12th Geography SET -3 Koderma PROJECT RAIL 2.0 MODEL QUESTION PAPER-2023

12th Geography SET -3 Koderma PROJECT RAIL 2.0 MODEL QUESTION PAPER-2023

Koderma PROJECT RAIL 2.0

MODEL QUESTION PAPER-2023

SET -3

CLASS-12 

GEOGRAPHY

FM-35+35=70

TIME 3 Hrs.

सामान्य निर्देश :-

इस प्रश्नपत्र में कुल दो खण्ड हैं- 'अ' और 'ब'

* खण्ड 'अ' में कुल 35 प्रश्न है और सभी अनिवार्य हैं।

* खण्ड 'ब' में कुल 19 प्रश्न है, जिनका उत्तर परीक्षार्थी अपने शब्दो में देंगे।

*प्रश्न संख्या 19 अनिवार्य है [ खण्ड 'ब' ]


[ खण्ड 'अ' ]

वस्तुनिष्ट प्रश्न 1 x 35 = 35

1. मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी और क्रियाशील मानव के बीच परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है ।" - यह कथन किसका है ।

(क) रैटजेल

(ख) ए.सी. सेंपल

(ग) ब्लास

(घ) टेलर

 

2. 'रूको और जाओ निश्चयवाद' भूगोल के किस संकल्पना को कहा जाता है।

(क) निश्चयवाद

(ख) संभववाद

(ग) नवनिश्चयवाद

(घ) नियतिवाद

 

3. स्वर्ण से नहीं वरन् केवल स्त्रियों और पुरूषों से एक राष्ट्र मजबूत और महान बनता है।" किनका कथन ह?

(क) जॉर्ज बी क्रेसी

(ख) राल्फ वाल्डो इमरसन

(ग) थॉमस माल्थस

(घ) रिटर

 

4. जनसंख्या वृद्धि के निम्न दर किस महाद्वीप में पायी जाती है ?

(क) अफ्रीका

(ख) एशिया

(ग) यूरोप

(घ) ओशनिया

 

5. निम्न में से किस देश का आयु लिंग पिरामिड त्रिभूजाकार है ?

(क) जापान

(ख) आस्ट्रेलिया

(ग) कनाडा

(घ) नाइजीरिया

 

6. संयुक्त अरब अमीरात की लिंग अनुपात कितनी है ?

(क) 100 स्त्रियों पर 200 पुरूष

(ख) 100 स्त्रियों पर 301 पुरुष

(ग) 100 स्त्रियों पर 351 पुरुष

(घ) 100 स्त्रियों पर 311 पुरूष

 

7. किस उपागम का संबंध प्रो. अमर्त्य सेन से है ?

(क) क्षमता उपागम

(ख) आय उपानम

(ग) कल्याण उपानम

(घ) आधारभूत आवश्यकता उपागम

 

8. मानव विकास सूचकांक के स्कोर कितने के बीच आधारित किया जाता है?

(क) 0 से 100

(ख) 0 से 10

(ग) 0 से 1

(घ) 100 से 100

 

9. "प्रति इकाई उत्पादन अधिक होता है, परन्तु प्रति कृषक उत्पादन कम है"- किस कृषि प्रणालि से संबंधित है ?

(क) गहन निर्वाह कृषि

(ख) विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि

(ग) रोपण कृषि

(घ) मिश्रित कृषि

 

10. आदिकालीन निर्वाह कृषि मुख्यतः किस जलवायु क्षेत्रों में किया जाता है?

(क) उष्णकटिबंधीय

(ख) शीतकटिबंधीय

(ग) अर्ध शुष्क

(घ) भूमध्यसागरीय जलवायु

 

11. यूरेशिया के घास स्थल को किस नाम से जाना जाता है?

(क) प्रेयरीज

(ख) पंपाज

(ग) स्टेपीज

(घ) डाउंस

 

12. राष्ट्रीय महामार्ग संख्या-7 किन दो स्थान को जोड़ता है?

(क) दिल्ली-कोलकाता

(ख) दिल्ली - कन्याकुमारी

(ग) वाराणसी - कन्याकुमारी

(घ) वाराणसी-कोलकाता

 

13. पान - अमेरिकन महामार्ग किन दो महाद्वीप को जोड़ता है?

(क) उत्तरी अमेरिका-यूरोप

(ख) दक्षिण अमेरिका-यूरोप

(ग) उत्तरी अमेरिका-अफ्रीका

(घ) उत्तर अमेरिका-दक्षिण अमेरिका

 

14. भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट का प्रक्षेपण कब किया गया था?

(क) 19 अप्रैल 1979 19 अप्रैल 1975

(ख) 18 जून 1981

(ग) 19 अप्रैल 1981

(घ) 18 जून 1979

 

15. पारमहाद्वीपीय स्टुवर्ट महामार्ग किनके मध्य से गुजरता है?

