प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
इतिहास (History)
अध्याय-15 संविधान का निर्माण एक नए युग की शुरुआत
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Question)
1. संविधान सभा के निर्माण में कितना समय लगा?
a.
2 वर्ष 11 माह 11 दिन
b. 2 वर्ष 11 माह 18 दिन
c.
3 वर्ष 11 माह 11 दिन
d.
3 वर्ष 11 माह 18 दिन
2. भारतीय संविधान कब लागू किया गया?
a.
26 जनवरी 1949
b.
26 नवंबर 1949
c.
26 नवंबर 1950
d. 26 जनवरी 1950
3. संविधान सभा की बैठक में कितने सदस्य उपस्थित थे?
a.
110 सदस्य
b. 210 सदस्य
c.
310 सदस्य
d.
79 सदस्य
4. संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे?
a.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद
b.
जवाहरलाल नेहरू
c. डॉ. भीमराव अंबेडकर
d.
सरदार पटेल
5. भारतीय संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष कौन थे?
a.
जवाहरलाल नेहरू
b. डॉ. राजेंद्र प्रसाद
c.
सरदार पटेल
d.
डॉ. भीमराव अंबेडकर.
6. कैबिनेट मिशन के सदस्य थे
a.
पैथिक लोरेंस
b.
ए. बी. अलेकजेंडर
c.
सर स्टेफोर्ड क्रिप्स
d. इनमें से सभी
7. संविधान सभा के संचालन समिति के अध्यक्ष कौन थे?
a. राजेंद्र प्रसाद
b.
जवाहरलाल नेहरु
c.
भीमराव अंबेडकर
d.
सरदार पटेल
8. भारत को कब गणतंत्र घोषित किया गया?
a. 26 जनवरी 1950
b.
26 जनवरी 1930
c.
14 अगस्त 1950
d.
15 अगस्त 1947
9. कौन सी महिला भारतीय संविधान सभा की सदस्य थी?
a.
हंसा मेहता
b.
सरोजिनी नायडू
c.
दुर्गाबाई देशमुख
d. इनमें से सभी
10. भारत के संविधान का पिता किसे कहा जाता है?
a.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद
b. डॉ. भीमराव अंबेडकर
c.
डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा
d.
पं.जवाहरलाल नेहरू
11. भारतीय संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन के अंतर्गत किस वर्ष हुआ?
a.
1942
b.
1944
c. 1946
d.
1947
12. प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस कब मनाया गया?
a.
26 जनवरी 1950
b.
15 अगस्त 1947
c. 16 अगस्त 1946
d.
इनमें से कोई नहीं
13. 1895 ई. के स्वराज विधेयक किसके निर्देशन में तैयार किया गया था?
a.
सुभाष चंद्र बोस
b.
अंबेडकर
c. बाल गंगाधर तिलक
d.
जवाहरलाल नेहरू
14. भारतीय संविधान के अस्थाई अध्यक्ष कौन थे?
a.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद
b. डॉ.सच्चिदानंद सिन्हा
c. डॉ. भीमराव अंबेडकर
d.
बी. एन. राव
15. उद्देश्य प्रस्ताव कब प्रस्तुत किया गया था?
a. 13 दिसंबर 1946
b.
9 दिसंबर 1946
c.
8 अगस्त 1942
d.
26 जनवरी 1950
16. संविधान सभा में कुल कितने सदस्यों का प्रावधान था?
a.
386
b. 389
c.
370
d.
595
17. भारत में कितनी रियासतें थी?
a. 562
b.
563
c.
564
d.
654
18. किसे संवैधानिक सलाहकार पद पर नियुक्त किया गया?
a.
डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा
b.
डॉ राजेंद्र प्रसाद
c. बी. एन. राव.
d.
गोविंद बल्लभ
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. संविधान सभा की प्रथम बैठक कब और किसके अध्यक्षता में हुई थी?
उत्तर-
संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसंबर 1946 ई. को डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा की अध्यक्षता
में हुई थी।
2. महात्मा गांधी किस भाषा को राष्ट्रीय भाषा बनाना चाहते थे?
