PROJECT RAIL 2.0
MODEL QUESTION PAPER-2023
मॉडल प्रश्न पत्र - 2
(वस्तुनिष्ठ)
विषय:- हिन्दी (ऐच्छिक)
कक्षा -XII पूर्णाक - 40
सामान्य निर्देश :
(i) प्रश्नों की संख्या 40 है।
(ii) सभी प्रश्नों के उत्तर अनिवार्य है।
(iii) प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित है।
(iv) प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिए गए हैं।
(v) इनमें से सही विकल्प का चयन कीजिए ।
(vi) गलत उत्तर के लिए कोई अंक नहीं काटे जाएँगे।
खण्ड "क" (अपठित बोध)
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या 1 से 4 के लिए
सही विकल्प का चयन कीजिए ।
"सभी
धर्म हमें एक ही ईश्वर तक पहुँचाने के साधन हैं। अलग राह अलग रास्तों पर चलकर भी हम
एक ही स्थान पर पहुँचते हैं।- इसमें किसी को दुखी नहीं होना चाहिए। हमें सभी धर्मों
के प्रति समान भाव रखना चाहिए। दूसरे धर्मों के प्रति समभाव रखने से धर्म का व्यापक
बनता है। हमारी धर्म के प्रति अंधता मिटती है। इससे हमारा प्रेम अधिक ज्ञानमय और पवित्र
बनता है। यह बात लगभग असंभव है कि इस पृथ्वी पर कभी भी एक धर्म रहा होगा या हो सकेगा।
यही कारण है कि लेखक विविध धर्मों में ऐसे तत्व को खोजने का प्रयास करता है जो विभिन्न
धर्मों के अनुयायियों के मध्य सहनशीलताकी भावना को विकसित कर सके।
1. धर्म किस तक पहुँचने का साधन है ?
(A)
मोक्ष
(B)
स्वर्ग
(C) ईश्वर
(D)
सत्य
2. धर्म के प्रति अंधता कैसे मिटती है ?
(A)
धर्म के ज्ञान से
(B) सभी धर्मों के प्रति समान भाव से
(C)
ईश्वर के प्रति एकनिष्ठता से
(D)
धर्म के मूल्यांकन से
3. धर्म का क्षेत्र कैसे व्यापक बनता है ?
(A)
अपने धर्म के प्रति कट्टर भाव रखने से
(B)
एक ही धर्म की बात करने से
(C) दूसरे धर्मों के प्रति भी समभाव रखने से
(D)
ये सभी करता है ?
4. लेखक विविध धर्मो के बीच कैसे तत्व की खोज करने का प्रयास
(A)
जो अपने धर्म के प्रति कट्टरता का भाव पैदा करता हो
(B)
जो दूसरों को दुखी करता हो
(C)
जो धर्म के प्रति हमारी सोच कुंठित करता हो
(D) जो सभी में सहनशीलता की भावना विकसित करता हो
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या 05 से 08 तक के
लिए सही विकल्प का चयन कीजिए
खोल
सीना, बाँधकर मुट्ठी कड़ी
मैं
खड़ा ललकारता हूँ। ओं नियत
तू
सुन रहीं है? मैं खड़ा तुझको स्वयं ललकारता हूँ।
हाँ,
वही मैं जो कि कल तक कह रहा था।
तुम्हीं
हो सर्वस्व मेरी और यह जीवन
तुम्हारी
कृपा करुणा का भिखारी
दान
दो संजीवनी का, या दो मृत्यु का, स्वीकार है।
विनत
शिर, स्वर मंद, कंपित ओष्ठ!
5. प्रस्तुत काव्यांश में कौन किसे ललकार रहा है?
(A)
जनता सरकार को
(B)
कवि सरकार को
(C) कवि अपनी नियति को
(D)
कोई किसी को नही
6. कृपा करुणा का में किस अलंकार का प्रयोग है?
(A)
यमक अलंकार
(B) अनुप्रास अलंकार
(C)
श्लेष अलंकार
(D)
उत्प्रेक्षा अलंकार
7. पहले यानि कल तक कवि था
(A) भाग्यवादी
(B)
कर्मवादी
(C)
मानवतावादी
(D)
सुविधावादी
8. आज कवि हैं.
(A)
आत्मविश्वास रहित
(B)
वस्तुस्थितिवादी
(C)
पलायनवादी
(D) आत्मविश्वास से परिपूर्ण
खण्ड "ख" (रचनात्मक लेखन तथा अभिव्यक्ति और माध्यम )
9. भारत में पहली मूक फिल्म बनाने का श्रेय किसे दिया जाता है?
(A)
शांताराम
(B)
पृथ्वीराज कपूर
(C) दादा साहेब फाल्के
(D)
सत्यजीत राय
10. निम्न में से किसे समाचार पत्र की आवाज माना जाता है?
(A)
फ़ीचर
(B)
आलेख
(C)
संपादन
(D) संपादकीय
11. संचार प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को कहा जाता है?
(A)
फीड बैंक
(B)
स्रोत या संचारक
(C) माध्यम (चैनल)
(D)
शोर (नॉयज)
12. भारत में सर्वप्रथम समाचार पत्र की शुरुआत हुई ?
