मुख्य लक्षण
➡️ विश्व बैंक ने अपनी World Development Report (2006) में,
प्रति व्यक्ति कुल राष्ट्रीय उत्पाद (Gross National Product) के आधार पर विभिन्न देशों
का वर्गीकरण किया है-
1. निम्न आय वाले राष्ट्र इनमें
2004 में प्रति व्यक्ति कुल राष्ट्रीय उत्पाद 825 डालर या इससे कम है।
2. मध्यम आय वाले देश जिनकी
प्रति व्यक्ति आय 826 -10,065$ डालर की अभिसीमा की बीच की है।
3. उच्च आय वाले देशों में
आर्थिक सहयोग एवं विकास संस्था के सदस्य कुछ अन्य देश भी हैं जिनमें प्रति व्यक्ति
डॉलर 10,066$ डालर या इससे अधिक हैं।
➡️ निम्न आय वर्ग के देश
निम्नलिखित हैं- बांग्लादेश, बर्मा, अफगानिस्तान, भारत, श्रीलंका, चीन, पाकिस्तान,
तन्जानिया, कीनिया, सूडान आदि हैं।
➡️ मध्य आय वर्ग के मुख्य
देश - इन्डोनेशिया, मिस्र, थाइलैण्ड, फिलीपाइन्स,
नाइजेरिया, मलेशिया, दक्षिणी कोरिया, टर्की, मैक्सिको, दक्षिणी अफ्रीका, ब्राजील, अर्जेन्टीना,
युगोस्लाविया, वेनेजुएला आदि हैं।
➡️ उच्च आय वाले देश - जिनकी
प्रति व्यक्ति आय 9386 डालर या इससे अधिक है।
➡️ संयुक्त राष्ट्र संघ
के विशेषज्ञों के अनुसार हमें अल्प विकसित देश शब्द के अर्थ समझने में कुछ कठिनाई हुई
है। हमने इस शब्द के अर्थ का प्रयोग उन देशों के अर्थ में किया है जिनकी प्रति व्यक्ति
वास्तविक आय संयुक्त राज्य अमेरिका, आस्ट्रेलिया, और पश्चिमी यूरोप की प्रति व्यक्ति
वास्तविक आय की तुलना में कम है। इस अर्थ में 'निर्धन देश' उपयुक्त 'पर्याय' होगा।
➡️ अल्प विकसित देश सापेक्ष
शब्द है। सामान्यतया वे देश जिनकी वास्तविक प्रति व्यक्ति आय संयुक्त राज्य अमेरिका
की प्रति व्यक्ति आय की एक चौथाई से कम है, अल्पविकसित देशों के वर्ग में रखे जाते
हैं।
➡️ अल्पविकसित देश की सबसे
बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ तीव्र जनसंख्या वृद्धि, कृषि पर अत्यधिक निर्भरता, निरक्षरता,
बेरोजगारी दृष्टिगोचर होती है। यहाँ आधारित संरचना का भी अभाव होता है।
➡️ हाल ही के वर्षों में
इन अर्थवस्थाओं को अल्प विकसित कहने के बजाय संयुक्त राष्ट्र के प्रशासनों में विकासशील
अर्थ व्यवस्थाओं के रूप में (Development Economices) सम्बोधित किया है।
➡️ विकासशील अर्थव्यवस्थाओं
के शब्द से यह बोध होता है कि चाहे ये अर्थव्यवस्थायें अल्पविकसित हों किन्तु इनमें
विकास प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है।
➡️ अर्थव्यवस्था दो वर्गों
में विभाजित की जाती हैं, विकासशील अर्थव्यवस्थायें तथा विकसित अर्थव्यवस्थायें।
➡️ विकसित देशों की तुलना में
भारत की प्रतिव्यक्ति आय बहुत कम है।
➡️ डेवलपमेंट इंडिकेटर्स
1998 अनुसार विकासशील देशों की जनसंख्या के एक तिहाई भाग से अधिक लोग अन्तर्राष्ट्रीय
गरीबी रेखा (एक डॉलर प्रति व्यक्ति) से नीचे है। विश्व के कुल जनसंख्या की लगभग
60% गरीब जनसंख्या भारत तथा चीन में रहती है।
➡️ वर्ड डेवलपमेंट इन्डिकेटर्स
2004 के अनुसार 2000 में विश्व के गरीबी का 78% भाग 12 देशों में केन्द्रित था।
➡️ राष्ट्रीय प्रतिदर्श के 55वें चक्र के अनुसार भारत में गरीबी
अनुपात जो में 54.9% था, 1993-94 में घटा, पर अब भी यह अनुपात 26% प्रतिशत है।
➡️ विकसित देशों की तुलना
में अल्प विकसित देशों में कृषि में अधिक लोग कार्यरत है।
➡️ 1996 में कृषि लगी श्रम
शक्ति का प्रतिशत अमेरिका में 3, जर्मनी में 14 तथा कनाडा में 3 था, वहीं भारत में
इसका प्रतिशत 64, चीन में 72 तथा बंगलादेश में 65 रहा।
➡️ अल्प विकसित देशों में
पायी जाने वाली जनांकिकीय विशेषताएं भारत में अब भी पायी जाती है।
➡️ प्रविधि के सम्बन्ध
में पिछड़ापन, व्यापक बेरोजगारी तथा प्रच्छन बेरोजगारी, दोषपूर्ण आर्थिक तथा सामाजिक
संगठन, असंतोषजनक जीवन की गुणवत्ता आदि कुछ ऐसी विशेषताएं है जो भारत में पायी जाती
है।
➡️ प्रो० केयर्नक्रास के
शब्दों में- "अल्प विकसित अर्थव्यवस्थायें विश्व अर्थव्यवस्था की गन्दी बस्तियाँ
हैं।"
➡️ युगीन स्टेली के अनुसार
वह देश जिसमें व्यापक निर्धनता, जो कि स्थायी हो, न कि अस्थायी, विपद का दुष्परिणाम
हो, उत्पादन तथा सामाजिक संगठन के अप्रचलित तरीकों का व्यवहार होता है। जिसका अर्थ
यह है कि निर्धनता पूर्णतया प्राकृतिक कारणों से नहीं बल्कि इसे अन्य देशों में परखे
हुए तरीकों के द्वारा सम्भवतः कम किया जा सकती है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की मूल विशेषतायें
➡️ निम्न
व्यक्ति आय।
➡️ भारत का व्यावसायिक
ढाँचा, प्राथमिक उत्पादनशील है।
➡️ जनसंख्या का लगातार
बढ़ता दबाव।
➡️ भारत में व्याप्त बेरोजगारी
।
➡️ पूँजी का अभाव।
➡️ परिसम्पत्तियों का दोषपूर्ण
वितरण।
➡️ निम्न तकनीकी।
➡️ निम्न जीवन स्तर
➡️ घटिया किस्म की मानव
पूँजी ।
➡️ जनांकिकीय लक्षण एक अल्पविकसित देश के हैं।
➡️ निर्बल आर्थिक संगठन।
भारतीय अर्थव्यवस्था में हुए संरचनात्मक परिवर्तन
➡️ सकल घरेलू उत्पाद में
कृषि योगदान में कमी आयी है। जहाँ 1950-51 में सकल घरेलू उत्पाद में इका योगदान
58.8% था, वहीं 2000-01 में 28% हो गया।
➡️ जैसे-जैसे विकास होता
है, सकल घरेलू उत्पाद के कृषि का योगदान कम होता है।
➡️ औद्योगिक क्षेत्र के
योगदान में तीव्र वृद्धि आयी है।
➡️ सकल घरेलू उत्पाद में
तृतीयक क्षेत्र के योगदान में अधिक वृद्धि आयी है। इसके योगदान का प्रतिशत 1950-51
में 11% था। जो 1999-2000 में 52.3 प्रतिशत हो गया।
➡️ आधारभूत एवं पूँजी उद्योगों
का विकास हुआ है। भारत में लोहा एवं इस्पात, भारी इन्जीनियरिंग, रसायन, उर्वरक, बिजली
के भारी उपकरण, पेट्रोलियम, रेल आदि के क्षेत्र में अच्छी प्रगति हुई है।
➡️ अवस्थापन के क्षेत्र
में तेजी से विस्तार हुआ है तथा जीवन के गुणवत्ता भी पहले की तुलना में बढ़ी है।
➡️ प्राथमिक वस्तुओं के स्थान पर निर्मित वस्तुओं के निर्यात
में वृद्धि हुई।
➡️ वैश्वीकरण तथा उदारीकरण
के साथ चालू खाते पर रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण के प्रतीक
है।
आर्थिक विकास की निम्न अवस्थायें हैं-
1. परम्परागत समाज
2. स्फूर्ति के की दशा
3. स्फूर्ति की दशा
4. परिपक्वता की ओर
5. अत्यधिक उपभोग की अवस्था
➡️ प्रो० रोडान, प्रो० नर्क्स,
प्रो० लेविस सन्तुलित विकास के प्रमुख समर्थक हैं।
➡️ गरीबी के दुःचक्र की
अवधारणा को प्रो० नर्क्स ने विकसित किया।
➡️ अल्प विकसित देशों में
जहाँ कृषि तकनीकी पिछड़ी हुई दशा में है, वहाँ उद्योगों में आधुनिक तकनीकी अपनायी गयी।
➡️ चूँकि नवीन तकनीकी पूँजी
प्रधान है, अत: इसे अपनाने के लिए पूँजी की आवश्यकता होगी, इस व्यवस्था को प्रो० हिंगिस
ने प्रोद्योगिकीय द्वैतवाद कहा है (Techological Dulism)
➡️ अखिल भारतीय खादी ग्रामों
उद्योगों की स्थापना, 1952 में की गयी।
➡️ "Problem of
capital formation in under develped Economiscs" नामक पुस्तक की रचना प्रो० नर्क्स
ने की है।
➡️ वस्तु के बदले में वस्तु
का आदान-प्रदान वस्तु विनिमय कहलाता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था : महत्त्वपूर्ण तथ्य
➡️ भारत उत्तरी गोलार्द्ध
में 8°4' से 37°6' अक्षांशों तथा 68°7' से 97°25' पूर्वी देशान्तरों के मध्य में स्थित
है।
➡️ इसका क्षेत्रफल
32,87,263 वर्ग किमी० है जो विश्व का 2.42% है।
➡️ मैक मोहन रेखा, भारत
और चीन के बीच सीमा निर्धारित करती है।
➡️ रेडक्लिफ- भारत तथा
पाकिस्तान के बीच की सीमा है,
➡️ भारत तथा म्यांमार के
बीच हिमालय की लुशाई, पटकोई, अराकान आदि श्रेणियाँ प्राकृतिक सीमा बनाती हैं।
➡️ 24° अक्षांश कच्छ के रण
में भारत और पाक सीमा का विवाद है।
➡️ इसकी भूमि सीमा 15,200 किमी० है तथा द्वीप समूहों सहित समुद्र
तट की लम्बाई 7516.6 किमी० है ।
➡️ जनसंख्या की दृष्टि से चीन के बाद संसार में भारत का दूसरा
स्थान है।
➡️ क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत संसार का सातवाँ सबसे बड़ा
देश है।
➡️ उत्तर से दक्षिण तक इसकी
दूरी 3214 किमी० तथा पूर्व से पश्चिम तक इसकी दूरी 2933 किमी0 है।
➡️ कर्क वृत्त भारत को लगभग
दो भागों में विभाजित करता है।
➡️ भारत की स्थल सीमा पर पाकिस्तान,
अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश हैं।
➡️ पूर्व में बांग्लादेश
के साथ भारत की 4096, किमी0 लम्बी, उत्तर में चीन के साथ 3917 किमी० लम्बी, अफगानिस्तान
के साथ 80 किमी० लम्बी तथा उत्तर पश्चिम में पाकिस्तान के साथ 3310 किमी० लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय
सीमा है।
➡️ भारत की नेपाल के साथ
1752 किमी० लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा है।
➡️ 824 1/2° पूर्वी देशान्तर को भारत का मानक समय माना गया
है।
➡️ भारत में सम्पूर्ण विश्व
की 16.6% जनसंख्या निवास करती है।
➡️ भारत के उत्तर में त्रिपल
प्वाइंट स्थित है जहाँ तीन देश अफगानिस्तान, कजाकिस्तान तथा चीन की सीमा मिलती है।
➡️ भारत में कुल द्वीपों
की संख्या 247 है। 204 बंगाल की खाड़ी में तथा 43 अरब सागर में है।
➡️ मैकमोहन रेखा (4224 किमी०) भारत व चीन के मध्य सीमा बनाती
है।
➡️ रेडक्तिमक रेखा पाकिस्तान
व भारत के मध्य सीमा निर्धारित करती है।
➡️ भारत-म्यानमार (बर्मा)
के मध्य हिमालय की लुशाई, पटकोई, अराकान आदि श्रेणियां प्राकृतिक सीमा बनाती है।
➡️ 821 1/2° पूर्वी देशान्तर रेखा भारत 5 राज्यों आन्ध्र प्रदेश,
उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश से होकर गुजरती है।
➡️ जम्मू-कश्मीर, पंजाब,
राजस्थान, गुजरात की सीमा पाकिस्तान से मिलती है। जम्मू कश्मीर की सीमा अफगानिस्तान
से मिलती है।
➡️ पश्चिम बंगाल, असम,
मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम की सीमा बांग्लादेश से मिलती है।
➡️ सिक्किम, प० बंगाल,
असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमाएं भूटान से मिलती है।
➡️ उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश,
बिहार, प० बंगाल और सिक्किम की सीमाएं नेपाल से मिलती है।
➡️ अरुणाचल, नागालैण्ड,
मणिपुर, मिरोजम की सीमाएँ म्यानमार से मिलती है।
➡️ उत्तर प्रदेश सर्वाधिक
8 राज्यों को स्पर्श करती है।
➡️ क्षेत्र की दृष्टि से सबसे
बड़ा राज्य राजस्थान है।
➡️ सबसे लम्बी समुद्री
तटरेखा गुजरात से लगी है।
➡️ प० बंगाल, जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश तीन देशों की सीमाओं
को स्पर्श करती है।
➡️ सिन्धु गंगा मैदान लगभग
2400 कि०मी० लम्बा और 140-450 कि०मी० चौड़ा है।
➡️ यह विश्व के विशालतम
समतल और उपजाऊ मैदानों में से एक है।
➡️ भारत के दक्षिणी भाग
को प्रायः द्वीपीय पठार कहते हैं।
➡️ प्रायद्वीपीय पठार
में अरावली, विन्ध्यांचल, सतपुड़ा, मैकाल, अजन्ता की पहाड़िया है। प्रायद्वीप का पूर्वी
भाग पूर्वी घाट और पश्चिमी भाग पश्चिमी घाट है।
➡️ अरावली पर्वत की सबसे
ऊँची चोटी गुरु शिखर है।
➡️ सतपुड़ा पर्वत श्रेणी की
सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ है।
➡️ उत्तरांचल की सबसे ऊँची
पर्वत नन्दा देवी है।
➡️ कुल्लू घाटी धौलाधार
और पीर जंजाल श्रेणी के बीच स्थित है।
➡️ भारत का प्रसिद्ध हिल
स्टेशन ऊटी (उटकमंड) नीलगिरी पहाड़ी में स्थित है।
➡️ पूर्वी तथा पश्चिमी घाट
नीलगिरि पहाड़ों पर आकर मिलती है।
➡️ पूर्वी घाट की सबसे
ऊँची छोटी महेन्द्र गिरि है।
➡️ प्रमुख जवाहर सुरंग
का निर्माण पीरपंजाल पर्वत श्रेणी में हुआ है।
➡️ हिमालय की अधिकांशतः
ऊँची चोटी नेपाल में स्थित है।
➡️ मेघालय पठार की सबसे
ऊँची चोटी नौकरेक है।
➡️ हिमालय का विस्तार नाग
पर्वत तथा नामचावारवा तक है।
➡️ भारत को चार प्राकृतिक
भागों में बाँटा जाता है-
1. उत्तर का पर्वतीय भाग
2. गंगा यमुना का मैदानी भाग
3. दक्षिणी का पठारी भाग
4. समुद्र तटीय मैदान ।
➡️ भारत में 2011 की जनगणना
रिपोर्ट के अनुसार 121.02 करोड़ जनसंख्या है।
➡️ भारत विश्व में सर्वाधिक
स्वर्ण खपत करने वाला देश है।
➡️ दुग्ध के उत्पादन में
भारत वर्तमान समय में विश्व में पहले पर है।
➡️ भारत में कुल कृषि योग्य
भूमि का लगभग 40% भाग सिंचित हैं।
➡️ भारत में 11.15 करोड़
