38.PGT वैश्विक आर्थिक संगठन (Global Economic Organization)

वैश्विक आर्थिक संगठन (Global Economic Organization)

वैश्विक आर्थिक संगठन (Global Economic Organization)

🔥 वैश्विक आर्थिक संगठनों को सामान्यतया तीन श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है-

1. पूंजी बाजार दीर्घ कालिक ऋण उपलब्ध कराने वाले - बाजारों को कहा जाता है। जैसे विश्व बैंक

2. मुद्रा बाजार अल्प कालिक ऋण उपलब्ध कराने वाले बाजारों को कहा जाता है। जैसे- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ।

3. तीसरे प्रकार के संगठन क्षेत्रीय व्यापारिक संहयोग के परिणाम है। जो कुछ देशों के मध्य किये जाते हैं।

🔥 विश्व बैंक (World Bank) - विश्व बैंक और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में हुई वार्ताओं के फलस्वरूप स्थापित हुए है। इसीलिए इन्हें ब्रेटन बुड्स जुड़वे के नाम से जाना जाता है।

🔥 विश्व बैंक वास्तव में 5 संस्थाओं का समूह है।

(1) IBRD

(2) IFC

(3) IDA

(4) ICSID

(5) MIGA

🔥 भारत ICSID का सदस्य नहीं है। संस्थानों का मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. में है तथा सभी का एक ही अध्यक्ष होता है।

(1) Internation Bank for Reconstruction and Development (IBRD)

🔥 दिसम्बर 1945 में इसकी स्थापना हुई। जून 1946 से इसने कार्य प्रारम्भ कर दिया।

🔥 इसके कुल 30 मौलिक सदस्य है। वर्तमान में कुल सदस्यों की संख्या 187 है। (187वां सदस्य-तु-आलू है।) भारत इसके मौलिक सदस्यों में एक है।

🔥 अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की सदस्यता प्राप्त करने के बाद ही IBRD की सदस्यता प्रदान की जाती हैं। इसी प्रकार IMF की सदस्यता छोड़ते ही IBRD की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है।

🔥 परन्तु IMF की अनुमति लेने के बाद IBRD की उस स्थिति में भी सदस्य बनी रह सकती है।

🔥 IBRD में सदस्य देशों द्वारा एक निर्धारित कोटा अंशदान के रूप में दिया जाता है। प्रति एक लाख डालर के एवज में 1 मत देने का अधिकार होता है।

🔥 लगभग 60 प्रतिशत मताधिकार USA और यूरोपीय देशों के पास है। अतः परम्परानुसार कोई अमेरिकी ही IBRD का होता है।

🔥 कोटे का 2% सोना, डालर या SDR के रूप में जमा कराया जाता है।

🔥 18% सम्बन्धित देश अपनी मुद्रा में जमा करता है।

🔥 80% मांग पर जमा कराने के लिए कहा जाता है।

🔥 विश्व बैंक 5-20 वर्ष की दीर्घावधि के लिए ऋण प्रदान करता है। ये ऋण आधारभूत संरचना के विकास में प्रयुक्त किये जाते है।

🔥 विश्व बैंक का 75% ऋण तीसरी दुनिया के देशों को प्रदान किया गया है।

👉 भारत और विश्व बैंक - भारत विश्व बैक से सर्वाधिक ऋण प्राप्त करने वाला देश रहा है। अब तक कुल 90 अरब डालर ऋण 77 परियोजनाओं के लिए IBRD द्वारा प्राप्त हो चुका है।

🔥 भारत का ऊर्जा, सिंचाई और स्वास्थ्य क्षेत्र विश्व बैंक से सर्वाधिक लाभान्वित हुआ है।

🔥 1958 में विश्व बैंक (IBRD) ने भारत की सहायत के लिए एक (भारत सहायता संघ) स्थापना करवाई। इसे अब (भारत विकास मंच) (India Development Forum) के नाम से जाता जाता है।

🔥 जापान इस मंच के तहत भारत को सर्वाधिक सहायता उपलब्ध कराता है।

(2) International Finance Corporation (IFC)

🔥 1956 में IFC की स्थापना की गई। यह सदस्य देशों के उद्योगपतियों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराता है।

🔥 यह बिना सम्बन्धित सरकारों की प्रतिभूति गारण्टी के भी ऋण प्रदान कर सकता है।

(3) International Development Association (IDA) स्थापना 1960

🔥 यह निम्न ब्याज दर पर दीर्घावधि ऋण उपलब्ध कराता है। 1 अतः इसे Soft Loan window के नाम भी जाना जाता है। IDA 35 वर्ष तक के लिए ऋण प्रदान करता है। यह ब्याज न लेकर 0.75% का सेवा शुल्क वसूलता है। यह निर्धन देशों को ही ऋण उपलब्ध कराता है। जिनकी प्रति व्यक्ति आय निर्धारित सीमा से कम होती है। (भारत एवं चीन IDA से सर्वाधिक लाभान्वित होते हैं परन्तु दोनों की ही आय निर्धारित सीमा के अधिक है।

( 4 ) International Centre for Settlement of Investment Dispute (ICSID ) ( स्थापना 1966 )

🔥 यह संगठन निवेश से सम्बन्धित विवादों का निपटरा करता हे। परन्तु WTO की स्थापना के बार इस प्रकार के विवाद WTO द्वारा ही निपटाये जाते हैं।

(5) Multilateral Investment Guarentee Agency (MIGA) स्थापना 1988

🔥 यह बहुपक्षीय निवेश को गारण्टी प्रदान करता है। जैसे- Trans-Asian Railway, TAPI परियोजनाएं आदि ।

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष : International Monitary Fund (IMF)

