प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Political Science
अध्याय- 4 सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Question)
1. यूरोपीय संघ की स्थापना कब हुई?
(A)
1957
(B)
1967
(C) 1992
(D)
1968
2. यूरोपीय संघ के कौन दो सदस्य सुरक्षा परिषद के
स्थायी सदस्य हैं?
(A) ब्रिटेन और फ्रांस
(B)
ऑस्ट्रिया और इटली
(C)
पुर्तगाल और स्पेन
(D)
स्वीडन और फिनलैंड
3. यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना कब
हुई?
(A)
1957
(B) 1948
(C)
1952
(D)
1967
4. यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना कब हुई?
(A) 1957
(B)
1952
(C)
1955
(D)
1991
5. यूरोपीय संघ के दो सदस्य देश ब्रिटेन और
फ्रांस किसके स्थायी सदस्य हैं?
(A) सुरक्षा परिषद के
(B)
आसियान के
(C)
आर्थिक सहकार के
(D)
इनमें से कोई नहीं
6. यूरोपीय संसद का पहला प्रत्यक्ष चुनाव कब हुआ?
(A)
1989
(B)
1969
(C) 1979
(D)
1980
7. जर्मनी का एकीकरण कब हुआ?
(A)
अक्टूबर 1890
(B)
नवंबर 1890
(C)
जनवरी 1890
(D) अक्टूबर 1990
8. निम्नलिखित में से कौन सा देश परमाणु शक्ति संपन्न नहीं है?
(A)
भारत
(B)
पाकिस्तान
(C)
चीन
(D) नेपाल
9. नई मुद्रा यूरो को जनवरी 2002 में कितने देशों
ने अपनाया था?
(A) 12 देशों ने
(B)
10 देशों ने
(C)
11 देशों ने
(D)
5 देशों ने
10. सन 1949 में यूरोपीय परिषद की स्थापना क्यों
हुई थी?
(A) राजनैतिक सहयोग
(B)
आर्थिक सहयोग
(C)
सैन्य सहयोग
(D)
इनमें से कोई नहीं
11. यूरोपीय संघ 2005 ईस्वी तक दुनिया का
(A)
सबसे बड़ी राजनीतिक व्यवस्था थी,
(B) सबसे बड़ी आर्थिक व्यवस्था बन गई,
(C)सबसे
बड़ी सैन्य व्यवस्था बन गई,
(D)
इनमें से कोई नहीं।
12. किसने खुले द्वार की नीति अपनाई?
(A) चीन
(B)
यूरोपीय संघ
(C)
जापान
(D)
अमेरिका
13. यूरोपीय संघ के झंडे में सितारों की संख्या है?
(A)
20
(B) 12
(C)
30
(D)
5
14. यूरोप में यूरोपीय संघ" और एशिया में "आसियान" का
उदय किस रूप में हुआ?
(A)
एक दमदार शक्ति के रूप में
(B)
सामान्य रूप में
(C) शांतिपूर्ण एवं सहकारी व्यवस्था के क्रम में
(D)
इनमें से कोई नहीं।
15. सन 1978 ईस्वी में 'ओपन डोर' (खुले द्वार) की नीति किसने चलायी?
(A) लेनिन
(B)
कार्ल मार्क्स ने
(C) देंग श्याओपेंग ने
(D)
इनमें से कोई नहीं ।
16. 'आसियान वे' या आसियान शैली क्या है?
(A)
आसियान के सदस्य देशों के जीवन शैली है।
(B) आसियान सदस्यों के अनौपचारिक और सहयोग पूर्ण कामकाज का स्वरूप है।
(C)
आसियान सदस्यों की रक्षा नीति है।
(D)
सभी आसियान सदस्य देशों को जोड़ने वाली सड़क है।
17. निम्नलिखित में कौन आसियान का सदस्य है?
(A)
भारत
(B)
पाकिस्तान
(C) इंडोनेशिया
(D)
चीन
18. साम्यवादी चीन का उदय कब हुआ?
(A) 1949
(B)
1939
(C)
1957
(D)
1849
19. एशिया का वह कौन सा देश है जो अकेले G-7का सदस्य है?
