प्लस टू स्कूलों में सृजित होंगे शिक्षकों के 5000 पद (5000 posts of teachers will be created in plus two schools)

प्लस टू स्कूलों में सृजित होंगे शिक्षकों के 5000 पद

                                

झारखंड के 625 प्लस टू स्कूलों में होंगे 18 से 20 स्नातकोत्तर शिक्षक, हर स्कूल में सात से नौ अन्य पदों का होगा सृजन

प्लस टू स्कूलों में सृजित होंगे शिक्षकों के 5000 पद

रांची,झारखंड के 625 प्लस टू स्कूलों में सात से नौ नए पदों का सृजन किया जा रहा है। इससे राज्य के प्लस टू स्कूलों में 4500 से 5700 स्नातकोत्तर शिक्षकों के पद सृजित किये जा रहे हैं। राजनीतिक विज्ञान, समाजशास्त्र, मानवशास्त्र, मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, उर्दू और जनजातीय भाषाओं के एक-एक पदों का सृजन हो रहा है। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को भेजा है। शिक्षा मंत्री की मंजूरी के बाद वित्त विभाग और पदवर्ग समिति की सहमति के बाद पदों का सृजन हो सकेगा।

625 प्लस टू स्कूलों में विषयों में नामांकित छात्र-छात्राओं के आधार पर पदों का सृजन किया जा रहा है। जनजातीय भाषा पढ़ने वाले 50 छात्र- छात्रा जिस स्कूल में होंगे उस विषय के एक शिक्षक का पद सृजित किया जाएगा। वहीं, अन्य विषय के लिए 80 छात्र छात्रा के आधार पर उस विषय के एक शिक्षक का पद सृजित होगा। सभी स्कूलों में एक विषय के एक ही पद सृजित रहेंगे। एक स्कूल में एक से अधिक जनजातीय विषयों के लिए पद भी सृजित किये जा सकेंगे। क्षेत्रवार जनजातीय विषयों के शिक्षकों के पद का सृजन होगा।

👉 अभी स्कूलों में हैं 11 पद

वर्तमान में स्नातकोत्तर शिक्षकों के 11-11 पद सृजित हैं। 510 प्लस टू स्कूलों में जहां इन पदों पर शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि इस साल नवसृजित 125 प्लस टू स्कूलों में इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। नए प्लस टू स्कूलों में 1375 शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है।

👉 50 छात्र-छात्राओं पर एक जनजातीय शिक्षक

👉 80 विद्यार्थियों पर अन्य विषय के पद होंगे सृजित

👉 राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, मानव शास्त्र, मनोविज्ञान, उर्दू, जनजातीय भाषा के होंगे नए पद

👉 प्राचार्य के पद भी सृजन करने की तैयारी

राज्य के प्लस टू स्कूलों में प्राचार्य से लेकर हाई व मिडिल स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के पद सृजन की भी शिक्षा विभाग तैयारी कर रहा है। राज्य में इनके पदों का सृजन नहीं हुआ है। नए प्लस टू स्कूलों में प्रभारी प्राचार्य कार्य कर रहे हैं, जबकि हाई और मिडिल स्कूलों में भी प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं। स्कूल के ही वरीय शिक्षक इस भूमिका हैं, जिससे वे शिक्षक के अपने मूल काम को सही से निभा नहीं पा रहे हैं।

Post a Comment

Hello Friends Please Post Kesi Lagi Jarur Bataye or Share Jurur Kare