(क) डार्विन और मेलबोर्न

(ख) एडमंटन और एकॉरेज

(ग) बैंकूवर और सेंट जॉन

(घ) चेमडू और ल्हासा

 

16. GATT को कब WTO में रूपांतरित किया गया?

(क) जनवरी 1990

(ख) जनवरी 1995

(ग) अप्रैल 1990

(घ) अप्रैल 1995

 

17. भारत के किस राज्य में जनसंख्या सर्वाधिक है?

(क) पश्चिम बंगाल

(ख) उत्तर प्रदेश

(ग) बिहार

(घ) महाराष्ट्र

 

18. भारत के सबसे कम घनत्व वाला राज्य कौन सा है?

(क) असम

(ख) सिक्किम

(ग) अरुणाचल प्रदेश

(घ) गोआ

 

19. राष्ट्रीय युवा नीति कब से आरंभ की गई है?

(क) जनवरी 2015

(ख) जनवरी 2014

(ग) फरवरी 2015

(घ) फरवरी 2014

 

20. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत के कौन-सा राज्य साक्षरता दर में सर्वोच्च है?

(क) गुजरात

(ख) केरल

(ग) तमिलनाडु

(घ) मिजोरम

 

21. मानव विकास सूचकांक में विश्व का सबसे उच्च श्रेणी के देश कौन सा है ?

(क) जर्मनी

(ख) नार्वे

(ग) स.रा. अमेरिका

(घ) चीन

 

22. निम्नलिखित में से कौन सा रोग जल जनित है?

(क) नेत्रश्लेष्मला शोथ

(ख) श्वसन संक्रमण

(ग) अतिसार

(घ) श्वासनली शोथ

 

23. ध्वनि स्तर को किस इकाई में मापा जाता है ?

(क) वाट

(ख) जूल

(ग) पारसेक

(घ) डेसीबल

 

24. विश्व व्यापार में भारत की भागीदारी कुल मात्रा का कितने प्रतिशत है?

(क) 10%

(ख) 5%

(ग) 15%

(घ) 1% 1.7%

 

25. निम्नलिखित में से कौन सा एक स्थलबद्ध पोताश्रय है?

(क) विशाखापट्नम

(ख) एन्नोर

(ग) मुंबई

(घ) हल्दिया

 

26. राष्ट्रीय जलमार्ग-2 किस नदी पर बनाया गया है?

(क) ब्रहमपुत्र

(ख) गंगा

(ग) महानदी

(घ) कृष्णा

 

27. भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण की स्थापना कब हुई ?

(क) 1990

(ख) 1992

(ग) 1995

(घ) 1998

 

28. 'द पापुलेशन बम' पुस्तक किसने लिखा ?

(क) मीडोस

(ख) एहरलिच

(ग) ब्रटलैंड

(घ) एस स्वामीनाथन

 

29. बोकारो इस्पात संयंत्र का निर्माण किस देश के सहयोग से बनाया गया था?

(क) रूस

(ख) जर्मनी

(ग) कनाडा

(घ) इंग्लैंड

 

30. GAIL की स्थापना कब हुई ?

(क) 1980

(ख) 1990

(ग) 1984

(घ) 1994

 

31. झारखण्ड राज्य के किस जिले में ताँबा के निक्षेप पाया गया है?

(क) सिंहभूम जिला

(ख) कोडरमा

(ग) देवघर

(घ) बोकारो

 

32. गुरुमहिसानी एवं बादाम पहाड़ लौह अयस्क की खदान किस राज्य में स्थित है?

(क) झारखण्ड

(ख) छत्तीसगढ

(ग) कर्नाटक

(घ) ओडिशा

 

33. 1960 के दशक के मध्य गेहूँ तथा चावल की उन्नत किस्म के बीज कहाँ से उपलब्ध किया गया था?

(क) मैक्सिको सिंगापुर

(ख) मैक्सिको - फिलिपींस

(ग) सिंगापुर - फिलिपींस

(घ) फिलिपींस - थाईलैंड

 

34. औस, अमन तथा बोरो चावल की फसले किस राज्य से संबंधित है?

(क) उत्तर प्रदेश

(ख) पंजाब

(ग) हरियाणा

(घ) पश्चिम बंगाल

 

35. निम्नलिखित में से किस राज्य में भौम जल का उपयोग सर्वाधिक होता है?

(क) पंजाब

(ख) असम

(ग) केरल

(घ) बिहार

 

[ खण्ड- 'ब' ]

अति लघु स्तरीय प्रश्न:- 5x5=5

किन्हीं पाँच प्रश्नों का उत्तर दें।

1. 1970 का दशक में किन तीन विचारधाराओं का उदय हुआ था?