(A)
चीन
(B) जापान
(C)
भारत
(D)
पाकिस्तान
अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1. आसियान की स्थापना कब हुई और इसके कितने सदस्य देश हैं?
उत्तर:
आसियान की स्थापना 8 अगस्त 1967 को हुई। इसके पांच देश संस्थापक सदस्य हैं- इंडोनेशिया,
मलेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस और सिंगापुर। वर्तमान में आसियान के सदस्य संख्या 10 है।
प्रश्न 2. चीन ने "खुले द्वार" की नीति कब चलाई और उससे उसे
क्या लाभ हुए?
उत्तर:-
दिसंबर 1978 ईस्वी में देंग श्याओपेंग ने खुले द्वार की नीति चलाई। इसके कारण चीन अद्भुत
प्रगति की और आने वाले सालों में एक बड़ी आर्थिक ताकत के रूप में उभरा।
प्रश्न 3. यूरोपीय संघ की स्थापना कब हुई ? उसकी सामान्य नीतियां क्या
थी?
उत्तर
: यूरोपीय संघ की स्थापना 1992 में हुई।
इसकी
सामान्य नीतियां समान विदेश नीति, सुरक्षा नीति, अंतरिक्ष मामलों तथा न्याय से जुड़े
मामलों में सहयोग और एक समान मुद्रा का प्रचलन
प्रश्न 4. "आसियान " किस प्रकार "यूरोपीय संघ"
से भिन्न है?
उत्तर:-
बुनियादी रूप से आसियान एक आर्थिक संगठन है तथा साथ ही सांस्कृतिक और सामाजिक विकास
को भी बढ़ावा देता है।
जबकि
यूरोपीय संघ आर्थिक सहयोग वाली व्यवस्था के साथ एक राजनीतिक संगठन है, जो राष्ट्र-
राज्य की तरह काम करने लगा है। इसका अपना झंडा, गान, स्थापना दिवस और अपनी मुद्रा है।
प्रश्न 5. अमेरिकी वर्चस्व के विरुद्ध सत्ता के तीन वैकल्पिक केंद्र
क्या है?
उत्तर:-
अमेरिकी वर्चस्व के विरुद्ध सत्ता के तीन वैकल्पिक केंद्र:-
1.
यूरोपीय संघ
2.
आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन) एवं
3.
चीन।
प्रश्न 6. यूरोपीय आर्थिक समुदाय का गठन कब और किस संधि के द्वारा हुआ?
उत्तर:
यूरोपीय आर्थिक समुदाय का गठन मार्च 1957 को रोम र्की संधि के द्वारा हुआ।
प्रश्न 7. यूरोपीय संघ में मतभेद के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
यूरोपीय संघ में मतभेद के दो उदाहरण:-
1.
इराक पर अमेरिकी हमले में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर तो उसके साथ थे, लेकिन
जर्मनी और फ्रांस इस हमले के खिलाफ थे।
2.
यूरोप के कुछ हिस्सों में यूरो को लागू करने को लेकर असहमति थी।
प्रश्न 8. आसियान के सदस्य देशों का नाम बताएं?
उत्तर:-
1.
इंडोनेशिया. 2. मलेशिया
3.
फिलीपींस 4. सिंगापुर
5.
थाईलैंड. 6. दारुस्सलाम
7.
वियतनाम 8. लाओस
9.
म्यानमार एवं 10.
कम्बोडिया ।
लघु उत्तरीय प्रश्न:-
प्रश्न 1. यूरोपीय संसद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
यूरोपीय संघ के द्वारा निर्मित एक संसद(Parliament) है, जो एक राजनीतिक मंच का कार्य
करती है इसमें सार्वजनिक महत्व के विषयों पर विचार विमर्श किया जाता है तथा परिषद और
यूरोपीय आयोग के विषय में प्रश्नों को उठाया जाता है। यूरोपीय संसद ही यूरोपीय संघ
की बजट को स्वीकार अथवा अस्वीकार करता है।
प्रश्न 2. आसियान के चार उद्देश्यों को लिखें।
उत्तर:-
आसियान दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का एक संगठन है। इसके चार उद्देश्य निम्नलिखित
है:-
1.
