हाई स्कूल के प्रिंसिपल को किया शो कॉज
झारखंड
सरकार के शिक्षा सचिव के. रवि कुमार ने शनिवार को शहर के विभिन्न स्कूलों का
निरीक्षण किया। शिक्षा सचिव प्लस टू नेशनल हाई स्कूल एवं प्लस टू जिला स्कूल का
निरीक्षण किया। नेशनल स्कूल में निरीक्षण के दौरान शिक्षा सचिव को काफी कमियां नजर
आयी। उन्हें छात्रों के स्कूल आने का कोई समय नहीं दिखा। वहीं क्लास रूम में भी
काफी गंदगी थी। स्कूल की व्यवस्था देख शिक्षा सचिव भड़क गए और विद्यालय के
प्रिंसिपल सुभाष चंद्र सिंह को शो कॉज़ करने की बात कही।
शिक्षा सचिव ने क्लास रूम का भी निरीक्षण किया। छात्रों के साथ बैठकर शिक्षकों के पढ़ाने के तौर-तरीकों को देखा। साथ ही हाल ही में शुरू किए गए स्मार्ट क्लास का भी जायजा लिया। निरीक्षण कर शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने विद्यालय की व्यवस्था पर असंतोष जताते हुए कहा कि यहां अनुशासन की काफी कमी है। उन्होंने इस पर कार्रवाई करते हुए विद्यालय के प्रिंसिपल को शो कॉज़ करने की बात कही। उन्होंने कहा कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी पूरा करने के लिए आवश्यक पहल की जा रही है।
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में👆अनुश्रवण करते शिक्षा सचिव महोदय ,डीसी सर ,आरडीडी मैम ,डीईओ मैम एवं डीएसई
सर
सरकारी
स्कूलों की स्थिति में सुधार तथा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के
लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के पदाधिकारी
अब हर माह कम से कम एक बार जिलों का दौरा करेंगे। इसे लेकर सभी 24 जिलों में एक-एक
जिले की जिम्मेदारी निदेशक से लेकर अवर सचिव स्तर के पदाधिकारियों को दी गई है। इस
क्रम में अधिकारी शिक्षा कार्यालयों तथा स्कूलों का निरीक्षण कर शिक्षा योजनाओं की
समीक्षा करेंगे तथा वहां की कमियों की पड़ताल कर विभाग को रिपोर्ट सौंपेंगे।
नेशनल स्कूल में 1371 की जगह 905 छात्र मिले अनुपस्थित
स्कूली
शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार शनिवार को दुमका पहुंचे तथा शहर के दुधानी
में अवस्थित प्लस टू नेशनल हाइस्कूल का निरीक्षण किया, बदहाल स्थिति देख उन्होंने घोर
नाराजगी जतायी। उन्होंने मौके पर मौजूद क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक रजनी कुमारी व जिला
शिक्षा पदाधिकारी रेणुका तिग्गा को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिया तथा प्रभारी प्रधानाध्यापक
सुभाष चंद्र सिंह को स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश जारी किया। शिक्षा सचिव के रविकुमार
जिले के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ल के साथ इस विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे थे। शिक्षा
सचिव ने पाया कि विद्यालय में वर्ग आठवीं से 12वीं तक कुल नामांकित छात्र संख्या
1371 के विरुद्ध मात्र 466 छात्र उपस्थित रहे। यानी कुल 905 अनुपस्थित। जबकि विद्यालय
में माध्यमिक व इंटर शाखा को मिलाकर 21 शिक्षक-शिक्षिका कार्यरत हैं, उन्होंने पाया
कि इस स्कूल में विभागीय दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। विभागीय निर्देशानुसार
विद्यालय का संचालन नौ बजे से तीन बजे अपराह्न तक होना है और इस विद्यालय में नामांकित
सभी बच्चों को 8:45 बजे पूर्वाह्न में उपस्थित होना है, लेकिन इस विद्यालय में छात्र-छात्रायें
9:20 बजे और उसके बाद तक विद्यालय आ रहे थे। विद्यालय के सामूहिक प्रार्थना में छात्रों
के साथ सभी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य है। निर्देशों के अनुरूप सामूहिक प्रार्थना
के समय ही शिक्षकों के द्वारा छात्रों को पांच मिनट के लिए ज्ञानवर्धक बातें बतायी
जाती है। लेकिन इस विद्यालय में उक्त निर्देश का भी अनुपालन नहीं किया जा रहा था। सम्रग
शिक्षा अभियान के तहत विद्यालय प्रबंध समिति के खाता में एक महीने पूर्व विद्यालय के
रंग रोगन व मरम्मत के लिए 100000 आबंटित किया गया है, लेकिन अभी तक इस राशि का उपयोग
नहीं किया गया है।