उत्तर : मानवतावादी, आमूलवादी और व्यवहारवादी विचारधाराओं का उदय।

2. आयु लिंग पिरामिड से आप क्या समझते हैं?

उत्तर : यह एक प्रकार का रेखा चित्र है, जिसमे किसी क्षेत्र की जनसंख्या को विभिन्न आयु वर्गो के पुरुष और स्त्रियों की संख्या को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। इसकी रचना बहु दण्ड आरेख के माध्यम से किया जाता है। आयु-लिंग पिरामिड को जनसंख्या पिरामिड भी कहते है। इसका उपयोग आयु-लिंग संरचना को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

3. अभ्रक का उपयोग मुख्यतः किस क्षेत्र में किया जाता है?

उत्तर : बड़ी-बड़ी परतोंवाला अभ्रक मुख्यतया विद्युत्‌ उद्योग में काम आता है। विद्युत्‌ का असंवाहक होने के कारण इसका उपयोग कंडेंसर, कम्प्यूटर, टेलीफोन, डायनेमो आदि के काम में होता है। पारदर्शक तथा तापरोधक होने के कारण यह लैंप की चिमनी, स्टोव, भट्ठियों आदि में प्रयुक्त होता है।

4. वर्तमान परती भूमि किसे कहते हैं?

उत्तर : परती भूमि वह सीमान्त भूमि है जिस पर प्रति वर्ष कृषि नहीं की जाती ।

5. संचार सेवा में आप क्या समझते हैं?

उत्तर : जिनके द्वारा हम अपनी बात को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा सकते हैं

6. मानव बस्ती किसे कहते हैं?

उत्तर : एक स्थान जो साधारणतया स्थायी रूप से बसा हुआ हो उसे मानव बस्ती कहते हैं।

7. मानव विकास के चार स्तंभ कौन कौन से हैं?

उत्तर : (1)समता (2)सतत पोषणीयता (3)उत्पादकता और(4) सशक्तिकरण।

लघु उत्तरीय प्रश्न:- 3x5=15

किन्हीं पाँच प्रश्नों का उत्तर दें।

8. वृद्धि और विकास में क्या अंतर है?

उत्तर : वृद्धि और विकास में अंतर निम्न हैं

वृद्धि /अभिवृद्धि–

1.वृद्धि से आशय शारीरिक एवं व्यवहारिक बदलावों से है।

2.वृद्धि का संबंध शारीरिक तथा मानसिक परिपक्वता से होता है।

3.वृद्धि किसी विशेष पक्ष अथवा आंशिक स्वरूप को ही करती है।

4.वृद्धि निश्चित आयु के बाद रुक जाती है।

5.वृद्धि में व्यक्तिगत भेद होते हैं।सभी बालकों की वृद्धि असमान होती है।

6.वृद्धि का मापन उचित होता है।जैसे– शरीर की लंबाई व भार की वृद्धि को मापा जा सकता है।

विकास -

1.विकास से आशय शरीर के विभिन्न शारीरिक, मानसिक तथा व्यवहारिक संगठन से होता है।

2.विकास वातावरण से भी संबंधित होता है।

3.विकास प्राणी में होने वाले कुल परिवर्तनों का योग होता है।

4.विकास जीवन-पर्यंत निरंतर चलता ही रहता है।

5.विकास में समानता पाई जाती है, किंतु इसकी दर,सीमा आदि में अवश्य अंतर पाया जाता है।

6.विकास के बदलावों को होते हुए देखा जा सकता है। जैसे– आंतरिक बदलावों एवं योग्यताओं को मात्र अवलोकित कर सकते हैं।

9. पार - साइबेरियन रेलमार्ग के बारे बताए ।

उत्तर : रूस का यह रेल मार्ग पश्चिम में सेंट पीटर्सबर्ग से पूर्व में प्रशांत महासागर तट पर स्थित व्लाडिवोस्टक तक मास्को, कज़ान, ट्यूमिन नोवोसिबिर्स्क, चिता और ख्रबरोवस्क से होता हुआ जाता है । यह एशिया का सबसे महत्वपूर्ण और विश्व का सर्वाधिक लम्बा (9322कि.मी.) दोहरे पथ से युक्त विद्युतीकृत पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग है।

10. व्यापार संतुलन से आप क्या समझते हैं।

उत्तर : बेन्हम के अनुसार," किसी देश का व्यापार संतुलन वह संबंध है जो एक निश्चित समयावधि मे उसके आयातों तथा निर्यातों के मूल्यों के बीच पाया जाता है।"

एक देश के अवधि विशेष मे निर्यातों एवं आयातों के मूल्य के अंतर को व्यापार शेष कहा जाता है। इन निर्यातों मे वस्तुओं और सेवाओं दोनों के उन आयातों एवं निर्यातों को सम्मालित किया जाता है, जो राष्ट्रीय आय के उत्पादन अथवा उपभोग से संबंधित होते है।

11. स्वस्थ शहर क्या है?

