कोई नहीं

 

10. खुले द्वार की नीति को किसने अपनाया ?

(1) जापान

(2) चीन

(3) अमेरिका

(4) यूरोपीय संघ

 

11. किस देश के अड़ंगा के कारण भारत परमाणु आपूर्ति समूह ( एन. एस. जी.) का सदस्य नहीं बन पाया ?

(1) चीन

(2) ब्रिटेन

(3) फ्रांस

(4) अमेरिका

 

12. आसियान के संस्थापक सदस्य देशों की संख्या क्या है ?

(1) 8

(2) 10

(3) 5

(4) 7

 

13. अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय कहाँ अवस्थित है ?

(1) हेग

(2) लन्दन

(3) पेरिस

(4) न्यूयार्क

 

14. एक ध्रुवीय विश्व में संयुक्त राष्ट्रसंघ पर किस देश का सबसे अधिक प्रभाव है ?

(1) चीन

(2) संयुक्त राज्य अमेरिका

(3) जापान

(4) रूस

 

15. पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पहला अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन कहाँ हुआ था ?

(1) रियो डी जेनेरो

(2) क्योटो

(3) बाली

(4) स्टॉकहोम

 

16. ग्रीनहाउस गैस सम्बन्धित है

(1) वैश्विक ताप वृद्धि से

(2) विश्व बाजार से

(3) वैश्विक व्यापार से

(4) इनमें से सभी

 

17. वैश्वीकरण किस विचारधारा पर आधारित है ?

(1) साम्यवाद

(2) उदारवाद

(3) समाजवाद

(4) अराजकतावाद

 

18. भारत में किस प्रधानमंत्री ने आर्थिक उदारीकरण को शुरू किया था ?

(1) अटल बिहारी वाजपेयी

(2) मनमोहन सिंह

(3) चन्द्रशेखर

(4) पी. वी. नरसिम्हा राव

 

19. राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी समस्या थी

(1) देशी रियासतें

(2) गरीबी

(3) अशिक्षा

(4) इनमें से कोई नहीं

 

20. किस ब्रिटिश योजना द्वारा भारत के विभाजन का प्रस्ताव दिया गया ?

(1) क्रिप्स मिशन योजना

(2) माउण्टबेटन योजना

(3) कैबिनेट मिशन योजना

(4) शिमला प्रस्ताव

 

21. भारत के किस राज्य में तेलुगु देशम पार्टी सक्रिय है ?

(1) महाराष्ट्र

(2) आन्ध्र प्रदेश

(3) पंजाब

(4) गुजरात

 

22. भारत में चुनाव कराने के लिये कौन उत्तरदायी है ?

(1) राष्ट्रपति

(2) प्रधानमंत्री

(3) सर्वोच्च न्यायालय

(4) भारत का चुनाव आयोग

 

23. भारतीय जनता पार्टी के प्रथम अध्यक्ष कौन थे ?

(1) दीनदयाल उपाध्याय

(2) अटल बिहारी वाजपेयी

(3) श्यामा प्रसाद मुखर्जी

(4) इनमें से कोई नहीं

 

24. समाजवादी नेता थे

(1) नरेन्द्र देव

(2) राम मनोहर लोहिया

(3) जय प्रकाश नारायण

(4) इनमें से सभी

 

25. "मेक इन इण्डिया" का नारा किसने दिया ?

(1) नरेन्द्र मोदी

(2) राजीव गाँधी

(3) जवाहरलाल नेहरू

(4) इनमें से कोई नहीं

 

26. किस पंचवर्षीय योजना में बड़े उद्योगों को प्राथमिकता दी गई थी ?

(1) पहली योजना, 1951-1956

(2) छठी योजना, 1980-1985

(3) दूसरी योजना, 1956-1961

(4) पाँचवीं योजना, 1974 1979

 

27. नीति आयोग का गठन कब हुआ ?

(1) 1 जनवरी, 2016

(2) 1 जनवरी, 2014

(3) 1 जनवरी, 2015

(4) 3 मार्च, 2017

 

28. 1971 के आम चुनाव में इंदिरा गाँधी ने कौन-सा नारा दिया ?