छात्रों के बीच सचिव व उपायुक्त क्लासरूम में बैठ पठन-पाठन का लिया जायजा
इस
विद्यालय के जिन क्लास रूम में शिक्षा सचिव के रविकुमार व उपायुक्त रविशंकर शुक्ल पहुंचे
और छात्र-छात्राओं के बीच बैंच-डेस्क में बैठकर पठन-पाठन का जायजा लिया, उन क्लास रूम
में गंदगी पसरी थी ,धूल की परत ही बता रही थी कि छात्रों की उपस्थिति कैसी रहती है
और वर्ग का संचालन किस प्रकार होता है। कई बच्चे क्लास रूम के बाहर घूम रहे थे इसे
देखकर वे भड़क उठे, श्री कुमार ने बाद में जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान डाक्ट, जो
रसिकपूर के बेसिक स्कूल परिसर में संचालित है, वहाँ भी पहुंचकर इस संस्थान के प्राचार्य
सह डीएसई आशीष कुमार हेंब्रम को निर्देश दिया।
डीईओ रेणुका तिग्गा ने निकाली स्पष्टीकरण को लेकर चिट्टी:
नेशनल
हाईस्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र सिंह को इन तमाम बिदुओं पर स्पष्टीकरण
पूछ दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से उनको तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण
देने को कहा गया है। उन्हें विद्यालय में छात्रों की कम उपस्थिति, रंग-रोगन नहीं कराने,
दो सूखे पेड़ को हटवाये जाने के लिए अपने स्तर से कोई ठोस कदम नहीं उठाने पर जवाब-
तलब किया गया है।
हर सप्ताह स्कूलों का निरीक्षण कर रहें सचिव
स्कूली
शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के. रविकुमार स्वयं हर सप्ताह किसी न किसी जिले
के स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं। इस क्रम में उन्हें स्कूलों में कई कमियां खामियां
मिल रही हैं। इसे देखते हुए ही उन्होंने सभी विभागीय पदाधिकारियों को भी जिलों का भ्रमण
करने को कहा है। स्कूलों के निरीक्षण को लेकर उन्होंने विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी
किया है। इससे पहले जारी किया गया था ये दिशा-निर्देश
इससे पहले उन्होंने जिला व प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों द्वारा किए जानेवाले निरीक्षण को लेकर दिशा-निर्देश दिया था। इसके तहत अधिकारी स्कूलों के निरीक्षण के क्रम में यह भी देखेंगे कि शिक्षकों की आवाज स्पष्ट है या नहीं तथा उनकी आवाज सभी बच्चों को सुनाई पड़ती है या नहीं। अधिकारी यह भी देखेंगे कि स्कूलों में घंटी बजती है या नहीं तथा शिक्षक पाठ्य योजना के अनुसार बच्चों को पढ़ाते हैं या नहीं। दरअसल, हाल ही में सचिव ने रांची के स्कूलों के निरीक्षण में पाया था कि स्कूलों में घंटी नहीं बजाती तथा शिक्षक पाठ्य योजना के अनुसार बच्चों को नहीं पढ़ाते। किस अधिकारी को मिली किस जिले की जिम्मेदारी प्राथमिक शिक्षा निदेशक चंद्रशेखर : हजारीबाग, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार
रामगढ़, संयुक्त सचिव कुमुद सहायक : पलामू, राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी
: रांची, संयुक्त सचिव अक्षय कुमार सिंह : पूर्वी सिंहभूम, संयुक्त सचिव अभिजीत सिन्हा
: खूंटी, उप सचिव ओमप्रकाश तिवारी : गढ़वा, उप सचिव अरविंद कुमार सिंह : गुमला, अवर
सचिव अखिलेश कुमार पांडेय : चतरा, अवर सचिव सरोजिनी कुमारी : धनबाद, अवर सचिव विश्वनाथ
झा : पाकुड़, अवर सचिव जागो चौधरी : बोकारो, अवर सचिव अनिल कुमार : जामताड़ा, अवर सचिव
प्रवीण केरकेट्टा : लोहरदगा, प्रशासी पदाधिकारी जयंत कुमार मिश्र : कोडरमा, झारखंड
मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के विशेष कार्य पदाधिकारी ममुकेश कुमार सिन्हा : पश्चिमी सिंहभूम,
जेसीईआरटी के उपनिदेशक प्रदीप कुमार चौबे : देवघर, उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा शिवेंद्र
कुमार : सरायकेला खरसावां, माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक सच्चिदानंद द्विवेदी तिग्गा
: गिरिडीह, जेसीईआरटी के उपनिदेशक बांके बिहारी : साहिबगंज, प्राथमिक शिक्षा के उपनिदेशक
अभय शंकर : गोड्डा, अवर सचिव, माध्यमिक शिक्षा किरण कुमारी : सिमडेगा, अवर सचिव, प्राथमिक
शिक्षा संतोष कुमार : लातेहार तथा यूनिसेफ के कंसलटेंट गौरव वर्मा : दुमका।