प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Political Science
अध्याय-3 नियोजित विकास की राजनीति
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Question)
प्रश्न 1. बॉम्बे प्लान के बारे में कौन सा बयान सही नहीं है?
A.
यह भारत के आर्थिक भविष्य का एक ब्लूप्रिंट था।
B. इसमें उद्योगों के ऊपर राज्य के स्वामित्व का समर्थन किया गया था।
C.
इसकी रचना कुछ अग्रणी उद्योगपतियों ने की थी।
D. इसमें नियोजन के विचार का पुरजोर समर्थन किया
गया था।
प्रश्न 2. भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल कब से कब तक
रहा है?
A.
1950-1955
B. 1951-1956
C.
1952-1957
D.
1953-1958
प्रश्न 3. राष्ट्रीय विकास परिषद का अध्यक्ष कौन होता है?
A.
राष्ट्रपति
B.
उपराष्ट्रपति
C. प्रधानमंत्री
D.
मुख्य न्यायाधीश
प्रश्न 4. योजना आयोग की स्थापना कब की गई थी?
A. मार्च 1950
B.
मई 1951
C.
मार्च 1952
D.
सितंबर 1954
प्रश्न 5. योजना आयोग के अध्यक्ष कौन होते हैं?
A.
राष्ट्रपति
B. प्रधानमंत्री
C.
मुख्यमंत्री
D.
गृह मंत्री
प्रश्न 6. किस पंचवर्षीय योजना को कृषि एवं सिंचाई आधारित योजना के
नाम से भी जाना जाता है?
A. प्रथम पंचवर्षीय योजना
B.
द्वितीय पंचवर्षीय योजना
C.
तृतीय पंचवर्षीय योजना
D.
चतुर्थ पंचवर्षीय योजना
प्रश्न 7. भारत में नियोजन व्यवस्था किस देश की नियोजन व्यवस्था से
प्रभावित है ?
A.
संयुक्त राज्य अमेरिका
B. सोवियत संघ
C.
फ्रांस
D.
ब्रिटेन
प्रश्न 8. राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन कब हुआ?
A.
1950
B.
1955
C. 1952
D.
1956
प्रश्न 9. किस पंचवर्षीय योजना को ओद्यौगिक एवं परिवहनीय योजना के नाम
से जाना जाता है?
A.
प्रथम पंचवर्षीय योजना
B. द्वितीय पंचवर्षीय योजना
C.
तृतीय पंचवर्षीय योजना
D.
चतुर्थ पंचवर्षीय योजना
प्रश्न 10. राष्ट्रीय विकास परिषद के सदस्य कौन होते हैं?
A.
सभी राज्यों के मुख्यमंत्री
B.
योजना आयोग के सदस्य
C.
मंत्रिमंडल के मंत्री
D. उपयुक्त सभी
प्रश्न 11. भारत में नई आर्थिक नीति की शुरुआत किस प्रधानमंत्री ने
की ?
A.
डॉ मनमोहन सिंह
B. नरसिम्हा राव
C.
राजीव गांधी
D.
वी पी सिंह
प्रश्न 12. हरित क्रांति का सर्वाधिक लाभ निम्न में से किस फसल में
हुआ?
A.
मक्का
B.
दलहन
C.
चावल
D. गेहूं
प्रश्न 13. 'जय जवान जय किसान' का नारा किसने दिया?
A.
सुभाष चंद्र बोस
B. लाल बहादुर शास्त्री
C.
जवाहरलाल नेहरू
D.
अटल बिहारी बाजपेई
प्रश्न 14. श्वेत क्रांति का संबंध निम्नलिखित में से किससे है ?
A.
फूलों के उत्पादन से
B.
शहद की उत्पादन से
C. दूध के उत्पादन से
D.
तिलहन के उत्पादन से
प्रश्न 15. श्वेत क्रांति की शुरुआत भारत के किस राज्य में हुई?
A.
राजस्थान
B. गुजरात
C.
केरल
D.
बिहार
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. हरित क्रांति क्या थी?