उत्तर : एक स्वस्थ शहर वह है जो अपने भौतिक और सामाजिक वातावरण को लगातार बनाता और सुधारता है और सामुदायिक संसाधनों का विस्तार करता है जो लोगों को जीवन के सभी कार्यों को करने और उनकी अधिकतम क्षमता को विकसित करने में एक-दूसरे का समर्थन करने में सक्षम बनाता है।

12. प्रदूषण और प्रदूषकों में क्या अंतर है?

उत्तर : प्रदूषण और प्रदूषकों में निम्नलिखित अंतर है

प्रदूषण

प्रदूषक

1. यदि कोई हानिकारक पदार्थ पर्यावरण को दूषित कर सकता है तो उसे प्रदूषण कहते हैं।

1. वे कण या घटक जो प्रदूषण के लिए जिम्मेदार होते हैं जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण आदि, इन्हें प्रदूषक के रूप में जाना जाता है।

2. वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, जल प्रदूषण, अम्ल वर्षा, ओजोन रिक्तीकरण, प्लास्टिक प्रदूषण, धुंध, तेल रिसाव, भूमि प्रदूषण, प्रकाश प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण प्रदूषण के प्रकार हैं।

2. सीसा, राख कार्बन, कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, कण प्रदूषण, सल्फर ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड प्रदूषकों के प्रकार हैं।

3. प्रदूषकों के कारण प्रदूषण होता है।

3. प्रदूषक मुख्य घटक हैं जो प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं।

4. पुन: उपयोग, पुनर्चक्रण, प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग न करना, फ़िल्टर की हुई चिमनियाँ, चारों ओर पौधे रखना प्रदूषण के नियंत्रण के उपाय हैं।

4. पत्तियों और अन्य घटकों को जलाने से बचें, लकड़ी के चूल्हे का उपयोग करें, कार का उपयोग कम करें, ये सभी प्रदूषकों के नियंत्रण के उपाय हैं।

5. प्रदूषण के प्रभावों में ग्लोबल वार्मिंग, गिरावट या पर्यावरण, अनुपजाऊ भूमि, मानव का स्वास्थ्य, वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण आदि शामिल हैं।

5. प्रदूषकों के प्रभाव में सांस लेने की समस्या, गले और आंखों में जलन, घरघराहट आदि शामिल हैं।

 

13. गेहूँ उत्पादन के अनुकूल वातावरण का उल्लेख करें।

उत्तर : गेंहू की पैदावार तथा उसकी उपज के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएं निम्नलिखित है:

(1) तापमान :- गेहूं मूलतः शीतोष्ण कटिबंधीय जलवायु का पौधा है। यह साधारणतः ठण्डी जलवायु में होता है। इसको उगते समय औसतन 10o सेण्टीग्रेड तथा पकते समय 20o सेण्टीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है।

(2) वर्षा :- गेहूं के पौधों को अधिक नमी की आवश्यकता नहीं होती इसके लिए साधारणतः वर्षा 50 से 75 सेण्टीमीटर वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है।

(3) मिट्टी :- गेहूं के उपज के लिए बहुत ही उम्दा व उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है। इसके लिए बलुई, दोमट मिट्टी सर्वोत्तम मानी गयी है।

(4) समतल भूमि :- इसके खेती के लिए समतल या क्रमिक उतार-चढाव वाले मैदानी भाग अधिक अनुकूल होते है, क्योंकि इसके खेती में मशीनों का व्यापक प्रयोग होने लगा है।

(5) श्रमिक :- इसकी खेती के लिए श्रमिक पर्याप्त होना चाहिए परन्तु इस खेती में मशीनों का प्रयोग भी किया जाता हैं।

(6) उत्पादन क्षेत्र :- भारत में गेहूं की पैदावार उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश आदि राज्यों में की जाती हैं।

14. जन्मदर तथा मृत्युदर में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर :

जन्म-दर

मृत्यु-दर

1. एक वर्ष में जनसंख्या के प्रति एक हजार व्यक्तियों पर किसी देश में जन्मे जीवित बच्चों की संख्या को 'जन्म-दर' कहते हैं।

1. जनसंख्या के प्रति एक हजार व्यक्तियों पर किसी देश में मरने वाले लोगों की संख्या को 'मृत्यु-दर' कहते हैं।

2. जब जन्म दर मृत्यु दर से अधिक हो तो इसे 'धनात्मक वृद्धि दर' कहते हैं।

2. जब मृत्यु दर जन्म दर से अधिक हो तो इसे 'ऋणात्मक वृद्धि दर' कहते हैं।

3. जन्म दर को प्रभावित करने वाले कारक हैं- उत्पादकता, विवाह आयु, जीवन-स्तर, , शिक्षा का स्तर, सरकारी नीतियाँ आदि ।