अपने क्षेत्र में आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना।
2.
अपने क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा स्थापित करना ।
3.
साझे हितों के मामलों में परस्पर सहायता को बढ़ावा देना।
4.
समान उद्देश्यों वाले अन्य क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से संबंध स्थापित करना।
प्रश्न 3. आसियान विजन 2020 की मुख्य बातें क्या है?
उत्तरः-
आसियान विजन 2020 की मुख्य बातें निम्नलिखित है-
1.
आसियान तेजी से बढ़ता हुआ एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है। इसके विजन दस्तावेज
-2020 में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में आसियान की एक बहिर्मुखी भूमिका को प्रमुखता दी
गई है।
2.
इस दस्तावेज में इस बात पर विशेष बल दिया गया है, कि आसियान द्वारा टकराव की जगह बातचीत
को बढ़ावा देने की नीति को प्राथमिकता दी जाएगी। इसी के मद्देनजर आसियान ने कंबोडिया
के टकराव को समाप्त किया, पूर्वी तिमोर के संकट को संभाला है और पूर्व एशियाई सहयोग
पर बातचीत के लिए 1999 से नियमित रूप से वार्षिक बैठक आयोजित की है।
प्रश्न 4. क्षेत्रीय संगठनों को बनाने के उद्देश्य क्या है?
उत्तरः-
क्षेत्रीय संगठन के निर्माण के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:-
1.
संगठन में सम्मिलित देश परस्पर सहयोग से बहुमुखी विकास के लक्ष्य को प्राप्त कर सके।
विकास के राह पर कई अवरोध ऐसे होते हैं इसे अकेले दूर करना कठिन हो जाता है। अतः कुछ
देश संगठित होकर ऐसे अवरोधों को आसानी से दूर कर सकते हैं।
2.
संगठन का एक लाभ यह भी है कि आपसी तनाव को दूर करता है और एक दूसरे के प्रति विश्वास
को बढ़ावा देता है। क्षेत्रीय संगठन अब से युद्ध को टालने में भी अहम भूमिका निभाती
है।
3.
यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में अपनी आवाज बुलंद करने के लिए भी संगठित होते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय संगठन को प्रभावित करने की क्षमता रखती और अंतर्राष्ट्रीय कानून को
अधिक न्याय संगत बनाने की मांग करती है।
प्रश्न 5. मार्शल योजना क्या था?
उत्तर:
यह योजना अमेरिकी विदेश मंत्री के नाम पर मार्शल योजना' रखा गया। इस योजना को 1948
में लाया गया था। इस योजना के तहत अमेरिका ने पश्चिमी यूरोप के उन देशों को आर्थिक
मदद दी, जिसकी अर्थव्यवस्था द्वितीय विश्व युद्ध में बहुत अधिक नष्ट हो चुकी थी और
युद्ध के पश्चात शीत युद्ध के दौरान अमेरिका के पक्ष में थी। इस योजना के बाद पश्चिमी
यूरोप के देशों की अर्थव्यवस्था में बहुत तेजी से विकास हुआ। सोवियत संघ ने इसे विस्तारवादी
नीति कहकर इसकी आलोचना की थी।
प्रश्न 6. आसियान समुदाय के मुख्य स्तम्भों और उनके उद्देश्यो के बारे
में बताएँ ।
उत्तर-
आसियान समुदाय के तीन मुख्य स्तम्भ है-
1.
आसियान सुरक्षा समुदाय- यह समुदाय आसियान देशों के बीच होने वाले टकरावों
को दूर करता है।
2.
आसियान आर्थिक समुदाय- आसियान आर्थिक समुदाय आसियान देशों का साझा
बाजार और उत्पादन आधार तथा क्षेत्र में सामाजिक
और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
3.
आसियान सामाजिक-सांस्कृतिक समुदाय- यह समुदाय आसियान देशों के
बीच सामाजिक एंव सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देता है।
प्रश्न 7. आज की चीनी अर्थव्यवस्था नियंत्रित अर्थव्यवस्था से किस तरह
अलग है?