उत्तर-
हरित क्रांति खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रयुक्त की गई
तकनीक थी। इसके अंतर्गत अपने देश की कृषि में आधुनिक विकास के लिए उन्नत बीज, कीटनाशक
और रसायनिक उर्वरक का प्रयोग के परिणाम स्वरूप अनाजों के उत्पादन में वृद्धि हुई।
प्रश्न 2. मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या है ?
उत्तर-
मिश्रित अर्थव्यवस्था में समाजवाद तथा पूंजीवाद दोनों की विशेषताओं को शामिल किया गया।
देश में छोटे उद्योगों का विकास निजी क्षेत्र में किया गया तथा बड़े उद्योगों के विकास
की जिम्मेवारी सरकार ने अपने कंधों पर ली ।
प्रश्न 3. बॉम्बे प्लान क्या है?
उत्तर
- 1944 में उधोग पतियों के एक समूह ने देश में नियोजित अर्थव्यवस्था चलाने का एक प्रस्ताव
तैयार किया। जिसे बॉम्बे प्लान कहा जाता है। इसका उद्देश्य है सरकार औद्योगिक तथा अन्य
आर्थिक निवेश के क्षेत्र में बड़े कदम उठाएं।
प्रश्न 4. योजना आयोग क्या है?
उत्तर-
भारत के स्वतंत्र होते ही योजना आयोग अस्तित्व में आया। योजना आयोग की स्थापना मार्च
1950 में भारत सरकार के प्रस्ताव द्वारा की गई। प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं।
भारत अपने विकास के लिए कौन सा रास्ता अपनाएगा। यह फैसला करने के लिए इस संस्था ने
प्रभावशाली भूमिका निभाई।
प्रश्न 5. राष्ट्रीय विकास परिषद की स्थापना कब की गई थी? इसके निर्माण
के क्या उद्देश्य थे?
उत्तर-
राष्ट्रीय विकास परिषद की स्थापना 6 अगस्त 1952 में हुई थी। योजना के निर्माण में राज्यों
की भागीदारी हो, इस उद्देश्य से राष्ट्रीय विकास परिषद बनाया गया था ।
प्रश्न 6. द्वितीय पंचवर्षीय योजना की अवधि क्या थी? इसमें किस क्षेत्र
पर जोर दिया गया था?
उत्तर-
द्वितीय पंचवर्षीय योजना की अवधि 1956-1961 तक थी। इस योजना में उद्योगों के विकास
पर जोर दिया गया। सरकार ने देशी उद्योगों को संरक्षण देने के लिए आयात पर भारी शुल्क
लगाया।
प्रश्न 7. विकास का केरल मॉडल क्या है?
उत्तर-
केरल में विकास और नियोजन के लिए अपनाए गए इस मॉडल में शिक्षा, स्वास्थ्य, भूमि सुधार,
कारगर खाद्य वितरण और गरीबी उन्मूलन पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए विकेन्द्रित योजना
पर आधारित था। जिसमें पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर पर योजनायें बनाने में लोगो का शामिल
करने की बात कही गयी है।
प्रश्न
8. श्वेत क्रांति क्या है?
उत्तर-
हरित क्रांति की भारी सफलता देखने के बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन फ्लड की शुरुआत की,
जिसे श्वेत क्रांति के रूप में जाना जाता है। भारत में श्वेत क्रांति की शुरुआत दुग्ध
उत्पादन बढ़ाने का उद्देश्य से हुई।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. पहली पंचवर्षीय योजना का किस चीज पर ज्यादा जोर था? दूसरी
पंचवर्षीय योजना पहली से किन अर्थों में अलग थी?
उत्तर-
पहली पंचवर्षीय योजना में कृषि क्षेत्र में अधिक जोर दिया गया क्योंकि भारत के विभाजन
का सबसे बुरा प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ा था अतः प्रथम पंचवर्षीय योजना में कृषि के
विकास को सर्वाधिक महत्त्व दिया गया। प्रथम पंचवर्षीय एवं दूसरी पंचवर्षीय योजना में
प्रमुख अंतर यह था कि जहां प्रथम पंचवर्षीय योजना में कृषि क्षेत्र पर अधिक जोर दिया
गया वहीं दूसरी योजना में भारी उद्योग के विकास पर अधिक जोर दिया गया।
प्रश्न 2. हरित क्रांति क्या थी? हरित क्रांति के दो सकारात्मक और दो
नकारात्मक परिणामों का उल्लेख करें।
उत्तर-
हरित क्रांति खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रयुक्त की गयी
नई तकनीक थी। जिसके अंतर्गत अपने देश की खेती में आधुनिक विकास के लिए मुख्यतः नए कीटनाशक
और रसायनिक उर्वरक का प्रयोग करने के परिणाम स्वरूप अनाजों के उत्पादन में वृद्धि हुई
जिसे हरित क्रांति कहा जाता है।
हरित
क्रांति के दो सकारात्मक परिणाम-
A.