(1) भ्रष्टाचार हटाओ

(2) गरीबी हटाओ

(3) बेरोज़गारी हटाओ

(4) अंधविश्वास हटाओ

 

29. "जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान" का नारा किसने दिया था ?

(1) जवाहरलाल नेहरू

(2) इन्दिरा गाँधी

(3) सुभाष चन्द्र बोस

(4) अटल बिहारी वाजपेयी

 

30. देशी रियासतों के शासकों को दिया जाने वाला प्रिवी पर्स किस वर्ष समाप्त कर दिया गया था ?

(1) 1972

(2) 1969

(3) 1971

(4) 1970

 

31. 1977 में जनता पार्टी शासन में कौन प्रधानमंत्री बना था ?

(1) इन्द्र कुमार गुजराल

(2) चन्द्रशेखर

(3) मोरारजी देसाई

(4) विश्वनाथ प्रताप सिंह

 

32. 'सम्पूर्ण क्रान्ति' का विचार किसने दिया था ?

(1) जय प्रकाश नारायण

(2) भगत सिंह

(3) विनोबा भावे

(4) सुभाष चन्द्र बोस

 

33. किस संविधान संशोधन को 'लघु संविधान' की संज्ञा दी जाती है ?

(1) 43 वां संशोधन

(2) 42 वां संशोधन

(3) 41 वां संशोधन

(4) 44वां संशोधन

 

34. अमृतसर मन्दिर को आतंकवादियों से मुक्त कराने के लिए कौन-सा अभियान चलाया गया था ?

(1) आपरेशन विजय

(2) आपरेशन गोल्डन टेम्पल

(3) आपरेशन ब्लू स्टार

(4) आपरेशन डेजर्ट स्टार्म

 

35. जब 1975 में देश में आपातकाल लागू किया गया था तब भारत का राष्ट्रपति कौन था ?

(1) जाकिर हुसैन

(2) फ़ख़रुद्दीन अली अहमद

(3) वी. वी. गिरि

(4) नीलम संजीव रेड्डी

 

36. मेधा पाटेकर निम्नांकित में से किस आन्दोलन से संबंधित हैं ?

(1) चिपको आन्दोलन

(2) ताड़ी-विरोधी आन्दोलन

(3) नर्मदा बचाओ आन्दोलन

(4) टेहरी बाँध आन्दोलन

 

37. नक्सलवादी आन्दोलन की शुरुआत 1967 में किस राज्य में हुई थी ?

(1) आन्ध्र प्रदेश

(2) उत्तर प्रदेश

(3) उड़ीसा

(4) पश्चिम बंगाल

 

38. मंडल आयोग की सिफ़ारिशों को 1990 में किस प्रधानमंत्री ने लागू किया था ?

(1) वी. पी. सिंह

(2) राजीव गाँधी

(3) नरसिम्हा राव

(4) चन्द्रशेखर

 

39. आम आदमी पार्टी का गठन किस वर्ष में हुआ था ?

(1) 2014

(2) 2012

(3) 2015

(4) 2013

 

40. निम्नलिखित में से किस संस्था में महिलाओं के लिये सीटों का आरक्षण नहीं है ?

(1) विधान सभा

(2) नगर निगम

(3) ग्राम पंचायत

(4) नगर पंचायत


भाग-B

(विषयनिष्ठ आधारित प्रश्न )

वर्ग - 12

विषय- राजनीति शास्त्र

पूर्णांक -40

समय - 1 घंटा 30 मिनट

निर्देश :

1. परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में ही उत्तर दें।

2. इस प्रश्नपत्र में तीन खण्ड - A, B एवं C हैं। कुल प्रश्नों की संख्या 19 है ।

3. खण्ड - A में प्रश्न संख्या 17 अति लघु उत्तरीय प्रकार के हैं। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए । प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 30 शब्दों में दीजिए । प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 2 अंक निर्धारित है ।

4. खण्ड - B – प्रश्न संख्या 8 14 लघु उत्तरीय हैं। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए । प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 50 शब्दों में दीजिए । प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 3 अंक निर्धारित है ।

5. खण्ड - C - प्रश्न संख्या 15 19 दीर्घ उत्तरीय हैं। इनमें से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए । प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 100 शब्दों में दीजिए । प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 5 अंक निर्धारित है ।

खण्ड - A

अति लघु उत्तरीय प्रश्न )

किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दें।2 x 5 = 10

1. ग्लासनोस्त से आप क्या समझते हैं?