3. मृत्यु दर को प्रभावित करने वाले कारक हैं—खाद्यान्नों का अभाव, स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा का निम्न स्तर आदि ।

 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नः 5x3 = 15

किन्हीं तीन प्रश्नों का उत्तर दें।

15. मानव विकास अवधारणा के चार स्तंभों का वर्णन करें।

उत्तर : मानव विकास की अवधारणा महबूब-उल-हक और अमर्त्य सेन द्वारा विकसित की गई थी। मानव विकास लोगों की विकल्पों को बढ़ाता है और उन्हें एक सभ्य जीवन जीने के लिए सक्षम बनाता है।

मानव विकास के चार मुख्य घटक (स्तंभ) हैं:

1. समानता का अर्थ है प्रजाति, जाति, धर्म और सामाजिक-आर्थिक स्थिति के अंतर होने के बावजूद भी सभी को उपलब्ध अवसरों तक समान पहुंच प्रदान करना। भारत में बड़ी संख्या में स्कूल छोड़ने वाले बच्चे सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समूहों से संबंधित हैं। यह इंगित करता है कि लोगों की पसंद उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति के आधार पर सीमित हो जाती है।

2. सतत पोषणीयता का अर्थ है समय के साथ भले ही सरकार और समाज बदल जाये लेकिन संसाधनों की उपलब्धता में प्रकमी किसी भी पीढ़ी में नहीं होनी चाहिए। प्राकृतिक संसाधनों, राजनीतिक शक्ति, कॉर्पोरेट प्रशासन आदि जैसे किसी भी संसाधन का दुरुपयोग करने से आने वाली पीढ़ियों के लिए कम अवसर पैदा कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई विशेष समाज लड़कियों की वर्तमान पीढ़ी को शिक्षा प्राप्त करने के अनुमति नहीं देता है, तो वर्तमान पीढ़ी की लड़किया दूसरों से पिछड़े रहेंगे साथ ही युवा होने पे वे अनेक अवसरों से वंचित रह जायेंगे। अतः प्रत्येक पीढ़ी को समान अवसर प्रदान करना मानव विकास का एक घटक हैं। 

3. उत्पादकता का अर्थ है ज्ञान और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाकर मानव उत्पादकता में वृद्धि करना। लोग राष्ट्र की वास्तविक संपत्ति हैं क्योंकि यह जनसंख्या ही है जो अन्य संसाधनों का उपयोग करती है। देश अपने लोगों के लिए जाना जाता है, न कि सोने जैसे संसाधनों के लिए। उत्पादक जनसंख्या राष्ट्र को महान बनाती है।

4. सशक्तिकरण का अर्थ है विकल्प चुनाव करने की स्वतंत्रता/शक्ति होना। सशक्तिकरण स्वतंत्रता और क्षमता बढ़ाने से आता है। सुशासन और जन-केंद्रित नीतियां सशक्तिकरण के उपकरण हैं।

16. चलवासी पशुचारण और वाणिज्य पशुधन पालन में अंतर कीजिए ।

उत्तर : चलवासी पशुचारण

1. चलवासी पशुचारण एक प्राचीन जीवन निर्वाह व्यवसाय है। जिसमें पशुचारक अपने भोजन, वस्त्र, शरण, औजार एवं यातायात के लिए अपने पशुओं पर निर्भर करता है।

2. पशुचारक पानी एवं चरागाहों की खोज में मैदानी भागों तथा पर्वतीय क्षेत्रों में लम्बी दूरियाँ तय करते हैं। 3. भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में कई प्रकार के पशु पाले जाते हैं जो वहाँ की जलवायु व प्राकृतिक वातावरण के अनुकूल उपयोगी होते हैं।

4. पशुचारक ऋतुओं के अनुसार, अपने पशुओं के साथ ऋतुप्रवास करते हैं। भारत में गुज्जर, बकरवाल, गद्दी एवं भूटिया लोगों के समूह ग्रीष्मकाल में मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय क्षेत्रों की ओर तथा शीत ऋतु में पर्वतीय क्षेत्रों से मैदानी भागों की ओर आ जाते हैं। इसी प्रकार टुंड्रा प्रदेशों तथा मरुस्थलों में भी ऋतु प्रवास होता हैं ।

5. चलवासी पशुचारकों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है, ये लोग दूसरे व्यवसायों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

वाणिज्य पशुधन पालन

1. चलवासी पशुचारण की अपेक्षा वाणिज्य पशुधन पालन अधिक व्यवस्थित एवं पूँजीप्रधान है। यह पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित है।

2. वाणिज्य पशुधन पालन के फार्म स्थायी होते हैं। ये फार्म विस्तृत क्षेत्र में फैले होते हैं तथा संपूर्ण क्षेत्र को छोटी-छोटी इकाईयों में विभाजित कर दिया जाता है। इसमें चराई नियंत्रित होती है।