(A)
29 जनवरी 1780 ई में
(B)
29 दिसम्बर 1825 ई मे
(C)
20 दिसम्बर 1782 ई मे
(D) 30 मई 1826 ई0 में
13. ऑल इंडिया रेडियो की विधिवत स्थापना कब हुई थी?
(A)
1935 ई० में
(B) 1936 ई० में
(C)
1921 ई0 में
(D)
1925 ई० में
14. जनसंचार के माध्यमों में सबसे पुराना माध्यम कौन सा है?
(A)
इंटरनेट
(B) प्रिंट
(C)
टेलीविजन
(D)
रेडियो
15. संचार शब्द की उत्पत्ति 'चर' धातु से हुई है, 'जिसका अर्थ है-
(A)
सुनना
(B) चलना
(C)
देखना
(D)
इनमें से कोई नहीं
16. कविता किस विधा के अन्तर्गत आती है?
(A)
गद्य विद्या
(B) पद्य विद्या
(C)
कथा लेखन
(D)
इनमें से कोई नही
17. फिल्म जनसंचार के किस माध्यम के अंतर्गत आती है?
(A)
श्रव्य माध्यम
(B)
दृश्य माध्यम
(C) दृश्य श्रव्य माध्यम
(D)
मुद्रित माध्यम
18. मुद्रण की शुरूआत किस देश से हुई?
(A)
जापान
(B) चीन
(C)
भारत
(D)
इंग्लैण्ड
खण्ड "ग" (पाठ्यपुस्तक)
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या 19 से 22 तक के
लिए सही विकल्प का चयन कीजिए।
नत
नयनों से आलोक
काँपा
अधरों पर थर-थर
देखा
मैंने, वह मूर्ति धीति
मेरे
वसंत की प्रथम गीति
19. प्रस्तुत कांव्याश के कवि हैं-
(A)
जयशंकर प्रसाद
(B)
तुलसीदास
(C)
रघुवीर सहाय
(D) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
20. उपरोक्त पद्यांश किस भाषा में है?
(A)
ब्रज भाषा
(B)
अवधी
(C) खड़ी बोली
(D)
उर्दू
21. काँपा अधरों थर-थर- में कौन सा अलंकार है ?
(A)
उपमा अलंकार में
(B)
यमक अलंकार
(C) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार
(D)
श्लेष अलंकार
22. प्रस्तुत पंक्तियाँ किस कविता से ली गई है?
(A)
गीत गाने दो मुझे
(B)
बनारस
(C)
यह दीप अकेला
(D) सरोज स्मृति
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प का चयन कीजिए-
23. कार्नेलिया कौन थी?
(A) सेल्यूकस की बेटी
(B)
सेल्यूकस की माँ
(C)
सेल्यूकस की बहन
(D)
इनमें से कोई नहीं
24. "सरोज स्मृति" शीर्षक कविता में 'सरोज' कौन है ?
(A निराला की पुत्री
(B)
निराला का पुत्र
(C)
निराला की पत्नी
(D)
इनमें से कोई नहीं
25. "तोड़ो" किस प्रकार की कविता है?
(A) उदबोधन परक
(B)
शोकगीत
(C)
चंपू काव्य
(D)
बाल मनोविज्ञान से संबंधित
26. सत्य को प्राप्त करने के लिए हमें किसकी आवश्यकता पड़ती है?
(A)
व्यक्तिगत स्वार्थ
(B) दृढ संकल्प
(C)
अज्ञातवास
(D)
इनमें से कोई नहीं
27. विनयपत्रिका के रचयिता कौन हैं?
(A)
रघुवीर सहाय
(B)
विद्यापति
(C) तुलसीदास
(D)
धनानंद
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या 28 से 31 तक के
लिए सही विकल्प का चयन कीजिए ।
"अरे
मैं उन दिनों कितना काम कर लेता था। कभी थकता ही नहीं था" । हमसे थोड़ा ही पीछे,
महादेव देसाई मोटासा लट्ठ उठाए- चले आ रहे थे। कोहार और रावलपिंडी का नाम सुनते ही
आगे बढ़ आए और उस दौरे से जुड़ी अपनी यादें सुनाने लगे। एक बार जो सुनाना शुरू किया
तो आश्रम के फाटक तक सुनाते चले गए।
28. प्रस्तुत पंक्तियाँ किस पाठ से ली गई है?
(A)
प्रेमधन की छाया स्मृति
(B) गांधी, नेहरू और यास्सैर अराफात
(C)
संवदिया
(D)
सुमिरिनी के मनके
29. अरे, मैं उन दिनो कितना काम कर लेता था, यह कथन किसका है?
(A) महादेव देसाई
(B)
जवाहरलाल नेहरू
(C)
थास्सर अराफात
(D)
धीमहात्मा गाँ
30. महादेव देसाई कौन थे ?
(A) गांधी जी के निजी सचिव
(B)
गाँधी जी के रसोइया
(C)
गाँधी जी के पड़ोसी
(D)
इनमें से कोई नहीं
31. महादेव देसाई कहाँ से जुड़ी अपनी यादें सुनाने लगे ?
