प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Political Science
अध्याय-1 शीत युद्ध का दौर
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Question)
1. शीत युद्ध की शुरुआत कब से माना जाता है?
a. 1945 के बाद से
b.
1947 के बाद से
c.
1950 के बाद से
d.
1960 के बाद से
2. कौन से दो गुटों के बीच शीत युद्ध चला?
a.
जर्मनी - फ्रांस के बीच
b.
भारत-चीन के बीच
c. अमेरिका सोवियत संघ के बीच
d.
अमेरिका ब्रिटेन के बीच
3. निम्नलिखित में कौन शीतयुद्ध के प्रमुख कारण रहे हैं?
a.
अमेरिका एवं सोवियत संघ के बीच सैद्धांतिक मतभेद
b.
विजित प्रदेशों पर आधिपत्य संबंधी विवाद
c.
युद्ध कालीन निर्णयों का अतिक्रमण
d. उपर्युक्त सभी
4. नाटो की स्थापना कब हुई?
a. अप्रैल 1949
b.
अगस्त 1947
c.
अप्रैल 1945
d.
जून 1975
5. नाटो की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या था?
a.
शीत युद्ध के प्रभाव को कम करना
b.
अमेरिका में आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना
c. पश्चिमी यूरोप में सोवियत प्रभाव के विस्तार
को रोकना
d.
दुनिया को युद्ध की विभीषिका से बचाना।
6. नाटो की स्थापना के समय कितने सदस्य देश शामिल
थे?
a.
15
b. 12
c.
10
d.15
7. क्यूबा मिसाइल संकट के समय अमेरिका के राष्ट्रपति कौन थे?
a. जॉन एफ कैनेडी
b.
बैंस जॉनसन
c.
टूमैन
d. जिम्मी कार्टर
8. शीत युद्ध के समय शक्ति के कितने केंद्र थे?
a.
5
b.
3
c. 2
d.
6
9. सोवियत संघ में साम्यवादी शासन की स्थापना कब हुई?
a. 1917
b.
1922
c.
1925
d.
1916
10. 1917 में रूस में साम्यवादी राज्य की स्थापना किसने की थी?
a.
मार्क्स
b.
एंजिल्स
c. लेनिन
d.
स्टालिन
11. क्यूबा के मिसाइल संकट के समय सोवियत संघ के प्रधानमंत्री कौन थे?
a.
जॉन एफ कैनेडी
b.
स्टालिन
c. निकिता ख्रुश्चेव
d.
उपर्युक्त में से कोई नहीं
12. नाटो से संबंधित कौन सा विकल्प सही है?
a.
उत्तरी अमेरिका संधि संगठन
b. उत्तर अटलांटिक संधि संगठन
c.
उत्तरी अमेरिका आतंक निरोधक संगठन
d.
इनमें से कोई नहीं
13. किस के प्रयास से गुटनिरपेक्षता की नीति अस्तित्व में आई?
a.
जवाहरलाल नेहरू
b.
गमाल अब्दुल नसीर
c.
मार्शल जोसेफ ब्रॉज टीटो
d. उपर्युक्त सभी
14. मार्शल योजना क्या थी?
a. यूरोप के देशों को पुनर्निर्माण हेतु अमेरिकी सहायता
b.
सोवियत संघ पर आर्थिक प्रतिबंध
c.
अमेरिका में आतंकवादियों के समाप्ति के लिए योजना
d
साम्यवादी शासन के विस्तार के लिए योजना
15. शीत युद्ध का चरम बिंदु किसे माना जाता है?
a.
टूमैन सिद्धांत
b.
मार्शल योजना
c. क्यूबा मिसाइल संकट
d.
इनमें से कोई नहीं
16. प्रथम गुटनिरपेक्ष सम्मेलन के अध्यक्ष कौन थे?
a.
जवाहरलाल नेहरु
b.
सुकर्णो
c.
अब्दुल नासिर
d. मार्शल टीटो
17. किस देश ने नाटो में अमेरिकी नेतृत्व का विरोध किया?
a.
ब्रिटेन
b. फ्रांस
c.