उत्तर-
आज की चीनी अर्थव्यवस्था नियंत्रित अर्थव्यवस्था से पूरी तरह अलग है। चीनी अर्थव्यवस्था
की नीति विदेशी पूँजी और प्रौद्योगिकी के निवेश से उच्चतर उत्पादकता को प्राप्त करना
है। चीन ने वर्तमान समय में बाजारोन्मुख अर्थव्यवस्था को अपनाया है। चीन ने शोक थैरेपी
की अपेक्षा चरणबद्ध ढंग से अपनी अर्थव्यवस्था बाजारोन्मुख बनाया। चीन ने 1982 में कृषि
एवं 1998 में उद्योगों का निजीकरण किया। आर्थिक विकास के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्रों
की स्थापना की गई। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि वर्तमान चीनी अर्थव्यवस्था 1950
की चीनी अर्थव्यवस्था की अपेक्षा अधिक खुलापन लिए हुए हैं।
प्रश्न 8. यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) से आप क्या समझते है।
उत्तर:
यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC)- यूरोपीय आर्थिक समुदाय शीत के दौरान हुए युद्ध 'हुए सभी
समुदायों में सबसे अधिक प्रभावशाली समुदाय था। इसमें फ्रांस पश्चिमी जर्मनी, इटली,
नीदरलैंड, बेल्जियम और लक्जमबर्ग शामिल थे। इस संगठन का निर्माण मार्च 1957 ईस्वी में
रोम की संधि के माध्यम से किया गया। पहले पाँच वर्ष में ही इस्पात के उत्पादन में
50% से भी अधिक वृद्धि दर्ज की। यूरोपीय आर्थिक संघ के संस्थापक सदस्यों ने आपस में
सभी प्रकार के सीमाकर समाप्त करके मुक्त व्यापार अथवा खुली स्पर्धा का मार्ग प्रशस्त
किया। 1961 ई0 तक यूरोपीय आर्थिक संघ एक सफल संगठन बन गया।
प्रश्न- 9. पंचशील क्या है? इसके सिद्धांतों को लिखें?
उत्तर:
भारत के शुरुआती दौर में चीन के साथ मित्रता संबंध थी। इस मित्रता को बढ़ावा देने के
लिए 1954 ई. में चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई भारत की यात्रा की। इसी दौरान भारत
और चीन के बीच एक समझौता हुआ। इस समझौते में पांच सूत्र रखे गये, जिसे पंचशील सिद्धांत
के नाम से जाना जाता है
इसके
पाँच सिद्धांत निम्नलिखित है-
1.
एक दूसरे की प्रभुसत्ता व प्रादेशिकता एवं अखण्डता का सम्मान करना।
2.
एक दूसरे पर आक्रमण न करना ।
3.
दूसरे के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप न करना ।
4.
समानता व परस्पर लाभ ।
5.
शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का सिद्धांत ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न-1. किस तरह यूरोपीय देशों ने युद्ध के बाद की अपनी परेशानियाँ
सुलझाई ? संक्षेप में उन कदमों की चर्चा करें, जिनसे होते हुए यूरोपीय संघ की स्थापना
हुई ?
उत्तरः
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोपीय देशों द्वारा अपनी परेशानियाँ सुलझाने के तरीके
और यूरोपीय संघ की स्थापना के कदम-
1.
द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात विश्व में शीतयुद्ध का दौर आरम्भ हुआ, इससे यूरोपीय
देशों को मेल मिलाप का अवसर मिल गया।
2.
मार्शल योजना के अंतर्गत अमेरिका ने यूरोपीय देशों के पुनगर्ठन के लिए आर्थिक सहायता
की।
3.
इसी योजना के अंतर्गत 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग की स्थापना हुई, जिसके माध्यम
से यूरोपीय देशों को आर्थिक मदद मिली।
4.
1949 ई० में राजनैतिक सहयोग के लिए यूरोपीय परिषद की स्थापना हुई।
5.