🔥 1945 में IMF की स्थापना ब्रेट्टन बुड्स सम्मेलन के फलस्वरूप हुई। 1947 में इसने कार्य प्रारम्भ किया। इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. है। वर्तमान में कुल 187 देश IMF के सदस्य है। (कुवालू इसका आखिरी सदस्य है।)

🔥 महानिदेशक अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का मुख्य कार्यकारी अधिकारी होता है। परम्परानुसार कोई यूरोपीय ही इसका Director General होता है।

🔥 IMF का मुख्य कार्य सदस्य देशों को भुगतान सन्तुलन के लिए ऋण प्रदान करना हैं। यह मुद्रा की विनिमय दर को भी संतुलित बनाये रखता है। प्रत्येक देश को IMF के Board of Governers में स्थान दिया जाता है।

🔥 IMF में सदस्यता के बदले में जो अंशदान दिया जाता है उसे कोटा कहा जाता है। सबसे बड़े दस कोटा धारकों को Executive Board में शामिल किया जाता है। भारत का आठवां स्थान हो गया है। IMF के सदस्य लेन-देन 1971 से ही IDR के रूप में व्यक्त कर रहे हैं।

🔥 1981 से S.D.R. का मूल्य निर्धारण 5 मुद्राओं के आधार पर होने लगा। ये मुद्रा है डालर, मार्क (जर्मनी), येन (जापान), पाउण्ड (ब्रिटेन) फ्रेंक (फ्रांस) यूरों के आगमन के बाद अब इस मूल्य का निर्धारण निम्न चार मुद्राओं के आधार पर किया जाता है।

डालर = 44%

यूरो = 34%

पाउण्ड = 11%

येन = 11%

🔥 इन्हीं मुद्राओं को करेन्सी वास्केट के नाम से जाना जाता है।

🔥 IMF कोटे का 25% डॉलर या Gold के रूप में जमा कराता है 75% सम्बन्धित देश अपनी ही मुद्रा में अपने पास रख सकता है।

🔥 कभी-कभी SDR के आधार IMF किसी देश को ऋण प्रदान करवाता है, इसलिए इसे Paper Gold कहा जाता है।

🔥 चार सबसे बड़े कोटा धारक देश है- U.S.A., Japan,Jermany, Britain है।

IMF के सकारात्मक पक्ष

🔥 निर्धन देशों को भुगतान सन्तुलन के लिए ऋण प्रदान करता है।

🔥 विभिन्न देशों के बीच व्यापारिक सम्बन्धों का मार्ग प्रशस्त करता है।

🔥 एक सामन आर्थिक नीतियों को लागू कराने का प्रयास करता है।

🔥 विभिन्न देशों द्वारा अपनायी जा रही संरक्षण वादी नीतियों पर प्रहार करता है।

IMF के नकारात्मक पक्ष

🔥 IMF भुगतान सन्तुलन के अल्पकालिक ऋण उपलब्ध कराता है जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव बनाते हैं।

🔥 अर्जेन्टीना के कुल ऋणों का 60% भाग अल्पकालिक है जो उसकी स्थिति को नाजुक बना देते है।

🔥 IMF में विकसित देश नीति निर्धारिक की भूमिका का निर्वाह करते हैं।

🔥 वे अपनी स्थिति का प्रयोग विकासशील देशों की आर्थिक नीति को अपने पक्ष में प्रभावित करने में करते है।

🔥 कभी-कभी ये विकसित देश निर्बल देशों की राजनैतिक व्यवस्था में भी दखल देते हैं।

🔥 IMF ने यूरोप के PIGS संकट पर महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है, परन्तु वैश्विक मन्दी जैसी समस्याओं का समाधान इसके पास नहीं है।

भारत और IMF

🔥 1990 तक भारत पर IMP का प्रत्यक्ष दबाव देखा जाता था, परन्तु 1990 के बाद स्थितियों में गुणात्मक परिवर्तन आया है।

🔥 भारत ने IMF के दबाव में नई आर्थिक नीतियां लागू की आज भारत के पास 8 माह की आयात आवश्यकताओं के लिए विदेशी मुद्रा भण्डार है।

🔥 भारत ने 50 लाख मीट्रिक टन का कच्चा तेल का स्टाक रिजर्व रखा है।

🔥 विगत दिनों PICS देशों के लिए IMF की पहल पर एकत्र किये गये फण्ड में भी भारत ने 10 अरब डालर का योगदान किया है।

🔥 भारत ने समय पूर्व ही समस्त ऋण चुका दिये है।

🔥 फाइनेन्सियल ट्रस्जेक्सन प्लान (FTP) के तहत IMF से 200 टन स्वर्ण भण्डार खरीदा है।

🔥 भारत IMF में बांग्लादेश, भूटान व श्रीलंका का भी प्रतिनिधत्व करता है।

विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation) (WTO)

🔥 द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विश्व के पुनर्निर्माण एवं व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक संगठनों की स्थापना की गई।

🔥 1947 में GATT (Gernarl Agreement on Tarrif and Trade) की स्थापना हुई। यह संगठन विश्व व्यापार के सन्दर्भ में वार्ताएं आयोजित करता है। परन्तु इन वार्ताओं के निष्कर्ष सदस्य देशों के लिए वाध्यकारी नहीं होते थे।

🔥 1986 से उरूग्वे दौर की वार्ता प्रारम्भ हुई जिसके निष्कर्ष के रूप में आर्थल डंकल ने कुछ प्रस्ताव प्रस्तुत किये। यही डंकल प्रस्ताव के नाम से जाने गये।

🔥 1994 में मोरक्को के मराकश शहर में डंकल प्रस्ताव पर 123 देशों के मध्य सहमति बन गई। W.T.O. इसी सहमति का परिणाम है।

🔥 1 जनवरी 1995 से यह अस्तित्व में है।

🔥 इसका मुख्यालय जेनेवा (स्विटरजरलैण्ड) में है।

🔥 Dec 1995 में GATT को समाप्त कर दिया गया। सह संगठन वाणिज्य से जुड़ी समस्त गतिविधियों को नियन्त्रित करता है।

🔥 संगठन के उद्देश्यों में पर्यावरण सुरक्षा और सतत विकास को प्रोत्साहन देना भी शामिल है।

🔥 संगठन सभी देशों को एक जैसी आर्थिक नीतियां अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

🔥 सदस्य देशों के वाणिज्य मंत्रियों का सम्मेलन ही संगठन का शिखर सम्मेलन होता है।

🔥 अब तक कुल 8 शिखर सम्मेलन आयोजित किये जा चुके है।

वर्ष

स्थान

1996

सिंगापुर

1998

जेनेवा

1999

सिएटल (U.S.A.)