उत्तर:- ग्लासनोस्त का अर्थ है खुलापन लाना। इस प्रक्रिया के तहत सोवियत संघ की व्यवस्था में खुलेपन की नीति अपनाई गई और शेष विश्व से उसके संपर्क को मजबूत करने का प्रयास किया गया।

2. किस देश को वर्चस्व की स्थिति प्राप्त है? क्या वर्चस्व स्थाई है?

उत्तर:- अमेरिका को वर्चस्व की स्थिति प्राप्त है। नहीं, वर्चस्व की स्थिति स्थाई नहीं होती।

3. आसियान (ASEAN) की स्थापना कब हुई थी और इसकी प्रारंभिक सदस्यों की संख्या क्या थी?

उत्तर:- आसियान (ASEAN) की स्थापना 8 अगस्त 1967 ई. में हुई थी, इसकी प्रारंभिक सदस्यों की संख्या पांच थी। जो निम्न है- इंडोनेशिया,मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर तथा थाईलैंड।

4. ओजोन परत क्या है?

उत्तर:- ओजोन परत को हमारी पृथ्वी का कवच माना जाता है। ओजोन परत पृथ्वी की सतह से 10 किलोमीटर के बाद 40 किलोमीटर तक फैली हुई है । ओजोन परत पृथ्वी पर सूर्य की पराबैंगनी किरणों को आने से रोकती है।

5. राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन कब हुआ था और इसके अध्यक्ष कौन थे?

उत्तर:- राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन 22 दिसंबर 1953 ई. को हुआ था, इसके अध्यक्ष फजल अली थे।

6. भारत ने अपना दूसरा परमाणु परीक्षण कब और कहां किया था?

उत्तर:- भारत ने अपना दूसरा परमाणु परीक्षण 11 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण में किया था।

7. चिपको आंदोलन से क्या अभिप्राय है?

उत्तर :- 1973 ई. में भारत के उत्तराखंड राज्य में किसानों ने वृक्षों की कटाई का विरोध करने के लिए 'चिपको आंदोलन किया था। इस आंदोलन का नाम चिपको आंदोलन इसलिए पड़ा क्योंकि गांव की महिलाओं एवं लोगों ने पेड़ों से चिपक कर विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं और पुरुषों ने चिपको आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिनमें सुंदरलाल बहुगुणा, गौरा देवी, सुदेशा देवी, बचनी देवी, चंडी प्रसाद भट्ट,गोविंद सिंह रावत, रामवीर सिंह बिष्ट आदि कार्यकर्ता शामिल थे।


खण्ड - B

लघु उत्तरीय प्रश्न )

किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दें। 3 x 5 = 15

8. नई विश्व व्यवस्था क्या है?

उत्तर:- अमेरिका एक नई विश्व व्यवस्था स्थापित करना चाहता था जो राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के शब्दों में आतंक के भय से मुक्त हो सके तथा जिसमें शांति एवं सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। 2 अगस्त 1990 को इराक ने कुवैत पर आक्रमण कर मात्र 6 घंटे में उस पर अधिकार कर लिया और उससे अपना 19 वां प्रांत घोषित कर दिया । इराक को कुवेत को खाली करने के लिए समझाने बुझाने की राजनयिक कोशिशें जब नाकाम हो गई तो संयुक्त राष्ट्र संघ ने कुवैत को मुक्त कराने के लिए बल प्रयोग की अनुमति दे दी। शीत युद्ध के समय वर्षों तक चुप्पी साधे रहने वाले संयुक्त राष्ट्र के लिहाज से यह उसका नाटकीय फैसला था। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इसे नई विश्व व्यवस्था की संज्ञा दी है।

9. आसियान के तीन उद्देश्यों को लिखें?