उत्तर-
महात्मा गांधी हिंदुस्तानी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाना चाहते थे।
3. भारत के अंतिम वायसराय कौन थे?
उत्तर-
भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन थे।
4. संविधान निर्मात्री सभा का गठन किस योजना के आधार पर हुआ था?
उत्तर-
संविधान निर्मात्री सभा का गठन कैबिनेट मिशन योजना के आधार पर हुआ था।
5. स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री कौन थे?
उत्तर
- स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल थे।
6. संविधान सभा में सर्वप्रथम हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग किसने
की थी?
उत्तर
: संविधान सभा में सर्वप्रथम हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग संयुक्त प्रांत के
कांग्रेसी सदस्य आर.वी. धूलेकर ने की थी।
7. किस रियासत के प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मिलित नहीं थे?
उत्तर:
हैदराबाद रियासत के प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मिलित नहीं थे।
8. स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे?
उत्तर
: स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू थे।
9. संविधान सभा द्वारा प्रारूप समिति का गठन कब किया गया था?
उत्तर
: संविधान सभा द्वारा प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त 1947 ई. को किया गया।
10. उद्देश्य प्रस्ताव कब और किसने प्रस्तुत किया?
उत्तर
: पं. जवाहरलाल नेहरू ने 13 दिसंबर 1946 ई. को उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. संविधान सभा के प्रमुख समितियों का वर्णन करें?
उत्तर
: संविधान के निर्माण का कार्य करने के लिए अनेक समितियां बनाई गई जिनमें प्रमुख थी
1.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में संचालन समिति।
2.
पं. जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में संघ संविधान समिति।
3.
सरदार वल्लभ भाई पटेल की अध्यक्षता में प्रांतीय संविधान समिति।
4.
जे. बी. कृपलानी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय ध्वज समिति।
5.
भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में 7 सदस्यों की प्रारूप समिति।
2. संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूचीओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए?
उत्तर
: संघ सूची - संघ सूची में वे विषय रखे गए जो राष्ट्रीय महत्व के हैं तथा जिनके
बारे में देश भर में एक समान नीति होना आवश्यक है जैसे प्रतिरक्षा, विदेश नीति, डाक,
तार एवं टेलीफोन, रेल, मुद्रा, बीमा एवं विदेशी व्यापार इत्यादि इस सूची में कुल
97 विषय हैं।
राज्य
सूची
- राज्य सूची में प्रादेशिक महत्व के विषय सम्मिलित किए गए थे जिन पर कानून बनाने का
अधिकार राज्य सरकारों को दिया गया। राज्य सूची के विषय में कृषि, पुलिस, जेल, चिकित्सा,
स्वास्थ्य, सिंचाई एवं मालगुजारी आदि, इन विषयों की संख्या 66 थी।
समवर्ती
सूची
- समवर्ती सूची में 47 विषय थे इस सूची के विषयों पर केंद्र तथा राज्य दोनों कानून
बना सकते हैं परंतु किसी विषय पर यदि संसद और राज्य के विधान मंडल द्वारा बनाए गए कानूनों
में विरोध होता है तो संसद द्वारा बनाए गए कानून ही मान्य होंगे। समवर्ती सूची के विषय
है बिजली, विवाह कानून, मूल्य नियंत्रण समाचार पत्र छापेखाने, दीवानी कानून, शिक्षा
एवं जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन आदि।
3. उद्देश्य प्रस्ताव में किन आदर्शों पर जोर दिया गया?
उत्तर:
पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा 13 दिसंबर 1946 ई. को संविधान सभा के सामने एक ऐतिहासिक
प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया जिसे उद्देश्य प्रस्ताव के नाम से जाना जाता है। इस ऐतिहासिक
प्रस्ताव में भारतीय संविधान के मूल आदर्शों की व्याख्या प्रस्तुत की गई तथा संविधान
सभा के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक सुझाव दिए गए, इस प्रस्ताव में भारत को एक
स्वतंत्र संप्रभु गणराज्य घोषित किया गया तथा नागरिकों को स्वतंत्रता, समानता और न्याय
का आश्वासन दिया गया था।
4. भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के क्या कार्य थे?