2001

दोहा (कतर)

2003

कैनुकुन (मैक्सिको)

2005

हांगकांग

2009

जेनेवा

2011

जेनेवा

🔥 संगठन के मूलतः दो निकाय है है-

(1) Trade policy Reivew body.

(2) Dispute Setlement body.

🔥 TPRB सदस्य देशों की वाणिज्य नीतियों की मानीटरिंग करता है। कोई भी विवाद Dispute Settlement body द्वारा निपटाया जाता है।

दोहा सम्मेलन (2001)

🔥 दोहा सम्मेलन में विकसित और विकासशील देशों के मध्य कुछ मुद्दों पर विवाद उत्पन्न हुए। जिससे WTO एक ऐसे संगठन के रूप में परिवर्तित हो गया है जो अपने स्थापना के उद्देश्य को पूरा नहीं कर पा रहा है।

🔥 40 विकसित देश एक समूह में है तो दूसरी तरफ 110 से अधिक विकासशील देश है।

🔥 विकासशील देशों के समूह को Grand Alliance के नाम से जाना जाता है तथा इसका नेतृत्व BRICS देश करते है। रूस WTO में वर्ष 2012 में शामिल हुआ है। दोहा सम्मेलन में उठने वाले प्रमुख विवाद है-

(i) Subsidy, WTO में यह प्रावधान है कि विकासशील देश किसानों को उत्पादन मूल्य का 10% तक सब्सिडी दे सकते हैं। विकसित देशों के लिए यह सीमा 5% रखी गयी हैं विकसित देशों का यह कहना है कि विकासशील देश अपने किसानों को रियायती दर पर खाद्य, पानी, बिजली उपलब्ध कराते हैं। जिससे ये किसान अपने उत्पादों को सस्ते दर पर बेच सकते हैं। परन्तु Grand Alliance का कहना है कि USA अपने कृषकों को खेती न करने के लिए Subsidy प्रदान करता है। इस प्रकार वह अनाज की कृत्रिम कमी उत्पन्न करके उनके दाम ऊँचे रखता है। WTO ने विभिन्न उत्पादों को Traffic Signals के आधार पर Boxes में रखने का प्रावधान किया है।

👉 Green Box के उत्पादों के लिए Subsidy की कोई उच्चतम सीमा नहीं है। न ही इन उत्पादों के लिए Subsidy समाप्त की जाती है। प्रायः अनुसंधान कार्यो को इसके अन्तर्गत रखा गया है।

👉 Red Box - इस Box में शामिल उत्पादों के लिए कोई भी Subsidy नहीं दी जानी है।

👉 Blue Box - इस Box के उत्पादों के लिए Subsidy की उच्चतम सीमा निर्धारित कर दी गई है।

👉 Amber box: इस Box के उत्पादों पर Subsidy को धीरे-धीरे समाप्त किया जाना है। प्रायः व्यापार को दुष्प्रभावित करने वाली Subsidy को इसके अन्तर्गत रखा गया है।

(ii) Zabour Laws - विकसित देश विकासशील देशों के ऊपर - बाल श्रम के प्रयोग का आरोप लगाते है भारत में कालीन है; और पटाखा उद्योग में बाल श्रम का उपयोग किया जाता है। बालश्रम के प्रयोग से उत्पादों की कीमत कम हो जाती है जिससे विकसित देशों को उत्पादन बेचने में असुवधा होती है। इसी आधार पर भारत से कालीन का आयात रोक दिया गया है।

पेटेन्ट

🔥 किसी अवधिकार के लिए अविष्कारक को पेटेन्ट प्रदान किया जाता है। यह दो प्रकार का होता है-

(1) Product Patent (2) Process Patent

🔥 WTO के दबाव में 2005 से ही भारत में भी उत्पाद (Prod- uct Patent) लागू कर दिया गया है। जिसके तहत किसी उत्पाद के लिए अविष्कारक को 20 वर्ष का पेटेन्ट किया जाता है। अमेरिका ने अपने पेटेन्ट कानून का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध स्पेशल 301 कानून का प्रावधान किया है।

🔥 भारत में Patent की अनियमितता के कारण नीम, चावल, जामुन आदि उत्पादों को अमेरिकी कम्पनियों ने पेटेन्ट करा लिया।

🔥 Copy Right - कॉपी राइट किसी साहित्यिक रचना, एवं संगीत के लिए दिया जाता है। (साहित्यिक रचना के लिए 60 साल का कॉपी राइट दिया जाता है।)

🔥 Trade Mark - यह वह व्यवसायिक चिन्ह है जिसका प्रयोग  अधिकृत व्यक्ति ही कर सकता है।

🔥 Sui Generies - यह एक लैटिन शब्द है। जिसका अर्थ है अपनी स्वयं की व्यवस्था। इसके तहत पेटेन्ट नियमों को परिवतर्तित रूप में प्रस्तुत किया गया है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियां पेटेन्ट बीजों से प्राप्त फसल को पुनः बीज के रूप में उपयोग नहीं करने देती टर्मिनेटर बीज इसी उद्देश्य से लाये गये। Sui Generis प्रावधान के तहत पेटेन्ट बीजों का प्रयोग फसल एवं फसल से प्राप्त बीज के रूप में किया जा सकता है। इसका गैर व्यवसायिक लेन देन भी किया जा सकता है।