हरित क्रांति में धनी किसानों और बड़े भूस्वामियों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ। ज्यादातर
गेहूं की पैदावार बड़ी और देश में खाद्यात्र उपलब्धता में बढ़ोतरी हुई।
B.
हरित क्रांति के कारण देश अनाज उत्पादन के मामले में में आत्मनिर्भर हो गया।
हरित
क्रांति के दो नकारात्मक परिणाम-
A.
कृषि क्षेत्र के मशीनरी से रोजगार की अवसरों में कमी हुई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों
में बेरोजगारी फैली और ग्रामीण जनसंख्या का शहरों की ओर पलायन हुआ।
B.
गरीब और भूमिहीन किसानों का शोषण और दमन हुआ जिससे देश में नक्सलवादी आंदोलन को बल
मिला। बनाम
प्रश्न 3. दूसरी पंचवर्षीय योजना के दौरान औद्योगिक विकास कृषि विकास
का विवाद चला था? इस विवाद में क्या-क्या तर्क दिये गये थे?
उत्तर-
दूसरी पंचवर्षीय योजना और औद्योगिक विकास बनाम कृषि विकास का विवाद-
1.
स्वतंत्रता के बाद भारत जैसी पिछड़ी अर्थव्यवस्था कि देश में विवाद खड़ा हुआ कि उद्योग
और कृषि में से किस क्षेत्र में ज्यादा संसाधन लगाएं।
2.
अनेक लोगों का मानना था कि दूसरी पंचवर्षीय योजना में कृषि के विकास की रणनीति का अभाव
था और इस योजना के दौरान उद्योग पर जोर देने के कारण खेती और ग्रामीण इलाकों को चोट
पहुंची।
3.
जे सी कुमारप्पा जैसे गांधीवादी अर्थशास्त्री ने एक वैकल्पिक योजना का खाका प्रस्तुत
किया था। जिसमें ग्रामीण औद्योगीकरण पर ज्यादा जोर दिया गया था। चौधरी चरण सिंह ने
भारतीय अर्थव्यवस्था के नियोजन में कृषि को केंद्र में रखने की बात बड़े सुनियोजित
और दमदारे ढंग से उठाई थी।
4.
चौधरी चरण सिंह ने कहा कि नियोजन से शहरी और उद्योग -धंधे समृद्ध हो रहे हैं और इसकी
कीमत किसानों और ग्रामीण जनता को चुकानी पड़ रही है।
5.
तब कई अन्य लोगों का सोचना था कि औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर को तेज किए बगैर गरीबी
की मकड़जाल से छुटकारा नहीं मिल सकता है।
प्रश्न 4. मिश्रित अर्थव्यवस्था से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
मिश्रित अर्थव्यवस्था वह अर्थव्यवस्था होती है जिसमें आर्थिक गतिविधियां दोनों क्षेत्रों
अर्थात निजी क्षेत्र एवं सार्वजनिक क्षेत्र में की जाती है। निजी क्षेत्र में राज्य
का हस्तक्षेप एवं नियंत्रण न्यूनतम होता है एवं आर्थिक गतिविधियां खुली प्रतियोगिता
के आधार पर की जाती है। यह पूंजीवादी अर्थव्यवस्था को जन्म देता है। दूसरी ओर सार्वजनिक
क्षेत्र होता है। जहां पर आर्थिक गतिविधियों में राज्य का अधिक से अधिक नियंत्रण एवं
हस्तक्षेप होता है। इसमें लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर चीजों का उत्पादन
किया जाता है। भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया गया था। 1990 तक भारत में सार्वजनिक
क्षेत्र में दबदबा रहा लेकिन 1990 के बाद भारत में निजी क्षेत्र का महत्व बढ़ रहा है।
प्रश्न 5. निजी क्षेत्र एवं सर्वजनिक क्षेत्र में मुख्य अंतर समझाइए?