उत्तर:
संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा द्वारा प्रारूप
समिति का गठन किया गया, इस समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे प्रारूप समिति का
काम था कि वह संविधान सभा के परामर्श शाखा द्वारा तैयार की गई संविधान का परीक्षण करें
और संविधान के प्रारूप को विचारार्थ संविधान सभा के सम्मुख प्रस्तुत करे प्रारूप समिति
ने भारतीय संविधान का जो प्रारूप तैयार किया वह फरवरी 1948 में संविधान सभा के अध्यक्ष
को सौंपा गया।
5. भारतीय संविधान सभा ने भाषा के विवाद को कैसे हल किया?
उत्तर
: भारतीय संविधान सभा ने भाषा के विवाद को हल करने के लिए लगभग तीन वर्ष बाद अपनी रिपोर्ट
पेश की, समिति ने सुझाव दिया कि देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी भारत की राजकीय भाषा
होगी, समिति का मानना था कि हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ना
चाहिए, पहले 15 वर्षों तक सरकारी कामों में अंग्रेजी का इस्तेमाल होना चाहिए। संविधान
सभा ने प्रत्येक प्रांत को अपने कामों के लिए क्षेत्रीय भाषा चुनने का अधिकार प्रदान
किया। संविधान की भाषा समिति ने हिंदी को राष्ट्रभाषा की बजाय राजभाषा कहकर हिंदी के
समर्थकों और विरोधियों को शांत करने के उपाय और सर्वस्वीकृत समाधान पेश करने का प्रयास
किया था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. विभिन्न समूह अल्पसंख्यक शब्द को किस तरह परिभाषित कर रहे थे?
उत्तर
: विभिन्न समूह अल्पसंख्यक शब्द को निम्नलिखित रूप में परिभाषित कर रहे थे
1.
कुछ समूह अल्पसंख्यकों के लिए पृथक निर्वाचिका बनाए रखना चाहते थे। मद्रास के बी. पोकर
बहादुर का विचार था कि राजनीतिक व्यवस्था में अल्पसंख्यकों को पूर्ण प्रतिनिधित्व दिया
जाए, उनकी आवाज को सुना जाए तथा उनके विचारों पर ध्यान दिया जाए।
2.
समाजवादी विचारों के समर्थक एवं किसान आंदोलन के नेता एन. जी. रंगा का विचार था कि
अधिक संख्या में गरीब और दबे कुचले लोग थे। अतः अल्पसंख्यक शब्द की व्याख्या संख्या
के आधार पर नहीं बल्कि आर्थिक स्तर के आधार पर की जानी चाहिए।
3.
आदिवासी समूह के प्रतिनिधि जयपाल सिंह की दृष्टि में वास्तविक अल्पसंख्यक आदिवासी लोग
थे, जिन्हें वर्षों से अपमानित और उपेक्षित किया जा रहा था।
जयपाल
सिंह ने स्पष्ट किया कि आदिवासी संख्या की दृष्टि से अल्पसंख्यक नहीं है फिर भी उन्हें
संरक्षण की आवश्यकता है उन्हें आदिम और पिछड़ा हुआ माना जाता है तथा उपेक्षा की दृष्टि
से देखा जाता है।
जयपाल
सिंह पृथक निर्वाचन के पक्ष में नहीं थे किंतु वे विधायिका में आदिवासियों के प्रतिनिधित्व
के लिए सीटों की आरक्षण को आवश्यक समझते थे। एन. जी. रंगा भी आदिवासियों को अल्पसंख्यक
समूहों के अंतर्गत रखे जाने के समर्थक थे।
4.