हेक्टेयर भूमि पर कृषि कार्य सम्पादित किया जा रहा है जो कुल भूमि क्षेत्रफल का
49.8% है।
➡️ कुएँ, नलकूप, ट्यूबवेल्स
कुल सिंचित क्षेत्र का 51 प्रतिशत भाग को सिंचित करते हैं।
➡️ भारत का सबसे प्राचीन
उद्योग सूती वस्त्र उद्योग है।
➡️ औद्योगिक क्षेत्र में
देश की कुल कार्यशील जनसंख्या का 12 प्रतिशत भाग कार्यशील है।
➡️ भारत में सड़कों की
लम्बाई 33.22 लाख किलोमीटर है।
➡️ इण्डियन एयर लाइन्स (Indian Air Lines) देश की भौगोलिक सीमा
में वायु सेवायें प्रदान करती है जबकि एअर इण्डिया (Air India) अन्तर्राष्ट्रीय पटल
पर वायु सेवा प्रदान करती है।
➡️ 1995 में भारतीय विमान
पत्तन प्राधिकरण बनाया गया।
➡️ स्वतन्त्रता के बाद
मात्र दो ही ऐसे वर्ष थे, 1972-73 तथा 1976-77 जब भारतीय व्यापार विश्व पटल पर लाभ
की दशा में था। शेष सभी वर्षों में भारतीय व्यापार हानि की दशा में रहा।
➡️ स्वतन्त्रता के बाद भारत
के विदेशी व्यापार में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है।
➡️ विश्व व्यापार संगठन
का गठन GATI के स्थान पर किया गया हैं।
➡️ जनवरी, 1993 में FERA,
1973 को संशोधित किया गया।
➡️ तम्बाकू के उत्पादन में
भारत का विश्व में तीसरा स्थान है।
➡️ अप्रैल, 1997 से औद्योगिक
उत्पादन सूचकांक का आधार वर्ष 1993-94 है।
➡️ विश्व निर्यात में भारत
का अंश 2004 में मात्र 0.8% था। अब 1% से अधिक हो गया है।
➡️ नायक समिति का सम्बन्ध लघु
उद्योगों से है।
➡️ अभ्रक उत्पाद में भारत प्रथम
स्थान पर है।
➡️ विश्व में भारत अभ्रक का
60 प्रतिशत व्यापार करता है।
➡️ कॉफी के उत्पादन में विश्व
में भारत का योगदान 4% प्रतिशत है।
➡️ इस समय नवीनतम आँकड़ों के
अनुसार देश की 12 प्रतिशत जनसंख्या औद्योगिक क्षेत्र में संलग्न है।
➡️ हिन्दू वृद्धि दर की अवधारणा
का विकास प्रो० राज कृष्णा ने किया।
➡️ भारत में हिन्दू वृद्धि
दर राष्ट्रीय आय की वृद्धि दर से सम्बन्धित है।
➡️ भारत जनसंख्या की दृष्टि
से चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।
➡️ जनसंख्या के आधार पर भारत
के उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र तथा पश्चिमी बंगाल प्रान्त अग्रणी है।
➡️ भारत में कुल जनसंख्या का
57% माग ही कार्यशील है।
➡️ कोयला उत्पादन में भारत
का विश्व पटल पर तीसरा स्थान है।
➡️ बाक्साइट के उत्पादन में
पाँचवाँ स्थान है।
➡️ भारतीय अर्थव्यवस्था एक
खुली अर्थव्यवस्था कहलाती है।
➡️ किसी भी देश की अर्थव्यवस्था
बंद तब कहलाती है जब वह दूसरे देशों से व्यापार न करे। अर्थात् न ही आयात करे और न
ही निर्यात करे।
➡️ विश्व में सबसे पहले सोवियत
रूस ने 1920 में नियोजन प्रक्रिया को व्यापारिक रूप प्रदान किया।
➡️ भारत में सन् 1934 में प्रो०
एम० विश्वेश्वरैया ने "Planned Economy of India" नामक पुस्तक की रचना करके
पहली बार नियोजन की ओर देश की जनता का ध्यान आकृष्ट किया।
➡️ प्रथम पंचवर्षीय योजना
1 अप्रैल, 1951 से प्रारम्भ हुई।
➡️ इस समय 11 पंचवर्षीय योजनाएं
पूरी हो चुकी है।
➡️ देश की प्रथम योजना का माडल
हैरड- डोमर ने तैयार किया था।
➡️ प्रत्येक योजना काल के लिए
1970-71 से कृषि एवं सहकारिता विभाग कार्य कर रहा है।
➡️ भारत में कृषि कीमत
आयोग का गठन 1965 में किया गया।
➡️ विश्व में सर्वाधिक सहकारी
समिति संस्थायें भारत में है।
➡️ भारत में 219 सहकारी चीनी
मिले हैं जो देश की उत्पादन का 65 प्रतिशत भाग उत्पादित करती है।
➡️ 1954 में लघु उद्योग विकास
संगठन की स्थापना की गयी।
➡️ ग्रामीण महिला और बाल विकास
कार्यक्रम 1982 से प्रारम्भ किया गया।
➡️ महिला समृद्धि योजना की
घोषणा श्री पी०वी० नरसिंह राव द्वारा 15 अगस्त, 1993 को की गयी।
➡️ अन्तोदय योजना अति निर्धन
लोगों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए योजना है।
➡️ वर्ष 1921, भारतीय जनगणना
इतिहास में महान विभाजक वर्ष के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस दशक में जनसंख्या वृद्धि
में कमी आयी थी।
➡️ मिश्रित अर्थव्यवस्था से
अभिप्राय ऐसी अवस्था है, जिसमें सार्वजनिक तथा निजी दोनों क्षेत्र साथ-साथ होते हैं।
➡️ मिश्रित अर्थव्यवस्था को
प्रो० लर्नर ने नियंत्रित अर्थव्यवस्था की संज्ञा दी है।
➡️ प्रो० नीड ने ऐसी अर्थव्यवस्था
को उदार अर्थव्यवस्था कहा है। जबकि प्रो० हैन्सन ने मिश्रित अर्थव्यवस्था को द्वैत
अर्थव्यवस्था कह कर सम्बोधित किया है।
➡️ प्रो० आर० रेडान अल्पविकसित
अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बड़े धक्के (Big Push) के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया
है।
➡️ प्रो० डब्लू0डब्लू0 रोस्टोव
ने आर्थिक विकास हेतु आर्थिक विकास की अवस्थायें नामक सिद्धान्त का प्रतिपादन किया
है।
➡️ भारत में हरित क्रान्ति
की शुरुआत 1965-66 से हुई। इसके द्वारा सर्वाधिक लाभ गेहूँ, चावल, बाजरा व गन्ने के
उत्पादन को हुआ है।
➡️ हरित क्रान्ति का मुख्य
प्रभाव पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा आन्ध्र प्रदेश में पड़ा है।
➡️ आपरेशन फ्लड का शुरुता
1970 में की गयी। इसका प्रधान कार्यालय 'आनन्द' गुजरात में है।
➡️ देश में प्रथम सूती मिल
की स्थापना 1818 में कलकत्ता (पश्चिमी बंगाल) में की गयी।
➡️ देश की प्रथम औद्योगिक नीति
की घोषणा 6 अप्रैल, 1948 को की गई।
➡️ प्रथम पंचवर्षीय योजना के
दरम्यान देश में मात्र 5 सरकारी कारखाने थे जिनकी वर्तमान समय में संख्या 230 से अधिक
हो गयी है।
प्रमुख कारखाने
1. सिन्दरी उर्वरक कारखाना
2. चितरंजन, इंजन बनाने का
कारखाना
3. भारतीय टेलीफोन उद्योग
4. इन्टीग्रल कोच फैक्ट्री
5. पेनसिलीन फैक्ट्री
➡️ भारत में हरित क्रान्ति
को सफल बनाने का श्रेय Bold को जाता है।
➡️ भारत में वित्त आयोग
का गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत किया गया है। इसके प्रथम अध्यक्ष श्री के०सी०
नियोगी थे।
➡️ वर्तमान समय में 13वाँ वित्त
आयोग कार्य कर रहा है। इसके अध्यक्ष डॉ० विजय एल० केलकर हैं।
➡️ भारत में MRTP Act 1969
में बनाया गया।
➡️ केन्द्र और राज्यों के मध्य
संसाधनों के विभाजन के लिए वित्त आयोग का गठन किया जाता है।
➡️ तिलहन उत्पादन में सरसों
और रेपसीड का योगदान सर्वाधिक है।
➡️ (AGMARK) एगमार्क का प्रधान
कार्यालय नागपुर में है। स्थापना का उद्देश्य कृषि वस्तुओं के गुणवत्ता और शुद्धता
को सुनिश्चित करता है।
➡️ 1986 में भारत सरकार उपभोक्ता
संरक्षण अधिनियम पारित किया।
➡️ SAIL की स्थापना 1973 में
की गयी।
➡️ GATT की स्थापना 1 जनवरी,
1948 की गयी। अब इसे संशोधित करके, इसके स्थान पर W.T.O. की स्थापना जनवरी, 1995 को
की गयी।
➡️ अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा
कोष की स्थापना Bretain Woods Committee के तहत 1 जुलाई, 1944 को वाशिंगटन डी०सी० में
की गयी लेकिन इसने 1 मार्च, 1947 कार्य प्रारम्भ किया।
➡️ विश्व बैंक की स्थापना भी
Britain Wood Comittee के तहत 27 दिसम्बर, 1945 को वाशिंगटन डी०सी० में की गयी।
➡️ I.M.F. तथा I.B.R.D. दोनों
बैंकों का मुख्यालय वाशिंगटन (अमरीका) में है।
➡️ सामाजिक लेखांकन विधि का
प्रयोग सर्वप्रथम रिचर्ड स्टोन ने किया।
➡️ भारत में वर्तमान समय में
राष्ट्रीय आय के अनुमान केन्द्रिय सांख्यिकीय संगठन (C.S.O.) तैयार करता है।
➡️ भारत का प्रथम पूर्ण व्यावसायिक
बैंक अवध कामर्शियल बैंक (1881) है।
➡️ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक
बैंक स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया है जो कुल जमा का 24.7% भाग नियंत्रित करता है।
➡️ कृषि पुनर्वित एवं विकास
निगम की स्थापना 1963 में की गयी।
➡️ सितम्बर, 1993 में न्यू
बैंक ऑफ इण्डिया को पंजाब नेशनल बैंक में विलय कर दिया गया।
➡️ हजारी समिति की सिफारिशों
के आधार पर पहली बार 19 जुलाई, 1969 में 14 बड़े बैंकों को राष्ट्रीयकरण किया गया।
➡️ बैंक दर, केन्द्रीय
बैंक द्वारा अन्य व्यापारिक बैंक से ली जाने वाली दर है।
➡️ भारत में पायी जाने वाली
बेरोजगारी की प्रवृत्ति संरचनात्मक है।
➡️ शाही कृषि आयोग के अनुसार
भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में 4.5 माह लोग बेकार रहते हैं। इसे मौसमी बेरोजगारी कहा
जाता
➡️ योजना आयोग के अनुसार इस
समय में भारत में 26.10% लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।
➡️ शेयर होल्डरों के स्टाक
में हुई कमाई को लाभांश कहते हैं।
➡️ विदेशी मुद्रा के अनुसार
देशी मुद्रा की कीमत विदेशी विनिमय कहलाती है। आबकारी शुल्क, बिक्रीकर, आयात शुल्क
ये सभी अप्रत्यक्ष कर रहा है।
➡️ राजकोषीय के अन्तर्गत आर्थिक
स्थिरता, पूर्ण रोजगार, विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति तथा उन्हें बनाये रखना आते हैं।
➡️ पेट्रोलियम, तेल, चिकने
पदार्थों के आयातों पर हमारी निर्यात आय 33 प्रतिशत व्यय हो जाता है।
➡️ भूराजस्व, माल गुजारी, कृषि
आयकर, मादक पदार्थों के उत्पादन व विनिर्माण पर कर, बिक्री कर, चुंगी, स्टाक शुल्क,
मनोरंजन कर, प्रति व्यक्ति कर, बिजली के उपभोग पर कर आदि राज्य सरकारों के आय के प्रमुख
स्रोत हैं।
➡️ भारतीय कर प्रणाली में सुधार
हेतु 1991 में चेलैया समिति का गठन किया गया था।
➡️ योजना आयोग के अनुसार शहरी
क्षेत्रों के लोगों के लिए प्रति व्यक्ति 2100 कैलोरी से कम तथा ग्रामीण क्षेत्रों
के लिए 2400 कैलोरी से कम पाने वालों को गरीबी के रेखा के नीचे माना जाता है।
➡️ योजना आयोग का गठन 15 अगस्त,
1950 को हुआ।
➡️ राष्ट्रीय विकास परिषद्
का गठन 6 अगस्त, 1952 को हुआ।
➡️ योजना आयोग का अध्यक्ष प्रधानमन्त्री
होता है।
➡️ 1969-70 में केन्द्र से
राज्यों को योजनाबद्ध सहायता देने के लिए प्रो० गाडगिल समिति गठित की गयी थी।
➡️ राकेश मोहन समिति ने बुनियादी
क्षेत्र के व्यावसायीकरण के बारे में सिफारिशें की।
औद्योगिक रुग्णता के सन्दर्भ में गठित समितियाँ-
➡️ टण्डन समिति
➡️ राय समिति
➡️ गोस्वामी समिति 1993
➡️ तिवारी समिति-1984
➡️ मथाई समिति का गठन काफी
में वायदा कारोबार में सुझाव देने के लिए गठित की गयी थी।
➡️ भारत में स्त्री-पुरुष अनुपात
( Sex rato) प्रति 1000 पुरुषों में 940 औरतों का है।
➡️ भारत में 31.16 प्रतिशत
जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में तथा 68.84 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती
है।
➡️ राज्यों की दृष्टि से
सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी पूँजी निवेश महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात
आदि राज्यों में हुआ है।
➡️ भारतीय हस्तशिल्प एवं हथकरघा
वस्तुओं का सबसे बड़ा आयातक अमेरिका है।
➡️ हरित क्रान्ति का सबसे ज्यादा
प्रभाव गेहूँ की सफल पर हुआ है।
➡️ वृहद - फसल बीमा योजना का
प्रारम्भ 1985 से प्रारम्भ हुआ।
➡️ भारत की प्रथम औद्योगिक
नीति 6 अप्रैल, 1948 को घोषित की गयी।
➡️ 1956 की औद्योगिक नीति को
'भारत का आर्थिक संविधान' कहते हैं। 1956 की औद्योगिक नीति की समाजवादी समाज की स्थापना
की और एक कदम बताया गया है।
➡️ जुलाई, 1991 को नयी औद्योगिक
नीति की घोषणा की गयी।
➡️ विनिवेश आयोग का गठन
1996 को किया गया।
➡️ कपड़ा उद्योग देश का सबसे
पुराना उद्योग है।
➡️ 8 अगस्त, 1996 को विदेशी
पूँजी संवर्द्धन परिषद् का गठन किया गया।
➡️ भारत का सर्वाधिक विदेशी
व्यापार चीन के साथ होता है।
➡️ भारत में पूँजी निवेश में
मारीशस प्रथम स्थान पर है।
➡️ निर्यात की वस्तुओं में
सर्वाधिक मूल्य का निर्यात हस्तशिल्प की वस्तुओं का है।
➡️ जुलाई 1991 को भारत ने
4 राष्ट्रों की मुद्रा के सन्दर्भ में 21 प्रतिशत अपनी मुद्रा का अवमूल्यन किया।
➡️ 20 अगस्त, 1994 से चालू
खाते पर रुपये की पूर्ण परिवर्तनीय बनाया गया।
➡️ भारतीय खाद्य निगम की स्थापना
1965 में हुई।
➡️ भारत में पहली रेलगाड़ी
16 अप्रैल, 1853 को बम्बई से थाणे के मध्य चलायी गयी।
➡️ रेलवे भारत का सबसे बड़ा
लोक उपक्रम है।
➡️ 1953 में वायु सेवाओं के
राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।