3. वाणिज्य पशुधन पालन में पशुओं की संख्या भी चरागाह की हन क्षमता के अनुसार ही रखी जाती है। 4. यह एक विशिष्ट गतिविधि है, जिसमें केवल एक ही प्रकार के पशु पाले जाते हैं। पशुओं में भेड़, बकरी, गाय- बैल व घोड़े होते हैं।

5. पशुओं को मांस, खालें एवं ऊन को प्राप्त करने के लिए पाला जाता हैं यह उत्पाद वैज्ञानिक ढंग से संसाधित एवं डिब्बाबंद कर विश्व के बाजारों में निर्यात कर दिया जाता है।

6. पशुधन पालन को वैज्ञानिक आधार पर व्यवस्थित करके इनके प्रजनन, जननिक सुधार व बीमारियों को नियंत्रित कर उनके स्वास्थ्य पर जोर दिया जाता है।

17. भारत में प्रवास के परिणाम का वर्णन करें।

उत्तर : भारत में प्रवास के परिणाम निम्नलिखित हैं

1. प्रवास के कारण क्षेत्र-विशेष में जनसंख्या बढ़ती है; इसलिए आवास की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

2. प्रवासी लोगों को रोजगार चाहिए; इसलिए रोजगार के साधनों का अभाव हो जाता है।

3. जनसंख्या वृद्धि के कारण परिवहन साधनों की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

4. अधिक जनसंख्या के कारण स्वच्छता की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

 

अथवा यह उत्तर लिख सकते हैं

 

परिणामों को तीन प्रकार के वर्गों में रखा जा सकता है-

1. आर्थिक परिणाम : प्रवास के आर्थिक परिणामों में से सबसे महत्वपूर्ण परिणाम, जनसंख्या तथा संसाधनों के बीच के अनुपात पर प्रभाव है। प्रवास के उद्गम स्थान में तथा प्रवास के बसावट, दोनों स्थानों पर इस अनुपात में बदलाव आता है। इनमें से एक स्थान तो कम जनसंख्या वाला हो जाता है तो दूसरा स्थान अधिक जनसंख्या वाला या फिर उचित या आदर्श जनसंख्या वाला। कम जनसंख्या के क्षेत्र में लोगों की संख्या तथा मौजूद संसाधन में असंतुलन होता है, नतीजतन संसाधन का उचित उपभोग एवं विकास दोनों अवरूद्ध होते हैं। ठीक इसके विपरीत अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र में लोगों की बहुलता होती है, फलस्वरूप संसाधनों पर दबाव बढ़ जाता है।

इस तरह लोगों का जीवनस्तर गिरने लगता है। यदि किसी देश की जनसंख्या इतनी हो कि प्रतिव्यक्ति संसाधनों का विकास एवं उपभोग बिना किसी अवरोध अथवा बाधा के उपलब्ध रहे तथा लोगों के जीवनस्तर में कोई विपरीत प्रभाव न पड़ता हो तो उतनी जनसंख्या को उक्त देश अथवा क्षेत्र के लिये आदर्श जनसंख्या कहा जाता है। यदि प्रवास की प्रक्रिया में लोग अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र से कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में जा रहे हों तो यह अच्छा संकेत हैं क्योंकि इससे दोनों क्षेत्रों में जनसंख्या एवं संसाधनों के बीच अनुपात एवं संतुलन बना रहेगा। अन्यथा विपरीत परिस्थितियाँ दोनों क्षेत्रों के लिए हानिकारक हो सकती हैं।

प्रवास दोनों क्षेत्रों में विद्यमान जनसंख्या की व्यावसायिक संरचनाओं को प्रभावित करता है। जिस क्षेत्र से लोगों का उत्प्रवास होता है, उस क्षेत्र में आमतौर पर क्रियाशील लोगों का आभाव हो जाता है तथा जिन क्षेत्रों में उत्प्रवासी लोग जाकर बसते हैं वहाँ क्रियाशील व्यक्तियों की संख्या बढ़ जाती है। उत्प्रवासित क्षेत्र यानी जहाँ से लोग प्रवास के लिये बाहर निकल आए वहाँ कार्यशील व्यक्तियों की कमी होने से उन पर आश्रितों की संख्या बढ़ जाती है।

आजकल प्रवास का सबसे गंभीर एवं दूरगामी परिणाम हमारे देश में देखा जा रहा है- उच्च-शिक्षा प्राप्त कर प्रतिभाशाली व्यक्तियों का अन्य देशों के लिए पलायन कर जाना। इस प्रक्रिया को प्रतिभा-पलायन (ब्रेन-ड्रेन) कहते हैं। इस प्रक्रिया में गरीब एवं विकासशील देशों से प्रतिभा सम्पन्न युवक विभिन्न तकनीकी ज्ञान में निपुणता प्राप्त कर धनोपार्जन की लालसा में विकसित देशों में प्रवासी बन कर बस जाते हैं।

