12th वितान 2. जूझ (आनंद यादव) पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. जूझ' शीर्षक के औचित्य पर विचार
करते हुए स्पष्ट करें कि क्या यह शीर्षक कथानायक की किसी केन्द्रीय चारित्रिक विशेषता
को उजागर करता है? उत्तर
: आनन्द यादव के उपन्यास से संकलित अंश का शीर्षक 'जूझ' अत्यन्त रोचक, संक्षिप्त, कौतूहलवर्धक
तथा सम्पूर्ण कथानक का सूचक है। 'जूझ' का अर्थ है-संघर्ष। कथानायक आनन्द को पाठशाला
जाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। सर्वप्रथम
उसे अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध संघर्ष करना पड़ा। इसमें उसे माँ का और दत्ताजी
राव का सहयोग मिला। पाठशाला में शरारती छात्रों से संघर्ष किया, तभी वह पढ़ने में रुचि
ले सका। फिर गणित विषय में और कविता
रचने में उसे संघर्ष करना पड़ा। इस प्रकार सम्पूर्ण कथानक में उसके संघर्ष का चित्रण
हुआ है और उसमें उसे सफल दिखाया गया है। इसलिए 'जूझ' शीर्षक पूर्णतया उचित है। पाठ
के इस शीर्षक से कथानायक के जुझारू व्यक्तित्व तथा संघर्षशील चारित्रिक विशेषता का
प्रकाशन हुआ है। वह स्वयं व्यक्तिगत स्तर पर, पारिवारिक एवं सामाजिक स्तर पर, विद्यालय
के माहौल तथा शिक्षा-प्राप्ति के स्तर पर संघर्ष करता है।…