➡️ 1981 में वायुदूत सेवा प्रारम्भ
की गयी।
➡️ जीरो बाण्ड से आशय ऐसे ऋण
पत्रों से है जिस पर जारी करने वाली कम्पनी द्वारा कोई ब्याज नहीं दिया जाता है।
➡️ स्वर्ण बाण्ड योजना वर्ष
1993 से प्रारम्भ की गयी।
➡️ न्यूनतम आरक्षण प्रणाली
(M.R.S.) 1 अप्रैल, 1957 से प्रारम्भ किया गया।
➡️ सकल राष्ट्रीय उत्पादन
(G.N.P.) किसी देश में नागरिकों द्वारा एक निश्चित समयावधि में उत्पादित अन्तिम वस्तुओं
एवं सेवाओं का मौद्रिक मूल्य होता है। (GNP + X - M)
➡️ सकल घरेलू उत्पाद
(G.D.P.) देश के अन्दर एक निश्चित समयावधि में उत्पादित अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं
का मौद्रिक मूल्य होता है।
➡️ भारत और पाकिस्तान के मध्य
रेडक्लिफ रेखा, भारत और अफगानिस्तान के मध्य डूरण्ड रेखा तथा भारत और चीन के मध्य मैक
मोहन रेखा निर्धारित की गयी है।
➡️ मन्नार की खाड़ी तथा
पाक जलडमरू मध्य इसे श्रीलंका से पृथक करते हैं।
➡️ अर्थशास्त्र में संसाधन
का प्रयोग की दृष्टि या आर्थिक दृष्टि से विश्व के देशों को विकसित, अल्पविकसित या
अविकसित श्रेणियों में विभाजित किया जाता है। अल्पविकसित देशों को अन्य नामों से भी
जैसे अर्द्ध विकसित, अल्पविकसित, पिछड़ी अर्थव्यवस्था, जनाधिक्य अर्थव्यवस्था या गंदी
अर्थव्यवस्था के नामों से भी जाना जाता है।
➡️ विकसित अर्थव्यवस्था
वे अर्थव्यवस्थाएं होती हैं जहाँ पर विकास की समस्त संसाधन सम्भावनाएँ विद्यमान हो,
उनका अनुकूलम प्रयोग हो रहा है, जिसके परिणामस्वरूप वहां के लोगों का जीवन स्तर उच्च
हो और वे उस स्तर को बनाये रखने या उसमें वृद्धि करने के लिए सतत प्रयत्नशील हों।
➡️ अल्पविकसित अर्थव्यवस्थाएँ,
वे अर्थव्यवस्थाएं हैं जहाँ पर विकास की समस्त संभावनाएँ (भौतिक, प्राकृतिक, मानवीय
संसाधन) विद्यमान हो परन्तु किन्हीं कारणों से उनका अनुकूलतम् प्रयोग न हो पा रहा हो
जिसके परिणामस्वरूप वहां के लोगों का जीवन स्तर निम्न हो और उसकी उच्च स्तर तक लाने
व उसमें सुधार करने के प्रयास किये जा रहे हों।
➡️ संयुक्त राष्ट्र संघ के
अनुसार अल्पविकसित राष्ट्र उन राष्ट्रों को कहा जाता है जिनकी प्रति व्यक्ति वास्तविक
आय संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया तथा पश्चिम यूरोपीय देशों की प्रति व्यक्ति
वास्तविक आय की तुलना में कम हो परन्तु यह अल्पविकसित राष्ट्र की परिभाषा इस आधार पर
गलत है कि तेल उत्पादक व निर्यातक देश भी है जिसकी आय का स्तर तो अत्यन्त उच्च है परन्तु
फिर भी उन्हें विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है।
➡️ प्रो० रैंगनर नवर्से ने
पूंजी की उपलब्धता को मुख्य आधार मानते हुआ कहा है कि अल्पविकसित देश वे हैं जिनमें
जनसंख्या व प्राकृतिक संसाधनों की तुलना में पूंजी का अभाव होता है।
➡️ विश्व बैंक ने प्रति व्यक्ति
सकल राष्ट्रीय उत्पाद के आधार पर विश्व की अर्थव्यवस्था को न्यून आय अर्थव्यवस्था,
मध्य आय व उच्च आय अर्थव्यवस्था में वर्गीकृत किया है।
➡️ भारतीय अर्थव्यवस्था को
प्रायः अल्पविकसित अर्थव्यवस्था कहा जाता है, परन्तु अंग्रेजी शासनकाल की समाप्ति के
पश्चात् भारतीय अर्थव्यवस्था में गतिहीनता न होने के कारण इसे विकासशील अर्थव्यवस्था
भी कहा जाता है।
➡️ भारतीय अर्थव्यवस्था अल्पविकसित
अर्थव्यवस्था के रूप में जानी जाती है क्योंकि जिस तरह की विशेषताएँ अल्पविकसित अर्थव्यवस्था
में होती है जैसे जनसंख्या का भारी प्रतिशत कृषि व्यवसाय में संलग्न होता है, कृषि
पर जनसंख्या का दबाव अत्यधिक, जो प्रच्छन्न बेरोजगारी के रूप में विद्यमान होता है।
आय का निम्न स्तर, प्रति व्यक्ति पूँजी की कम मात्रा व शून्य बचत, आय का बड़ा भाग खाद्य
पदार्थों पर व्यय होना, अविकसित व सीमित साख सुविधाएँ, जन्म व मृत्यु दरें ऊँची, स्वास्थ्य
की सोचनीय दशाएँ, असंतुलित व अपर्याप्त भोजन, कुशलता का निम्न स्तर व तकनीकी दृष्टि
से पिछड़ापन इत्यादि लक्षण होते है। वैसे ही विशेषताएँ भारतीय अर्थव्यवस्था में भी
विद्यमान है, जो इसे अल्पविकसित राष्ट्रों की श्रेणी में रखती हैं।
➡️ भारतीय अर्थव्यवस्था विकासशील
रूप में आजादी के पश्चात् भारत में आर्थिक आयोजनों की शुरुआत हुई। जिसके फलस्वरूप भारत
में विकास प्रक्रिया को प्रोत्साहन मिला। भारत में आर्थिक विकास को मुख्यतः दो वर्गों
में विभाजित करके देखा जाता है- (i) मात्रात्मक, (ii) ढांचागत
➡️ मात्रात्मक दृष्टिकोण
के लिये राष्ट्रीय आय की प्रवृत्तियों के बारे है में जानकारी प्राप्त करना आवश्यक
है परन्तु वास्तविक आर्थिक विकास को देखने के लिए ढाँचागत परिवर्तन पर ध्यान देना अधिक
आवश्यक है।
➡️ प्रयोगात्मक फसल बीमा
योजना-यह योजना छोटे एवं सीमान्त किसान के लिए वर्ष 1997-98 के रवी मौसम के दौरान
8 राज्यों के 24 जिलो में इसे क्रियान्वित किया गया।
➡️ इन किसानों के प्रीमियम
का 100 प्रतिशत केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा 4: 1 में प्राप्त होगा।
➡️ भारतीय मौद्रिक प्राधिकरण
का मतलब भारतीय रिजर्व बैंक से होता है।
➡️ भारत में सर्वप्रथम
दण्डेकर एवं रथ ने निर्धनता के अनुमान लगाये।
➡️ Capital &
Grouth नामक पुस्तक की रचना जे०के० गैल ब्रेथ ने किया।
➡️ अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार
विकास का इन्जन है (International Trade is an engine of growth) इस कथन की उत्पत्ति
जी हैबरलर ने की।
➡️ अधिकतम बिक्री सिद्धान्त
के प्रतिपादक बाॅमल हैं।
➡️ वास्तविक सफल राष्ट्रीय उत्पाद का मान
➡️ आर्थिक विकास और सामाजिक स्तर नामक पुस्तक का प्रकाशन प्रो०
सेन 1995 में किया।
➡️ प्रो० अमर्त्य सेन ने अपने
नोबेल पुरस्कार से प्राप्त धनराशि से 'प्रतीचि' ट्रस्ट की स्थापना की है।
➡️ उत्तर प्रदेश का निर्यात
प्रसंस्करण केन्द्र नोएडा में स्थित है।
➡️ कृषि क्षेत्र से सकल
घरेलू उत्पाद का 29 प्रतिशत मात्र मिलता है।
➡️ आठवीं पंचवर्षीय योजना
के दौरान कृषि तथा संवृद्ध क्षेत्रों का विकास दर 3.9 प्रतिशत रही।
➡️ नौवीं योजना में इस क्षेत्र
के 3.9 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान है।
➡️ विश्व भर में दुग्ध
उत्पादन के मामले में कुछ समय पूर्व एक दूसरे स्थान पर रहने वाला भारत आज प्रथम स्थान
पर पहुँच गया।
➡️ टण्डन समिति - भारतीय
रिजर्व बैंक ने 1975 में बैंक के साथ अनुवर्तन के लिए उपाय ढूंढने हेतु इस समिति का
गठन किया था जो साख स्मरण औद्योगिक इकाइयों में फंसी है।
➡️ भारत में उदारीकरण की
प्रक्रिया के प्रारम्भ होने के बाद से विदेशी निवेश को प्रवृत्ति जारी है।
➡️ शेयर और अंश पत्रों पर क्रय-विक्रय
जिस बाजार में होता है उसे शेयर बाजार कहते हैं।
➡️ भारतीय लघु उद्योग विकास
बैंक (SIDBI) की स्थापना अप्रैल 1990 में लघु क्षेत्र के उद्योगों का विकास व सम्बर्द्धन
के लिए किया गया।
स्वैच्छिक आय घोषणा योजना
➡️ काले धन को सफेद करने
और उसके अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा में लाने के लिए सरकार ने वर्ष 1997 में स्वैच्छिक
आय घोषणा (VDIS लागू की।
➡️ वर्तमान समय में गुजरात
राज्य में 112 सूती वस्त्र मिलें हैं, जिनमें से अकेले अहमदाबाद में 66 मिलें हैं।
इसे पूर्व का वोस्टन कहा जाता है। महाराष्ट्र राज्य में 104 मिले हैं, जिनमें से
54 मिलें अकेले मुम्बई में हैं। मुम्बई को सूती वस्त्रों की राजधानी कहा जाता है। ।
कानपुर शहर में सूती वस्त्र की 10 मिले हैं, जिसे उत्तर भारत का मानचेस्टर कहा जाता
है।
➡️ सूती वस्त्र उद्योग मुख्यतः
कपास (सफेद सोना) की पूर्ति पर ही निर्भर करता है। कपास उत्पादन के मामले में भारत
विश्व में चौथे स्थान पर है।
➡️ लघु औद्योगिक इकाइयों की
संख्या 2006-07 में 128.4 लाख थी, जिनमें से 20.32 लाख पंजीकृत तथा 108.12 लाख अपंजीकृत
थी।
➡️ लघु उद्योग क्षेत्र में
अनुमानित रोजगार संख्या 1991-92 में 129.8 लाख थी, जो 2006-07 में बढ़कर 312.52 लाख
हो गई। + औद्योगिक एवं वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड (BIFR) की स्थापना बीमार औद्योगिक
कम्पनी अधिनियम 1985 के अन्तर्गत की गई।
➡️ सार्वजनिक क्षेत्र के
उपक्रमों में अपनिवेश का दौर 1991-92 से प्रारम्भ हुआ।
➡️ सार्वजनिक क्षेत्र के
उपक्रमों पर वित्तीय भार कम करने के उद्देश्य से सरकार ने इनके कर्मचारियों के लिए
एक मुश्त मुआवजा देकर ऐच्छिक सेवानिवृत्त की योजना प्रारम्भ की है। इसे 'गोल्डन हैंड
शेक स्कीम' कहा जाता है।
➡️ 31 मार्च, 2010 की स्थिति
के अनुसार केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के 249 उपक्रम थे, जिनमें संचयी निवेश (अभिदत्त
पूँजी और दीर्घकालिक ऋण) 579920 करोड़ रुपये का था। निवेश में सबसे बड़ा हिस्सा सेवा
क्षेत्र (46.1%) का था।
➡️ सरकार ने लघु उद्योग
क्षेत्र की वित्त सम्बन्धी एवं रुग्णता सम्बन्धी समस्याओं के मूल्यांकन के लिए नायक
समिति का गठन किया था। जिसने सितम्बर 1992 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
➡️ 2010-11 के दौरान
33.65 लाख पर्यटक भारत आए जिनसे 8777 मिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा अर्जित की गयी थी।
➡️ वर्तमान में निम्नलिखित
3 उद्योगों को सार्वजनिक क्षेत्र के लिए आरक्षित रखा गया है (1) परमाणु ऊर्जा, (2)
रेल परिवहन, (3) परमाणु ऊर्जा की अनुसूची में निर्दिष्ट खनिज । 9 मई, 2001 के मन्त्रिमण्डलीय
निर्णय के अनुसार सरकार ने सुरक्षा उत्पादन के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के प्रवेश
की अनुमति प्रदान कर दी है, जिसके लिए कम्पनी को रक्षा मंत्रालय से लाइसेन्स लेना होता
है।
➡️ वर्तमान में निम्नलिखित
5 उद्योगों को अनिवार्य लाइसेन्स की परिधि में रखा गया है (1) एल्कोहॉलयुक्त पेयों
का आसवन व मधीकरण, (2) तम्बाकू के सिंगार व सिगरेट तथा तैयार तम्बाकू के अन्य विकल्प,
(3) इलेक्ट्रॉनिक, एयरोस्पेस व रक्षा उपकरण सभी प्रकार के, (4) दियासलाइयों सहित औद्योगिक
विस्फोटक, (5) खतरनाक रसायन।
➡️ लघु उद्योग क्षेत्र में
निर्माण के लिए पूर्णतया आरक्षित मदों की कुल संख्या 13 मार्च, 2007 को 114 रह गयी
थी। 79 मदों को 5 फरवरी, 2008 की एक अधिसूचना के तहत् अनारक्षित किया गया था, जिनके
फलस्वरूप यह संख्या घटकर 35 रह गई थी। अक्टूबर 2008 में 14 मदों को अनारक्षित कर दिया
गया था। अतः अक्टूबर 2008 में इनकी संख्या घटक मात्र 21 रह गई थी।
➡️ देश के कुल विनिर्मित औद्योगिक
उत्पादन में लगभग 45 प्रतिशत उत्पादन लघु उद्योग क्षेत्र का है। देश के कुल निर्यात
में लगभग 35 प्रतिशत भाग लघु उद्योग क्षेत्र का है।
➡️ लघु उद्योग विकास संगठन
(Small Industries Development Organisation—SIDO) की स्थापना 1954 की गयी थी।
➡️ जहाँ तक लाइसेन्स का प्रश्न
है लघु उद्योग क्षेत्र को अब पूर्णरूप से विनियन्त्रित (Deregulated) कर दिया गया है।
➡️ भारत में डीजल इंजन बनाने
का पहला कारखाना 1932 में सतारा (महाराष्ट्र) में खोला गया।
➡️ भारत में साइकिलें बनाने
का पहला कारखाना 1938 में कोलकाता (कलकत्ता) में खोला गया।
➡️ देश में लाभ अर्जन करने
में सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम का प्रथम स्थान है।
➡️ सार्वजनिक उपक्रमों में
अपनिवेश से प्राप्त राजस्व के सुनिश्चित प्रयोग के लिए 1 अप्रैल, 2005 को राष्ट्रीय
निवेश निधि की स्थापना की गई थी।
➡️ भारत पर्यटन विकास निगम
की स्थापना एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में 1 अक्टूबर, 1966 को की गई थी।
➡️ पर्यटन विश्व का सबसे बड़ा
निर्यात उद्योग है। कुल विश्व निर्यात में पर्यटन का हिस्सा 12.2% तथा वैश्विक रोजगार
में 8.1% है।
➡️ पर्यटन से भारत ने वर्ष
2009-10 के दौरान 12521 मिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा अर्जित की। वर्ष 2009-10 के दौरान
देश में 52.86 लाख पर्यटक आए।
➡️ होटलों का निर्माण करने
के लिए विदेशी पूँजी निवेश की सीमा को 100 प्रतिशत की अनुमति प्रदान कर दी गयी है।
➡️ दिल्ली, आगरा व जयपुर की
तर्ज पर चेन्नई, बंगलौर व त्रिवेन्द्रम को पर्यटन की दृष्टि से 'गोल्डन ट्राइएंगल'