पूँजीवादी देशों के बीच आर्थिक एकीकरण बढ़ता गया और इसके परिणामस्वरूप 1957 में रोम
की संधि द्वारा यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना हुई।
6.
सोवियत संघ के विघटन के पश्चात इसका तेजी से राजनीतिकरण हुआ। 1992 में इस प्रक्रिया
के फलस्वरूप यूरोपीय संघ की स्थापना हुई।
7.
यूरोपीय संघ के रूप में समान विदेश नीति और सुरक्षा नीति, आंतरिक मामलों तथा न्याय
से जुड़े मुद्दों पर सहयोग और समान मुद्रा के चलन के लिए रास्ता तैयार हो गया।
प्रश्न 2. चीन की बढ़ती अर्थव्यवस्था के क्या कारण है? संक्षेप में
वर्णन करें।
उत्तर-
शक्ति का तीसरा विकसित केन्द्र- चीन है। 1978 के बाद- चीन की आर्थिक सफलता के कारण
यह एक महाशक्ति के रूप में उदय हुआ। आर्थिक सुधारों की शुरूआत करने के बाद से चीन सबसे
तेजी से विकास कर रहा है। तेज आर्थिक विकास के साथ-साथ इसकी विशाल आबादी, विस्तृत भूभाग,
प्रचुर संसाधन, क्षेत्रीय अवस्थिति और राजनीतिक प्रभाव के कारण चीन और अधिक प्रभावशाली
हो गया है। 1949 में माओ के नेतृत्व में चीनी क्रांति हुई। उस साम्यवादी क्रांति के
बाद चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना के समय यहाँ की अर्थव्यवस्था सोवियत मॉडल पर आधारित
थी। चीन आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ था। इसने पूँजीवादी देशों से रिश्ते तोड़ लिए। ऐसे
में चीन के सामने अपने संसाधनों से गुजारा करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। लेकिन
चीनी नेतृत्व ने 1970 के दशक में दो बड़े फैसले लिए। चीन ने 1972 में अमेरिका से सम्बन्ध
बनाकर अपने राजनैतिक और आर्थिक एकांतवास को खत्म किया। 1978 में चीन के प्रधानमंत्री
देंग श्याओपेंग ने चीन में आर्थिक सुधारों और खुले द्वार की नीति की घोषणा की। अब चीन
ने बाहरी व्यापार शुरू किया। बाजारमूलक अर्थव्यवस्था को अपनाने के लिए चीन ने अपना
तरीका आजमाया। "शोक थेरेपी पर अमल करने के बजाय अपनी अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध
ढंग से खोला। 1982 ई. में कृषि का निजीकरण किया गया और उसके बाद 1998 में उद्योगों
का निजीकरण किया। उनके द्वारा अपनाई गई आर्थिक नीति के कारण कृषि उत्पाद तथा ग्रामीण
आय में वृद्धि हुई। फलस्वरूप चीन को विशाल विदेशी मुद्रा भण्डार प्राप्त हुआ। 2001
में विश्व व्यापार संगठन में शामिल हो गया तथा चीन ने दुनिया के बाजार में अपनी धाक
जमाई।
प्रश्न 3. यूरोपीय संघ को क्या चीजें एक प्रभावी क्षेत्रीय संगठन बनाती
है।
उत्तरः
यूरोपीय संघ को प्रभावी बनाने वाले कारक:-
(1)
यूरोपीय संघ को अनेक चीजें एक प्रभावी क्षेत्रीय संगठन बनाती है। इस महाद्वीप के देशों
की भौगोलिक निकटता' इस क्षेत्र को मजबूती प्रदान करती है।
(2)
इस महाद्वीप के लंबे इतिहास ने सभी यूरोपीय देशों को सिखा दिया कि क्षेत्रीय शांति
और सहयोग ही अंततः उन्हें समृद्धि और विकास दे सकता है। टकराव, संघर्ष और युद्ध विनाश
और अवनति के मूल कारण है।
(3)
एक ध्रुवीय विश्व व्यवस्था ने उन्हें बता दिया है कि यदि वे अमेरिका के वर्चस्व का