पश्चिमी जर्मनी
d.
इटली
18. गुटनिरपेक्षता की नींव रखने में किस भारतीय नेता का प्रमुख योगदान
था?
a.
महात्मा गांधी
b.
डॉ. बी आर अंबेडकर
c. जवाहरलाल नेहरू
d.
सरदार पटेल
19. गुटनिरपेक्ष देशों का शिखर सम्मेलन नई दिल्ली
में कब आयोजित किया गया था?
a.
1987
b.
1984
c. 1969
d.
1970
20. पूर्व बनाम पश्चिम का संबंध किससे है?
a.
विश्वयुद्ध से
b. शीत युद्ध से
c.
तनाव शैथिल्य से
d.
उत्तर शीत युद्ध दौर से
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. पहला गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन कब और कहां हुआ था?
उत्तर-
पहला गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन 1961 ईस्वी में युगोस्लाविया के बेलग्रेड में हुआ था।
2. गुटनिरपेक्ष आंदोलन के किन्ही दो संस्थापक सदस्य देशों के नाम लिखिए?
उत्तर-
गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्य देशों के नाम- भारत - पं. जवाहरलाल नेहरू
युगोस्लाविया
- जोसिप ब्रोज टीटो
3. गुटनिरपेक्षता का क्या अर्थ है?
उत्तर-
गुटनिरपेक्षता का अर्थ है किसी भी गुट में शामिल ना होना और अपनी स्वतंत्र नीतियों
का अनुसरण करना।
4. शीत युद्ध से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
संयुक्त राज्य अमेरिका तथा सोवियत संघ के बीच वह तनावपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक
स्थिति जो द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 1945 ई. से 1990 ई. तक जारी रही, शीत युद्ध कहा
जाता है।
5. शीत युद्ध के लिए कौन दो महाशक्तिशाली देश उत्तरदाई थे?
उत्तर-
शीतयुद्ध के लिए दो महाशक्तिशाली देश उत्तरदाई थे - सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका
।
6. शीत युद्ध काल में पश्चिमी और पूर्वी गठबंधन के क्या- क्या नाम थे?
उत्तर-
शीत युद्ध काल में पश्चिमी गठबंधन को नाटो और पूर्वी गठबंधन को वारसा संधि के नाम से
जाना जाता था।
7. द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु
बम को क्या नाम दिया गया था?
उत्तर-
द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम को लिटिल बॉय
और फैटमैन नाम दिया गया था।
8. मार्शल योजना क्या था?
उत्तर- 1947 ई. में अमेरिकी विदेश सचिव मार्शल ने यूरोप
को अरबों डॉलर सहायता देने की योजना बनाई जिससे कि युद्ध के प्रभाव की क्षतिपूर्ति
हो । उनका विचार था कि ऐसी सहायता नहीं करने से वैसे सभी देश जो आर्थिक रूप से एकदम
कमजोर हो गए हैं सोवियत संघ में मिल जाएंगे, इसे ही मार्शल योजना कहा गया।
9. पूंजीवादी गुट का नेतृत्व कौन सा देश का रहा था?
उत्तर-
पूंजीवादी गुट का नेतृत्व संयुक्त राज्य अमेरिका कर रहा था।
10. ट्रूमैन सिद्धांत क्या था?
उत्तर-
सोवियत संघ के साम्यवादी विस्तार को रोकने के लिए राष्ट्रपति ट्रमैन ने घोषणा किया
कि अमेरिका स्वतंत्र देशों की रक्षा करेगा इसे ही ट्रूमैन सिद्धांत कहा गया।
11. मोलटोव योजना का क्या उद्देश्य था?
उत्तर-
अमेरिकी विदेश सचिव मार्शल की योजना के उत्तर में सोवियत विदेश मंत्री मोलटोव ने योजना
बनाई मोलटोव योजना का उद्देश्य था पूर्वी यूरोप के देशों को वित्तीय सहायता देकर उनका
आर्थिक सुधार किया जाए।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. क्यूबा मिसाइल संकट का वर्णन करें?