के रूप में विकसित करने का विचार केन्द्र सरकार के विचाराधीन है।
➡️ देश में पर्यटन को बढ़ावा
देने के उद्देश्य से विदेशी पर्यटकों हेतु 'आगमन वीसा' (Visa Arrival) योजना प्रारम्भ
की गई है। भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों में अधिकांश पश्चिमी यूरोप (31%), उत्तरी
अमरीका (18%) व दक्षिणी एशिया (27.4%) से आते हैं।
➡️ पर्यटन क्षेत्र में लगभग
20 मिलियन लोगों को देश ने प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है।
➡️ वर्ष 2006 में विश्व पर्यटन
में भारत का हिस्सा लगभग 0.53% रहा था।
➡️ सरकार ने नई राष्ट्रीय पर्यटन
नीति 2002 घोषित की थी जिसमें अन्य बातों के अलावा देश को एक ग्लोबल ब्रांड के रूप
में प्रस्तुत करने का प्रयास किया था।
रिसर्जेन्ट इंडिया बाँड
➡️ भारतीय स्टेट बैंक ने
2 अगस्त 1998 को रिसर्जेन्ट इंडिया बाण्ड को भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ता हेतु
जारी किया था।
➡️ आदिवासी भारतीयों के जबरजस्त
समर्थन ने इस इश्यू को अब तक का सर्वाधिक सफल बाँड इश्यू बना दिया।
➡️ इस बॉंड के इश्यू के
416 करोड़ डालर जुटाये गये।
➡️ भारत में गरीबों की संख्या
इस समय 16 करोड़ से बढ़कर 32 करोड़ तक पहुँच गयी है। 10 मार्च 1997 को योजना आयोग द्वारा
लकड़वाला समिति की रिपोर्ट के आधार पर घोषित पैमाने में लागू होने से ऐसा हुआ।
➡️ योजना आयोग के अनुसार
1994-95 में कुल 32 राज्य व केन्द्र शासित प्रदेशों में से बिहार में सर्वाधिक गरीब
(54.96 प्रतिशत) निवास करते हैं इसके बाद उड़ीसा में (48.56 प्रतिशत) मध्य प्रदेश में
(42.52 प्रतिशत) व उत्तर प्रदेश में (40.56 प्रतिशत) गरीब जीवन यापन कर रहे हैं।
➡️ नौवीं योजना के दिशा निर्देश
में यह उल्लेख किया गया है कि वित्त वर्ष 1987-88 और 1993-94 के बीच रोजगार की वार्षिक
वृद्धि दर 2.03 प्रतिशत प्रतिवर्ष रही है जो आठवाँ योजना की प्रत्याशित दर 2.6 प्रतिशत
से कम है।
➡️ हमारी अर्थव्यवस्था जो केन्द्र
द्वारा निर्देशित व अत्यधिक नियंत्रित थी, एक नया रुख देखकर बजारोन्मुख व अपेक्षा कृत
अधिक मुक्त बनाने के पक्ष में पर्याप्त नौद्धिक सहमति दिखायी दे रही है।
➡️ विश्व बैंक के अनुसार भारत
में जारी बहु प्रचलित आर्थिक सुधारों के बावजूद गरीबी में काफी बढ़ोत्तरी हुई है और
पिछले एक दशक के दौरान देश में गरीबों की संख्या में 4 करोड़ लोगों की वृद्धि हुई है
जो एक रिकॉर्ड है।
➡️ विश्व बैंक द्वारा जारी
एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार 1980 के दशक के अन्तिम वर्षों में भारत में गरीबों की संख्या
लगभग 30 करोड़ थी जो 1997 में बढ़कर लगभग 34 करोड़ हो गयी है। रिपोर्ट में कहा गया
है कि 1990 के दशक में आर्थिक वृद्धि के बावजूद पूरी दुनिया में गरीबों की संख्या भारत
में सबसे अधिक है।
➡️ विश्व बैंक के अनुसार
एक गरीब व्यक्ति वह है जिसकी दैनिक आय डेढ़ डॉलर से कम है। विश्व बैंक के 'गरीबी निवारण
कार्यक्रम' के निर्देशक माकल वाल्टन से जब पूछा गया कि भारत और चीन सन् 2015 तक गरीबों
की संख्या आधी कर सकने का लक्ष्य हासिल कर सकेंगे या नहीं, तो उन्होंने बताया 1990
के दशक की प्रगति को देखते हुए चीन यह लक्ष्य प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। विश्व
बैंक द्वारा जारी की गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि लेकिन यह इस पर निर्भर करेगा कि
चीन इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लायक वृद्दि दर बरकरार रख पायेगा या नही।
➡️ वर्ष 1999 की शुरुआत के
साथ ही विश्व में एक नयी मुद्रा 'यूरो' का उदय हो गया। यूरोपीय संघ में कुल 28 देश
हो गये है। क्रोएशिया सन् 2012 में युरोपीय संघ का 28वाँ सदस्य बना। यूरोपीय संघ के
अधिकांश देशों ने युरो मुद्रा को अपना लिया है।
दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश भारत में प्रथम
➡️ उत्तर प्रदेश के कुल उत्पादन
का 18 प्रतिशत दूध उत्पादन कर पहले स्थान पर पहुँच गया है। इसके पूर्व गुजरात पहले
स्थान पर था। प्रदेश ने आपरेशन फ्लड योजना के तहत शुरू किये गये कार्यक्रम से यह सफलता
प्राप्त की है। राज्य में इस समय प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 220 ग्राम हो गयी है जबकि
पिछले वर्ष यह 110 ग्राम प्रतिदिन थी। इस वर्ष दूध की बिक्री में भी पिछले वर्ष की
तुलना में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
➡️ जनसंख्या व्यावसायिक वितरण
में स्थिरता-विकासशील अर्थव्यवस्था में जनसंख्या का व्यावसायिक वितरण भी धीरे-धीरे
द्वितीयक व तृतीयक क्षेत्रों के पक्षों में बदलता रहता है, का निर्धारण मांग व पूर्ति
की शक्तियों के द्वारा निर्धारित होता है। परन्तु बाजार तन्त्र पर कई तरह के सरकारी
नियन्त्रण स्थापित होते हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर ब्रिटिश शासन का प्रभाव
➡️ भारत के अल्प विकास में
उपनिवेशवाद के प्रभाव को जानने से पूर्व उसके अर्थ को समझना अधिक आवश्यक है।
➡️ 'उपनिवेशवाद का सम्बन्ध
विदेशी शासन से होता है जिसके अन्तर्गत शासित देश की अर्थव्यवस्था का संचालन शासक देश
के हित में होता है और शासित देश आर्थिक दृष्टि से पिछड़ता जाता है।'
➡️ अठारहवीं शताब्दी के अन्त
में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति के सम्बन्ध में मुख्य स्रोतरमेश चन्द्र दत्त की
लेखन सामग्री है।
➡️ कृषि की स्थिति-अंग्रेजों
के आगमन के समय कृषि मुख्य व्यवसाय था और ब्रिटिश शासन काल में कृषि को भारी धक्का
लगा। 1889 में डॉ० वोइलकर ने भी भारतीय कृषि की अवनत स्थिति के बारे में स्वीकार किया
था।
➡️ उद्योगों की स्थिति--18वीं
शताब्दी में उद्योगों की स्थिति भी अच्छी थी और भारतीय उद्योगों का स्तर यूरोप में
औद्योगिक विकास के स्तर से उच्च था जिसकी पुष्टि 1916-18 के भारतीय औद्योगिक आयोग व
डब्लू०ई०एच० ले के लेखनों ने भी की
➡️ व्यापार की स्थिति-
अंग्रेजों के आगमन से पूर्व भारत का राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार अत्यन्त समृद्ध
था और भारत दूसरे देशों के साथ 2000 ईसा पूर्व भी व्यापार करता था ।
➡️ अंग्रेजी शासन व भारत
का शोषण औपनिवेशिक शासन के 190 वर्षों में अंग्रेजों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को अत्यधिक
शोषित करके इसे आर्थिक दृष्टि से पिछड़ी श्रेणी में डाल दिया।
➡️ व्यापारिक पूँजी व औपनिवेशिक
शोषण-ईस्ट इंडिया कम्पनी के शासनकाल में व्यापार के नाम पर माल गुजारी के रूप में अंग्रेज
प्रत्यक्ष रूप से लूटमार व शोषण करते थे।
➡️ औद्योगिक पूँजी व शोषण-इंग्लैण्ड
की सरकार ने जब 1813 में भारत के व्यापार पर ईस्ट इंडिया कम्पनी के एकाधिकार को समाप्त
कर दिया तो भारत में औद्योगिक पूँजीवाद शोषण शुरू हो गया जिसका मुख्य रूप व्यापार था।
➡️ सामाजिक उपरिव्यय पूँजी
का विस्तार आयोजन कालों में भारत की परिवहन व्यवस्था क्षमता व आधुनिकीकरण दोनों ही
दृष्टियों से विकसित हुये हैं। जैसे भाप इंजन का स्थान, डीजल व बिजली के इंजनों ने
ले लिया है।
➡️ बैंकिंग व वित्तीय संस्थाओं
का विकास आयोजन काल में बैंकिंग व वित्तीय ढाँचे में अनेक प्रगतिशील परिवर्तन हुये
हैं जैसे मुद्रा व पूँजी बाजार के संगठन में सुधार, औद्योगिक वित्त की विशिष्ट संस्थाओ
की स्थापना व बैंकिंग सेवाओं का ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार आदि ।
➡️ भारतीय अर्थव्यवस्था
मिश्रित रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था को मिश्रित अर्थव्यवस्था भी कहा जाता है। सुखमय
चक्रवर्ती के अनुसार, “बावजूद इसके कि भारत में बड़े सार्वजनिक क्षेत्र का विकास हुआ
है, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि भारत "समाजवादी समाज" के स्पष्ट रूप
से नजदीक आया है। अगर वर्तमान प्रवृत्तियों की दशा नहीं बदली जाती तो यह संभव है कि
इस शताब्दी के अन्तिम दशक में यहाँ पर काफी विस्तृत निजी क्षेत्र हो और उसी के साथ
परम्परागत अर्थ में आयोजन की भूमिका और भी कम हो जाये।"
➡️ भारत में योजनाओं के
इतिहास में पांचवी पंचवर्षीय योजना अपने निर्धारित समय से पूर्व ही समाप्त कर दी गयी
थी।
➡️ अलाउद्दीन खिलजी ने
मूल्य नियन्त्रण पद्धति को पहली बार लागू किया।
➡️ लार्ड कार्नवालिस ने भूमि का स्थायी बन्दोबस्त
(Permanent Settlement of land) किया।
➡️ करारोपण, सार्वजनिक
व्यय सार्वजनिक ऋण राजकोषीय नीति के उपकरण हैं।
➡️ व्याज दर मौद्रिक नीति
का उपकरण है।
➡️ साधन सम्पदा
(Facter endowments) हेक्शचर ओहलिन के अनुसार वस्तुओं के सापेक्षिक मूल्यों और राष्ट्रों
के बीच व्यापार में अन्तर का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण है।
➡️ प्रो० हैबरलर ने अन्तर्राष्ट्रीय
व्यापार के सिद्धान्त में अवसर लागत का प्रयोग किया।
➡️ विश्व व्यापार संगठन
(W.T.O.) गेट (GATT) सदस्यों द्वारा स्थापित एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन हैं।
➡️ अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार
में प्रस्ताव वक्र का सम्बन्ध प्रो० मार्शल- एजवर्थ से है।
➡️ असन्तुलित विकास की
रणनीति का परामर्श प्रो० ए०ओ० हर्शमैन ने किया था।
➡️ हैरड माडल में जब G = GW< Gn होता है तो अर्थव्यवस्था
में अपस्फीति की स्थिति होगी।
➡️ सामाजिक द्वैत
(Social Dulism) के सिद्धान्त का प्रतिपादन जे० एच० बोके ने किया।
➡️ 'Structure of
American Economy" की रचना डब्लू लियोन्टीफ है।
➡️ Problem of Capital
formation in Under Developed Couuntries की रचना प्रो० नर्क्स ने की है।
➡️ Accumulation of
Capital की रचना जे० राबिन्सन ने किया।
➡️ भारत ने Modvat
(Modifed Value Added Tax) की शुरुआत 1986 से हुई।
➡️ जुलाई 1991 में अभी
हाल में भारतीय रुपये का अवमूल्यन 18.5 प्रतिशत किया गया।
➡️ प्रो० मार्शल ने सीमान्त उपयोगिता के विचार को विकसित किया।
➡️ बाह्य बचतों की अवधारणा को आर्थिक विकास के सन्दर्भ सर्वप्रथम
रॉजस्टीन रोडान ने प्रस्तुत किया था।
➡️ रोजगार गुणक की अवधारणा को प्रो० आर०एफ० कॉन ने प्रतिपादित
किया।
➡️ सर्वप्रथम त्वरण सिद्धान्त
का प्रतिपादन ए आफ्टालियन ने किया।
➡️ हिक्स का व्यापार चक्र
का सिद्धान्त गुणक और त्वरक की अन्तःक्रिया पर आधारित है।
➡️ भारतीय स्टेट बैंक की
स्थापना, आल इंडिया रूरल केन्द्रित सर्वे की संस्तुति पर हुई।
➡️ बैंक वास शब्दावली
(Back Wash effect) का सर्वप्रथम प्रयोग प्रो० गुन्नर मिडल ने किया।
➡️ भुगतान सन्तुलन खाता
सदैव सन्तुलन में रहता है।
➡️ भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीयकृत बैंक भारतीय स्टेट बैंक
है।
➡️ प्रो० वी० के० आर०वी०
राय को राष्ट्रीय आय के आँकड़ों की गणना में विशेषज्ञ माना गया है।
➡️ आई० आर०डी०पी०
(I.R.D.P.) की शुरुआत 1978-79 में हुई।
➡️ भारत में सबसे अधिक
खाद्यान्न का उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है जबकि राजकीय प्राप्ति में पंजाब का
योगदान सर्वाधिक है।
➡️ निगम कर से प्राप्त आय को
राज्यों में वितरित नहीं किया जाता।
➡️ यदि बैंक की प्रारम्भिक
जमा = 100 रुपये नकद कोष (C.R.) = 25 रुपये तो बैंक की साख निर्माण = 400 रुपये होंगे।
➡️ ब्याज की प्राकृतिक
दर का प्रतिपादन विक्सेल ने किया।
➡️ सरकार को पहले अप्रत्यक्ष
कर से अधिक आय प्राप्त होती थी। यह स्थान अब प्रत्यक्ष कर ने ले लिया है।
➡️ तुलनात्मक लागत सिद्धान्त
के प्रतिपादक डेविड रिकार्डों हैं।
➡️ वेज फण्ड थ्योरी का
प्रतिपादन पीगू ने किया।
➡️ प्रतिनिधि फर्म का विचार
प्रो० मार्शल ने किया।
➡️ आभासी ब्याज के प्रतिपादक
प्रो० मार्शल हैं।
➡️ घटिया वस्तुओं के सन्दर्भ
में मांग की लोच धनात्मक होती है।
➡️ वर्ष 1921 जनगणना इतिहास
में महान विभाजक वर्ष (The Great Devidingyear) के नाम से जाना जाता है।
➡️ हीरा जल विरोधाभास
(Water Diomand Paradox) का प्रतिपादन एडम स्मिथ ने किया।
➡️ योजना आयोग एक परामर्शदात्री
संस्था है।
➡️ सातवीं योजना में विकास