सामना करना चाहते हैं तो उन्हें यूरोपीय संघ न केवल बनाना ही चाहिए बल्कि उसे सुदृढ़
और परस्पर हितों की कुर्बानी देकर पूरे यूरोप को सुदृढ़ करना चाहिए ताकि वे समय आने
पर अमेरिका, चीन अथवा किसी विश्व की बड़ी शक्ति के सामने घुटने न टेकें और अपनी शर्तों
पर उदारीकरण, वैश्वीकरण आदि को लागू करा सकें।
(4)
यूरोपीय संघ का आर्थिक, राजनीतिक कूटनीतिक तथा सैनिक प्रभाव बहुत जबरदस्त है। वर्ष
2005 में यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी और उसका सकल घरेलू उत्पादन 12000
अरब डालर से ज्यादा था, जो अमेरिका से भी थोड़ा ज्यादा था। इसकी मुद्रा पूरो अमेरिकी
डॉलर के प्रभुत्व के लिए ख़तरा बन सकती है। विश्व व्यापार में इसकी हिस्सेदारी अमेरिका
से 3 गुना ज्यादा है।
(5)
यूरोपीय संघ का राजनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव भी कम नहीं है। इसके 2 सदस्य देश ब्रिटेन
और फ्रांस सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं। यूरोपीय संघ के कोई और देश सुरक्षा परिषद
के अस्थायी सदस्यों में शामिल है। इसके चलते यूरोपीय संघ अमेरिका समेत सभी मुल्कों
की नीतियों को प्रभावित करता है।
(6)
सैनिक ताकत के हिसाब से यूरोपीय संघ के पास दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है। इसका
कुल रक्षा बजट अमेरिका के बाद सबसे अधिक है। यूरोपीय संघ के 2 देशों ब्रिटेन और फ्रांस
के पास परमाणु हथियार है और अनुमान है कि इनके जखीरे में तकरीबन 550 परमाणु हथियार
है। अंतरिक्ष विज्ञान और संचार प्रौद्योगिकी के मामले में भी यूरोपीय संघ का दुनिया
दूसरा स्थान है।
प्रश्न 4 चीन और भारत की उभरती अर्थव्यवस्था में मौजूदा एक ध्रुवीय
विश्व व्यवस्था को चुनौती दे सकने की क्षमता है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने
तर्कों से अपने विचार को स्पष्ट करें।
उत्तर-
हां, हम इस कथन से सहमत हैं। चीन और भारत की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मौजूदा एक ध्रुवीय
विश्व व्यवस्था को चुनौती दे सकने की पूरी क्षमता है। हम इस विचार की पुष्टि के समर्थन
में निम्न तर्क दे सकते हैं-
1.
चीन और भारत दोनों एशिया के प्राचीन महान शक्तिशाली एवं साधन संपन्न देश है। दोनों
में परस्पर सुदृढ़ मित्रता और सहयोग अमरीका की चिंता का कारण बन सकता है। दोनों देश
अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक मंचों पर एक से नीति और दृष्टिकोण अपनाकर एक ध्रुवीय
विश्व व्यवस्था के संचालन करने वाले राष्ट्र अमेरिका और उसके मित्रों को चुनौती देने
में सक्षम है।
2.
चीन और भारत दोनों की जनसंख्या 200 करोड़ से भी अधिक है। इतना विशाल जनमानस अमेरिका
के निर्मित माल के लिए एक विशाल बाजार प्रदान कर सकता है। पश्चिमी देशों एवं अन्य देशों
को 'कुशल और अकुशल सस्ते श्रमिक उपलब्ध करा सकते हैं।
3.
दोनों ही राष्ट्र वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यों में परस्पर सहयोग करके प्रौद्योगिकी के
क्षेत्र में आश्चर्यजनक प्रगति कर सकते हैं।
4.