उत्तर:- आसियान के तीन उद्देश्य-

A. क्षेत्रीय स्तर पर आर्थिक सामाजिक तथा सांस्कृतिक विकास एवं क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता को बढ़ावा देना। सभी देशों की राष्ट्रीय पहचान, संप्रभुता, समानता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता के लिए आपसी सम्मान को बढ़ावा देना। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन और शांतिपूर्ण समुदाय के लिए आर्थिक विकास सामाजिक सांस्कृतिक विकास में तेजी लाना।

B. सामाजिक सांस्कृतिक आर्थिक तकनीकी वैज्ञानिक प्रशासनिक जैसे मामलों में सक्रिय सहयोग और पारस्परिक सहायता को बढ़ावा देना।

C. कृषि और उद्योगों के अधिक उपयोग व्यापार, विस्तार परिवहन और संचार सुविधाओं में सुधार करना एवं लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना।

10. पाकिस्तान की राजनीति में सेना की भूमिका का वर्णन करें।

उत्तर:- पाकिस्तान में संविधान के बनने के बाद देश की शासन की बागडोर जनरल अयूब खान ने अपने हाथों में ले ली और शीघ्र ही निर्वाचन भी करा लिया। उनके शासन के खिलाफ जनता का विद्रोह हुआ और उन्हें पद छोड़ना पड़ा। एक बार फिर से सैनिक शासन जनरल याहिया खान के नेतृत्व में पाकिस्तान में शुरू हुआ याहिया खान की सैनिक शासन के दौरान 1971 का भारत पाकिस्तान युद्ध हुआ परिणाम स्वरूप पूर्वी पाकिस्तान टूट कर एक स्वतंत्र देश बांग्लादेश बना।

1971 से 1977 तक जुल्फिकार अली भुट्टो के नेतृत्व में पाकिस्तान में एक निर्वाचित सरकार बनी। 1977 में जनरल जियाउल हक ने इस सरकार को गिरा दिया और सैनिक शासन कायम किया। 1982 के बाद में जनरल जिया उल हक को लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का सामना करना पड़ा।

1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ के नेतृत्व में सेना ने एक बार फिर लोकतंत्र में दखल दिया और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को हटा दिया। 2001 में परवेज मुशर्रफ ने अपना निर्वाचन राष्ट्रपति के रूप में कराया। पाकिस्तान में सेना की हुकूमत थी हालांकि सैनिक शासकों ने अपने शासन को लोकतांत्रिक जताने के लिए चुनाव कराए हैं। 2008 से पाकिस्तान में लोकतांत्रिक तरीके से चुने के नेता शासन कर रहे हैं।

11. संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के क्या कार्य हैं?

उत्तर:- संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के कार्य-

A. संयुक्त राष्ट्र संघ के कर्मचारियों की नियुक्ति करता है और उनके वेतन, भत्ते छुट्टी आदि के संबंध में नियम बनाता है।

B. वह अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर नियंत्रण रखता है।

C. वह संयुक्त राष्ट्र संघ का बजट तैयार करता है।

D. महासचिव महासभा एवं सुरक्षा परिषद की बैठकों को बुलाता है तथा उसके निर्णय को क्रियान्वित करता है।

E. वह शांति स्थापित करने के लिए सेनाओं का गठन करता है तथा निरीक्षण नियंत्रण एवं निर्देशित करता है।

F. वह अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सम्मेलनों में संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रतिनिधित्व करता है तथा प्रेस एवं मीडिया के माध्यम से अपने विचारों तथा उपलब्धियों की जानकारी प्रदान करता है।

G. वह गंभीर समस्याओं की जांच पड़ताल करता है और मध्यस्थता से स्थिति को संभालता है तथा इस बारे में सुरक्षा परिषद एवं महासभा को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।

12. वैश्वीकरण के आर्थिक पक्ष से आप क्या समझते हैं?