दर 5.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष रही।
➡️ राज समिति का सम्बन्ध
कृषि आय पर करारोपण से है।
➡️ वित्त आयोग का गठन भारत में संविधान के अनुच्छेद 280 के
तहत पाँच वर्ष की अवधि के लिए राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है।
➡️ उपभोक्ता की बचत की
अवधारणा को सर्वप्रथम फ्रांस के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ड्यूपिट ने विकसित किया किन्तु
आगे चलकर इसे सैद्धान्तिक तथा वैज्ञानिक रूप प्रदान करने का श्रेय प्रो० मार्शल को
जाता है।
➡️ विक्रय लागत
(Selleing Cost) का विचार प्रो० चैम्बरलिन ने दिया।
➡️ कीमत दृढ़ता का (Price regidity) का विचार पाल०ए० स्वीजी
ने दिया।
➡️ लाभ के नवप्रवर्तन सिद्धान्त
के जनक शुम्पीटर है।
➡️ नरसिंघम समिति
बैंकिंग
क्षेत्र
से
संबंधित
है।
➡️ कृषि मूल्य आयोग का गठन 1965 में
किया
गया।
➡️ अवमूल्यन कर्त्ता राष्ट्र
को अवमूल्यन से तभी लाभ होगा जब आयात तथा निर्यात की मूल्य लोच एक से अधिक हो।
➡️ प्रदर्शन प्रभाव, भुगतान
सन्तुलन में असन्तुलन पैदा करता है।
➡️ स्थायी आय का विचार
फ्रीडमैन ने किया।
➡️ अन्तर्राष्ट्रीय विकास
एजेन्सी सर्वाधिक सुलभ कर्ज देती है।
➡️ यदि वृद्धिमान पूँजी
अनुपात = 4.2 प्रतिशत है तो 6 प्रतिशत वृद्धि के लिए विनियोग दर = 6 × 4.2 = 25.2 प्रतिशता
➡️ लगान के आधुनिक सिद्धान्त
का प्रतिपादन श्रीमती जान राबिन्सन ने किया।
➡️ आर्थिक लगान = वास्तविक
आय - अवसर लागत
➡️ आभास लगान = TR -
TVC
➡️ पूँजीवादी अर्थव्यवस्था
में उपभोक्ता सम्राट होता है।
➡️ स्टैपलर सैम्यूल्सन
प्रमेय प्रशुल्क लगाने पर अभाव वाले साधन की वास्तविक आय बढ़ाती है।
➡️ यदि माँग की ब्याज लोच
= 0.5 प्रतिशत or 1/2 प्रतिशत तथा मुद्रा पूर्ति, मुद्रा मांग से 5 प्रतिशत अधिक है
तो बाजार के लिए साम्य की दर में कितनी गिरावट होनी चाहिए
➡️ Input Output विश्लेषण की व्याख्या लियोन्टिफ ने किया है।
➡️ ब्याज की प्राकृतिक
दर का निर्धारण बचत तथा विनियोग (S&I) द्वारा होता है।
➡️ ब्याज की बाजार दर का
निर्धारण मुद्रा की माँग तथा मुद्रा की पूर्ति (MD & MS) द्वारा होता है।
➡️ जिस तटकर का प्रयोग
(Tariff) बेरोजगारी को कम करने में किया जाय उसे ''Begger my neighbour
Policy" कहते हैं।
➡️ Infant Industry
argiment की अवधारणा की जर्मन अर्थशास्त्री फ्रेडरिक लिस्ट ने सन् 1840 में विकसित
किया।
➡️ Economica नामक पुस्तक
की रचना एरसटारिल ने किया।
➡️ वाक्स डाइग्राफ
(Box Diagram) का निर्माण एजवर्थ ने किया है।
➡️ जहाँ पर IS-LM रेखायें
एक दूसरे को काटती हैं, वहां पर वित्त बाजार तथा वस्तु बाजार का साम्य स्थापित होता
है।
Brood Money Concept
M1=C+DD + OD
M2 = M1
+ Post Office saving deposit
M3 = M1
+ All deposits of CBS.
M4 = M3+
Post Office Saving Deposits
➡️ साख गुणक K = CR (1-c)
➡️ लाभ के प्रावैगिक सिद्धान्त
की रचना जे०वी० क्लार्क ने किया।
➡️ वास्तविक मजदूरी = मौद्रिक
मजदूरी / सामान्य मूल्य स्तर
➡️ Money intrest
& Price के लेखक डान पैटिनकिन हैं।
➡️ प्रथम राष्ट्रीय वन
नीति की घोषणा 1952
➡️ द्वितीय वन नीति की
घोषणा 1988 में की गयी।
➡️ प्रथम राष्ट्रीय खनिज
नीति 1951
➡️ प्रतिनिधि मुद्रा -
यह विनिमय के माध्यम के रूप में कार्य करती है। कागजी मुद्रा इसका प्रमुख उदाहरण है।
➡️ मानक मुद्रा- यह देश
की प्रधान मुद्रा होती है।
➡️ प्रादृष्ट मुद्रा -
यह मुद्रा कागजी मुद्रा का एक रूप है। इसे प्रायः संकट काल में जारी किया जाता है।
➡️ भारत में कागजी मुद्रा का प्रारम्भ 1806 में बैंक ऑफ बंगाल
ने किया।
➡️ भारत में रजतमान
1935-1893 तक चलता रहा। हर्शेल कमेटी के सुझाव पर सन् 1893 में समाप्त कर दिया गया।
➡️ 1957 से देश में दशमलव
पद्धति पर आधारित मुद्रा व्यवस्था अपनायी गयी।
➡️ ईस्ट इंडिया कम्पनी
द्वारा एजेन्सी गृहों की स्थापना की गयी जो आधुनिक बैंकों की भांति कार्य करते थे।
➡️ रिजर्व बैंक ने नरीमन समिति की सिफारिशों के आधार पर
1969 में आग्रणी बैंक योजना प्रारम्भ की।
➡️ प्राइमरी शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए 'शिक्षा मित्र'
योजना प्रारम्भ की गयी। शिक्षा मित्र योजना ग्राम पंचायत की देख-रेख में संचालित होगी।
इस योजना के अन्तर्गत स्थानीय स्तर पर उपलब्ध शिक्षित व्यक्तियों को नियमित मानदेय
पर शिक्षण कार्य हेतु संविदा पर रखा जायेगा।
➡️ संविदा पर नियुक्त व्यक्त
को 'शिक्षा मित्र' कहा जायेगा। इसका चयन ग्राम शिक्षा समिति करेगी। शिक्षा मित्र की
न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट होगी।
➡️ रुपये की परिवर्तनीयता
के बारे में तारापोर समिति का गठन किया गया।
➡️ भूमण्डलीय तथा विश्व
व्यापार संगठन से सम्बद्ध होने के कारण पूर्ण परिवर्तनीयता आवश्यक भी है और सकारात्मक
भी। लेकिन जैसा अभी हाल में पूर्वी एशियाई देशों तथा मैक्सिको के साथ हुये इससे कई
खतरे भी हैं। रिजर्व बैंक का नियंत्रण विदेशी मुद्रा बाजार पर काफी कठिन हो जायेगा
जिससे मुद्रा प्रवाह मुद्रा स्फीति की दर की वृद्धि करेगा।
➡️ बैंक को अपना ब्याज
दर घटाना होगा तथा दर कम करने की होड़ मचेगी और अन्ततः नये प्रौद्योगिकी से बाजी मार
ले जायेंगे। साथ ही विदेशी बैंक न्यूनतम लागत पर 'युक्त विदेशी बैंक भारत से अपना कोष
स्थानान्तरित करने में सक्षम हो जायेंगे। पूँजी खाते पर परिवर्तनीयता देश से पूँजी
पलायन को गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है। जैसा अभी एशिया में हुआ। इन सभी आशंकाओं को
ध्यान में रखकर तारोपर समिति ने पूर्ण परिवर्तनीयता से पहले-
♥️ राजकोषीय घाटा 3.5% तक लाने।
♥️ मुद्रा स्फीति को 3.5% तक
लाने।
♥️ वित्तीय बाजार को सुदृढ़
करने ।
♥️ ब्याज दरों को नियन्त्रण
मुक्त करने।
♥️ पूँजी बहिर्गमन तथा
आगमन पर चरणबद्ध नियन्त्रण समाप्त करने।
♥️ प्राथमिक बाजार से रिजर्व
बैंक द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों को हटाने।
♥️ सार्वजनिक ऋण के लिए
सरकार द्वारा कार्यालय स्थापित करने।
♥️ निर्यातकों तथा विदेशी मुद्रा
अर्जकों को अपनी मुद्रा एक्सचेंज आन फारेन करेन्सी एकाउण्ड में रखने की अनुमति देने
तथा पूँजी खाते के संचालन में पूरी आजादी देने।
♥️ सेवी में पंजीकृत भारतीय
निवेशकों को भी प्रवेश की अनुमति ।
♥️ पहले देश की अर्थव्यवस्था
को पूर्ण परिवर्तनीयता के लिए तैयार करने का सुझाव दिया गया।
➡️ भारत में 8 निर्यात
प्रसंस्करण क्षेत्रों में 7 सार्वजनिक क्षेत्र में स्थापित है तथा आठवां सूरत (गुजरात)
में निजी क्षेत्र में शामिल है। सार्वजनिक क्षेत्र फहटा में जो सात प्रसंस्करण क्षेत्र
है उनमें- काण्डला, सान्ताकुंज (पश्चिमी बंगाल), नोएडा, कोचीन, चेन्नई तथा विशाखापट्टनम
।
➡️ सान्ताकुज इलेक्ट्रानिक
सामान तथा रत्नों, आभूषणों के लिए तथा अन्य सभी क्षेत्र सभी प्रकार के उत्पादों के
लिए हैं।
➡️ सान्ताकुज निर्यात के
मामले में सबसे अग्रणी है जबकि चेन्नई का स्थान उसके बाद रहा है।
➡️ नयी अर्थोपाय अग्रिम
व्यवस्था - भारत सरकार और रिजर्व बैंक के बीच 26 मार्च 1997 को हुए ऐतिहासिक समझौते
में बजट घाटे की पूर्ति के लिए ट्रेजरी बिलों की व्यवस्था समाप्त कर अग्रिम रूप से
राशि लेने की व्यवस्था शुरू हुई।
➡️ सेबी (SEBI)- देश के
प्रतिभूति बाजार के विकास तथा नियमन सम्बन्धी सभी मामलों की देखभाल करने तथा इनके सन्दर्भ
में सरकार को सलाह देने के उद्देश्य से गैर संवैधानिक रूप में 12 अप्रैल, 1998 को सेवी
का गठन किया गया।
➡️ वित्तीय वर्ष
2010-11 में डॉलर मूल्य में भारत के कुल निर्यात 245.868 अरब डॉलर के तथा आयात
350.695 अरब डॉलर के रहे थे। इस प्रकार व्यापार घाटा 2010-11 में 104.827 अरब डॉलर
का अनुमानित किया गया है।
➡️ वर्ष 2006 में मूल्यानुसार
भारत का निर्यात व्यापार विश्व के कुल निर्यात व्यापार का लगभग 1.0 प्रतिशत था। वर्ष
2007 तथा वर्ष 2008 में भी यह 1.1% बना रहा था।
➡️ वैश्विक वस्तुओं तथा
सेवाओं के व्यापार में भारत के विदेशी व्यापार का अंश 2004 में 1.0% था, जो 2006 में
1.5% हो गया।
➡️ व्यक्तिगत राष्ट्रों की दृष्टि से भारत का सर्वाधिक विदेशी
व्यापार चीन के साथ है।
➡️ अमरीका के साथ भारत
का व्यापार शेष अधिकांशतः भारत के पक्ष में ही रहता है।
➡️ वर्ष 1994-95 में रुपये
को चालू खाते में पूर्ण परिवर्तनीय घोषित कर दिया गया।
➡️ भारत के हस्तशिल्प
(रत्न एवं आभूषण के अतिरिक्त) का सर्वाधिक निर्यात अमरीका को किया जाता है।
➡️ दालों के उत्पादन में
भारत का विश्व में पहला स्थान होने के बावजूद प्रतिवर्ष 20 लाख टन दालों का आयात किया
जाता है।
➡️ निर्यात वस्तुओं में
सर्वाधिक मूल्य का निर्यात हस्तशिल्प की वस्तुओं का होता है। इनमें भी रत्न एवं आभूषणों
का सर्वोच्च स्थान है, किन्तु इसके लिए बहुमूल्य पत्थरों का आयात भी करना पड़ता है।
➡️ फलों, सब्जियों, छोटे-छोटे
वन उत्पादों और उनके मूल्यवर्द्धित उत्पादों के निर्यातों में बढ़ोत्तरी करने के लिए
'विशेष कृषि उपज 'योजना' लागू की गई है।
➡️ भारत में प्रथम रेलगाड़ी
मुम्बई से थाणे तक (34 किमी० की दूरी तक) 1853 में चलाई गई थी।
➡️ मार्च 2009 के अन्त
तक देश में रेलगाड़ी की कुल लम्बाई, 64015 रूट किमी थी, जिसमें से लगभग 28% नेटवर्क
विद्युतीकृत था।
➡️ भारत में रेलवे 18 क्षेत्रों
(Zones) में विभाजित है, जिसमें से उत्तरी क्षेत्र (मुख्यालय नई दिल्ली) का रूट किलोमीटर
सबसे अधिक है।
➡️ एक ही प्रतिष्ठान के
प्रबन्ध के अन्तर्गत भारतीय रेल वर्तमान में एशिया की सबसे बड़ी व विश्व की दूसरी बड़ी
रेल प्रणाली है।
➡️ भारतीय रेलवे में
15.77 लाख कर्मचारी नियोजित हैं। यह संख्या देश में किसी भी उपक्रम की सबसे अधिक संख्या
है।
➡️ राष्ट्रीय राजमार्गों
की लम्बाई कुल सड़क मार्ग का 2 प्रतिशत से भी कम है। किन्तु इस पर कुल सड़क यातायात
का 40 प्रतिशत आवागमन होता है।
➡️ वर्तमान में यात्री
यातायात में सड़क यातायात का हिस्सा लगभग 85 प्रतिशत तथा माल ढुलाई यातायात में लगभग
70 प्रतिशत है।
➡️ राज्यों में सड़क मार्ग
की लम्बाई में प्रथम स्थान महाराष्ट्र का है।
➡️ एयर इण्डिया का उपक्रम
1 मार्च, 1994 से एयर इण्डिया लिमिटेड में विलय हो गया।
➡️ इण्डियन एयरलाइन्स के
बेड़े में 73 विमान है।
➡️ पवन हंस द्वारा हेलीकॉप्टर
सेवा उपलब्ध करायी जाती है। इसकी स्थापना 1985 में 'हेलीकॉप्टर कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया'
नाम से की गयी थी।
➡️ निजी क्षेत्र की विमानन
कम्पनी एयर सहारा, जिसका अधिग्रहण जैट एयरवेज ने अप्रैल 2007 में किया था, का नाम बदलकर
जैट लाइट (Jet lite) कर दिया गया।
➡️ भारत में योजना आयोग
का गठन 15 मार्च, 1950 को एक गैर- सांविधिक तथा परामर्शदात्री निकाय के रूप में किया
गया।
➡️ भारत के प्रधानमन्त्री
योजना आयोग के पदेन अध्यक्ष हैं।
➡️ राष्ट्रीय विकास परिषद् का गठन 6 अगस्त, 1952 को किया गया
था।
➡️ भारत की पहली पंचवर्षीय
योजना 1 अप्रैल, 1951 से प्रारम्भ हुई।
➡️ 1 अप्रैल, 2007 से ग्यारहवीं
पंचवर्षीय योजना प्रारम्भ की गयी।
➡️ भारत की 12वीं पंचवर्षीय
योजना (2012-17) का शुभारम्भ । अप्रैल, 2012 से होना है। इस योजना का विकास लक्ष्य
9.0% से 9.5% प्रतिवर्ष के बीच रखने का योजना आयोग का प्रस्ताव है।
➡️ तीसरी पंचवर्षीय योजना
(1961-66) तथा चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-74) के बीच तीन वर्ष की अवधि को योजना अवकाश
(Plan Holiday) की अवधि कहा जाता है।
➡️ लकड़ावाला फार्मूले
के अन्तर्गत सभी राज्यों एवं संघ प्रदेशों में अलग-अलग निर्धनता रेखा अर्थात् कुल
35 रेखाएं होगी। देश में 1993-94 में निर्धनता रेखा से नीचे के लोगों की संख्या लकड़ावाला
फॉर्मूले के अनुसार 35.97% आकलित की गयी थी। 1999-2000 में यह 26.10% थी। देश में सर्वाधिक
निर्धनता अनुपात (47.15%) ओडिशा में था बिहार (नए राज्य के गठन के पूर्व) में निर्धनता
अनुपात 42.60% आकलित किया गया था। निर्धनों की निरपेक्ष संख्या के मामले में उत्तर