उत्तर-
निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र दोनों को भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका दी
गई है। दोनों की अपनी-अपनी विशेषताएं एवं क्षेत्र हैं। दोनों में मुख्य अंतर है-
1.
निजी क्षेत्र उदारवादी पूंजीवादी चिंतन पर आधारित है। जबकि सार्वजनिक क्षेत्र समाजवादी
चिंतन पर आधारित है।
2.
निजी क्षेत्र में आर्थिक क्षेत्रों का केंद्रीकरण होता है जबकि सार्वजनिक क्षेत्र में
स्रोतों का विकेंद्रीकरण होता है।
3.
निजी क्षेत्र में राज्य की भूमिका सीमित होती है। जबकि सार्वजनिक क्षेत्र में राज्य
की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
4.
निजी क्षेत्र में व्यक्तिगत लाभ को महत्व दिया जाता है जबकि सार्वजनिक क्षेत्र में
सर्वहित को महत्व दिया जाता है। निजी क्षेत्र प्रतियोगिता पर आधारित होता है जबकि
5.
सार्वजनिक क्षेत्र सभी के सहयोग पर आधारित होता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. आजादी के समय विकास के सवाल पर प्रमुख मतभेद क्या थे? क्या
इन मतभेदों को सुलझा लिया गया?
उत्तर-
आजादी के समय भारत के सामने अनेक प्रकार की सामाजिक एवं राजनीतिक समस्याएं थी जिनका
हल निकालने के लिए भारत ने नियोजित अर्थव्यवस्था को अपनाया परंतु नियोजन की प्रक्रिया
इतनी सहज एवं सही नहीं हो पाई एवं अनेक प्रकार के मतभेदों के दायरे में आ गई। सबसे
पहले मतभेद वैचारिक थे। वैचारिक स्तर पर भारतीय नेतृत्व प्रमुख रूप से दो वर्ग में
बंटे थे। प्रथम उदारवादी चिंतक जो विकास का पश्चिमी उदारवादी मॉडल अपनाना चाहते थे
एवं दूसरा वर्ग उन नेताओं एवं चिंतकों का था जो साम्यवादी समाजवादी मॉडल को अपनाने
के पक्ष में थे।
दूसरा
मतभेद प्राथमिकताओं को लेकर था कुछ लोग निजी क्षेत्र को प्राथमिकता दे रहे थे। तीसरा
मुद्दा कृषि बनाम उद्योग था। जिस पर विभिन्न सोच के लोगों में मतभेद था। कुछ लोग जैसे
पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत की गरीबी, बेरोजगारी इस समस्या का हल औद्योगीकरण के द्वारा
करना चाहते थे जबकि कुछ अन्य वर्ग के लोगों का मानना था कि ग्रामीण क्षेत्र में खेती
की कीमत पर औद्योगिकरण किया जाता तो वह खेती क्षेत्र के लिए हानिकारक होगा। इसी संदर्भ
में ग्रामीण बनाम शहरी मुद्दा भी उभर कर सामने आया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक निवेश
एवं विकास की जरूरत है तथा शहरी विकास ग्रामीण विकास की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
इस
प्रकार से नियोजन की प्रक्रिया कई प्रकार की मतभेदों से घिरी रही क्योंकि सभी राष्ट्रीय
हितों से प्रेरित थे। अतः मतभेद होते हुए भी समायोजन एवं आम सहमति के माध्यम से मतभेद
दूर किए गए तथा उचित रास्ता अपनाया गया जैसे निजी क्षेत्र एवं सार्वजनिक क्षेत्र को
प्राथमिकता देते हुए मिश्रित अर्थव्यवस्था अपनाई गई। ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहरी क्षेत्र
का विकास भी निश्चित किया गया। इस तरह से कृषि विकास एवं औद्योगिक विकास में भी संबंध
स्थापित किया गया।
प्रश्न 2. योजना आयोग का गठन एवं कार्य समझाइए?