🔥 Dumping (राशिपातन) Dumping के तहत किसी उत्पाद को किसी अन्य देश में कम कीमत पर निर्यात किया जाता है। इसका उद्देश्य घरेलू बाजार में उस उत्पाद की ऊँची कीमत बनाये रखना तथा योजनाबद्ध तरीके से किसी देश के उत्पादन को क्षति पहुंचाना है। चीन इस प्रकार की गतिविधियों का सहारा लेता है। U.S.A. Dumpling को रोकने के लिए Super 301 कानून का प्रयोग करता है।

🔥 भारत इसके विरूद्ध Anti Dumping Duty का प्रयोग करता है। पर्यावरण W.T.O. में Global Warming का मुद्दा भी प्रमुख विवादित विषयों में एक है। विश्व के 80% ऊर्जा का प्रयोग विकसित देशों द्वारा किया जाता है। तथा Global warming में भी उनकी सर्वाधिक भागीदारी है।

🔥 क्योटो प्रोटोकाल के तहत विकसित देशों को कार्बन उत्सर्जन में कटौती करनी थी। परन्तु अमेरिका और आस्ट्रेलिया कटौती के दायरे में चीन को भी लाने के पक्षधर हैं इस मुद्दे पर अभी कोई सहमति नहीं बन पाई है।

एशियाई डेवलपमेन्ट बैंक (ADB)

🔥 1966 में इसकी स्थापना हुई। 1 जनवरी 1967 से यह कार्यरत है। इसका मुख्यालय मनीला (फिलीपीन्स) में है। ADB आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिए ऋण उपलब्ध कराता है। यह किसी देश की Equity में भी निवेश करता है। इसका अध्यक्ष कोई जापानी ही होता है। इसके तीन उपाध्यक्ष होते है। एक अमेरिका से, दूसरा यूरोप से तीसरा एशिया से होता है।

🔥 भारत इसके Executive directors में एक है तथा ADB के पूँजी आधार में इसका अंशदान 6.5% है। भारत के अधिकार क्षेत्र में निम्न देश रखे गये है - भारत, बांग्लादेश, भूटान, लाओस, ताजिकिस्तान ।

🔥 अंकटाड (U.N.C.T.A. D) United Nations Conferrence on Trade and Development इसकी 1964 में स्थापना की गई। इसका मुख्यालय जेनेवा स्विटजरलैण्ड में है। यह एक वार्ताकार मंच है। जो प्रति चार वर्ष पर विश्व व्यापार वार्ताए आयोजित कराता है। इसका उद्देश्य विश्व व्यापार को प्रोत्साहित करना है। UNCTAD द्वारा ही विश्व निवेश रिपोर्ट जारी की जाती है। UNCTAD को संयुक्त राष्ट्र संघ की एक एजेंसी का दर्जा प्राप्त है।

क्षेत्रीय व्यापार समझौता (Regional Trade Agreement )

🔥 कुछ क्षेत्रीय देशों का समूह जिनके मध्य व्यापार के लिए एक समझौता अस्तित्व में है। RTA के नाम से जाने जाते है।

🔥 RTA का महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। तथा आज विश्व का आधे से अधिक व्यापार TRA के तहत होता है।

🔥 RTA में सहयोग के आधार पर चार स्तर पाये जाते है। FTA- Free Trade Area मुफ्त व्यापार क्षेत्र इसके तहत कुछ देश Custom Duty को घटाने या समाप्त करने का समझौता करते हैं।

🔥 1 जनवरी 2006 से SAFTA लागू है। Comprehensive Economic partnership Agreement भी FTA का एक रूप है। परन्तु इसमें व्यापार के अतिरिक्त सेवा, निवेश और कुछ अन्य क्षेत्रों को भी शामिल कर लिया जाता है।

🔥 भारत ने SAFTA और ASEAN से Free Trade Agree- ment किया है। श्रीलंका, नेपाल, भूटान, थाईलैण्ड, सिंगापुर, द. कोरिया, जापान और मलेशिया के साथ भी भारत का FTA है।

🔥 Custom Union इसके तहत FTA के सदस्य किसी गैर सदस्य देश के लिए भी एक समान टैरिफ Tarrif नीति अपनाते हैं।

🔥 Common Market: Common Market के अन्तर्गत व्यापार के अतिरिक्त कृषि, उद्योग में भी उदार समझौते किये जाते हैं। यूरोपीयन यूनियन इसका अच्छा उदाहरण है।

🔥 Economic Union/Community यह क्षेत्रीय सहयोग की उच्चतम अवस्था हैं। इसके तहत एक जैसी राजकोषीय, मौद्रिक तथा औद्योगिक नीति अपनाते हैं। ये देश विनिमय दर को भी एक समान रखते हैं। BENELUX इसका एक अच्छा उदाहरण है।

European Union/European Economic Community/ European Common market

🔥 द्वितीय विश्व युद्ध (1939-45) में सर्वाधिक क्षति यूरोपीय देशों को हुई जिसके बाद यूरोप के पुनरुद्धार के लिए रोम में छः यूरोपीय देशों की एक बैठक हुई। इन देशों ने रोम सन्धि के अनुसार European Economic Community की स्थापना की है। ये छः देश है। (1) फ्रांस (2) पश्चिम जर्मनी (3) इटली (4) बेल्जिमय (5) नीदर लैण्ड (6) लक्जमबर्ग

🔥 संगठन का मुख्यालय ब्रूसेल्स (बेलिजयम) में स्थापित किया गया है। वर्तमान में कुल 28 देश इसके सदस्य है। क्रोएशिया इसका नवीनतम सदस्य देश है। यूरोपियन यूनियन विश्व का सबसे बड़ा व्यापारिक समूह है।