उत्तर- क्यूबा अमेरिका की तट से लगा हुआ एक छोटा सा द्वीपीय
देश है, क्यूबा का जुड़ाव सोवियत संघ से था और सोवियत संघ के नेता उसे वित्तीय सहायता
दिया करते थे। सोवियत संघ के नेता निकिता खुश्चेव ने क्यूबा को रूस के सैनिक अड्डे
के रूप में बदलने का फैसला किया। 1962 ई. में खुश्चेव ने क्यूबा में परमाणु मिसाइलें
तैनात कर दी। क्यूबा में सोवियत संघ द्वारा परमाणु हथियार तैनात करने की भनक अमेरिका
को लगी और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने खुश्चेव को मिसाइलें हटाने को कहा,
खुश्चेव ने कहा की यदि राष्ट्रपति केनेडी विश्वास दिलाय कि अमेरिका क्यूबा पर आक्रमण
नहीं करेगा और घेराबंदी हटा लेगा तो क्यूबा में मिसाइलें तैनात नहीं की जाएगी। केडी
ने खुश्चेव के प्रस्ताव को मान कर घेरा हटा लिया और खुश्चेव ने भी मिसाइलें वापस भिजवा
दिया इसे ही क्यूबा मिसाइल संकट के नाम से जाना जाता है।
2. नई अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था क्या है?
उत्तर-
गुटनिरपेक्ष में शामिल अधिकांश देश आर्थिक रूप से पिछड़े हुए थे और इन्हें अल्पविकसित
देश का दर्जा प्राप्त था इन देशों के सामने मुख्य चुनौती आर्थिक विकास कर अपनी जनता
को गरीबी से उबारने की थी। ये देश बिना आर्थिक विकास की वास्तविक स्वतंत्रता प्राप्त
नहीं कर सकते थे, इसी भावना से प्रेरित होकर नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था का
जन्म हुआ।
3. उत्तर दक्षिण संवाद का क्या प्रमुख उद्देश्य था?
उत्तर-
1980 ई. के दशक में विकसित देशों द्वारा किए जा रहे विरोध के चलते नई अंतर्राष्ट्रीय
आर्थिक व्यवस्था के प्रयास में कमियां आई। विश्व के अविकसित व विकासशील देशों ने अपने
आर्थिक विकास के लिए विकसित देशोंसे सहयोग की कामना की। धनी या विकसित देश विश्व के
उत्तरी भाग में हैं और निर्धन या अविकसित देश दक्षिणी भाग में । अतः इससे उत्तर दक्षिण
संवाद का नाम दिया गया।
4. कोरिया संकट का वर्णन करें?
उत्तर-
द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान एवं कोरिया ने सोवियत संघ के समक्ष और दक्षिण कोरिया
ने अमेरिका के समक्ष आत्मसमर्पण किया, उत्तर कोरिया में साम्यवादी और दक्षिण कोरिया
में पूंजीवादी शासन की स्थापना हुई। 1950 में उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर आक्रमण
कर दिया कोरियाई युद्ध वास्तव में दोनों कोरिया का युद्ध ना होकर पश्चिमी गुट और साम्यवादी
गुट के बीच एक अप्रत्यक्ष सशस्त्र युद्ध था। अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में सोवियत रूस
के बहिष्कार का लाभ उठाते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ से उत्तर कोरिया को आक्रमणकारी घोषित
करवाया और विश्व शांति की रक्षा की आड़ में उसके विरुद्ध सैनिक कार्यवाही का प्रस्ताव
पास करा दिया, संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यवाही जो वास्तव में अमेरिकी जनरल मैक आर्थर
के नेतृत्व में किया गया आक्रमण था, यह युद्ध गुटनिरपेक्ष देशों की मध्यस्थता से
1953 ई. में समाप्त हुआ।
5. महाशक्तियां छोटे देशों के साथ गठबंधन क्यों की थी?
उत्तर-
छोटे देश कुछ महत्वपूर्ण कारणों से महाशक्तियों के लिए महत्वपूर्ण थे जैसे-
1.
खनिज तेल जैसे प्राकृतिक संसाधनों की प्राप्ति
2.