(A)
कोहाट
(B) रावल पिंडी
(C)
Aएवं B
(D)
इनमें से कोई नहीं
निम्न लिखित प्रश्नों के सही विकल्प का चयन कीजिए
32. मैला आँचल नामक उल्लेखनीय उपन्यास कौन लिखे हैं?
(A)
भीष्म साहनी
(B)
राम विलास शर्मा
(C)
हजारी प्रसाद द्विवेदी
(D) फणीश्वर नाथ 'रेणु'
33. आपकी पाठ्य पुस्तक में कौन सा पाठ आत्मकथा 'आज के अतीत' का अंश
है?
(A)
जहाँ कोई वापसी नहीं
(B)
कुटज
(C) गाँधी, नेहरू और यास्सर अराफात
(D)
संवदिया
34. जो एक जगह टिक कर नहीं रहते उसके लिए उचित शब्द का चयन करें।
(A) यायावार
(B)
कुमक्कड़
(C)
खाना बदोश
(D)
इनमें से सभी
35. 'समिधा' के लिए दिए गए विकल्पों में उचित विकल्प चयन करें।
(A)
हवन सामग्री
(B) लकड़ी
(C)
समाधि
(D)
सामासिक व्यंजन
36. आटे की भाँति राख को कौन बटोर रहा था?
(A)
भैरों
(B) सूरदास
(C)
सुभागी
(D)
बजरंगी
37 प्रभाष जोशी जी के द्वारा लिखा गया कौन सा 'पाठ आपके पुस्तक में
है?
(A)
बिस्कोहर की माटी
(B)
सूरदास की झोपड़ी
(C) अपना मालवा खाऊ उजाडू सभ्यता
(D)
आरोहण
38. आत्मकथा नंगातलाई का गाँव' किनके द्वारा लिखी गई है?
(A)
संजीव
(B) विश्वनाथ त्रिपाठी
(C)
प्रभाष जोशी
(D)
इनमें से कोई नहीं
39. सुभागी भैरों से डरकर रात भर कहाँ छिपकर बैठी थी?
(A
जगधर की झोपड़ी में
(B)
सुरदास की झोपड़ी में
(C) अमरूद के बाग में
(D)
इनमें से कोई नहीं
40. भूप सिंह किस कहानी पाठ का एक पात्र है?
(A)
बिस्कोहर की माटी
(B)
सूरदास की झोपडी
(C)
अलगोंझा
(D) आरोहण
मॉडल प्रश्न पत्र
विषय:- हिन्दी (ऐच्छिक)
(विषयनिष्ठ)
कक्षा -XII पूर्णाक - 40,
खण्ड "क" (अपठित बोध)
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
2+2+2=6
देश
की सर्वागीण उन्नति एवं विकास के लिए देशवासियों में स्वदेश प्रेम का होना परमावश्यक
है। जिस देश के नागरिकों में देशहित एवं राष्ट्र कल्याण की भावना रहती है, वह देश उन्नतिशील
होता है। देशप्रेम के मूलभाव से मण्डित व्यक्ति देशवासियों की हित साधना में, देशोद्धार
में तथा राष्ट्रीय प्रगति में अपना जीवन तक न्यौछावर कर देता है। हम अपने देश के इतिहास
पर दृष्टिपात करें तो ऐसे देशभक्तों की लम्बी परम्परा मिलती है, जिन्होंने अपना सर्वस्व
समर्पण करके स्वदेश-प्रेम का अद्भुत परिचय दिया है। महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी, सरदार
भगत सिंह, महारानी लक्ष्मीबाई, लोकमान्य तिलक, महात्मा गाँधी आदि सहस्त्रों देशभक्तों
के नाम इस दृष्टि से लिए जाते हैं। हमें अपने देश के इतिहास से देशप्रेम की एक गौरवपूर्ण
परम्परा मिलती है और इससे हम देश हितार्थ सर्वस्व न्यौछावर करने की प्रेरणा प्राप्त
करते हैं।
(क) लेखक के अनुसार कौन-सा देश उन्नतिशील होता है?