उत्तर:- वैश्वीकरण के आर्थिक पक्ष से तात्पर्य है वैश्वीकरण द्वारा विश्व में आने वाले बदलाव। वैश्वीकरण की प्रक्रिया में दुनिया भर में कई प्रकार के महान आर्थिक परिवर्तन उत्पन्न कर दिए जिससे विश्व का आर्थिक ढांचा ही बदल गया।

आमतौर पर वैश्वीकरण के आर्थिक पक्ष के आधारभूत पहलू निम्नलिखित हैं-

A. वस्तुओं, सेवाओं और पूँजी तथा तकनीक का विश्वास, विश्व में बाधा रहित प्रवाह का होना।

B. वैश्विक आर्थिक संस्थाओं अर्थात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक का बढ़ता हुआ प्रभाव।

C. विश्व में बढ़ती आर्थिक समृद्धि के साथ बढ़ती आर्थिक विषमता बहुराष्ट्रीय कंपनी का फैलता हुआ प्रभाव।

13. भारत के चुनाव आयोग के गठन एवं कार्यों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर:- भारत में लोकतांत्रिक प्रणाली को अपनाया गया है। अतः इसके लिए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अनुच्छेद 324 के अंतर्गत एक स्वतंत्र निर्वाचन आयोग की स्थापना की गई है।

इसका मुख्य कार्य लोकसभा राज्यसभा विधानसभा, विधान परिषद राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव का संपादन करना है। इसके साथ ही स्थानीय निकायों के चुनाव तथा पंचायत चुनाव कराना भी इसकी जिम्मेवारी है। चुनाव आयोग चुनाव कराने के लिए मतदाता सूची तैयार करता है तथा चुनाव आचार संहिता को लागू करता है।

चुनाव आयोग का मुखिया मुख्य निर्वाचन आयुक्त होता है जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा जिससे संसद द्वारा महाभियोग द्वारा ही विशेष बहुमत से हटाया जा सकता है। संविधान में चुनाव आयोग को सरकार के नियंत्रण से मुक्त रखने का प्रयास किया गया है ताकि वह बिना किसी सरकारी दबाव के अपने कार्यों का संपादन निष्पक्ष रूप से कर सके।

14. हरित क्रांति के सकारात्मक प्रभावों को लिखें।

उत्तर:- हरित क्रांति खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रयुक्त की गई नई तकनीक थी। जिसके अंतर्गत अपने देश की खेती में आधुनिक विकास के लिए मुख्यतः नए कीटनाशक और रसायनिक उर्वरक का प्रयोग करने के परिणाम स्वरूप अनाजों के उत्पादन में वृद्धि हुई जिससे हरित क्रांति कहा जाता है।

हरित क्रांति के सकारात्मक परिणाम-

A. हरित क्रांति में धनी किसानों और बड़े भू स्वामियों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ। ज्यादातर गेहूं की पैदावार बढ़ी और देश में खाद्यान्न उपलब्धता में बढ़ोतरी हुई।

B. हरित क्रांति के कारण देश अनाज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर हो गया। हरित क्रांति के दौरान अधिक उपज वाले व्यंजन और चावल की खेती के क्षेत्र में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई।

खण्ड - C

(दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )

किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दें। 5 x 3 = 15

15. भारत और प्रजातांत्रिक गणतंत्र नेपाल के संबंध की विवेचना करें।

उत्तर:- भारत के पांच राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, और सिक्किम की सीमाएं नेपाल से मिलती है।

भारत और नेपाल के बीच संबंध मधुर एवं शांतिपूर्ण है। दोनों देशों के बीच एक संधि है, जिसके तहत दोनों देशों के नागरिक एक दूसरे के देश में बिना पासपोर्ट (वीजा) के आना जाना तथा काम कर सकते हैं। दोनों देश व्यापार, वैज्ञानिक सहयोग, साझे प्राकृतिक संसाधन, बिजली उत्पादन, और जल प्रबंधन ग्रिड के मसले पर एक साथ है।