भूभाग की जरूरत
3.
एक दूसरे के जासूसी हेतु सैनिक ठिकानों के लिए
4.
गठबंधन में शामिल छोटे-छोटे देश के सैन्य खर्च में वाहन करने में सहायक हो सकते थे
5.
छोटे राज्यों को महाशक्तिशाली देश अपने हथियार बेच सकती थीं।
6.
विचारधारा की लड़ाई में वैचारिक सहयोग की प्राप्ति ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. तनाव- शैथिल्य क्या है? तनाव - शैथिल्य की स्थिति के उदय के क्या
कारण थे?
उत्तर-
तनाव - शैथिल्य का शाब्दिक अर्थ है तनाव में शिथिलता। अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के क्षेत्र
में सोवियत संघ एवं अमेरिकी तनाव में कमी और उनमें दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई मित्रता,
सहयोग और शांतिपूर्ण सह- अस्तित्व की भावना को ही तनाव- शैथिल्य कहा गया है।
तनाव
शैथिल्य की स्थिति के उदय होने के निम्नलिखित कारण थे-
1.
परमाणु यंत्रों के प्रयोग का भय- संयुक्त राज्य अमेरिका और
सोवियत संघ ने भयानक परमाणु शस्त्र बना लिए थे अब यह भय पैदा हुआ कि यदि ऐसे शस्त्रों
का प्रयोग हुआ तो दोनों का विनाश सुनिश्चित है, अतः उन्होंने निशस्त्रीकरण की दिशा
में अग्रसर होना उपयुक्त समझा।
2.
विचारधारा का अंत- दोनों महाशक्तियां अपनी विचारधारा पर डटी हुईं
थीं, लेकिन 1970 के बाद परिस्थितियां बदल गई उदारवाद एवं समाजवाद के बीच मिलन स्थापित
होने लगा।
3.
गुटनिरपेक्ष आंदोलन की सफलता- 1961 से गुटनिरपेक्ष आंदोलन शुरू हो गया
धीरे-धीरे गुटनिरपेक्ष देशों की संख्या बढ़ती चली गई, सम्मेलनों में महाशक्तियों के
सैनिक गुटों की कड़ी निंदा की गई | महाशक्तियों ने समझ लिया कि सैनिक गठबंधन की रणनीति
विफल हो रही है।
4.
चीन की खुले द्वार की नीति- अमेरिका ने चीन से संबंध स्थापित करके
अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का दृश्य ही बदल दिया अब सोवियत संघ ने भी चीन के साथ संबंध
सुधारने का मार्ग अपनाया।
इन
सभी कारणों से ही तनाव- शैथिल्य की स्थिति उत्पन्न हुई।
2. शीत युद्ध काल में भारत की भूमिका का वर्णन करें?
उत्तर-
शीत युद्ध काल में भारत की निम्नलिखित भूमिका थी-
1.
भारत ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन के नेता के रूप में शीत युद्ध काल में अपनी भूमिका निभाई।
2.
भारत ने स्वयं को दोनों महाशक्तियों संयुक्त राज्य अमेरिका एवं सोवियत संघ की गुटबंदी
से अलग रखा।
3.
भारत शीतयुद्ध कालीन प्रतिस्पर्धा को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मामलों में हस्तक्षेप
करने के पक्ष में था।
4.
भारत ने दोनों महाशक्तियों के सैनिक गुटों तथा शस्त्रों की होड़ की कड़ी निंदा की और
निःशस्त्रीकरण पर बल दिया।
5.
भारत ने दोनों गुटों के बीच मौजूद मतभेदों को कम करने की कोशिश की और मतभेदों को पूर्णव्यापी
युद्ध का रूप लेने से रोका।
6.
भारत ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन में शामिल अन्य सदस्यों को भी ऐसे कामों में लगाए रखा।
7.