उत्तर-
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत का वैज्ञानिक पद्धति से विकास
करना चाहते थे। भारत की सामाजिक आर्थिक समस्याओं का क्रमबद्ध तरीके से हल करना चाहते
थे। वे सोवियत संघ की योजना प्रक्रिया से अत्यंत प्रभावित थे। अतः वहां की तरह भारत
में नियोजन प्रक्रिया प्रारंभ की। नियोजन की प्रक्रिया का संचालन करने के लिए उन्होंने
1950 में योजना आयोग का गठन किया। योजना आयोग का एक उपाध्यक्ष होता है। जिसकी नियुक्ति
राष्ट्रपति करता है। भारत के प्रधानमंत्री योजना आयोग के पदेन अध्यक्ष होते हैं। इसके
अलावा योजना आयोग के कई सरकारी एवं गैर सरकारी सदस्य होते हैं। कुछ मंत्री इसके पदेन
सदस्य होते है। योजना आयोग का स्वरूप एक सलाहकार संस्था के रूप में होता है.
1.
पंचवर्षीय योजनाओं का निर्माण करना।
2.
स्रोतों का अवलोकन करना।
3.
योजनाओं की प्राथमिकता निश्चित करना।
4.
योजनाओं के लक्ष्य को प्राप्त करना ।
5.
योजनाओं के बीच में प्रगति प्राप्त करना एवं मूल्यांकन करना।
6.
योजना की प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को दूर करना।
7.
राज्यों के विकास योजनाओं पर सहमति प्रदान करना तथा राज्यों का आवश्यक धन प्रबंध करना।
वर्तमान
समय में योजना आयोग की भूमिका काफी व्यापक हो चुकी है। भारत के आर्थिक विकास में इसकी
भूमिका एवं आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसकी कार्यक्षमता तथा कार्यशैली
भी काफी उत्कृष्ट दिखाई पड़ती है। इसका कारण यह है कि यह संस्था प्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री
के साथ कार्य करती है।
प्रश्न 3. राष्ट्रीय विकास परिषद के क्या कार्य है?
उत्तर-
योजना आयोग के गठन के पश्चात प्रथम पंचवर्षीय योजना के निर्माण के समय यह अनुभव किया
गया कि संघीय स्तर पर योजना निर्माण में राज्यों की सार्थक भूमिका आवश्यक है। इस उद्देश्य
की पूर्ति के लिए 6 अगस्त 1952 को राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन किया गया।
योजना
आयोग की तरह राष्ट्रीय विकास परिषद का अध्यक्ष भी प्रधानमंत्री होता है। केंद्रीय मंत्रीमंडल
के सभी सदस्य तथा योजना आयोग के विशेषज्ञ सदस्य तथा सभी राज्यों के मुख्यमंत्री एवं
केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी इसके सदस्य होते हैं।
राष्ट्रीय
विकास परिषद के मुख्य कार्यों को निम्न प्रकार व्यक्त किया जा सकता है-
1.
पंचवर्षीय योजनाओं के निर्माण के लिए आवश्यक दिशा निर्देशन यह समिति तैयार करती है।
इस समिति के दिशानिर्देशों का आधार बनाकर योजना निर्माण का कार्य पूरा किया जाता है।
2.
योजना आयोग द्वारा तैयार की गई योजनाओं पर यह संस्था विचार विमर्श करती है।
3.
यह समिति राष्ट्र के विकास को प्रभावित करने वाले सामाजिक आर्थिक नीतियों से संबंधित
महत्वपूर्ण प्रश्नों पर विचार करती है एवं आवश्यकता के अनुसार महत्वपूर्ण निर्णय लेती
है।
4.
पंचवर्षीय योजनाओं के लक्ष्यों की प्राप्ति तथा सफलता इत्यादि का मूल्यांकन करना इस
समिति का एक महत्वपूर्ण कार्य है।
5. योजना के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक संसाधनों का अनुमान लगाना तथा उन्हें वृद्धि के लिए आवश्यक उपाय सुझाना इस समिति का एक महत्वपूर्ण कार्य है।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
भाग 1 ( समकालीन विश्व राजनीति) | |
भाग 2 (स्वतंत्र भारत में राजनीति ) | |