प्रदेश का स्थान जहाँ सबसे ऊपर है, वहीं निर्धनता अनुपात के मामले में (कुल जनसंख्या
में निर्धन जनसंख्या का प्रतिशत) ओडिशा (46.4%) का स्थान सर्वोच्च है।
➡️ विश्व बैंक की 'विश्व
विकास सूचक' शीर्षक को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार विश्व में निर्धन लोगों की सर्वाधिक
संख्या भारत में है। विश्व की 1.3 अरब निर्धन जनसंख्या का सर्वाधिक 36% भाग भारत में
है। इन निर्धनों की आय 1 डॉलर प्रतिदिन से कम है।
➡️ 1993-94 से 2008 के
बीच बेरोजगारी की दर बढ़ी है।
➡️ भारत के ग्रामीण क्षेत्रों
में मौसमी बेरोजगारी व अदृश्य बेरोजगारी बहुत अधिक पायी जाती है।
➡️ 2001 की जनगणना के अन्तिम
आँकड़ों के अनुसार देश में कार्य सहभागिता दर (Work Participation Rate) अर्थात् कुल
जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में कुल श्रमिक 39.1 प्रतिशत थी।
➡️ 2001 की जनगणना के अनुसार पुरुषों में कार्य सहभागिता दर
51.7 प्रतिशत तथा महिलाओं में 25.6 प्रतिशत थी।
➡️ अप्रैल 1999 से सरकार
ने ग्रामीण विकास की 6 प्रमुख योजनाओं IRDP, TRYSEM, DWCRA, SITRA, गंगा कल्याण योजना
तथा दस लाख कुआँ योजना (MWS) के स्थान पर 'स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना'
(SGSY) नाम की एकल योजना को प्रारम्भ किया गया था।
➡️ SGSY की निधि व्यवस्था
केन्द्र और राज्यों द्वारा 75:25 के अनुपात में की जाती है।
➡️ सूखे की आशंका वाले
क्षेत्रों के विकास व इन क्षेत्रों में पर्यावरण संतुलन बहाल करने के उद्देश्य से
'सूखा आशंकित क्षेत्र कार्यक्रम' (Droug,it-Prone Area Programme) 1973 में प्रारम्भ
किया गया था। इस कार्यक्रम के लिए वित्त की व्यवस्था केन्द्र व सम्बन्धित राज्य द्वारा
75 : 25 के अनुपात में की जाती है।
➡️ रेगिस्तानी क्षेत्रों में सूखे के कुप्रभावों को समाप्त
करने व रेगिस्तान को बढ़ने से रोकने के उद्देश्य से 'मरुभूमि विकास कार्यक्रम'
(Desert Development Programme) 1977-78 में प्रारम्भ किया गया। इस कार्यक्रम की वित्त
व्यवस्था केन्द्र तथा राज्य द्वारा 75:25 के में की जाती है।
➡️ वर्ष 2011-12 के लिए
'सांसदों की स्थानीय क्षेत्र विकास योजना' के तहत् प्रत्येक संसद अपने निर्वाचन क्षेत्र
में प्रतिवर्ष 5 करोड़ रुपये तक के विभिन्न कार्यों को सम्पन्न कराने के लिए सम्बन्धित
जिलाधिकारी को अपनी संस्तुति दे सकता है।
➡️ शहरी विकास मन्त्रालय
के तत्वावधान में शहरी गरीबी समाप्त के 1997 से पहले निम्नलिखित कार्यक्रम कार्यान्वित
किये जा रहे थे (1) नेहरू रोजगार योजना, (2) गरीबों के लिए शहरी आधारभूत सेवाएं
(Urban Basic Services for the Poor), तथा (3) प्रधानमन्त्री की समन्वित शहरी गरीबी
उन्मूलन कार्यक्रम (PMIUPEP), इन तीनों कार्यक्रमों को 1 दिसम्बर, 1997 से स्वर्ण जयन्ती
शहरी रोजगार योजना (SJSRY) में समन्वित कर दिया गया था।
➡️ शिक्षित बेरोजगार युवाओं
के लिए प्रधानमन्त्री की रोजगार योजना (PMRY) को 2 अक्टूबर, 1993 से प्रारम्भ किया
गया। इसका उद्देश्य 10 लाख शिक्षित बेरोजगार शहरी युवाओं को आठवीं योजना के दौरान
7 लाख सूक्ष्म उद्यम उपलब्ध कराकर रोजगार प्रदान करना था। यह योजना 1993-94 के दौरान
केवल शहरी क्षेत्रों में कार्यान्वित की गयी थी, किन्तु । अप्रैल, 1994 से इसे सम्पूर्ण
देश में लागू कर दिया गया है।
➡️ निर्धनता रेखा से नीचे
जीवनयापन करने वालों के लिए एक राष्ट्रीय सामाजिक सहायता योजना 15 अगस्त, 1995 से प्रारम्भ
की गई। इस योजना के तीन घटक हैं- (i) 65 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को,
400 रुपये प्रतिमाह की वृद्धावस्था पेंशन देना, (ii) परिवार के मुख्य आय अर्जक को मृत्यु
की स्थिति में 10,000 रुपये की एकमुश्त सहायता तथा (iii) 19 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं
का पहले दो प्रसवों के अवसरों पर प्रसव पूर्व व प्रसवोपरान्त पोषाहार हेतु 500 रुपये
की वित्तीय सहायता । इस योजना के पहले घटक के अन्तर्गत 2011-12 के बजट में इन्दिरा
गाँधी वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत् अर्हता आयु 65 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष कर दी
गई है तथा 80 वर्ष से अधिक आयु के लाभार्थियों के लिए पेंशन राशि 200 रुपये प्रतिमाह
से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह करने का प्रस्ताव किया गया है।
➡️ वर्ष 1996-97 के बजट सरकार ने जीवन बीमा निगम के माध्यम
से जीवन सुरक्षा नामक एक नई पेंशन योजना व साधारण बीमा निगम के माध्यम से 'जन आरोग्य'
नामक एक नई मेडीकेयर योजना का प्रावधान किया था। जीवन सुरक्षा योजना के तहत 30 वर्ष
की आयु में शामिल होने पर 30 वर्ष तक 250 रुपये प्रतिमाह किश्त चुकाने पर 60 वर्ष की
आयु से 3,500 रुपये प्रतिमाह की जीवन- पर्यन्त पेंशन उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
जन आरोग्य के तहत् 70 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर प्रतिवर्ष 5,000 रुपये तक का मेडीकल
व्यय कवच उपलब्ध कराने का प्रावधान है। चार सदस्यीय परिवार 250 रुपये प्रतिवर्ष चुका
कर 20 हजार रुपये तक का कवच प्राप्त कर सकता है।
➡️ 15 अगस्त, 1996 को घोषित
संगम योजना के तहत् ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले विकलांग लोगों को समूह में
संगठित किया जाता है। संगम नाम से गठित ऐसे प्रत्येक समूह को आर्थिक गतिविधियाँ सम्पन्न
करने के लिए 15,000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है।
➡️ 2000-01 के बजट में
प्रधानमन्त्री ग्रामोदय योजना की घोषणा की गई थी।
➡️ 1999-2000 के बजट में
ग्राम समृद्धि योजना (जवाहर रोजगार योजना की जगह), अन्नपूर्णा योजना तथा स्वर्ण जयन्ती
ग्राम स्वरोजगार योजना प्रारम्भ किये जाने की घोषणा की थी।
➡️ वित्तीय वर्ष
2001-02 के दौरान जीवन बीमा निगम (LIC) के माध्यम से भूमिहीन कृषि श्रमिकों से भूमिहीन
कृषि श्रमिकों के लिए 'खेतिहर मजदूर बीमा योजना' प्रारम्भ करने की घोषणा की गयी थी
जिसे 1 जुलाई, 2001 से प्रारम्भ कर दिया था। इसके तहत् बीमा सुरक्षा के साथ-साथ 60
वर्ष की आयु के बाद 100 रुपये प्रतिमाह की पेंशन का भी प्रावधान है।
➡️ गरीबी की रेखा से नीचे
रह रहे माता-पिता के बच्चों को नौवीं कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के अध्ययन के दौरान
100 रुपये प्रतिमाह का शिक्षा भत्ता प्रदान करने के लिए जीवन बीमा निगम के माध्यम से
ही 'शिक्षा सहयोग योजना' वित्तीय वर्ष 2001-02 के दौरान प्रारम्भ करने की घोषणा की
गई थी।
➡️ अर्थव्यवस्था में चल
रहे उदारीकरण के परिणामस्वरूप प्रभावित एवं विस्थापित हो रही श्रमशक्ति को आर्थिक सुरक्षा
प्रदान करने के उद्देश्य से साधारण बीमा निगम (GIC) के माध्यम से सामूहिक बीमे
(Group Insurance) की एक नई 'आश्रय बीमा 'योजना' को जून 2001 में लागू किया गया था।
➡️ देश एवं विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों
को रियासती शर्तों पर 15 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराने के लिए बैंकों के माध्यम
से 'शैक्षणिक ऋण योजना' लागू करने की घोषणा भी 2001-02 के बजट में की गयी थी। ऐसे
4 लाख रुपये तक के ऋण हेतु जमानत की कोई आवश्यकता नहीं है।
➡️ 25 सितम्बर, 2001 से सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना
(SGRY) प्रारम्भ की गयी थी, जिसमें EAS तथा JGSY का विलय कर दिया गया था।
➡️ वर्ष 2002-03 के बजट में देश के सर्वाधिक गरीबी वाले जिलों
में बेरोजगारों को रोजगार की गारण्टी देने के उद्देश्य से एक नई 'जय प्रकाश नारायण
रोजगार गारण्टी योजना' (JPRGY) प्रारम्भ की गयी थी।
➡️ ग्रामीण क्षेत्रों के
विकास के लिए 15 अगस्त, 2003 को प्रधानमन्त्री ने 'पुरा' (PURA-Provision of Urban
Amenities in Rural Areas) कार्यक्रम प्रारम्भ करने की घोषणा की थी।
➡️ न्यूनतम मजदूरी अधिनियम
के तहत् 1 सितम्बर, 2007 से केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी स्तर को 66
रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 80 रुपये प्रतिदिन कर दिया है।
➡️ असंगठित क्षेत्र के
श्रमिकों के लिए एक नई सामाजिक सुरक्षा पायलट योजना 23 जनवरी, 2004 को प्रारम्भ की
गयी थी, इससे उस क्षेत्र के श्रमिकों को पारिवारिक पेंशन, बीमा व चिकित्सा जैसी सुविधाएं
उपलब्ध करायी जाती हैं।
➡️ 14 नवम्बर, 2004 को
150 सर्वाधिक पिछड़े जिलों में काम के बदले अनाज का कार्यक्रम शुरू किया गया, ताकि
इन जिलों में आवश्यकता आधारित आर्थिक, सामाजिक और सामुदायिक परिसम्पत्तियों का सृजन
करके पूरक वेतन रोजगार का सृजन किया जा सके और खाद्य सुरक्षा की व्यवस्था को अधिक गहन
बनाया जा सके।
➡️ राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार
गारण्टी विधेयक 2005 का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में गरीबों की आजीविका सुरक्षा की
वृद्धि के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक परिवार में जिसका एक वयस्क सदस्य
अकुशल शारीरिक श्रम करने को तैयार हो को कम-से- कम 100 दिन का गारण्टी गुदा वेतन रोजगार
उपलब्ध कराना है। (कार्य का विभाजन परिवार के वयस्क सदस्यों के मध्य किया जा सकता है)
इसी अधिनियम के तहत वर्ष 2006-07 के बजट में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी स्कीम
प्रारम्भ की गयी थी। इसे अब महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम
(MANREGA) नाम माना जाता है।
➡️ 3 दिसम्बर, 2005 को
नेहरू राष्ट्रीय ग्रामीण रिन्यूबल मिशन प्रारम्भ किया गया।
➡️ वर्ष 2006-07 के बजट
में UPA सरकार के आठ फ्लैगशिप कार्यक्रमों में अधिकतम संसाधन आवंटित किये गये थे। यह
आठ कार्यक्रम थे- (1) सर्व शिक्षा अभियान, (2) मध्याह्न भोजन स्कीम, (3) राजीव गाँधी
ड्रिंकिंग वाटर मिशन, (4) समग्र सेनीटेशन कम्पेन, (5) राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य
मिशन, (6) समन्वित बाल विकास सेवाएं (ICDS), (7) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी
स्कीम तथा (8) जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी रिन्यूबल मिशन।
➡️ वर्ष 2011-12 के दौरान
सर्वशिक्षा अभियान के लिए 21000 करोड़ रुपये, मध्याह्न भोजन योजना के लिए 10380 करोड़
रुपये, एकीकृत बाल विकास योजना के लिए 10330 करोड़ रुपये, भारत निर्माण योजना के लिए
58000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।
➡️ वर्ष 2009-10 के बजट
में 50% से अधिक अनुसूचित जाति की जनसंख्या वाले गाँवों के लिए प्रधानमन्त्री आदर्श
गाँव योजना घोषित की गयी थी। महिला सारक्षता के लिए राष्ट्रीय महिला साक्षरता मिशन
की घोषणा की 2009-10 के बजट में की गयी थी।
➡️ 1 जुलाई, 1955 को इम्पीरियल
बैंक का आंशिक राष्ट्रीयकरण करके उसका नाम स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया कर दिया गया। वर्तमान
में स्टेट बैंक का सबसे बड़ा व्यापारिक बैंक हैं।
➡️ पूर्णरूप से पहला भारतीय
बैंक 'पंजाब नेशनल बैंक' था। इसकी स्थापना 1894 में की गयी थी।
➡️ रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया
भारत का केन्द्रीय बैंक (Gentral Bank) है। इसकी स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को की गयी
थी। इसका मुख्यालय मुम्बई में है। रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण । जनवरी, 1949 को किया
गया था।
➡️ देश के 14 बड़े व्यापारिक
बैंकों का राष्ट्रीयकरण 19 जुलाई, 1969 को किया गया था। बाद में 15 अप्रैल, 1980 को
6 अन्य व्यापारिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। सितम्बर 1993 में न्यू बैंक ऑफ
इण्डिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में कर दिये जाने के परिणामस्वरूप देश में राष्ट्रीयकृत
वाणिज्यिक बैंकों की संख्या 20 से घटकर 19 ही रह गई।
➡️ अनुसूचित व्यापारिक
बैंक उन बैंकों को कहा जाता है, जिनका नाम 1934 के रिजर्व बैंक अधिनियम की दूसरी अनुसूची