फिर भी इन दोनों देशों के बीच तनाव के कुछ मुद्दे है जो निम्न है-

A. व्यापार से संबंधित मनमुटाव रहते है।

B. नेपाल का चीन के साथ दोस्ती को लेकर भारत सरकार के द्वारा आपत्ति है।

C. नेपाल सरकार भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करती है। इससे भी भारत नाराज रहता है।

D. नेपाल में चल रहे माओवादी आंदोलन को भारत अपने खिलाफ खतरा मानती है।

नेपाल एक भू-आबद्ध देश है जो तीन तरफ से भारत से घिरा हुआ है और एक तरफ तिब्बत की ओर खुला है।

इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि भारत के नेपाल के साथ संबंध आपसी सामंजस्य और सहिष्णुता पर आधारित शांतिपूर्ण एवं मधुर हैं।

16. सुरक्षा के गैर परंपरागत अवधारणा क्या है? व्याख्या करें।

उत्तर- सुरक्षा के गैर परंपरागत अवधारणा से आशय यह है कि ऐसे खतरे जो किसी देश की सीमा तक ही सीमित न होकर बल्कि संपूर्ण मानव जाति के के लिए खतरा उत्पन्न करता हो उससे बचाव की नीतियों का जिक्र सुरक्षा के गैर परंपरागत अवधारणा में होती है। जैसे अकाल, महामारी, ग्लोबल वार्मिंग और प्राकृतिक आपदा आदि।

सुरक्षा की पारंपरिक धारणा सिर्फ सैनिक खतरों से संबंधित नहीं होता है। इसमें माननीय अस्तित्व पर चोट करने वाले व्यापक खतरो और आशंकाओं को शामिल किया जाता है। इस अवधारणा में सिर्फ राज्य की ही सुरक्षा की बात नहीं होती बल्कि व्यक्तियों और समुदायों या कहें कि समूची मानवता को सुरक्षा की जरूरत है, इस पर विचार किया जाता है। इसी कारण सुरक्षा की गैर परंपरागत अवधारणा को मानवता की सुरक्षा अथवा विश्व रक्षा भी कहा जाता है।

इस अवधारणा में मानवता की रक्षा राज्य की सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण, जनता की सुरक्षा मानी जाती है। मानवता की सुरक्षा के संदर्भ में सभी विद्वान मानते हैं कि इसका प्राथमिक लक्ष्य व्यक्तियों की सुरक्षा है हालांकि इस बात पर मतभेद है कि ठीक ठीक ऐसे कौन से खतरे हैं जिनसे व्यक्तियों को बचाना चाहिए। इस संदर्भ में खतरों की सूची में अकाल, महामारी और आपदाओं को शामिल किया जाता है क्योंकि युद्ध जनसंहार और आतंकवाद से जितने लोग नहीं मरते हैं, उससे कहीं ज्यादा अकाल, महामारी और प्राकृतिक आपदा से लोग हताहत होते हैं। मानवता की सुरक्षा में आर्थिक सुरक्षा और माननीय गरिमा की सुरक्षा को भी शामिल किया जाता हैं अर्थात इस अवधारणा में 'अभाव से मुक्ति और "भय से मुक्ति पर जोर दिया जाता हैं।

सुरक्षा की गैर पारंपरिक अवधारणा के दो पक्ष है- मानवता की सुरक्षा और विश्व सुरक्षा। इस सुरक्षा में खतरों की बदलती हुई प्रकृति को समझते हुए, खतरे से बचाव पर विशेष ध्यान दिया जाता है जैसे आतंकवाद कई देशों के नागरिक को अपना निशाना बनाते हैं। यह कोई एक देश की समस्या नहीं हैं।

शरणार्थी जो युद्ध प्राकृतिक आपदा अथवा राजनीतिक उत्पीड़न के कारण अपना स्वदेश छोड़ने पर मजबूर होते हैं। उस स्थिति में उनकी सुरक्षा भी एक महत्वपूर्ण कार्य हैं। कई बीमारियां जैसे एड्स, बर्ड फ्लू, सार्स, एबोला वायरस, हैटावायरस, हेपेटाइटिस सी और कोरोना विश्व में उभरी है। जिसका संक्रमण एक देश से दूसरे देश में बहुत शीघ्रता से होती है। ऐसी स्थिति में समूची मानव जाति की सुरक्षा एक चिंता का विषय माना जाता हैं।