उत्तर
: लेखक के अनुसार जिस देश के नागरिकों में देशहित एवं राष्ट्रकल्याण की भावना रहती
है, वह देश उन्नतिशील होता है।
(ख) उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखें |
उत्तर
: स्वदेश-प्रेम।
(ग) "स्वदेश' शब्द में मूल शब्द व उपसर्ग बताइए ।
उत्तर
: मूल शब्द-देश। उपसर्ग-स्व।
खण्ड "ख" ( रचनात्मक लेखन तथा अभिव्यक्ति और माध्यम)
2. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए 5+5=10
(क) पर्यावरण और हम' विषय पर निबंध लिखिए ।
उत्तर
:
प्रस्तावना
: पर्यावरण, एक प्राकृतिक परिवेश है, जिससे हम चारों तरफ से घिरे हुए हैं और जो पृथ्वी
पर मौजूद मनुष्य, जीव-जन्तु, पशु-पक्षी, प्राकृतिक वनस्पतियां को जीवन जीने में मद्द
करता है। स्वच्छ पर्यावरण में ही स्वस्थ व्यक्ति
का विकास संभव है, अर्थात पर्यावरण का दैनिक जीवन से सीधा संबंध है।
हमारे
शरीर के द्धारा की जाने वाली हर प्रतिक्रिया पर्यावरण से संबंधित है, पर्यावरण की वजह
से हम सांस ले पाते हैं और शुद्ध जल -भोजन आदि ग्रहण कर पाते हैं, इसलिए हर किसी को
पर्यावरण के महत्व को समझना चाहिए।
पर्यावरण
का अर्थ : पर्यावरण शब्द मुख्य रुप से दो शब्दों से मिलकर बना है,
परि+आवरण। परि का अर्थ है चारो ओर और आवरण का मतलब है ढका हुआ अर्थात जो हमे चारों
ओर से घेरे हुए है। ऐसा वातावरण जिससे हम चारों
तरफ से घिरे हुए हैं, पर्यावरण कहलाता है।
पर्यावरण
का महत्व : पर्यावरण से ही हम है, हर किसी के जीवन के लिए पर्यावरण
का बहुत महत्व है, क्योंकि पृथ्वी पर जीवन, पर्यावरण से ही संभव है। समस्त मनुष्य,
जीव-जंतु, प्राकृतिक वनस्पतियां, पेड़-पौड़े, मौसम, जलवायु सब पर्यावरण के अंतर्गत
ही निहित हैं। पर्यावरण न सिर्फ जलवायु में संतुलन बनाए रखने का काम करता है और जीवन
के लिए आवश्यक सभी वस्तुएं उपलब्ध करवाता है।
वहीं
आज जहां विज्ञान से तकनीकी और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिला है और दुनिया में खूब विकास
हुआ है, तो दूसरी तरफ यह बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के लिए भी जिम्मेदार हैं। आधुनिकीकरण,
औद्योगीकरण और बढ़ती टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पर्यावरण पर गलत प्रभाव पड़ा रहा है।
मनुष्य
अपने स्वार्थ के चलते पेड़-पौधे की कटाई कर रहा है एवं प्राकृतिक संसाधनों से खिलवाड़
कर रहा है, जिसके चलते पर्यावरण को काफी क्षति पहुंच रही है। यही नहीं कुछ मानव निर्मित
कारणों की वजह से वायुमंडल, जलमंडल आदि प्रभावित हो रहे हैं धरती का तापमान बढ़ रहा
है और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या उत्पन्न हो रही है, जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य के
लिए काफी खतरनाक है।
इसलिए
पर्यावरण के महत्व को समझते हुए हम सभी को अपने पर्यावरण को बचाने में सहयोग करना चाहिए।
पर्यावरण
और जीवन
: पर्यावरण और मनुष्य एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं, अर्थात पर्यावरण पर ही मनुष्य पूरी
तरह से निर्भऱ है, पर्यावरण के बिना मनुष्य, अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है,
भले ही आज विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली हो, लेकिन प्रकृति ने जो हमे उपलब्ध करवाया
है, उसकी कोई तुलना नहीं है।
इसलिए
भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए मनुष्य को प्रकृति का दोहन करने से बचना चाहिए।वायु,
जल, अग्नि, आकाश, थल ऐसे पांच तत्व हैं, जिस पर मानव जीवन टिका हुआ है और यह सब हमें
पर्यावरण से ही प्राप्त होते हैं।
पर्यावरण
न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य का एक मां की तरह ख्याल रखता है,बल्कि हमें मानसिक रुप से
सुख-शांति भी उपलब्ध करवाता है।
पर्यावरण,
मानव जीवन का अभिन्न अंग है, अर्थात पर्यावरण से ही हम हैं। इसलिए हमें पर्यावरण की
रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।
उपसंहार
:
पर्यावरण के प्रति हम सभी को जागरूक होने की
जरुरत हैं। पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई
पर सरकार द्धारा सख्त कानून बनाए जाना चाहिए। इसके साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखना
हम सभी को अपना कर्तव्य समझना चाहिए, क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण में रहकर ही स्वस्थ मनुष्य
का निर्माण हो सकता है और उसका विकास हो सकता है।
(ख) अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को खेल सम्बन्धी कठिनाइयों से परिचित
करते हुए एक पत्र लिखें।
उत्तर
:
सेवा
में,
प्रधानाचार्य महोदय,
+2 उ०वि०गोपीकान्दर,दुमका
विषय–
विद्यालय में खेल सम्बन्धी कठिनाइयों के संबंध में।
मान्यवर
महोदय,
सविनय
निवेदन है कि हमारा विद्यालय दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों में गिना जाता है। शिक्षा
के क्षेत्र में प्रसिद्ध होते हुए भी खेलों में हमारे विद्यालय की गिनती अच्छे विद्यालयों
में नहीं की जाती। मैं विद्यालय का खेल-कूद कप्तान होने के फलस्वरूप आपका ध्यान इस
ओर आकर्षित करना चाहता हूँ।
हमारे
विद्यालय का क्रीडा क्षेत्र समतल नहीं है। वहीं गन्दगी रहती है। विद्यालय में खेल कूद
का सामान भी कम है। विद्यालय का समय समाप्त होने के बाद छात्रों को खेल-कट में भाग
लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए तथा विभिन्न खेलों को प्रशिक्षक को प्रशिक्षण
देना चाहिए। यदि आपकी ओर से विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया गया, तो मझे विश्वास
है कि विद्यार्थी खेल-कूद में भाग लेंगे और हमारे विद्यालय का नाम अवश्य रोशन होगा।
धन्यवाद
।
आपका
आज्ञाकारी
दीपक
कुमार
(क्रीडा-कप्तान)
दिनांक:
12 मार्च, 2023
(ग) एक अच्छी रिपोर्ट की विशेषताएँ लिखें
उत्तर
: रिपोर्ट अपने आप में एक ऐसा दस्तावेज़ है जिसका महत्त्व मात्र समसामयिक नहीं होता
अपितु संबंधित क्षेत्र में सुदूर भविष्य तक भी इसकी उपयोगिता रहती है। रिपोर्ट की विशेषताओं
का विवेचन नीचे किया जा रहा है –
1.