🔥 1991 में मैसिट्रिक्ट Treaty की गई जिसे 1993 से लागू कर दिया गया। इस सन्धि के अनुसार यूरोपियन यूनियन का राजनीतिक एवं आर्थिक एकीकरण किया जाना है। आर्थिक एकीकरण की शुरूआत यूरो के जन्म के साथ हुई।

🔥 1999 से 2002 के मध्य यूरो प्रायोगिक रूप में अस्तित्व में रही । 1 जनवरी 2002 से यह विधिवत अस्तित्व में आ गई। यूरो का केन्द्रिीय बैंक फ्रैंकफर्ट जर्मनी में है। कुल 17 देश यूरो स्वीकार कर चुके है। एस्टोनिया यूरो जोन में शामिल होने वाला आखिरी देश है।

🔥 यूरो जोने के प्रत्येक देश को निर्धारित मात्रा में ही यूरो प्रदान किये जाते हैं तथा इसके एक तरफ एक समान मुद्रण होता है परन्तु दूसरी तरफ सम्बन्धित देश का प्रतीक निर्मित किया जाता है। निम्न शर्ते पूरी करने पर ही किसी देश को यूरो जोन में शामिल किया जाता है।

1. निम्न मुद्रा स्फीति 2. निम्न व्याज दर 3. सार्वजनिक ऋण कुल GDP का 60% से अधिक न हो। 4. बजट घाटा GDP के 3% से अधिक न हो।

🔥 ब्रिटिश और डेनमार्क इन मानकों को पूरा करते है परन्तु उन्होंने यूरो को स्वीकार नहीं किया है।

🔥 दरअसल ब्रिटेन की मुद्रा पाउण्ड पहले से ही एक मजबूत मुद्रा है। ब्रिटेन के यूरो जोने में शामिल होने से यूरो को तो मजबूती मिलती है परन्तु इससे डालर कमजोर होता है। इसीलिए अमेरिका के दबाव में ब्रिटेन ने यूरो जोन में शामिल होने से इन्कार कर दिया।

यूरो और शेष विश्व

🔥 यूरोपियन यूनियन विश्व का सबसे बड़ा व्यापारिक समूह है। अतः इस समूह की एकल मुद्रा व्यापार को और भी प्रोत्साहित करती हैं।

🔥 डालर के समानान्तर एक अन्य सशक्त मुद्रा विश्व को विकल्प के रूप में उपलब्ध हो गई हैं। इससे डालर की मांग में गिरावट आई है जो यूएसए के लिए नकारात्मक है।

🔥 भारत के लिए यूरो का उदय उत्साहवर्द्धक रहा है। यूरोपियन यूनियन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी है। 17 कों की एक मुद्रा से विनियम दर के निर्धारण की समस्या समाधान हो गयी है। इससे भारत और EU के व्यापारिक सम्बन्ध मजबूत हुए है।

आसियन (ASEAN) Association of South East Asian Nation

🔥 1967 में बैंकाक सम्मेलन में लिए गए निर्णय के आधार पर इसकी स्थापना हुई।

प्रारम्भ में इसके 5 संस्थापक सदस्य थे।

1. इण्डोनेशिया

2. मलेशिया

3. फिलीपीन्स

4. थाईलैण्ड

5. सिंगापुर

🔥 कालान्तर में 5 अन्य देशों को शामिल किया गया है। म्यामार, बुनेई, लाओस, कम्बोडिया और वियतनाम इसका मुख्यालय जकार्ता में हैं। 1996 से भारत को वार्ताकार का दर्जा किया गया हैं (किसी भी संगठन में सहभागिता के 4 स्तर होते है। (1) पर्यवेक्षक (2) Dialogue Partner (3) Associate Member (4) Member रूस चीन और यूएसए भी Dialogue Partner है। Asean भारत के साथ Ascan +1 शिखर बैठक करता है। चीन, द. कोरिया और जापान के साथ भी Asean +3 शिखर बैठक होती है।

🔥 2015 तक इसे आर्थिक समुदाय (Economic Community) में परिवर्तत करने का विचार है।

🔥 8 अन्य देशों के साथ Asean पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन का आयोजन करता है। (भारत, चीन, रूस, यूएसए, जापान, द.कोरिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड)

🔥 2009 में भारत ने Asean के साथ Comprehensive Economic Parthership Agreement पर हस्ताक्षर किया है। यह FTA का ही एक रूप है। जिसके तहत 2016 तक 4000 वस्तुओं का शुल्क मुक्त व्यापार किया जायेगा।

Look East Ploicy (पूर्व की ओर देखो नीति)

🔥 भारत म्यामार - प्राचीन भारतीय साहित्य में म्यामार को स्वर्णभूमि कहा जाता था।

🔥 1935 तक म्यायार भारत का ही अंग था।

🔥 म्यामार के संविधान पर मनुस्मृति का गहरा प्रभाव है। 90 के दशक में म्यामार में बुन्य नामक सैन्य सरकार अस्तित्व में आई। जिससे भारत म्यामार सम्बन्ध कटु हुए। म्यामार चीन के करीब हुआ कालान्तर में भारत ने म्यामार से पुनः मधुर सम्बन्ध बनाने का प्रयास किया।

🔥 भारत म्यामार के बीच असोम होते हुए गैस पाइपलाइन का निर्माण प्रस्तावित है। भारतीय मूल के सर्वाधिक व्यक्ति म्यामार में रहते हैं।

भारत- थाइलैण्ड

🔥 प्राचीन भारतीय साहित्य में इसका नाम स्याम उल्लिखित है। वर्तमान में यह चावल, रबड़ पर्यटन व टिन के लिए प्रसिद्ध है। भारत व थाइलैण्ड के मध्य मुफ्त व्यापार समझौता है।