दमित समूह के के. नागप्पा और के. जे. खांडेलकर जैसे नेताओं के अनुसार वास्तविक अल्पसंख्यक
दमित समूह थे यद्यपि वे संख्या की दृष्टि से अल्पसंख्यक नहीं थे नागप्पा के विचार अनुसार
संख्या की दृष्टि से हरिजन अल्पसंख्यक नहीं थे क्योंकि वे जनसंख्या का लगभग 20 से
25% का निर्माण करते थे उनकी समस्याओं का मूल कारण उन्हें समाज एवं राजनीति के हाशिए
पर रखा जाना था वे न तो शिक्षा प्राप्त कर सकते थे और ना ही शासन में भागीदारी।
इस
प्रकार विभिन्न समूह द्वारा अल्पसंख्यक शब्द को अनेक प्रकार से परिभाषित किया गया।
2. महात्मा गांधी को ऐसा क्यों लगता था कि हिंदुस्तानी राष्ट्रीय भाषा
होनी चाहिए?
उत्तर
: गांधीजी अनेक कारणों से हिंदुस्तानी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने के पक्ष में थे जो
निम्नलिखित है।
1.
हिंदी और उर्दू के मेल से उत्पन्न हुई हिंदुस्तानी भारतीय जनता के एक विशाल भाग की
भाषा थी।
2.
हिंदुस्तानी विभिन्न संस्कृतियों के आदान-प्रदान से समृद्ध हुई थी और इस प्रकार यह
जन सामान्य की एक साझी भाषा बन गई थी।
3.
हिंदुस्तानी में समय के साथ साथ अनेक नए नए शब्दों और अर्थों का समावेश होता गया था,
इस कारण विभिन्न क्षेत्रों के अनेक लोग इसे भली-भांति समझ सकते थे।
4.
गांधी जी का विचार था कि राष्ट्रीय भाषा एक ऐसी भाषा होनी चाहिए जिससे सभी लोग सरलता
पूर्वक समझ सकें हिंदुस्तानी भाषा इस पर खरी उतरत थी।
5.
हिंदुस्तानी न तो संस्कृत निष्ठ हिंदी थी और ना ही फारसी निष्ठ उर्दू, यह दोनों का
सुंदर मिश्रण थी।
6.
हिंदुस्तानी में विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के अनेक शब्द विद्यमान थे गांधी जी का विश्वास
था कि हिंदुस्तानी बहुसांस्कृतिक भाषा थी और विभिन्न समुदायों के मध्य संचार की आदर्श
भाषा हो सकती थी।
7.
गांधीजी के विचार अनुसार हिंदुस्तानी हिंदू और मुसलमानों को तथा उत्तर और दक्षिण के
लोगों को समान रूप से एकजुट करने में समर्थ हो सकती थी।
3. भारतीय संविधान के निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर की भूमिका का
वर्णन करें?
उत्तर
: भारतीय संविधान के निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर की भूमिका-
1.
संविधान सभा के सदस्य के रूप में- भारत के स्वतंत्रता के बाद
जब कैबिनेट मिशन योजना के तहत भारतीय संविधान सभा और संविधान का निर्माण हुआ तो उसमें
डॉ.अंबेडकर का अमूल्य योगदान रहा उनके योगदान को देखते हुए ही डॉ. अंबेडकर को भारतीय
संविधान का सृजनकर्ता, निर्माता एवं जनक कहा जाता है।
2.
प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में- संविधान निर्माण के कार्य
में संविधान से संबंधित अनेक समितियों का गठन किया गया, जिसमें एक सबसे प्रमुख समिति
थी प्रारूप समिति। जिसे ड्राफ्टिंग कमिटी या पांडू लेखन समिति भी कहा जाता है। प्रारूप
समिति के अध्यक्ष डॉ. आंबेडकर थे। प्रारूप समिति का काम था कि वह संविधान सभा के परामर्श
शाखा द्वारा तैयार किए गए संविधान का परीक्षण करें और संविधान के प्रारूप को विचारार्थ
संविधान सभा के सम्मुख प्रस्तुत करें।
3. संविधान निर्माता के रूप में - डॉ. अंबेडकर को समाज में कई बार अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा था, इन सब का सामना करते हुए उन्होंने ना केवल अछूत मानी जाने वाली जातियों के उत्थान के लिए और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि संविधान में उनके लिए प्रावधान किए जाने में अहम भूमिका निभाई।