इस प्रकार हम कह सकते हैं की सुरक्षा की गैर परंपरागत अवधारणा की एक ऐसी विशेष नीति है, जिसके अंतर्गत समूची विश्व की जनता की सुरक्षा पर जोर दिया जाता हैं।

17. सिक्किम का भारतीय संघ में विलय पर एक निबंध लिखिए

उत्तर:- आजादी के समय सिक्किम भारत का एक संरक्षित राज्य था। इसका अर्थ यह है कि सिक्किम भारत का अंग नहीं था लेकिन वह पूरी तरह से एक संप्रभु देश भी नहीं था। सिक्किम की विदेशी मामले और रक्षा का जिम्मा भारत सरकार का था जबकि सिक्किम के आंतरिक प्रशासन की बागडोर वहां के राजा चोग्याल के हाथों में दी गई थी।

सिक्किम की बहुसंख्यक आबादी नेपालियों की थी जबकि शासक चोग्याल अल्पसंख्यक लेपचा-भूटिया जाति से था। नेपाली मूल जनता को ऐसा लगता था अल्पसंख्यक वर्ग का शासन उनके ऊपर जबरदस्ती थोपा जा रहा है।

सन 1955 में एक राज्य परिषद् स्थापित की गई जिसके अधीन चोग्याल को एक संवैधानिक सरकार बनाने की अनुमति दी गई। 1973 में राजभवन के सामने हुए दंगो के कारण भारत सरकार से सिक्किम को संरक्षण प्रदान करने का औपचारिक अनुरोध किया गया। चोग्याल राजवंश सिक्किम में अत्यधिक अलोकप्रिय साबित हो रहा था। सिक्किम पूर्ण रूप से बाहरी दुनिया के लिये बंद था और बाह्य विश्व को सिक्किम के बारे बहुत कम जानकारी थी।

सिक्किम विधानसभा के लिए पहला लोकतांत्रिक चुनाव 1974 में हुआ और इसमें सिक्किम कांग्रेस को विजय मिली। यह पार्टी सिक्किम को भारत के साथ विलय की पक्षधर थी। सिक्किम विधानसभा ने पहले भारत के सह प्रांत बनने की कोशिश की और उसके बाद 1975 में एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें सिक्किम को भारत के साथ पूर्ण विलय की बात की गई। इस प्रस्ताव के तुरंत बाद सिक्किम में जनमत संग्रह कराया गया और जनमत संग्रह में जनता ने विधानसभा के फैसले पर अपनी सहमति दे दी। अंततः भारत सरकार ने सिक्किम विधानसभा के अनुरोध पर सिक्किम को भारत का 22 वां राज्य बना लिया।

इस प्रकार भारत संघ में सिक्किम के विलय को वहां की जनता का समर्थन प्राप्त था। इस कारण यह मामला सिक्किम की राजनीति में कोई विभेदकारी मुद्दा नहीं बन सका।

18. मिश्रित अर्थव्यवस्था से आप क्या समझते हैं? भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था को क्यों बनाया गया?

उत्तर- एक ऐसी अर्थव्यवस्था जिसमें पूंजीवादी अर्थव्यवस्था एवं समाजवादी अर्थव्यवस्था दोनों के कुछ-कुछ नियमों को लागू किया जाता है। इस अर्थव्यवस्था में विकास का काम पूर्णतया ना तो निजी क्षेत्र के भरोसे होता है और ना ही हर तरह के उत्पादन पर राज्य का नियंत्रण होता है।

आजादी के बाद भारत के अनेक नेताओं और चिंतकों ने मिलकर नव-स्वतंत्र भारत के लिये पूँजीवाद तथा समाजवाद के कमियों से बचने के लिये मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया। यद्यपि अनेक नेताओं को समाजवाद से सहानुभूति थी. फिर भी उन्होंने ऐसी आर्थिक प्रणाली अपनाई जो समाजवाद और पूंजीवाद के कमियों से मुक्त हो। इसके अनुसार भारत एक ऐसा समाजवादी देश बने जिसमें सार्वजनिक क्षेत्रक एक सशक्त क्षेत्रक हो, जिसके अंतर्गत निजी संपत्ति और लोकतंत्र का भी स्थान होगा। मिश्रित अर्थव्यवस्था में बाज़ार उन्हीं वस्तुओं और सेवाओं को सुलभ कराता है, जिसका वह अच्छा उत्पादन कर सकता है तथा सरकार उन आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को सुलभ कराती है, जिन्हें बाजार सुलभ कराने में विफल रहता है।