भारत-मलेशिया

🔥 प्राचीन भारतीय साहित्य में मलेशिया को मलय प्राय द्वीप के नाम से जाना जाता है। जहां पर उड़ीसा से गये भारतीयों की विशाल संख्या है। मलेशिया रबर व टिन के लिए विश्व प्रसिद्ध है। UAE का तरह मलेशिया में क्रमानुसार सुल्तान का पद क्रमानुसार हस्तांतरित होता है।

भारत-सिंगापुर

🔥 सिंगापुर शत प्रतिशत नगरीकृत देश है। पर्यटन, व्यापार, होटल, बन्दरगाह इसकी अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। सिंगापुर में भारतीयों की संख्या 15% है। उपराष्ट्रपति जैसा महतवपूर्ण पद भारतीयों को मिल चुका है। सिंगापुर के साथ भारत का FTA है ।

भारत इण्डोनेशिया

🔥 इण्डोनेशिया 12000 टापुओं वाला एक विशाल देश है जो हालैण्ड का उपनिवेश रहा है। भारतीय साहित्य में इसे स्वर्णद्वीप के नाम से पुकारा जाता था । यहाँ का वाली हिन्दू बहुल है। वोरोबुदरू का स्तूप वापा में स्थित है। इण्डोनेशिया विश्व का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है । परन्तु आज भी वहां भारतीय संस्कृति का प्रभाव देखा जाता है। Indonesia की Airlines का नाम गरूड़ है। यहां की केन्द्रीय बैक का Monogram गणेश जी है। सुकर्ण इण्डोनेशिया के पहले राष्ट्रपति थे जो कि भारत के पहले गणतन्त्र दिवस के मुख्य अतिथि थे।

भारत और वियतनाम

🔥 वियतनाम को प्राचीन भारत में चम्पा कहा जाता था। यह एक बौद्ध बहुल देश है जहाँ साम्यवादी दल का शासन है। वियतनाम और चीन के सम्बन्ध कठु रहे है वियतनाम में दोहदोई नामक आर्थिक सुधार कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।

🔥 विगत दक्षिणी चीन सागर ने वियतनाम ने ONGC को तेल उत्पादन का ठेका दिया है। वियतनाम 8% की दर से बढ़ रही । विश्व की चुनिन्दा अर्थव्यवस्थाों में एक है।

भारत और कम्बोडिया

🔥 कम्बोडिया एक बौद्ध बहुल देश है। वहां संवैधानिक राज शाही है। प्राचीन भारतीय साहित्य में इसे कम्बुज के नाम से पुकारा जाता था। जहां के निवासी कौडिन्य नामक भारतीय को अपना पूर्वज मानते है अंगकोरवाट का विश्व प्रसिद्ध विष्णु मन्दिर यही पर है।

भारत और लाओस

🔥 लाओस एक भू-आवेष्ठिा देश है। वहां बौद्ध बहुमत में है।

भारत और फिलीपीन्स

🔥 फिलीपीन्स एशिया का एकमात्र इसाई बहुल देश हैं। यहां अमेरिका का गहरा प्रभाव है तथा सर्वाधिक अमेरिकी सैनिक यहां तैनात है

जी-8

🔥 यह विश्व के आठ अग्रणी देशों का संगठन है। यू.एस.ए., जापान, यू.के., फ्रांस, जर्मनी, इटली, कनाडा और रूस इसके सदस्य है।

🔥 1973 के अरब इजराइल युद्ध के बाद वैश्विक तेल संकट उत्पन्न हुआ। जिसके समाधान के लिए यू.एस.ए. ने लाइब्रेरी ग्रुप का गठन किया। 1975 में फ्रांस के रम्बोनिलेट बैठक में यह एक संगठन के रूप में परिवर्तित हो गया।

🔥 कुल 5 देशों ने इसकी स्थापना की ये देश है - यूएसए, जापान, यू.के., फ्रांस, पश्चिमी जर्मनी, कालान्तर में कनाडा और इटली शामिल हुए और सबसे अन्त में (1997) रूस को संगठन का 8 वां सदस्य बनाया गया। G-8 का न तो कोई संविधान है और न ही कोई मुख्यालय Alphabetical क्रम में इसके सदस्य देशों में शिखर बैठक होती है। जिसमें संगठन का वर्ष भर का Agenda तय कर लिया जाता है।। इस शिखर बैठक में विश्व के महत्वपूर्ण संगठन एक पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेते हैं।

G-20

🔥 यह विश्व की 20 अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। 1997-98 में इसकी स्थापना की गयी।

🔥 इन देशों में विश्व की 65% आबादी रहती हैं।

🔥 विश्वG.D.P. का 90% तथा विश्व व्यापार का 80% G-20 के स्वामित्य में किया जाता है।

🔥 इस संगठन को आज विश्व के सबसे महत्वपूर्ण संगठनों में से एक माना जा रहा है।

🔥 1 वैश्विक मन्दी के समय इसकी प्रासंगिकता में अत्यधिक वृद्धि हुई।

🔥 वांशिगठन, लन्दन, पिट्सवर्ग, टोरन्टो और सियोल में इसके शिखर सम्मेलन आयोजित किये गये अब इसके वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित होते हैं।

🔥 सियोल एक्शन प्लान के तहत चीन को बाजार आधारित विनिमय दर अपनाने के लिए कहा गया है।

Sanghai Co-opration Organization

🔥 1996 में स्थापित संगठन में 6 देश है।

🔥 रूस, चीन, किर्गिजिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान इसके सदस्य है।

🔥 भारत, पाकिस्तान, ईरान व मंगोलिया को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।