कार्य योजना-रिपोर्टर को पहले पूरी योजना बनानी चाहिए। विषय
का अध्ययन करके उसके उद्देश्य को समझना चाहिए। इसकी प्रारंभिक रूपरेखा बनाने से रिपोर्ट
लिखने में सहायता मिलती है।
2.
तथ्यात्मकता-रिपोर्ट तथ्यों का संकलन होता है। इसलिए सबसे
पहले विषय से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी लेनी पड़ती है। इसके लिए पुराने
रिपोर्टों, फाइलों, नियम-पुस्तकों, प्रपत्रों के द्वारा आवश्यक सूचनाएँ इकट्ठी की जाती
हैं। सर्वेक्षण तथा साक्षात्कार द्वारा आँकड़ों और तथ्यों को प्राप्त किया जाता है।
इन तथ्यों को रिकार्ड किया जाए और आवश्यकता पड़े तो इनके फोटो भी लिए जा सकते हैं।
3.
प्रामाणिकता-तथ्यों का प्रामाणिक होना अत्यंत आवश्यक है।
किसी विषय, घटना अथवा शिकायत आदि के बारे में जो तथ्य जुटाए जाएँ, उनकी प्रामाणिकता
से रिपोर्ट की सार्थकता बढ़ जाती है।
4.
निष्पक्षता-रिपोर्ट एक प्रकार से वैधानिक अथवा कानूनी दस्तावेज़ बन
जाती है। इसलिए रिपोर्टर का निर्णय विवेकपूर्ण होना अत्यंत आवश्यक है। रिपोर्ट लिखते
समय या प्रस्तुत करते समय रिपोर्टर प्रत्येक तथ्य, वस्तुस्थिति, पक्ष-विपक्ष, मत-विमत
का निष्पक्ष भाव से अध्ययन करे और फिर उसके निष्कर्ष निकाले। इस प्रकार प्रत्येक स्थिति
में उसका यह नैतिक दायित्व हो जाता है कि वह नीर-क्षीर विवेक का परिचय दे। इससे रिपोर्ट
उपयोगी होगा और मार्गदर्शक भी सिद्ध होगा।
5.
विषय-निष्ठता-रिपोर्ट का संबंधित प्रकरण पर ही केंद्रित होना
अपेक्षित है। यदि किसी विषय-विशेष पर रिपोर्ट लिखा जाना है तो उससे संबंधित तथ्यों,
कारणों और सामग्री आदि तक ही सीमित रखना चाहिए। इसमें प्रकरण को एक सूत्र की तरह प्राप्त
तथ्यों में पिरोया जाए, जिससे प्रकरण अपने-आप में स्पष्ट होगा।
6.
निर्णयात्मकता-रिपोर्ट मात्र विवरण नहीं होती। इसलिए रिपोर्टर
को संबंधित विषय का विशेष जानकार होना आवश्यक है। यदि वह विशेषज्ञ होगा तो साक्ष्यों
और तथ्यों का सही या गलत अनुमान लगा पाएगा तथा उनका विश्लेषण करने में समर्थ होगा।
साथ ही वह प्राप्त तथ्यों, साक्ष्यों और तर्कों का सम्यक परीक्षण कर पाएगा और अपने
सुझाव तथा निर्णय भी दे पाएगा।
7.