आजादी के आंदोलन के दौरान ही राष्ट्रवादी नेताओं के मन में यह बात बिल्कुल साफ हो गई थी कि आजाद भारत में सरकार की आर्थिक नीतियां अंग्रेजी हुकूमत की आर्थिक नीतियों से अलग होगी तथा गरीबी मिटाने और सामाजिक आर्थिक विकास का मुख्य जिम्मा सरकार को होगा।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि गुलाम भारत ने आर्थिक शोषण को महसूस किया था और आजाद भारत में आर्थिक प्रगति करने के लिए पूंजीवादी मॉडल और समाजवादी मॉडल दोनों के गुणों के कुछ विशेष तत्वों को ग्रहण किया।

19. भारतीय किसान यूनियन की उत्पत्ति एवं कार्यों को लिखें।

उत्तरः- भारतीय किसान यूनियन (बिकेयू) पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों का एक संगठन था। यह 80 के दशक के किसान आंदोलनों के अग्रणी संगठनों में से एक था।

जनवरी 1988 में मेरठ शहर में लगभग 20000 किसान सरकार द्वारा बिजली की बढ़ाई गई दर का विरोध करने के लिए जमा हुए। इस संगठन के आंदोलनकारी करीब 3 हफ्ते तक जिला समाहर्ता के कार्यालय के बाहर अनुशासित तरीके से विरोध प्रदर्शन करते रहे। इसके बाद उनकी मांगे को मान ली गई।

किसानों का यह एक बड़ा अनुशासित धरना था और जब लोग धरने पर बैठे थे तो आसपास के गांव के लोगों द्वारा निरंतर राशन पानी दिया जा रहा था। मेरठ के इस धरने को ग्रामीण शक्ति या काश्तकारों की शक्ति का एक बड़ा प्रदर्शन माना गया।

1960 के दशक में जब भारत में हरित क्रांति की नीति अपनायी गई तो हरियाणा पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को किसानों को लाभ होना शुरू हुआ। जिसके बाद से नगदी फसल मुख्य तौर पर गन्ना और गेंहू लाभदायक सिद्ध हुए लेकिन 1980 के दशक में जब भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण के प्रयास शुरू होने लगे तो नकदी फसल के इस व्यापार को संकट का सामना करना पड़ा। भारतीय किसान यूनियन ने गन्ने और गेहूं की सरकारी खरीद मूल्य में बढ़ोतरी करने, कृषि उत्पादों की दूसरे राज्यों में आवाजाही पर लगी पाबंदियों को हटाने, उचित दर पर बिजली आपूर्ति करने, किसानों के बकाया कर्ज माफ करने तथा किसानों के लिए पेंशन प्रदान करने की मांग की गई। ऐसी मांगे देश के अन्य किसान संगठनों ने भी उठाई।

यह संगठन सरकार पर अपनी मांगों को मानने के लिए दबाव बनाना शुरू की। जिसके लिए रैली धरना प्रदर्शन और जेल भरो अभियान का सहारा लिया गया । इन आंदोलनों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के इलाकों के हजारों लोग भाग लिए। देश की राजधानी दिल्ली में भी इस संगठन ने रैली का आयोजन किया।

इस संगठन के अधिकांश सदस्य एक खास समुदाय के थे तथा जातिगत समुदायों को आर्थिक मसलों पर एकजुट करने के लिए जाति पंचायत की परंपरागत संस्था का उपयोग किया।

इस प्रकार कहा जा सकता है कि किसान यूनियन जैसे संगठन किसानों के हित में लगातार आवाज उठाकर न केवल उनके समस्याओं का हल करते है बल्कि उनके आर्थिक प्रगति के भी प्रयास करते हैं।

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