🔥 इस संगठन को G-8 का प्रतिउत्तर भी कहा जा सकता है।

🔥 महाशक्ति रहे रूस ने इसमें भारत को भी शामिल करने का प्रयास किया। जिससे भारत, चीन, रूस का त्रिगुट बन सके। परन्तु अमेरिका से सन्तुलन बनाये रखने के उद्देश्य से भारत इस संगठन में शामिल नहीं हुआ।

🔥 यह भारत के अनेक व्यापारिक व आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति करता है।

🔥 मध्य ऐशियाई गणराज्य मुस्लिम बहुल पंथ निरपेक्ष राष्ट्र भारत की तरह यह देश भी धार्मिक कट्टरता व आतंकवाद से पीड़ित है।

🔥 यह देश पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस से सम्पन्न है। भारत के सम्बन्ध मध्य एशियाई गणराज्यों से अत्यन्त मधुर है।

SAARC (1985 में स्थापित/कुल 8देश) मुख्यालय काठमाण्डू

🔥 1985 में इस संगठन की स्थापना ढाका में हुई। बांग्लादेश के भूपपूर्व राष्ट्रपति मु. इरशाद मिर्जा ने इसकी स्थापना का प्रस्ताव रखा। संगठन का मुख्यालय काठमाण्डू में है तथा इसके कार्य संचालन के लिए एक चार्टर का निर्माण किया गया है। संगठन का एक महासचिव होता है। 2007 में अफगानिस्तान को 8वे देश के रूप में शामिल किया गया है। अन्य सदस्य है। भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, मालद्वीय, श्रीलंका।

🔥 प्रतिवर्ष इसके शिखर सम्मेलन का प्रावधान है। जिनमें निम्न देशों को पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया हैं - चीन, जापान, मारीशस, आस्ट्रेलिया, ईरान, द. कोरिया, यू. एस. ए., म्यामार और ई. यू. प्रति दो वर्ष पर SARC द्वारा SAF खेलों का आयोजन किया जाता है।

🔥 1 जनवरी 2006 से इन देशों के मध्य South Asia, Free Trade Agreement (SAFTA) लागू है। परन्तु यह अभी प्ररम्भिक अवस्था में है। नई दिल्ली में दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय की स्थापना प्रस्तावित है। एक फूड बैंक की स्थापना भी प्रस्तावित है। पारस्परिक मतभेदों के कारण एवं पाकिसतन की नकारात्मक भूमिकाओं के कारण यह एक कमजोर संगठन माना जाता है। भारत एशियान को तरवीह देकर इसका विकल्प ढूंढ रहा है।

अफ्रीकन यूनियन

🔥 2001 ई. में इस संगठन की स्थापना हुई। यूरोपियन यूनियन की तर्ज पर इसे अफ्रीकन इकोनातिक क्मयूनिटी भी कहा जाता हैं। त्रिपोली (लीबिया) में AU की एक संसद का गठन प्रास्तावित है। यह संगठन एक केन्द्रीय बैंक की स्थापना और साझा मुद्रा जारी करने पर विचार कर रहा है। द० अफीका को छोड़कर किसी भी अफ्रीकी देश में लोकतंत्र नहीं है। प्रायः साम्राज्यवादी शक्तियां इनके आन्तरिक संघर्षो का लाभ उठाती है।

🔥 अतः AU द्वारा एक शान्ति सेना का गठन भी प्रस्तावित है।

खाड़ी सहयोग परिषद Gulf Cooperation Council

🔥 इस संगठन में मूलतः 6 देश है।

(1) सऊदी अरब (2) संयुक्त अरब अमीरात (3) बहरीन (4) कुवैत (5) ओमान (6) ईरान

🔥 ईरान को हाल ही में इसमें शामिल किया गया है। इस संगठन का मुख्यालय रियाद में है। यह संगठन एकीकृत मुद्रा अपनाने पर विचार कर रहा है।

East Africa Community

🔥 इसका गठन 5 अफ्रीकी राष्ट्रों द्वारा किया गया है।

🔥 रवान्डा, वुरून्डी, केन्या, युगांडा, तंजानिया इसके सदस्य है।

🔥 इसे एक मुक्त व्यापार क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया है। जिसे European Common Market की तर्ज पर एक साझ बाजार बनाया जा सके। अन्ततः क्षेत्र एक राजनीतिक महासंघ में परिवर्तित किया जाता रहा है।

Asia Pasific Economic Cooperation (APEC)

🔥 1948 में स्थापित, मुख्यालय सिंगापुर, कुल 21 देश सदस्य भारत इसमें शामिल नहीं है।

🔥 यह एक मुक्त व्यापार क्षेत्र है। विश्व व्यापार का 40% इसके अधिकार में है। इसके प्रमुख देश है। यू.एस.ए., चीन, जापान, रूस, कनाडा, मेक्सिको, आस्ट्रेलिया, द. कोरिया, न्यूजीलैण्ड, हांगकांग और ताईवान ।

Organization of Petrolium Exporting Countries (OPEC)

🔥 1960 में बगदाद में OPEC की स्थापना की गई।

🔥 इसका मुख्यालय वियना (आस्ट्रिया) में है।

🔥 OPEC के संस्थापक सदस्य है- सऊदी अबर, ईरान, इराक, कुवैत एवं बेनेजुएला है।

🔥 वर्तमान में कुल 12 देश इसके सदस्य है।

🔥 सऊदी अबर, इरान, इराक, कुवैत, बेनेजुएला, कतर, लीबिया, इक्वाडोर, संयुक्त अबर अमींदात अल्जीरिया, नाइजीरिया अंगोला । OPEC एक कार्टेल की भूमिका निभाता है। जो उत्पादन को नियंत्रित करके पेट्रोलियम की कीमतों का निर्धारण करता है। इसके लिए सदस्य देशों का उत्पादन कोटा निर्धारित कर दिया गया है।