में सम्मिलित कर लिया गया है।
➡️ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों
की स्थापना 1975 में की गई। सिक्किम और गोआ को छोड़कर देश के सभी राज्यों में क्षेत्रीय
ग्रामीण बैंक कार्यरत है।
➡️ भारतीय मुद्रा बाजार
में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया का शीर्ष स्थान है।
➡️ देश में औद्योगिक वित्त की शिखर संस्था भारतीय औद्योगिक
विकास बैंक (Industrial Development Bank of India- IDBI) है। इसकी स्थापना जुलाई
1964 में की गयी थी।
➡️ लघु औद्योगिक इकाइयों
के लिए वित्त व्यवस्था करने के उद्देश्य से 2 अप्रैल, 1990 को भारतीय लघु औद्योगिक
विकास बैंक (Small Industrial Development Bank of India-SIDBI) की स्थापना की गयी
थी। इसका मुख्यालय लखनऊ में है।
➡️ भारतीय औद्योगिक पुनर्निर्माण
बैंक (Industrial Reconstruction Bank of India—IRBI) की स्थापना 20 मार्च, 1985 को
की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य रुग्ण तथा बन्द पड़ी औद्योगिक इकाइयों के पुनर्निर्माण
हेतु वित्त उपलब्ध कराना है। इस बैंक का मुख्यालय कोलकाता में है।
➡️ यूनिट ट्रस्ट ऑफ इण्डिया
(UTI), जीवन बीमा निगम (LIC) तथा सामान्य बीमा निगम (GIC) भी उद्योगों को दीर्घकालिक
वित्त उपलब्ध कराते हैं।
➡️ भारतीय यूनिट ट्रस्ट
(UTI) की स्थापना 1964 में लोगों की लघु बचतें एकत्रित करके उनके उचित एवं लाभदायक
विनियोजन के उद्देश्य से की गयी थी।
➡️ बैंकों में ग्राहक सेवा सुधारने हेतु सुझाव देने के लिए
गोइपोरिया समिति का गठन किया गया था।
➡️ शेयर घोटाले की जाँच
हेतु रिजर्व बैंक द्वारा अप्रैल 1992 में जानकीरमन समिति का गठन किया था।
➡️ निवेशकों के हितों की
सुरक्षा व पूँजी बाजार के समुचित विनियमन के उद्देश्य से भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय
बोर्ड (Securities and Exchange Board of India-SEBI) स्थापना अप्रैल 1988 में की गयी
थी। 30 जनवरी, 1992 को राष्ट्रपति के एक अध्यादेश द्वारा इसे वैधानिक दर्जा प्रदान
किया गया।
➡️ निजी क्षेत्र के लिए
बैंकों में सर्वप्रथम यू०टी०आई०, बैंक ने 2 अप्रैल, 1994 से कार्य करना प्रारम्भ किया
था। इस बैंक का मुख्यालय अहमदाबाद में है। इस बैंक का नाम बदलकर 'एक्सिस' बैंक कर दिया
गया है। (रेपो दर वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक RBI से अल्प- कालीन राशियाँ प्राप्त
करते हैं, जबकि रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी फालतू तरलता अल्पकाल
के लिए रिजर्व बैंक के पास जमा रखते हैं।)
➡️ भारतीय सामान्य बीमा
निगम के अन्तर्गत 4 सहायक कम्पनियाँ कार्यरत हैं। इनके नाम इस प्रकार हैं- (1) नेशनल
इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, (2) नयू इण्डिया इश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, (3) ओरिएन्टल
इश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड तथा (4) यूनाइटेड इण्डिया इश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड।
➡️ भारतीय जीवन बीमा निगम
(LIfe Insurance Corporation of India) की स्थापना । सितम्बर, 1956 को की गयी थी।
➡️ देश में कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए वित्त व्यवस्था करने
हेतु शिखर संस्था नाबार्ड (NABARD National Bank for Agricultra and Rural
Development) है। नाबार्ड की स्थापना 12 जुलाई। 1982 को की गई थी।
➡️ राष्ट्रीय आवास बैंक (National Housing Bank NHB) की स्थापना
एक शिखर संस्था के रूप में जुलाई 1988 में की गयी थी।
➡️ आयात-निर्यात के लिए
वित्त व्यवस्था हेतु देश में शिखर संस्था निर्यात-आयात बैंक (EXIM Bank) है। इकसी स्थापना
1 जुलाई, 1982 को की गयी थी।
➡️ पर्यटन से सम्बन्धित
परियोजनाओं के लिए वित्त व्यवस्था करने हेतु भारतीय पर्यटन वित्त निगम (Tourism
Finance Corporation of India IFCI) की स्थापना 1989 में की गयी थी।
➡️ भारतीय में सहकारी बैंकों
का संगठन त्रिस्तरीय है। राज्य स्तर पर राज्य सरकारी बैंक, जिला स्तर पर जिला सहकारी
बैंक अथवा केन्द्रीय सहकारी बैंक तथा स्थानीय स्तर पर प्राथमिक सहकारी समितियाँ कार्य
करती हैं।
➡️ सहकारिताओं को सहकारी
नियन्त्रण से मुक्त करने वाला देश का पहला राज्य आन्ध्र प्रदेश है।
➡️ बैंक दर वह दर है जिस पर केन्द्रीय बैंक, बैंकों के प्रथम
श्रेणी के बिलों की पुनर्कटौती (Rediscount) करता है।
➡️ खुले बाजार की क्रियाओं
के अन्तर्गत देश का केन्द्रीय बैंक मान्यता प्राप्त सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय
खुले बाजार में करता है।
जनसंख्या
➡️ 2011 की जनगणना के आँकड़ों
के अनुसार 1 मार्च, 2011 को सूर्योदय के समय भारत की कुल जनसंख्या 121.02 करोड़ थी।
➡️ 2011 की जनगणना के अनुसार
भारत में स्त्री-पुरुष अनुपात 940 महिलाएं प्रति हजार पुरुष रहा राज्यों में प्रति
हजार पुरुषों पर महिलाओं की सर्वाधिक संख्या केरल में (1084 महिलाएं प्रति हजार पुरुष)
तथा सबसे कम हरियाणा में (877 महिलाएं प्रति हजार पुरुष) रही।
➡️ 2011 की जनगणना के अनुसार
देश में जनसंख्या का घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था।
➡️ राज्यों में सर्वाधिक
घनत्व बिहार में (1102 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी) तथा सबसे कम अरुणाचल प्रदेश में
(17 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी) रहा।
➡️ 2011 की जनगणना में
पूरे देश के लिए साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत थी।
➡️ सर्वाधिक साक्षरता केरल
में (93.91 प्रतिशत) तथा सबसे कम बिहार में (63.82 प्रतिशत) पाई गई।
➡️ देश में सर्वाधिक जनसंख्या
वाला राज्य उत्तर प्रदेश (2011 की जनगणनानुसार जनसंख्या 19.96 करोड़) तथा सबसे कम जनसंख्या
वाला राज्य सिक्किम (2011 में जनसंख्या 6.07 लाख) है।
➡️ भारत में पहली बार जनगणना का कार्य 1872 में हुआ था। किन्तु
वह जनगणना नियमित नहीं थी। 10 वर्षीय अन्तराल वाली पहली नियमित व अखिल भारतीय जनगणना
1881 में सम्पन्न हुई। तब से प्रति दस वर्ष बाद जनगणना की जाती है।
➡️ सब्जियों के उत्पादन
में भारत का विश्व में पहला स्थान है।
➡️ आम और केले के उत्पादन
में भारत का विश्व में पहला स्थान है।
➡️ भारत में पहला जल विद्युत्
शक्ति गृह 1897 ई० में दार्जिलिंग में प्रारम्भ हुआ।
➡️ भारत में मनीऑर्डर प्रणाली
की शुरुआत सर्वप्रथम 1880 ई० में हुई थी।
➡️ भारत में पहला डाक टिकट
1854 ई० में कराची से जारी किया गया।
➡️ भारत में डाकघर बचत
बैंक 1882 ई० में प्रारम्भ की गयी थी।
➡️ अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा
कोष (IMF) की स्थापना 27 दिसम्बर, 1945 को की गयी थी।
➡️ फरवरी 2009 तक IMF की
सदस्य संख्या बढ़कर 185 हो गयी थी।
➡️ एशियाई देशों के आर्थिक
विकास को प्रोत्साहित करने हेतु दिसम्बर 1966 में एशियाई विकास बैंक (ADB) की स्थापना
की गयी थी। इसका मुख्यालय फिलिपीन्स (मनीला) में है।
भूमि सुधार
➡️ भारत में भूमि सुधार
न सिर्फ सामाजिक न्याय से जुड़ा हुआ प्रश्न है बल्कि कृषि के विकास के लिए भी भूमि
सुधार आवश्यक है। भूमि जोतों का अनुपादक होना भारतीय कृषि की बड़ी गम्भीर समस्या है।
भूमि सुधार की दिशा में अब तक निम्न कदम उठाये जा चुके हैं-
1. जमीदारी उन्मूलन द्वारा
मध्यस्थों को हटाना।
2. काश्तकारी सुधार।
3. लगान का नियमन।
4. काश्तकारी अधिकारों को सुरक्षा
प्रदान करना ।
5. काश्तकारों को भू-स्वामित्व
दिलवाना।
➡️ जीवों के प्राकृतिक
आवास की सुरक्षा, संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण तथा जन जागरण के लिए 1952 में भारतीय
जीव मण्डल, 1972 में भारतीय वन्यजीव संरक्षण नीति, 1968 में वन्य जीव कोष, 1985 में
भारतीय वन्य प्राणी बोर्ड तथा वन्य प्राणी संरक्षण निदेशालय की स्थापना की गयी।
➡️ वर्तमान में 80 राष्ट्रीय
उद्यान, 412 अभ्यारण की स्थापना तता 14 जैव मण्डल रिजर्व की घोषणा हो चुकी है।
➡️ भारतीय बाघों के लुप्त
प्राय प्रजाति के संरक्षण के लिए 1972 में बाघा योजना शुरू की गयी।
➡️ 1975 में गिरि सिंह
प्रोजेक्ट शुरू किया गया।
➡️ 1988 में प्रोजेक्ट
एलीफेन्ट शुरू की गयी।
➡️ मुक्त बन्दरगाह
(Free port)- वह बन्दरगाह जहाँ जहाज में निःशुल्क चढ़ाया एवं उतारा जा सकता है। जैसे
हाँगकाँग बन्दरगाह |
➡️ समर्थन मूल्य
(Support price)- सरकार द्वारा निश्चित वह मूल्य जिस मूल्य पर सरकार वस्तुयें खरीदने
के लिए प्रतिबद्ध होती है अर्थात् यह बाजार चलाने का मानक मूल्य है।
➡️ तीसरी चौथी दुनियां (Third & Fourt Word)- यह वह देश
है जो विकासशील तथा अर्द्ध विकसित है। एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका आदि देश तीसरी
दुनियां के देशों में आते हैं। चौथी दुनियां में वे देश आते हैं जैसे अर्द्ध विकसित
देश जिन पर अधिक विदेशी ऋण भार रहता है तथा जो प्रट्रोल निर्यातक देशों द्वारा मूल्यवृद्धि
से विशेष प्रभावित होते हैं।
➡️ विमुद्रीकरण
(Demononetezation)- छिपी सम्पत्ति को बाहर निकालने के लिए सरकार द्वारा धातु मुद्रा
तथा पत्र मुद्रा की चलन से बाहर करने की नीति । इस प्रकार प्रचलित मुद्रा को चलन से
बाहर कर नयी मुद्रा प्रदान की जाती है।
➡️ साख संकुचन नीति
(Cridit Squeeze policy)- यह केन्द्रीय बैंक द्वारा अपनायी जाने वाली वह नीति है जिसमें
ऋणों को कम किया जाता है।
➡️ सॉफ्ट करेंसी (Soft
Curency)- आसानी से उपलब्ध करेंसी ।
➡️ हार्ड करेंसी (Hard
Curency)- यह वह करेंसी है जिसके द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अधिक मांग वाली
मुद्रा को आसानी से प्राप्त किया जा सके। जैसे-अमेरिकी डॉलर, येन, मार्क पौण्ड आदि।
➡️ हॉट करेन्सी (Hot Curency)- यह वह मुद्रा है जिसके द्वारा
लगातार कम हो रहे विनिमय मूल्य के बदले में अधिक स्थिर मूल्य वाली मुद्रा प्राप्त की
जा सके।
➡️ साॅफ्ट लोन
(Solf Loan)- जब कम ब्याज पर लंबी अवधि के लिए ऋण प्राप्त किया जाता है, साफ्ट लोन
कहलाता है।
➡️ हार्ड लोन (Hord Loan)- यह कम अवधि के लिए ऋण है जिसकी ब्याज
दरें ऊँची होती हैं।
➡️ (Floting of
Curency) मुद्रा के सरकारी तथा गैर सरकारी मूल्यों में उतार चढ़ाव के कारण दैनिक आधार
पर मुद्रा के मूल्य निर्धारण करने के लिए अन्य देशों के मुद्रा को न निर्धारित करने
की नीति।
➡️ स्काक इन्वेस्ट योजना-
इस योजना के तहत अब शेयर आवंटित होने के बाद ही निवेशकों के खाते से रुपया कम्पनियों
के खातों में जायेगा। यह कम्पनियों को शेयरों के लिए आवेदन राशि हैं।
➡️ कागजी स्वर्ण
(Paper Gold)- यह अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष की पुस्तकों में अंकित वह अन्तर्राष्ट्रीय
द्रव्य है जो केवल पुस्तकीय प्रविधियों द्वारा एक देश से दूसरे देश में पहुँच जाता
है। इसका उपयोग SDR के रूप में किया जाता है।
➡️ ऋण-पत्र
(Debentures) - यह एक कम्पनी द्वारा ऋण के प्रमाण में जारी अनुबन्ध है। इसके धारक को
निश्चित अवधि तथा एक निश्चित ब्याज दर सहित ऋण वापस करना होता है।
➡️ डेविडेन्ट
(Divindend) डेविडेन्ट शेयर धारकों द्वारा कम्पनी से प्राप्त लाभ है।
➡️ संरचनात्मक बेरोजगारी
(Stractural Unemployment )- यह देश के आर्थिक ढाँचे से सम्बन्धित दीर्घकालीन बेरोजगारी
की स्थिति है।
➡️ समन्वित ग्राम विकास
कार्यक्रम (I.R.D.P.)- देश में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों के लिए
यह ग्रामीण विकास का एक समन्वित कार्यक्रम है। 1978-79 में सरकार ने यह कार्यक्रम गरीबों
को ऊपर उठाने तथा उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रारम्भ किया गया था।
➡️ ग्रामीण भूमिहीन रोजगार
गारण्टी कार्यक्रम-इस कार्यक्रम के द्वारा सरकार भूमिहीन श्रमिक के परिवार के कम से
कम एक सदस्य को 100 दिन का रोजगार दिलाने की गारण्टी देता है। यह कार्यक्रम सरकार द्वारा
1983-83 में प्रारम्भ किया गया था। अब इसे जवाहर रोजगार योजना से जोड़ दिया गया है।
➡️ प्रतिभूति इस शब्द का
प्रयोग प्रपत्रों के रूप में वित्तीय परिसम्पत्तियों तथा शेयर, डिबेन्चर व अन्य ऋण