दोनों देश नई अर्थव्यवस्था, मुक्त व्यापार नीति, उदारीकरण, वैश्वीकरण और अंतर्राष्ट्रीय
सहयोग के पक्षधर है। दोनों देश विदेशी पूंजी निवेश का स्वागत कर एक ध्रुवीय महाशक्ति
अमेरिका और अन्य बहुराष्ट्रीय निगम समर्थक कंपनियां स्थापित और संचालन करने वाले राष्ट्रों
को लुभाने, आंतरिक आवश्यक सुविधाऐं प्रदान करके अपने यहां आर्थिक विकास की गति को बढ़ा
सकते हैं।
5.
दोनों देश विश्व बैंक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से ऋण लेते समय अमेरिका और अन्य बड़ी
शक्तियों की मनमानी शर्तें थोपने पर नियंत्रण रख सकते हैं।
6.
चीन और भारत तस्करी रोकने, नशीली दवाओं के उत्पादन, वितरण, प्रदूषण फैलाने वाले कारकों,
और आतंकवादियों की गतिविधियों को रोकने में पूर्ण सहयोग देकर भी विश्व व्यवस्था की
चुनौतियों को कम कर सकते हैं। क्योंकि इन क्षेत्रों में सहयोग से न केवल कीमतों के
बढ़ने की प्रवृत्ति को रोका जा सकता है बल्कि लोगों का स्वास्थ्य और सुरक्षा बढ़ेगी।
दोनों में अंतरिक्ष सद्भाव, शांति, औद्योगिक विकास के अनुकूल वातावरण निःसंदेह विदेशी
पूंजी, उद्यमियों, व्यापारियों नवीनतम प्रौद्योगिकी आदि के आने और नई नई औद्योगिक इकाइयों
की स्थापना, विभिन्न प्रकार की सेवाओं की वृध्दि और विस्तार में मदद मिलेगी।
प्रश्न:- 5. मुल्कों की शांति और समृद्धि क्षेत्रीय आर्थिक संगठनों
को बनाने और मजबूत करने पर टिकी है। इस कथन की पुष्टि करें।
उत्तरः-
प्रत्येक मुल्क की शांति और समृद्धि क्षेत्रीय आर्थिक संगठनों को बनाने और उन्हें सुदृढ़
करने पर टिकी है। क्योंकि क्षेत्रीय आर्थिक संगठन बनाने पर कृषि, उद्योग धंधों, व्यापार,
यातायात, आर्थिक संस्थाओं आदि को बढ़ावा मिलता है। क्षेत्रीय आर्थिक संगठन बनेंगे तो
लोगों को प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों में रोजगार मिलेगा। रोजगार गरीबी
को दूर करता है। आर्थिक संगठनों के निर्माण से राष्ट्रों में समृद्धि आती है। समृद्धि
का प्रतीक राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आर्य का बढ़ना प्रमुख सूचक है। जब लोगों को
रोजगार मिलेगा, गरीबी दूर होगी तो आर्थिक विषमता कम करने के लिए साधारण लोग भी अपने-अपने
आर्थिक संगठनों में आवाज उठाएंगे। श्रमिकों को उनका उचित हिस्सा, अच्छी मजदूरियों,
वेतन, भत्तों, बोनस आदि के रूप में मिलेगा तो उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी। वे अपने परिवार
के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात आदि की अच्छी सुविधाएं प्रदान करेंगे। क्षेत्रीय
आर्थिक संगठन बाजार शक्तियां और देश की सरकारों की नीतियों से गहरा संबंध रखते हैं।
हर देश अपने यहां कृषि, उद्योगों और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए परस्पर क्षेत्रीय
राज्यों से सहयोग मांगते हैं और उन्हें पड़ोसियों को सहयोग देना होता है। वे चाहते
हैं कि उनकी उद्योगों को कच्चा माल मिले। वे अतिरिक्त संसाधनों का निर्यात करना चाहते
हैं। यह तभी संभव होगा क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर शांति होगी। बिना शांति के विकास
नहीं हो सकता। क्षेत्रीय आर्थिक संगठन पूरा व्यय नहीं कर सकते। पूरा उत्पादन हुए बिना
समृद्धि नहीं आ सकती। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि क्षेत्रीय आर्थिक संगठन विभिन्न
देशों में पूंजी निवेश, श्रम गतिशीलता, यातायात सुविधाओं के विस्तार, विद्युत उत्पादन
वृद्धि में सहायक होते हैं। यह सब मुल्कों की शांति और समृद्धि को प्रदान करते हैं।
प्रश्न 6. भारत और चीन के बीच विवाद के मामलों की पहचान करें और बताएं
कि बेहतर सहयोग के लिए इन्हें कैसे निपटाया जा सकता है। अपने सुझाव भी दीजिए।
उत्तरः-
भारत- चीन विवाद के क्षेत्र- भारत और चीन के बीच समय- समय पर मतभेद के कोई क्षेत्र
रहे हैं जो इस प्रकार है-
1.