संक्षिप्तता और स्पष्टता-रिपोर्ट लिखते समय यह ध्यान रखा जाए कि
उसमें अनावश्यक विस्तार न हो। प्रत्येक तथ्य या साक्ष्य का संक्षिप्त और सुस्पष्ट विवरण
दिया जाए। यदि रिपोर्ट काफी लंबा हो गया हो तो उसका सार दिया जाए जिससे प्राप्त तथ्यों
और सुक्षावों पर ध्यान तुरंत आकृष्ट हो सके। लेकिन अस्पष्ट सूचना या विवरण से उद्देश्य
पूरा नहीं हो पाता। अत: रिपोर्ट संक्षिप्त होते हुए भी अपने आप में स्पष्ट और पूर्ण
होनी चाहिए।
खण्ड "ग" (पाठ्यपुस्तक)
3. निम्नलिखित में से किसी एक काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिये । 5
(क) यह दीप अकेला स्नेह भरा है गर्व ।
भरा मदमातापर इसको भी पंक्ति को दे दो ॥
उत्तर
:
प्रसंग
-
प्रस्तुत पद्यांश अज्ञेय विरचित कविता ' यह दीप अकेला ' से लिया गया है जो उनके काव्य
- संग्रह ' बावरा अहेरी ' से उद्धृत है । कविवर अज्ञेय को व्यक्तिवादी , प्रयोगवादी
कवि माना जाता है । प्रस्तुत कविता में अज्ञेय व्यक्तिवाद की अपेक्षा समूहवाद को समर्थन
देते हुए कहते हैं कि -
व्याख्या
- यह दीपक एकदम अकेला है , तेल से भरा है , अभिमानी है और यौवन की मस्ती से भरा हुआ
जल रहा है , यह अपने आप में पूर्ण एवं संपन्न है परन्तु फिर भी इसकी सार्थकता पंक्ति
में रखने पर ही बनेगी इसलिए इसे भी दीयों की पंक्ति में रख दो । यह दीपक यदि एक गीतकार
है तो अद्वितीय गीतकार है । इस जैसे गीत , कोई दूसरा नहीं गा सकता । यह यदि गोताखोर
है तो अद्भुत गोताखोर है । यह जैसे मोती समुद्र के नीचे से निकाल कर लाता है , कोई
दूसरा नहीं ला सकता । यह बड़ा भाग्यशाली गोताखोर है जिसे सर्वश्रेष्ठ मोती अनायास ही
मिल जाते हैं ।
विशेष-
1.
दीपक यहां कवि के व्यक्तित्व का सूचक है । कवि को लगता है कि वह स्नेह भरे दीपक की
तरह प्रकाश देता है , वह अलौकिक गीत गाता है और सच्चे मोती खोज कर ला सकता है परन्तु
फिर भी उसके जीवन की सार्थकता पंक्ति का अर्थात् समाज का हिस्सा बनने में है ।
2.
दीपक व्यक्ति का और पंक्ति समाज की प्रतीक है ।
3.
पद्यांश की भाषा तत्सम शब्दावली प्रधान है ।
4.
' स्व ' का विसर्जन करके ही समाज का अंग बना जाता है ।
5.
कवि का अन्य गौरव इन पंक्तियों में झलकता है ।
(ख) यह तन जारौं छार कै, कहौं कि पवन उड़ाउ।
मकु तेहि मारग होई परौं, कंत धरैं जहँ पाउ।।
उत्तर
: बारहमासा-जायसी द्वारा रचित महाकाव्य पद्मावत के 'नागमती वियोग खण्ड' में राजा रत्नसेन
की रानी नागमती. की विरह-वेदना का चित्रण 'बारहमासा' के अन्तर्गत किया गया है।
विरहिणी
नागमती अपनी आकांक्षा व्यक्त करती हुई कहती है कि मैं अपने शरीर को जलाकर राख कर दूँ
और फिर पवन से प्रार्थना करूँ कि तुम इस राख को उड़ाकर उस मार्ग पर बिखेर दो जहाँ मेरा
प्रियतम पैर रखेगा अर्थात् विरहिणी नागमती मरने के बाद भी प्रिय के मिलन की आकांक्षिणी
है।
प्रस्तुत
पंक्तियों की रचना दोहा छन्द में हई है। इनमें अवधी भाषा का प्रयोग है। वियोग अंगार
रस की मार्मिक विवेचना है। नागमती की प्रिय-मिलन की उत्कट आकांक्षा का चित्रण है। अनुप्रास
अलंकार का विधान भी इस दोहे में है।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए 3+3=6 (क)
क) बनारस में वसंत का आगमन कैसे होता है और उसका क्या प्रभाव इस शहर
पर पड़ता है?
उत्तर
: कवि के अनुसार अचानक बनारस में वसंत का आगमन होता है। मुहल्लों के हर स्थानों पर
धूल का बवंडर बनने लगता है। इस कारण चारों ओर धूल छा जाती है और लोगों के मुँह में
धूल के होने से किरकिराहट उत्पन्न होने लगती है। प्राय: वसंत में फूलों की बहार छा
जाती है, सुंगध सारे वातावरण में व्याप्त हो जाती है।
(ख) हाथ फैलाने वाले व्यक्ति को कवि ने ईमानदार क्यों कहा है? स्पष्ट
कीजिए।
उत्तर
: हाथ फैलाने वाला व्यक्ति स्वयं को भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं करता। इस कारण उसकी
ऐसी दशा हो जाती है कि उसे दूसरों के आगे हाथ फैलाने पड़ते हैं। उसका परिवार दर-दर
की ठोकरें खाने को विवश हो जाता है। यदि वह अन्य लोगों की भांति भ्रष्टाचार में लिप्त
हो जाता, तो उसकी चाँदी हो जाती। उसके पास दुनिया की हर सुख-सुविधा विद्यमान होती।
परन्तु वह स्वयं को इन सबसे दूर रखता है। वह गरीबी का जीवन तथा दूसरे के आगे हाथ फैलाना
उचित समझता है लेकिन बेईमानी की एक दिन की रोटी कमाना उचित नहीं समझता। इसलिए कवि ने
उसे ईमानदार कहा है। उसकी दशा उसकी ईमानदारी का प्रमाण है।
5. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए । 3+3=6
(क) लेखक का हिंदी साहित्य के प्रति झुकाव किस तरह बढ़ता गया ?