भारत इसका बहुत सटीक उदाहरण है। यहाँ से इंजीनियर, चिकित्सक तथा अन्य तकनीकी एवं वैज्ञानिक विधाओं के कुशल एवं कार्यशील व्यक्ति संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, तथा कनाडा में प्रवासी रूप में बस गए हैं।

यद्यपि इस प्रकार के प्रवास का किसी भी क्षेत्र में विद्यमान संसाधन एवं जनसंख्या के अनुपात में कोई विशेष प्रभाव पड़ता नज़र नहीं आता क्योंकि उत्प्रवासी व्यक्तियों की संख्या बहुत कम होती है, फिर भी उद्गम क्षेत्रों में यानी जहाँ के लोग पलायन करते हैं वहाँ की जनसंख्या की गुणवत्ता पर कुप्रभाव पड़ता ही है। प्रतिभाशाली एवं कुशल वैज्ञानिक, इंजीनियर, चिकित्सकों के चले जाने से उद्गम स्थान के संसाधनों के विकास में काफी बाधा एवं रूकावटें आती हैं।

2. सामाजिक परिणाम : प्रवास के कारण विभिन्न संस्कृतियों के साथ पारस्परिक क्रिया होती हैं। प्रवास क्षेत्रों में भिन्न संस्कृतियों वाले व्यक्तियों के आने से इन क्षेत्रों की संस्कृति अधिक समृद्ध हो जाती हैं। भारत की आधुनिक संस्कृति अनेक संस्कृतियों की पारस्परिक क्रिया के फलस्वरूप प्रस्फुटित एवं पल्लवित हुई है। कभी कभी विभिन्न संस्कृतियों का मिलन सांस्कृतिक संघर्ष को भी जन्म देता है। बहुत से प्रवासी (विशेष कर पुरूष वर्ग) जो शहरों में अकेले रहते हैं, उन लोगों को विवाहेत्तर एवं असुरक्षित यौन संबंधों में लिप्त पाया जाता है।

 

इनमें से कुछ लोग एचआई. वी. जैसी संक्रामक बीमारियों से ग्रसित पाए गए। इतना ही नहीं अस्थाई प्रवास के पश्चात् जब ये अपने स्थाई निवास क्षेत्रों में वापस जाते हैं तो वहाँ भी इन संक्रामक बीमारियों के फैलाने के साधन बन जाते हैं। इस तरह इनकी पत्नी एवं होने वाले बच्चे भी इस बिमारी का शिकार बन जाते है। ऐसा क्यों होता है?

1. सही जानकारी की कमी के कारण,

2. असुरक्षित यौन संबंधों के कारण,

3. यौन संबंधों की जिज्ञासा,

4. नशीली दवाओं का सेवन एवं मदिरापन,

5. प्रवास क्षेत्रों में साँस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा मिलता है। यद्यपि कई बार सांस्कृतिक मनमुटाव अथवा

6. संघर्ष भी उत्पन्न हो जाते हैं।

7. प्रवास के कारण उत्प्रवासित क्षेत्र एवं आप्रवासित क्षेत्र दोनों जगहों में संसाधन एवं जनसंख्या के अनुपात में परिवर्तन आ जाता है।

8. प्रतिभा-पलायन भी एक गंभीर दुष्परिणाम है जो प्रवास की प्रक्रिया के कारण आ जाता है।

3. जनांकिकीय परिणाम : प्रवास के कारण दोनों स्थानों की जनसंख्या में गुणात्मक परिवर्तन आता हैं, खासकर जनसंख्या के आयुवर्ग तथा लैंगिक वर्ग के अनुपात में। इस कारण जनसंख्या की वृद्धि दर भी प्रभावित होती है। आमतौर पर जहाँ से युवा वर्ग उत्प्रवासित होकर अन्यत्रा चले जाते हैं वृद्धों, बच्चों एवं महिलाओं की संख्या बढ़ती है।

दूसरा स्थान, जहाँ पर युवा वर्ग के प्रवासी आकर बस जाते हैं वहाँ की जनसंख्या की संरचना में वृद्धों, बच्चों की एवं महिलाओं की संख्या अपेक्षाकृत कम हो जाती है। यही कारण है कि जहाँ से युवा वर्ग बाहर निकला है वहाँ लिंगानुपात ज्यादा होता है तथा जहाँ आकर युवा वर्ग प्रवासित होता है वहाँ लिंगानुपात कम हो जाता है। इसका कारण युवा पुरूषों का ज्यादा प्रवास होना है।