शीत युद्ध के दौरान भारत ने लगातार उन क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को सक्रिय
बनाए रखने की कोशिश की जो अमेरिका या सोवियत संघ के गुट से जुड़े नहीं थे।
भारत
ने सदैव शीतयुद्ध की निंदा की तथा अंतर्राष्ट्रीय शांति सुरक्षा एवं सहयोग का समर्थन
किया, जिनसे भारत को विश्व में अपनी महत्वपूर्ण पहचान बनाने का अवसर मिला।
3. शीत युद्ध के उदय के कारणों का वर्णन करें?
उत्तर-
शीत युद्ध के उदय के निम्नलिखित कारण थे-
1.
याल्टा समझौता का निरादर
फरवरी
1945 के याल्टा सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रूमैन ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल
तथा सोवियत प्रधानमंत्री स्टालिन ने विचार-विमर्श के बाद कुछ समझौते किए परंतु सोवियत
संघ ने इन समझौतों का निरादर किया।
2.
ईरान में रूसी सेनाओं का जमवाड़ा
समय-समय
पर सोवियत संघ ने ईरान की प्रभुता एवं उसकी प्रादेशिक अखंडता का आदर करने का वचन दिया
था युद्ध के दिनों में ब्रिटेन की सहमति से उतरी ईरान में सोवियत सेनाओं का कब्जा था
लेकिन 1942 की त्रिपक्षीय संधि के द्वारा जर्मनी के समर्थन के 6 महीनों के भीतर इन
सेनाओं को वहां से हटा दिया गया युद्ध के बाद अमेरिकी एवं ब्रिटिश सेना उत्तरी ईरान
से चली गई लेकिन सोवियत सेनाएं नहीं हटी। काफी विलंब के साथ सेनाओं ने उत्तरी ईरान
छोड़ा।
3.
बर्लिन की नाकेबंदी
पॉटसडैम
सम्मेलन में यह तय किया गया था कि जर्मनी के लोगों के मानव अधिकारों को सुरक्षित रखा
जाएगा फिर भी बहुत से जर्मन लोगों को पकड़कर सोवियत संघ लाया गया या शिविरों में बंद
कर दिया गया। कुछ समय बाद सोवियत संघ ने अपने कब्जा ग्रस्त क्षेत्रों में नई मुद्रा
चालू की तथा बर्लिन की नाकेबंदी कर दी।
4.
अमेरिका विरोधी प्रचार
सोवियत
संघ के समाचार पत्रों ने खुलकर अमेरिका की निंदा का अभियान शुरू कर दिया ऐसा करने का
उद्देश्य यह था कि दुनिया के अन्य देशों की दृष्टि में अमेरिका को कलंकित करना,
1947 में साम्यवादी सूचना विभाग की स्थापना हुई इसमें फ्रांस एवं इटली संहित अन्य देशों
की कम्युनिस्ट पार्टियों को शामिल किया गया।
5.
समाजवादी व्यवस्था का विरोध
जब
1917 में सोवियत संघ में समाजवादी राज्य बना तो पूंजीवादी देशों में 1918 -19 में उसकी
घेराबंदी की तथा उसे मिटाने का प्रयास किया जो लेनिन की कुशल कूटनीति के कारण सफल ना
हो सका, 1933 तक अमेरिका ने सोवियत संघ को कूटनीतिक मान्यता नहीं दी तथा 1939 में पूंजीवादी
शक्तियों ने उसे राष्ट्र संघ से बाहर कर दिया।
6.
पूर्वी यूरोप में सोवियत विस्तार वाद का विरोध
स्टालिन
के अनुसार याल्टा सम्मेलन में यह तय किया गया था कि सोवियत संघ अपने पश्चिमी पड़ोसियों
के साथ अच्छे संबंध बनाएं तथा वहां महत्वपूर्ण शासन की स्थापना करें इसलिए पोलैंड,
चेकोस्लोवाकिया, बुल्गारिया, हंगरी एवं रोमानिया में स्टालिन ने जन लोकतंत्र की स्थापना
की ।
सन 1946 के बाद दोनों महा शक्तियों के बीच दरारें और बढ़ते चली गई। और शीत युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
भाग 1 ( समकालीन विश्व राजनीति) | |
भाग 2 (स्वतंत्र भारत में राजनीति ) | |