🔥 सऊदी अबर को सर्वाधिक, इक्वाडोर को न्यूनतमक कोटा दिया गया है।

🔥 OPEC देशों के पास विश्व के कुल पेट्रालियाम भण्डार का 75% है। परन्तु इनके द्वारा विश्व के 55% पेट्रोलियम का उत्पादन किया जाता है।

🔥 ब्रिक्स (BRICS) यह Brazil, Russia, India, China and South Africa का एक संगठन है।

🔥 2009 में BRIC के रूप में इसका पहला शिखर सम्मेलन हुआ।

🔥 2011 में दक्षिण अफ्रीका को इसमें शामिल किया गया।

🔥 विश्व GDP का 25% तथा विश्व जनसंख्या का 40% इन्हीं देशों के पास है।

🔥 इस संगठन का कोई मुख्यालय और औपचारिक संविधान नहीं है। परन्तु पारस्परिक तालमेल और अपनी स्थिति के कारण यह एक महत्वपूर्ण संगठन माना जाता है।

इब्सा (IBSA) India, Brazil, South Africa, South-South Cooperation.

दक्षिण-दक्षिण सहयोग - 2003 में IBSA की स्थापना हुई। भारत, ब्राजील और साऊद अफ्रीका इसके सदस्य है। चीन को इसमें शामिल करने पर विचार चल रहा है। इसे दक्षिण-दक्षिण सहयोग के नाम से भी जाना जाता है। जिसकी बैठके BRICS के साथ ही सम्पन्न होती है।

कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक समितियां Prominent Economic Commetties

राष्ट्रीय आय समिति (1949) National Income Commeettee

🔥 इस समिति का गठन P.C. Maholnobis की अध्यक्षता में किया गया।

🔥 समिति ने न सिर्फ राष्ट्रीय आय एवं प्रतिव्यक्ति आय की गणना की अपतुि आर्थिक आंकड़ों के संकलन के लिए C.S.O.(1951) के गठन का सुझाव दिया।

🔥 भारत सरकार को सभी अधिकृत आंकड़े यही संस्थान उपलब्ध कराता है।

🔥 महालनोविस ने भारी उद्योगों के विकास का सुझाव दिया।

🔥 दूसरी पंचवर्षीय योजना महालनोविस माडल पर ही आधारित थी। इस माडल में आधारभूत ढांचे के विकास पर जोर दिया जाता है।

🔥 29 जून को महालनो बिस की स्मृति में सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है।

जनसंख्या समिति (Population Commetti)

🔥 इस समिति का गठन M. S. Swami Nathan की अध्यक्षता में किया गया। वर्ष 2000 की जनसंख्या नीति इसी समिति की रिपोर्ट पर आधारित है। जिसमें 2016 तक T.E.R. कुल प्रजनन दर 2.1 करने का लक्ष्य रखा गया है।

अभिजीत सेन समिति

🔥 यह समिति खाद्य पदार्थों के मूल्य नियन्त्रण पर सुझाव देने के लिए गठित की गई थी।

🔥 समिति ने खाद्य पदार्थों के वायदा कारोबार को अनुमति प्रदान की।

GS.T. (Goods and Service Tax)

🔥 Excise duty, Service Duty और VAT के स्थान पर एक समेकित कर करारोपण के लिए GST का प्रावधान किया गया है।

🔥 राज्यों की आपत्तियों को दूर करने के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है।

विनिवेश समिति (1996)

🔥 1996 में G.V. Ram Krishan की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किगया गया।

🔥 इस समिति ने लगभग 80 सर्वाधिक उपक्रमों के विनिवेश की सिफारिश की थी।

विजय केलकर समिति

🔥 विज्ञय केलकर की अध्यक्षता में अनेक समितियों का गठन किया जा चुका है। जिनमें कुछ प्रमुख है।

🔥 प्राकृतिक गैस का मूल्य निर्धारण

🔥 प्रत्यक्ष कर एवं अप्रत्यक्ष कर ढांचे का सुधार

🔥 रक्षा उपक्रमों के निजीकरण से सम्बन्धित समिति

भूरे लाल समिति

🔥 इस समिति का गठन सर्वोच्च न्यायाल के निर्देश पर पर्यावरण सुरक्षा के लिए गठित किया गया था।

🔥 शहरों में व्यावसायिक CNG वाहनों का परिचालन इसी समिति की सिफारिशों का परिणाम है।

🔥 दातेवाला समिति - बेरोजगारी की समस्या पर विचार करने के लिए।

🔥 वाचू समिति - प्रत्यक्ष कर ढांचे पर विचार करने के लिए

🔥 L.K. Jha समिति - अप्रत्यक्ष कर ढांचे पर विचार करने के लिए

👉 Madvat लगाने का सुझाव दिया

🔥 राजा चेलैया समिति - कर ढांचे के सुधार के लिए

🔥 शंकर लाल गुरू समिति - कृषि वस्तुओं के विपणन के लिए

🔥 राकेश मोहन समिति - आधारभूत ढांचे के विकास के लिए

🔥 दीपक पारिख समिति - आधार भूत ढांचे के विकास के लिए

🔥 व्यास समिति - कृषि क्षेत्र को ऋण प्रदान करने के लिए

🔥 तेन्दुलकर समिति - निर्धनता रेखा के निर्धारण के लिए

🔥 सी. रंगराज समिति - सार्वजनिक व्यय के बेहतर प्रबन्धन के लिए

🔥 मीरा सेठ समिति - हथकरघा क्षेत्र के लिए

🔥 मालेगांव समिति - सूक्ष्म ऋण (Micro finance) पर विचार के लिए

🔥 रेलवे सुरक्षा के लिए गठित समिति

(1) शाहनवाज समिति (1954) 2. कुबरू समिति (1962) 3. वांचू समिति (1968), 4. सीकरी समिति (1978), 5. खन्ना समिति (1998), 6. अनिल काकोदरक समिति (2012)

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