बैंकिंग ऋणों की जमानत के सन्दर्भ में व्यापक रूप से प्रयुक्त होता है।
➡️ म्यूचुअल फण्ड-इसके
द्वारा जनता के धन को ऐच्छिक आधार पर एकत्रित करके विनियोग के बेहदर अवसरों का प्रयोग
किया जाता है। भारत में यूनिट ट्रस्ट, स्टेट बैंक, कैनरा बैंक आफ इण्डिया, इण्डियन
बैंक आदि द्वारा स्थापित किया गया है।
➡️ व्यावसायिक संरचना से अभिप्राय जनसंख्या के उस व्यावसायिक
वितरण से है जिसमें कार्यशील जनसंख्या को विभिन्न व्यावसायिक श्रेणियों में विभाजित
किया जाता है। व्यावसायिक दृष्टि से विभिन्न उत्पादन क्रियाओं को तीन श्रेणियों में
बाँटा जा सकता है-
1. प्राथमिक क्रियाएँ
(Primary Activities)
2. द्वितीयक क्रियाएं
(Secondary Activities)
3. तृतीयक
➡️ प्राथमिक क्रियाओं में
वे क्रियाएं सम्मिलित की जाती है, जो मानव को जीवित रखने में सहायता प्रदान करती है,
इन क्रियाओं में कृषि, पशुपालन, मछली पकड़ना, वनों से लकड़ी काटना, वनों से दूसरे उत्पादों
को एकत्रित करना आदि क्रियाएं सम्मिलित है।
➡️ द्वितीयक क्रियाओं में
उत्पादन सम्बन्धी क्रियाएं सम्मिलित की जाती है। सामान्यतया द्वितीय व्यावसायों की
श्रेणी में तीन प्रकार के उद्योग सम्मिलित किये जाते हैं-
(i) विनिर्माण उद्योग
(Manufacturing Industries)
(ii) लघु एवं कुटीर उद्योग
(Small & Cottage Industries)
(iii) खनिज उद्योग (Mining
Industries)
➡️ तृतीयक क्रियाओं में
व्यापार, संचार बीमा आदि क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है। विकास अर्थशास्त्रियों
ने तृतीयक क्रियाओं वाले क्षेत्र को सेवा उद्योग (Service Industries) कहा है और इस
सेवा को प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्रों का सहायक माना जाता है।
➡️ अक्टूबर 1956 में
1934 के RBI Act में संशोधन किया गया और पत्र मुद्रा निर्गमन की आनुपातिक कोष प्रणाली
(Proportional Reserve system) के स्थान पर न्यूनतम कोष प्रणाली (Minium Reserve
System) को अपनाया गया।
➡️ 1956 के RBI Act (संशोधन)
के अनुसार 115 करोड़ का न्यूनतम स्वर्ण कोष और 400 करोड़ रुपये की विदेशी प्रतिभूतियाँ
रखनी आवश्यकता थी। विदेशी प्रतिभूतियों का कोष विशेष परिस्थितियों में 300 करोड़ रुपये
तक घटाया जा सकता था। इस विधान में एक वर्ष में ही परिवर्तन करना पड़ा।
➡️ 31 अक्टूबर 1957 में
RBI Ordinance जो बाद में R.B.I. 11 Act एक्ट हो गया के अनुसार स्वर्ण तथा विदेशी मुद्राओं
के कोष की न्यूनतम राशि संयुक्त रूप से 200 करोड़ रुपये के बराबर निश्चित कर दी गयी
है जिसमें 115 करोड़ रुपये के मूल्य का स्वर्ण होना आवश्यक रखा गया। इस प्रकार विदेशी
प्रतिभूतियाँ केवल 85 करोड़ रुपयों को रखना आवश्यक रह गया।
➡️ अन्य देशों के केन्द्रीय
बैंकों की नीति अपना कर RBI Act 1957 के अन्तर्गत रिजर्व बैंक को यह अधिकार दिया गया
है कि वह केन्द्रीय सरकार की पूर्व स्वीकृति से अपनी विदेशी प्रतिभूतियों के कोष को
शून्य भी कर सकता है।
➡️ नरसिंहम समिति बैंकिंग
संरचना से सम्बन्धित थी।
➡️ राजा जे० चेलाया के
अनुसार-भारत सहित अनेक अल्पविकसित देशों में लोक वित्तीय ढ़ाचा अव्यवस्थित ढंग से विकसित
हुआ है और उस पर ऐतिहासिक अप्रत्यासित घटनाओं, दूसरे देशों के उदाहरणों, विदेशी शास्त्रों
की विचारधाराओं और क्षणिक अपेक्षाओं का प्रभाव पड़ा है।
➡️ विश्व भर में बहुराष्ट्रीय
निगमों की संख्या (मौजूदा) 40,000 के लगभग है। ये निगम विश्व भर में 2,50,000 सहायक
कम्पनियों (Overseas Offiliates) के माध्यम से काम करती है। इन निगमों के पास अपार
साधन है।
➡️ सार्वभौमीकरण
(Globalisation) - सार्वभौमीकरण का अर्थ देश की अर्थव्यवस्था को विश्व के अर्थव्यवस्था
के साथ एकीकृत (Integrate) करना है।
➡️ अनुदानों का भुगतान
नहीं करना पड़ता, और अक्सर ये किसी अस्थायी संकट से निपटने के लिए प्रदान किये जाते
हैं।
➡️ रियायती सहायता में
अनुदान और कम ब्याज दरों (व लम्बी भुगतान अवधि) वाले ऋण शामिल होते हैं।
➡️ गैर रियासती सहायता में मुख्यतया विदेशी वाणिज्यिक उधार,
अन्य सरकारों व बहुपक्षीय एजेन्सियों से बाजार दरों पर प्राप्त ऋण तथा अनिवासी नागरिकों
से प्राप्त राशियाँ शामिल होती हैं।
➡️ सामाजिक सुरक्षा की
अवधारणा सामाजिक न्याय एवं समाज कल्याण की भावना पर आधारित है। आज के अर्थ में सामाजिक
सुरक्षा का प्रयोग सर्वप्रथम 1933 में अमेरिका में अब्राहम एप्टीयों द्वारा किया गया।
➡️ सामाजिक बीमा सामाजिक
बीमा में बीमाकृत व्यक्तियों को विशेषकर कर्मचारियों को बेरोजगारी, बीमारी, मृत्यु
आदि के वक्त सहायता प्रदान की जाती है।
➡️ सामाजिक सहायता- इस
कार्यक्रम के अन्तर्गत उन लोगों को मदद पहुँचायी जाती है जो अपनी आकस्मिक आवश्यकताओं
की पूर्ति खुद नहीं कर सकते। यानी जो निम्न साधन वाले हैं।
➡️ स्वतन्त्रता प्राप्ति
के पश्चात् 1950 में केन्द्रीय वन बोर्ड की स्थापना की गयी जिसकी सिफारिश के आधार पर
सरकार ने 1952 में राष्ट्रीय वन नीति की घोषणा की।
➡️ 7 सितम्बर, 1988 को
भारत सरकार ने नवीन नीति की घोषणा की।
➡️ अगस्त, 1999 में एक
राष्ट्रीय वानिकी कार्य योजना लागू किया गया है।
➡️ केन्द्रीय वन आयोग का
गठन 1965 में।
➡️ भारतीय वन सर्वेक्षण
संगठन 1965 में।
➡️ वन अनुसन्धान संस्थान,
1966 में।
➡️ अभ्रक के उत्पादन में
भारत को एकाधिकार प्राप्त है। विश्व का 80 प्रतिशत अभ्रक भारत में ही प्राप्त किया
जाता है।
➡️ लोहे के भण्डार के आधार
पर भारत का विश्व में सातवां स्थान है किन्तु गुणवत्ता के आधार पर दूसरा स्थान है।
➡️ मैगनीज के उत्पादन में
भारत का विश्व में तीसरा स्थान है।
➡️ सबसे पहली खनिज नीति 1952 में प्रस्तुत की गयी।
➡️ भारत में आणविक शक्ति
विकास के जन्मदाता डॉ० होमी जहाँगीर भाभा थे। उनके जीवन काल में 1934 में ट्राम्बे
में परमाणु ऊर्जा संस्थान की स्थापना की गयी थी।
➡️ ऊर्जा आयोग का गठन मार्च,
1981 में किया गया।
➡️ भारत में राष्ट्रीय
आय की वास्तविक शुरुआत प्रसिद्ध भारतीय अर्थशास्त्री दादा भाई नैरोजी द्वारा सन्
1867-68 में किया गया।
➡️ राष्ट्रीय आय के प्रथम वैज्ञानिक आँकड़े प्रो० वी० के० आर०वी०
राव द्वारा सन् 1929-31 में तैयार किये गये।
➡️ राष्ट्रीय आय समिति
का गठन सन् 1949 में प्रो० पी०सी० महालनोबिस की अध्यक्षता में किया गया।
➡️ इस समिति ने अपनी पहली रिपोर्ट में 1948-51 की अवधि के लिए
राष्ट्रीय आय के अनुमान प्रस्तुत किये।
➡️ राष्ट्रीय आय की पारस्परिक
श्रृंखला 1948-49 से 1964-65 तक (1948-49 की कीमतों के आधार)
➡️ संशोधित श्रृंखला
1975-76 तक अनुभाग के लिए 1960-61 को आधार वर्ष माना गया किन्तु बाद में आधार वर्ष
बदलकर 1970- 71 कर दिया गया।
➡️ अभी तक राष्ट्रीय आय की गणना का आधार वर्ष 1980-81 था किन्तु
केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (C.S.O.) द्वारा हाल के वर्षों में राष्ट्रीय आय की गणना
की नयी श्रृंखला में वर्ष 1993-94 को आधार वर्ष बनाया गया।
➡️ राष्ट्रीय आय एवं प्रति
व्यक्ति राष्ट्रीय आय की दृष्टि से 1980- 81 से लेकर 1990-91 का दशक पुर्नरुत्थान का
दशक रहा। इस अवधि के दौरान शुद्ध राष्ट्रीय आय में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा
प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय में 3.2 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि हुई।
➡️ प्रो० राजकृष्णा के
अनुसार ये दरें संतोषजनक है क्योंकि उनकी दृष्टि में भारतीय अर्थव्यवस्था की ये दरें
हिन्दू वृद्धि दर (Hindu Growth Rate) के अवरोधक को पार कर गयी है। नब्बे के दशक में
शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद एवं औसत वार्षिक उत्पादन दोनों की वृद्धि दरों में सुधार हुआ
है और उदारीकरण के दौर में इन दरों में पुनरुत्थान की प्रवृत्ति देखने को मिली।
➡️ राष्ट्रीय आय के प्राथमिक
क्षेत्र में कृषि, वानिकी, मत्स्य एवं खनन क्षेत्र आते हैं। राष्ट्रीय आय के द्वितीयक
क्षेत्र में निर्माण एवं विनिर्माण क्षेत्र आते है। राष्ट्रीय आय के तृतीयक क्षेत्र
में व्यापार, परिवहन, संचार, बैंक, बीमा, वास्तविक जायजाद, सामाजिक सामुदायिक एवं वैयक्तिक
सेवायें आती हैं।
➡️ विश्व बैंक रिपोर्ट
2000 के अनुसार 1994 में भारत में 47 प्रतिशत लोगों की आय प्रतिदिन की आय 1 डालर से
कम थी तथा 87.5 प्रतिशत लोगों की आय 2 डालर प्रतिदिन से कम थे।
➡️ योजना आयोग द्वारा
'गठित विशेषज्ञ दल Task Force on minimum needs and effective consumption demand के
अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के प्रति व्यक्ति 2400 कैलोरी प्रतिदिन तथा शहरी क्षेत्र में
प्रति व्यक्ति की 2100 कैलोरी प्रति दिन का पोषण प्राप्त न करने वला कथित गरीबी रेखा
के नीचे माना जाता है।
➡️ नौवीं योजना के दस्तावेज
के अनुसार नौवीं योजना के अन्तिम वर्ष में गरीबी का भार ग्रामीण क्षेत्रों में
18.61 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में 16.46 प्रतिशत तथा सम्पूर्ण देश के लिए 17.98 प्रतिशत
होने का अनुमान लगाया गया है। दस्तावेज के अनुसार सन् 2011- 12 तक की परिदृश्य अवधि
के अन्त तक गरीबी का अनुपात 5 प्रतिशत से कम प्रक्षेपित किया गया है।
➡️ देश में गरीबी रेखा
के नीचे जीवन यापन करने वालों की स्थिति सुधारने के लिए विजन 2020 फार इण्डिया नाम
से एक महत्वाकांक्षी नीतिगत दस्तावेज विजन 2020 केन्द्र द्वारा तैयार किया जा रहा है,
इसका उद्देश्य एक निश्चित सीमा के अन्दर गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों का विभिन्न
कार्यक्रमों के द्वारा स्थिति में सुधार करना है, ताकि आने वाले वर्षों में गरीबी रेखा
के नीचे का कलंक पूरी तरह से समाज से मिटाया जा सके।' इसके लिए योजना आयोग के सदस्य
डॉ० एस०पी० गुप्ता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन शहरी विकास एवं गरीबी उन्मूलन
मंत्रालय द्वारा किया गया है। मंत्रालय के अनुसार विजन 2020 फार इण्डिया फेस महत्त्वपूर्ण
दस्तावेज है जिसके आधार पर आने वाले दो दशकों के लिए अनेक नयी परियोजनायें एवं कार्यक्रम
प्रारम्भ किये जायेंगे।
➡️ योजना आयोग ने 1997
में D.T. प्रो० लकड़वाला की अध्यक्षता में भारत में निर्धनता का आंकलन करने हेतु एक
विशेषज्ञ दल का गठन किया गया। इस दल के गठन के पूर्व योजना आयोग राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण-संगठन
के सर्वेक्षणों के आधार पर गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले लोगों का अनुमान लगाता
था।
➡️ इस आधार पर योजना आयोग
ने वर्ष 1993-94 के लिए 18.46 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे आकलित की।
➡️ प्रो० लकड़वाला फारमूले
के अनुसार योजना आयोग द्वारा घोषित आँकड़ों के अनुसार देश के 32 में से 18 राज्यों
एवं केन्द्र शासित संघ राज्यों के गरीबी अनुपात देश के औसत स्तर के अधिक है।
➡️ देश में सर्वाधिक निर्धनता
अनुपात 41.15% उड़ीसा में था। बिहार (नये राज्यों के गठन के पूर्व) में निर्धनता अनुपात
42.6% था।
➡️ लकड़वाला फॉर्मूले के
आधार पर प्रमुख राज्यों में गरीबी रेखा के नीचे जनसंख्या का प्रतिशत
राज्य गरीबी |
प्रतिशत में |
1. बिहार |
42.6 |
2. दादर एवं नागर हवेली |
50.8 |
3. उड़ीसा |
47.15 |
4. मध्य प्रदेश |
42.5 |
5. सिक्किम |
414. |
6. उत्तर प्रदेश |
40.6 |
7. असम |
40.9 |
8. अरुणाचल |
39.4 |
9. त्रिपुरा |
38.0 |
10. मेघालय |
37.9 |
11. नागालैण्ड |
37.9 |
12. पाण्डिचेरी |
37.4 |
13. महाराष्ट्र |
36.9 |
14. पश्चिमी बंगाल |
35.7 |
15. तमिलनाडु |
35.0 |
16. अण्डमान |
34.5 |
17. मणिपुर |
33.8 |
18. कर्नाटक |
33.2 |
19. हिमाचल प्रदेश |
38.4 |
20. राजस्थान |
27.4 |
21. मिजोरम |
25.7 |
22. केरल |
25.3 |
23. जम्मू कश्मीर |
25.2 |
24. लक्ष्यद्वीप |
25.0 |
25. हरियाणा |
25.0 |
26. गुजरात |
24.0 |
27. आन्ध्र प्रदेश |
22.2 |
28. दामन दीव |
15.8 |
29. गोवा |
14.9 |
30. दिल्ली |
14.7 |
31. पंजाब |
11.8 |
32. चण्डीगढ़ |
11.4 |