उत्तर
: लेखक के पिता फ़ारसी के ज्ञाता थे तथा हिंदी प्रेमी भी थे। उनके घर में भारतेन्दु
रचित हिन्दी नाटकों का वाचन हुआ करता था। रामचरितमानस तथा रामचंद्रिका का भी सुंदर
वाचन होता था। पिता द्वारा लेखक को बचपन से ही साहित्य से परिचय करवा दिया गया था।
भारतेन्दु लिखित नाटक लेखक को आकर्षित करते थे। अतः इस आधार पर कहा जा सकता है कि पिताजी
ने ही उनके अंदर हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम के बीज बोए थे। इस तरह हिंदी साहित्य
की ओर झुकाव होना स्वाभाविक था। आगे चलकर पंडित केदारनाथ जी ने इसमें मील के पत्थर
का कार्य किया। लेखक जिस पुस्तकालय में हिंदी की पुस्तकें पढ़ने जाया करते थे, उसी
के संस्थापक केदारनाथ जी थे। वे लेखक को प्रायः पुस्तक ले जाते हुए देखते थे। बच्चे
के अंदर हिंदी पुस्तकों और लेखकों के प्रति आदरभाव देखकर वह बहुत प्रभावित हुए। उन्हीं
के कारण सौलह वर्ष की अवस्था में लेखक को हिंदी प्रेमियों की मंडली से परिचय हुआ। इस
मंडली के सभी लोग हिंदी जगत में महत्वपूर्ण स्थान रखते थे, जिनमें काशी प्रसाद जायसवाल,
भगवानदास हालना, पंडित बदरीनाथ गौड़, पंडित उमाशंकर द्विवेदी इत्यादि थे। इन सबके रहते
हुए लेखक का साहित्य के प्रति झुकाव और तेज़ी से बढ़ने लगा।
(ख) बालक द्वारा इनाम में लड्डु माँगने पर लेखक ने सुख की साँस क्यों
भरी ?
उत्तर
: लेखक का जब बालक से परिचय हुआ, तो उसे वह सामान्य बच्चों जैसा ही लगा। परन्तु उसका
अपनी उम्र से अधिक गंभीर विषयों पर उत्तर देना, लेखक को दुखी कर गया। वह समझ गया कि
पिता द्वारा उसकी योग्यता को इतना अधिक उभारा गया है कि इसमें बालक का बालपन तथा बालमन
दम तोड़ चुका है। पिता ने उसे उम्र से अधिक विद्वान बनाने का प्रयास किया है, जिसमें
एक बालक पिसकर रह गया है। एक बालक के विकास के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है। परन्तु वह
खेलकूद और जीवन के छोटे-छोटे सुखों को छोड़कर उसी में घुल जाए, तो ऐसी स्थिति बच्चे
और समाज के लिए सुखकारी नहीं है। इस तरह हम उसका बचपन समाप्त कर रहे हैं। लेखक के अनुसार
पिता तथा उनके साथ बैठे लोग इस प्रयास में सफल भी हो गए थे। जब इनाम में बच्चे ने लड्डू
माँगा, तो लेखक ने सुख की साँस भरी। एक बालक के लिए यही स्वाभाविक बात थी। उसे यही
माँगना चाहिए था और उसने माँगा भी। उसे विश्वास हो गया कि पिता तथा अन्य लोग अपने इस
प्रयास में सफल नहीं हो पाए हैं। अब भी बालक के अंदर विद्यमान उसका बचपन जिंदा है।
वह अब भी अपनी उम्र से आगे नहीं निकला है। यह स्थिति लेखक के लिए सुखदायी थी।
(ग) बड़ी बहुरिया का संवाद हरगोबिन क्यों नही सुना सका?
उत्तर
: बड़ी बहुरिया उस गाँव की लक्ष्मी थी। अपने गाँव की लक्ष्मी की दशा दूसरे गाँव में
जाकर सुनाना उसे अपमान लगा। उसे यह सोचकर बहुत शर्म आई की उसके गाँव की लक्ष्मी इतने
कष्ट झेल रही है और गाँव अब तक कुछ नहीं कर पाया। उनके रहते हुए उनके गाँव की लक्ष्मी
किसी और गाँव से सहायता माँगे, यह तो गाँववालों के लिए डूब मरने वाली बात है। अतः वह
बड़ी बहुरिया का संवाद सुना नहीं सका।
6. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दें। 2
(क) सूर्यकान्त त्रिपाठी निरालाजी के द्वारा रचित कोई दो काव्य कृतियों
के नाम लिखे ?