सन 1950-51 में तिब्बत पर चीनी आक्रमण के समय तिब्बत के राजनीतिक तथा धार्मिक नेताओं
ने भारत में शरण ली। अभी भी भारत में रह रहे हैं। इससे दोनों देशों में तनाव बना हुआ
है।
2.
दोनों देशों के बीच मैकमोहन रेखा जो दोनों देशों के बीच की सीमा रेखा है, पर विवाद
है। चीन ने इस सीमा रेखा को मानने से इनकार कर दिया है।
3.
पाकिस्तान ने 1965 तथा 1971 में भारत पर जब आक्रमण किया, तो चीन ने पाकिस्तान का समर्थन
किया, उसकी सहायता की तथा उसे हथियार भी दिए। इससे भी भारत चीन संबंधों में काफी तनाव
पैदा हुआ।
वर्तमान
समय में भी चीन, भारत के कुछ पड़ोसी देशों को इसमें पाकिस्तान के साथ म्यानमार भी शामिल
है खतरनाक हथियारों के निर्माण में मदद दे रहा है।
साल
1975 में दोनों देशों के बीच राजदूत स्तर पर कूटनीतिज्ञ संबंध फिर से स्थापित किए गए।
साल 1988 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी चीन के दौरे पर गए। सन
1991 में चीन के प्रधानमंत्री ली पेंग भारत की यात्रा पर आए। साल 1996 में चीन के राष्ट्रपति
ने भारत की यात्रा की। इस यात्रा के दौरान भारत तथा चीन के बीच चार समझौतों पर दस्तखत
किए गए परंतु भारत द्वारा मई 1998 ईस्वी में परमाणु परीक्षणों के पश्चात दोनों देशों
के बीच में फिर कटुता पैदा हो गई। जुलाई 2000 में चीन के विदेश मंत्री भारत की यात्रा
पर आए और इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार वृद्धि तथा सीमा विवाद को
हल करने के बारे में सहमति हुई। परंतु सीमा विवाद अभी तक हल न हो पाने के कारण दोनों
देशों के संबंध मित्रता पूर्ण नहीं कहे जा सकते हैं।
वैसे
पिछले कुछ वर्षों से चीन ने उदारवादी नीति को अपनाया हुआ है और अपने आंतरिक प्रशासन
तथा साम्यवादी दल के संगठन में सामूहिक नेतृत्व के सिद्धांत का समर्थन कर रहा है। आज
चीन विदेशी शक्तियों से भी मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने के पक्ष में है। नवंबर
2002 में चीन का एक शिष्टमंडल भारत आया था और दोनों देशों के बीच सीमा संबंधी विवाद
को सुलझाने पर बातचीत चली।
वर्तमान समय में भी भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति के द्वारा दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के साथ-साथ अन्य विवादों को भी सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। यदि दोनों देशों को सीमा विवाद के साथ- साथ अन्य विवादों को सुलझाना है तो दोनों राष्ट्राध्यक्षों को एक साथ एक मंच में बातचीत करनी होगी। दोनों देशों के बीच जो पंचशील समझौता हुआ था उसको अमल में लाना होगा। आशा है निकट भविष्य मेंदोनों देश सभी विवादों को सुलझा लेंगे।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
भाग 1 ( समकालीन विश्व राजनीति) | |
भाग 2 (स्वतंत्र भारत में राजनीति ) | |