इस प्रकार दोनों स्थानों की जनसंख्या में बदलाव तो होता ही है जनसंख्या की संरचना में भी परिवर्तन हो जाता है। इसके कारण दोनों ही क्षेत्रों में जन्मदर, मृत्युदर एवं इसके परिणामस्वरूप वृद्धि दर में परिवर्तन होता है। जिस क्षेत्र से युवा वर्ग प्रवास में बाहर चले जाते हैं वहाँ की जन्मदर घट जाता है, अत: जनसंख्या में वृद्धि दर का कम पाया जाना स्वाभाविक परिणाम है। ठीक इसका उल्टा प्रभाव एवं परिणाम उस क्षेत्र की जनसंख्या में जन्मदर एवं वृद्धि दर पर पड़ता है जहाँ पर अधिक युवा प्रवासी आकर बस जाते हैं।

18. भू - निम्नीकरण को कम करने के उपाय सुझाइए ।

उत्तर : कृषि भूमि की गुणवत्ता में गिरावट को भूमि क्षरण या भू-निम्नीकरण कहा जाता है। भूमि निम्नीकरण से भूमि की उत्पादक क्षमता में अस्थायी या स्थायी गिरावट आती है।

भूमि संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से भूमि का क्षरण होता है। भूमि के संरक्षण और प्रबंधन के लिए उचित उपाय किए बिना लंबे समय तक भूमि के निरंतर उपयोग के परिणामस्वरूप भूमि का क्षरण होता है।

मिट्टी का कटाव, जलभराव, लवणीकरण, क्षारीयता और लंबे समय तक एक ही फसल उगाना भू-निम्नीकरण के मुख्य कारण है। भूमि क्षरण को कम न करने से अच्छी भूमि को बंजर भूमि में परिवर्तित हो जाती है।

भूमि निम्नीकरण को कम करने के उपाय निम्नलिखित हैं:

1. कुछ मानवीय गतिविधियाँ जैसे वनों की कटाई, अत्यधिक चराई, खनन और उत्खनन गतिविधियाँ भू-निम्नीकरण के लिए ज़्यदातर उत्तरदायी हैं ; इन गतिविधियों की पहचान कर और उसपे नियंत्रण करने से भू-निम्नीकरण कम होगा।

2. वनरोपण और आश्रय पेटियों का रोपण, और रेत के टीलों को स्थिर करने से भूमि निम्नीकरण में कमी आएगी।

3. बारानी क्षेत्रों में गहन सिंचाई पद्धतियों से भूमि में  जलभराव होता हैं  जिससे मृदा में लवणता बढ़ जाती है जो भू-निम्नीकरण का कारण होती हैं। पंजाब और हरियाणा में सघन सिंचाई और जलभराव के कारण भूमि का क्षरण हो रहा है। इन क्षेत्रो में ड्रिप तथा स्प्रिंकल सिंचाई की पद्तियो की जरुरत है तथा कम जल में उगने वाली फसलों को उगाने से भू-निम्नीकरण की समस्या को कम किया जा सकता हैं।

4. कुछ खनिज प्रसंस्करण उद्योगों जैसे चूना पत्थर की पिसाई, सीमेंट उद्योग और ताप विद्युत संयंत्रों से भारी धूल उत्पन्न उत्पन्न होता है जो भूमि को खराब कर देती है। धूल उत्सर्जन को कम करने के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करने से भूमि का क्षरण कम होगा।

5. औद्योगिक कचरे के उचित निपटान और जल प्रदूषण को कम करने से भूमि का क्षरण कम होगा।

6. वाटरशेड प्रबंधन भूमि, पानी और वनस्पति की गुणवत्ता में सुधार करता है और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में वाटरशेड प्रबंधन ने भूमि की गुणवत्ता में सुधार किया है।

7. चारागाह और बंजर भूमि पर चारा घास लगाना से भू-निम्नीकरण कम होगा ।

8. कई वर्षो से खेत में एक ही प्रकार की फसल उगाने से भूमि में चयनित पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जो भू-निम्नीकरण का कारण बनती है इससे बचना चाहिए।

9. रेतीली मिट्टी में कंटीली झाड़ियाँ उगाने से मरुस्थलीकरण से भूमि के क्षरण होने से बचाया जा सकता है।

10. उर्वरक और रासायनिक कीटनाशकों के बजाय वनस्पति व् जैविक खाद और जैव-कीटनाशकों का उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरता समृद्ध होगी तथा भू-निम्नीकरण नहीं होगा।

19. प्रदत्त भारत के मानचित्र में भारत के नगरों को दिखाइए ।

(क) पोरबंदर

(ख) दुर्गापुर

(ग) भद्रावती

(घ) तलचर

(ड़) डिंगबोइ

12th Geography SET -3 Koderma PROJECT RAIL 2.0 MODEL QUESTION PAPER-2023


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