उत्तर
: निराला की प्रमुख काव्य कृतियाँ हैं- परिमल, गीतिका, अनामिका, तुलसीदास
(ख) पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी जी के द्वारा रचित किन्हीं दो कहानियों
के नाम लिखें ?
उत्तर
: पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी जी के द्वारा रचित दो कहानियां - सुखमय जीवन' और 'बुद्ध
का काँटा' ।
7. निन्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं एक प्रश्न का उत्तर दीजिए । 3
(क) 'हमारी आज की सभ्यता इन नदियों को अपने गंदे पानी के नाले बना रही
है। क्यों और कैसे ?
उत्तर
: आज के समय में मनुष्य तेज़ी से प्रगति कर रहा है परन्तु इस प्रगति ने बहुत नुकसान
भी किया है। प्रदूषण इस प्रगति का सबसे भयानक रूप है। प्रदूषण की मार से जल, थल और
आकाश पूरी तरह से ग्रसित हैं। पानी जीवन प्रदान करता है परन्तु मनुष्य ने इस अमूल्य
जल संसाधन को भी प्रदूषित कर दिया है। नदियाँ जो पानी का मुख्य स्रोत है, वे प्रदूषण
की चपेट में आ गई हैं। इनमें शहरों का गंदा पानी बहा दिया जाता है साथ कारखानों का
जहरीला पदार्थ भी इसमें डाल दिया जाता है। परिणाम इनका पानी पीने योग्य नहीं रहा है।
नदियाँ सदियों से मनुष्य के लिए पानी की आपूर्ति करती आ रही हैं। लेकिन आज इनका पानी
इतना जहरीला हो गया है कि इससे भयंकर बीमारी होने लगी हैं। यहां तक इसमें निवास करने
वाले जीव-जन्तुओं का जीवन भी प्रदूषण के कारण विलुप्ति की कगार पर है। सरकार तथा कई
सामाजिक संस्थाएँ समय-समय पर इसे बचाने के लिए प्रयास कर रही हैं। परन्तु उनके सभी
प्रयास असफल रहे हैं। यदि ऐसा ही रहा तो यह गंदे नाले में बदल जाएँगी। यमुना नदी तो
नाले में बदल ही चुकी है। हमें चाहिए कि इस ओर ध्यान दे और प्रदूषण से इनकी रक्षा करें।
(ख) महीप अपने विषय में बात पूछे जाने पर उसे टाल क्यों देता था?
उत्तर
: महीप जान गया था कि रूप सिंह रिश्ते में उसका चाचा है। रूप ने रास्ते में कई बार
भूपसिंह और शैला के बारे में बात की थी। वह कुछ-कुछ समझ गया था कि रूप सिंह कौन है?
वह उसे अपने विषय में बताना नहीं चाहता था और न ही अपने विषय में कोई बात करना चाहता
था। अतः जब भी रूप सिंह महीप से उसके विषय में कुछ पूछता था, तो वह बात को टाल देता
था। वह अपने माँ के साथ हुए अन्याय को बताना नहीं चाहता था। उसकी माँ ने अपने पति द्वारा
दूसरी स्त्री घर में लाने के कारण आत्महत्या कर ली थी। इससे वह दुखी था। उसने इसी कारण
अपना घर छोड़ दिया था।
8. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दें। 2
(क) भैरों ने सूरदास की झोपड़ी क्यों जलाई ?
उत्तर
: भैरों सूरदास से बहुत नाराज़ था। जब भैरों तथा उसकी पत्नी के बीच में लड़ाई हुई,
तो नाराज़ सुभागी सूरदास के घर रहने चली गई। भैरों को यह बात अच्छी नहीं लगी। सूरदास
हताश सुभागी को बेसहारा नहीं करना चाहता था। अतः वह उसे मना नहीं कर पाया और उसे अपने
घर में रहने दिया। भैरों के लिए यह बात असहनीय थी। भैरों को सूरदास का यह करना अपना
अपमान लगा। उसी दिन से उसने सूरदास से बदला
लेने की ठान ली। वह सूरदास को सबक सिखाना चाहता था। जिस घर के दम पर उसने सुभागी को
साथ रखा था, उसने उसी को जला दिया। इस तरह उसने सूरदास की झोपड़ी में आग लगा दी और
अपने अपमान का बदला ले लिया।
(ख) फूल केवल गंध ही नहीं देते दवा भी करते हैं, कैसे ?
उत्तर : लोगों का मानना है कि फूल अपने रंग तथा गंध के कारण पहचाने जाते हैं। लेखक इस बात को नकारता है। वह गंध की महत्व को स्वीकार करता है लेकिन वह यह भी कहता है कि फूल केवल गंध नहीं देते, वह दवा भी करते हैं। वह भरभंडा नामक फूल का वर्णन करता है। इस फूल से निकलने वाला दूध आँखे आने पर दवा का काम करता है। इसे आँख में निचोड़ देने से आँख की बीमारी सही हो जाती है। नीम के फूल चेचक के मरीज को ठीक कर सकते हैं। बेर के फूलों को सूँघने मात्र से ही बर्रे-ततैये का डंक अपने आप झड़ जाता है।